
CONTECT NO. - 8962936808
EMAIL ID - shouryapath12@gmail.com
Address - SHOURYA NIWAS, SARSWATI GYAN MANDIR SCHOOL, SUBHASH NAGAR, KASARIDIH - DURG ( CHHATTISGARH )
LEGAL ADVISOR - DEEPAK KHOBRAGADE (ADVOCATE)
धर्म संसार / शौर्यपथ / प्रभु यीशु के जन्म की ख़ुशी में मनाया जाने वाला क्रिसमस का त्योहार पूरी दुनिया में मनाया जाता है। यह त्योहार कई मायनों में बेहद खास है। क्रिसमस को बड़ा दिन, सेंट स्टीफेंस डे या फीस्ट ऑफ़ सेंट स्टीफेंस भी कहा जाता है। प्रभु यीशु ने दुनिया को प्यार और इंसानियत की शिक्षा दी। उन्होंने लोगों को प्रेम और भाईचारे के साथ रहने का संदेश दिया। प्रभु यीशु को ईश्वर का इकलौता प्यारा पुत्र माना जाता है। इस त्योहार से कई रोचक तथ्य जुड़े हैं। आइए जानते हैं इनके बारे में।
क्रिसमस ऐसा त्योहार है जिसे हर धर्म के लोग उत्साह से मनाते हैं। यह एकमात्र ऐसा त्योहार है जिस दिन लगभग पूरे विश्व में अवकाश रहता है। 25 दिसंबर को मनाया जाने वाला यह त्योहार आर्मीनियाई अपोस्टोलिक चर्च में 6 जनवरी को मनाया जाता है। कई देशों में क्रिसमस का अगला दिन 26 दिसंबर बॉक्सिंग डे के रूप मे मनाया जाता है। क्रिसमस पर सांता क्लॉज़ को लेकर मान्यता है कि चौथी शताब्दी में संत निकोलस जो तुर्की के मीरा नामक शहर के बिशप थे, वही सांता थे। वह गरीबों की हमेशा मदद करते थे उनको उपहार देते थे। क्रिसमस के तीन पारंपरिक रंग हैं हरा, लाल और सुनहरा। हरा रंग जीवन का प्रतीक है, जबकि लाल रंग ईसा मसीह के रक्त और सुनहरा रंग रोशनी का प्रतीक है। क्रिसमस की रात को जादुई रात कहा जाता है। माना जाता है कि इस रात सच्चे दिल वाले लोग जानवरों की बोली को समझ सकते हैं। क्रिसमस पर घर के आंगन में क्रिसमस ट्री लगाया जाता है। क्रिसमस ट्री को दक्षिण पूर्व दिशा में लगाना शुभ माना जाता है। फेंगशुई के मुताबिक ऐसा करने से घर में सुख समृद्धि आती है। पोलैंड में मकड़ी के जालों से क्रिसमस ट्री को सजाने की परंपरा है। मान्यता है कि मकड़ी ने सबसे पहले जीसस के लिए कंबल बुना था।
समन्वित प्रयासों से निराश्रित पशुओं की समस्या का स्थायी समाधान आवश्यक : मुख्यमंत्री
रायपुर/शौर्यपथ / मुख्यमंत्री विष्णु देव साय ने आज मंत्रालय महानदी भवन में आयोजित उच्चस्तरीय बैठक में अधिकारियों को निर्देशित किया कि सड़कों पर निराश्रित पशुओं की आवाजाही पर प्रभावी रोकथाम सुनिश्चित की जाए। उन्होंने कहा कि सड़क दुर्घटनाओं की एक प्रमुख वजह निराश्रित मवेशी हैं, जिन्हें नियंत्रित करने के लिए सभी संबंधित विभागों को त्वरित, ठोस और समन्वित कार्य योजना के साथ आगे बढ़ना होगा।
मुख्यमंत्री साय ने पशुधन विकास, नगरीय प्रशासन एवं विकास, पंचायत एवं ग्रामीण विकास और लोक निर्माण विभाग को आपसी तालमेल के साथ जिम्मेदारी साझा करने के निर्देश दिए। उन्होंने स्पष्ट कहा कि यह समस्या शहरी और ग्रामीण दोनों क्षेत्रों में गंभीर है और इसके समाधान में किसी प्रकार की ढिलाई स्वीकार्य नहीं होगी।
बैठक में मुख्यमंत्री साय ने राज्य में संचालित गौशालाओं, गौठानों, कांजी हाउस एवं काउ-कैचर जैसी व्यवस्थाओं की स्थिति की विस्तार से जानकारी ली। उन्होंने इन संस्थानों की वर्तमान उपयोगिता, क्षमता और सुधार की संभावनाओं पर भी गहन चर्चा की और सुझाव माँगे।
मुख्यमंत्री साय ने विशेष रूप से राष्ट्रीय राजमार्गों के किनारे स्थित गांवों में पशुओं के प्रबंधन हेतु प्रभावी एवं व्यावहारिक मॉडल विकसित करने के निर्देश दिए। उन्होंने कहा कि हाईवे पर पशुओं की उपस्थिति केवल यातायात में बाधा नहीं, बल्कि जानलेवा दुर्घटनाओं का कारण बनती है, अतः इस दिशा में प्राथमिकता के साथ कार्रवाई आवश्यक है।
बैठक में सड़क दुर्घटनाओं के मामलों और उनमें निराश्रित पशुओं की भूमिका की समीक्षा की गई। साथ ही, गोधन विकास से संबंधित प्रस्तावों पर चर्चा करते हुए मुख्यमंत्री ने निराश्रित एवं लावारिस गौवंश की देखभाल, चारे की उपलब्धता और उनके पुनर्वास के लिए सुनियोजित रणनीति अपनाने की बात कही।
नगरीय क्षेत्रों में सड़कों पर घूमने वाले पशुओं की रोकथाम के लिए काउ-कैचर की कार्यप्रणाली और उसके विस्तार पर भी विचार-विमर्श किया गया। कृषि एवं पशुधन विकास विभाग की सचिव श्रीमती शहला निगार ने प्रस्तुतिकरण के माध्यम से प्रदेशभर की गौठानों, गौशालाओं एवं पशुधन विकास योजनाओं की अद्यतन स्थिति से अवगत कराया।
बैठक में छत्तीसगढ़ राज्य गौ सेवा आयोग के अध्यक्ष श्री विशेषर सिंह पटेल, मुख्य सचिव श्री अमिताभ जैन, मुख्यमंत्री के प्रमुख सचिव श्री सुबोध कुमार सिंह, पंचायत एवं ग्रामीण विकास विभाग की प्रमुख सचिव श्रीमती निहारिका बारिक सिंह, मुख्यमंत्री के सचिव श्री पी. दयानंद एवं श्री राहुल भगत, नगरीय प्रशासन विभाग एवं मुख्यमंत्री के सचिव डॉ. बसवराजु एस. तथा लोक निर्माण विभाग के सचिव डॉ. कमलप्रीत सिंह सहित संबंधित विभागों के वरिष्ठ अधिकारी उपस्थित थे।
बेहतर स्वास्थ्य सुविधा उपलब्ध कराने के दिए निर्देश
बालोद/शौर्यपथ /मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी डॉ. जे.एल. उइके ने ग्रामीण क्षेत्रों की स्वास्थ्य सुविधाओं को बेहतर बनाने सोमवार 21 जुलाई को जिले के डौण्डीलोहारा विकासखण्ड में कार्यरत स्वास्थ्य विभाग के सभी अधिकारी-कर्मचारियों की बैठक ली। जिसके अंतर्गत मातृ एवं शिशु स्वास्थ्य, मलेरिया, टीबी, अंधत्व निवारण, गैर संचारी रोग, कृष्ठ नियंत्रण, महामारी नियंत्रण सहित समस्त ऑनलाईन एण्ट्री की स्वास्थ्य केन्द्रवार समीक्षा की गई। मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी ने बैठक में मौजूद सभी अधिकारी-कर्मचारियों को लोगों तक बेहतर स्वास्थ्य सुविधा पहुँचाने के निर्देश दिए। उन्होंने कहा कि इस दौरान किसी भी तरह की लापरवाही बर्दास्त नहीं की जाएगी। उन्होंने सभी अधिकारी-कर्मचारियों को मुख्यालय में रहने और आधार आधारित उपस्थिति का शत् प्रतिशत पंजीयन कराने के कड़े निर्देश दिये। इसके साथ ही आपसी समन्वय बनाकर बेहतर कार्य कर स्वास्थ्य सुविधाओं को बेहतर बनाने के निर्देश भी दिये। बैठक में मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी ने केन्द्र एवं राज्य शासन की योजनाओं का बेहतर क्रियान्वयन करने के निर्देश दिए। बैठक में जिला स्तरीय के खण्ड चिकित्सा अधिकारी डॉ. विनोद कुमार चारका, नोडल अधिकारी जितेन्द्र सिंह, जिला कार्यक्रम प्रबंधक श्री अखिलेश शर्मा, जिला सलाहकार डॉ. अरविन्द मिश्रा, जिला सलाहकार (एन.व्ही.बी.डी.सी.पी.) श्री सुर्यकांत साहू सहित विकासखण्ड स्तर के सभी विभागीय अधिकारी-कर्मचारी उपस्थित थे।
स्वास्थ्य केंद्र में संचालित व्यवस्था का लिया जायजा
नारायणपुर/शौर्यपथ/ कलेक्टर प्रतिष्ठा ममगाईं ने मंगलवार को भाटपाल का दौरा कर प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र, आंगनबाड़ी केन्द्र और छात्रावास का औचक निरीक्षण किया। निरीक्षण के दौरान उन्होंने इन संस्थानों में उपलब्ध सुविधाओं की बारीकी से जायजा लेकर आवश्यक दिशा-निर्देश दिए। कलेक्टर ने प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र पहुंचकर मरीजों की स्थिति और उन्हें उपलब्ध कराई जा रही चिकित्सा सुविधाओं का जायजा लिया। उन्होंने डॉक्टरों और स्टाफ से दवाओं की उपलब्धता, रोजाना आने वाले मरीजों की संख्या और स्वास्थ्य सुविधाओं की विस्तार से जानकारी प्राप्त की। कलेक्टर ममगाईं ने अस्पताल परिसर की साफ-सफाई, स्टाफ की उपस्थिति और चिकित्सा उपकरणों की स्थिति की भी अवलोकन करते हुए स्वास्थ्य सेवाओं को और बेहतर बनाने के निर्देश दिए।
कलेक्टर ने भाटपाल स्थित छात्रावास का निरीक्षण किया। निरीक्षण के दौरान उन्होंने छात्रावास में रह रहे विद्यार्थियों से चर्चा कर भोजन, नाश्ता, शुद्ध पेयजल, साफ-सफाई, लाईट-पंखे और शौचालय की स्थिति की जानकारी ली। उन्होंने छात्रावास अधीक्षक को सभी मूलभूत सुविधाएं समय पर गुणवत्तापूर्ण तरीके से उपलब्ध कराने के निर्देश दिए। आंगनबाड़ी केंद्र में निरीक्षण के दौरान कलेक्टर ने बच्चों को मिलने वाले पौष्टिक भोजन, बच्चों की उपस्थिति, खिलौना और शौचालय व्यवस्था की जानकारी ली। उन्होंने बच्चों के स्वास्थ्य और पोषण स्तर में निरंतर सुधार के निर्देश दिए तथा शासन की योजनाओं को सही रूप में धरातल पर लागू करने की बात कही। उन्होंने शासन की मंशा के अनुरूप जिले के दूरस्थ क्षेत्रों में भी स्वास्थ्य, शिक्षा और पोषण सेवाएं समय पर और समुचित रूप से उपलब्ध कराने निर्देशित किया।
जिले के प्राथमिक शालाओं के 08 हजार 517 विद्यार्थियों हेतु पौष्टिक आहार नाश्ता प्रदाय के लिए 01 करोड़ 44 लाख रूपये स्वीकृत
01 करोड़ 87 लाख रूपये से अधिक के निर्माण कार्यों का किया भूमिपूजन
एक पेड़ मां के नाम के तहत् किया पौधा रोपण
दिव्यांगजन विद्यार्थियों को वितरण किया गया सहायक उपकरण
नारायणपुर/शौर्यपथ / राज्य सरकार के वन एवं जलवायु परिवर्तन, जल संसाधन, कौशल विकास, सहकारिता और संसदीय कार्य मंत्री श्री केदार कश्यप जिले के समस्त शासकीय प्राथमिक शालाओं में अध्यनरत छात्र छात्राओं हेतु शासकीय उच्च्तर माध्यमिक विद्यालय भाटपाल में आयोजित पौष्टिक आहार नाश्ता प्रदाय शुभारंभ कार्यक्रम में शामिल हुए। उन्होंने कार्यक्रम को संबोधित करते हुए कहा कि जिले के प्राथमिक शालाओं के विद्यार्थियों के लिए 01 करोड़ 44 लाख रूपये स्वीकृत किया गया है, जिससे विद्यार्थियों को पौष्टिक आहार के साथ पढ़ने में रूचि बढ़ेगा। वन मंत्री ने कहा कि स्कूल में नाश्ता की मानिटरिंग करने के लिए जनप्रतिनिधियों को दायित्व दिया गया है। राज्य सरकार द्वारा संचालित विभिन्न जनकल्याणकारी योजनाओं का लाभ लेने के लिए उपस्थित ग्रामीणों से आव्हान किया कि महतारी वंदन योजना, प्रधानमंत्री आवास एवं बीमारी होने पर स्वास्थ्य में लाभ लेने के लिए आयुषमान कार्ड बनाना आवश्यक है। महतारी वंदन योजना से लाभ लेने के लिए बैंक खाता खुलवाएं एवं आधार कार्ड को खाते से लिंक कराएं तभी इस योजना से लाभांवित हो सकते हैं। उन्होंने उपस्थित विद्यार्थियों से कहा कि स्कूल मे पढ़ाए हुए विषय को अच्छे से अध्ययन कर अपने जिज्ञास को सार्थक करें। बच्चों से देश के महामहिम राष्ट्रपति एवं प्रधानमंत्री का नाम पूछे जाने पर उपस्थित बच्चों द्वारा सही जवाब दिया गया। वनमंत्री श्री कश्यप ने कार्यक्रम में जानकारी देते हुए कहा कि बस्तर को 31 मार्च 2026 तक नक्सल मुक्त किया जाएगा, जिसके लिए पुलिस के जवानों द्वारा अबुझमाड़ के घने जंगलों में सुरक्षा कैम्प में अपने कर्तव्यों का निर्वहन कर सड़क, पुल पुलिया निर्माण एवं मोबाईल टावर खड़े करने में महत्वपूर्ण योगदान दे रहे हैं वे बधाई के पात्र हैं। उन्होंने कहा कि नारायणपुर के विकास के लिए ग्राम पंचायतों में निर्माण एवं विकास कार्यों के लिए 01 करोड़ 87 लाख रूपये का भूमिपूजन किया गया है। जनप्रतिनिधियों के माध्यम से पंचायत स्तर पर गुणवत्तायुक्त निर्माण के लिए मानिटरिंग की आवश्यकता है।
उन्होंने जिले के विकासखण्ड नारायणपुर अंतर्गत ग्राम पंचायत कोलियारी में सीमेंट कांक्रीट सड़क हेतु 10.20 लाख, मातला में 13.64 लाख, कोलियारी में डुमादेवी देवगुड़ी में शेड हेतु 5 लाख, कोरेण्डा में शीतला माता गुड़ी में शेड हेतु 5 लाख, छिनारी में जिमीदारी माता गुड़ी में शेड हेतु 4.54 लाख, दंडवन में बुढ़ीमाता देवगुड़ी में शेड हेतु 4.54 लाख, धनोरा में सीमेंट कांक्रीट सड़क हेतु 15.05 लाख, राजपुर में आरसीसी पुलिया हेतु 4.81 लाख, भरण्डा में सीमेंट कांक्रीट सड़क हेतु 10 लाख, केरलापाल में आरसीसी सड़क हेतु 10.53 लाख, मालिंगनार में आरसीसी पुलिया हेतु 15.84 लाख, बाकुलवाही में बाउंड्रीवाल हेतु 1.93 लाख, सोनपुर में रंगमंच हेतु 05 लाख, बड़ेजम्हरी में आरसीसी पुलिया हेतु 4.13 लाख, खोड़गांव में सीमेंट कांक्रीट सड़क हेतु 10.08 लाख, फरसगांव में सीमेंट कांक्रीट सड़क हेतु 10.50 लाख, दुग्गाबेंगाल में सीमेंट कांक्रीट सड़क हेतु 11.85 लाख इसी प्रकार विकासखण्ड ओरछा अंतर्गत ग्राम पंचायत नेड़नार में आरसीसी स्लेब कलवर्ट हेतु 24.12 लाख और कोहकामेटा में आरसीसी रोड हेतु 10.75 लाख रूपये, इस प्रकार कुल 01 करोड़ 87 लाख 53 हजार रूपये के निर्माण कार्यों का भूमिपूजन किया।
एक पेड़ माँ के नाम एक प्रयास है, जो हमारी मातृभूमि और प्रकृति के प्रति हमारे सम्मान और समर्पण को दर्शाता है। इस अभियान का उद्देश्य माँ के नाम पर एक पेड़ लगाना और एक स्थायी स्मृति बनाना है, जो न केवल पर्यावरण की रक्षा करेगा बल्कि एक हरे और अधिक समृद्ध भविष्य के निर्माण में भी योगदान देगा। वनमंत्री श्री कश्यप द्वारा इस अवसर पर एक पेड़ मां के नाम अभियान के तहत् भाटपाल के शासकीय उच्च्तर माध्यमिक विद्यालय परिसर में नींबू एवं आम का पौधा लगाया गया।
प्राथमिक विद्यालय के विद्यार्थियों को पौष्टिक आहार नाश्ता प्रदाय कार्यक्रम के शुभारंभ अवसर पर कलेक्टर प्रतिष्ठा ममगाईं ने संबोधित करते हुए कहा कि जिले के प्राथमिक शालाओं के लगभग 8 हजार 517 विद्यार्थियों को पौष्टिक आहार नाश्ता प्रदाय किया जाएगा, जिससे स्कूलों की दर्ज संख्या में वृद्धि होगी और पढ़ाई में भी मन लगेगा। जिले के 09 हजार विद्यार्थियांे को आय, जाति, निवास और जन्म प्रमाण पत्र प्रदाय किये गए हैं। जिले में एकल शिक्षक विद्यालयों में युक्तियुक्तकरण के माध्यम से शिक्षकों का पदस्थापना किया गया है, जिससे शिक्षक विहीन विद्यालय के विद्यार्थियांे को अच्छी शिक्षा मिलने लगा है। उन्होंने कहा कि 25 अतिथि शिक्षकों और 04 स्टॉप नर्स एवं लैब टेक्निशियन का भी नियुक्त गिया है।
कार्यक्रम में वनमंत्री श्री कश्यप के द्वारा एकलव्य आर्दश आवासीय विद्यालय छेरीबेड़ा के छात्र नरेन्द्र सलाम को ट्राईसाईकिल, सीमा पोटाई एवं शिव प्रसाद को श्रवण यंत्र, शासकीय उच्चतर माध्यमिक विद्यालय भाटपाल की छात्रा निर्मला को व्हील चेयर, छात्र युवराज को एमआर कीट और प्राथमिक शाला बोरावण्ड की छात्रा सरस्वती सलाम को व्हील चेयर वितरण किया गया। कार्यक्रम में नवाचार गतिविधियों पर आधारित शिक्षा अभ्युदय पत्रिका का विमोचन किया गया।
इस अवसर पर जिला पंचायत अध्यक्ष नारायण मरकाम, नगरपालिका अध्यक्ष इंद्रप्रसाद बघेल, सर्व आदिवासी समाज के संरक्षक रूपसाय सलाम, जनपद पंचायत अध्यक्ष पिंकी उसेण्डी, बृजमोहन देवांगन, गौतम एस गोलछा, जिला एवं जनपद पंचायत सदस्य, अपर कलेक्टर बीरेन्द्र बहादुर पंचभाई, एसडीएम गौतमचंद पाटिल, जनपद सीईओ सुनिल कुमार सोनपिपरे, एसीटीडब्ल्यू के सहायक आयुक्त डॉ. राजेन्द्र सिंह, जिला शिक्षा अधिकारी अशोक कुमार पटेल सहित जनप्रतिनिधिगण उपस्थित थे।
प्रदेश में खेती-किसानी का कार्य तेजी के साथ जारी
इस खरीफ सीजन में 48.85 लाख हेक्टेयर क्षेत्र में बोनी का है लक्ष्य
मुख्यमंत्री विष्णु देव साय का निर्देश: किसानों को उनकी मांग के अनुरूप सुगमता से मिले खाद-बीज
किसानों को 10.20 लाख मीट्रिक टन खाद और 7.22 लाख क्विंटल प्रमाणित बीज वितरित
अब तक 446.1 मि.मी. औसत वर्षा दर्ज: प्रदेश की औसत वार्षिक वर्षा 1238.7 मिमी
रायपुर/शौर्यपथ / प्रदेश में खेती-किसानी का काम तेजी के साथ जारी है। राज्य में अब तक 36.42 लाख हेक्टेयर क्षेत्र में धान, मक्का, कोदो, कुटकी, अरहर, मूंग, मूंगफली, रामतिल सहित विभिन्न फसलों की बोनी हो चुकी है, जो लक्ष्य का 75 प्रतिशत है। इस खरीफ सीजन में राज्य सरकार ने 48.85 लाख हेक्टेयर क्षेत्र में बोनी का लक्ष्य रखा है।
मुख्यमंत्री विष्णु देव साय ने किसानों को खेती-किसानी में सहुलियतें प्रदान करने के लिए सभी आवश्यक सहयोग करने संबंधित अधिकारियों को निर्देशित किए हैं। उन्होंने किसानों को उनकी मांग के अनुसार सुगमता के साथ प्रमाणित खाद-बीज का वितरण करने को भी कहा हैं। कृषि विकास एवं किसान कल्याण मंत्री रामविचार नेताम के मार्गदर्शन में कृषि विभाग के अधिकारियों द्वारा इन पर निरंतर निगरानी रखी जा रही है। प्रदेश के किसानों को अब तक 10.20 लाख मीट्रिक टन खाद और 7.22 लाख क्विंटल प्रमाणित बीज का वितरण किया जा चुका है। 21 जुलाई 2025 की स्थिति में प्रदेश में अब तक 446.1 मिमी औसत वर्षा दर्ज की गई है, जबकि प्रदेश की औसत वार्षिक वर्षा 1238.7 मिमी है।
कृषि विभाग के अधिकारियों ने बताया कि इस वर्ष खरीफ 2025 के लिए प्रदेश में 4.95 लाख क्विंटल प्रमाणित बीज वितरण का लक्ष्य रखा गया है, जिसमें समस्त स्त्रोतों से 7.88 लाख क्विंटल बीज का भंडारण कर अब तक 7.22 लाख क्विंटल बीज का वितरण किसानों को किया गया है, जो मांग का 146 प्रतिशत है। जबकि खरीफ वर्ष 2024 में राज्य में बीज निगम से 4.64 लाख क्विंटल प्रमाणित बीज का वितरण किया गया था।
इसी प्रकार प्रदेश में इस खरीफ सीजन में 14.62 लाख मीट्रिक टन उर्वरक वितरण का लक्ष्य निर्धारित किया गया है। उक्त लक्ष्य के विरूद्ध 13.78 लाख मीट्रिक टन उर्वरकों का सहकारी एवं निजी क्षेत्रों में भंडारण किया गया है। उक्त भंडारण के विरूद्ध 10.20 लाख मीट्रिक टन उर्वरकों का वितरण किसानों को किया जा चुका है, जो लक्ष्य का 70 प्रतिशत है।
कृषि विभाग के अधिकारियों ने बताया कि खाद-बीज वितरण व्यवस्था में किसी भी प्रकार की गड़बड़ी पर कड़ी कार्यवाही करने के भी निर्देश दिए गए हैं। साथ ही सोसायटियों में पर्याप्त खाद-बीज का भण्डारण कर सतत निगरानी करने को कहा गया है।
रायगढ़/शौर्यपथ /कपड़ा मंत्रालय ने 2024 के लिए संत कबीर हथकरघा पुरस्कार और राष्ट्रीय हथकरघा पुरस्कार के विजेताओं की घोषणा की है। ये पुरस्कार देश के हथकरघा क्षेत्र में उत्कृष्ट योगदान देने वाले बुनकरों, डिजाइनरों, विपणक, स्टार्ट-अप और उत्पादक कंपनियों को सम्मानित करने के लिए दिए जाते हैं।
इस वर्ष छत्तीसगढ़ के रायगढ़ के बुनकर आकाश कुमार देवांगन को उनके उत्कृष्ट जनजातीय बस्तर जाला कोसा साड़ी के लिए राष्ट्रीय हथकरघा पुरस्कार के लिए चुना गया है, जिससे राज्य का मान बढ़ा है।
कुल 24 पुरस्कार विजेताओं — जिनमें 5 संत कबीर पुरस्कार और 19 राष्ट्रीय हथकरघा पुरस्कार शामिल हैं — को 7 अगस्त 2025, गुरुवार को नई दिल्ली स्थित भारत मंडपम में आयोजित 11वें राष्ट्रीय हथकरघा दिवस समारोह के दौरान भारत के राष्ट्रपति द्वारा सम्मानित किया जाएगा।
इस भव्य समारोह में कपड़ा मंत्री श्री गिरिराज सिंह, सांसद, उद्योग जगत के नेता, डिजाइनर, निर्यातक, वरिष्ठ सरकारी अधिकारी, छात्र और देशभर से आए 500 से अधिक बुनकर उपस्थित रहेंगे।
राष्ट्रीय हथकरघा विकास कार्यक्रम (NHDP) के तहत हथकरघा विपणन सहायता (HMA) घटक में स्थापित ये पुरस्कार उत्कृष्ट शिल्पकला, नवाचार और भारत की बुनाई परंपराओं को संरक्षित और बढ़ावा देने के लिए समर्पित व्यक्तियों एवं संस्थाओं को सम्मानित करते हैं।
जहाँ संत कबीर हथकरघा पुरस्कार में ₹3.5 लाख की नकद राशि, स्वर्ण सिक्का, ताम्रपत्र, शॉल और मान्यता पत्र दिया जाता है, वहीं राष्ट्रीय हथकरघा पुरस्कार में ₹2 लाख की नकद राशि, ताम्रपत्र, शॉल और प्रमाणपत्र दिया जाता है।
पुरस्कार विजेताओं का चयन विशेषज्ञों की भागीदारी वाली कठोर और पारदर्शी प्रक्रिया के माध्यम से किया जाता है ताकि केवल योग्य और योग्यतम प्रतिभाओं को ही सम्मान मिले।
इस वर्ष के पुरस्कार सरकार की इस प्रतिबद्धता को रेखांकित करते हैं कि भारत के हथकरघा कारीगरों का सतत समर्थन कर इस सांस्कृतिक और आर्थिक धरोहर को संरक्षित रखा जाए।
बिलासपुर/शौर्यपथ /नारकोटिक्स कंट्रोल ब्यूरो (एनसीबी) रायपुर जोनल यूनिट को मादक पदार्थ तस्करी के एक मामले में दो आरोपियों को दोषसिद्ध कराकर 10 वर्ष के कठोर कारावास की सजा दिलाने में महत्वपूर्ण सफलता मिली है। यह कार्रवाई अगस्त 2023 में बिलासपुर जिले के बिल्हा थाना क्षेत्र में 118.110 किलोग्राम गांजा जब्त करने के मामले से जुड़ी है।
एनसीबी इंदौर जोनल यूनिट ने एक विशेष अभियान के तहत कार्रवाई करते हुए, गांजे से भरी टाटा जेस्ट कार को पकड़ा था, जिसमें यह मादक पदार्थ कार की डिक्की और पिछली सीटों में छुपाया गया था। मौके से दो स्थानीय आरोपियों — प्रवीण कुमार वस्त्रकार और दीपक कुमार मरकाम (दोनों निवासी बिलासपुर, छत्तीसगढ़) को गिरफ्तार किया गया था। जांच में यह सामने आया कि गांजा ओडिशा से लाया गया था और उसे बिलासपुर में वितरित किया जाना था, जो एक संगठित अंतरराज्यीय तस्करी रैकेट की ओर इशारा करता है।
मामले की विस्तृत जांच के बाद दिसंबर 2023 में आरोपियों के विरुद्ध शिकायत दर्ज की गई थी। लंबी सुनवाई के पश्चात 17 जुलाई 2025 को चतुर्थ जिला एवं अपर सत्र न्यायालय, बिलासपुर ने दोनों आरोपियों को दोषी ठहराते हुए एनडीपीएस अधिनियम, 1985 के तहत 10 वर्ष के कठोर कारावास की सजा और प्रत्येक पर ₹1 लाख का जुर्माना लगाया।
एनसीबी ने इसे नशा मुक्त भारत अभियान की दिशा में एक बड़ी सफलता बताया है और कहा है कि यह निर्णय संगठित तस्करी के विरुद्ध सख्त कार्रवाई की दिशा में एक मजबूत संदेश देता है।
ब्यूरो ने आम नागरिकों से अपील की है कि वे नशीले पदार्थों की तस्करी और बिक्री की किसी भी जानकारी को राष्ट्रीय नारकोटिक्स हेल्पलाइन नंबर 1933 पर साझा करें। जानकारी देने वाले व्यक्ति की पहचान पूर्णतः गोपनीय रखी जाएगी।
रायपुर/शौर्यपथ /छत्तीसगढ़ के 25 वर्ष पूर्ण होने पर रजत जयंती वर्ष के आयोजन के संबंध में आज यहां मंत्रालय महानदी भवन में अपर मुख्य सचिव सुब्रत साहू की अध्यक्षता में सम्पन्न हुई। बैठक में छत्तीसगढ़ रजत जयंती वर्ष के आयोजन के संबंध में व्यापक विचार-विमर्श किया गया। वीडियो कॉन्फ्रेंसिग के जरिए आयोजित इस बैठक में राज्य शासन के सभी विभागों के प्रभारी सचिव, विभागाध्यक्ष, संभागायुक्त और कलेक्टर शामिल हुए। रजत जयंती वर्ष में 15 अगस्त 2025 से 6 फरवरी 2026 तक 25 सप्ताहों के दौरान राज्य के सभी विभागों, माननीय मंत्रिगणों के अनेकों कार्यक्रम शामिल होंगे।
रजत जयंती वर्ष का आयोजन दो चरणों में होगा। पहला चरण 15 अगस्त 2025 से 31 अक्टूबर 2025 तक होगा। दूसरा चरण 01 नंवबर 2025 से 6 फरवरी 2026 तक होगा। रजत जयंती वर्ष के आयोजन के अवसर पर राज्य शासन के सभी विभागों द्वारा अपने साप्ताहिक कार्यक्रम आयोजित किए जाएंगे। जिसमें उनकी विभागीय योजनाओं एवं राज्य में 25 वर्ष में विभाग द्वारा किए गए कार्यों का समावेश होगा। अपर मुख्य सचिव श्री सुब्रत साहू ने सभी विभाग के प्रमुख अधिकारियों से शीघ्र ही अपने विभाग की कार्ययोजना संस्कृति सचिव को 5 अगस्त तक प्रस्तुत करने के निर्देश दिए है। जिला कलेक्टरों को भी जिला स्तर पर आयोजित किए जाने वाले कार्यक्रमों की कार्ययोजना तैयार करने के निर्देश दिए गए है।
छत्तीसगढ़ का रजत जयंती का उत्सव गरीब, युवा, अन्नदाता व नारी पर आधारित होगा। जिसमें इनकी सहभागिता सुनिश्चित की जाएगी। कार्यक्रम में जनभागीदारी, सरकारी और निजी क्षेत्र से जुड़े लोगों सहित आम जनमानस की सक्रियता और सहभागिता से जनगौरव और देशभक्ति को बढ़ावा देने के उद्देश्य से कार्यक्रम आयोजित किए जाएंगे। कार्यक्रम में विरासत और विश्वास का संगम होगा। जिसमें छत्तीसगढ़ की सांस्कृतिक विरासत की गतिविधियों का समावेश होगा। आयोजन में तकनीक के माध्यम से पारदर्शिता निगरानी की जाएगी।
बैठक में संस्कृति विभाग के सचिव श्री रोहित यादव ने रजत जयंती वर्ष के आयोजन के संबंध में प्रस्तुतिकरण के जरिए विस्तार से जानकारी दी। आयुक्त जनसम्पर्क डॉ. रवि मित्तल ने रजत जयंती कार्यक्रम के आयोजन के संबंध में विभिन्न विभागों की महत्वपूर्ण गतिविधियों को शामिल करने के संबंध में जानकारी दी। उन्होंने कहा कि पिछले 25 वर्षों के दौरान विभागों द्वारा किए गए महत्वपूर्ण कार्यों का समावेश होना चाहिए।
रजत जयंती वर्ष के कार्यक्रम ग्राम पंचायत, जनपद पंचायत, जिला स्तर तथा राज्य स्तर पर आयोजित होंगे। बैठक में विभागीय सचिवों से कहा गया है कि वे शीघ्र ही राज्य एवं जिला स्तर पर अपने विभागीय अधिकारियों की नियुक्ति कर दें। रजत जयंती के कार्यक्रम में प्रदर्शनी, जनसम्पर्क भ्रमण, सांस्कृतिक कार्यक्रम, साहित्यक संगोष्ठी सहित विद्यालय और महाविद्यालय में प्रेरणादायक कार्यक्रमों का आयोजन होगा। आयोजन की सफलता के लिए राज्य शासन के सभी विभागों की जिम्मेदारी तय की गई है।
पात्र परिवारों को प्राथमिकता क्रम के अनुसार मिलेगा आवास
हितग्राहियों को चिंतित अथवा व्यग्र होने की जरूरत नहीं
पीएम आवास योजना के सर्वे सूची 2.0 में है शामिल करण सोनवानी का नाम
रायपुर/शौर्यपथ /जिला प्रशासन, धमतरी का कहना है कि प्रधानमंत्री आवास योजना (ग्रामीण) के अंतर्गत आवास प्लस सर्वे सूची 2.0 में शामिल हितग्राही परिवारों को सत्यापन के उपरांत नियमानुसार आवास की स्वीकृति दी जाएगी। सर्वे सूची में शामिल हितग्राही परिवार के सदस्यों को इस बात को लेकर न तो चिंता करने की जरूरत है और न ही व्यग्र होने की जरूरत है। कलेक्टोरेट परिसर धमतरी में आज पीएम आवास स्वीकृति के मामले में बिलंब को लेकर ग्राम डोमा के करण सोनवानी द्वारा आत्मदाह किए जाने के प्रयासों को लेकर जिला प्रशासन ने यह बात कही है।
गौरतलब है कि करण सोनवानी का नाम पीएम आवास योजना (ग्रामीण) आवास प्लस 2.0 की सर्वे सूची की आईडी 93358481 में दर्ज है, परंतु युवक करण सोनवानी द्वारा चेकर साफ्टवेयर में अपना नाम चेक करने पर भ्रम की स्थिति निर्मित हुई, जिसके कारण उसके द्वारा आत्मदाह का प्रयास किया गया, जिसे कलेक्टोरेट परिसर में तैनात सुरक्षाकर्मी द्वारा तत्परता से रोककर विफल कर दिया गया। जिला प्रशासन ने यह भी स्पष्ट किया है कि चेकर साफ्टवेयर रेंडमली चेक करता है, जिसके कारण युवक के मन में भ्रम की स्थिति निर्मित हुई।
कलेक्टर धमतरी अविनाश मिश्रा ने बताया कि प्रधानमंत्री आवास योजना (ग्रामीण) के आवास प्लस सर्वे 2.0 की सूची में शामिल हितग्राहियों का सत्यापन किया जा रहा है। यह कार्य 31 जुलाई 2025 तक पूर्ण कर लिया जाएगा। सत्यापन उपरांत पात्र परिवारों को नियम प्रक्रिया के तहत आवास की मंजूरी दी जाएगी।
कलेक्टर ने कहा कि आमजन की समस्याओं एवं शिकायतों के निदान तथा शासकीय कार्यक्रमों एवं हितग्राही मूलक योजनाओं के क्रियान्वयन एवं पारदर्शिता सुनिश्चित करने के उद्देश्य से जिला प्रशासन धमतरी द्वारा जनदर्शन डेस्क शुरू किया गया है। जहां लोग अपनी समस्याओं को सोमवार से शुक्रवार कार्य दिवस में अधिकारियों के समक्ष सीधे रख सकते हैं।
जिला पंचायत की मुख्य कार्यपालन अधिकारी श्रीमती रोमा श्रीवास्तव ने बताया है कि योजना के तहत धमतरी जिले में 84,439 हितग्राही परिवारों का सर्वे किया गया है, जिसमें से 26 हजार 923 हितग्राहियों का सत्यापन कार्य प्रगति पर है। हितग्राही परिवारों के सत्यापन का कार्य पूरा होने के बाद पात्र हितग्राही परिवारों को नियमानुसार प्राथमिकता क्रम के अनुसार आवास की स्वीकृति दी जाएगी।
राज्य सरकार प्रतिबद्ध है प्रदेश के हर खिलाड़ी को अवसर, संसाधन और मंच देने के लिए : मुख्यमंत्री
महासमुंद की नवलीन कौर ने तीरंदाजी में नेशनल गेम्स में बनाया स्थान, राज्य स्तरीय प्रतियोगिता में जीता था गोल्ड मेडल
रायपुर/शौर्यपथ /खेल प्रतिभाओं को पहचानने और उन्हें आगे बढ़ाने के लिए राज्य सरकार प्रतिबद्धता के साथ कार्य कर रही है। मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय ने कहा है कि छत्तीसगढ़ के हर खिलाड़ी को उसकी मेहनत, लगन और क्षमता के अनुरूप अवसर, संसाधन और मंच उपलब्ध कराया जाएगा। उन्होंने महासमुंद जिले की नवोदित तीरंदाज नवलीन कौर को आगामी राष्ट्रीय खेलों में तीरंदाजी में स्थान बनाने पर बधाई और शुभकामनाएँ दीं। मुख्यमंत्री ने कहा कि नवलीन जैसी खिलाड़ी छत्तीसगढ़ के भविष्य की नींव हैं और सरकार उन्हें खेल के हर स्तर पर निखारने के लिए हरसंभव सहायता प्रदान करेगी।
जन्म से ही स्वास्थ्यगत चुनौतियों से जूझने वाली नवलीन ने इसे अपनी कमज़ोरी नहीं, बल्कि ताकत में बदल दिया और खेल को अपना जीवन-मार्ग चुना। उन्होंने फरवरी 2025 में राज्य स्तरीय प्रतियोगिता में स्वर्ण पदक जीतकर यह साबित कर दिया कि इच्छाशक्ति और मेहनत के आगे कोई भी बाधा बड़ी नहीं होती।
महासमुंद जिले के बागबाहरा की निवासी नवलीन कौर, श्री अरविंद एवं श्रीमती रंजीत कौर छाबड़ा की सुपुत्री हैं। उनका जन्म गर्भावस्था के सातवें महीने में हुआ था, जिससे प्रारंभिक वर्षों में स्वास्थ्य संबंधी कई परेशानियाँ रहीं। आस-पड़ोस, रिश्तेदार और परिचित हमेशा उनकी तबीयत के बारे में पूछते रहते थे, जिससे वह कभी-कभी उदास हो जाती थीं। लेकिन नवलीन ने इस जिज्ञासा को चुनौती के रूप में स्वीकार किया और खुद को एक नई दिशा में ढाल दिया।
वर्ष 2018 में नवलीन ने बागबाहरा से लगभग पांच किलोमीटर दूर स्थित बिहाझर बालाश्रम में तीरंदाजी का प्रशिक्षण प्रारंभ किया। वे महासमुंद जिले की पहली महिला तीरंदाज बनीं। स्कूली शिक्षा के दौरान उन्होंने दो बार राज्य स्तरीय प्रतियोगिताओं में पदक हासिल किए और एक बार राष्ट्रीय स्तर की स्कूली तीरंदाजी प्रतियोगिता में चौथा स्थान अर्जित किया। वर्ष 2023 में उन्होंने गुजरात में आयोजित एफजीएफआई राष्ट्रीय तीरंदाजी प्रतियोगिता में छत्तीसगढ़ का प्रतिनिधित्व किया और राज्य स्तरीय सीनियर तीरंदाजी प्रतियोगिता में द्वितीय स्थान प्राप्त किया।
नवलीन का लक्ष्य अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर भारत का प्रतिनिधित्व करते हुए पदक जीतना है। उन्होंने बताया कि अंतर्राष्ट्रीय स्पर्धाओं में कंपाउंड बो से खेला जाता है, जिसके लिए उनके परिजनों ने उन्हें एक नया आधुनिक कंपाउंड धनुष प्रदान किया है। उन्होंने सिटी ओपन तीरंदाजी प्रतियोगिता में कंपाउंड राउंड बालिका वर्ग में प्रथम स्थान प्राप्त कर इसकी शानदार शुरुआत की है। वर्तमान में नवलीन कोच श्री एवन साहू एवं खेल अधिकारी श्री मनोज धृतलहरे से तीरंदाजी के गुर सीख रही हैं।
मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय ने कहा कि क्रिकेट की लोकप्रियता के इस दौर में कोई खिलाड़ी यदि तीरंदाजी जैसे विशिष्ट खेल में कड़ी मेहनत करके प्रदेश और देश के लिए मेडल लाने की दिशा में काम कर रहा है, तो यह न केवल सराहनीय है बल्कि प्रेरणास्पद भी। नवलीन जैसी प्रतिभाएं छत्तीसगढ़ के युवाओं को यह संदेश देती हैं कि प्रतिबद्धता, अभ्यास और आत्मविश्वास के बल पर कोई भी लक्ष्य हासिल किया जा सकता है।
उत्पादन प्रोसेसिंग से लेकर एक्वा टूरिजम से बढ़ेगी ग्रामीणों की आय
रायपुर/शौर्यपथ / छत्तीसगढ़ में जल्द ही मछली पालन के क्षेत्र में एक नये युग की शुरूआत होने जा रही है। मुख्यमंत्री विष्णु देव साय के प्रयासों से केन्द्र सरकार के सहयोग से प्रदेश के कोरबा जिले में हसदेव बांगो डुबान जलाशय में पहला एक्वा पार्क स्थापित होने जा रहा है। इसके लिए प्रधानमंत्री मत्स्य सम्पदा योजना के तहत केन्द्र सरकार से 37 करोड़ 10 लाख रूपए से अधिक की राशि स्वीकृत हो चुकी हैं। यह एक्वा पार्क एतमा नगर और सतरेंगा क्षेत्र में फैलें सैकड़ों एकड़ डुबान जलाशय में विकसित होगा। इस एक्वा पार्क विकसित हो जाने से राज्य में मछली पालन के क्षेत्र में क्रांतिकारी परिवर्तन होगा। मछली उत्पादन से लेकर प्रोसेसिंग, विक्रय, निर्यात और एक्वा टूरिजम से क्षेत्र के ग्रामीणों की आय बढ़ेगी। मुख्यमंत्री विष्णु देव साय ने इस पार्क की स्थापना के लिए राशि स्वीकृत करने पर प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी सहित केन्द्र सरकार के प्रति आभार व्यक्त किया है।
कोरबा जिले के हसदेव बांगो जलाशय के डुबान क्षेत्र में विकसित होने वाले इस एक्वा पार्क में दो तरह की सुविधाएं होंगी। एतमा नगर में फीड मिल, फिश प्रोेसेसिंग प्लांट, हेचरी और रिसर्कुलेटरी एक्वा कल्चर सिस्टम स्थापित होगा। वहीं सतरेंगा में एक्वा टूरिजम को बढ़ाने के लिए म्यूजियम और अन्य सुविधा विकसित की जाएंगी। एतमा नगर में मछलियों के उत्पादन से लेकर उनकी प्रोसेसिंग और मार्केटिंग के साथ-साथ उन्हें विदेशों में एक्सपोर्ट करने तक की सुविधा विकसित होगी। हेचरियों में मछलियों के बीज उत्पादन से लेकर फीड मिल में पूरक पोषक आहार भी यहीं बनेगा। फिश प्रोसेसिंग प्लांट में मछलियों की सफाई, हड्डियां हटाकर फिले बनाना और उसे उच्च स्तरीय गुणवत्ता वाले पैकेजिंग सिस्टम से पैक कर विदेशों में निर्यात करने की पूरी व्यवस्था यहां की जाएगी। एतमा नगर के इस प्रोसेसिंग यूनिट से हटकर सतरेंगा में एक्वा म्यूजियम बनेगा। पहले ही सतरेंगा पर्यटन की दृष्टि से छत्तीसगढ़ का प्रमुख वाटर बॉडी है। एक्वा म्यूजियम बन जाने से विभिन्न प्रकार की मछलियों को पर्यटकों की जानकारी के लिए यहां रखा जाएगा। इसके साथ ही सतरेंगा में एंगलिंग डेस्क, कैफेटेरिया, फ्लोटिंग हाउस तथा मोटर बोट सहित वाटर स्पोर्ट्स की सविधाएं भी विकसित की जाएंगी, जिससे क्षेत्र में पर्यटन बढ़ेगा। पर्यटन से स्थानीय स्तर पर रोजगार के अवसर बढ़ेंगे और स्थानीय ग्रामीणों की आय बढ़ने से उनके जीवन स्तर में सुधार होगा।
एक्वा पार्क बनने से प्रदेश में मछली व्यवसाय को मिलेगी नई दिशा - मुख्यमंत्री साय
इस एक्वा पार्क की स्वीकृति मिलने पर मुख्यमंत्री श्री विष्णु देव साय ने राज्य के मछली पालकों को शुभकामनाएं देते हुए कहा है कि इस एक्वा पार्क से न केवल मछली पालन की नई उन्नत तकनीकें लोगों तक पहुंचेंगी, बल्कि प्रोसेसिंग-पैकेजिंग यूनिट से छत्तीसगढ़ के मछली व्यवसाय को नई दिशा मिलेगी। उन्होंने कहा कि छत्तीसगढ़ की तिलपिया मछली की विदेशों में बहुत मांग है और इस एक्वा पार्क में इस मछली के उत्पादन से छत्तीसगढ़ के मछली पालकों के लिए अब सात समुन्दर पार भी व्यापार के द्वार खुलेंगे। उन्होंने एक्वा पार्क की स्थापना को मछली पालन के क्षेत्र में राज्य को आत्मनिर्भर बनाने वाला निर्णय बताया है।
अभी लगभग 800 केज में हो रहा मछली उत्पादन, 160 से अधिक मछुआरें उठा रहे लाभ
हसदेव बांगो जलाशय के डुबान क्षेत्र में वर्तमान समय में लगभग 800 केज लगे हैं। जहां मछली पालन विभाग के अधिकारियों और तकनीकी विशेषज्ञों के मार्गदर्शन में लगभग 9 मछुआ समितियों के 160 सदस्य मछली पालन कर रहे हैं। उन्हें पांच-पांच केज आबंटित किए गए हैं। केज कल्चर से इन सदस्यों को औसतन 90 हजार रूपए सालाना शुद्ध आमदनी मिल रही है। मछुआ समिति के सदस्य श्री दीपक राम मांझीवार, श्री अमर सिंह मांझीवार और श्रीमती देवमति उइके ने बताया कि केज कल्चर से उन्हें न केवल रोजगार मिला है, बल्कि मछलियों का उत्पादन बढ़ जाने से उनकी आर्थिक स्थिति में सुधार हुआ है। इस क्षेत्र में हर साल लगभग 1600 मेट्रिक टन मछली का उत्पादन हो रहा है। केज कल्चर से मछली पालन में 70 से 80 लोग सीधे तौर पर रोजगार पा रहे हैं, वहीं 20 से 25 पैगारों-चिल्हर विक्रेताओं को बेचने के लिए हर दिन मछली मिल रही हैं। यहां मछली पालन के विशेषज्ञों और विभागीय अधिकारियों ने ग्रामीणों को उन्नत तकनीकों से प्रशिक्षित किया है। हसदेव बांगो डुबान केज कल्चर में मुख्यतः तिलपिया और पंगास मछली का उत्पादन किया जा रहा है। तिलपिया प्रजाति की मछली की अमेरिका में विशेष मांग है और इसका सीमित मात्रा में अभी निर्यात किया जा रहा है। एक्वा पार्क स्थापित कर इस मछली का उत्पादन बढ़ाकर अमेरिका सहित दूसरे यूरोपीय देशों में भी इसका निर्यात बढ़ाने की योजना है। इस मछली का निर्यात बढ़ने से बड़ी संख्या में स्थानीय स्तर पर ग्रामीणजन इस व्यवसाय से जुडे़ंगे और उनकी आमदनी बढ़ने से क्षेत्र में आर्थिक विकास को गति मिलेगी।
एतमा नगर के साथ ही सतरेंगा में एक्वा पार्क के विस्तार तथा डिमोस्ट्रेशन यूनिट स्थापित हो जाने से पर्यटन बढ़ेगा। देश-प्रदेश से लोग यहां मनोरंजन के साथ-साथ स्वादिष्ट मछलियों के कई प्रकार के व्यंजनों का भी लुफ्त उठा सकेंगे, इससे भी स्थानीय लोगों को रोजगार के अवसर मिलेंगे और उनकी आय में बढ़ोत्तरी होगी।
संवाददाता - नरेश देवांगन
जगदलपुर/ शौर्यपथ/
कहा जाता है जब उच्चाधिकारियों का और नेताओं का संरक्षण प्राप्त हो तो आज के जमाने में किसी का कुछ नही होता, सरकारी पैसा ही तो है कौन सा तुम्हारे घर का सरपँच/सचिव खा रहा है और तुम क्यों समाजसेवी बने पड़े हो? कौन से पँचायत में ऐसा नहीं होता? लाखों चुनाव में खर्च किया है। कहाँ से वापसी करेगी बेचारी? ऐसे अनर्गल तथ्यों के बीच हम ये सोचने को मजबूर हो जाते हैं कि क्या सच मे जनपद स्तर पर सरपॅच सचिव को संरक्षण प्राप्त है..! क्या उच्चाधिकारियों को सब पता रहता है और ये राशि निकालने से पहले ही उन्हें कमीशन की भेंट चढ़ाई जाती है, जब प्रसाद पहले चढ़ गया है तो फिर डर काहे का, क्योंकि अंत मे तो जांच-अधिकारी भी जनपद स्तर से ही जाएंगे। इसलिए ग्राम पंचायत आमागुड़ा के सरपँच-सचिव बिना नाली साफ कराये ही वर्ष- 2021-22 में लगभग ?48680 रुपये खर्च दिखाकर राशि निकाल अपना जेब भरने का काम किये है ढ्ढ ग्रामीणों का आरोप है की जाँच अधिकारी के द्वारा जाँच के नाम पे खानापूर्ति कर सरपंच सचिव को बचाने में किसी प्रकार का कोई कसर नहीं छोड़ा गया है ढ्ढ ग्रामीणों का यह भी कहना है की जनपद जगदलपुर के मुख्य कार्यपालन अधिकारी श्री भाटिया साहब काफी कर्तव्यनिष्ठ व न्यायप्रिय अधिकारी है, उनको भ्रस्टाचार की लिखित शिकायत मिलने के बाद भी साहब का इस मामले में चुप रहना समझ से परे हो गया हैढ्ढ जबकि कोटवार घर से बलदेव घर तक रह रहे ग्रामीणों का साफ कहना है की पूर्व मे नाली की सफाई नहीं हुई है, शासकीय राशि को सरपंच सचिव निकाल भ्रष्टाचार किये है।
इस मामले पे ग्राम पंचायत आमागुड़ा सरपंच श्रीमती नाग से फ़ोन पे जानकारी चाही गई तो उनका साफ कहना है की कोटवार घर से बलदेव घर तक नाली का निर्माण होने के बाद से कभी भी नाली का सफाई कार्य नहीं किया गया ढ्ढ उनके द्वारा जून माह 2025 में कोटवार घर से बलदेव घर तक नाली सफाई करवाने के सात ही पुरे गाँव में नाली सफाई कार्य किया गया है ढ्ढ
लिखित शिकायत मिलने के दो माह 14 दिन के बाद कि गई जाँच,या खानापूर्ति ?
लिखित शिकायत दिनांक- 23/04/2025 को मिलने के दो माह 14 दिन के बाद इस पुरे मामले की जाँच रविन्द्र सिंह ठाकुर स0आ0ले0प0 अधिकारी जनपद पंचायत जगदलपुर ने किया है ढ्ढ जाँच अधिकारी ने अपने जाँच प्रतिवेदन में यह उल्लेख किया है- 1. वर्ष 2021-22 में कोटवार घर से बलदेव घर तक नाली सफाई का कार्य नहीं किया गया है ढ्ढ वर्ष 2022-23 में 15वा वित् आयोग योजना अंतर्गत सीसी सड़क निर्माण, नाली सफाई कार्य तथा अन्य कार्य किया गया 2. मे. देवकी फरसु ट्रेडर्स को 24,200रुपए का भुगतान किया गया सामग्री का उपयोग सीसी सड़क निर्माण कार्य हेतु किया गया है जो की रोकड़ वही के पृष्ट क्रमांक – पर दिनाकं– 22/07/2022 को दर्ज है ढ्ढ
शौर्यपथ ने प्रमुखता से 16जुलाई को खबर प्रकाशित की थी की वर्ष 2021-22 में कोटवार घर से बलदेव घर तक की नाली की सफाई बनने से लेकर अब तक सफाई कार्य नहीं किया गया हैढ्ढ इस खबर को लगभग एक सप्ताह बीत गये है, लेकिन ग्रामीणों के आरोप व लिखित शिकायत पे संतोषजनक जाँच नहीं कर जाँच अधिकारी ने कई सवाल खड़े कर दिए है –
1.जाँच अधिकारी ने शिकायत पत्र के आधार पे कोटवार घर से बलदेव घर तक रह रहे सभी लोगो का ब्यान दर्ज क्यों नही किया?
2.उक्त मस्टररोल पे दर्ज मजदूरो का ब्यान क्यों नहीं लिया गया?
3.पूर्व सरपंच,सचिव से स्पष्टीकरण/जवाब क्यों नही माँगा गया ?
4.जाँच अधिकारी के द्वारा जाँच का पंचनामा शिकायत स्थल जाके त्यार क्यों नहीं किया गया ?
5.जाँच अधिकारी के द्वारा रोकड़ वही के पृष्ट क्रमांक – 8 व खर्च राशि को क्यों नहीं मिलाया गया? जबकि राशि में ?8160 रुपए मजदूरी भुगतान में अंतर है?
हैरानी की बात यह है कि पूरे प्रकरण की जानकारी सार्वजनिक होने के बावजूद अब तक किसी भी जिम्मेदार अधिकारी या कर्मचारी पर कोई कार्यवाही नहीं हुई है। स्थानीय निवासियों का कहना है कि सफाई के नाम पर केवल कागज़ों में काम हुआ है। क्षेत्रीय लोगो और समाजसेवियों ने मामले की उच्चस्तरीय जांच की मांग की है। प्रश्न यह उठता है कि जब सबूत मौजूद हैं, तो फिर कार्यवाही में देरी क्यों? जाँच अधिकारी की लापरवाही, या फिर भ्रष्टाचार पर पर्दा डालने की कोशिश?
इस मामले पे मुख्य कार्यपालन अधिकारी जनपद पंचायत जगदलपुर श्री भाटिया का कहना है कि नाली सफाई के नाम से फर्जी राशि निकालने कि शिकायत पत्र प्राप्त हुई थी, मामले कि जांचोपरान्त जाँच प्रतिवेदन मुझे प्राप्त हुआ है। अगर शिकायतकर्ता इस जाँच से संतुष्ट नहीं है तो मामले कि पुन: जाँच के लिए आदेशित किया जायेगा।
- ब्लड बैंक के निर्माण के लिए प्रस्ताव प्रस्तुत करने के दिए निर्देश
- अधिक से अधिक नागरिकों को रेडक्रास सोसायटी से जोडऩे के लिए कहा
राजनांदगांव /शौर्यपथ /कलेक्टर एवं अध्यक्ष भारतीय रेडक्रास सोसायटी डॉ. सर्वेश्वर नरेन्द्र भुरे की अध्यक्षता में कलेक्टोरेट सभाकक्ष में भारतीय रेडक्रास सोसायटी शाखा राजनांदगांव की प्रबंध कार्यकारिणी समिति की बैठक आयोजित की गई। कलेक्टर डॉ. सर्वेश्वर नरेन्द्र भुरे ने कहा कि रेडक्रास मानवता के लिए समर्पित भाव से कार्य करने वाली संस्था है। जिले में रेडक्रास की सदस्यता बढ़ाने के लिए अभियान चलाने की जरूरत है। उन्होंने ब्लड बैंक के निर्माण के लिए प्रस्ताव प्रस्तुत करने के निर्देश दिए। डीएमएफ से ब्लड बैंक के लिए मशीन खरीदने के संबंध में चर्चा की गई। उन्होंने कहा कि रेडक्रास कार्यालय के लिए भूमि एवं भवन निर्माण के लिए प्रस्ताव प्रस्तुत करने के निर्देश दिए। इस दौरान रेडक्रास की आय बढ़ाने के संबंध में चर्चा की गई। उन्होंने कहा कि ऐसी संस्थाएं जहां से दुकानों का किराया रेडक्रास सोसायटी के पास जमा होता है और अब किराया प्राप्त नहीं हो रहा है, उन्हें सूचित करते हुए किराए की राशि के लिए पत्र लिखने के लिए कहा। उन्होंने कहा कि सदस्यता अभियान अंतर्गत अधिक से अधिक नागरिकों को रेडक्रास सोसायटी से जुडऩे के लिए प्रेरित करें। उन्होंने जूनियर एवं यूथ रेडक्रास गतिविधि, जिले में जनौषधि केन्द्र, निक्षय मित्र अभियान में रेडक्रास द्वारा किए जा रहे कार्यों के संबंध में जानकारी ली। उन्होंने रेडक्रास सोसायटी एवं गतिविधियों एवं कार्यों की समीक्षा की। उन्होंने रेडक्रास सोसायटी अंतर्गत मेगा स्वास्थ्य शिविर का आयोजन करने के निर्देश दिए।
मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी तथा सचिव भारतीय रेडक्रास सोसायटी राजनांदगांव डॉ. नेतराम नवरतन ने जानकारी देते हुए बताया कि रेडक्रास सोसायटी अंतर्गत सुपोषण अभियान के तहत डोंगरगांव में गर्भवती माताओं एवं बच्चों की नि:शुल्क स्वास्थ्य जांच की गई तथा सुपोषण किट प्रदान किया गया। रेडक्रास सोसायटी की ओर से श्री मुलचंद निर्मलकर को ईलाज हेतु वेल्लूर जाने के लिए यात्रा व्यय 25 हजार रूपए की आर्थिक सहायता तथा विद्या सागोड़े को किडनी के ईलाज के लिए 4 लाख रूपए की सहायता राशि एवं अन्य मरीजों को आर्थिक सहायता राशि प्रदान की गई। रक्तदान शिविर, पौधरोपण, वाहन चालकों को प्राथमिक चिकित्सा सहायता प्रशिक्षण एवं अन्य गतिविधियों का आयोजन किया गया। बैठक में अपर कलेक्टर श्री सीएल मारकण्डेय, संयुक्त कलेक्टर श्रीमती शीतल बंसल, जिला शिक्षा अधिकरी श्री प्रवास सिंह बघेल, सिविल सर्जन डॉ. यूके चंद्रवंशी, श्री अशोक चौधरी, उदयाचल से श्री अशोक मोदी, वरिष्ठ पत्रकार श्री अशोक पाण्डेय, श्री हलीम बख्श गाजी, श्री सुशील जैन, श्रीमती शारदा तिवारी, श्रीमती करूणा रावटे, श्री संजय कुमार वर्मा, श्री विनोद ड्ढढा, श्री विनेश कुमार चोपड़ा, श्री उमेश अग्रवाल, प्रबंधक सह जिला संगठन श्री प्रदीप शर्मा उपस्थित रहे।
कार्यालयीन समय में 20 से अधिक अधिकारी-कर्मचारी मिले गैरहाजिर
अनुपस्थिति एवं विलंब पर जताई गहरी नाराजगी, नोटिस जारी करने तथा वेतन कटौती के दिए निर्देश
मुंगेली/शौर्यपथ /कलेक्टर कुन्दन कुमार ने जिला कलेक्टोरेट स्थित समाज कल्याण, उद्योग, शिक्षा सहित विभिन्न विभागीय कार्यालयों का औचक निरीक्षण कर अधिकारी-कर्मचारियों की उपस्थिति की जांच की। निरीक्षण के दौरान 20 से अधिक अधिकारी-कर्मचारियों की अनुपस्थिति एवं विलंब पर कलेक्टर ने गहरी नाराजगी व्यक्त की और अधिकारियों को स्पष्ट निर्देश दिए कि लापरवाही किसी भी सूरत में बर्दाश्त नहीं की जाएगी। कलेक्टर ने अनुपस्थित अधिकारियों को कारण बताओ नोटिस जारी करने तथा एक दिन का वेतन काटने के निर्देश दिए। उन्होंने उपस्थिति पंजी का भी निरीक्षण किया और कहा कि उपस्थिति में पारदर्शिता और नियमितता आवश्यक है।
निरीक्षण के दौरान शिक्षा विभाग के अधिकारी-कर्मचारी बड़ी संख्या में बिना सूचना के कार्यालयीन समय में अनुपस्थित पाए गए, इनमें जिला शिक्षा अधिकारी श्री चन्द्र कुमार घृतलहरे, जिला मिशन समन्वयक श्री ओ.पी. कौशिक, सहायक जिला परियोजना अधिकारी श्री अजय नाथ सहित सहायक परियोजना समन्वयक, प्रोगामर, सहायक ग्रेड 03 व 02, कम्प्यूटर ऑपरेटर एवं भृत्य अनुपस्थित पाए गए। इसी तरह जिला उद्योग एवं व्यापार केन्द्र के महाप्रबंधक व प्रबंधक, समाज कल्याण विभाग के उपसंचालक और कम्प्यूटर ऑपरेटर के बिना सूचना के कार्यालयीन समय में अनुपस्थिति पर नाराजगी जाहिर करते हुए कारण बताओ नोटिस जारी करने तथा एक दिन का वेतन काटने के निर्देश दिए। वहीं समग्र शिक्षा के अंतर्गत कार्यरत प्रोग्रामर शशिभूषण पांडेय द्वारा गैरहाजिर रहने के बावजूद उपस्थिति पंजी में हस्ताक्षर करने के कृत्य को गंभीर लापरवाही मानते हुए कलेक्टर ने उक्त प्रकरण को गंभीरता से लेते हुए संबंधित कर्मचारी को सेवा से पृथक करने आवश्यक कार्रवाई करने के निर्देश दिए। उन्होंने सभी अधिकारी-कर्मचारियों को अनुशासन का कड़ाई से पालन करने और कार्यालय में समय पर उपस्थिति सुनिश्चित करने तथा कार्य के प्रति गंभीरता बरतने के निर्देश दिए। इस दौरान संबंधित अधिकारी मौजूद रहे।