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खाना खजाना /शौर्यपथ / गोलगप्पे कैसे बनाते है यह गोलगप्पे इतने अच्छे बनते है आजकल सभी को पानीपूरी खाने का बहुत शौक है पर अगर हम इसे घर पर ही बना ले तो कैसा होगा ? कि अगर आप एक बार इसे घर में बना लेंगे तो बाहर के गोलगप्पे खाना कभी पसंद नहीं करेंगे और बार-बार इन्हें खाने का मन होगा। तो चलिए अब हम बनाना शुरू करते है…
गोलगप्पे कैसे बनाते है
⋅गोलगप्पे का आटा बनाने की सामग्री :
एक कप सूजी
एक कप मैदा
नमक
बेकिंग पाउडर
एक कप गुनगुना पानी
गोलगप्पे में डालने के लिए सामग्री :
5-6 आलू
3-4 बारीक कटे प्याज
50 ग्राम भुजिया
स्वादानुसार नमक
5-6 काली मिर्च
आधा चम्मच लाल मिर्च
स्वादानुसार काला नमक
दो चम्मच नींबू का रस
गोलगप्पे का पानी बनाने की सामग्री:
1 कप चीनी
1 लीटर ठंडा पानी
30 ग्राम बून्दी
2 टेबलस्पून पानीपूरी मसाला/काला नमक
चुटकी भर लाल मिर्च
⋅गोलगप्पे की चटनी बनाने की सामग्री:
3 हरी मिर्च
7-8 पत्तियां पुदीना
स्वादानुसार नमक
सजावट के लिए:
पुदीना
लाल मिर्च की चटनी
चलिए अब हम सूजी के गोलगप्पे बनाने की ओर चलते है …
बनाने की विधि:
सबसे पहले हम एक बर्तन लेंगे और उसमें मैदा, सूजी और नमक डालकर इन सब चीजों को अच्छी तरह मिला (मिक्स) देंगे।
मिश्रण को और ज्यादा मुलायम करने के लिए हम बेकिंग पाउडर का इस्तेमाल भी कर सकते है।
अब इस मिश्रण में थोङा-थोङा पानी डालेंगे और इस मिश्रण से कङा आटा गूँथ लेंगे और आटे को एक गीले साफ कपङे से ढक्कर 20-
25 मिनट के लिए रखेगें। इससे हमारा आटा बिल्कुल मुलायम और चिकना हो जाएगा।
20-25 मिनट में आटा बिल्कुल मुलायम हो जाता है जिससे गोलगप्पे बहुत बढ़िया और कुरकुरे बनेगें।
अब इस आटे को हम एक बार फिर गूथेंगे जिससे आटा और मुलायम हो जाये। फिर इसकी हम छोटी-छोटी लोई बनायेगें।
अब हम इस लोई को बेलेंगे।
लोई को बेलने के लिए हम पहले लोई पर घी या तेल लगायेगें और इन्हें पतली पूरी की तरह बेल लगेंगे।
अब हम इस पूरी को किसी गोल आकार के बर्तन या ढक्कन से काटेंगे जिससे कि गोलगप्पे छोटे और गोल बने।
अब हम एक कहाङी में तेल डालेंगे और इसे गैस स्टोव पर रख देंगे।
जब तेल गरम हो जाये तो इसमें काटे हुए गोलगप्पे डाल दीजिए। आंच को मध्यम (Medium) रखे जिससे गोलगप्पे जले नहीं।
गोलगप्पे कैसे बनाते है ?
अब हम एक कलछी की सहायता इसे इन गोलगप्पों को हल्के से दबायेंगे जिससे कि गोलगप्पे फूलने लगे।
अब हम गोलगप्पों को सुनहरा भूरा होने तक दोनों तरफ से तल लेंगे।
गोलगप्पों को तलने में 3-4 मिनट का समय लगता है।
यह गोलगप्पे एकदम कुरकुरे होने चाहिए, जिससे इनका स्वाद और भी निखर कर आए।
अब हम इस तरह सारे गोलगप्पे तल लेंगे।
अब हम सभी गोलगप्पों को किचन पेपर पर निकाले लेंगे और ठंडा होने के लिए रख देंगे।
जो गोलगप्पे फूलते नहीं है हम उसका इस्तेमाल पापङी के रूप में कर सकते है। पापङी भी खाने में बहुत स्वादिष्ट होती है।
गोलगप्पे का मसाला बनाने की विधि:
सबसे पहले हम 5-6 आलू को उबालेंगे।
जब यह आलू उबल जाये तब हम इन आलूओं को अपने हाथों से मसलेगें।
इस मिश्रण में आलू को थोङा बङा ही रखेंगे।
अब हम प्याज काट लेंगे और कटे हुए प्याज को इस आलू के मिश्रण में मिला देंगे।
अब हम इस मिश्रण में भुजिया, स्वादानुसार नमक, नींबू का रस, पीसी हुई काली मिर्च, लाल मिर्च और काला नमक मिला देंगें
अब हमारा यह गोलगप्पे का मसाले बिल्कुल तैयार है।
⋅गोलगप्पे का पानी बनाने की विधि:
सबसे पहले हम एक बर्तन में 1 लीटर ठंडा पानी डालेंगे फिर उसमें पानीपूरी मसाला या काला नमक, 1 कप चीन और चुटकी भर लाल मिर्च डालेंगे।
अब इस पानी को अच्छी तरह मिला लेंगे।
इसे पानी में हम बूँदी भी डाल सकते है।
अब हमारा पानीपूरी का पानी बिल्कुल तैयार है।
गोलगप्पे की हरी चटनी बनाने की विधि:
सबसे पहले हम मिर्च और पुदीना लेंगे और उसे मिक्सी में अच्छी तरह पिस लेंगे।
मिर्च और पुदीना को हम बिल्कुल बारीक पीसेंगे।
अब इस मिश्रण (mixture) में स्वादानुसार नमक डालेंगे।
अब हमारी पानीपूरी की हरी चटनी भी तैयार है।
अब हम एक प्लेट लेगें उसमें गोलगप्पे रखेगें और उन गोलगप्पों में मसाला, चटनी, पानी पूरी का पानी डालकर सर्व करेंगे।
हम गोलगप्पों में डालने के लिए दही का उपयोग भी कर सकते है।
इन बातों का ध्यान रखें :
यदि आप गोलगप्पे की पूरी को अच्छी तरह से नहीं बलेंगे यानी यदि वह बीच से मोटी या किनारो से ज्यादा पतली होती है तो गोलगप्पे नहीं फूलते और बढ़िया भी नहीं बनते।
गोलगप्पे का आटा बिल्कुल मुलायम होना चाहिए।
गोलगप्पों में ज्यादा नमक का इस्तेमाल न करें।
खाना खजाना /शौर्यपथ /बिस्कुट केक कैसे बनाएं केक तो सबको पसंद होता है। अगर आपके पास केक बनाने की सामग्री नहीं है तो आप क्रीम बिस्कुट से बहुत ही स्वादिष्ट केक बना सकते है। आज की इस पोस्ट में हम आपके साथ बिस्कुट केकबनाने की रेसिपी शेयर कर रहे है। आप इसे जन्मदिन पर बना सकते है। इसे बनाना बहुत ही आसान है और आप इसे जरूर ट्राई करें।
बिस्कुट केक कैसे बनाएं
बिस्कुट केक बनाने की सामग्री
3 पैकेट क्रीम बिस्कुट
1 कप गर्म दूध
3 चाॅकलेट
2 चम्मच घी
1 ENO का पैकेट
5-6 काजू
4-5 पिस्ता
बिस्कुट केक बनाने की विधि
सबसे पहले में क्रीम बिस्कुट को बीच से तोङेंगे और बिस्कुट के बीच की क्रीम को अलग बर्तन में निकाल लेंगे।
अब हम सभी बिस्कुट को तोङ लेंगे।
अब हम बिस्कुट को एक कटोरी में निकालेंगे और उसमें दूध डाल देंगे।
हमें गर्म दूध ही डालना है इससे बिस्कुट अच्छे से फूल जाएगा।
अब हम इसे साइड में रख देंगे।
फिर हम एक कूकर लेंगे और कूकर में हम एक कटोरी नमक डाल देंगे।
अब हम कूकर को 5 मिनट तक गर्म करेंगे।
5 मिनट बाद हम कूकर में एक स्टेण्ड रख देंगे।
अगर आपके पास स्टेण्ड नहीं है तो आप एक कटोरी नमक के ऊपर उल्टी रख सकते है।
अब हम एक बर्तन लेंगे और उसके तले में घी लगा देंगे।
फिर हम बर्तन में एक प्लास्टिक पेपर या बटर पेपर रख देंगे।
अब तक बिस्कुट भी अच्छे तक से पिघल गए होंगे।
हम बिस्कुट और दूध को अच्छे से लगातार चलाते हुए फेंटगे।
अब हम केक के मिश्रण में कदूदकस किए हुए सूखे मेवे डाल देते है।
⋅अब हम इसे मिक्स कर देंगे।
अब हम मिश्रण में एक ENO का पैकेट डाल देंगे और इसे जल्दी से मिक्स कर देंगे।
⋅अब हम बटर पेपर रखे हुए बर्तन में यह मिश्रण निकाल देंगे और बर्तन को कूकर के अंदर रख देंगे।
हमें इसे 20-25 मिनट तक पकाना है।
अगर आपको यह चेक करना है कि केक पका है या नहीं तो आप एक सुई लें और उसे केक में चुभोकर देखिए।
अगर सुई बिल्कुल साफ निकलती है तो केक पक गया है और अगर सुई पर मिश्रण लग जाता है तो केक नहीं पका है।
अब हमने जो क्रीम निकाली थी हम उसे तैयार कर लेते है।
इसके लिए हम क्रीम में 2 चम्मच घी डाल देंगे।
अब हम इसे अच्छे से मिक्स कर देंगे।
फिर हम केक को एक प्लेट मे निकाल लेंगे।
अब हम इसे दो भागों में बाँट लेंगे।
फिर हम दो टुकङों पर क्रीम लगा देंगे।
हम केक के टुकङों को एक के ऊपर एक रख देंगे।
अब हम चाॅकलेट लेंगे और उसे टुकङों में तोङ लेंगे।
अब हम एक बर्तन लेंगे और उसे आधा भर लेंगे।
जब पानी उबल जाएगा तब एक बर्तन पर एक कांच का बर्तन रखेंगे और उसमें चाॅकलेट के टुकङे डाल देंगे।
हम चाॅकलेट को पिघला लेंगे।
अब हम पिघली हुई चाॅकलेट को एक कप में निकाल लेंगे।
अब हम एक गिलास और लेंगे और उसमें प्लास्टिक की थैली या कोण रख देंगे और उस कोण के अंदर बची हुई क्रीम भर लेंगे।
केक को कैसे सजाएं
सबसे पहले में केक के ऊपर पिघली हुई चाॅकलेट डाल देंगे।
हमें प्लेट को हिलाकर चाॅकलेट को केक के चारों ओर फैला देना है।
अब हम कोण से केक के ऊपर डिजाइन बना देंगे।
हम इसमें टुटी-फ्रूटी लगा देंगे।
केक बिल्कुल तैयार है।
ब्यूटी टिप्स /शौर्यपथ / दोमुंहे बालों की दिक्कत कई कई कारणों से हो सकती है, जैसे जरूरत से ज्यादा हीटिंग टूल्स का इस्तेमाल, प्रदूषण, धूप, हेयर स्टाइलिंग प्रोडक्ट्स, गर्म पानी से सिर धोना आदि. अगर लंबे समय तक बालों की ट्रिंमिंग नहीं की जाती है तब भी बाल दोमुंहे होने लगते हैं. दोमुंहे बाल तब होते हैं जब बाल सिरों से दो अलग-अलग हिस्सों में उगने लगते हैं. ऐसे में बालों को कटवाना नहीं चाहती हैं और फिर भी दोमुंहे बालों से छुटाकारा पानी चाहती हैं तो आप यहां बताए कुछ घरेलू नुस्खे आजमा सकती हैं. इन नुस्खों को आजमाना आसान है और इनका असर भी तेजी से नजर आता है.
दोमुंहे बालों के घरेलू उपाय
काली मसूर
मसूर की काली दाल दोमुंहे बालों पर इस्तेमाल की जा सकती है. इस दाल में फॉलिक एसिड, फॉस्फोरस और प्रोटीन जैसे पोषक तत्व होते हैं. दोमुंहे बालों की दिक्कत से छुटकारा पाने के लिए काली मसूर की दाल को खुरदरा पीस लें. एक चम्मच दाल के पाउडर में एक कप दही मिलाकर बालों पर लगाकर एक घंटा रखें और फिर धो लें.
अंडा
दोमुंहे बालों के लिए आपको अंडे के पीले भाग का इस्तेमाल करना है. अंडे का पीला भाग प्रोटीन से भरपूर होता है जो बालों को भरपूर पोषण देकर स्प्लिट एंड्स को दूर करता है. अंडे में ऑलिव ऑयल, बादाम का तेल और शहद डालें और मास्क बनाकर बालों पर लगाएं. 35 से 40 मिनट बाद मास्क धोकर हटा लें.
एलोवेरा
डैमेज बालों और दोमुंहे बालों पर एलोवेरा बेहतरीन साबित होता है. इसके इस्तेमाल के लिए 2 से 3 चम्मच ताजा एलोवेरा लेकर बालों पर लगाएं और आधे घंटे बाद बालों को धोकर साफ कर लें.
ऑयल मसाज
अच्छी चंपी से भी दोमुंहे बालों की दिक्कत दूर हो सकती है. ऑयल मसाज से स्कैल्प का ब्लड सर्कुलेशन बेहत होता है और स्प्लिट एंड्स की दिक्कत से छुटकारा मिल जाता है. आप नारियल का तेल, बादाम का तेल या फिर ऑलिव ऑयल भी चुन सकते हैं.
व्रत त्यौहार /शौर्यपथ / अगर आप भी भोलेनाथ के भक्त हैं और सावन सोमवार का व्रत रख रहे हैं तो ये खबर आपके लिए है. व्रत के दौरान अगर आप ये समझ नहीं पा रहे हैं कि फलाहार में क्या खाएं, तो आज हम आपको बताने जा रहे हैं व्रत की एक ऐसी टेस्टी रेसिपी जिसे आप बहुत ही आसानी से घर पर बना सकते हैं. ये रेसिपी तैयार होगी फलों के राजा आम से बनकर. हम बात कर रहे हैं मैंगो श्रीखंड की. सावन सोमवार के व्रत में आम दही और ड्राई फ्रूट्स मिलाकर बहुत आसानी से मैंगो श्रीखंड बना सकते हैं. इसे बनाना जितना आसान है खाने में ये उतना ही स्वादिष्ट होता है. अच्छी बात ये है कि इसे खा कर आपको व्रत में कमजोरी महसूस नहीं होगी. तो फिर देर किस बात की आम के सीजन में ले आइए मैंगो और बना लीजिए मैंगो श्रीखंड.
व्रत में बनाएं मैंगो श्रीखंड
मैंगो श्रीखंड इंग्रेडिएंट्स
दही - 1 किलो
इलायची पाउडर - 1 छोटा चम्मच
जायफल पाउडर - एक चौथाई छोटा चम्मच
केसर- एक चुटकी
चीनी, पिसी चीनी - 250 ग्राम
आम की प्यूरी- 1 कप
पिस्ता कटा हुआ - मुट्ठीभर
बादाम कटे हुए - मुट्ठीभर
मैंगो श्रीखंड बनाने की रेसिपी
पानी निकालने के लिए दही डालकर रात भर के लिए लटका दें. आप इसे मसलिन क्लॉथ यानि मलमल के कपड़े में या बहुत बारीक छलनी में रात भर लटका सकते हैं. दही को फ्रिज में जरूर रखें. जब ये गाढ़ा हो जाए और लगभग पनीर जैसा हो जाए तो इसे छलनी से छानकर चिकना कर लें.
इस गाढ़े दही में इलायची पाउडर, जायफल पाउडर और भिगोया हुआ केसर मिलाएं. सबसे अच्छा है कि केसर को एक चौथाई कप गर्म पानी या दूध में भिगो दें और केसर को अपना रंग छोड़ने दें और फिर इसका उपयोग करें.
दही में पिसी हुई चीनी डालकर 2-3 मिनिट तक फैंट लीजिए. इससे दही नरम और फूला हुआ हो जाएगा. जब शक्कर पूरी तरह से घुल जाए तो इसमें आम की प्यूरी डालें. अलफांसो या हापुस आम की प्यूरी सबसे अच्छी है लेकिन आप अपने पास मौजूद किसी भी मीठे आम का उपयोग कर सकते हैं.
इसमें कटे हुए पिस्ता और बादाम डालकर मिलाएं. सर्व करने से पहले इसे पूरी तरह ठंडा होने के लिए फ्रिज में रखें.
व्रत त्यौहार /शौर्यपथ /सावन के दो सोमवार बीत चुके हैं, लेकिन अब भी 6 सोमवार बाकी हैं. सोमवार के व्रत में आप अगर कमजोरी महसूस करते हैं तो आप साबूदाने की खिचड़ी बना सकते हैं. फाइबर से भरपूर साबूदाना आपको एनर्जी देता है और इसे खाने से पेट अधिक समय तक भरा हुआ महसूस होता है. इसे बनाना भी काफी आसान है. आप भी सावन सोमवार के व्रत में साबूदाने की खिचड़ी बनाने की सोच रहे हैं तो यहां देखिए इसकी रेसिपी
साबूदाना खिचड़ी बनाने के लिए सामग्री
साबूदाना – 1 कटोरी
मूंगफली दाना – 1/2 कटोरी
आलू – 1
जीरा – 1 टी स्पून
हरा धनिया कटा – 1 टेबलस्पून
नींबू – 1
करी पत्ते – 7-8
हरी मिर्च कटी – 2
घी/तेल – 1 टेबलस्पून
सेंधा नमक – स्वादानुसार
साबूदाना खिचड़ी बनाने का तरीका
सावन सोमवार के व्रत में साबूदाना खिचड़ी बनाकर खाने से आपको दिन भर के लिए एनर्जी मिलती है. सबसे पहले साबूदाने को धोकर उन्हें कुछ घंटे के लिए पानी में भिगोकर छोड़ दें. इस तरह साबूदाना नर्म होकर फूल जाएंगे.
अब एक कड़ाही गैस पर चढ़ाएं और मूंगफली के दाने डालकर सूखा ही भून लें. अब मूंगफली का छिलका निकाल लें और उन्हें दरदरा से पीस लें.
फिर से कड़ाही गैस पर चढ़ाएं और घी डालकर गर्म करें. घी में सबसे पहले जीरा डालें और चटकाएं. अब इसमें कढ़ी पत्ते, हरी मिर्च डालकर भून लें.
इसके बाद उबले हुए आलुओं को काटकर डालें और उन्हें भी सुनहरा होने तक भून लें. इसके बाद भिगोए साबूदाने डालकर अच्छे से मिक्स कर लें. कड़ाही को ढक्कन से ढक कर 4-5 मिनट तक साबूदाना को पकाएं. बीच-बीच में चलाना न भूलें.
अब मूंगफली, नींबू का रस और सेंधा नमक मिला लें. आखिर में धनिया पत्ती डालें और गर्म गर्म सर्व करें.
सेहत टिप्स /शौर्यपथ / डायबिटीज ऐसी कंडीशन है जो सेहत संबंधी कई दिक्कतों का कारण बनती है. डायबिटीज में खासतौर से खानपान पर ध्यान दिया जाता है. डाइट अच्छी ना हो तो ब्लड शुगर के जरूरत से ज्यादा बढ़ने और कम होने का खतरा सिर पर मंडराता रहता है. वहीं, ब्लड शुगर स्पाइक भी खानपान में हुई गड़बड़ी का परिणाम हो सकता है. ऐसे में डायबिटीज के मरीज क्या खा रहे हैं क्या नहीं इसका ध्यान रखना बेहद जरूरी होता है. यहां जानिए ऐसे कौनसे फूड्स हैं जिन्हें डायबिटीज की डाइट में शामिल किया जा सकता है और जो ब्लड शुगर लेवल मैनेज करते हैं.
ब्लड शुगर कम करने वाले फूड्स
दालचीनी
डायबिटीज के मरीजों के बॉडी मास इंडेक्स को कम करने में दालचीनी का असर देखा जा सकता है. दालचीनी में कई पोषक तत्व पाए जाते हैं जिस चलते इसे खानपान का हिस्सा बनाया जा सकता है. दालचीनी का सेवन ब्लड शुगर लेवल को कम करने में भी असर दिखाता है.
दही
ब्लड शुगर लेवल्स को बढ़ने से रोकने के लिए दही का सेवन किया जा सकता है. दही प्रोबायोटिक्स से भरपूर होती है और हाई ब्लड शुगर को कम करने में असर दिखाती है. स्नैक्स की तरह भी दही खाई जा सकती है और इसे रायता बनाकर भी पी सकते हैं.
भिंडी
भिंडी फ्लेवेनॉइड्स की अच्छी स्त्रोत है. फ्लेवेनॉइड्स एंटी-ऑक्सीडेंट्स होते हैं जो कार्डियोवस्कुलर हेल्थ को बेहतर करने में असर दिखाते हैं. भिंडी में ऐसे कई कंपाउंड्स होते हैं जो ब्लड शुगर को कम करने में मददगार हो सकते हैं.
बीज
बीजों को हेल्दी फूड्स की गिनती में खासतौर से शामिल किया जा सकता है. बीज जैसे कद्दू के बीज, असली के बीज और चिया सीड्स पोषक तत्वों से भरपूर होते हैं. इनसे शरीर को अत्यधिक पोषण मिलता है. स्वस्थ रहने के लिए बीजों को डाइट का हिस्सा बनाया जा सकता है.
साबुत अनाज
डायबिटीज में फाइबर का सेवन फायदेमंद होता है. फाइबर हाई ब्लड शुगर को कम करने में असरदार होते हैं. साबुत अनाज में फाइबर की भरपूर मात्रा पाई जाती है. इस चलते खानपान में साबुत अनाज जैसे ओट्स, गेंहू और किनोआ शामिल किए जा सकते हैं. इन्हें पकाना भी आसान है और ये सेहत को अच्छा भी रखते हैं.
आस्था /शौर्यपथ /अंदल जयंती या आदिपुरम का उत्सव देवी अदंल को समर्पित है. मान्यता है कि देवी अंदल मां लक्ष्मी का अवतार हैं और अंदल जयंती उनके जन्मोत्सव के रूप में मनाई जाती है. अंदल जयंती तमिल माह ‘आदि' में मनाए जाने के कारण इसे आदिपुरम भी कहते हैं. इस वर्ष 22 जुलाई शनिवार को अंदल जयंती मनाई जाएगी. आइए जानते हैं अंदल जंयती से जुड़ी कथा और मान्यताएं.
10वीं सदी में तमिलनाडु में जन्म लेने वाली देवी अंदल विष्णु के रूप भगवान रंगनाथ के प्रति अपनी श्रद्धा और भक्ति के लिए प्रसिद्ध हैं. विष्णु भगवान के प्रति उनकी भक्ति ने उन्हें देवी का दर्जा दिलाया है. उन्होंने विष्णु भगवान की भक्ति में 'एं थिरुप्पवाई और नाच्सियर तिरुमोली' धार्मिक रचना लिखी हैं. थिरुप्पवाई कुल 30 छंदों और नाच्सियर तिरुमोली कुल 143 छंदों की धार्मिक रचनाएं हैं. माना जाता है कि इस त्योहार के अंतिम दिन मन और भक्ति भाव से पूजा करने से अविवाहित लड़कियों का मनचाहा वर मिलता है. अगर अंतिम दिन का त्योहार शुक्रवार को आता है तो इसे शुभ संकेत माना जाता है.
देवी अंदल और भगवान रंगनाथ से जुड़ी कथा
देवी अंदल ने 15 वर्ष की आयु में ही भगवान रंगनाथ के प्रति उच्च कोटि की भक्ति भावना प्रकट की थी. उन्होंने भगवान रंगनाथ के अलावा किसी और से विवाह करने से इंकार कर दिया था. प्राचीन कथा के अनुसार कुछ लोग देवी अंदल के पिता के पास गए और कहा कि उन्हें भगवान रंगनाथ सपने में आकर अंदल को दुल्हन बनाकर, उनके मंदिर ‘श्रीरंगम' में लाने को कहा है. तमिलनाडु में श्रीरंगम मंदिर भगवान रंगनाथ का बहुत ही पवित्र मंदिर हैं. जब देवी अंदल दुल्हन के रूप में श्रीरंगम मंदिर में पहुंची, तो वे प्रकाश रूप में बदल कर भगवान विष्णु की प्रतिमा में विलीन हो गईं.
मदिंरों में दस दिन उत्सव
अंदल जयंती के अवसर पर तमिलनाडु के हर विष्णु मंदिर में दस दिन तक उत्सव मनाया जाता है. इस दौरान देवी अंदल और भगवान रंगनाथ के विवाह का उत्सव होता है. उत्सव के अंतिम दिन को आदिपुरम कहते हैं.
धार्मिक रीति रिवाज
घरों और मंदिरों में देवी अंदल की पूजा की जाती है. मंदिरों में शक्ति के सभी रूपों को नई चूड़ियां चढ़ाई जाती हैं. बाद में इन चूड़ियों को भक्तों में बांट दिया जाता है. देवी को लाल रंग के वस्त्र, कमल के फूल और कुमकुम चढ़ाया जाता है.
आस्था /शौर्यपथ / सावन का महीना इस साल एक नहीं बल्कि 2 महीनों का होने वाला है. इस दौरान पूजा और व्रत भी खास महत्व रखते हैं. सावन में यूं तो सभी देवी-देवताओं का पूजन किया जाता है लेकिन यह वह समय है जब महादेव की पूजा-आराधना विशेषकर की जाती है. ऐसे में प्रदोष व्रत भी अत्यधिक शुभ माना जाता है. सावन का दूसरा प्रदोष व्रत अधिकमास के शुक्ल पक्ष का होगा. यह 30 जुलाई, रविवार के दिन पड़ रहा है जिस चलते इसे रवि प्रदोष व्रत भी कहते हैं. जानिए इस प्रदोष व्रत में किस समय और किस तरह से पूजा की जा सकती है.
सावन का दूसरा प्रदोष व्रत |
माना जाता है कि प्रदोष व्रत रखने पर भक्तों पर विशेष शिव कृपा पड़ती है. इस पूजा को करने पर भक्तों को लंबी आयु और रोगमुक्त होने का वरदान मिलता है. पंचांग के अनुसार, श्रावण के अधिकमास के शुक्ल पक्ष की त्रयोदशी तिथि पर प्रदोष व्रत रखा जाएगा. 30 जुलाई, रविवार की सुबह 10 बजकर 34 मिनट से त्रयोदशी तिथि शुरू हो रही है और इस तिथि की समाप्ति अगले दिन 31 जुलाई, सोमवार सुबह 7 बजकर 26 मिनट पर हो जाएगी. इस चलते सावन का दूसरा प्रदोष व्रत 30 जुलाई के दिन रखा जाएगा.
प्रदोष व्रत की पूजा रात के समय की जाती है. इस प्रदोष व्रत में पूजा का शुभ मुहूर्त 30 जुलाई शाम 7 बजकर 14 मिनट से शुरू होकर रात 9 बजकर 19 मिनट तक रहेगा. इस समय पूजा करना बेहद शुभ और फलदायी साबित हो सकता है. इस बार प्रदोष व्रत सर्वार्थ सिद्धि योग में है. इसी योग में पूजा की जाएगी. इसके अतिरिक्त सुबह के समय इंद्र योग भी बन रहा है.
प्रदोष व्रत की पूजा विधि
प्रदोष व्रत में सुबह उठकर स्नान पश्चात स्वच्छ वस्त्र धारण किए जाते हैं और भगवान शिव का ध्यान करने हुए व्रत का प्रण लिया जाता है. प्रदोष व्रत में भगवान शिव की पूजा प्रदोष काल में रात के समय होती है. इस दिन भगवान गणेश और माता पार्वती की भी पूजा की जाती है. शिव पूजा में गुलाल, चंदन, धतूरा, फूल, अक्षत, जनेऊ, कलावा, अगरबत्ती, धूप और कपूर आदि शामिल किए जाते हैं. पूजा के दौरान भगवान शिव को भोग लगाया जाता है और शिव आरती की जाती है.
आस्था /शौर्यपथ / भगवान शिव का प्रिय सावन का पावन महीना चल रहा है. अधिक मास होने के कारण इस बार सावन मास पूरे 58 दिनों का है, जो 30 अगस्त तक चलेगा. 24 जुलाई 2023 को सावन का तीसरा सोमवार होगा. सावन सोमवार पर व्रत रखने से भगवान शिव और माता पार्वती प्रसन्न होते हैं. हर कामना पूरी करते हैं. इस दिन शिवालयों में दर्शन और पूजा की जाती है. मान्यता है कि सावन सोमवार को शिवलिंग पर बेलपत्र चढ़ाने से मनचाहा फल शिवजी देते हैं. तीसरे सोमवार को अद्भुत संयोग बन रहा है, आइए जानते हैं इसके बारें में...
सावन का तीसरा सोमवार 2023 शुभ संयोग
सावन के तीसरे सोमवार पर खास संयोग बन रहा है. रवि और शिव योग भक्तों के लिए अमृत काल के समान है. शिव योग में पूजा से हर काम में सफलता मिलती है. वहीं, रवि योग में अमंगल की स्थिति भी मंगल में बदल जाती है.
शिव योग का समय - 23 जुलाई, दोपहर 02.17 से लेकर 24 जुलाई 2023 दोपहर 02.52 बजे तक
रवि योग का समय - 24 जुलाई 2023 को सुबह 05.38 बजे से लेकर रात 10.12 बजे तक
सावन के तीसरे सोमवार के व्रत का नियम
1. सूर्योदय से पहले उठ जाएं, नहाकर साफ कपड़े पहनें.
2. सूर्योदय से पहले की गई शिवजी की पूजा बहुत ही फलदायी होती है.
3. शिव मंदिर में जाकर दर्शन और पूजा करें.
4. बेलपत्र, धतूरा और दूध शिवलिंग पर चढ़ाएं.
5. भगवान शिव और माता गौरी की एक साथ पूजा करें.
6. इंद्रियों पर काबू रखें, किसी का बुरा न सोचें.
7. संयम से रहें, सादा फलाहार करें.
8. बालों को न कटवाएं.
सावन के तीसरे सोमवार के व्रत में क्या फलाहार करें
स्किम्ड मिल्क के साथ फल ले सकते हैं.
भीगे बादाम खा सकते हैं.
सेंधा नमक डालकर साबूदाने से बना कोई चीज खा सकते हैं.
कुट्टू के आटे से बनी पूरी और आलू की सब्जी के साथ दही फलाहार में ले सकते हैं.
सूखे मेवे, सादी चाय, व्रत के चिप्स, रोस्टेड मखाना फलाहार में ले सकते हैं.
सावन के तीसरे सोमवार को व्रत में सावधानियां
1. मांस, मदिरा और तामसिक भोजन से दूर रहें.
2. न देर तक सोएं, ना ही देर से पूजा करें.
3. शिवलिंग पर हल्दी या सिंदूर न लगाएं.
सेहत टिप्स /शौर्यपथ / बाहर निकले पेट से अनेक लोग परेशान रहते हैं. पेट निकलने के मुख्य कारणों में जरूरत से ज्यादा जंक फूड्स खाना, बिल्कुल भी एक्सरसाइज ना करना, लंबे समय तक बैठे रहना और पूरे शरीर का वजन बढ़ना भी हो सकता है. ऐसे में पेट कम करने की कोशिश की जाती है. लेकिन, पेट जितनी आसानी से निकल जाता है उतनी आसानी से अंदर नहीं जाता है. पेट की चर्बी घटाने में यहां बताए गए कुछ टिप्स काम आ सकते हैं. इन तरीकों को आजमाना आसान भी है और असरदार भी साबित हो सकता है.
पेट की चर्बी कम करने के टिप्स
पेट की चर्बी कम करने में बहुत छोटे-छोटे से काम आपकी बड़ी मदद करते हैं. आप अपनी डाइट में नमक कम कर सकते हैं. नमक कम होगा तो सोडियम भी कम होगा.
सुबह उठकर गर्म पानी पीने पर भी फायदा मिलता है. आप सुबह खाली पेट गर्म पानी पी सकते हैं. आप चाहे तो जीरा पानी या फिर अजवाइन का पानी भी पी सकते हैं.
खाना खाने के 20 मिनट बाद गर्म पानी पीने पर भी फैट लॉस में मदद मिलती है. आप सुबह से शाम तक कोई भी मील लेने के बाद गर्म पानी पी सकते हैं. पानी बहुत ज्यादा गर्म ना हो इस बात का ध्यान रखें.
बैली फैट को कम करने के लिए वॉकिंग भी की जा सकती है. आप दोपहर कुछ खाने के बाद और रात में डिनर के बाद 20 मिनट वॉक कर सकते हैं. इस समय की गई वॉकिंग बेहद असरदार होती है.
पूरी नींद लेना भी वजन घटाने के लिए जरूरी है. अगर आप चाहते हैं कि आपका वजन तेजी से कम हो और पेट अंदर होने लगे तो नींद पूरी लें. आधी-अधूरी नींद मोटापा बढ़ाती है.
फाइबर से भरपूर चीजें खाना भी बैली फैट कम करने में असरदार होता है. आप दलिया, पोहा, फल और फाइबर के अन्य स्त्रोत अपने खानपान में शामिल कर सकते हैं.
एल्कोहल जैसे मादक पदार्थों से परहेज करना वजन घटाने के लिए जरूरी है. मादक पदार्थों के साथ ही कोल्ड ड्रिंक्स और सोडा का सेवन कम करने पर जोर दें.
सेहत टिप्स /शौर्यपथ / पेट फूलने के कई कारण हो सकते हैं. कुछ जरूरत से ज्यादा चटपटा खा लेना, मसालेदार चीजों का सेवन, खराब या सड़ा हुआ कुछ खाना या फिर जरूरत से ज्यादा किसी चीज के सेवन से पेट फूलने की दिक्कत होने लगती है. पेट फूलने की एक वजह पेट में लगातर बन रही गैस भी है. ऐसे में उठने-बैठने में तो दिक्कत होती ही है साथ ही पेट में हल्का दर्द भी महसूस होने लगता. अगर आप पेट फूलने पर दवाई नहीं खाना चाहते और समझ नहीं पा रहे कि किस तरह पेट फूलने की दिक्कत कम की जा सकती है, तो यहां बताए योगासन आपके काम आ सकते हैं. इन योगासन को करना आसान भी है और असरदार भी.
पेट फूलने और गैस की दिक्कत के लिए योगा
सेतु बंध सर्वांगासन
इस योगासन को करने के लिए जमीन पर पीठ के बल लेट जाएं. अपने घुटनों को मोड़कर पैरों के तलवों को जमीन पर रखें, अब अपने दोनों हाथ शरीर के दोनों तरफ रख लें. अपनी कमर को ऊपर की तरफ खींचे और हिप्स को रिलैक्स करें. आपका पेट अब हवा में होगा. इस योगासन को कुछ देर होल्ड करके छोड़ दें.
पश्चिमोत्तानासन
अक्सर स्कूल में इस आसन को खूब करवाया जाता था. यह योगासन शरीर में लचकता तो लाता ही है साथ ही पेट फूलने और गैस की दिक्कत को दूर करने में भी असर दिखाता है. पश्चिमोत्तानासन करने के लिए जमीन पर बैठें और अपने दोनों पैरों को सामने की तरफ लेटाकर रखें. अपनी पीठ को एकदम सीधा रखें और फिर आगे की तरफ मोड़तक पैरों के पंजों को हाथों से छुएं या पकड़ लें. कुछ देर इस आसन को होल्ड करने के बाद पहले वाली मुद्रा में आ जाएं.
बालासन
बालासन करने के लिए घुटनों के बल जमीन पर बैठें. आपको दोनों पैरों के पंजे पीछे की तरफ होने चाहिए. इसके बाद दोनों हाथों को सामने की तरफ लाएं और कमर को झुकाएं. आपकी हथेली सामने सिर के आगे जमीन पर लगी होनी चाहिए. अपने सिर को आप जमीन से लगा सकते हैं. कुछ देर होल्ड करने के बाद पहले वाली मुद्रा में आ जाएं. बालासन पेट के लिए अच्छा होता है.
धनुरासन
धनुरासन करने पर शरीर धनुष के आकार का नजर आने लगता है. इस योगासन को करने के लिए जमीन पर पेट के बल लेटा जाता है. इसके बाद अपने सिर को थोड़ा पीछे की तरफ उठाएं, हाथों को पीछे लेकर दाएं और दोनों पैरों को मोड़कर आगे की तरफ लाते हुए हाथों से पकड़ लें. ब्लोटिंग से लेकर कब्ज तक की दिक्कत इस आसन से दूर हो सकती है.
ब्यूटी टिप्स / शौर्यपथ / यंग एज में पिंपल्स होना एक आम समस्या है, लेकिन कुछ लोगों की स्किन इतनी ऑयली होती है कि बढ़ती उम्र में भी पिंपल्स आते रहते हैं और जब इसमें पस भर जाता है, तो ये और तकलीफ देह हो जाते हैं. ऐसे में अगर इनसे छुटकारा पाने के लिए बाजारों के महंगे ट्रीटमेंट्स लेकर आप तंग आ चुके हैं, और कोई फायदा नहीं हुआ तो आप घर पर इन 5 होम रेमेडीज को अपना सकते हैं, जो 100 टका आपके पिंपल्स के इंफ्लेमेशन, रेडनेस और उसका साइज कम करने का काम करता है. साथ ही स्पॉट्स को भी रिड्यूस करता है.
पिंपल्स से छुटकारा दिलाएंगे ये घरेलू नुस्खे
टी ट्री ऑयल है पिंपल के लिए बेस्ट
अपने एंटी बैक्टीरियल गुणों के लिए टी ट्री ऑयल जाना जाता है. इसमें मुंहासे पैदा करने वाले बैक्टीरिया को कम करने की शक्ति होती है. आप टी ट्री ऑयल की कुछ बूंदों को पानी या गुलाब जल में मिलाकर इसे डायरेक्ट पिंपल पर लगा सकते हैं. पेट फूल गया है और गुड़गुड़ हो रही है महसूस, तो इन 4 योगासन को करने पर मिल सकती है राहत.
शहद और दालचीनी का मास्क
पिंपल और इसकी इंफ्लेमेशन को कम करने के लिए एक चम्मच दालचीनी के साथ दो बड़े चम्मच शहद मिलाकर पेस्ट बना लें. इस पेस्ट को पिंपल्स पर लगाएं और 10-15 मिनट रखने के बाद गर्म पानी से धो लें.
आइस पैक
पिंपल्स इफेक्टेड एरिया पर आइस पैक लगाने से पिंपल्स से जुड़ी सूजन को कम करने में मदद मिल सकती है. एक बर्फ के टुकड़े को एक साफ कपड़े में लपेटें और इसे धीरे-धीरे कुछ मिनटों के लिए फुंसी पर रखें.
नींबू का रस
नींबू के रस में नेचुरल कसैले गुण होते हैं और इसमें विटामिन सी होता है, जो पिंपल्स को सुखाने में मदद कर सकता है. इसे यूज करने के लिए ताजा निचोड़ा हुआ नींबू का रस रुई की मदद से प्रभावित क्षेत्र पर लगाएं.
ग्रीन टी
एक कप ग्रीन टी बनाएं और इसे ठंडा होने दें. ठंडी चाय को पिंपल्स पर लगाने के लिए कॉटन बॉल का उपयोग करें या इसे फेस वॉश के रूप में उपयोग करें. ग्रीन टी में एंटीऑक्सीडेंट और एंटी-इंफ्लेमेटरी गुण होते हैं जो मुहांसों को कम करने में मदद कर सकते हैं.
ब्यूटी टिप्स /शौर्यपथ /ऐसी कम ही महिलाएं हैं जिनके बाल प्राकृतिक रूप से मुलायम और सिल्की होते हैं. अन्य महिलाओं को सिल्की बाल पाने के लिए थोड़ी बहुत जद्दोजहद तो करनी ही पड़ती है. आमतौर पर सैलून से हेयर स्पा, केराटिन ट्रीटमेंट और स्मूदनिंग करवाकर बालों को सोफ्ट बनाने की कोशिश की जाती है लेकिन सैलून में हर दूसरे-तीसरे महीने जाना जेब के लिए महंगा पड़ जाता है. लेकिन, अब आपको फिक्र करने की जरूरत नहीं है क्योंकि आपके लिए केले को बालों पर लगाने के ऐसे तरीके बताए जा रहे हैं जो बालों की कायापलट कर सकते हैं. यहां बताए केले के हेयर मास्क बालों को घना, मुलायम और चमकदार बनाने के लिए काफी होते हैं.
मुलायम बालों के लिए केले का हेयर मास्क
केले विटामिन बी6, विटामिन सी, डाइट्री फाइबर, मैग्नीशियम और पौटेशियम से भरपूर होते हैं. इनके फायदे सेहत को ही नहीं बल्कि बालों को भी मिलते हैं. बालों को केले के हेयर मास्क लगाने पर डैंड्रफ से छुटकारा मिलता है, स्कैल्प को नमी मिलती है और बाल मुलायम होने लगते हैं. जानिए केले से हेयर मास्क बनाने के तरीके.
केला और अंडा
बालों के लिए केले और अंडे का यह हेयर मास्क कमाल का साबित होता है. इस हेयर मास्क को बनाने के लिए 2 पूरे अंडे लें और उसमें एक केला मसलकर डाल लें. इस हेयर मास्क को बालों की जड़ों से सिरों तक लगाएं और बालों पर आधा घंटा लगाए रखने के बाद धो लें. इस हेयर मास्क को छुड़ाते हुए आपको थोड़ी दिक्कत हो सकती हैं क्योंकि केला बालों पर चिपक जाता है.
केला और नारियल का तेल
नारियल के तेल को केले के साथ बालों में लगाने पर यह बालों में नहीं चिपकता है. इस हेयर मास्क को बनाने के लिए केले में एक चम्मच नारियल का तेल मिलाएं और तैयार हेयर मास्क को बालों पर 20 से 25 मिनट लगाए रखने के बाद सिर धो लें. बाल मुलायम होने लगेंगे.
केला और शहद
सोफ्ट और सिल्की बालों के लिए इस हेयर मास्क को बनाकर भी लगाया जा सकता है. इस हेयर मास्क को बनाने के लिए एक केले को मैश करके उसमें 2 चम्मच भरकर शहद मिला लें. इसे स्कैल्प पर लगाएं और बचा हुआ बालों के सिरों तक मल लें. बालों को जूड़े में बांधकर कुछ देर रखें और 20 मिनट बाद सिर धोएं.
मुंगेली / शौर्यपथ / राज्य शासन की महत्वाकांक्षी मुख्यमंत्री स्कूल जतन योजना के अंतर्गत अब जिले के स्कूल संवरने लगे हैं। मुख्यमंत्री भूपेश बघेल की मंशानुरूप स्कूलों का कायाकल्प होने से बच्चों को पढ़ाई के लिए बेहतर परिवेश मिल रहा है। कलेक्टर राहुल देव ने आज मुंगेली विकासखंड के ग्राम बामपारा में मुख्यमंत्री स्कूल जतन योजना के अंतर्गत प्राथमिक शाला के जीर्णोधार कार्य का निरीक्षण किया। इस दौरान उन्होंने स्कूल के जीर्णोधार के लिए स्वीकृत राशि, कार्य की लागत के संबंध में जानकारी ली।
जिला शिक्षा अधिकारी ने बताया कि ग्राम बामपारा का स्कूल काफी जर्जर हो गया था। जिसे मुख्यमंत्री स्कूल जतन योजना अंतर्गत जीर्णोधार किया गया है। इसमें छत, खिड़की, दरवाजा की मरम्मत, कक्षों में टाइल्स, पुट्टी आदि कार्य शामिल है। कलेक्टर ने मुख्यमंत्री स्कूल जतन योजना अंतर्गत स्वीकृत अन्य शाला भवनों की भी मरम्मत, नवीनीकरण और जीर्णोद्धार कार्य के साथ अतिरिक्त कक्ष निर्माण शीघ्र कराने के निर्देश दिए।
कलेक्टर ने बच्चों से सुना पहाड़ा, टॉफी प्रदान कर किया उत्साहवर्धन
कलेक्टर ने प्राथमिक शाला बामपारा में कक्षा 05वीं के बच्चों से भी मुलाकात की और शिक्षा का स्तर एवं गुणवत्ता परखने उनसे 13 और 19 का पहाड़ा सुनाने कहा। कलेक्टर ने बच्चों द्वारा बेझिझक पहाड़ा सुनाने पर उनकी भूरी-भूरी सराहना की और टॉफी प्रदान कर उत्साहवर्धन किया। उन्होंने बच्चों से कहा कि शिक्षा के बिना एक आदमी नींव के बिना एक इमारत की तरह है। हमारे जीवन में शिक्षा का बहुत अधिक महत्व होता है। शिक्षा एक व्यक्ति की सोच का पोषण करती है और उन्हें जीवन में सोचने, कार्य करने और आगे बढ़ने की क्षमता प्रदान करती है। उन्होंने बच्चों को खूब मन लगाकर पढ़ाई करने और आगे बढ़ने प्रेरित किया। इस अवसर पर अपर कलेक्टर श्री विजेंद्र पाटले सहित संबंधित अधिकारी, शिक्षकगण और गणमान्य नागरिक श्री लोकराम साहू उपस्थित थे।