August 17, 2025
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शौर्यपथ

शौर्यपथ

     शौर्यपथ /आगरा का नाम लेते ही ताजमहल का नाम खुद ही जुबान पर आ जाता है। ज्यादातर लोग आगरा जाते ही ताजमहल को देखने के लिए हैं लेकिन ऐसा नहीं है कि आगरा में सिर्फ ताजमहल के अलावा कुछ न हो बल्कि यहां बहुत कुछ ऐसा है, जिसे लोग अक्सर मिस कर देते हैं। आप भी अगर आगरा जाकर सिर्फ ताजमहल देख आए हैं, तो आपने काफी कुछ मिस कर दिया है। आइए, हम आपको बताते हैं कि ताजमहल देखने के अलावा आगरा में और क्या है खास-
आगरा के किले में लाइट एंड साउंड शो
आगरा का किले में लाइट एंड साउंंड शो देखने का मजा ही कुछ और है। आप अगर आगरा की विरासत को जानना चाहते हैं, तो इस शो का मजा ले सकते हैं। मोती मस्जिद, मुसम्मन बुर्ज, दीवान-ए-खास, शाहजहानी महल और जहाँगीरी महल कई ऐतिहासिक धरोहरों के बारे में जानने का भी मौका मिलेगा।
मेहताब बाग
मेहताब बाग बहुत खूबसूरत है।  प्लास्टर्ड वॉकवे, फाउंटेन के अलावा कई तरह के फूल। यहांं वक्त बिताकर आपको बहुत मजा आएगा। आपको अगर फोटोग्राफी का शौक है, तो यहां जरूर घूमें।
फतेहपुर सीकरी
फतेहपुर सीकरी, जो कभी अकबर की बहुत प्रसिद्ध राजधानी हुआ करती थी। इसमें बुलंद दरवाजा, दीवान-ए-खास, दीवान-ए-आम, जामा मस्जिद, मरियम-उज़-ज़मानी का महल, पंच महल, सलीम चिश्ती का मकबरा जैसी कई मशहूर इमारतें हैं।
जहांंगीर महल
यहां पर मुगलों की रानियां रहा करती थीं। आगरा किले के अंदर बसा महल मुगल वास्तुकला के लिए मशहूर है। यहां पर कभी गुलाबों को स्टोर किया जाता था। आगरा आकर यहां भी जरूर घूमें।
लोकल शॉपिंग
आप अगर आगरा आकर शॉपिंग पर नहीं गए, तो आपने बहुत कुछ मिस कर दिया। हर जगह का एक अपना अलग अंदाज होता है। यहां आकर आप कई शो पीस, कपड़े और सजावटी सामान खरीद सकते हैं। सदर बाजार, किनारी बाजार, सुभाष बाजार को एक्सप्लोर कर सकते हैं।

 

लोकल फूड
आप अगर नॉनवेज लवर हैं, तो यहां आकर मुगलई डिशेज को जरूर चखें। आपको कई नए जायके चखने का मौका मिलेगा। वहीं, वेज खाने वाले लोगों के लिए यहां बहुत से ऑप्शन्स है। वहीं, स्ट्रीट फूड का मजा ही कुछ और है।  

    ब्यूटी टिप्स / शौर्यपथ /स्किन को हेल्दी रखने के लिए रोजाना स्किन केयर रूटीन को फॉलो करना बेहद जरूरी है। इससे न सिर्फ आप स्किन प्रॉब्लम्स से फ्री होते हैं बल्कि आपकी स्किन भी ग्लोइंग नजर आती है। खासतौर पर शुरुआती ठंंड में स्किन काफी ड्राय होने लगती है। ऐसे में अगर ड्रायनेस स्किन को ट्रीट न किया जाए, तो इसकी वजह से न सिर्फ स्किन डल लगने लगती है बल्कि कई स्किन प्रॉब्लम्स भी शुरू हो जाती है। आपको जानकर हैरानी होगी कि सिर्फ ऑयली स्किन पर ही नहीं, बल्कि ड्राय स्किन पर भी पिम्पल्स होने के चांसेस बहुत ज्यादा होते हैं। ऐसे में आप ड्रायनेस को नेचुरली ट्रीट करने के लिए फेसपैक बना सकते हैं।
कोकोनट फेसपैक
कोकोनट फेसपैक बनाने के लिए सबसे पहले दो चम्मच नारियल तेल में एक चम्मच शहद मिलाएं। इसे चेहरे, गर्दन और हाथ-पैरों में 20-30 मिनट तक बैठने दें। इससे आपकी स्किन हाइड्रेट हो जाएगी।
केले का फेसपैक
केले का फेसपैक बनाने के लिए आप एक पका केला लेकर इसमें दो चम्मच शहद मिला दें। इसका पेस्ट बना लें। अब इसे चेहरे के अलावा ड्रायनेस वाली जगह पर लगा लें। इसे 20-25 मिनट तक त्वचा पर लगा रहने दें और ठंडे पानी से धो लें।
मियोनीज फेसपैक
मियोनी सिर्फ खाने के ही नहीं बल्कि स्किन के लिए भी फायदेमंद है। इसके लिए बिना फ्लेवर वाली वेज मियोनीज को लेकर इसमें दो चम्मच बेबी ऑयल मिलाएं। अब इसे अपने चेहरे, गर्दन और हाथों पर लगाकर 20 मिनट के लिए लगे रहने दें।
चॉकलेट और शहद
एक कप में 2-4 डार्क चॉकलेट पिघलाएं। इसमें 1 चम्मच शहद मिलाकर एक चिकना पेस्ट बना लें। इसे 15-20 मिनट के लिए चेहरे पर लगे रहने दें। फिर इसे सादे पानी से धो लें।

    सेहत /शौर्यपथ /सर्दियां शुरू होने के साथ बैक्टीरियल और वायरल इन्फेक्शन ने भी दस्तक दे दी है। ऐसे में गला खराब और खासी जैसी समस्याएं सामने आ रही हैं। यह सामान्य प्रक्रिया है। हालांकि कई बार यह तकलीफदेह हो जाता है। दरअसल शरीर में किसी पैथोजन के प्रवेश करने के साथ इम्यून सिस्टम एक्टिव हो जाता है। इसी के रिस्पॉन्स में म्यूकस बनने लगता है। इसमें पैथोजन्स, एलर्जी पैदा करने वाले कण या धूल-मिट्टी चिपक जाती है। खांसी के जरिए इसे शरीर से बाहर निकाला जाता है। कई दफा वायरल ठीक हो जाने के बाद यह कफ सीने में जकड़ा रहता है। इसको न निकाला जाए तो अंदर दूसरे इन्फेक्शंस भी हो सकते है। यहां जानें कुछ घरेलू उपचार।
पीएं खूब  पानी
शरीर में कोई भी संक्रमण हो तो सबसे पहले पानी पीने पर फोकस करें। वायरल, बैक्टीरियल इन्फेक्शन या कफ जकड़ने पर भी यह नुस्खा काम करता है। पानी पीने से म्यूकस का गाढ़ापन कम होता है। आप अगर सिर्फ पानी नहीं पी पा रहे तो लिक्विड डायट ज्यादा लें। सूप, ग्रीन टी या दूसरे गरम पेय भी फायदा करेंगे।
भाप देगी राहत
खांसी और कफ के समय भाप लेना भी फायदेमंद होता है। आप बाजार के स्टीमर यूज कर सकते हैं। इसके अलावा घर पर भी पानी उबालकर भाप बना सकते हैं। भाप लेने से गले का इन्फ्लेमेशन कम होता है। खांसी में भी राहत मिलती है।
शहद-नींबू करें ट्राई
गुनगुने पानी में नींबू का पानी और शहद मिलाकर पीएं। शहद में ऐंटी बैक्टीरियल प्रॉपर्टीज होती हैं। नींबू में विटामिन सी होता है जो आपकी इम्यूनिटी के लिए बेस्ट है। शहद को नैचुरल डिकंजेस्टेंट माना जाता है। यह गले के दर्द में भी राहत देता है।
गोल्डेन मिल्क देगा आराम
फाइनली सोते समय आप हल्दी, काली मिर्च वाला दूध भी पी सकते हैं। इस दूध के फायदे कई बार बताए जाते रहे हैं। इसे गोल्डन मिल्क कहते हैं। हल्दी में एंटी इन्फ्लेमेट्री गुण होते हैं और यह ऐंटी बैक्टीरियल भी होती है।


    नई दिल्ली /शौर्यपथ  /सूर्य देव की आराधना से जुड़ा चार दिवसीय महापर्व छठ शुक्रवार को नहाय-खाय के साथ शुरू हो गया। छठ का पर्व बिहार और उसके आसपास के इलाकों में बड़ी ही धूमधाम से मनाया जाता है। देश के अलग-अलग राज्यों से अपने घर जाने वालों के लिए भारतीय रेलवे ने स्पेशल ट्रेनें चलाई हैं। साथ ही यूपी परिवहन की ओर से पूर्वांचल के कई जिलों के लिए बसें भी चलाई जा रही हैं। फ्लाइट्स का विकल्प भी मौजूद है। अगर आप भी छठ पर बिहार या यूपी जाने की तैयारी में हैं तो हम आपकी थोड़ी मदद कर देते हैं। आपके पास यातायत के ये साधन मौजूद हैं...
दिल्ली से बिहार के अलग-अलग शहरों के लिए प्राइवेट बस आसानी से मिल जाएंगे। मिसाल के तौर पर पटना, गया, दरभंगा आदि के लिए भी प्राइवेट बसें उपलब्ध हैं। अगर किराए की बात करें तो 28 अक्टूबर को दिल्ली से पटना के लिए यह 3 हजार से 10 हजार रुपये के बीच है। आप अपने बजट के हिसाब से बसों का चुनाव कर सकते हैं।
यूपी परिवहन की ओर से चल रहीं बसें
वहीं, यूपी परिवहन दिल्ली से पूर्वांचल के लिए बसें चला रहा है। अगर आप दिल्ली से गोरखपुर जाना चाहते हैं तो यहां कि किराया करीब 1500 रुपये है। www.onlineupsrtc.co.in पर जाकर बसों के लिए बुकिंग की जा सकती है। रिपोर्ट के मुताबिक, छठ के दौरान 80 साधारण बसों और 20 एसी बसों का परिचालन लखनऊ से किया जा रहा है।
फ्लाइट से जाना चाहेंगे?
फ्लाइट के जरिए भी दिल्ली से बिहार पहुंचा जा सकता है। हालांकि, इसके लिए यात्रियों को फिलहाल मोटी रकम खर्च करनी पड़ सकती है। फ्लाइट का किराया इस समय तीन गुने से भी ज्यादा बढ़ गया है। 28 अक्टूबर को दिल्ली से पटना का किराया 15 हजार रुपये के आसपास बताया जा रहा है। गया और दरभंगा के लिए भी हवाई किराए का यही हाल है। वहीं, मुंबई से पटना का हवाई किराया 10 हजार के पार चला गया है।
प्राइवेट कैब भी है ऑप्शन
बस और  फ्लाइट के अलावा आपके पास प्राइवेट कैब भी ऑप्शन है। जाहिर है कि इसके लिए आपको काफी मोटी रकम खर्च करनी होगी। दिल्ली से पटना तक के लिए प्राइवेट कैब का किराया 30 हजार को पार कर चुका है। अगर आप दिल्ली से गया के लिए कैब लेते हैं, तो भी आपको 20-30 हजार रुपये तक का किराया देना पड़ सकता है। बात अगर दिल्ली से मुजफ्फरपुर के लिए कैब की करें तो यहां भी आप 23-32 हजार रुपये तक खर्च करन के लिए तैयार रहें।

      नई दिल्ली /शौर्यपथ  /ब्रिटेन के नए प्रधानमंत्री ऋषि सुनक और भारतीय प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के बीच जल्द मुलाकात होगी। यह मुलाकात मध्य नवंबर में इंडोनेशिया में होने वाली जी-20 लीडरशिप समिट से इतर होगी। गौरतलब है कि भारतीय मूल के ऋषि सुनक हाल ही में ब्रिटेन के प्रधानमंत्री बने हैं। इसके बाद भारतीय प्रधानमंत्री ने उनसे फोन पर बात की थी। इसी बातचीत के दौरान मीटिंग को लेकर दोनों नेता सहमत हुए।
ब्रिटिश पीएम ऑफिस से आया बयान
इस बारे में ब्रिटिश प्रधानमंत्री के ऑफिस, 10 डाउनिंग स्ट्रीट की तरफ से बयान जारी किया गया है। बयान के मुताबिक दोनों नेता दो बेहतरीन गणतांत्रिक देशों के प्रतिनिधि के तौर पर साथ काम करने करेंगे। साथ ही विकासशील देशों के आर्थिक विकास के लिए प्रतिबद्धता जाहिर की। इसी दौरान दोनों नेताओं के बीच जी-20 मीटिंग के दौरान व्यक्तिगत मुलाकात को लेकर सहमति बनी। बयान में यह भी बताया गया है कि बातचीत के दौरान पीएम मोदी ने भारतीयों की तरफ से ऋषि सुनक को शुभकामनाएं दीं।
एफटीए पर जोर
प्रधानमंत्री दुनिया भर के चुनिंदा नेताओं में शामिल हैं, जिन्होंने ब्रिटिश प्रधानमंत्री से फोन पर बात की। इस दौरान पीएम मोदी ने दोनों देशों के बीच फ्री ट्रेड एग्रीमेंट को जल्द सुलझाने पर जोर दिया। ब्रिटेन में पूर्व प्रधानमंत्री के रहते यह मसला दिवाली तक सुलझ जाना था, लेकिन वहां पर राजनीतिक अस्थिरता के चलते यह अभी पेंडिंग है। ऋषि सुनक से बातचीत के बाद पीएम मोदी ट्वीट करके उन्हें बधाई दी थी।

     नई दिल्ली /शौर्यपथ /अगर आप समोसा लवर्स हैं तो यह खबर सिर्फ आपके लिए है। अगर कोई आपसे पूछे कि आप एक बार में कितना समोसा खा सकते हैं? जवाब में आप 3 या अधिकतम चार समोसा ही खा पाएंगे। लेकिन, अगर आपसे कहें कि सिर्फ एक समोसा खाना है वो भी 30 मिनट में। इसके लिए आपको 51 हजार रुपये की भारी भरकम रकम भी दी जाएगी तो क्या करेंगे? लेकिन, दुकान ढूंढने के बजाय एक बार इस खबर को पूरी पढ़ लीजिए क्योंकि आपको बाहुबली समोसा खाना है वो भी आठ किलो का।
सोशल मीडिया पर यूपी के मेरठ में एक मिठाई की दुकान है। इसे शुभम नाम के शख्स चलाते हैं। यहां एक बाहुबली समोसा मिलता है वो भी आठ किलो का। इसमें आलू और पनीर की भरमार मिलेगी और स्वाद तो पूछिए मत। समोसे की कीमत 1100 रुपये है और इसे खाने पर 51 हजार रुपये नकद पुरस्कार भी मिलेगा।  इस समोसे को फूड ब्लॉगर चाहत आनंद ने सोशल मीडिया पर शेयर किया। जिसके बाद समोसे के इस वीडियो ने इंटरनेट पर आग लगा दी है। क्लिप में, चाहत आनंद को विशाल समोसा पकड़े हुए और उसका एक टुकड़ा काटते हुए देखा जा सकता है।
मशहूर बिजनेस मैन हर्ष गोयनका ने भी इस वीडियो को शेयर करते हुए कैप्शन दिया है- इस दिवाली मेरी पत्नी ने सभी मिठाईयों के बाद मेरे खाने के लिए सिर्फ एक समोसा ऑर्डर किया है।  
इस क्लिप को 494k से अधिक बार देखा जा चुका है और बहुत सारे कमेंट्स मिले हैं। समोसे के साइज को देखकर लोग दंग हैं और कह रहे हैं कि इस एक समोसे को खाकर हेल्थ प्रॉब्लम बढ़ सकती है। हालांकि कुछ ने इस समोसे को खाने की इच्छा भी जताई है।

      नई दिल्ली /शौर्यपथ  /राजनीतिक दलों की ओर से मुफ्त स्कीमों के ऐलान को लेकर चुनाव आयोग की ओर से उसके खर्च का प्लान मांगे जाने पर कई दलों ने ऐतराज जताया है। आयोग के प्लान का भाजपा और अकाली दल की ओर से समर्थन किया गया है तो वहीं कांग्रेस और वामपंथी दलों ने उसके दायरे पर ही सवाल उठा दिया है। कांग्रेस नेता जयराम रमेश की ओर से चुनाव आयोग को दिए गए जवाब में कहा गया है कि यह ऐसा मसला है, जो आपके दायरे में नहीं आता। उन्होंने अपने जवाब में कहा कि न तो सरकार, ना ही अदालत और ना चुनाव आयोग के अधिकार क्षेत्र में आता है कि वह ऐसे मुद्दों पर कोई निर्णय लें। यही नहीं उन्होंने चुनाव आयोग से कहा कि वह इस पर कोई भी फैसला न ले, यही बेहतर होगा।
यही नहीं संविधान में दिए नियमों का हवाला देते हुए कांग्रेस ने चुनाव आयोग को उसके अधिकार क्षेत्र की याद दिलाई है। कांग्रेस ने अपने लेटर में कहा कि चुुनाव आयोग का यह काम है कि वह फ्री एंड फेयर इलेक्शन कराए। इसके लिए आर्टिकल 324 में उसे अधिकार दिए गए हैं। कांग्रेस ने कहा कि आयोग के पास अधिकार है कि वह नफरती भाषण, सांप्रदायिक तनाव फैलाने वाली चीजों या प्रभाव के बेजा इस्तेमाल पर रोक लगाए। लेकिन जैसे प्रस्ताव की बात की गई है, वैसा कुछ भी करने के लिए संसद से एक अलग कानून पारित कराना होगा। फिलहाल ऐसे किसी प्रस्ताव पर फैसला लेना उसके अधिकार क्षेत्र में नहीं आता है।
आयोग को उलटे दी सीख, कहा- पहले मौजूदा कानून लागू करो
यही नहीं कांग्रेस की ओर से चुनाव आयोग को उलटे सीख दी गई है। पार्टी का कहना है कि चुनाव आयोग को सबसे पहले मौजूदा कानूनों को ही ढंग से लागू करने पर ध्यान देना चाहिए। कांग्रेस ने कहा कि एक नियम तो यही है कि चुनाव के दौरान कोई भी राजनीतिक दल सुरक्षा बलों की उपलब्धियों का जिक्र करते हुए श्रेय नहीं लेगा। उसका राजनीतिक लाभ लेने का प्रयास नहीं करेगा। लेकिन 2019 के आम चुनाव में ऐसा ही हुआ था, जब पीएम और गृह मंत्री ने सीधे तौर पर सेना की उपलब्धियों का श्रेय लेने का प्रयास किया। कांग्रेस ने कहा कि इस मामले में हमने सुप्रीम कोर्ट तक जाकर मांग की थी कि आयोग सुनवाई करे, लेकिन हमारी अर्जी को खारिज कर दिया गया।
आयोग को फ्रीबीजी की परिभाषा में सुधार का दिया सुझाव
कांग्रेस ने कहा कि इसी तरह कई मौकों पर आचार संहिता का उल्लंघन किया गया। इसके साथ ही फ्रीबीज की परिभाषा भी कांग्रेस ने बताते हुए कहा कि हर राजनीतिक दल चुनाव में वादे करता है। उसके बाद यदि सरकार बनती है तो उसकी ओर से उन वादों को पूरा करने का प्रयास भी किया जाता है। हालांकि कई मौकों पर ऐसा भी होता है कि वह प्रयास पूरा नहीं होता है, लेकिन अगले चुनाव में फिर उस पर आगे बढ़ने की बात कही जाती है। यह बात कहना बहुत कठिन है कि कौन सा वादा कितना पूरा हो पाएगा। ऐसे में फ्रीबीज की परिभाषा में सुधार की जरूरत है।

   नई दिल्ली /शौर्यपथ  /तेलंगाना की राजनीति में बुधवार से ही हलचल तेज है। पुलिस ने तीन लोगों को हिरासत में लिया है, जिन पर आरोप है कि वे टीआरएस के 4 विधायकों को घूस दे रहे थे ताकि वे पाला बदल लें। सूत्रों का कहना है कि एक प्रमुख नेता को इस डील के तहत 100 करोड़ रुपये का ऑफर दिया गया था। टीआरएस विधायक पायलट रोहित रेड्डी ने इस मामले में शिकायत दर्ज कराई थी। वह तंदूर विधानसभा से विधायक हैं और उनका कहना था कि उन्हें भी रिश्वत के लिए ऑफर किया गया था। विधायक ने कहा कि मेरी ही टिप पर पुलिस ने ऐक्शन लिया और तीन लोगों को हिरासत में ले लिया।

वहीं साइबराबाद पुलिस कमिश्नर स्टीफन रवींद्र ने भी कहा कि टीआरएस के विधायकों ने ही पुलिस को बुलाया था। इन लोगों का दावा था कि उन्हें रिश्वत दी जा रही ताकि वे पार्टी बदल लें। विधायकों का कहना है कि उन्हें बड़ी रकम दी गई ताकि वे पार्टी बदल लें। इसके एवज में उन्हें पैसों के अलावा ठेके और पदों का भी ऑफर दिया गया था। सूत्रों के हवाले से दावे किए जा रहे हैं कि एक बड़े नेता को 100 करोड़ रुपये का ऑफर दिया गया। इसके अलावा सभी विधायकों को भी 50-50 करोड़ रुपये ऑफर किए गए। पुलिस की रेड के बाद टीआरएस के चारों विधायकों को सीएम के. चंद्रशेखर राव के आवास पर ले जाया गया।

इन तीन लोगों को पुलिस ने हिरासत में लिया, जानिए कौन

फिलहाल पुलिस ने जिन लोगों ने हिरासत में लिया है, उनमें सतीश शर्मा उर्फ रामचंद्र भारती जो हरियाणा के फरीदाबाद में पुजारी हैं। इसके अलावा तिरुपति के साधु डी. सिमैयाजी और हैदराबाद के कारोबारी नंदकुमार को हिरासत में लिया गया है। दावा किया जा रहा है कि ये तीनों लोग एक भाजपा नेता के इशारे पर काम कर रहे थे। हालांकि इन दावों की स्वतंत्र रूप से कोई पुष्टि नहीं की जा सकती। सतीश शर्मा और डी. सिमैयाजी को कुछ तस्वीरों में भाजपा नेताओं के साथ देखा जा सकता है। फिर भी यह पुष्टि नहीं हो सकी है कि वे भाजपा नेताओं या फिर पार्टी के इशारे पर ही काम कर रहे थे।

केंद्रीय मंत्री के साथ वीडियो वायरल, बोले- फोटो बहुत लोग खिंचवाते हैं

इसी मामले में हिरासत में लिए गए कारोबारी नंद कुमार के सोशल मीडिया पर वीडियो वायरल हो रहे हैं, जिसमें वह केंद्रीय़ मंत्री जी. किशन रेड्डी के साथ नजर आते हैं। हालांकि नंद कुमार ने भाजपा की ओर से विधायकों को खरीदने की किसी साजिश से इनकार किया है। खुद मंत्री किशन रेड्डी का कहना है कि हमारे साथ बहुत से लोग तस्वीरें खिंचवाते रहते हैं और उसके आधार पर कोई संबंध नहीं बताना चाहिए। पुलिस का कहना है कि ये तीन लोग फेक आईडी पर हैदराबाद आए थे। बता दें कि अगस्त में भाजपा के एक नेता ने दावा किया था कि टीआरएस के 18 विधायक जल्दी ही भाजपा में शामिल हो सकते हैं।

        नई दिल्ली / शौर्यपथ  /हिमाचल प्रदेश विधानसभा चुनाव की तैयारियां जारी हैं। इधर, अंतरराष्ट्रीय स्तर पर देखें तो रूस और यूक्रेन के बीच भी युद्ध चल रहा है। अब सवाल है कि हिमाचल और विदेशी तनाव का आपस में क्या संबंध है? अगर स्थानीय मुद्दों को देखें, तो दून क्षेत्र के लोग कारोबार पर युद्ध के असर भी गिना रहे हैं। इस स्थिति को विस्तार से समझते हैं।
हिमाचल प्रदेश के बद्दी को एशिया का सबसे बड़ा फार्मास्यूटिकल हब कहा जाता है। यह छोटा सा शहर राज्य के औद्योगिक राजस्व में करीब आधा योगदान देता है। वहीं, यह रोजगार का भी बड़ा गढ़ है। बद्दी-बरोटीवाला-नालागढ़ (BBN) औसतन 23 किमी लंबा है। यहां 2200 औद्योगिक इकाइयां हैं, जिनमें करीब 450 फार्मा के काम में जुटी हुई हैं। इंडियन एक्सप्रेस की रिपोर्ट के अनुसार, यहां रहने वाले और कारोबारी बढ़ती महंगाई और रूस-यूक्रेन युद्ध के असर बता रहे हैं।
नोटों पर किसका हो फोटो, आंबेडकर से शिवाजी तक नेताओं ने पेश कर दिए ये उम्मीदवार
कैसे पड़ रहा है असर
फार्मा के अलावा बद्दी टेक्सटाइल हब भी है। कहा जा रहा है कि यह उद्योग भी संकट में है। रिपोर्ट के मुताबिक, बद्दी टेक्सटाइल से जुड़े सूत्रों ने कहा, 'देश में महंगाई और यूक्रेन युद्ध ने हमपर असर डाला है।' एक अधिकारी का कहना है कि 2022 में की गई खरीदी कोविड से पहले हुई खरीदी का एक छोटा सा हिस्सा है। उन्होंने कहा, 'रूस-यूक्रेन युद्ध के चलते हुए ऊर्जा संकट के कारण यूरोप से कोई ऑर्डर नहीं हैं। ऊर्जा जरूरतों को पूरा करने के लिए यूरोप परिधान जैसी चीजों पर ज्यादा खर्च नहीं कर रहा है।'
ये भी बड़े मुद्दे
स्थानीय स्तर पर ट्रांसपोर्ट की भी परेशानी है। बद्दी में एशिया का सबसे बड़ा ट्रांसपोर्ट यूनियन है, जिसमें 10 हजार से ज्यादा ट्रक हैं। अब यूनियन बाहर के ट्रक चालकों को क्षेत्र में आने की अनुमति नहीं देता है, जिसके चलते बड़े कारोबारी ट्रांसपोर्ट की बढ़ी कीमतों की शिकायत कर रहे हैं।
यहां बद्दी और चंडीगढ़ को जोड़ने वाले रेलवे ट्रैक का भी इंतजार जारी है। 28 किमी लंबे इस ट्रैक में 25 किमी भाजपा शासित हरियाणा में है। जबकि, 3 किमी हिमाचल प्रदेश में है। इस परियोजना का खर्च 1770 करोड़ रुपये से ज्यादा का है।
BBN में आवास भी एक बड़ा मुद्दा है। साथ ही बद्दी से नालागढ़ तक खराब सड़क भी एक मुद्दे के रूप में सामने आया है। हालांकि, फोर लेन रोड का काम जारी है।
पिछला चुनाव
बीते विधानसभा चुनाव में दून सीट से भारतीय जनता पार्टी के परमजीत सिंह ने जीत दर्ज की थी। वह इस बार भी मैदान में हैं। मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर नामांकन दाखिल करने के दौरान उनके साथ मौजूद रहे। 2017 में कांग्रेस प्रत्याशी राम कुमार दूसरे स्थान पर रहे थे।

       नई दिल्ली /शौर्यपथ  /जम्मू-कश्मीर सरकार ने पीपुल्स डेमोक्रेटिक पार्टी   की अध्यक्ष और पूर्व मुख्यमंत्री महबूबा मुफ्ती से 15 नवंबर तक या उससे पहले अपना सरकारी बंगला खाली करने का आदेश दिया। जम्मू-कश्मीर संपदा विभाग ने सुश्री मुफ्ती को  गुप्कर रोड स्थित 'फेयरव्यू' बंगला खाली करने का आदेश दिया है। आदेश में कहा गया है कि मुफ्ती 'अनधिकृत' रूप से इस बंगले में रह रही हैं।
आदेश में स्पष्ट किया गया है कि मुफ्ती को आवंटित बंगला उन्हें 27 अप्रैल 2017 को तत्कालीन राज्य की मुख्यमंत्री के तहत छह महीने के लिए दिया गया था और इसे बाद में इसे  31 अक्टूबर 2018 तक बढ़ा दिया गया था और इसके बाद इसमें कोई विस्तार नहीं किया गया।
नोटों पर किसका हो फोटो, आंबेडकर से शिवाजी तक नेताओं ने पेश कर दिए ये उम्मीदवार
आदेश में कहा गया है कि उसके बाद वह अब सरकारी बंगले की हकदार नहीं थीं, क्योंकि कानूनी प्रावधान जिसके तहत पूर्व मुख्यमंत्री विभिन्न सुविधाओं के हकदार थे, भारत सरकार द्वारा 2020 में निरस्त कर दिया गया था।  सरकार ने कहा कि पूर्व में बेदखली के नोटिस पर मुफ्तीका जवाब  22 अक्टूबर को मिला था।
उन्होंने कहा, 'आपने ( मुफ्ती) जो तथ्य रखे हैं वे आपको सरकारी आवास को बनाए रखने के लिए कहीं से भी हक नहीं देते हैं। विशेष रूप से ऐसे में जब सरकार ने आपको सुरक्षा या किसी अन्य आधार पर वैकल्पिक आवास प्रदान करने की अपनी इच्छा को लिखित रूप में सूचित किया है। अब, इसलिए, जम्मू- कश्मीर सार्वजनिक परिसर (अनधिकृत कब्जेदारों की बेदखली) अधिनियम, 1988 की धारा 5 की उप-धारा (1) के तहत प्रदत्त शक्तियों का प्रयोग करते हुए आदेश दिया जाता है कि महबूबा मुफ्ती, पूर्व मुख्यमंत्री और सभी व्यक्ति जो अनुसूचित परिसर या उसके किसी हिस्से पर कब्जा कर रहे हैं, वे 15.11.2022 को या उससे पहले निर्धारित परिसर को खाली कर सकती हैं।'
आगे कहा गया है, 'निर्दिष्ट अवधि के भीतर इस आदेश का पालन करने से इनकार करने या विफल होने की स्थिति में, जम्मू- कश्मीर सार्वजनिक परिसर (अनधिकृत कब्जाधारियों की बेदखली) अधिनियम, 1988 की धारा 5 की उप-धारा (2) के प्रावधान आपके खिलाफ लागू किए जाएंगे।' फेयरव्यू बंगला वर्ष  2005 में मुफ्ती के पिता मुफ्ती मोहम्मद सईद को आवंटित किया गया था, जब उन्होंने मुख्यमंत्री कार्यालय छोड़ दिया था।

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