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शौर्यपथ /शरीर में कोई बीमारी होती है तो इसके लक्षण सबको साफ पता चलते हैं। लोग इनका इलाज भी करवाते हैं। मेंटल हेल्थ के बारे में कम जागरूकता और गलतफहमियों के चलते लोग इसे इग्नोर करते रहते हैं। अगर आप दिमागी रूप से परेशान या तनाव में हैं तो आपको कई गंभीर बीमारियां होने का खतरा रहता है। हेल्दी रहने के लिए स्ट्रेस फ्री रहना बहुत जरूरी है। स्ट्रेस बॉडी का नॉर्मल रिऐक्शन है लेकिन यह हद से ज्यादा बढ़ जाए तो आपके लिए खतरा बन सकता है। यहां कुछ लक्षण हैं जिनसे आप पहचान सकते हैं कि कहीं आपका स्ट्रेस लेवल जरूरत से ज्यादा तो नहीं बढ़ गया।
तनाव में शरीर करता है रिऐक्ट
तनाव सबको होता है। जब हम किसी बदलाव या किसी चैलेंज का सामना करते हैं तो शरीरिक और मानसिक स्तर पर रिऐक्शन होते हैं, इसे ही तनाव कहते हैं। स्ट्रेस पॉजिटिव भी हो सकता है। हमारा दिमाग प्रकृति ने कुछ इस तरह से बनाया है कि वह खतरा देखते ही फाइट ऐंड फ्लाइट मोड में आ जाता है। स्ट्रेस के वक्त भी दिमाग उस सिचुएशन से मुकाबला करने के लिए शरीर को तैयार करता है। लेकिन अगर आप लंबे वक्त तक तनाव में रहते हैं तो इससे शरीर को नुकसान पहुंचने लगता है। जिस वजह से फिजिकल और इमोशनल कई तरह के लक्षण दिखने लगते हैं।
मानसिक लक्षण
आपको छोटी-छोटी बात पर रोना आ जाता है या ज्यादा इमोशनल फील करते हैं।
चीजें भूलने लगे हैं या कहीं कॉन्संट्रेट नहीं कर पाते।
किसी काम को पूरा करने में जरूरत से ज्यादा वक्त लग रहा है या किसी चीज का डिसीजन लेने में दिक्कत हो रही है।
स्ट्रेस को कम करने के लिए शराब या ड्रग्स लेने लगे हैं।
शारीरिक लक्षण
दिल की धड़कन बढ़ी हुई है सीने पर भारीपन लग रहा है।
सिर में दर्द है, खासतौर पर आंखों के बगल में टेम्पल्स पर।
डाइजेशन से जुड़ी दिक्कतें हो रही हैं, कब्ज या डायरिया हो रहा है।
वजन कम हो रहा है, भूख नहीं लगती या ज्यादा भूख लगने लगी है।
थकान महसूस होती है और लोगों से मिलने-जुलने का मन नहीं करता।
नींद आनी कम हो गई है या जरूरत से ज्यादा सो रहे हैं।
ऐसे मैनेज करें स्ट्रेस
स्ट्रेस लंबे वक्त तक रहे तो आपको एंग्जाइटी, डिप्रेशन और पैनिक अटैक हो सकते हैं। अगर आपको कोई बात परेशान कर रही है तो किसी करीबी से साझा करें। जब भी किसी बात को लेकर टेंशन होने लगे तो शरीर को ऐक्टिव करें। गहरी सांस लें, एक्सरसाइज करें या टहलें। अपनी उपलब्धियों और जिंदगी के सबसे अच्छे वक्त को याद करें। खुद से कंट्रोल नहीं हो रहा तो बिना वक्त गवाए किसी थेरपिस्ट की मदद लें।
योग /शौर्यपथ / दुनियाभर में 10 अक्टूबर का दिन वर्ल्ड मेंटल हेल्थ के रूप में मनाया जाता है। इस खास दिन को मनाने के पीछे का उद्देश्य लोगों को दिमागी सेहत के प्रति जागरूक करना है। एक खुशहाल जीवन जीने के लिए व्यक्ति का दिमाग शांत होना बेहद जरूरी है। जिसमें योग अहम भूमिका निभा सकता है। रोजाना महज 15-20 मिनट योग करने से व्यक्ति अपने दिमाग को स्ट्रेस फ्री कर सकता है। आज इस खास मौके पर जानते हैं कुछ ऐसे योगासनों के बारे में, जिन्हें रोजाना करने से आप रह सकते हैं फ्री।
भुजंगासन-
भुजंगासन या कोबरा पोज के नियमित अभ्यास से सेहत को काफी फायदा होता है। कमर या पीठ के दर्द से परेशान लोगों को फायदा पहुंचाने के साथ यह आसन शरीर में खून का संचार सही करने, मानसिक स्वास्थ्य को बढ़ावा देने और कई अन्य तरह की समस्याओं के खतरे को कम करने में भी मदद करता है। इसके अलावा शरीर को कई तरीकों से फायदा पहुंचाने वाला यह आसन पेट की चर्बी कम करने के साथ मानसिक शांति प्रदान करने में भी मदद करता है। इस आसन को करने के लिए सबसे पहले एक योगा मैट पर पेट के बल लेट जाएं। इसके बाद दोनों हाथों को जमीन पर अपनी छाती के बराबर रखते हुए सांस भरते हुए दोनों हाथों पर अपना वजन डालते हुए शरीर को ऊपर उठाएं और सिर को पीछे की ओर ले जाएं। ध्यान रहें, ऐसा करते समय कमर से नीचे का हिस्सा जमीन से लगा होना चाहिए। इस आसन में 20 से 30 सेकंड तक खुद को होल्ड करें।
सेतुबंधासन
ब्रिज पोज को सेतुबंधासान के नाम से पहचाना जाता है। इस आसन के अभ्यास से भी न सिर्फ शरीर बल्कि दिमाग भी चुस्त-दुरुस्त रहता है। सुबह इस आसन को करने से व्यक्ति पूरा दिन चार्ज रहता है। सेतुबंधासन (Setu Bandhasana) एक ऐसा आसन है, जिसमें शरीर को “U” की आकृति में मोड़ना पड़ता है। इसमें शरीर एक पुल यानी ब्रिज की तरह लगता है। सेतुबंधासन को खाली पेट करना चाहिए। इसके साथ ही इसे सुबह के समय करना लाभदायक होता है। अगर आप इसे शाम को करने वाले हैं, तो ध्यान रहे कि इसे खाना खाने से 5 या 6 घंटे पहले करें। यह आसन पीठ के निचले हिस्से में दर्द और टखने, कूल्हे, पीठ, जांघों और कंधे की अकड़ को दूर करने में के लिए प्रभावी है। इसे करने के लिए सबसे पहले आपको योगा मैट पर पीठ के बल लेटना है। इसके बाद पैरों को घुटनों से मोड़कर दोनों पैरों पर वजन डालते हुए हिप्स को ऊपर उठाएं। हाथों से चाहें तो पैर के पिछले हिस्से को पकड़ लें या फिर उंगली को आपस में फंसा लें। इस स्थिति में रहते हुए 15 से 20 बार सांस लें और छोड़ें।
उत्तानासन-
उत्तानासन की मदद से पीठ, हिप्स और टखनों के दर्द को कम करने में मदद मिलती है। साथ ही शरीर अच्छे से स्ट्रेच भी होता है। इसके अलावा इस योगासन को करके आप अपने दिमाग को शांत करके तनाव से दूर रह सकते हैं। उत्तानासन को करने के लिए सबसे पहले मैट पर सीधे खड़े होकर लंबी गहरी सांस भरते हुए दोनों हाथों को ऊपर उठाएं। अब धीरे-धीरे सांस छोड़ते हुए कमर से बॉडी को नीचे झुकाएं और हाथों से पैर के पंजों को छूने की कोशिश करें। इस आसन में कम से कम 50 सेकेंड रुकने का प्रयास करें।
आस्था /शौर्यपथ /शिव के विभिन्न रूपों में से एक महाकाल तीर्थ नगरी उज्जैन में विराजमान है। प्रत्येक सोमवार को भस्म आरती के समय मंदिर के कपाट दर्शन करने के लिए खोले दिए जाते हैं। महाकाल को उज्जैन का राजा भी कहा जाता है। महाकालेश्वर ज्योतिर्लिंग का वर्णन शिव पुराण सहित कई अन्य ग्रंथों में मिलता है।
सबसे पहले महाकाल को ठंडे जल से स्नान कराया जाता है। उसके बाद उनका पंचामृत से अभिषेक किया जाता है। स्नान के बाद महाकाल का फूल, भस्म और माला से बेहद सुंदर श्रृंगार किया जाता है। शिव के इस अलौकिक स्वरूप का श्रृंगार बेहद मनमोहक होता है। महाकाल को रुद्राक्ष से बनी माला अर्पित की जाती है।
धार्मिक मान्यताओं के अनुसार भस्म आरती होने के बाद भगवान निराकार से साकार रूप में दर्शन देते हैं। 12 ज्योतिर्लिंगों में महाकालेश्वर एकमात्र ऐसा ज्योतिर्लिंग है, जो दक्षिण मुखी है। दक्षिण दिशा का स्वामी यमराज है इसलिए इस सभी ज्योतिर्लिंगो को विशेष महत्व दिया गया है। यमराज यानी काल का स्वामी इसलिए इस ज्योतिर्लिंग को महाकाल भी कहा जाता है।
उज्जैन के लोग महाकाल को अपना राजा मानते हैं। धार्मिक मान्यताओं के अनुसार कोई भी शुभ काम करने से पहले महाकाल को निमंत्रण दिया जाता है। ऐसा करने से कोई भी मुश्किल काम आसान हो जाता है और स्वयं महाकाल अपना आयोजन पर अपना आशीर्वाद देने आते हैं। महाकाल मंदिर में भस्म आरती निर्वाणी अखाड़ा के लोग करते हैं।
मनोरंजन /शौर्यपथ /निर्देशक मणि रत्नम की फिल्म 'पोन्नियिन सेल्वन-1' ने बॉक्स ऑफिस पर तहलका मचा दिया है। फिल्म ब्लॉकबस्टर हिट साबित हुई है और इस फिल्म को देखकर आने वालों के लिए अब एक गुड न्यूज आई है। पहला पार्ट सुपरहिट होने के बाद अब मेकर्स ने PS2 की तैयारी शुरू कर दी है। फिल्म की रिलीज डेट भी सामने आ गई है और आपको बता दें कि PS2 के लिए आपको ज्यादा इंतजार नहीं करना होगा।
कब रिलीज होगी Ponniyin Selvan 2?
फिल्म PS1 यानि Ponniyin Selvan 1 को बॉक्स ऑफिस पर उम्मीद से बेहतर ओपनिंग मिली थी और फिल्म का बिजनेस लगातार बेहतर होता चला गया। फिल्म के दूसरे पार्ट के बारे में ट्रेड विशेषज्ञ तरण आदर्श ने बताया, 'PS2 आपको 2023 की गर्मियों में देखने को मिलेगी। अगले कुछ हफ्तों में रिलीज की सटीक तारीख भी बता दी जाएगी।'
PS2 के लिए पक्की हो रही है जमीन
तरण आदर्श ने लिखा है कि PS1 को लेकर सैटेलाइट, डिजिटल पर बढ़ा फैन बेस PS2 के लिए अच्छी-खासी हाइप बना रहा है। प्रोड्यूसर्स ने Ponniyin Selvan 2 का पोस्ट प्रोडक्शन शेड्यूल तय कर लिया है और लगातार आगे बढ़ रहे हैं। #PS1 की सैटेलाइट और डिजिटल रिलीज इस फैन बेस को और बढ़ाएगी जो PS2 के लिए माहौल तैयार करेगी।
बॉक्स ऑफिस पर PS1 का जलजला
बता दें कि Ponniyin Selvan 1 (PS1) ने एक हफ्ते के अंदर ही वर्ल्डवाइड बॉक्स ऑफिस पर 300 करोड़ रुपए से ज्यादा का ग्रॉस कलेक्शन किया है। तकरीबन 130 करोड़ रुपए के आसपास की कमाई तो फिल्म ने सिर्फ तमिलनाडु से कर ली है। जाहिर है कि साउथ की एक और फिल्म दर्शकों को एंटरटेन और इंप्रेस कर पाने में कामयाब रही है।
ब्यूटी टिप्स /शौर्यपथ / चेहरे से गंदगी हटानी हो या फेशियल हेयर्स को छुपाना हो, ज्यादातर महिलाएं इसके लिए ब्लीच का इस्तेमाल करती हैं। ब्लीच एक फेमस ब्यूटी प्रोडक्ट है जिसे फेशियल और क्लीनअप से पहले इस्तेमाल करने की सलाह दी जाती है। वैसे तो पार्लर में एक्सपर्ट्स इसे अपनी समझ से अच्छे से करते हैं लेकिन इसके दाम काफी ज्यादा होते हैं तो महिलाएं बाजार से किट लेकर आती हैं और घर पर इसे करना पसंद करती हैं। हालांकि, कई बार कुछ गलतियों के कारण चेहरे जल भी जाता है। करवाचौथ आने वाला है और इस खास दिन से पहले अगर आप ब्लीच करने वाली हैं तो यहां जानिए इसे करने का सही तरीका।
घर पर ब्लीच करने का सही तरीका
1) चेहरा करें तैयार
फेस ब्लीच हो या फिर फेस पैक कुछ भी लगाने से पहले चेहरे को साफ करना बहुत जरुरी है। अपने चेहरे को ठंडे पानी से धोएं, माइल्ड फेस वॉश का इस्तेमाल कर सकते हैं।
2) ब्लीच क्रीम लगाएं
ब्लीच को अपने पूरे चेहरे पर बालों के बढ़ने की दिशा में लगाएं। अपने माथे, गाल और गर्दन मोटी लेयर, आंखों के नीचे और नाक के आसपास इसे लगाने से बचें। होठों के ऊपर ब्लीच की एक बहुत पतली लेयर लगाएं और इसे पंद्रह मिनट के लिए छोड़ दें और फिर ठंडे पानी से धोएं।
3) त्वचा को आराम दें
ब्लीच के बाद अपनी स्किन को आराम देना जरूरी है। इसके लिए किसी सूदिंग फेस पैक का इस्तेमाल करें जो आपके चेहरे की जलन को शांत कर सके। आप घर पर भी फेस पैक बना सकती हैं।
व्रत त्यौहार /शौर्यपथ /करवाचौथ का पर्व बेहद नजदीक है। ऐसे में अगर आप इस करवाचौथ पूजा की थाली में पति का मुंह मीठा करवाने के लिए अपने हाथों से बनी कोई मिठाई रखना चाहते हैं तो जरूर ट्राई करें केसर पेड़ा की ये टेस्टी और आसान रेसिपी। केसर पेड़ा एक पारंपरिक मिठाई है जिसका स्वाद बच्चे हों या बड़े काफी पसंद करते हैं। इस रेसिपी की खासियत यह है कि यह किसी खास मौके पर बनाकर खाई जाती है। तो आइए रिश्तों में घोले मिठास और प्यार का रंग इस टेस्टी केसर पेड़ा रेसिपी के साथ।
केसर पेड़ा बनाने के लिए सामग्री-
-खोया – 2 कप
-दूध – 1 टेबलस्पून
-इलायची पाउडर – 1/4 टी स्पून
-चीनी – 1/2 कप
-केसर – 1/4 टी स्पून
केसर पेड़ा बनाने की विधि-
केसर पेड़ा बनाने के लिए सबसे पहले एक बाउल में खोया लेकर उसका अच्छी तरह चूरा कर लें। अब एक दूसरे बर्तन में केसर के धागे और 1 टेबलस्पून दूध डालकर घोल लें। अब कड़ाही को मध्यम आंच पर गर्म करके उसमें खोया डालकर लगभग 10 मिनट तक चलाते हुए पकाएं। जब मावा अच्छी तरह भुन जाए तो गैस बंद करके उसे थाली में फैला दें।
जब मावा 15-20 मिनट बाद हल्का गर्म रह जाए तो उसमें इलायची पाउडर, केसर वाला दूध और स्वादानुसार चीनी डालकर अच्छी तरह सभी चीजों को एक साथ मिलाकर ढककर आधा घंटे के लिए फ्रिज में रख दें। मावा को तय समय के बाद फ्रिज से निकालकर आटे जैसा गूंथ लें। अब मिश्रण को बराबर भागों में बांटकर उसे पेड़े का आकार दें। इसके बाद हर पेड़े पर एक-दो केसर के धागे रखकर हल्के हाथ से दबा दें। इसी तरह सारे पेड़े तैयार करके एक बार फिर ढककर फ्रिज में 4-5 घंटे के लिए रख दें ताकि पेड़े अच्छी तरह से जम जाएं। आपके टेस्टी केसर पेड़ा सर्व करने के लिए तैयार हैं।
खाना खजाना /शौर्यपथ / ज्यादातर लोग कच्चे केले की सब्जी बनाने के लिए केले का इस्तेमाल करते हैं और उसके छिलके कूड़ेदान में फेंक देते हैं। लेकिन क्या आप जानते हैं कच्चे केले के छिलके में केले से ज्यादा आयरन होता है जो सेहत के लिए बहुत फायदेमंद होता है। ऐसे में केले का भरपूर फायदा उठाने के लिए आज के बाद जब भी कच्चा केला बाजार से खरीदकर लाएं तो उसके छिलके फेंके नहीं बल्कि इसकी टेस्टी चटनी बना लें। जी हां ये चटनी खाने में इतनी स्वादिष्ट होती है कि आप धनिया-पुदीना की चटनी तक खाना भूल जाएंगे। तो आइए बिना देर किए जानते हैं कैसे बनाई जाती है केले के छिलके की चटनी।
कच्चे केले के छिलके की चटनी बनाने के लिए सामग्री-
-कच्चे केले के छिलके- 6
-कसा हुआ नारियल- 1/2 कप
-खसखस का पेस्ट- 3 टेबल स्पून
-हरी मिर्च- 6
-कलौंजी- 1 टेबल स्पून
-सरसों का तेल- 2 टेबल स्पून
-नमक- स्वादानुसार
कच्चे केले के छिलके की चटनी बनाने का तरीका-
कच्चे केले के छिलके की चटनी बनाने के लिए सबसे पहले कच्चे केले के छिलके लेकर उसमें एक चुटकी नमक डालकर तब तक उबालें जब तक यह थोड़ा नर्म न हो जाएं। लेकिन ऐसा करते समय इस बात का ध्यान रखें कि इसे ज्यादा नहीं उबालना है वरना इसका स्वाद बनने के बाद अच्छा नहीं होगा। उबालते समय पानी में सरसों की तेल की कुछ बूंदें भी डाल दें, ऐसा करने से बर्तन में दाग नहीं लगता है।
अब इन उबले हुए छिलको को ठंडा करके इसमें कटी हुई हरी मिर्च, कसा हुआ नारियल, खसखस का पेस्ट और एक चुटकी नमक डालकर मिक्सी में दो टेबल स्पून पानी के साथ ब्लेंड कर लें। अब इस पेस्ट को एक कटोरी में निकालकर हाथों से मसल लें। एक पैन में चटनी का तड़का तैयार करने के लिए कलौंजी डालें और इसमें बनी हुई चटनी को डालकर अच्छे से मिला लें। अगर आपको चटनी में तड़का नहीं लगाना है तो आप इस चटनी के ऊपर एक टेबल स्पून सरसों का तेल डालकर अच्छे से मिला लें। आपकी केले के छिलके से बनी चटनी बनकर तैयार है।
ब्यूटी टिप्स /शौर्यपथ /करवाचौथ पर हर महिला सबसे खूबसूरत दिखना चाहती है। इसके लिए कपड़ों से लेकर मेकअप तक हर चीज की खास तैयारी होती है। बालों आपकी पर्सनैलिटी का अहम हिस्सा होते हैं। इस मौके पर हेयरकेयर को कैसे इग्नोर किया जा सकता है। इसके लिए पार्लर में पैसे बर्बाद करने से बेहतर है आप घर पर स्पा ट्राई करें। होममेड मास्क और स्पा करके आप बेजान बालों को शाइनी और स्मूद बना सकती हैं। होममेड स्पा केमिकल फ्री होता है तो बालों को नुकसान नहीं होगा। ये ट्रीटमेंट आप बिना किसी ओकेजन के भी अपने बालों पर कर सकती हैं।
ऑलिव ऑइल स्पा
ऑलिव ऑइल (जैतून का तेल) अच्छा कंडीशनर होता है। यह बालों को हाइड्रेट करता है। ऑलिव ऑइल से स्पा करने के लिए बालों में अच्छी तरह से ऑलिव ऑइल की मसाज कर लें। अब एक बर्तन में पानी गरम करके बालों को 10 मिनट तक स्टीम दें। इसके बाद गुनगुने पानी में टॉवल भिगाकर निचोड़ लें। इसे बालों पर लपेट लें। ऐसे 10 मिनट तक छोड़ दें। इसके बाद बालों में शैंपू कर लें।
ऐलोवेरा जेल स्पा
फ्रेश ऐलोवेरा जेल लें। अगर आपके यहां पेड़ नहीं है तो बाजार का जेल ले सकती हैं। इसमें ऑलिव ऑइल या नारियल का तेल मिलाकर फेंट लें। बालों की पतली-पतली लट लेकर इससे अच्छी तरह मसाज करें। इसे बालों पर आधे घंटे के लिए लगा छोड़ दें। अब गुनगुने पानी में टॉवल भिगाकर बालों पर 10 मिनट लपेटें, इसके बाद शैंपू कर लें।
दही स्पा
दही बालों के लिए काफी अच्छे कंडीशनर का काम करता है। दही में ऑलिव ऑइल या नारियल तेल मिलाकर फेंट लें। अगर बहुत गाढ़ा लग रहा हो तो इसमें थोड़ा दूध मिला सकती हैं। अब इसे भी बालों की पतली-पतली लटों पर लगा लें। आधे घंटे लगा रहने दें फिर शैंपू से धो लें।
बस्तर / शौर्यपथ / मुख्यमंत्री श्री भूपेश बघेल अपने एक दिवसीय बस्तर प्रवास के दौरान जगदलपुर के लालबाग स्थित सशस्त्र पुलिस प्रशिक्षण विद्यालय पहुंचे, यहां उन्होंने बस्तर फाइटर्स के नवनियुक्त आरक्षकों से मुलाकात की। उन्होंने आरक्षकों को शुभकामनाएं देते हुए कहा कि बस्तर में शांति-सुरक्षा के साथ बस्तर के चहुंमुखी विकास में योगदान देना फाइटर्स के लिए एक बड़ी जिम्मेदारी होगी और पूरा विश्वास है कि बस्तर के युवा इस जिम्मेदारी को बखूबी निभाएंगे। उन्होंने आगे कहा कि बस्तर पूर्व में ही शांति के टापू के नाम से जाना जाता था, परंतु लाल आतंक के कारण यहां विकास की प्रक्रिया थम सी गई थी। आज परिस्थिति बदल गई हैं और नक्सलवाद काफी हद तक सिमट गया है। अब शीघ्र ही यह अपने शांति के टापू के नाम को सार्थक करेगा। बस्तर के युवाओं को मुख्य धारा में लाने के लिए राज्य शासन द्वारा बस्तर फाइटर्स की नियुक्ति की गई है, जिसमें संभाग के सभी जिले के युवाओं को मौका मिला है। बस्तर संभाग के सभी जिलों के स्थानीय युवाओं की भर्ती के लिए 2100 पदों का सृजन किया गया। स्थानीय युवाओं को नियुक्त करने का प्रमुख उद्देश्य जनता के बीच विश्वास कायम करना था। अब इन युवाओं का आत्मविश्वास, जोश व जुनून देखकर बहुत खुशी हो रही है। विगत वर्षों में बस्तर में विकास की एक नई बयार चली है और राज्य शासन ने बस्तर के विकास को अब सर्वोच्च प्राथमिकता में रखकर यहां शिक्षा, स्वास्थ्य और बुनियादी ढांचे पर पूरा ध्यान दिया है, जिसके कारण ग्रामीणों में शासन के प्रति एक नया विश्वास, नया भरोसा पैदा हुआ है।
इस दौरान नव प्रशिक्षु आरक्षकों ने भी अपने अनुभव और नियुक्ति के उद्देश्य के संबंध में मुख्यमंत्री को अवगत कराया। उल्लेखनीय है कि बस्तर फाइटर्स में युवक-युवतियों के साथ-साथ 09 ट्रांसजेंडरों को भी नियुक्त दी गई है, जो कि देश में पहली भर्ती कही जा सकती है। इसके पहले मुख्यमंत्री के पहुंचने पर महिला आरक्षकों के बैंड दल द्वारा स्वागत के लिए मधुर प्रस्तुति दी गई। साथ ही पुलिस महानिदेशक श्री अशोक जुनेजा और आईजी पी. सुंदरराज द्वारा बस्तर फाइटर्स की भर्ती के बारे में जानकारी दी, कि राज्य शासन द्वारा बस्तर संभाग के अन्तर्गत बस्तर फाइटर्स नामक विशेष बल के गठन हेतु कुल 2800 नवीन पदों की स्वीकृति दी गई है।जिसमें राजपत्रित और अराजपत्रित पुलिस अधिकारियों सहित प्रधान आरक्षक तथा आरक्षक के पद सम्मिलित किए गए हैं। वर्तमान में उक्त स्वीकृति के अनुरूप संभाग के सभी जिलों से कुल 2100 पुलिस आरक्षकों के पदों पर भर्ती प्रक्रिया पूर्ण कर ली गई है। उक्त विशेष बल के गठन से वनांचल में शांति स्थापना सहित सुरक्षा और विकास कार्यों को बढ़ावा देने के साथ ही नक्सल उन्मूलन अभियान को गति मिलेगी।इस अवसर पर अध्यक्ष बस्तर क्षेत्र आदिवासी विकास प्राधिकरण श्री लखेश्वर बघेल, संसदीय सचिव श्री रेखचंद जैन, अध्यक्ष छत्तीसगढ़ हस्तशिल्प विकास बोर्ड श्री चंदन कश्यप, उपाध्यक्ष बस्तर क्षेत्र आदिवासी विकास प्राधिकरण श्री विक्रम मंडावी, अध्यक्ष मछुआ कल्याण बोर्ड श्री एम.आर.निषाद, अध्यक्ष छत्तीसगढ़ अक्षय ऊर्जा विकास अभिकरण श्री मिथिलेश स्वर्णकार, विधायक चित्रकोट श्री राजमन बेंजाम, विधायक कोंडागांव श्री मोहन मरकाम, महापौर श्रीमती सफीरा साहू, सभापति नगर पालिक निगम श्रीमती कविता साहू सहित कमिश्नर बस्तर श्री श्याम धावड़, पुलिस महानिरिक्षक श्री सुंदरराज पी, बस्तर कलेक्टर श्री चंदन कुमार, वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक श्री जितेंद्र मीणा सहित क्षेत्र के जनप्रतिनिधि एवं नव आरक्षक उपस्थित रहे।
रायपुर ( बस्तर) / शौर्यपथ / मुख्यमंत्री श्री भूपेश बघेल ने शुक्रवार को एक दिवसीय बस्तर प्रवास के दौरान लोहंडीगुड़ा विकासखंड के धुरागांव में इमली प्रसंस्करण संयंत्र का शुभारंभ किया। इस अवसर पर उद्योग एवं जिले के प्रभारी मंत्री श्री कवासी लखमा, सांसद श्री दीपक बैज, हस्तशिल्प विकास बोर्ड के अध्यक्ष श्री चंदन कश्यप, स्थानीय विधायक श्री राजमन बेंजाम, मुख्य वन संरक्षक श्री मोहम्मद शाहिद, कलेक्टर श्री चंदन कुमार सहित जनप्रतिनिधि उपस्थित रहे।
मुख्यमंत्री ने इस अवसर पर संयंत्र का अवलोकन किया और संयंत्र संचालक से इसकी तकनीकी, क्षमता एवं आवश्यक मानव संसाधन के संबंध में जानकारी ली। उन्होंने धुरागाँव में इमली प्रसंस्करण संयंत्र की स्थापना पर प्रसन्नता व्यक्त करते हुए कहा कि इससे क्षेत्र में औद्योगिक निवेश की संभावना बढ़ेगी। उन्होंने कहा कि यहां रोजगार सृजन के लिए स्थानीय वनोपज और कृषि उपज का यहीं प्रसंस्करण आवश्यक है तथा यह संयंत्र इस दिशा में एक बड़ी उपलब्धि है।
संयंत्र के संचालक कार्तिक कपूर ने बताया कि इस संयंत्र में प्रतिदिन 10 मिट्रिक टन इमली गुदा, 5 मिट्रिक टन इमली चपाती और 3 मिट्रिक टन इमली बीज का पाउडर बनाने की क्षमता है। यह संयंत्र सभी आधुनिक सुविधाओं के साथ पीईबी और पफ पैनल में कुल निर्माण के 35000 वर्ग फुट के साथ 2 एकड़ में फैला हुआ है। खाद्य प्रयोगशाला का निर्माण यहां किया गया है। इसके साथ ही , उपकरणों के तौर पर प्रीमियम गुणवत्ता वाला स्टील का उपयोग किया गया है। यहां एफएसएसएआई के सभी मानदंडों का कड़ाई से पालन किया जाएगा। यह संयंत्र पूरी तरह से स्वचालित है, पावर बैकअप, निर्बाध निर्माण के लिए मैनुअल मोड में काम करने का प्रावधान है।