August 06, 2025
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   टिप्स ट्रिक्स /शौर्यपथ /किसी महिला व लड़की की खूबसूरती की जब भी तारीफ की जाती है तो उसमें बाल की सुंदरता का बखान जरूर होता है. लेकिन आजकल बढ़ते प्रदूषण और खराब खान पान के कारण बाल से जुड़ी समस्याओं में तेजी आ रही है. हर दूसरी महिला बाल के झड़ने टूटने, दो मुंहे और असमय सफेद होने से परेशान है. इससे निपटने के लिए महंगे शैंपू, हेयर मास्क और स्प्लीमेंट का इस्तेमाल कर रही है जबकि कुछ आसान योगासन से बाल से जुड़ी समस्या दूर की जा सकती है.
प्रसन्ना हस्त मुद्रा
     इसमें आपको अपने अंगूठे से तर्जनी अंगुली को 2 मिनट के लिए प्रेस करके रखना है. इससे आपके बालों की ग्रोथ अच्छी होगी साथ ही  जड़ों की मजबूती मिलेगी, बाल का झड़ना और टूटना कम होगा. इस मुद्रा को प्रसन्ना कहते हैं.
वज्रासन
    यह आसन हमारी पाचन क्रिया को मजबूत करता है. इससे बालों की कोशिकाओं को भरपूर पोषक तत्व मिलते हैं. परिणामस्वरूप हमारे बालों का टूटना और झड़ना कम होगा. इसके अलावा यह आसन तनाव और चिंता को भी दूर रखने में सहायक है.
शीर्षासन
     यह आसन दिमाग को शांत रखता है जिससे बालों का झड़ना (Hair Loss)और गंजापन होने की संभावना कम होती है. यह आसन बालों को सफेद करने और दोबारा बालों को उगाने का काम करता है.
पवनमुक्तासन
    यह आसन पाचन तंत्र को मजबूत करता है जिससे बालों का विकास (Hair Growth) अच्छा होता है. इस आसन को करने से पोषक बालों को जरूरी पोषक तत्वों की पूर्ति होती है.

   व्रत त्यौहार /शौर्यपथ /भगवान शिव की कृपा पाने के लिए सावन के महीने में श्रद्धालु सोमवार के व्रत करते हैं. इसके अलावा सावन की शिवरात्रि के व्रत का भी काफी महत्व है. अगर आप भी सावन के व्रत कर रहे हैं तो आप व्रत के दौरान खाने के लिए फ्रूट रायता बना सकते हैं. ये स्पेशल फ्रूट रायता न केवल स्वाद में जानदार होगा बल्कि व्रत के लिए आपको एनर्जी देने के साथ साथ पोषण भी देगा. चलिए जानते हैं कि व्रत के लिए फ्रूट रायता कैसे बनाएं.
सेहत के लिए कितना फायदेमंद है फ्रूट रायता |
      आपको बता दें कि ये स्वाद में तो बेहतर होगा ही, साथ ही दही के रूप में आपको भरपूर कैल्शियम और फाइबर भी मिलेगा. ऑयली खाने की अपेक्षा अगर आप इस फ्रूट रायते को व्रत वाले दिन खाएंगे तो आपको फलों का पोषण भी मिलेगा जिससे आपकी बॉडी को भरपूर फाइबर के साथ साथ विटामिंस और मिनिरल्स मिलेंगे.
फ्रूट रायता बनाने के लिए इंग्रेडिएंट्स
    दो कप गाढ़ा दही
    आधा सेब कटा हुआ
    आधा कटा हुआ अन्नानास
    टुकड़ों में कटा आधा केला
    थोड़ी सी बारीक कटी हुई स्ट्रॉबेरी
    थोड़े से अनार के दाने
    आधा चम्मच काली मिर्च पाउडर
    आधा चम्मच जीरा पाउडर
    आधा चम्मच व्रत वाला नमक
    चीनी
कैसे बनाएं फ्रूट रायता?
    सबसे पहले एक बड़े बर्तन में गाढ़े दही को निकाल लीजिए. अब इस दही में जीरा, व्रत वाला नमक, काली मिर्च और चीनी डालिए. अब इसे हल्के हाथ से फेंटना शुरू कीजिए. इसे तब तक फेंटिए जब तक कि ये बिल्कुल मुलायम न हो जाए. अब इस दही में सारे कटे हुए फ्रूट्स जैसे केला, सेब, अनार के दाने, अन्नानास, केला और स्ट्रॉबेरीज डालिए और अच्छी तरह मिक्स कर लीजिए. अब कुछ मिनट के लिए इसे ढक कर रख दीजिए. अगर आपको रायता ठंडा खाना है तो आप इसे आधे घंटे के लिए फ्रिज में रख दीजिए. आधे घंटे बाद इसे फ्रिज से निकाल कर सर्विंग बाउल में डालिए और सर्व कीजिए.

    टिप्स ट्रिक्स /शौर्यपथ / सरसों के तेल के फायदे कितने हैं ये ज्यादातर लोग जानते हैं. क्या आप जानते हैं कि चमकती त्वचा और घने बाल पाने के लिए सरसों के तेल को एक ब्यूटी प्रोडक्ट्स के रूप में इस्तेमाल किया जा सकता है. सरसों के तेल से शरीर की मालिश करने के फायदों के बारे में बहुत कम लोग जानते हैं. ये पारंपरिक बॉडी मसाज आपकी बॉडी और स्किन के लिए बहुत फायदेमंद हो सकती है. अगर आप शरीर और सिर की मालिश सरसों के तेल से करते हैं तो कमाल के स्वास्थ्य लाभ मिल सकते हैं. अगर आप भी सरसों के तेल की मालिश के फायदे नहीं जानते हैं तो यहां हम कुछ के बारे में बता रहे हैं अगर आप जान जाएंगे तो आज से ही डेली करने लगेंगे मसाज.
सरसों के तेल से बॉडी मसाज के फायदे
1. क्लीजिंग
   सरसों के तेल का एक ब्यूटी बेनिफिट ये है कि ये स्किन को साफ करता है. स्किन से गंदगी हटाने के लिए हफ्ते में दो बार सरसों के तेल से चेहरे की मालिश करने में मदद मिलती है. प्राकृतिक रूप से साफ और चमकती त्वचा पाने के लिए जोड़ों, गर्दन और पैरों पर धीरे-धीरे रगड़ें. सरसों के तेल को किसी अन्य सामग्री के साथ न मिलाएं. अगर आप बदन दर्द या सर्दी से पीड़ित हैं तो बस सरसों का तेल गर्म कर लें. इससे दर्द से राहत मिल सकती है और आपको आराम मिलता है.
2. मॉइश्चराइज करता है
     सरसों के तेल से शरीर की मालिश करने से स्किन मॉइश्चराइज होती है. आप ब्यूटी प्रोडक्ट्स के रूप में सरसों के तेल का उपयोग करके स्किन मॉइश्चराइजेशन को बरकरार रख सकते हैं. घर पर चमकदार त्वचा पाने के लिए अपने फेस पैक में सरसों के तेल की कुछ बूंदें मिलाएं! अगर आप सिर्फ सरसों के तेल का उपयोग कर रहे हैं, तो चेहरे और गर्दन पर 1-3 मिनट के लिए गोलाकार गति में धीरे से मालिश करें. 10 मिनट के लिए छोड़ दें और फिर फेस वॉश से धो लें.
3. बालों की ग्रोथ को बढ़ाता है
   सरसों का तेल सिर्फ स्किन के लिए फायदेमंद नहीं है बल्कि ये बालों के लिए काफी कारगर सिद्ध हो सकता है. ये बालों की जड़ें मजबूत करने और बालों की ग्रोथ को बढ़ाने का एक पारंपरिक तरीका है. ऐसा भी माना जाता है कि सरसों का तेल बालों को सफेद होने से भी रोकता है. सरसों के तेल से अपने सिर की मालिश करने से तनाव को कम करने में मदद मिल सकती है. आप मानसिक रूप से आराम महसूस करेंगे और सारा तनाव मिनटों में दूर हो जाएगा.
4. चमकदार त्वचा पाने में मददगार
     सरसों के तेल में बेसन, दही और नींबू के रस की कुछ बूंदें मिलाएं. इस फेस मास्क को चेहरे पर लगाएं और 10-15 मिनट के लिए छोड़ दें. ठंडे पानी से धो लें. टैन, काले धब्बे हटाने और प्राकृतिक रूप से चमकदार त्वचा पाने के लिए इसे हफ्ते में दो या तीन बार करें.
5. ब्लड सर्कुलेशन में सुधार
  सभी मालिशों की तरह सरसों के तेल की मालिश शरीर में ब्लड सर्कुलेशन को बेहतर बनाने में मदद कर सकती है. इस तरह ये जोड़ों और मांसपेशियों का दर्द को भी दूर रख सकती है.

ब्यूटी टिप्स /शौर्यपथ / आंखें जीवन के लिए वरदान हैं. इनके बिना जीवन की कल्पना कितनी कठिन हो जाती है. यूं तो कमजोर आंखें उम्र का तकाजा हैं लेकिन अक्सर जब किसी परेशानी की वजह से आंखें दुखने लगती हैं यानी उनमें दर्द होने लगता है तो परेशानी बढ़ जाती हैं. आंख दर्द होना एक आम समस्या है. ऐसा होने पर आंखों में सूजन, जलन, रेडनेस और पानी आना जैसी परेशानियां होती हैं. ऐसे में आप कुछ नेचुरल होम रेमेडीज की मदद से इस परेशानी से निजात पा सकते हैं चलिए जानते हैं कि आंख दर्द होने पर घर पर ही क्या क्या रेमेडीज अपनाई जा सकती हैं.
आंख दर्द से छुटकारा दिलाएंगे ये घरेलू नुस्खे
गुलाब जल  
गुलाब जल बहुत ही नेचुरल प्रॉपर्टी से बना होता है. ये आंखों को ठंडक देने के साथ साथ आंखों की जलन और सूजन को कम करता है. इसकी मदद से आंखों के अंदर का इंफेक्शन दूर होता है और आंखों को काफी आराम मिलता है. आपको बस छोटा सा काम करना है, रोज रात को सोने से पहले महज दो बूंद शुद्ध गुलाब जल आंखों में डालिए और आंख बंद करके सो जाइए.
खीरा
खीरे की स्लाइस काटकर आंखों पर दस दस मिनट के लिए दिन में तीन से चार बार रखिए. खीरे की ठंडी तासीर आंखों को दर्द और सूजन से आराम देगी. इसकी मदद से आपकी आंखों की रेडनेस भी जल्द ही दूर हो जाएगी.
शहद  
अगर आंख में दर्द हो रहा है तो आप एक बूंद शहद रात को सोने से पहले आंख में डाल लीजिए. इससे आंखों के इंफेक्शन और दर्द में काफी हद तक आराम मिल सकता है. हालांकि इसे डालने पर कुछ देर के लिए आंखों में जलन महसूस हो सकती है लेकिन इससे डरने की बजाय आपको आंख बंद करके कुछ देर आराम करना होगा.
फिटकरी  
अगर आंख आ रही हैं यानी आंख से लगातार पानी बह रहा है औऱ सूजन के साथ साथ गंदगी भी निकल रही है तो फिटकरी के पानी से आंख धोने पर काफी आराम महसूस होगा. फिटकरी के एंटी बैक्टीरियल गुणों की मदद से आंख का किसी भी तरह का संक्रमण जल्दी दूर होने में मदद मिलती है.
दूध
ठंडा दूध आंखों का दर्द और जलन से दूर करने के लिए काफी कारगर होता है. लेकिन इसे आपको आंख में नहीं डालना है. दूध को फ्रिज में कुछ देर रखिए. जब ये बिलकुल ठंडा हो जाए तो इसे रुई में लेकर आंखों के ऊपर रख लीजिए. इससे आपकी आंखों की जलन कम हो जाएगी.

    सेहत टिप्स /शौर्यपथ / चिया एक प्रकार का पौधा है जो टकसाल यानि मिंट फैमिली का मेंबर है और ज्यादातर कोलंबिया और ग्वाटेमाला जैसे देशों में उगाया जाता है. इस पौधे से प्राप्त बीज का उपयोग आमतौर पर कई प्रकार की चीजों में किया जाता है साथ ही इन बीजों को स्नैक्स के तौर पर भी खाया जाता है. हाल के सालों में चिया सीड्स काफी पॉपुलर हो गया है. चिया के बीज हाई कोलेस्ट्रॉल लेवल को घटाने में मदद करने के लिए जाने जाते हैं. कहा जाता है कि रोजाना चिया के बीज खाने से एचडीएल कोलेस्ट्रॉल लेवल को बढ़ाया जा सकता है जो एक हेल्दी कोलेस्ट्रोल माना जाता है. वे घुलनशील फाइबर, हेल्दी फैट, एंटीऑक्सिडेंट, मिनरल्स और बी विटामिन सहित कई पोषक तत्वों से भरे होते हैं. बहुत से लोग सवाल करते हैं कि हाई कोलेस्ट्रॉल लेवल को कैसे कम किया जाए या कोलेस्ट्रॉल को कम करने के लिए क्या खाएं? ऐसे में बीजों में चिया के बीजों का नाम सबसे ऊपर लिया जाता है. यहां जानिए क्या वाकई कोलेस्ट्रॉल लेवल को काबू करने के लिए चिया के बीज मददगार हो सकता है.
चिया बीज कोलेस्ट्रॉल को कैसे कंट्रोल करते हैं?  
नियमित रूप से चिया बीज खाने से हार्ट हेल्थ में सुधार हो सकता है. चिया बीजों में मौजूद हेल्दी फैट आपके खून में एचडीएल कोलेस्ट्रॉल की मात्रा को बढ़ाते हुए ट्राइग्लिसराइड लेवल को कम करने में मदद करती है. एचडीएल अच्छा कोलेस्ट्रॉल है जो बेहतर ब्लड फ्लो के लिए आपकी आर्टरीज को साफ करने में मदद करता है. इसके अलावा चिया बीज में फाइबर एलडीएल कोलेस्ट्रॉल को कम करने में मदद कर सकता है. इस प्रकार का कोलेस्ट्रॉल अगर हाई होता है मौजूद हो तो आपकी धमनियों में प्लाक बनाता है.
हालांकि बहुत कम स्टडीज हैं जो बताती हैं कि चिया बीज का सेवन कोलेस्ट्रॉल और ट्राइग्लिसराइड लेवल को कैसे प्रभावित करता है. इन अध्ययनों में ज्यादातर उन लोगों पर ध्यान दिया गया जिन्हें डायबिटीज, मेटाबोलिक सिंड्रोम था, या जो मोटापे से परेशान थे.
ज्यादातर अध्ययनों से पता चला है कि चिया बीजों को डाइट में शामिल करने से एलडीएल, एचडीएल और ट्राइग्लिसराइड लेवल में अद्भुत सुधार नहीं हुआ है. दूसरी ओर, कुछ अध्ययनों से पता चला है कि चिया बीज ट्राइग्लिसराइड लेवल को काफी कम करने में सक्षम थे. हालांकि, इनमें से एक अध्ययन में सोया और दलिया के मिश्रण में चिया बीज का भी उपयोग किया गया था ये दो चीजें लिपिड लेवल को बेहतर बनाने में मददगार हो सकती हैं.
चिया सीड्स को डाइट में शामिल करने से क्या होगा?

अपनी न्यूट्रिशनल वैल्यू और स्वास्थ्य लाभों के कारण चिया बीज ज्यादातर लोगों के किचन में आम हो गए हैं, लेकिन अगर आप अपने लिपिड लेवल को कम करने में मदद के लिए चिया बीजों का सेवन करने पर विचार कर रहे हैं, तो अभी भी यह तय नहीं है कि वे आपके कोलेस्ट्रॉल और ट्राइग्लिसराइड लेवल को कंट्रोल में रखने में फायदेमंद हो सकते हैं या नहीं.
इसके लिए और ज्यादा अध्ययनों की जरूरत है, चिया बीज में घुलनशील फाइबर और ओमेगा -3 फैटी एसिड, अल्फा-लिनोलेनिक एसिड - दोनों हेल्दी हेल्दी कॉम्पोनेंट होते हैं जो आपके लिपिड लेवल को कंट्रोल में रखने में मदद कर सकते हैं. आपके कोलेस्ट्रॉल और ट्राइग्लिसराइड्स को कम करने के लिए चिया बीजों को डाइट में शामिल किया जा सकता है.
चिया के बीजों के अन्य फायदे  
    चिया बीज के स्वास्थ्य लाभ
    हार्ट हेल्दी फैट से भरपूर
    एंटीऑक्सीडेंट से भरपूर
    वजन घटाने को बढ़ावा देता है.
    ब्लड शुगर को कंट्रोल करने में मदद करता है.
    सूजन को कम करने में मददगार.

     ब्यूटी टिप्स /शौर्यपथ / मौसम बदलने की वजह से कई बार बालों के झड़ने  की समस्या बढ़ जाती है. हालांकि इसके दूसरे भी कई कारण होते हैं. हेयर लॉस या गंजेपन  की कई वजहें होती हैं, जैसे मेंटल या फिजिकल स्ट्रेस, कुछ दवाएं, प्रेगनेंसी, मेनोपॉज, फंगल इंफेक्शन या फिर डैंड्रफ, जेनेटिक कारण, देखभाल की कमी या फिर हेयर स्टाइलिंग की वजह से भी बाल गिरने लगते हैं. कुछ लोग इसके लिए तरह-तरह के ट्रीटमेंट करवाते हैं, लेकिन कुछ घरेलू उपाय  हैं जिनकी मदद से बालों के गिरने की समस्या से निजात पाई जा सकती है.
बालों को गिरने से रोकने के लिए अपनाएं ये घरेलू उपाय  
गुड़हल
     गुड़हल की पत्ती और फूल दोनों में बाल बढ़ाने वाले गुण होते हैं. फूल के अर्क को गर्म पानी में भिगोकर बालों पर लगाएं तो बालों के झड़ने और गिरने की समस्या से राहत मिलती है और बालों का ग्रोथ अच्छा होता है.
भृंगराज
       आयुर्वेद में बालों के लिए भृंगराज का इस्तेमाल सालों से होता आया है. भृंगराज बालों के रोम को बड़ा करके बालों के विकास को बढ़ावा देता है. भृंगराज के रस का सेवन किया जाए और स्कैल्प  पर लगाया जाए, तो इससे बाल काले हो जाते हैं. इससे बालों का झड़ना कम होता है और बालों के विकास को बढ़ावा मिलता है.
प्याज
       प्याज में जिंक भरपूर मात्रा में पाया जाता है जो डैंड्रफ से बचने में मदद करता है. यह स्कैल्प में तेल के उत्पादन को कम करता है, जिससे बालों का झड़ना रुक जाता है. प्याज अनियमित गंजेपन से पीड़ित लोगों के लिए फायदेमंद है. लाल प्याज को अपने स्कैल्प पर रगड़ते हुए लगाए और उसके बाद शहद लगाएं.
शिमला मिर्च
       शिमला मिर्च में कैप्साइसिन और आइसोफ्लेवोन नामक कुछ बायोएक्टिव कंपाउंड होते हैं जो बालों के रोम में विकास करने वाले हार्मोन के उत्पादन को बढ़ाते हैं, जिससे बालों के विकास को बढ़ावा मिलता है. शिमला मिर्च को तोड़कर, जैतून के तेल और सिरके के साथ मिलाकर और स्कैल्प पर लगाने से हेयर लॉस की समस्या से निजात मिलती है.

    सेहत /शौर्यपथ / हेल्दी फूड और हेल्दी लाइफ साथ-साथ चलते हैं. वजन, ब्लड प्रेशर, कोलेस्ट्रॉल, हार्ट और आंत सहित ऑलओवर हेल्थ पर हमारे खानपान का असर पड़ता है. हम अक्सर एक और जरूरी अंग अपनी किडनी की देखभाल करने में चूक जाते हैं. एक हेल्दी किडनी शरीर में लिक्विड का बैलेंस बनाए रखने में मदद करती है और टॉक्सिन्स को बाहर निकालने में मदद करती है. इस प्रक्रिया को तेज करने में आपका डाइट बड़ी भूमिका निभाती है. कन्सल्टेंट न्यूट्रिशनिष्ट रूपाली दत्ता के अनुसार, "घाव भरने, इंफेक्शन को रोकने और इलेक्ट्रोलाइट बैलेंस बनाए रखने के लिए अच्छा पोषण जरूरी है, ये सभी किडनी हेल्थ को बढ़ावा देने में मदद करते हैं"
    अब अगर आप सोच रहे हैं कि किडनी फ्रेंडली डाइट क्या है? तो आपको बता दें किडनी-फ्रेंडली डाइट जो फलों, सब्जियों, साबुत अनाज, लो फैट वाले डेयरी और लीन मीट को डाइट में शामिल करने और सोडियम, कोलेस्ट्रॉल और फैट के सेवन को कम करने की सलाह दी जाती है. यहां हमने ऐसे फूड्स की लिस्ट तैयार की है जिन्हें किडनी को हेल्दी और मजबूत रखने के लिए डाइट में शामिल करना चाहिए.
हेल्दी किडनी के लिए 7 इंडियन फूड्स
1. दाल
  दाल का हर भारतीय घर में सेवन किया जाता है. आपको अलग-अलग दाल के व्यंजन मिलेंगे, लेकिन जो बात सभी में समान है वह है उनका न्यूट्रिशनल वैल्यू. दालें फाइबर का एक बेहतरीन स्रोत हैं, जो उन्हें आसानी से पचने योग्य और किडनी के लिए भी हेल्दी बनाती हैं.
2. खिचड़ी
   ये पेट के लिए हल्का होता है और लंबे समय तक हमारा पेट भरा रखता है. साथ ही ये आपकी सेहत के लिए भी अच्छा है. आमतौर पर, खिचड़ी रेसिपी में दाल और चावल शामिल होते हैं. दोनों में पोटेशियम और फास्फोरस कम होता है और किडनी के लिए अच्छा माना जाता है.
3. पराठा
   परांठा बनाते समय आपको बस इस बात का ध्यान रखना है कि तेल या घी का इस्तेमाल हो. शरीर में यूरिया के बढ़ते लेवल से बचने के लिए कम तेल या घी का सेवन करने की कोशिश करें जो आपकी किडनी को और प्रभावित कर सकता है.
4. डोसा
    डोसा आमतौर पर दाल, चावल, सूजी और साबुत अनाज जैसे रागी, बाजरा आदि से तैयार किया जाता है. ये सभी लो सोडियम, पोटेशियम और फास्फोरस के कारण आपकी किडनी के लिए अच्छे माने जाते हैं.
5. इडली
    डोसा की तरह इडली भी किडनी फ्रेंडली डाइट के लिए एक बढ़िया ऑप्शन है. आप इसे पौष्टिक सांभर दाल या नारियल की चटनी के साथ मिलाकर एक पौष्टिक विकल्प बना सकते हैं.
6. उपमा
      उपमा आमतौर पर रवा से बनाया जाता है. इसमें पोटेशियम और कार्ब्स कम होते हैं और फाइबर की मात्रा ज्यादा होती है. आप इसे कम तेल में बनाकर किडनी की समस्या वाले लोगों की डाइट में शामिल कर सकते हैं.
7. भिंडी की सब्जी
    सबसे हेल्दी सब्जियों में से एक मानी जाने वाली भिंडी में अच्छी मात्रा में फाइबर और विटामिन होते हैं और इनमें पोटेशियम, फास्फोरस, सोडियम और कोलेस्ट्रॉल की मात्रा कम होती है. आप किडनी के अच्छे स्वास्थ्य के लिए एक साधारण भिंडी की सब्जी तैयार कर सकते हैं.

    सेहत टिप्स /शौर्यपथ / जब गर्मियों का मौसम जाने लगता है और बरसात का मौसम पूरे खुमार पर होता है तो कई तरह के इंफेक्शन और गले में दर्द जैसी दिक्कतें होने लगती हैं. गला बैठने पर बोलने में दिक्कत होती है, खाना निगलने में तकलीफ होती है और सूजन भी होने लगती है. अब हर छोटी दिक्कत पर दवाई या एंटीबैक्टीरियल दवाइयां तो नहीं खाई जा सकती हैं. ऐसे में गले की दिक्कत को दूर करने के लिए कुछ घरेलू उपाय आजमाए जा सकते हैं. इन घरेलू नुस्खों   को आजमाना भी बेहद आसान है.  
बैठा गला ठीक करने के घरेलू उपाय  
नमक का पानी
     बैठे गले की दिक्कत को दूर करने में नमक का पानी  बेहद असरदार होता है. नमक के पानी से गरारा करने पर गला साफ होता है, इंफ्लेमेशन कम होती है और मुंह में जमा बैक्टीरिया निकल जाता है. गले में अगर बलगम जमी होती है तो उसे दूर करने में भी नमक का पानी फायदा दिखाता है.
शहद का सेवन
  शहद के एंटी-इंफ्लेमेटरी गुण, एंटीमाइक्रोबियल गुण और एंटी-ऑक्सीडेंट्स गले की दिक्कतों में कमाल के साबित होते हैं. बहुत से कफ सीरप में भी शहद  का इस्तेमाल देखने को मिलता है. एक चम्मच शहद को खाने पर गले के दर्द में राहत मिल सकती है. इसके अलावा, अदरक के साथ शहद खाया जा सकता है. इस बात का खास ध्यान रहे कि आप एक साल से छोटे बच्चे को शहद खाने के लिए ना दें.
अदरक की चाय
  छोटे टुकड़ों में अदरक  को काटिए और एक कप पानी में उबालकर पी लीजिए. इसमें स्वाद के लिए हल्का शहद भी डाला जा सकता है. इससे बैठा गला ठीक होने लगता है और सूजन से भी राहत मिल जाती है.
अदरक और नींबू का रस
   अदरक और नींबू के रस के साथ सेवन से गले को आराम मिलता है. आपको 2 से 3 चम्मच अदरक का जूस और बराबर मात्रा में ही नींबू का रस साथ लेकर मिलाना है. इस मिश्रित रस को पीने पर गले की दिक्कतें दूर होती हैं. दिन में 2 बार इस नुस्खे को आजमाया जा सकता है.
लहसुन और शहद
     लहसुन सूजन को कम करने में असर दिखाता है. गला सूज गया है या फिर गला बैठने के साथ-साथ गले में दर्द है तो लहसुन को हल्का भूनकर शहद के साथ खाया जा सकता है. लहसुन को सादा भी भूनकर खा सकते हैं. 

      ब्यूटी टिप्स /शौर्यपथ / त्वचा से जुड़ी अनेक दिक्कतों में से एक है झाइयां. चेहरे पर झाइयां निकल आने पर स्किन धब्बेदार दिखने लगती है. ऐसा त्वचा में मेलानिन नामक पिग्मेंट के ज्यादा बनने पर होता है. इसके अलावा टैनिंग और केमिकल वाले प्रोडक्ट्स के इस्तेमाल से भी झाइयां  हो सकती हैं. झाइयां आम दाग-धब्बों से गहरी होती हैं और इन्हें दूर होने में समय लगता है. ऐसे में झाइयों से छुटकारा दिलाने में कुछ घरेलू नुस्खे काम आ सकते हैं. दही (Curd) ऐसी ही एक रसोई की चीज है जो झाइयों पर अच्छा असर दिखाती है. दही में लैक्टिक एसिड होता है जो त्वचा को ब्लीचिंग गुण देता है, डेड स्किन सेल्स का सफाया करता है और पिग्मेंटेशन को दूर करने में असरदार है. जानिए दही को झाइयां  दूर करने के लिए किन-किन तरीकों से चेहरे पर लगाया जा सकता है.
झाइयां दूर करने के लिए दही  
    दही को झाइयों पर सादा भी लगाया जा सकता है और इसके फेस पैक्स भी बेहद काम के साबित होते हैं. दही से फेस पैक   बनाने के लिए एक कटोरी में 4 चम्मच दही लीजिए. अब इसमें तकरीबन 2 चम्मच शहद मिला लीजिए. इस तैयार फेस पैक को चेहरे पर कुछ देर लगाने के बाद चेहरा धो लें. दही झाइयां कम करती है, इससे एजिंग साइंस हटते हैं और त्वचा को लंबे समय तक जवां बने रहने में भी मदद मिलती है. वहीं, शहद के इस्तेमाल से स्किन को जरूरी नमी और निखार मिलता है.
दही से पिग्मेंटेशन हटाने के लिए इसमें हल्दी मिलाकर भी चेहरे पर लगाया जा सकता है. 2 चम्मच दही में आधा चम्मच शहद मिलाकर चेहरे पर 10 से 15 मिनट लगाकर रखने के बाद धोकर हटा लें. हल्दी टैनिंग को दूर करने में भी अच्छा असर दिखाती है.
   नींबू के रस में दही मिलाकर भी झाइयां दूर करने के लिए चेहरे पर लगाकर देखा जा सकता है. इससे चेहरे पर चमक और निखार आने में मदद मिलती है. इसके अलावा, चेहरे पर जमी डेड स्किन सेल्स भी हट जाती हैं.
ये नुस्खे भी आते हैं काम
    झाइयों को हटाने के लिए दही के अलावा भी कुछ नुस्खे आजमाए जा सकते हैं. आलू का रस  भी पिग्मेंटेशन हटाने में मददगार है. इसे चेहरे पर लगाने में भी ज्यादा जद्दोजहद नहीं करनी पड़ती है. एक आलू लेकर घिस लें. अब इस घिसे हुए आलू को निचौड़कर इसका रस कटोरी में निकालें और रूई की मदद से झाइयों पर लगाएं. 10 मिनट लगाए रखने के बाद आपको चेहरा धोकर साफ कर लेना है.
पपीता भी झाइयों को हटाने में असर दिखा सकता है. इससे बना फेस पैक त्वचा को बेदाग बनाता है. 3 चम्मच के करीब पके पपीते का गूदा लें. इसमें दूध और शहद  मिला लें. फेस पैक को चेहरे पर 20 मिनट लगाए रखने के बाद धोएं. हफ्ते में एक बार इस फेस पैक को लगाया जा सकता है.

   सेहत टिप्स /शौर्यपथ / बारिश के मौसम में सर्दी खांसी आम समस्या है, लेकिन अगर यह स्थिति बहुत लंबे समय तक रहे तो ये साइनस हो सकता है. साइनस एक बहुत ही आम समस्या है जिससे दुनिया भर के लाखों लोग प्रभावित होते हैं. इसे साइसाइटिस  भी कहा जाता है. इसमें नाक के अंदर के भाग  में सूजन आ जाती है. इससे चेहरा व नाक सूजे हुए नजर आते हैं. सांस लेने में तकलीफ होती है, सिरदर्द रहता है और नाक बहने लगती है. साइनस से संबंधित इंफेक्शन   आमतौर पर वायरल या एयरबॉर्न इरिटेशन के कारण होता है और कुछ दिनों में खुद ही ठीक हो जाता है. हालांकि बैक्टेरिया के कारण होने वाले साइनस इंफेक्शनके लिए एंटरबायोटिक उपचार कर जरूरत होती है. आइए जानते हैं साइनस के इंफेक्शन से बचाव और छुटकारा पाने के उपाय
 साइनस एक्यूट, सबएक्यूट या क्रॉनिक हो सकता है. एक्यूट प्रकार का साइनस आमतौर पर चार हफ्ते में ठीक हो जाता है. सबएक्यूट टाइप का साइनस चार से 12 सप्ताह तक रह सकता है जबकि क्रॉनिक 12 सप्ताह से ज्यादा दिनों तक परेशान कर सकता है.
पिएं खूब सारा पानी  
अच्छी सेहत के लिए बॉडी को हाइड्रेट रखना जरूरी होता है. इससे बॉडी को इंफेक्शन से लड़ने की शक्ति और जल्द रिकवरी में मदद मिलती है. साइनस में हाइड्रेट बॉडी स्किन के स्ट्रेंथ को बनाए रखने और साइनस में म्यूकस को बनाए रखता है जिससे इरिटेशन कम होती है.
आराम
अधिकतर मामलों में साइनस इंफेक्शन दो से तीन सप्ताह में खुद ठीक हो जाता है लेकिन इसके लिए इस दौरान आराम करना जरूरी होता है. इससे बॉडी को इंफेक्शन से पूरी तरह से लड़ने की शक्ति मिलती है.
 नेटी पॉट का यूज
      नेजल इरिटेशन से साइनस इंफेक्शन बढ़ सकता है. सेलाइन वॉटर के साथ नेटी पॉट के उपयोग से नेजल इरिटेशन कम करने में मदद मिल सकती है. ये  क्रॉनिक साइनस से भी राहत दिला सकता है. इसके लिए पॉट को सेलाइन वॉटर से भर लें, अपने सिर को सिंक के ऊपर 45 डिग्री के एंगल पर झ़काकर रखें अब पॉट की नली का नाक में डाले और सेलाइन वॉटर को नीचे गिराए. इसे दूसरे नोजट्रिल में दोहराएं.
नेचुरल एंटीबैक्टेरियल फूड खाएं
अपी डाइट में नेचुरल एंटीबैक्टेरियल फूड जैसे लहसून, अदरक और शहद शामिल करने से बॉडी में इंफेक्शन के लड़ने की शक्ति बढ़ती है. कुछ फूड्स एंटी फ्लेमेटेरी गुणों से भरपूर होते हैं उनसे सूजन कम करने में मदद मिल सकती है. इनमें बेरीज, हरी पत्तेदार सब्जियां शामिल हैं.

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