August 17, 2025
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शौर्यपथ

शौर्यपथ

   शौर्यपथ /जब भी बात हिल स्टेशन्स पर घूमने की होती है, तो दिल्ली और आसपास की जगहों पर रहने वाले लोगों को मसूरी की याद जरूर आती है। उत्तराखंड में स्थिति मसूरी ज्यादातर लोगों का फेवरेट टूरिस्ट स्पोर्ट है। आपको अगर वीकेंड पर निकलना है, तो मसूरी सबसे बेस्ट प्लेस है। यहां आप शॉर्ट वीकेंड भी प्लान कर सकते हैं। आप जब भी मसूरी आएं, तो यहां कुछ चीजों को करना मिस न करें।
रोपवे/केबल कार से गन हिल की सैर
यहां आकर आप अगर गन हिल नहीं गए, तो सोचिए आपने यहां आकर बहुत कुछ मिस कर दिया। यह जगह मसूरी का दूसरा सबसे ऊंचा प्वॉइट (Highest Peek) है। यहां से ऊंचाई से आपको मसूरी बेहद खूबसूरत नजर आएगा।
लाल टिब्बा
मसूरी का सबसे ऊंचा प्वॉइट लाल टिब्बा है। यहां से आपको सनसेट और सनराइज का अद्भुत नजारा देखने को मिलता है। लाल टिब्बा मसूरी के सबसे मशहूर पर्यटन स्थलों में से एक है। लाल टिब्बा से हिमालय, बद्रीनाथ, केदारनाथ, नीलकंठ जैसी जगह देखी जा सकती है लेकिन उसके लिए आपको अच्छी क्वालिटी के दूरबीन की जरूरत पड़ेगी।
स्ट्रीट फूड
यहां आकर अगर आपने मॉल रोड की सैर नहीं की, तो समझें कि आपने बहुत कुछ मिस कर दिया है। समोसे, मटर कुलचे, कुल्हड़ चाय, जलेबी रबड़ी, तंदूरी चाय, मैगी, गोलगप्पों के अलावा आपको यहां कई लोकल जायके चखने को मिल जाएंगे।
लोकल शॉपिंग
आपअपने शहर में मार्केट्स और मॉल्स में तो हमेशा ही शॉपिंग करते होंगे लेकिन यहां आकर अगर आपने शॉपिंग नहीं की, तो फिर आपने बहुत कुछ मिस कर दिया। आप यहां से गरम कपड़े, खिलौने, स्टॉल, जूलरी, शो पीस जैसी कई चीजें खरीद सकते हैं।
पैराग्लाइडिंग का एडवेंचर
आप अगर एडवेंचर स्पोर्ट्स के शौकीन हैं, तो फिर आपको यहां पैराग्लाइडिंग जरूर करनी चाहिए। इससे आपको बहुत ही डिफरेंट और अमेजिंग एक्सपीरियंस मिलेगा।
यूं ही सैर करना
मसूरी आकर जरूरी नहीं है कि आप यहांं पॉप्युलर जगहों पर ही घूमें बल्कि आप यूं ही सुबह और शाम के वक्त टहलने भी निकल सकते हैं। आपको नेचर को न सिर्फ करीब से देखने का मौका मिलेगा बल्कि आप कई नई जगहों पर एक्सप्लोर कर पाएंगे।  

       शौर्यपथ /क्या अक्सर वाइफ से आपकी बहस छोटी-सी बात पर होती रहती है? क्या आपने कभी सोचा है कि आखिर आपकी पत्नी को इतना गुस्सा क्यों आता है? असल में जिसे आप छोटी-सी बात समझ रहे होते हैं, पत्नी के लिए वे बातें छोटी नहीं होती। आपको लगता है कि आप कोई बात मजाक में कह रहे हैं, लेकिन हो सकता है कि आपकी वाइफ को न सिर्फ इस बात से गुस्सा आता हो बल्कि वे उन्हें आपकी बातों से दुख भी पहुंचता हो, इसलिए बहुत जरूरी है कि आप कुछ मजाक उनसे न कहें। इन बातों को कोई भी वाइफ पसंद नहीं करती।
वाइफ के घरवालों की बुराई
शिकायतें या नाराजगी की कोई वजह हो सकती है लेकिन अगर आप हमेशा पत्नी के घरवालों की बुराई करते हैं या फिर उनका मजाक उड़ाते हैं, तो यह बात आपकी पत्नी को जरा भी पसंद नहीं होती।
वाइफ की बॉडी के बारे में नेगेटिव बातें
यह बात सच है कि कोई भी किसी इंसान की हमेशा तारीफ नहीं कर सकता लेकिन इसका मतलब यह भी नहीं है कि आप हमेशा वाइफ में कोई कमी निकालते रहें। आप अगर वाइफ की बॉडी जैसे मोटापा, लंबाई, रंग आदि के बारे में नेगेटिव कमेंट करते रहते हैं, तो पत्नी की नाराजगी और गुस्सा दोनों बढ़ता जाता है।
वाइफ के सामने दूसरी महिला की तारीफ
हर किसी में कोई न कोई अच्छाई जरूर होती है लेकिन इसका मतलब यह नहीं है कि आप अपनी पत्नी की तुलना अपनी पड़ोसन या किसी रिश्तेदार से करेंगे। ऐसा करने से आपकी वाइफ को दुख पहुंचता है और यही दुख गुस्से के रूप में आपके सामने आता है।
तुम्हें कोई काम नहीं आता
हर कोई सभी काम में परफेक्ट नहीं होता। आपको अगर पत्नी का कोई काम सही नहीं लगता, तो इसे कहने का तरीका सही होना चाहिए। आप अगर पत्नी को हमेशा कहते रहते हैं कि तुम्हें कोई काम नहीं आता, तो इससे सिर्फ आपका रिश्ता खराब होगा, न कि कोई काम सही हो जाएगा।

        लाइफस्टाइल /शौर्यपथ /हर पेरेंट बच्चों का ध्यान रखते हैं लेकिन कभी-कभी ऐसा होता है कि उनके खाने-पीने और पढ़ाई-लिखाई पर ध्यान देते-देते हम कई छोटी-छोटी चीजें भूल जाते हैं। असल में ये बातें उनकी हेल्थ से जुड़ीं होती हैं। ओरल हेल्थ भी एक ऐसा ही टॉपिक है, जो बच्चों की ओवर हेल्थ से जुड़ा होता है। इसके बारे में हर पेरेंट को पता होना चाहिए और बच्चों की ओरल हेल्थ का ख्याल रखने की जिम्मेदारी पेरेंट की होती है। ऐसे में आपको कुछ बातों पर ध्यान देना चाहिए।
सुबह उठते ही ब्रश करना
अपने बच्चों को सिखाएं कि उन्हें उठने के बाद फ्रेश होना है और ब्रश करना बहुत जरूरी है। बिना ब्रश किए बच्चों को कुछ भी खाने के लिए न दें। बिना ब्रश किए खाना खाने से उनकी ओरल हेल्थ खराब होती है।
रात में ब्रश करके सोना
सुबह उठने पर ब्रश करना बहुत जरूरी है। इससे अलावा अपने बच्चों को कहें कि रात को खाना खाने के बाद ब्रश करके सोना चाहिए। इससे बच्चों की ओरल हेल्थ ठीक रहेगी और उनके दांत भी मजबूत होंगे।
बच्चों को ज्यादा पानी पिलाएं
बड़ों की तरह बच्चों का पानी पीना भी बहुत जरूरी है इसलिए बच्चों को पानी पीने की आदत डालें। पानी पीने से बच्चों का डाइजेशन बेहतर होता है। पेट सही रहने से बच्चों की ओरल हेल्थ भी अच्छी रहेगी।
चॉकलेट और शुगर का कम इस्तेमाल
बच्चों को ऐसी चीजें न खाने दें, जिनसे कि उनकी ओरल हेल्थ खराब हो। चॉकलेट, शुगर, कैंडी से परहेज करने को कहें। बच्चों को ज्यादा फ्राइड फूड भी नहीं देना चाहिए। इससे बच्चोंं के दांत खराब होते हैं।   

    ब्यूटी टिप्स /शौर्यपथ /दिवाली के बाद पॉल्यूशन काफी बढ़ जाता है। ऐसे में स्किन के अलावा बालों पर भी इसका असर पड़ता ही है। आपके बाल अगर आपको डल लगने लगे हैं, तो आप अपने बालों को रिपेयर करने के लिए अलसी के बीजों यानी फ्लैक्स सीड्स का इस्तेमाल कर सकते हैं। इससे बाल न सिर्फ रिपेयर हो जाते हैं बल्कि पहले से ज्यादा सिल्की और स्ट्रॉन्ग भी हो जाते हैं। आइए, जानते हैं बालोंं पर कैसे करें फ्लैक्स सीड्स का इस्तेमाल।
बालों के लिए क्यों फायदेमंद हैं अलसी के बीज
अलसी के बीज सेहत के लिए ही नहीं बल्कि बालों के लिए भी बहुत फायदेमंद है। इसमें विटामिन-ई, विटामिन-बी, ओमेगा-3 फैटी एसिड, फाइबर, एंटीऑक्सीडेंट जैसे कई पोषक तत्व पाए जाते हैं। विटामिन-ई और ओमेगा-3 फैटी एसिड बालों को स्ट्रॉन्ग और शाइनिंग बनाने में बहुत कारगर हैं। आप अगर डाइट में अलसी के बीज शामिल करते हैं, तो आप देखेंगे कि इससे न सिर्फ आपकी स्किन की क्वालिटी काफी अच्छी हुई है बल्कि आपके बाल भी काफी शाइनिंग बन जाएंगे।
कैसे करें इस्तेमाल
आप हेयर मास्क बनाने के लिए सबसे पहले एक कटोरी अलसी के बीज लेकर इसे उबाल लें। फिर इसमें से बीज को जेल से अलग कर लें। आपको याद रखना है कि गरम-गरम अलसी का यह मिक्सचर छलनी में डालें, वरना ठंडा होने के बाद यह मिक्सचर चिपकने लग जाएगा। जेल निकालने के बाद इसे मिक्सी में अच्छी तरह पीस लें। इस जेल को पांच चम्मच दही और एक चम्मच बेसन के साथ मिलाकर सिर में लगाएं। इसे 20 मिनट लगे रहने दें और फिर सादे पानी और शैम्पू से धो लें। बेस्ट रिजल्ट के लिए महीने में 2-3 बार इसका इस्तेमाल करें।

           सेहत टिप्स /शौर्यपथ /कई कपल्स के मन में यह दुविधा बनी रहती है की प्रेगनेंसी के दौरान सेक्स करना चाहिए या नहीं। हालांकि, प्रेगनेंसी में सेक्स करना पूरी तरह से आपके कम्फर्ट पर निर्भर करता है। पर कुछ महिलाओं को प्रेगनेंसी के दौरान जटिलताओं का सामना करना पड़ता है। खासतौर से अंतिम तिमाही में। इसलिए जरूरी है कि अगर आप प्रेगनेंट हैं, तो उन स्वास्थ्य स्थितियों के बारे में जानें, जब सेक्स करना आपके लिए जोखिमकारक हो सकता है।
इन परिस्थितियों का पता लगाने के लिए हेल्थ शॉट्स ने ऑरा क्लिनिक, सेक्टर 31 गुड़गांव की डायरेक्टर एवं क्लाउड नाइन हॉस्पिटल, गुड़गांव सेक्टर 14 की सीनियर कंसलटेंट डॉ रितु सेठी से बातचीत की।
डॉक्टर ने इससे जुडी कई महत्वपूर्ण बातें बताई हैं। तो चलिए जानते है इसके बारे में विस्तार से ताकि प्रेगनेंसी कॉम्प्लीकेशन्स से बचा जा सके।
यहां जानें किन परिस्थितियों में प्रेगनेंसी में सेक्स करना हो सकता है खतरनाक
1. ब्लीडिंग की समस्या में
यदि किसी महिला को प्रेगनेंसी के दौरान ब्लीडिंग होने की समस्या है अब चाहे वह ज्यादा हो या कम, तो ऐसे में सेक्स यानी कि इंटरकोर्स से पूरी तरह परहेज रखें। अन्यथा यह ब्लीडिंग को और ज्यादा बढ़ा सकता है। जो मां और बच्चे दोनों की सेहत के लिए नुकसानदेह साबित होगा।
2. प्रेगनेंसी के दौरान हाई ब्लड प्रेशर रहने पर
डॉ रितु सेठी के अनुसार प्रेगनेंसी के दौरान यदि आपका ब्लड प्रेशर बढ़ा रहता है, तो सेक्स से पूरी तरह परहेज रखें। क्योंकि ऐसी स्थिति में इंटरकोर्स के दौरान प्लेसेंटा सेपरेट हो सकता है। जो आपके प्रेगनेंसी कॉम्प्लिकेशंस का कारण बनेगा।
3. आखिरी के 3 महीने होते हैं अधिक संवेदनशील
डॉक्टर के मुताबिक प्रेगनेंसी के आखिरी 3 महीने काफी ज्यादा संवेदनशील होते हैं। ऐसे में इस दौरान सेक्स न करें। क्योंकि स्पर्म में कुछ ऐसे एंजाइम पाए जाते हैं, जो प्रीमेच्योर डिलीवरी का कारण बन सकते हैं। इसलिए प्रेगनेंसी के दौरान समस्याओं से बचने के लिए इन बातों का ध्यान रखना जरूरी है।
4. यदि बच्चे के आसपास पानी बहुत ज्यादा है
डॉक्टर ऋतु सेठी कहती है कि यदि प्रेगनेंसी कॉम्प्लिकेशन से बचना चाहती हैं तो बच्चे के आसपास पानी बहुत ज्यादा होने पर इंटरकोर्स करने से बचें। वहीं बच्चे के आसपास पानी कितना है, इस बात का पता लगाने के लिए अपनी स्त्री रोग विशेषज्ञ से संपर्क करें।
5. प्रीटर्म लेबर पेन की स्थिति में
यदि किसी महिला को किसी भी कारण से प्रीटर्म लेबर पेन होता रहता है, तो ऐसे में सेक्स यानी कि इंटरकोर्स से पूरी तरह परहेज करें। क्योंकि ऐसा करना प्रीमेच्योर डिलीवरी का कारण बन सकता है। और प्रीमेच्योर डिलीवरी से अविकसित बच्चे का जन्म होता है।
6. वेजाइनल इंफेक्शन की स्थिति मे
गायनेकोलॉजिस्ट रितु सेठी के अनुसार यदि किसी महिला को प्रेगनेंसी के दौरान वेजाइना में यीस्ट, बैक्टीरियल, इत्यादि जैसे इंफेक्शन रह रहे हैं। तो सेक्स न करें। अन्यथा यह यूटीआई का कारण बन सकता है। हालांकि, प्रेगनेंसी के दौरान वेजाइना से जुड़ी किसी भी प्रकार की समस्या आपके लिए गंभीर परेशानी खड़ी कर सकती है।
याद रखें
प्रेगनेंसी में सेक्स करना आपके कम्फर्ट पर निर्भर करता है। अगर आपको प्रेगनेंसी में बेड रेस्ट का सुझाव दिया गया है, तो अपनी डॉक्टर से बात करें। ताकि वे इस बारे में सही आपका सही मार्गदर्शन कर सकें।

         टिप्स ट्रिक्स /शौर्यपथ /बहुत सारे लाेगों के लिए स्मोकिंग करना कूल और ट्रेंडी दिखने का तरीका हो सकता है। कुछ लोग शौकियां, तो कुछ पियर प्रेशर में स्मोकिंग करना शुरू कर देते हैं। इनमें हर उम्र और हर वर्ग की महिलाएं शामिल हैं। सिगरेट के डिब्बी पर चेतावनी वाले विज्ञापनों के बावजूद युवाओं में स्मोकिंग की लत बढ़ रही है। और ये सभी के लिए घातक है। एक्टिव और पेसिव दोनों तरह की स्मोकिंग सेहत को नुकसान पहुंचाती है। हालिया शोध बताते हैं कि पुरुषों की तुलना में महिलाओं के लिए स्मोकिंग   ज्यादा नुकसानदेह है। जानना चाहती हैं कैसे? ताे इस लेख को अंत तक पढ़ती रहें।
सभी के लिए नुकसानदेह है तंबाकू
तंबाकू में मौजूद निकोटीन और कार्बन मोनोऑक्साइड न केवल आपके लंग्स को बल्कि आपके पूरे शरीर को प्रभावित करती हैं। साथ ही धूम्रपान करने की आदत का प्रभाव शरीर पर लंबे समय तक बना रहता है। ऐसे में कुछ समस्याएं जल्दी नजर आती है, तो कुछ काफी समय के बाद।
रिसर्च मानते हैं कि तंबाकू का प्रभाव पुरुषों की तुलना में महिलाओं की सेहत पर ज्यादा गंभीर रूप से पड़ता है। इसलिए धूम्रपान से जितना हो सके उतना परहेज करने की कोशिश करें। तो चलिए जानते हैं तंबाकू में मौजूद निकोटीन से होने वाले स्वास्थ्य जोखिमों के बारे में।
यहां जानें धूम्रपान से महिलाओं को होने वाले 5 स्वास्थ्य जोखिमों के बारे में
1. इनफर्टिलिटी और अर्ली मेनोपॉज
स्मोकिंग करने वाली महिलाओं में आमतौर पर कई तरह के रिप्रोडक्टिव इश्यू देखने को मिलते हैं। जैसे कि बॉडी में एस्ट्रोजेन लेवल का कम होना। इसके कारण मूड स्विंग, थकान और वेजाइनल ड्राइनेस जैसी समस्या होती हैं।
नेशनल लाइब्रेरी ऑफ मेडिसिन द्वारा धूम्रपान और महिलाओं की सेहत को लेकर किए गए एक अध्ययन के अनुसार स्मोकिंग करने से कम उम्र में ही मेनोपॉज हो सकता है। इसके साथ ही अनियमित पीरियड्स और पीरियड्स के दौरान सामान्य रूप से अधिक पेट दर्द का अनुभव होता है। साथ ही आगे चलकर कंसीव करने में भी समस्या हो सकती है।
2. हार्ट हेल्थ होती है प्रभावित
नेशनल लाइब्रेरी ऑफ मेडिसिन द्वारा धूम्रपान पर किये गए एक स्टडी के मुताबिक अन्य महिलाओं की तुलना में स्मोकिंग करने वाली महिलाओं में दिल से जुड़ी बीमारी होने की संभावना काफी ज्यादा होती है।
वहीं पुरुषों की तुलना में 35 वर्ष से अधिक उम्र की स्मोकिंग करने वाली महिलाओं के हार्ट डिजीज से मृत्यु होने की संभावना ज्यादा होती है। स्मोकिंग की आदत दिल से शरीर तक ब्लड कैरी करने वाले ब्लड वेसल्स को कमजोर कर देती है। जिस वजह से हार्ट स्ट्रोक आने की संभावना भी बनी रहती है।
3. अर्ली एजिंग
स्मोकिंग करने वाली महिलाओं में समय से पहले एजिंग की समस्या देखने को मिलती है। जैसे कि रिंकल्स, फाइनलाइन इत्यादि नजर आना शुरू हो जाते हैं। निकोटीन ब्लड वेसल्स को संकीर्ण कर देता है। जिस वजह से त्वचा के सेल्स तक पर्याप्त मात्रा में ऑक्सीजन, ब्लड और जरूरी पोषक तत्व नहीं पहुंच पाते। वहीं निकोटीन ओवरी तक पर्याप्त मात्रा में ब्लड नहीं पहुंचने देता जिस वजह से समय से पहले मेनोपॉज की स्थिति पैदा हो सकती है।
4. सांस से जुड़ी समस्याएं
स्मोकिंग करने वाली महिलाओं को अक्सर सांस लेने में कठिनाई होती है। इसके साथ ही उनमे सीओपीडी  होने की संभावना बनी रहती है और समय के साथ यह और ज्यादा गंभीर होती जाती है। पुरुषों की तुलना में महिलाओं में सीओपीडी होने की संभावना ज्यादा होती है। वहीं रिसर्च की मानें तो हर साल इस बीमारी से पुरुषों से ज्यादा महिलाओं की मृत्यु होती है।
5. आंखों की रोशनी होती है कमजोर
स्मोकिंग की आदत आपके आंखों की रोशनी को भी प्रभावित करती है। यह ग्लूकोमा, मैकुलर डीजेनरेशन और कैटरैक्ट जैसी समस्याओं को जन्म दे सकता है। इसलिए स्मोकिंग की आदत को नियंत्रित रखें।



       सेहत /शौर्यपथ /कभी- कभी बिना किसी कारण के भी पीरियड मिस हो जाते हैं। जब परेशानी बढ़ने लगती है, तब हम वजह तलाशने लगते हैं। कुछ महिलाओं वजन अचानक बढ़ने लगता है और छाती, पेट, पीठ सहित शरीर के अंगों पर अतिरिक्त बाल आने लगते हैं। क्या आप जानती हैं कि इन सभी लक्षणों के लिए पीसीओएस   जिम्मेदार हो सकता है। हालांकि एलोपैथी में अभी तक इसका कोई स्थायी उपचार नहीं है। बस कुछ बदलावों और एहतियात के साथ इसके लक्षणों को कंट्रोल किया जा सकता है। पर क्या आप जानती हैं कि आयुर्वेद में ऐसी कई जड़ी-बूटियां हैं, जो पीसीओएस  की समस्या में आपको राहत दे सकती है। आइए जानते हैं एक आयुर्वेद विशेषज्ञ से उन हर्ब्स के बारे में।  
पीसीओएस क्या है और इसके लिए आयुर्वेदिक इलाज किस तरह कारगर है, यह जानने के लिए हमने बात की, वेदास क्योर के फाउंडर डायरेक्टर और आयुर्वेद विशेषज्ञ डॉ. विकास चावला से।
 पुरुष हार्मोन का बढ़ना है जिम्मेदार
डॉ. विकास चावला कहते हैं, “सबसे पहले सभी महिलाओं के लिए यह जानना जरूरी है कि पीसीओएस की समस्या किन वजहों से होती है। दरअसल, पॉलीसिस्टिक ओवरी सिंड्रोम  या पीसीओडी   एक ऐसी स्थिति है, जो महिलाओं में हार्मोनल विकार का कारण बनती है। इसमें महिला के शरीर में पुरुष हार्मोन का उत्पादन अधिक मात्रा में होने लगता है। हालांकि पीसीओएस या पीसीओडी होने के कारणों का पता अभी तक पूरी तरह नहीं लगाया जा सका है।’ विशेषज्ञ इसे पर्यावरण और प्रजनन फैक्टर्स के कारण होने वाली स्थिति के रूप में पहचानते हैं।
 क्या हो सकते हैं पीसीओएस के सामान्य लक्षण
पीसीओएस से पीड़ित महिलाओं में मुख्यतः अनियमित मासिक चक्र, गर्भावस्था में परेशानी अथवा देरी, असामान्य घने बालों का विकास,  मधुमेह और विभिन्न प्रकार के हृदय रोगों जैसी क्रोनिक स्थितियां बनती हैं। यह एक महिला के मासिक धर्म और प्रजनन स्वास्थ्य और कारणों को बाधित करता है। गंभीर मामलों में यह गर्भपात और गर्भ नहीं ठहरने का कारण भी बन सकता है।
बालों का झड़ना और वजन बढ़ना भी पीसीओडी के मुख्य दो लक्षण हैं। अधिक वजन बढ़ने से भी शरीर सुस्त और निष्क्रिय हो जाता है। पीसीओडी के कारण सबसे अधिक मोटापा की समस्या बढती है। यह महिलाओं के मानसिक और  शारीरिक स्वास्थ्य, दोनों को बाधित भी करता है।
पीसीओडी से बचने के लिए महिलाएं इस ओर बहुत ज्यादा चिंता करने लगती हैं। वे तरह-तरह के उपाय करने लगती हैं। वे क्रैश डाइट का भी सहारा लेती हैं। यह समस्या घटाने की बजाय और अधिक बढा देता है।
 आयुर्वेद में क्या है पीसीओएस का उपचार
 डॉ. विकास चावला कहते हैं, ‘ अश्वगंधा, हल्दी, शतावरी पीसीओएस के इलाज के लिए आयुर्वेदिक विशेषज्ञों द्वारा सुझाए जाते हैं।’
कैसे करें प्रयोग
अश्वगंधा को डिटॉक्स ड्रिंक या गर्म पानी में मिलाकर पी सकती हैं।
पीसीओएस की समस्या को दूर करने के लिए रोजाना कच्ची हल्दी का प्रयोग करना चाहिए। कच्ची हल्दी को दूध के साथ उबालना चाहिए। इस हल्दी दूध का प्रतिदिन सेवन करना चाहिए।
पीसीओएस वात, पित्त और कफ तीनों दोषों के कारण होता है, ऐसा आयुर्वेद मानता है। शतावरी एक ऐसा हर्ब है, जो इन तीनों दोषों को खत्म करने में मदद करता है। शतावरी में मुख्य रूप से स्टीरॉयडल सेपोनिंस पाया जाता है।
यह एस्ट्रोजेन को रेगुलेट कर देती है। इससे पीरियड नियमित हो जाता है। पर आप किसी भी आयुर्वेदिक उपचार की मदद लेना चाहती हैं, तो सही खुराक के लिए आपको आयुर्वेद एक्सपर्ट से जरूर संपर्क कर लेना चाहिए।
  इसके अलावा जीवनशैली में बदलाव बहुत जरूरी है। फलों, हरी सब्जियों और साबुत अनाज का सेवन बढ़ाएं। मैदा और तेलयुक्त भोजन का सेवन कम करें।
एक्सरसाइज
 जिन महिलाओं को पीसीओएस है, उनके लिए योग और ब्रीदिंग एक्सरसाइज भी फायदेमंद मानी जाती हैं। यह अनावश्यक तनाव को दूर करता है, सकारात्मक ऊर्जा को बढ़ाता है, और शरीर और दिमाग में आशावादी वाइब्स भेजता है।



 लाइफस्टाइल /शौर्यपथ /अगर सालों बाद आपको अपने रिश्ते में पहले जैसी फ्रेशनेस महसूस नहीं होती है, बात-बात पर आपका अपने पार्टनर के साथ झगड़ा होने लगता है तो आपको अपने रिश्ते को एक बार फिर संवारने की जरूरत है। जी हां, लंबे समय बाद भी अपने रिश्ते में पहले दिन जैसी ताजगी बनाए रखने के लिए उसमें सिर्फ प्यार का होना ही काफी नहीं होता बल्कि उस प्यार का अहसास होना भी जरूरी होता है। आइए जानते हैं उन खास तरीकों के बारे में जिनकी मदद से आप हमेशा अपने पार्टनर के दिल के करीब बने रहेंगे।
थोड़ा रूमानी होना भी है जरूरी-
प्यार किसी महंगे तोहफे का मोहताज नहीं होता। पार्टनर के लिए लाया गया एक गुलाब का फूल और साथ बिताए गए फुरसत के कुछ पल आप दोनों के रिश्ते में प्यार और एक दूसरे के लिए सम्मान को हमेशा बनाए रखने में आपकी मदद कर सकते हैं।
मिलकर निकाले परेशानी का हल-
आप दोनों में से यदि कोई व्यक्ति परेशान है तो उसकी समस्या दूर करने के लिए साथ बैठकर हल निकालने की कोशिश करें। एक दूसरे से बातचीत करें ताकि पार्टनर को मानसिक तौर पर उस परेशानी से निकलने में मदद मिल सके।
प्यार जताना भी है जरूरी-
अपने रिश्ते में सुरक्षा और विश्वास बनाए रखने के लिए समय-समय पर पार्टनर से दिल की बात शेयर करने से न चूकें। जीवनसाथी के प्रति अपनी भावनाएं ज़ाहिर करने का हर शख्स का अपना तरीका होता है। आप भी अपने दिल की बात उनके दिल तक पहुंचाने के लिए कोई स्पेशल तरीका ढूंढ़ें।

      टिप्स ट्रिक्स /शौर्यपथ /सबसे लोकप्रिय नेविगेशन ऐप Google Maps का इस्तेमाल आप भी जरूर करते होंगे। इस ऐप में ट्रैफिक अलर्ट्स से लेकर टोल रेट्स तक की जानकारी मिल जाती है और किसी नई जगह जाने का काम इसकी मदद से आसानी से किया जा सकता है। हालांकि, आप गूगल मैप पर जो भी सर्च करते हैं पर इसकी हिस्ट्री में ऑनलाइन सेव होता जाता है।
अगर आप बार-बार एक ही जगह पर जाने के लिए नेविगेशन सेवा का इस्तेमाल करते हैं तो पुराना डाटा सेव करने की मदद से यह काम आसान हो जाता है। ऐप यूजर्स को पर्सनलाइज्ड अनुभव देने के लिए भी उनका डाटा स्टोर करती है, यानी कि गूगल मैप्स को पता होता है कि आप दिन के किस वक्त पर कहां जाते हैं और अब तक किन लोकेशंस पर जा चुके हैं।
गूगल मैप्स पर सर्च हिस्ट्री और पिछला लोकेशन डाटा डिलीट करना आसान नहीं है और इसके लिए लंबी प्रक्रिया से गुजरना पड़ता है। अगर आप नहीं चाहते कि ऐप अपनी लोकेशन टाइमलाइन रिकॉर्ड करे तो इससे जुड़ी सेटिंग्स में बदलाव भी किया जा सकता है। सर्च हिस्ट्री क्लियर करने के लिए आपको नीचे बताए गए स्टेप्स फॉलो करने होंगे।
यह है ऐप में सर्च हिस्ट्री क्लियर करने का तरीका
1. अपने स्मार्टफोन में सबसे पहले गूगल मैप्स ऐप ओपेन करें।
2. अब टॉप राइट कॉर्नर में दिख रही प्रोफाइल फोटो पर टैप करने के बाद आपको सेटिंग्स आइकन पर टैप करना होगा।
3. यहां नीचे स्क्रॉल करने के बाद आपको मैप्स हिस्ट्री का विकल्प दिखेगा, जिसका चुनाव करना होगा।
4. यहां आपको टाइमलाइन चुनने और डिलीट करने का विकल्प दिया जाएगा और आप 'All time' हिस्ट्री भी डिलीट कर पाएंगे।
अगर आप तय वक्त के बीच की सर्च हिस्ट्री और लोकेशन डाटा डिलीट करना चाहते हैं तो यह विकल्प भी आपको टाइमलाइन सेटिंग्स में मिल जाएगा। यहीं से आप तय कर सकेंगे कि ऐप आपका लोकेशन डाटा रिकॉर्ड करे या नहीं।

     खाना खजाना /शौर्यपथ जल्द ही भाई-बहन के प्रेम और विश्वास का त्योहार भाई दूज आने वाला है। इस साल यह त्योहार 26 अक्टूबर 2022, बुधवार को मनाया जाएगा। ऐसे में अगर आपका भाई भी चाइनीज खाने का शौकीन है तो आप इस पर्व को स्पेशल बनाने के लिए बना सकती हैं मशरूम मंचूरियन। मशरूम मंचूरियन खाने में जितना टेस्टी है उसे बनाना उतना ही आसान है। तो चलिए जान लेते हैं कैसे बनाया जाता है मशरूम मंचूरियन।
मशरूम मंचूरियन बनाने के लिए जरूरी सामग्री-
-बैटर के लिए आधा कप मैदा
- तीन चम्मच कॉर्नफ्लोर
- अदरक-लहसुन का पेस्ट
- आधा चम्मच काली मिर्च
- सोया सॉस
-आधा कप पानी
-250 ग्राम मशरूम
- हरे प्याज बारीक कटे हुए
- हरी मिर्च बारीक कटी हुई
- दो लहसुन की कलियां बारीक कटी हुई
- अदरक बारीक कटा हुआ
- काली मिर्च का पाउडर
- सोया सॉस
- शिमला मिर्च टुकड़ों में कटी हुई
मशरूम मंचूरियन बनाने की विधि-
मशरूम मंचूरियन बनाने के लिए सबसे पहले बैटर तैयार कर लें। इसके लिए एक कटोरी में बैटर के सारे मिश्रण को डालने के बाद मैदा, कॉर्नफ्लोर को मिक्स करें। इसमे अदरक-लहसुन का पेस्ट डालें। साथ में काली मिर्च का पाउडर और सोया सॉस मिलाकर पानी डालें। घोल को ना ज्यादा पतला करें और ना ही ज्यादा गाढ़ा। मशरूम अच्छी तरह से पोंछ लें। अब कड़ाही में तेल गर्म कर लें। मशरूम को बैटर में डुबोकर गर्म तेल में डालकर मघ्यम आंच पर सुनहरा होनें तक तलें। इसी तरह सारे मशरूम तलकर अलग रख लें। अब एक दूसरी कड़ाही में तेल गर्म करके उसमें कटा हुआ प्याज सुनहरा होने तक भूने।
इसके बाद इसमे कटा हुआ हरा प्याज, हरी मिर्च, अदरक, लहसुन सारे कटे हुए पत्ते डालकर धीमी आंच पर भून लें। अब काली मिर्च का पाउडर, नमक और थोड़ी सी चीनी डालकर सोया सॉस डाल दें। अगर आप ग्रेवी वाला मंचूरियन चाहते हैं तो थोड़ा सा पानी डालकर ढककर पकाएं। जब पानी पककर गाढ़ा हो जाए तो इसमे तले हुए सारे मशरूम डालकर अच्छी तरह मिक्स करके करीब तीन से चार मिनट ढककर पकाएं। आपका टेस्टी मशरूम मंचूरियन बनकर तैयार है। आप इसे नूडल्स और फ्राइड राइस के साथ गर्मागर्म परोस सकते हैं।  

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