August 17, 2025
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शौर्यपथ

शौर्यपथ

 रायपुर / शौर्यपथ /  राज्य में मुद्दों के दिवालियों से जूझ रही भाजपा अपने राजनैतिक अस्तित्व को बचाने के लिये अपराधिक घटनाओं का महिमा मंडन करने की गंदी राजनीति कर रही है। प्रदेश कांग्रेस संचार विभाग अध्यक्ष सुशील आनंद शुक्ला ने कहा कि भाजपा के नेता अपराधिक घटनाओं की कमेंटरी करते हुये बयान जारी कर प्रदेश में अनावश्यक भ्रम का वातावरण बनाने की कोशिश में लगे है। भाजपा क द्वारा छिटपुट अपराधिक घटनाओं के आधार पर एक दिन में दो- दो बयान जारी किये जाते है। नेता प्रतिपक्ष नारायण चंदेल एक अपराधिक घटना पर बयान जारी करते उसी दिन भाजपा की प्रवक्ता किसी दूसरे घटना पर बयान जारी कर राजनीति करती है। यह बताता है कि भाजपा के पास में कांग्रेस सरकार के खिलाफ उठाने के लिये मुद्दे नही बचे है।

     प्रदेश कांग्रेस संचार विभाग अध्यक्ष सुशील आनंद शुक्ला ने कहा कि भाजपा यदि बयान देते समय भूल जाते है कि छत्तीसगढ़ में भाजपा के 15 सालों की अपेक्षा अपराधों पर प्रभावी अंकुश लगा हैै। राज्य में कांग्रेस की सरकार बनने के बाद ऐसी कोई अपराधिक घटना नही हुई है जिसमें अपराधी पकड़े गये न हुये हो। हर घटना का अपराधी सलाखो के पीछे भेजा गया है। भाजपा के राज में तत्कालीन भाजपा नेताओं के संरक्षण में जुआ, सट्टा, गिरोहबाजी होती थी, हुक्का बार के नाम पर युवाओं को नशा परोसा जाता था। कांग्र्रेस की सरकार बनने के बाद सट्टा, जुआ, गिरोहबाजी जैसी घटनाओं पर अंकुश लगा हैं। हुक्का बारों को ने बंद कर दिया गया। राज्य में 15 सालों तक मजबूत हो चुके नशा माफिया को नेस्तानाबूत किया।

प्रदेश कांग्रेस संचार विभाग अध्यक्ष सुशील आनंद शुक्ला ने कहा कि राज्य की जनता भूली नही है किस प्रकार भाजपा के राज में राजधानी में महिला कांस्टेबल के साथ दुराचार के बाद हप्ते भर एफआईआर दर्ज नही हुयी थी। झलियामारी की मासूम बच्चियों को न्याय दिलाने विपक्ष को आंदोलन करना पड़ा था राजधानी में व्यापारियों के साथ दर्जनों लूट डकैती, गोली मारने की वारदाते हुयी थी लेकिन भाजपा सरकार किसी को पकड़वा नही पाई थी आज कानून का राज है कांग्रेस सरकार अपराध पर जीरो टालरेंस पर काम कर रही हैै।

- 31 अक्टूबर को राष्ट्रीय एकता दिवस का होगा आयोजन
- एकता दौड़, सायकल रैली एवं मोटर सायकल रैली में शामिल होंगे सभी वर्ग के नागरिक
- धान उपार्जन केन्द्रों में धान खरीदी की समुचित व्यवस्था करने के दिए निर्देश
- साप्ताहिक समय-सीमा की बैठक आयोजित

    राजनांदगांव / शौर्यपथ / कलेक्टर श्री डोमन सिंह ने कहा कि एक नवम्बर को राज्योत्सव का भव्य आयोजन किया जाएगा। इसके लिए सभी विभाग आवश्यक तैयारी रखें। इस दौरान शासन की योजनाओं से संबंधित सभी विभागों की प्रदर्शनी स्टेट स्कूल में लगाई जाएगी। उन्होंने कहा कि रूरल इंडस्ट्रियल पार्क, गोधन न्याय योजना, वनाधिकार पट्टे, मुख्यमंत्री हाट बाजार, सुपोषण अभियान, धन्वतरी मेडिकल स्टोर्स जैसे शासन की महत्वपूर्ण योजनाओं पर आधारित स्टॉल लगाएं। राज्योत्सव का आयोजन मेले के स्वरूप में होगा। इसके लिए साफ-सफाई, पेयजल, विद्युत की व्यवस्था करने के निर्देश दिए। उन्होंने कहा कि राज्योत्सव के अवसर पर राज्योत्सव एवं छत्तीसगढ़ की संस्कृति थीम पर सभी ग्राम पंचायतों में रंगोली का आयोजन किया जाएगा। समूह के 5 सदस्य इसमें शामिल होंगे। वहीं नगरीय निकायों में भी आयोजन करने के लिए कहा। उन्होंने कहा कि सरदार वल्लभाई पटेल के जन्म दिवस के अवसर पर 31 अक्टूबर को राष्ट्रीय एकता दिवस मनाया जाएगा। जिसमें सभी वर्ग के नागरिक शामिल होंगे। इस दौरान सुबह 7 बजे से 9 बजे तक सर्वेश्वरदास नगर पालिक निगम स्कूल मैदान से एकता दौड़, सायकल रैली एवं मोटर सायकल रैली का आयोजन किया जाएगा। उन्होंने इसके लिए रूट चार्ट तैयार करने के निर्देश दिए। साथ ही वर्दीधारियों का मार्चपास्ट भी होगा। उन्होंने कहा कि ग्राम पंचायत, विकासखंड स्तर पर भी राष्ट्रीय एकता दौड़ का आयोजन किया जाएगा। उन्होंने कहा कि इस दौरान खेल विभाग, शिक्षा विभाग एवं अन्य संबंधित विभाग आपस में समन्वय करते हुए कार्य करेंगे। उन्होंने मोहारा मेला की तैयारी करने के लिए भी कहा। उक्त बातें कलेक्टर श्री सिंह ने साप्ताहिक समय-सीमा की बैठक में कही।
कलेक्टर श्री सिंह ने धान खरीदी की तैयारी की समीक्षा करते हुए कहा कि धान उपार्जन केन्द्रों में धान खरीदी की समुचित व्यवस्था होनी चाहिए। किसानों के लिए पेयजल, छांव, रौशनी की पर्याप्त व्यवस्था होनी चाहिए। उन्होंने समिति प्रबंधकों के हड़ताल के संबंध में खाद्य अधिकारी को समन्वय करने के निर्देश दिए। उन्होंने कहा कि अंतर्राज्यीय चेकपोस्ट में धान के अवैध परिवहन के दृष्टिगत कोचियों, बिचौलियों पर नजर रखते हुए सख्त कार्रवाई करें। उन्होंने कहा कि नीति आयोग, सांख्यिकीय विभाग द्वारा विकास के संबंध में लक्ष्य के लिए सुपोषण, स्वास्थ्य, सड़क, अधोसंरचना जैसे महत्वपूर्ण सूचकांको पर सभी विभाग प्राथमिकता देते हुए कार्य करें। उन्होंने नगर निगम, पीडब्ल्यूडी, आरईएस से सड़कों की मरम्मत के संबंध में जानकारी ली। उन्होंने कहा कि सभी ग्राम पंचायतों में गोधन न्याय योजना के तहत गोबर खरीदी का कार्य शीघ्र प्रारंभ करें ताकि गरीब एवं जरूरतमंद लोगों को मदद मिल सके। उन्होंने डोंगरगढ़ में प्रारंभ किए गए स्पेशल डोंगरगढ़ सी-मार्ट के संबंध में जानकारी ली। उन्होंने कहा कि वहां सी-मार्ट में पूजा सामग्री के साथ ही समूह की महिलाओं द्वारा निर्मित स्थानीय उत्पाद भी बिक्री के लिए रखें। सामग्री गुणवत्ता पूर्ण होनी चाहिए इसपर विशेष ध्यान दें। उन्होंने कांजी हाऊस में मवेशियों के लिए पानी चारे के साथ ही अन्य व्यवस्था सुनिश्चित करने के निर्देश दिए।
गोधन न्याय योजना अंतर्गत जैविक खाद विक्रय की प्रगति, नगरीय क्षेत्रों में वृक्षारोपण हेतु कृष्ण कुंज बनाये जाने न्यूनतम एक एकड़ प्रस्तावित भूमि, हाट बाजार टीम द्वारा जांच मरीजों की संख्या, स्वामी आत्मानंद हिन्दी एवं अंग्रेजी माध्यम स्कूलों की समीक्षा, ऑनलाईन नामांतरण योजना के क्रियान्वयन करना, नामांतरण प्रक्रिया का सरलीकरण, अविवादित नामांतरण, बटवारा, त्रुटि सुधार के लिए प्रस्तावित नवीन प्रक्रिया, भवन विहीन आंगनबाड़ी केन्द्रों की समीक्षा की। बैठक में जिला पंचायत सीईओ श्री अमित कुमार, अपर कलेक्टर श्री सीएल मारकण्डेय, संयुक्त कलेक्टर श्रीमती इंदिरा देवहारी, संयुक्त कलेक्टर श्री खेमलाल वर्मा, एसडीएम श्री अरूण वर्मा सहित अन्य जिला स्तरीय अधिकारी उपस्थित थे। वीडियो कांफ्रेंसिंग के जरिए सभी जनपद सीईओ एवं अन्य अधिकारी जुड़े रहे।
    

दुर्ग / शौर्यपथ /  गत वर्षों की तरह इस वर्ष भी जन समर्पण सेवा संस्था दुर्ग द्वारा दीपावली के पावन पर्व के अवसर पर पूरे दिनांक 19 अक्टूबर से 23 अक्टूबर तक अलग अलग स्थानों जिसमें वृद्धाआश्रम, अनाथ हॉस्पिटल बालआश्रम, बालसम्प्रेषण गृह, दुर्ग स्टेशन, समृद्धि बाजार के पास, बस स्टैंड एवं शहर के अन्य स्थानों में जीवन यापन कर रहे गरीब, असहाय, महिलाएं, बुजुर्ग, बच्चे जिनके पास या तो घर नही है या फिर भीख मांगकर फुटपात में रहे रहे है उन्हें नयी साड़ी, मिठाई, एवं बुजुर्गों को धोती, मिठाई का वितरण किया गया साथ ही साथ  छोटे छोटे गरीब बच्चों को नये कपड़े, मिष्ठान, नमकीन, रंगीन फटाखे का वितरण करके खुशियों की दीपवाली सप्ताह बनाया जा रहा है, जिसमें आज प्रथम दिवस मंदबुद्धि स्नेह सम्पदा स्कूल, दुर्ग एवं मानवता स्कूल के बच्चों को सामग्री वितरण की गयी.
    जन समर्पण सेवा संस्था, दुर्ग का एक मात्र उदेश्य समाज के निराश्रित एवं अंतिम पंक्ति के व्यक्ति को भी वह सुख सुविधाएँ पहुंचाने का प्रयास करना है, जिनसे अभी तक यह अछूता है, इन्ही बातों को आत्मसात करते हुए सभी के सहयोग से कोरोना महामारी के चलते आयी इस विकट परिस्थिति में भी हर जरूरतमंदों की हर सम्भव मदद करने का प्रयास संस्था द्वारा विगत 6वर्षों से किया जा रहा है..
      संस्था के सदस्य विगत 6 वर्षों से अपने सभी पर्व गरीब, असहाय, बुजुर्गों के साथ ही मना रहे है, दीपावली पर्व को भी संस्था के सभी सदस्यों ने गरीब, असहाय, बुजुर्गों, महिलाओं एवं छोटे बच्चों के साथ फटाके फोड़कर सभी को मिठाई एवं नये कपड़ों का वितरण करके मना रहे है..
       जन समर्पण सेवा संस्था के अध्यक्ष योगेन्द्र शर्मा बंटी ने बताया कि प्रदेश एवं शहर के अधिकांश घरों में दीपावली पर्व में बिजली की चकाचोंध व्यवस्था है, और सभी लोग मिठाई, पकवान एवं पटाखों का आनंद लेते है, परन्तु प्रदेश एवं शहर में आज भी ऐसे गरीब परिवार एवं बच्चे है जो मिठाई खाना तो दूर मिठाई चखने से भी वंचित रह जाते है, और गरीब बच्चे आसमान में छूटने वाले पटाखों को देखकर ही खुश हो जाते है..
     जन समर्पण सेवा संस्था, दुर्ग द्वारा सभी के सहयोग से दीपावली पर्व के के पूर्व शहर के विभिन्न स्थानों में जाकर गरीब, असहाय परिवार, महिलाएं, बुजुर्गोम एवं बच्चों को साड़ी, धोती, बच्चों को नये कपडे, पटाखे एवं मिठाई का वितरण किया जा रहा है जिससे जिले के सभी लोग यह दीपावली अच्छे से मना सके,


     आज दिनाँक 19 अक्टूबर को संस्था के सदस्यों द्वारा जिले के महिला अनाथ हॉस्पिटल, कादम्बरी नगर, दुर्ग, मंदबुद्धि स्नेह सम्पदा स्कूल, दुर्ग एवं मानवता स्कूल, दुर्ग के छोटे बच्चों, महिलाओं, एवं गरीब परिवार को नये कपडे, साड़ी, पाटखे, मिठाई, नमकीन, बिस्किट, साबुन, निरमा, तेल, पेस्ट, कॉपी, पेन, पेंसिल, टीशर्ट, चॉकलेट का वितरण किया गया..
       संस्था के अध्यक्ष योगेन्द्र शर्मा "बंटी" ने बताया कि आज लगभग 150 से अधिक गरीब बच्चों, एवं 90 से अधिक महिलाओं को दीपावली के लिए जरूरत की सामग्री का वितरण किया गया, जिसे देखकर सभी बच्चे एवं बुजुर्ग महिलाएं अति उत्साहित होकर संस्था के सदस्यों को धन्यवाद दिए..
      संस्था के आशीष मेश्राम ने बताया की इस वर्ष दीपावली पर्व पर संस्था द्वारा लगभग 200 से अधिक महिलाओं को नयी साड़ी, 100 से अधिक बुजुर्गों को कुर्ता, पैजामा, 400 से अधिक बच्चों को नये कपड़े, मिठाई के डब्बे, नमकीन, पटाखे, कॉपी, पेन, पेंसिल, साबुन, निरमा, तेल, पेस्ट  पैकेट नमकीन का वितरण किया जावेगा.
     संस्था के प्रकाश कश्यप ने बताया कि आज दिनांक 20 अक्टूबर को शाम 5 बजे दुर्ग वृद्धआश्रम में सभी बुजुर्गों को नये कपड़े, कुर्ता पैजामा, साड़ी, मिठाई, नमकीन एवं अन्य जरूरत की सामाग्री का वितरण किया जावेगा..     
     इस सभी सेवा कार्य में विशेष रूप से डॉ मानसी गुलाटी, पायल कुमंट, नवकार परिवार, शिशु शुक्ला, रुपल गुप्ता, डॉ गुंजा पींचा, आशीष मेश्राम, प्रकाश कश्यप, राहुल शर्मा, राजेन्द्र ताम्रकार, आकाश जायसवाल, सूरज साहू कान्हा चंद्रवंशी, अर्जित शुक्ला, ईशान शर्मा, ईश्वर साहू, मृदुल गुप्ता, सुजल शर्मा, मोहित पुरोहित, ऋषि गुप्ता, वेदांत शर्मा, वाशु शर्मा, आकाश राजपूत, बिट्टू यादव, दद्दू ढीमर, संजय सेन, हरीश ढीमर, शुभम सेन, भागवत पटेल,शिबू खान उपस्थित थे..

बस्तर में दिवाली नहीं दिवाड़ की है परंपरा, अनोखी है आदिम संस्कृति की यह खूबसूरत परंपरा

 राघवेन्द्र सिंह की रिपोर्ट
दंतेवाड़ा/ शौर्यपथ / दंतेवाड़ा में आदिम जनजातियों और खूबसूरत प्राकृतिक सुंदरता का प्रतीक है बस्तर। यहां की आदिम संस्कृति पूरी दुनिया को अपनी ओर आकर्षित करती है। सीधे-सरल लोग बस्तर की पहचान हैं। इन सबके अलावा यहां की परंपराएं और आदिम मान्यताएं वैश्विक स्तर पर एक अबूझ पहेली है। जिनमें से एक है बस्तर क्षेत्र में अदृश्य शक्तियों को मानने और उस पर आस्था रखने की मान्यता। बस्तर के दंतेवाड़ा जिला में स्थित माँ दंतेश्वरी का समृद्ध प्राचीन इतिहास है। आदिवासियों की आराध्या माता दंतेश्वरी मंदिर प्राचीन काल से ही आस्था का केंद्र रहा है लेकिन यहाँ के रहने वाले बस्तर के निवासी भिन्न-भिन्न लोक आस्थाओं को मानने के बावजूद अदृश्य शक्तियों पर विश्वास रखते हैं। भारत में प्रत्येक वर्ष हिन्दू पंचांग के अनुसार दीवाली का त्यौहार मनाया जाता है, लेकिन बस्तर के दंतेवाड़ा जिले के एक छोटे से गांव बिंजाम में ऐसा नहीं है। यहां के लोगों के लिए स्थानीय स्तर पर लगने वाला हूँगा वेला मेला ही असली दिवाली है। जो कि अदृश्य शक्तियों को मानने का अनूठा पर्व है।

कौन है हूँगा वेला ?
बस्तर के लगभग सभी क्षेत्रों में आँगा देव पूजनीय है इसी आधार पर इस क्षेत्र के प्रमुख देव उसेन डोकरा हैं। जो अपनी पत्नी कोयले डोकरी के साथ घोटपाल में रहते हैं। स्थानीय लोगों का मानना है कि, उसेंन देव की दो शादियां हुई थी पहली पत्नी थूल डोकरी के साथ संबंध विच्छेद होने के बाद वह वर्तमान में अपनी दूसरी पत्नी के साथ घोटपाल में निवास करते हैं। इन दोनों से दो संतान हुई जो हूंगा और वेला के रूप में प्रसिद्ध हुए। इन्हें कोला के रूप में भी पहचान प्राप्त है।

क्यों लगता है हूँगा वेला मेला ?
दरसल दिवाड़ के नाम से प्रचलित इसी त्यौहार को दीपावली कहते हैं। हर साल यह नवम्बर के महीने में मनाया जाता है। इस त्यौहार को दंतेवाड़ा जिले के गाँव बिंजाम और गदापाल में मनाया जाता है, जिसमें आस- पास के गांव से सभी आँगा देव शामिल होते हैं। इस मेले में हूँगा वेला देव प्रमुख होते हैं क्योंकि सभी देव इनके घर आते हैं, पंडेवार, फरसपाल, मसेनार, गोंडपाल आसपास के सभी गांवों से यहां देवों का जमावड़ा होता है। इस मेले में देवों के सभी रिश्तेदार भी शामिल होते हैं। जिनमें गढ़ बोमड़ा, बोमड़ा देव, जात वोमड़ा, कड़े लिंगा ये सभी मौजूद होते हैं।

’हूँगा वेला मेले की शुरुआत’
 
हूँगा और वेला देव उत्सव में शामिल होने आए सभी देवों का स्वागत करते हैं, दूसरे देवों को जगाते हैं, जिसके बाद सभी देव गुड़ी के सामने बैठ कर पूजा अर्चना करते हैं। इसमें विशेष वोदा का फल, गोटफल और देसी मुर्गी का अंडा चढ़ाया जाता है। फिर देव एक दूसरे से गले मिलते हैं। चूंकि ये सालों बाद मिलते हैं इसीलिए मोहरी बजाकर उत्सव मनाया जाता है। बस्तर में मोहरी बाजा का खास स्थान है, दरअसल बस्तर में मोहरी के बिना कोई भी काम पूरा नहीं होता है। मेले का आकर्षण मोहरी बाजा की धुन पर सभी देव थिरकते हैं और गुड़ी के आस पास सभी नियमों को करते हुए चावल चढ़ाते हैं। इसके बाद सभी देव नदियों की ओर प्रस्थान करते हैं और एक साथ नदी में छलांग लगाते हैं। ये अभी आँगा किसी ना किसी पेड़ के बने होते होते हैं। चूंकि बस्तर के लोग प्राकृतिक पूजक होते हैं, इसलिए इनके देव भी इसी में बने होते हैं। कोई बाँस,महुआ,शीशम या सागौन के बने होते हैं। ये सभी नदी में डूबकर स्नान करते हैं। स्नान के बाद जब ये वापस लौटते हैं तो इस मेले में आए हुए बस्तरवासी आँगा से निकलते हुए पानी को पत्ते से बने हुए दोनी में जमा करते है। ऐसा माना जाता है कि आँगा के स्नान के बाद का पानी के पीकर लोगों की शारीरिक व्याधियां दूर हो जाती है। जैसे- जिन्हें कम सुनाई देता है उनके कान पर यह पानी डालने से वे ठीक हो जाते हैं। मान्यता के अनुसार पानी को आशीर्वाद के रूप में सभी आँगा देव के शरीर से निकलने के बाद जमा किया जाता है और उपयोग में लाया जाता है।
स्नान के बाद सभी आँगा देव एक खुले मैदान में एकत्रित होते हैं जहाँ इस मेले का सबसे विशेष और ख़ास दृश्य देखने को मिलता है। यहां दूर दूर से जमा हुए लोग एक गोलाकार आकृति में जमा होते हैं और बीच में शादीशुदा जोड़े देवों के आशीर्वाद के लिए ज़मीन पर लेटकर उनकी प्रतीक्षा करते हैं।
 
मान्यता है हूँगा वेला से बच्चे की कामना पूरी करने दूर-दूर से आते हैं विवाहित जोड़े
 
लेकामी परिवार के हूँगा वेला दोनों भाई हैं। ये गाँव बिंजाम के देवगुड़ी में रहते है और इनके साथ वेला के बेटे बोमड़ा देव भी रहते है। इस मेले में एक पुरानी परम्परा देखने को मिलती है कि इस मेले में प्रत्येक वर्ष कई ऐसे विवाहित जोड़े शामिल होते हैं जिन्हें कई सालों से संतान की प्राप्ति नहीं हुई है। यह मान्यता है, कि इनके आशीर्वाद से निःसंतान दम्पत्तियों को संतान की प्राप्ति होती है। इस वर्ष 21 जोड़े हूँगा वेला देव से आशीर्वाद लेने पहुँचे थे। सभी जोड़े खुले मैदान पर उल्टा ज़मीन पर लेटते हैं और हूँगा वेला के समक्ष बिंजाम के स्थानीय दो से तीन सिरहा समस्याओं को रखते हैं उन्हें स्थानीय बोली गोंडी में देव का आह्वान करना कहते हैं। अगर जोड़े को देवों ने आशीर्वाद दे दिया तो निश्चय ही उन्हें बच्चे की प्राप्ति होती है। मेले में ऐसे भी जोड़े मौजूद थे।जो हूँगा वेला देव को संतान प्राप्ति के बाद शुक्रिया अदा करने आए थे। इस मेले में हूँगा वेला देव सभी को आशीर्वाद देंगे या मिलेंगे यह ज़रूरी नहीं होता। कभी कभी कुछ जोड़ों को आशीर्वाद नहीं भी मिल पाता है। इसके पीछे का कारण पूछने पर यहाँ के प्रमुख गायता कहते हैं, कि जोड़ों में कुछ समस्या बाक़ी होती है, जिसके कारण उन्हें ये आशीर्वाद नहीं मिलता। दक्षिण बस्तर में देवों को आँगा और कोला के रूप में मान्यता प्राप्त है। इस क्षेत्र के प्रमुख देव के रूप में उसेन डोकरा (आंगा) जो प्रमुख हैं, और यहां के लेकामी वंश के प्रमुख देवता हैं, जिनका विवाह सर्वप्रथम थुले डोकरी से हुआ और उनसे संबंध विच्छेद होने के उपरांत कोयले डोकरी से विवाह किया। इनसे दो संतान हुई जो हूंगा और वेला के रूप में प्रसिद्ध हुए। इन्हें कोला के रूप में भी पहचान प्राप्त है।हूंगा से गढ़ बोमड़ा पैदा हुए जो अपने दादा उसेन डोकरा के साथ घोटपाल में रहते हैं और वेला से आदुरूँगा, बोमड़ा, कड़े लिंगा व जात बोमड़ा पैदा हुए। जो आतरा और लेकामी वंश के देव बने और ये मसेनार, पंडेवार के प्रमुख देव बने। ये कोला देव अभी तक अविवाहित हैं।

डीएसपी डॉ. भुनेश्वरी पैकरा सहित पुलिस की महिला अधिकारियों द्वारा स्कूल की बालिकाओं को दी गई  महत्वपूर्ण जानकारी

    कोंडागांव / शौर्यपथ / छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री माननीय भूपेश बघेल ने राज्य की बेटियों को सशक्त और सुरक्षित करने के उद्देश्य से 'हमर बेटी- हमर मान' नाम के अभियान की शुरुआत की है। इसी तारतम्य में कोंडागांव पुलिस अधीक्षक श्री दिव्यांग पटेल (भा.पु.से.) के आदेश से एवं एडिशनल एसपी श्री शोभराज अग्रवाल के मार्गदर्शन में कोंडागांव जिले की महिला अधिकारियो द्वारा आत्मानंद स्कूल एवं उच्चतर माध्यमिक विद्यालय माकडी में अध्ययनरत बालिकाओं को "हमर बेटी हमर मान" कार्यक्रम के तहत अभियान की जानकारी दी गई। बेटियों की सुरक्षा को ध्यान में रखते हुए छत्तीसगढ़ सरकार द्वारा ''हमर बेटी- हमर मान'' अभियान की शुरुवात की गई है।  उप पुलिस अधीक्षक डॉ भुनेश्वरी पैकरा ने अपनी टीम के साथ स्वामि आत्मानंद स्कूल एवं उच्चतर माध्यमिक विद्यालय माकडी जाकर स्कूल की बच्चियों को "हमर बेटी- हमर मान" के तहत राज्य की बेटियों के लिए जारी हेल्पलाइन नंबर +91 1800 123 6010 की जानकारी दी गई। जिस पर शिकायत करने पर तुरंत कार्रवाई होगी।
  "हमर बेटी हमर मान" अभियान के तहत सहायक उप निरीक्षक श्रीमती अनिता मेश्राम ने बच्चियों से मुलाकात कर उन्हें छेड़खानी, यौन शोषण, साइबर क्राइम, सोशल मीडिया क्राइम के बचाव और उनके अधिकारों पर जानकारियां दी। महिला सुरक्षा हेतु लांच किए गये एप के संबंध में भी स्कूल की बच्चियों को उसके इस्तेमाल के बारे में प्रशिक्षित किया गया। उप पुलिस अधीक्षक डॉक्टर भुवनेश्वरी पैकरा द्वारा स्कूल की बच्चियों को गुड टच, बेड टच, उनके कानूनी अधिकार, यातायात नियम एवं अभिव्यक्ति एप की जानकारी भी दी गई जिसमें पीड़ित महिला द्वारा अपने मोबाइल से अभिव्यक्ति एप में एसओएस बटन दबाने पर तत्काल घटनास्थल पर पुलिस की सहायता उपलब्ध होगी। साथ ही कोंडागांव जिले में कार्यरत महिला सेल एवं महिला परामर्श केंद्र के बारे में भी विस्तार से बताया गया।
  कार्यक्रम के दौरान सीएचसी माकड़ी डॉक्टर विजय लक्ष्मी नवरंगे, थाना प्रभारी माकड़ी निरीक्षक श्री सोन सिंह सोरी, नर्स, महिला एवं बाल विकास विभाग के सुपरवाइजर एवं आंगनबाड़ी कार्यकर्ता उपस्थित रहे।

कोंडागांव/ शौर्यपथ /
जिला मुख्यालय कोंडागांव के प्रेस एंड मीडिया फेडरेशन सह प्रेस क्लब के द्वारा लगातार पत्रकारों पर हो रहे हमले के संबंध में कलेक्टर एवं एसपी को ज्ञापन सौंपा गया है।इस बारे में प्रेस एंड मीडिया फेडरेशन कोंडागांव के अध्यक्ष इसरार अहमद ने कहा कि लगातार पत्रकारों पर असामाजिक तत्वों के द्वारा हमले किए जा रहे हैं,जिससे पत्रकार जगत में भय  का माहौल है,हाल ही में जगदलपुर प्रेस क्लब के वरिष्ठ सदस्य रितेश पांडे पर हुए जान लेवा हमले का कोंडागांव प्रेस एंड मीडिया  फेडरेशन घोर निंदा करता है। साथ ही राज्य में जल्द पत्रकार सुरक्षा कानून लागू करने की मांग करता है इस संबंध में कलेक्टर कोण्डागाँव एवं एसपी कोण्डागाँव को मुख्यमंत्री के नाम ज्ञापन सौंपा गया एवं आरोपियों पर जल्द से जल्द कार्रवाई की मांग की गई।

• ठगी कर फरार हुये आरोपियो को पुरी (उड़ीसा) से किया गया गिरफ्तार • आरोपीगण से करीबन 9,40,200 रूपये की सामाग्री किया गया जप्त

कोंडागांव / शौर्यपथ /
बडेकनेरा निवासी बुधराम बघेल से शेरसिंह सेठिया उर्फ शेरा एवं उसके साथी नोगेन्द्र बैद एवं सहदेव मण्डावी के साथ मिलकर इलेक्ट्रानिक बाईक की शो रूम खोलने के नाम पर 13 लाख रूपये लिये किन्तु बुधराम को इलेक्ट्रानिक बाईक नही दिया बुधराम द्वारा पैसा वापस माँगने पर  शेरसिंह सेठिया के द्वारा चेक दिया गया जिसे बैंक से विड्राल करने पर चेक बाउंस हो गया। बुधराम के द्वारा ठगे जाने की एहसास होने पर शेरसिंह एवं अन्य के विरूद्ध थाना कोण्डागांव में रिपोर्ट दर्ज कराया गया।
  मामले की गंभीरता को देखते हुये पुलिस अधीक्षक कोण्डागांव दिव्यांग पटेल के आदेशानुसार आरोपीगण को गिरफ्तार करने हेतु विशेष टीम गठित कर उडीसा रवाना किया गया था। मामले में विशेष टीम के द्वारा आरोपी शेरसिंह उर्फ शेरा सेठिया को उडीसा पुरी एवं आरोपी नोगेन्द्र बैद ग्राम जैतपुरी से हिरासत में लिया गया जिन्होने घटना करना कबूल किये। आरोपी शेरसिंह एवं आरोपी नोगेद्र बैद के मेमोरेण्डम कथन के आधार पर ATOZ सेल कोण्डागांव से कुल जुमला 940,200 रूपये की सामाग्री जप्त किया गया आरोपीगणो के खिलाफ घटना कारित करने का सबूत पाये जाने से दिनांक 23.10.2022 के कमशः 13:00 एवं 14:30 बजे विधिवत गिरफ्तार कर गिरफ्तारी की सूचना परिजनों को देकर न्यायिक अभिरक्षा में भेजा गया है। प्रकरण के एक अन्य फरार आरोपी सहदेव मण्डावी का पता तलाश जारी है। उपरोक्त कार्यवाही थाना कोण्डागांव के थाना प्रभारी निरीक्षक भीमसेन यादव, उप निरीक्षक कैलाश केशरवानी सिंह,
प्र0आर0 232 ऋतुराज,आर0 571 मोहन क्षत्रीय का विशेष योगदान रहा।

    सेहत टिप्स /शौर्यपथ /दही डाइजेशन सिस्टम के लिए बहुत अच्छी होती है। आप अगर खाने के साथ रोजाना एक कटोरी दही खाते हैं, तो आपको एसिडिटी जैसी प्रॉब्लम नहीं होती। साथ ही आपकी स्किन भी अच्छी बनती है। दही के पोषक तत्वों की बात करें, तो दही में  कैल्शियम, विटामिन बी-12, विटामिन बी -2, मैग्नीशियम और पोटेशियम जैसे पोषक तत्व पाए जाते हैं। आपको अगर दही खाना पसंंद नहीं है, तो आप दही से कई रेसिपीज बना सकते हैं या दही को किसी और फूड के साथ मिलाकर खा सकते हैं। आइए, जानते हैं आप किन तरीकों से दही को खा सकते हैं।
फ्रूट सलाद
आप अगर फ्रूट खाना पसंद करते हैं, तो फ्रूट को गिल्ड कर लें। इसके बाद इसमें दही और शहद डालकर खाएं। वेट लॉस के लिहाज से भी यह रेसिपी बहुत ही अच्छी है।
फ्रूट कस्टर्ड
यह फ्रूट कस्टर्ड की रेसिपी थोड़ी डिफरेंट है। इसे बनाने के लिए आप अपने पसंद के फ्रूट्स को काट लें। इसके बाद इसे एक बाउल में रखें और दही को ऊपर से डाल दें। आप इसमें ड्राय फ्रूट्स भी मिला सकते हैं।
गुड़-तिल
सर्दियों के मौसम में गुड़ खाना बहुत फायदेमंद होता है। गुड़ खाने से न सिर्फ आपकी स्किन अच्छी होती है बल्कि हेल्थ भी ठीक रहती है। ऐसे में आप दही में गुड़, रोस्टेड तिल और ड्राय फ्रूट्स मिलाकर खा सकते हैं।
रायता
दही से आप खीरे, टमाटर, टमाटर प्याज, घीया, बूंदी या आलू का रायता बना सकते हैं। इसे गाढ़ा ही रखें और पुदीना और धनिया डालकर इसे गार्निश करें। इससे रायते का स्वाद बढ़ जाएगा।

     सेहत टिप्स /शौर्यपथ/तुलसी का धार्मिक महत्व ही नहींं बल्कि सेहत के लिए भी तुलसी बहुत फायदेमंद है। खासतौर पर शुरुआती ठंंड में कई लोगों को सर्दी-जुकाम और गला खराब हो जाता है। ऐसे में तुलसी की चाय पीना बहुत फायदेमंद होता है। पोषक तत्वों की बात करें, तो तुलसी में आइसोटीन और सोर्बिटोल, मैंगनीज, फोलेट आदि मौजूद होते हैं, जो आपके डाइजेशन सिस्टम को बेहतर बनाते हैं। आप अगर ठंड के दिनों में तुलसी की चाय पीते हैं, तो इसके ज्यादा गुण पाने के लिए आपको कुछ बातों का ध्यान रखना चाहिए। आइए, जानते हैं-
चायपत्ती तेज न करें
आपको अगर तुलसी वाली चाय के पूरे फायदे चाहिए, तो आप चाय बनाते समय कम से कम चायपत्ती डालें, वरना तुलसी का असर ज्यादा नहीं होगा। इसकी जगह 6-7 पत्ते तुलसी के डालें।
गुड़ का इस्तेमाल
आप अगर तुलसी की चाय के फायदों में इजाफा करना चाहते हैं, तो चीनी की जगह पर गुड़ का इस्तेमाल करें। गुड़ वाली चाय ठंड के दिनों में बहुत फायदेमंद होती है।
काली मिर्च भी डालें
आपको अगर खांसी-जुकाम या गले की ज्यादा प्रॉब्लम है, तो आप तुलसी वाली चाय में दो काली मिर्च पीसकर भी डाल सकते हैं। इससे इसका स्वाद भी बढ़ जाएगा और जकड़ी हुई नाक को भी आराम मिलेगा।
तुलसी को बिना पीसे करें इस्तेमाल
कई लोग तुलसी वाली चाय बनाते समय इसे अच्छी तरह पीस देते हैं जबकि आपको ऐसा करने की जरूरत नहीं है। आप उबलते हुए पानी में तुलसी के पत्ते डाल देंगे, तो इससे ही तुलसी का असर चाय में आ जाएगा।

     ब्यूटी टिप्स /शौर्यपथ /सर्दियां शुरू होते ही कई लोगों की स्किन पील होनी शुरू हो जाती है। इसका मतलब यह होता है कि स्किन में हाइड्रेशन की कमी है। यह प्रॉब्लम तब और भी ज्यादा बढ़ जाती है, जब आप ड्राय स्किन पर ही मेकअप करना शुरू कर देते हैं। ऐसे में बहुत जरूरी है कि आप पहले स्किन के पील होने का कारण जानें। इससे आप अच्छी तरह से स्किन को रिपेयर कर सकते हैं। ठंड में यह प्रॉब्लम और भी बढ़ जाती है। ऐसे में बहुत जरूरी है कि आप स्किन केयर पर ध्यान दें।
हाइड्रेशन की कमी
आपकी बॉडी में अगर हाइड्रेशन की कमी है, तो जाहिर-सी बात है कि आपकी स्किन ड्राय जरूर होगी। इसका सबसे अच्छा इलाज यह है कि आप ज्यादा पानी पीना शुरू कर दें, जिससे कि बॉडी हाइड्रेट रहे।
मॉइश्चराइजर लगाएं
आपकी स्किन अगर ऑयली है, तो इस पर मॉइश्चराइजर लगाना न छोड़ें। कई लोगों को लगता है कि इससे पिम्पल्स की प्रॉब्लम हो जाएगी, जबकि ऑयली स्किन पर आपको जेल बेस्ड मॉइश्चराइजर लगाना चाहिए।
केमिकल पील ऑफ
ऐसा भी हो सकता है कि आप किसी पील ऑफ सीरम या क्रीम का इस्तेमाल कर रहे हों, जिससे कि वजह डेड स्किन उतर रही हो। ऐसे में स्किन में हाइड्रेशन बनाए रखना बहुत जरूरी है। इसके लिए सनस्क्रीन और मॉइश्चराइजर क्रीम दोनों लगाएं।
डेड स्किन
आपने अगर कई दिनों से चेहरे पर स्क्रबिंग नहीं की है, तो यह हो सकता कि आपकी स्किन पर डेड स्किन जमा हो गई हो। ऐसे में बहुत जरूरी है कि आप डेड स्किन को हटाने के लिए स्क्रबिंग जरूर करें।

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