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आस्था /शौर्यपथ/भक्तों की प्रार्थना जल्दी सुनते हैं चिंतामन स्वामी गणेश, जानिए क्यों बनाया जाता है उल्टा स्वास्तिक वैसे तो हमारे देश में भगवान गणेश के कई मंदिर हैं। लेकिन मध्यप्रदेश की राजधारी भोपाल से 35 किमी दूर सीहोर में स्थित स्वयंभू गणेश जी का मंदिर काफी फेमस है। इस मंदिर को लेकर किंवदिंतिया लोगों के बीच फेमस हैं।
वैसे तो पूरे देश में भगवान गणेश के कई मंदिर हैं। लेकिन भगवान गणेश के कुछ मंदिरों को लेकर तमाम तरह की किवदंतियां लोगों के बीच प्रचलित हैं। ऐसा ही एक मंदिर सीहोर में स्वयंभू गणेश जी का मंदिर है। इस मंदिर को चिंतामन गणेश मंदिर भी कहा जाता है। इस स्थान को सिद्ध स्थल माना जाता है। आज इस आर्टिकल के जरिए हम आपको चिंतामन गणेश जी के मंदिर के बारे में कुछ रोचक तथ्यों के बारे में बताने जा रहे हैं।
सिद्धि विनायक मंदिर
बता दें कि सीहोर का सिद्धि विनायक मंदिर अपनी ऐतिहासिक विरासत के लिए जाना जाता है। इस मंदिर को चिंतामन सिद्ध गणेश मंदिर के नाम से भी जाना जाता है। चिंतामन सिद्ध गणेश मंदिर सीहोर उत्तर पश्चिम दिशा में गोपालपुर गांव में स्थित है। मध्यप्रदेश की राजधानी भोपास से यह मंदिर करीब 35 किमी दूर स्थित है।
मंदिर का इतिहास
लोक कथाओं के अनुसार, उज्जैन के शासक महाराज विक्रमादित्य ने 155 विक्रम में इस मंदिर का निर्माण श्रीयंत्र के अनुरूप करवाया था। जिसके बाद मराठा पेशवा बाजीराव ने मंदिर का नवीनीकरण करवाया था। बुधवार के दिन यहां पर भक्तों की भारी भीड़ देखने को मिलती है। वहीं गणेश चतर्थी के दिन इस मंदिर में भक्तों का तांता लगा रहता है। इस मंदिर में स्थापित गणेश जी की प्रतिमा आधी खड़ी हुई और आधी जमीन के अंदर धंसी हुई है। जिसके कारण भक्तों को आधी मूर्ति के दर्शन हो पाते हैं।
माना जाता है कि यह स्वयंभू भगवान गणेश जी की प्रतिमा है। इसलिए इस मंदिर की प्रतिमा का प्रताप अन्य जगहों से ज्यादा माना जाता है। बताया जाता है कि इस मंदिर में अनेक तपस्वियों ने सिद्धि प्राप्त की है। मान्यता के अनुसार, जो भी भक्त यहां पर अपना दुखड़ा सुनाता है। स्वयंभू श्री गणेश स्वयं भक्त के हर संकट को हर लेते हैं। कहा जाता है कि इस मंदिर में स्वास्तिक का उल्टा निशान बनाने के भक्तों का हर काम सिद्ध होता है।
मंदिर से जुड़ी किंवदंती
बताया जाता है कि मंदिर में स्थापित गणेश जी की प्रतिमा की आंखों में हीरे जड़े थे। वहीं 150 साल पहले मंदिर में ताला नहीं लगाया जाता है। तभी किसी चोर ने गणेश जी की आंखों से वह हीरे चुरा लिए थे। जिसके बाद उस मूर्ति से लगातार 21 दिनों तक दूध बह रहा था। बाद में भगवान गणेश ने मंदिर के पुजारी को स्वप्न देते हुए कहा कि उनकी मूर्ति खंडित नहीं हुई है। मूर्ति में चांदी के नेत्र लगवा दो। जिसके बाद गणेश जी की प्रतिमा में चांदी के नेत्र लगवाए गए और मंदिर में भंडारा किया गया।
आस्था /शौर्यपथ / जानिए चंद्र दर्शन का शुभ मुहूर्त और महत्व पंचाग के मुताबिक आज यानी की 19 जुलाई 2023 को अधिक मास की दूसरी तिथि है। इस दिन यानी की अमावस्या को चंद्र देव के दर्शन करना शुभ माना जाता है। इस दिन चंद्र देव की पूजा की जाती है और व्रत भी किया जाता है।
किसी भी महीने की अमावस्या को चंद्रदेव के दर्शन करना काफी शुभ माना जाता है। धार्मिक दृष्टि से भी इसे काफी अहम माना जाता है। बता दें कि अमावस्या के दिन चंद्रमा के दर्शन कर लोग जीवन में सुख, समृद्धि और सौभाग्य की कामना करने के साथ ही विधि-विधान से पूजा-अर्चना करते हैं। हिंदू पंचांग के अनुसार, इस साल 19 जुलाई 2023 को चंद्र दर्शन किया जा सकता है।
चंद्र दर्शन तिथि
प्रतिपदा की तिथि का समय- 18 जुलाई दोपहर 12:01 मिनट - 19 जुलाई दोपहर 2:10 मिनट तक
चंद्रोदय समय- 19 जुलाई, सुबह 6:57 मिनट पर
चंद्रास्त समय- 19 जुलाई, शाम 8:38 मिनट पर
चंद्रदर्शन की पूजा
इस दिन भक्त पूरे विधि-विधान से चंद्रदेव के दर्शन कर उनकी पूजा-अर्चना करते हैं। इस दिन चंद्रदेव को प्रसन्न करने के लिए कठोर व्रत भी किया जाता है। वहीं सूर्यास्त के फौरन बाद चंद्रमा को देखकर व्रत खोला जाता है। मान्यता के अनुसार, जो भी जातक चंद्र दर्शन के दिन चंद्र देव की अनुष्ठान पूजा करता है, उस व्यक्ति को सौभाग्य और समृद्धि प्राप्त होती है। इस दिन दान-पुण्य करना भी काफी शुभ माना जाता है। बता दें कि इस दिन ब्राह्मणों को कपड़े, चावल और चीनी आदि दान करने से शुभ फल प्राप्त होते हैं।
चंद्र दर्शन का महत्व
चंद्र देव को सबसे हिंदू पौराणिक कथाओं में प्रतिष्ठित देवताओं से एक माना गया है। वहीं चंद्रमा को अनुकूल ग्रह माना गया है। यह ज्ञान, पवित्रता अच्छे इरादों के साथ शांत मन से जुड़ा होता है। बताया जाता है कि जिस व्यक्ति की कुंडली के ग्रह में चंद्रमा की स्थिति अनुकूल होती है। वह अपने जीवन में सफलता और समृद्धि पाता है। हिंदू धर्म में चंद्रमा और भी अधिक प्रभावशाली माना जाता है। क्योंकि यह हिंदू धर्म में चंद्र कैलेंडर का पालन किया जाता है।
व्रत त्यौहार / शौर्यपथ / भगवान शिव को समर्पित सावन के महीने की शुरुआत हो चुकी है. इस पूरे महीने भक्त उनकी पूजा और आराधना करते हैं. सावन के सोमवार को व्रत रखकर विधिवत भोलेनाथ की पूजा करने का खास महत्व माना जाता है. सावन सोमवार के व्रत में बिना अनाज खाए, पूरे दिन फलाहार पर रहा जाता है. ऐसे में आपको फलाहार में कुछ ऐसा तैयार करना चाहिए जो पूरी तरह सात्विक हो और जिसे खाने से आपको एनर्जी भी भरपूर मिले और पेट भी भरा रहे. पोषक तत्वों से भरपूर लौकी खाने से आपके शरीर को ताकत भी मिलती है और खाने में भी ये बेहद टेस्टी होता है. आइए लौकी का हलवा बनाने का तरीका जान लेते हैं.
लौकी का हलवा बनाने की सामग्री
250 ग्राम लौकी
2 टेबलस्पून घी
90 ग्राम शक्कर
250 मिली दूध
50 ग्राम मावा
एक चौथाई टीस्पून इलायची पाउडर
बादाम, काजू और पिस्ता
लौकी का हलवा बनाने का तरीका
सावन सोमवार के व्रत में लौकी का हलवा बनाने के लिए सबसे पहले लौकी को छीलकर और अच्छे से धोकर उसे कद्दूकस कर लें. अब एक कड़ाही गैस पर रखें और गर्म होने दें. अब इसमें शुद्ध घी डालें. घी गर्म हो जाने पर इसमें कद्दूकस की हुई लौकी डालें और अच्छे से इसे भूनें. लौकी का पानी थोड़ा सूखने लगे तब उसमें दूध डालें और पकने दें. दूध सूखने लगे तब इसमें मावा और चीनी डालें और अच्छे से मिक्स करें. अब इसमें बारीक कटे बादाम, काजू और पिस्ता डालें. फ्लेवर के लिए इलायची कूट कर डालें और सभी को साथ में मिक्स करें. लौकी का हलवा तैयार है.
सेहत टिप्स /शौर्यपथ / रस्सी कूदना आपको एक आसान व्यायाम की तरह लग सकता है. इसमें आपको बस एक रस्सी का उपयोग करके ऊपर और नीचे कूदना है. लेकिन यह समझना जरूरी है कि इस एक एक्सरसाइज में हमारे शरीर की सभी मांसपेशियां शामिल होती हैं और इसे करते समय एक भी गलती करना आपके लिए खतरनाक साबित हो सकता है. रस्सी कूदने से पैर की मांसपेशियां मजबूत होती हैं और यहां तक कि वजन घटाने में भी मदद मिलती है. अगर किसी कारण से आप जिम नहीं जा पा रहे हैं या आपको जिम जाना पसंद नहीं है तो आप स्वस्थ और फिट रहने के लिए घर पर ही रस्सी कूद सकते हैं. लेकिन इससे पहले यहां 4 बातें बताई गई हैं इनका ध्यान रखना चाहिए.
रस्सी कूदने से पहले रखें इन बातों का ध्यान
1- जब आप रस्सी कूद रहे हों तो सर्फेस प्लेन होनी चाहिए, नहीं तो आपके टखने और घुटनों पर चोट लग सकती है. समतल सतह पर कूदें, चाहे वह इनडोर हो या आउटडोर.
2- आपको हैंडल को हथेलियों से नहीं, अपनी उंगलियों से पकड़ना चाहिए. एक मजबूत पकड़ से रस्सी बेहतर तरीके से मुड़ सकेगी. रस्सी को घुमाने के लिए अपनी कलाई का प्रयोग करें, अपनी भुजाओं का नहीं. आपके हाथ आपके कूल्हे की हड्डियों के सामने होने चाहिए.
3- वहीं, जब आप रस्सी पर कूद रहे हों तो आपकी पीठ सीधी होनी चाहिए. झुककर कूदने से कमर दर्द की समस्या हो सकती है और इस व्यायाम से आपको अधिकतम लाभ नहीं मिल पाएगा. अपना सिर ऊपर, छाती ऊपर और कंधे पीछे की ओर रखें.
4- आपको जमीन से ज्यादा ऊंची छलांग लगाने की जरूरत नहीं है, कूदने की ऊंचाई ज़मीन से 1/2 से 1 इंच से अधिक नहीं होनी चाहिए. इसके अलावा, रस्सी कूदते समय हमेशा अपने पैरों को एक साथ रखें और घुटने थोड़े मुड़े हुए.
टिप्स ट्रिक्स /शौर्यपथ /बरसात के मौसम में जगह-जगह पानी जमने लगता है, गंदगी होती है, की़ड़े-मकौड़े पनपने लगते हैं और घर में बेझिझक घूमती नजर आ जाती हैं छिपकलियां. कोई छिपकली भूरी तो कोई एकदम पीली दिखती है, कोई बड़ी होती है तो कई बेहद छोटी-छोटी भी होती हैं जो दीवारों पर टिकने का नाम नहीं लेतीं और जमीन पर घूमते हुए बड़े-बड़ों को नानी याद दिला देती हैं. ऐसे में इन छिपकलियों से छुटकारा पाना जरूरी हो जाता है. यहां कुछ ऐसे ही आसान ने नुस्खे और टिप्स दिए जा रहे हैं जो आपको इन छिपकलियों को भगाने में बेहद काम आएंगे. इन घरेलू उपायों को आजमाना भी आसान है.
छिपकली भगाने के घरेलू उपाय
घर से छिपकली भगाने के यहां कुछ ऐसे नुस्खे दिए जा रहे हैं जो आमतौर पर कारगर साबित होते हैं. इन नुस्खों के अलावा ध्यान दें कि घर में सफाई रहे और सिंक के अंदर रखे ड्रॉअर सूखे और साफ रहें.
कॉफी आएगी काम
क्या आप जानते हैं जितनी कॉफी की खुशबू हमें अच्छी लगती है उतनी ही यह खुशबू छिपकलियों को बदबू महसूस होती है. छिपकलियां कॉफी की सुगंध से दूर भागती हैं. ऐसे में आप कॉफी में थोड़ा तंबाकु का पाउडर डालकर पानी मिलाते हुए छोटी गोलियां बना सकते हैं और इन्हें दीवार के नीचे, अलमारी के ऊपर और जहां-जहां छिपकलियां घूमती हैं वहां-वहां रख सकते हैं.
बनाएं काली मिर्च का स्प्रे
काली मिर्च के पानी को छिपकलियों पर छिड़कने पर छिपकलियां दुम दबाकर भागना शुरू कर देती हैं. काली मिर्च को कूटकर पानी में मिलाएं और बस बनकर तैयार हो जाएगा आपका पेपर स्प्रे. इस पेपर स्प्रे के अलावा आप लाल मिर्च से भी छिपकली भगाने वाला स्प्रे तैयार कर सकते हैं.
अंडे के छिलके दिखाएंगे असर
छिपकलियां अंडे के छिलकों से भी दूर भागती हैं. इन छिलकों से आने वाली बदबू छिपकलियों को बिल्कुल अच्छी नहीं लगती है. आपको करना बस इतना है कि थोड़े अंडे के छिलके लेकर इन्हें तोड़ लें और छिपकलियों के ठिकानों पर रख दें. इससे कुछ और छोटे-मोटे कीड़े भी दूर रह सकते हैं.
लहसुन और प्याज का रस
रसोई में आराम से मिल जाने वाली 2 चीजें हैं लहसुन और प्याज. दोनों सब्जियों का रस निकालें और किसी छोटी सी स्प्रे बोतल में भरें. इस रस को सीधा छिपकलियों पर भी छिड़का जा सकता है और घर के कोनों पर भी जहां छिपकलियां आमतौर पर ज्यादा नजर आती हैं. आपको घर में छिपकली नजर आना बंद हो जाएंगी.
सेहत टिप्स /शौर्यपथ / बैली फैट या कहें बाहर निकलता पेट एक बड़ी दिक्कत है. ऐसे अनेक लोग हैं जिनका शरीर तो पतला होता है लेकिन पेट बाहर निकला नजर आता है. पेट बाहर निकला हो तो खुद को भी असहजता होती है और कोई कपड़ा खुदपर अच्छा नहीं लगता सो अलग. बाहर निकले पेट का कारण अनहेल्दी डाइट, नींद की कमी, जीवनशैली का सही ना होना और किसी तरह की एक्सरसाइज ना करना भी हो सकता है. ऐसे में पेट को कम करने के लिए यहां बताई कुछ एक्सरसाइज करना फायदेमंद साबित होता है. इन एक्सरसाइज को करना बेहद आसान भी है.
बैली फैट करने के लिए एक्सरसाइज
कार्डियो वर्कआउट
सुबह आधा घंटा कार्डियो एक्सरसाइज की जा सकती है. रोजाना ना सही लेकिन हफ्ते में 5 दिन 30 मिनट एक्सरसाइज करने पर अच्छा असर नजर आता है. कार्डियो और एरोबिक्स फुल बॉडी वेट मैनेजमेंट में काम आती है.
लेग इन एंड आउट
इस एक्सरसाइज से बैली फैट और लोअर एब्स पर प्रभाव पड़ता है. लेग इन एंड आउट एक्सरसाइज करने के लिए मैट पर बैठें. अपने हाथों को पीछे की तरफ रखें और दोनों पैर सामने की तरह फैलाएं. अब घुटनों से पैरों को मोड़ें और फिर आगे लेकर जाएं. इस एक्सरसाइज के 20 रैप्स के 2 सेट्स करें.
लाइंग लेग रैजेस
बैली फैट कम करने के लिए यह सबसे आसान एक्सरसाइज होती है. इस एक्सरसाइज को करने के लिए मैट पर पीठ के बल लेटें. हाथों को शरीर के दोनों तरफ रखें. अब एक पैर या दोनों पैरों को एकदम सीधे हवा में उठाएं और 90 डिग्री के कोण पर रखें. पैरों को ऊपर से नीचे लेकर आएं. इस एक्सरसाइज के 15 रैप्स वाले 3 सेट्स करें.
सिट अप्स
सिट अप्स करने के लिए मैट पर बैठें. अपने पैरों को घुटनों से मोड़कर सामने की तरफ रखें. अपने दोनों हाथों को सिर के पीछे रखें. अब पैरों को नीचे ही जमीन पर टिकाकर रखें और शरीर को पीछे की तरफ लेकर जाएं और फिर वापस बैठें. 12-12 रैप्स के 2 सेट्स करें. सिट अप्स से बैली फैट पर तेजी से असर दिखने लगता है.
प्लैक्स
कोर स्ट्रेंथ बढ़ाने और बैली फैट को कम करने के लिए प्लैंक्स किए जा सकते हैं. प्लैंक्स करने के लिए जमीन पर पेट के बल लेटें. अब पैरों को पंजों और कोहनी से हथेली तक के हिस्से को जमीन पर टिकाकर बाकी शरीर को ऊपर हवा में उठाएं. कुछ देर पॉजीशन होल्ड करें फिर सामान्य हो जाएं. कम से कम 3 सेट्स किए जा सकते हैं.
सेहत टिप्स /शौर्यपथ / मेथी को सबसे पुराने औषधीय पौधों में से एक माना जाता है. इस पौधे के ताजे और सूखे बीजों का उपयोग सदियों से मसाले और स्वाद बढ़ाने वाले एजेंट के रूप में किया जाता रहा है. दुनिया भर में इसका प्रमुख उत्पादन भारत में होता है, जिसमें 80% उत्पादन राजस्थान में होता है. हालांकि, इसकी खेती उत्तरी अफ्रीका, भूमध्यसागरीय क्षेत्रों और अमेरिका में भी की जाती है. मेथी के बीज का उपयोग कई पारंपरिक व्यंजनों को बनाने में किया जाता है. अगर इसे नियमित रूप से आहार में शामिल किया जाए तो इस जड़ी-बूटी के संपूर्ण स्वास्थ्य पर कई सकारात्मक प्रभाव पड़ते हैं. इस आर्टिकल में हम मेथी के बीज हड्डियों को मजबूत बनाने के अलावा और सेहत को क्या लाभ पहुंचा सकते हैं, इसके बारे में विस्तार से बताने वाले हैं.
मेथी के बीज के पोषक तत्व
यूएस डिपार्टमेंट ऑफ एग्रीकल्चर के अनुसार एक बड़े चम्मच साबुत मेथी के बीज में कई पोषक तत्व होते हैं, जिनमें फाइबर 0.91 ग्राम, प्रोटीन 0.851 ग्राम, कार्ब्स 2.16 ग्राम, आयरन 1.24 एमजी, मैग्नीज 0.041 एमजी, मैग्निशियम 7.07 एमजी, कैल्शियम 6.51 एमजी मिलि ग्राम होता है.
मेथी बीज भिगोकर खाने के लाभ
1- मेथी के बीज में मौजूद कैल्शियम आपकी हड्डियों को मजबूत रखने में कारगर साबित हो सकता है. आप रात में एक चम्मच इस पीले बीज को भिगो दीजिए फिर सुबह छानकर पी लीजिए. ऐसा आप रोज खाली पेट करते हैं तो कमजोर बोन का सामना नहीं करना पड़ेगा.
2- मां का दूध आपके बच्चे के विकास के लिए पोषण का सबसे अच्छा स्रोत है. हालांकि, कुछ लोगों को पर्याप्त मात्रा में ब्रेस्ट मिल्क नहीं हो पाता है, ऐसे में फिर मेथी एक सुरक्षित, प्राकृतिक विकल्प हो सकता है.
2- खराब लाइफस्टाइल के कारण लोगों में मोटापा तेजी से बढ़ रहा है. जिसको कम करने के लिए लोग योगा और जिम करते हैं. अगर आप वाकई वजन कम करना चाहते हैं तो फिर इसका सेवन करना अच्छा साबित होगा. इससे फैट तेजी से घटता है. व्यस्त दिनचर्या और ऑफिस के तनाव के कारण आजकल लोगों में बीपी की समस्या आम हो गई है. ऐसे में ब्लड प्रेशर (bp patient) के मरीजों को भी मेथी का सेवन करना चाहिए. इससे रक्तचाप नियंत्रित करने में सहयोग मिलता है.
3- डैंड्रफ बालों की एक आम समस्या है. इससे छुटकारा पाने के लिए भी मेथी दाना बेहद कारगर है. इसके लिए आप मेथी दाने को पीसकर पेस्ट बना लें, उसमें नींबू का रस मिला लें और बालों में लगाएं. वीक में कम से कम दो बार अप्लाई करें. इस पेस्ट को लगाने से डैंड्रफ की प्रॉब्लम से छुटकारा मिल जाता है.
ब्यूटी टिप्स /शौर्यपथ /हेयर केयर रूटीन का एक जरूरी हिस्सा है बालों में तेल लगाना. हेयर ऑयल बालों को हेल्दी रखने में मददगार होते हैं और बालों की कई दिक्कतों को दूर करने में असर दिखाता है. यूं तो बालों पर सादे तेल भी लगाए जाते हैं लेकिन बालों को बढ़ाने के लिए तेलों में और भी कई औषधीय गुणों वाली चीजें डाली जाती हैं. इस तरह के तेल बाजार में भी मिलते हैं लेकिन आप घर पर भी इनसे बेहतर हेयर ग्रोथ ऑयल बनाकर लगा सकते हैं. इन तेलों में घर की ही 3 से 4 चीजें मिलाई जाती हैं और पकाकर सिर पर लगाते हैं. लेकिन, इन तेलों के नेचुरल गुण बालों की ग्रोथ तेजी से बढ़ाने में असर दिखाते हैं.
बालों को बढ़ाने वाला होममेड तेल
इस तेल को बनाने के लिए आंच पर पैन चढ़ाएं और इसमें नारियल का तेल मिलाएं. इस तेल को कुछ देर पकाने के बाद इसमें कटे प्याज और एलोवेरा के टुकड़े डालें. आपको कम से कम आधी एलोवेरा की ताजा पत्ती को काटकर इस तेल में डालना है. इसके बाद मुट्ठीभर करी पत्ते (Curry Leaves), कुछ लहसुन के टुकड़े, एक चम्मच कलौंजी और एक चम्मच मेथी के पीले दाने तेल में डाल दें. इस तेल को तकरीबन 10 मिनट तक पकाएं.
10 मिनट हो जाने के बाद तेल अच्छी तरह पक जाएगा और तेल में डाली गई सभी चीजें गहरे लाल रंग की हो जाएंगी. अब आंच बंद करें और तेल को ठंडा होने के लिए रख दें. तेल ठंडा हो जाए तो इसे छानकर एक शीशी में भरें और इसमें एक चम्मच भरकर अलसी के बीज डालें. इस तेल (Hair Oil) को हल्का गर्म करके बालों पर लगाया जा सकता है.
यह तेल आप हफ्ते में एक बार सिर की जड़ों से लेकर सिरों तक लगा सकते हैं. यह तेल बालों को मजबूत बनाता है, बालों को लंबा करने में मदद करता है, नए बाल उगाने में असर दिखा सकता है और साथ ही बालों की फ्रिजीनेस को भी दूर करता है. ध्यान रहे कि तेल बालों में लगाने से पहले आपकी स्कैल्प साफ हो और आप बालों को कंघी से अच्छी तरह झाड़ लें. ऐसा करने पर बालों की जड़ों तक अच्छी तरह पहुंचेगा और तेल का अच्छा और तेजी से असर बालों पर पड़ेगा.
सेहत टिप्स /शौर्यपथ /तनाव कम करने का यह तरीका है सबसे कारगर, बॉडी और दिमाग में बनता है बेहतर कनेक्शनआजकल मांइडफुलनेस थेरेपी की मदद से लोग खुद को खुश और शांत रख सकते हैं। इस थेरेपी से प्रेशर और स्ट्रेस कम होता है। माइंडफुलनेस थेरेपी से दिमाग और शरीर के बीच एक बेहतर कनेक्शन बनता है।
आजकल मांइडफुलनेस थेरेपी काफी चलन में है। इस थेरेपी की मदद से आपको खुश रहने में मदद मिल सकती है। इस थेरेपी से प्रेशर और स्ट्रेस कम होता है। लेकिन क्या आपको पता है कि यह थेरेपी क्या है और इससे हमें किस तरह का फायदा मिलता है। आज इस आर्टिकल में हम आपको इन सारे सवालों के जवाब देने जा रहे हैं। बता दें कि आज की भागदौड़ और तनाव से भरी लाइफस्टाइल में खुद को खुश रखना, अपने दिमाग को शांत रखना एक बड़ा टास्क है। इसको आप कई तरीकों से कर सकते हैं। इन्हीं में से एक माइंडफुलनेस है।
बता दें कि माइंडफुलनेस एक तरह से मेडिटेशन या ध्यान की तरह है। इस मेडिटेशन का असली मतलब है कि जिस समय आप जहां हैं, उस पल को पूरी खुशी से जीना है। लाइफ में प्रेशर और स्ट्रेस ज्यादा होने पर माइंडफुलनेस थेरेपी हमारे शरीर पर असर डालता है। यह थेरेपी स्ट्रेस और तनाव को कम करने में हमारी मदद करता है। आइए जानते हैं इस थेरेपी के बारे में...
स्ट्रेस अवेयरनेस
माइंडफुलनेस स्ट्रेस अवेयरनेस बढ़ाने में मदद करती है। अगर आप किसी चीज को लेकर स्ट्रेस हैं और वह चीज आपको ट्रिगर कर रही है। तो आप आसानी ने शरीर में स्ट्रेस के इमोशनल और साइकोलॉजिकल संकेतों से इसकी पहचान कर सकते हैं।
बेहतर कनेक्शन
माइंडफुलनेस थेरेपी से दिमाग और शरीर के बीच एक बेहतर कनेक्शन बनता है। जिससे आपको पता चलता है कि स्ट्रेस लेने से आपके शरीर पर उसका क्या असर पड़ रहा है। स्ट्रेस के नुकसानों को जानकर आप उन चीजों से दूरी बनाने लगते हैं, जो आपको स्ट्रेस देती हैं। माइंडफुलनेस शरीर को रिलैक्स करने के साथ ही बीपी बढ़ना और स्ट्रेस के लक्षणों जैसे हार्ट रेट का बढ़ना आदि को कम करने का काम करती है।
इम्यून सिस्टम और नर्वस सिस्टम
हमारे इम्यून सिस्टम और नर्वस सिस्टम पर माइंडफुलनेस का अच्छा असर पड़ता है। इससे आपका इम्यून सिस्टम बूस्ट होता है और बॉडी की बीमारियों से लड़ने की क्षमता मिलती है। इससे स्ट्रेस हार्मोन का लेवल भी कम हो सकता है। साथ ही शरीर में शांति और बैलेंस बना रहता है। इसके साथ ही बॉडी में तनाव के कारण से होने वाले नुकसान भी कम होता है।
इमोशन्स और स्किल्स
हमारे इमोशन्स और स्किल्स पर भी माइंडफुलनेस का असर पड़ता है। इससे आपको अपनी फीलिंग्स पर भी कंट्रोल करना आता है। आप तनाव पैदा करने वाली चीजों पर भी कम ध्यान देते हैं। आप लंबे समय तक माइंडफुलनेस थेरेपी लेते हैं, तो आप स्ट्रेस और चुनौतियों से ज्यादा अच्छे से लड़ पाते हैं। इस थेरेपी की मदद से आपकी स्किल्स निखरकर आती है।
पर्यटन स्थल /शौर्यपथ/ MP का सबसे खूबसूरत और इकलौता हिल स्टेशन है पचमढ़ी, लोकल मार्केट घूमकर आ जाएगा मजा अगर आप मध्यप्रदेश घूमने का प्लान बना रहे हैं, तो होशंगाबाद जिले में स्तिथ पचमढ़ी एक बेहद ही खूबसूरत जगह है। इसके अलावा यहां की लोकल और सस्ती मार्केट से आप ढेर सारी शॉपिंग भी कर सकते हैं।
मध्यप्रदेश में कई ऐसी फेमस जगहें हैं, जो घूमने के लिहाज से काफी अच्छी हैं। बता दें कि होशंगाबाद जिले में स्तिथ पचमढ़ी एक बेहद ही खूबसूरत और फेमस हिल स्टेशन है। हर महीने हजारों की संख्या में लोग इस खूबसूरत हिल स्टेशन को एक्सप्लोर करने के लिए यहां पहुंचते हैं।
पचमढ़ी में आप जटाशंकर, सतपुड़ा राष्ट्रीय अभयारण्य, पांडव गुफा को एक्सप्लोर कर सकते हैं। जिस तरह से पचमढ़ी में घूमने के लिहाज से कई खूबसूरत जगहें हैं, वैसे ही वहां पर कुछ फेमस और लोकल मार्केट भी हैं। आज इस आर्टिकल के जरिए हम आपको पचमढ़ी के कुछ फेमस और सस्ते मार्केट्स के बारे में बताने जा रहे हैं। जहां पर आप घूमने के साथ ही ढेर सारी शॉपिंग भी कर सकते हैं।
बस स्टैंड मार्केट
पचमढ़ी में अगर आप सस्ती और फेमस मार्केट के बारे में जानना चाहते हैं, तो आपको सबसे पहले बस स्टैंड मार्केट को एक्सप्लोर करना चाहिए। जो भी पर्यटक मध्यप्रदेश की पचमढ़ी में घूमने के लिए जाता है, वह इस मार्केट में शॉपिंग के लिए जरूर जाता है। बता दें यह मार्केट सिर्फ एक चीज के लिए नहीं बल्कि कई चीजों के लिए फेमस है। बस स्टैंड मार्केट के बारे में कहा जाता है कि यहां पर सिल्क साड़ी, बांस से बने सामान, कुर्ता बहुत कम दामों पर मिलती हैं। इसके साथ ही बस स्टैंड मार्केट में हस्तशिल्प आइटम्स भी बहुत कम दामों पर मिलता है।
पचमढ़ी मार्केट
पचमढ़ी शहर की पंचमढ़ी मार्केय यहां की सबसे सस्ती और फेमस मार्केट में से एक है। यहां पर आपको घर सजाने के सामान से लेकर फुटवियर तक बहुत कम प्राइज में मिल जाएंगे। इस मार्केट में आपको आयुर्वेदिक प्रोडक्ट्स और रेशम की साड़ी के अलावा बांस से बने काफी सस्ते और फेमस आइटम मिलते हैं। यहां पर आप 200-300 रूपये के बीच में आसानी से मेटल स्टेचू भी खरीद सकते हैं। इसके अलावा आप यहां पर स्ट्रीट फूड्स का भी लुत्फ उठा सकते हैं।
लोकल वीकली मार्केट
आपको बता दें कि पचमढ़ी में आपको काफी कम मॉल मिलेंगे। सैलानी शॉपिंग के लिए वीकली मार्केट घूमना ज्यादा पसंद करते हैं। क्योंकि लोकल वीकली मार्केट में सारा सामान काफी कम दामों में मिल जाता है। रेशम से तैयार कई तरह की खूबसूरत साड़ी और कुर्ता बहुत हम दामों पर मिलते हैं। इसके अलावा आप घर को सजाने वाले सामान को भी 100-200 रुपए में खरीद सकते हैं। यहां से आप पेंटिंग्स भी कम दाम पर ले सकते हैं।
टिप्स ट्रिक्स /शौर्यपथ /इन ट्रिक्स से करेंगी सफाई तो आसानी से साफ होंगे पर्दे, न करें ये गलतिय़ांअक्सर घर के पर्दों पर धूल-मिट्टी जमा हो जाती है। इसलिए इनकी साफ-सफाई करना भी काफी जरूरी होता है। लेकिन सही तरीके से पर्दे को साफ नहीं किए जाने से पर्दे जल्दी खराब हो जाते हैं।
अक्सर घर के पर्दों पर धूल-मिट्टी जमा हो जाती है। इसलिए इनकी साफ-सफाई करना भी काफी जरूरी होता है। हालांकि कई लोग पर्दे आदि गंदे होने पर उन्हें धोना पसंद करते हैं। तो वहीं कुछ लोग महीने में एक बार पर्दे की सफाई करते हैं। अधिकतर लोग गलत तरीके से पर्दे को साफ करते हैं। जिसके कारण महंगे से महंगा पर्दा भी जल्द ही खराब हो जाता है। आज इस आर्टिकल के जरिए हम आपको पर्दा साफ करने के कुछ टिप्स के बारे में बताने जा रहे हैं। आइए जानते हैं इन टिप्स के बारे में...
वैक्यूम क्लीनर
कई बार हम पतले कपड़े से बना पर्दा घर में लगाते हैं। ऐसे में अगर आप भी पतले कपड़े से बना पर्दा घर में डाले हुए हैं, तो इसकी वैक्युम क्लीनर से सफाई नहीं करनी चाहिए। क्योंकि इससे पर्दा खराब हो सकता है। वैक्युम क्लीनर का इस्तेमाल भारी पर्दे पर करना चाहिए।
गलत डिटर्जेंट
पर्दों पर भूलकर भी सस्ते डिटर्जेंट का इस्तेमाल नहीं करना चाहिए। क्योंकि ऐसा करने से पर्दे की चमक गायब हो सकती है। पर्दा सस्ता हो या महंगा, लेकिन इसकी सफाई हमेशा अच्छे डिटर्जेंट से करनी चाहिए। अच्छे डिटर्जेंट से पर्दा धोने से यह लंबे समय तक चलने के साथ ही देखने में भी नया लगता है।
ना डाले परफ्यूम
कई लोग पर्दे की सफाई न करने के चक्कर में परफ्यूम का इस्तेमाल करते हैं। अगर आप भी ऐसा करती हैं तो इस आदत को बदलने की जरूरत है। क्योंकि परफ्यूम पर्दे के कलर को खराब कर सकता है। ऐसे में पर्दे पर परफ्यूम या रूम फ्रेशनर आदि का इस्तेमाल नहीं करना चाहिए।
इन बातों का रखें विशेष ध्यान
पर्दे को ज्यादा रगड़ना नहीं चाहिए।
पर्दे को सही तरीके से धोना चाहिए।
पर्दे को गर्म पानी से धोने की गलती न करें।
बाकी कपड़ों से पर्दे को अलग धोना चाहिए।
हर महीने में एक बार पर्दे की सफाई करना चाहिए।
ब्यूटी टिप्स /शौर्यपथ /नाखूनों की ग्रोथ के लिए बेहद फायदेमंद है ये तेल, जानिए कैसे करें इस्तेमाललड़कियों को बड़े नाखून काफी पसंद होते हैं। लेकिन अगर आपके नाखून कमजोर हैं और उनकी ग्रोथ नहीं होती तो आप इस एक ऑयल का इस्तेमाल कर सकती हैं। इससे आप अपने नाखूनों की ग्रोथ को बढ़ा सकती हैं।
लड़कियों को बड़े नाखून काफी पसंद होते हैं। साथ ही वह अपने नाखूनों की खूबसूरती को बनाए रखने के लिए कई तरह के प्रयास करती हैं। पॉलिश करने से लेकर उनको सही आकार देने तक नाखूनों की खूबसूरती को और बढ़ाने का काम करती है। इसलिए लड़कियां अपने नाखूनों पर विशेष ध्यान देती हैं। लेकिन कुछ महिलाओं के नाखून काफी कमजोर होते हैं और उनकी ग्रोथ भी काफी धीमी होती है। अगर आपके साथ भी यह समस्या है
आज हम आपको इस आर्टिकल के जरिए कुछ ऐसे उपायों के बारे में बताने जा रहे हैं। जिनकी मदद से आप अपने नाखूनों की ग्रोथ को बढ़ा सकती हैं। इसके लिए आप अपने नाखूनों पर जोजोबा ऑयल का इस्तेमाल कर सकती हैं। इस आर्टिकल में हम आपको बताने जा रहे हैं कि किस तरह से आप नाखूनों की ग्रोथ को बढ़ाने के लिए जोजोबा ऑयल का इस्तेमाल कर सकती हैं।
मॉइस्चराइज करता है यह ऑयल
बता दें कि जोजोबा ऑयल में विटामिन ई, बी-कॉम्प्लेक्स और जिंक और कॉपर जैसे मिनरल्स काफी मात्रा में पाए जाते हैं। जो नाखूनों की ग्रोथ के लिए बेहद जरूरी होती हैं। साथ ही यह एक मॉइश्चराइजर की तरह भी काम करता है और यह नाखूनों पर चढ़ी सूखी परत को दूर करता है। आप जोजोबा ऑयल का उपयोग नाखूनों को हाइ़ड्रेट करने के लिए कर सकते हैं। इससे नाखूनों को मजबूती मिलती है।
सूखी परत बनना
नाखूनों की ग्रोथ में सूखी और खुरदरी क्यूटिकल्स बाधा डाल सकती हैं। जिसकी वजह से हैंगनेल बन सकता है। क्यूटिकल्स को मुलायम बनाने और कंडीशनिंग करने में जोजोबा ऑयल के गुण काफी सहायक होते हैं। इसलिए लिए आप रोजाना क्यूटिकल्स पर नियमित रूप से जोजोबा तेल की मालिश कर सकते हैं। इससे नाखून मॉइश्चराइज होते हैं। इससे नाखून सूखे, फटे या छीलने से बचेंगे।
फंगल इन्फेक्शन
नाखून में फंगल इंफेक्शन होना बेहद आम है। यह नाखूनों की ग्रोथ को कम कर सकता है। वहीं जोजोबा ऑयल में एंटीफंगल गुण पाए जाते हैं। एंटीफंगल गुण संक्रमण से लड़ने में सहायक होता है। नाखूनों पर जोजोबा ऑयल की कुछ बूंदों को नाखूनों के प्रभावित हिस्सों में लगाने से फंगस की समस्या कम होते हैं। लेकिन इस दौरान यह ध्यान रखना चाहिए कि नेल फंगस की समस्या को कम करने के लिए जोजोबा ऑयल का इस्तेमाल करने से पहले एक बार डॉक्टर से जरूर परामर्श कर लें।
नेल बेड की सुरक्षा
नाखूनों की ग्रोथ के लिए जरूरी है कि वह हेल्दी हों। जोजोबा ऑयल नाखूनों की ग्रोथ को बढ़ाने का काम करता है। ऐसे में अगर आप रोजाना नाखूनों से संबंधित कम समस्या में जोजोबा ऑयल का इस्तेमाल करती हैं, तो इससे इनका ब्लड सर्कुलेशन बेहतर होने के साथ ग्रोथ भी होती है।
ऐसे करें इस्तेमाल
इस ऑयल को लगाने से पहले नाखूनों से नेलपेंट रिमूव कर दें।
फिर गर्म पानी में जोजोबा ऑयल की बोतल को कुछ समय के लिए रख दें।
इससे आपके नाखूनों में अवशोषण होता है।
जोजोबा ऑयल की कुछ बूंदों को ड्रॉपर या रुई में लगाकर नाखूनों की त्वचा पर मालिश करें।
अब सर्कुलर मोशन में अपनी उंगलियों से नाखूनों पर तेल से मसाज करें। इससे बल्ड सर्कुलेशन में सुधार होने के साथ ही अवशोषण में मदद मिलती है और आपके नाखूनों की ग्रोथ होती है।
रात पर इस ऑयल को नाखूनों पर लगाए रहने के बाद सुबह इन्हें साफ कर लें।
आस्था /शौर्यपथ /सावन शिवरात्रि व्रत से होता है सभी पापों का नाश शिवरात्रि हिन्दू परंपरा का एक बहुत बड़ा पर्व है। भगवान शिव को समर्पित यह त्योहार चतुर्दशी तिथि को मनाया जाता है। सावन शिवरात्रि पर शंकर जी की पूजा निशिता काल मुहूर्त या फिर रात्रि जागरण कर चार प्रहर करना श्रेष्ठ माना जाता है।
सावन की शिवरात्रि है, इस साल की शिवरात्रि बहुत खास है। इस दिन शिव जी का पूजन करने से पूरे सावन की पूजा का फल मिलता है तो आइए हम आपको सावन की शिवरात्रि व्रत की कथा एवं महत्व के बारे में बताते हैं।
जानें सावन की शिवरात्रि के बारे में खास बातें
शिवरात्रि हिन्दू परंपरा का एक बहुत बड़ा पर्व है। भगवान शिव को समर्पित यह त्योहार चतुर्दशी तिथि को मनाया जाता है। सावन शिवरात्रि पर शंकर जी की पूजा निशिता काल मुहूर्त या फिर रात्रि जागरण कर चार प्रहर करना श्रेष्ठ माना जाता है। इस साल सावन शिवरात्रि पर कई दुर्लभ योग का संयोग बन रहा है। पंडितों के अनुसार फाल्गुन महीने में आने वाली महाशिवरात्रि के समान ही सावन शिवरात्रि भी फलदायी है। हिन्दू धर्म में माना जाता है कि भगवान शिव का दिन सोमवार है और सावन उनकी पूजा के लिए अच्छा महीना माना जाता है। शास्त्रों के अनुसार सावन के महीने में भगवान शिव, माता पार्वती, गणेश, कार्तिकेय, नंदी और अपने शिवगणों सहित पूरे महीने धरती पर रहते हैं। इसी कारण सावन की शिवरात्रि के दिन भगवान शंकर की खास पूजा की जाती है।
कई नामों से जानी जाती है शिवरात्रि
वैसे तो वर्ष भर में शिवरात्रि 12 से 13 बार आती है। यह तिथि पूर्णिमा से एक दिन पहले त्रयोदशी को आती है। इसमें दो शिवरात्रि विशेष है उनमें सावन तथा फाल्गुन शामिल हैं। इस शिवरात्रि को अन्य नामों से बुलाया जाता है जैसे कांवर यात्रा, त्रयोदशी, शिवतरेश, भोला उपवास और महाशिवरात्रि। सावन की शिवरात्रि को खास इसलिए भी माना जाता है क्योंकि इस दिन कांवर यात्रा सम्पन्न होती है।
शिवरात्रि के दिन ऐसे करें पूजा
सावन की शिवरात्रि को प्रातः उठकर स्नान से निवृत्त होकर साफ कपड़े धारण करें। मंदिर या शिवालय जाकर शिवलिंग के पास जाकर प्रार्थना करें। विशेष फल की प्राप्ति के लिए चने की दाल का इस्तेमाल करें। ऐसा माना जाता है कि सावन की शिवरात्रि पर भगवान शंकर को तिल चढ़ाने से पापों का नाश हो जाता है। घर में समृद्धि के लिए धतूरे के फूल या फल का भोग लगा सकते हैं। अब 'ॐ नमः शिवाय' का जाप करते हुए शिवलिंग पर बेल पत्र, फल-फूल चढ़ाएं।
सावन की शिवरात्रि पूजा में इन सामग्रियों को करें शामिल
पंडितों के अनुसार पूजा में इन सामग्रियों को शामिल करना लाभदायी होगा। गंगाजल, जल, दूध दही, शुद्ध देशी घी, शहद, पंच रस, इत्र, गंध रोली, मौली जनेऊ, आम्र मंजरी, जौ की बालें, पुष्प, पूजा के बर्तन, कुशासन, मदार पुष्प, पंच मिष्ठान्न, बेलपत्र, धतूरा, भांग, बेर, गुलाल, अबीर, भस्म, सफेद चंदन, पंच फल, दक्षिणा, गन्ने का रस, कपूर, धूप, दीप, रूई, मलयागिरी, चंदन, शिव जी और मां पार्वती की श्रृंगार की सामग्री आदि।
सावन शिवरात्रि व्रत की पौराणिक कथा
पौराणिक कथा के अनुसार वाराणसी के घने जंगल में गुरुद्रुह नाम का एक भील शिकारी अपने परिवार के साथ निवास करता था। एक दिन गुरुद्रुह शिकार करने के लिए निकल लेकिन उसके हाथ एक भी शिकार न लगा। लंबे समय तक इंतजार करने के बाद वो जंगल में शिकार की तलाश करता हुआ वह एक बेल के पेड़ पर चढ़ गया। उस पेड़ के नीच एक शिवलिंग स्थापित था। कुछ देर बाद वहां भटकता हुआ हिरनी आई। जैसे ही गुरूद्रुह ने हिरनी को देखा उसने तीर-धनुष तान लिया। लेकिन तीर हिरनी को लगता उससे पहले ही उसके पास रखा जल और पेड़ से बेलपत्र शिवलिंग पर गिर गए। ऐसे में गुरुद्रुह ने अंजाने में शिवरात्रि के पहले पहर की पूजा की। जब हिरनी ने देखा तो उसने शिकारी से कहा कि मेरे बच्चे मेरी बहन के पास इंतजार कर रहे हैं।
मैं उन्हें सुरक्षित जगह छोड़कर दोबारा आती हूं। कुछ समय बाद हिरनी की बहन वहां से गुजरी और उस समय भी गुरूद्रुह ने अनजाने में महादेव की उसी प्रकार से दूसरे पहर की पूजा की। हिरनी की बहन ने भी वही दुहाई देते हुए वापस आने का वादा किया। दोनों हिरनियों को खोजता हुआ वहां तीसरे पहर में हिरन पहुंचा। इस बार ऐसी घटना घटित हुई और शिवरात्रि के तीसरे पहर की भी पूजा शिकारी ने अनजाने में कर ली। हिरन ने भी बच्चों की दुहाई देते हुए कुछ समय बाद आने का वादा किया।
तीन पहर बीतने के बाद तीनों हिरन-हिरनी वादे के मुताबिक शिकारी के पास वापस लौट आए। लेकिन इस बीच भूख से कलपते हुए पेड़ से बेलपत्र तोड़ते तोड़ते वो नीचे शिवलिंग पर डालने लगा और इस तरह चौथे पहर की भी पूजा हो गई। चारों पहर भूखा-प्यासा रहते हुए और अंजाने में भगवान की पूजा करके गुरूद्रुह के सभी पाप धुल गए। तब भगवान शिव ने प्रत्यक्ष रूप से दर्शन देकर उन्हें आशीर्वाद दिया कि त्रेतायुग में भगवान विष्णु के अवतार श्री राम उसके घर पधारेंगे और उसे मोक्ष की प्राप्ति हो जाएगी। इस प्रकार अंजाने में किए गए शिवरात्रि व्रत से भगवान शंकर ने शिकारी को मोक्ष प्रदान कर दिया।
शिवरात्रि के दिन ऐसे करें अभिषेक
शिवरात्रि के दिन सुबह जल्दी उठकर सबसे पहले स्नान करें। इसके बाद साफ कपड़े पहनकर मंदिर जाएं। मंदिर जाते समय जल, दूध, दही, शहद, घी, चीनी, इत्र, चंदन, केसर, भांग सभी को एक ही बर्तन में साथ ले जाएं और शिवलिंग का अभिषेक करें।
लगाएं शिव को भोग
शिव को गेहूं से बनी चीजें अर्पित करनी चाहिए। शास्त्रों का मानना है कि ऐश्वर्य पाने के लिए शिव को मूंग का भोग लगाया जाना चाहिए। वहीं ये भी कहा जाता है कि मनचाहा जीवनसाथी पाने के लिए शिव को चने की दाल का भोग लगाया जाना चाहिए। शिव को तिल चढ़ाने की भी मान्यता है। कहा जाता है कि शिव को तिल चढ़ाने से पापों का नाश होता है।
शौर्यपथ / दुनिया भर में कई ऐसी खौफनाक और रहस्यमयी जगहें हैं, जो लोगों के आकर्षण का केंद्र है। बता दें कि नेपाल में आर्य घाट और देवी घाट प्रेतवाधित स्थानों की लिस्ट में शामिल है। इन जगहों के रहस्य जानकर आप भी हैरान रह जाएंगे।
दुनिया का हर देश किसी न किसी रहस्य से भरा हुआ है। दुनिया भर में कई ऐसी खौफनाक और रहस्यमयी जगहों के बारे में जानने और पढ़ने के बाद लोगों को हैरानी होती है। इसमें कई जगहें जैसे स्कॉटलैंड में मौजूद लॉक नेस, पूर्वी कैलिफोर्निया में स्थित डेथ वैली और पेरू में मौजूद नाज़का लाइन्स आदि शामिल हैं। यह जगहें आप भी लोगों के लिए रहस्यमयी कहानी की तरह हैं।
बता दें कि भारत के पड़ोसी देश नेपाल में कई ऐसी खौफनाक और रहस्यमयी जगहें मौजूद है। जिनके बारे में जानने के आप आप दांतों तले उंगली दबा लेंगे। आइए जानते हैं नेपाल की 2 ऐसी रहस्यमयी जगहें हैं, जिनके बारे में कई खौफनाक कहानियां सुनने को मिलती हैं।
आर्य घाट, पशुपतिनाथ मंदिर
नेपाल में पहली और सबसे रहस्यमयी और खौफनाक जगह के बारे में बात करें तो पशुपतिनाथ मंदिर के पास स्थित आर्य घाट है। नेपाल के पशुपतिनाथ मंदिर के साथ ही भारत के लोगों के लिए यह एक प्रमुख तीर्थस्थल है। इस जगह पर हजारों लोग प्रतिदिन शव जलाने के लिए पहुंचते हैं।
आर्य घाट की रहस्यमयी कहानी
बता दें कि इस जगह की कहानी बेहद दिलचस्प है। इस घाट के बारे में बताया जाता है कि यहां पर प्रतिदिन लोग अपने परिजनों के दाह संस्कार के लिए पहुंचते हैं। वहीं यहां के स्थानीय लोगों का मानना है कि इस जगह पर से आधी रात को लोगों की अजीब-अजीब सी आवाजें और चीखें सुनाई देती हैं। सूरज ढलते ही यह स्थान खौफनाक मंजर में बदल जाता है। आर्य घाट पर अंधेरा होते ही सन्नाटा छा जाता है। वहीं इस जगह को लेकर लोगों का कहना है कि आधी रात को आर्य घाट के आसपास सफेद कपड़ों में कुछ लोगों को घूमते देखा है।
देवी घाट, चितवन
वहीं नेपाल की दूसरी सबसे रहस्यमयी जगह में चितवन में देवी घाट स्थित है। पशुपतिनाथ मंदिर की तरह देवी घाट भी हिंदुओं के लिए फेमस केंद्र है। वहीं यह स्थान धार्मिक और सांस्कृतिक लिहाज से भी यह जगह काफी महत्वपूर्ण है। इस जगह पर हर साल लाखों लोग घूमने के लिए आते हैं।
देवीघाट की कहानी
इस घाट की कहानी भी काफी डरावनी मानी जाती है। बताया जाता है कि साल 2009 में देवी घट में एक व्यक्ति की खोपड़ी मिली थी। जिसके बाद से इस जगह को प्रेतवाधित स्थानों की लिस्ट में शामिल की गई है। स्थानीय लोगों का मानना है कि आधी रात को कुछ महिलाएं यहां पर नाचने लगती हैं। उन महिलाओं के आसपास आग भी जलती रहती है। इन गतिविधियों के कारण यह जगह और भी डरावनी लगने लगती है।
यहां क्यों घूमने जाते हैं लोग
अगर आप सोच रहे हैं कि इन खौफनाक जगहों पर घूमने के लिए क्यों जाते हैं। तो पता दें कि यह दोनों जगहें पवित्र स्थानों के तौर पर फेमस हैं। इसलिए इन जगहों पर हजारों लोग घूमने जाते हैं।