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धर्म संसार / शौर्यपथ / प्रभु यीशु के जन्म की ख़ुशी में मनाया जाने वाला क्रिसमस का त्योहार पूरी दुनिया में मनाया जाता है। यह त्योहार कई मायनों में बेहद खास है। क्रिसमस को बड़ा दिन, सेंट स्टीफेंस डे या फीस्ट ऑफ़ सेंट स्टीफेंस भी कहा जाता है। प्रभु यीशु ने दुनिया को प्यार और इंसानियत की शिक्षा दी। उन्होंने लोगों को प्रेम और भाईचारे के साथ रहने का संदेश दिया। प्रभु यीशु को ईश्वर का इकलौता प्यारा पुत्र माना जाता है। इस त्योहार से कई रोचक तथ्य जुड़े हैं। आइए जानते हैं इनके बारे में।
क्रिसमस ऐसा त्योहार है जिसे हर धर्म के लोग उत्साह से मनाते हैं। यह एकमात्र ऐसा त्योहार है जिस दिन लगभग पूरे विश्व में अवकाश रहता है। 25 दिसंबर को मनाया जाने वाला यह त्योहार आर्मीनियाई अपोस्टोलिक चर्च में 6 जनवरी को मनाया जाता है। कई देशों में क्रिसमस का अगला दिन 26 दिसंबर बॉक्सिंग डे के रूप मे मनाया जाता है। क्रिसमस पर सांता क्लॉज़ को लेकर मान्यता है कि चौथी शताब्दी में संत निकोलस जो तुर्की के मीरा नामक शहर के बिशप थे, वही सांता थे। वह गरीबों की हमेशा मदद करते थे उनको उपहार देते थे। क्रिसमस के तीन पारंपरिक रंग हैं हरा, लाल और सुनहरा। हरा रंग जीवन का प्रतीक है, जबकि लाल रंग ईसा मसीह के रक्त और सुनहरा रंग रोशनी का प्रतीक है। क्रिसमस की रात को जादुई रात कहा जाता है। माना जाता है कि इस रात सच्चे दिल वाले लोग जानवरों की बोली को समझ सकते हैं। क्रिसमस पर घर के आंगन में क्रिसमस ट्री लगाया जाता है। क्रिसमस ट्री को दक्षिण पूर्व दिशा में लगाना शुभ माना जाता है। फेंगशुई के मुताबिक ऐसा करने से घर में सुख समृद्धि आती है। पोलैंड में मकड़ी के जालों से क्रिसमस ट्री को सजाने की परंपरा है। मान्यता है कि मकड़ी ने सबसे पहले जीसस के लिए कंबल बुना था।
एक माह तक चले समर कैंप में बच्चों ने सीखे रचनात्मक गतिविधियां
महासमुंद/शौर्यपथ /समाजसेवी डॉ. एकता लंगेह के मार्गदर्शन में स्वयं सेवी संस्थाओं के संयुक्त तत्वाधान में ग्रीष्मकालीन राज्य स्तरीय मासिक समर कैंप का आयोजन महासमुंद में किया गया। पूरे एक माह तक लगातार जारी रहने के बाद इस समर कैम्प के समापन अवसर पर समाज सेवी डॉ. एकता लंगेह ने प्रशिक्षित बच्चों को प्रमाण पत्र व मोमेंटो देकर सम्मानित किया।
इस अवसर पर डॉ. एकता ने बच्चों को अपनी रचनात्मक प्रतिभा को निखारने व अपनी योग्यता के बल पर खुद की पहचान की प्रेरणा दी। उन्होंने कहा कि सभी बच्चे मोबाइल व नशापान जैसी अन्य बुराइयों से दूर रहें। मासिक समर कैंप के प्रशिक्षित बच्चों ने कलेक्टर श्री विनय कुमार लंगेह से उनके कार्यालय में मुलाक़ात कर उनसे आशीर्वाद लिया। कलेक्टर से मिलकर बच्चों ने खुशी जाहिर की। कलेक्टर ने सभी बच्चों को बधाई देते हुए अपने समर कैंप में सीखे अनुभवों को साझा करने कहा और बच्चों को रचनात्मक और बेहतर भविष्य के लिए शुभकामनाएं दी।
समर कैंप में उत्कृष्ट प्रदर्शन हेतु मास्टर ट्रेनर अजय शर्मा, अनिस शर्मा, रोशनी सलाम ,सौम्या साहू रोशन सिंह रूप , साधना ठाकुर को पुरस्कृत किया गया। कैंप के सफल समय संचालन हेतु समाजसेवी रोशाना डेविड, प्रतिभा गिरी को सम्मानित किया गया।
समर कैंप की सफलता में तारिणी चंद्राकर, विपिन मोहंती, शबनम धनवानी, चंचल कौशिक, उत्तरा विदानी, नूरेन चंद्राकर, तुषार कुमार चंद्राकर एवं समर कैंप आयोजक आस्था वेलफेयर एजुकेशन सोसाइटी और साया फाउंडेशन के सदस्यों ने शुभकामनाएं व बधाई दी हैं।
बच्चों की मुस्कान ही हमारी सबसे बड़ी प्रेरणा है : श्रीमती राजवाड़े
रायपुर /शौर्यपथ /महिला एवं बाल विकास मंत्री श्रीमती लक्ष्मी राजवाड़े ने बिलासपुर में स्थित गैर शासकीय संस्था सेवा भारतीय मातृ छाया शिशु गृह (विशेष दत्तक ग्रहण एजेंसी) का निरीक्षण किया। इस दौरान उन्होंने शिशु गृह में निवासरत बच्चों से आत्मीयता से मुलाकात की, उनका हालचाल जाना और संस्था द्वारा प्रदान की जा रही देखभाल सुविधाओं की जानकारी ली।
मंत्री श्रीमती राजवाड़े ने बच्चों के साथ समय बिताया और कहा, इन मासूम चेहरों की मुस्कान ही हमारी सबसे बड़ी प्रेरणा है। ये बच्चे हम सबकी सामूहिक जिम्मेदारी हैं, और उनके सुरक्षित, स्वस्थ एवं उज्ज्वल भविष्य के लिए राज्य सरकार पूर्णतः प्रतिबद्ध है।
निरीक्षण के दौरान उन्होंने संस्था द्वारा बच्चों के संरक्षण, पोषण, स्वास्थ्य देखभाल, शिक्षा और पुनर्वास की दिशा में किए जा रहे कार्यों की सराहना की। उन्होंने कहा कि दत्तक ग्रहण योग्य बच्चों के लिए कार्यरत ऐसी संस्थाएं समाज में सकारात्मक बदलाव की आधारशिला हैं।
सेवा भारतीय मातृ छाया शिशु गृह, एक मान्यता प्राप्त विशेष दत्तक ग्रहण एजेंसी है, जो परित्यक्त, अनाथ और असहाय बच्चों को आश्रय, देखभाल और सुरक्षित गोदन प्रक्रिया के माध्यम से नया परिवार प्रदान करती है। संस्था में बच्चों की उम्र के अनुसार पोषण, शिक्षा और स्वास्थ्य से जुड़ी सुविधाएं मुहैया कराई जाती हैं।
मंत्री श्रीमती राजवाड़े ने अधिकारियों को निर्देशित किया कि ऐसी संस्थाओं को समय-समय पर तकनीकी और प्रशासनिक सहयोग प्रदान किया जाए ताकि बच्चों को बेहतर जीवनशैली मिल सके। उन्होंने यह भी कहा कि दत्तक ग्रहण प्रक्रिया को पारदर्शी, संवेदनशील और सरल बनाने के लिए राज्य सरकार लगातार प्रयासरत है।
निरीक्षण के दौरान महिला एवं बाल विकास विभाग के जिला स्तरीय अधिकारी, बाल संरक्षण इकाई के सदस्य एवं संस्था की संचालिका सहित कई गणमान्य उपस्थित थे। सभी ने मंत्री को संस्था की कार्यप्रणाली एवं वर्तमान स्थिति से अवगत कराया।
धान के बदले मूंगफली की फसल से जशपुर के किसान कमा रहे ज्यादा मुनाफा
रायपुर/शौर्यपथ /जशपुर जिले के किसान अब ग्रीष्मकालीन फसलों की ओर रुख कर खेती से अतिरिक्त आमदनी प्राप्त कर रहे हैं और इससे उनका जीवन स्तर भी बेहतर हो रहा है। मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय के नेतृत्व में छत्तीसगढ़ शासन द्वारा संचालित योजनाओं का लाभ दूरस्थ अंचल में निवासरत किसानों तक पहुंचाया जा रहा है।
इसी क्रम में राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा मिशन (तिलहन) योजना के अंतर्गत जशपुर जिले के बगीचा विकासखण्ड के ग्राम दुर्गापारा निवासी किसान श्री गुरुनारायण को धान की पारंपरिक खेती के स्थान पर ग्रीष्मकालीन मूंगफली की फसल लेने के लिए प्रोत्साहित किया गया। कृषि विभाग द्वारा उन्हें निःशुल्क 20 किलोग्राम मूंगफली बीज प्रदान किया गया।
किसान गुरुनारायण ने बताया कि उनके पास कुल 3.303 हेक्टेयर भूमि है, जिसमें वे पूर्व में खरीफ एवं रबी दोनों ही सीजन में धान की खेती करते थे। उन्होंने बताया कि धान की खेती में पानी की अधिक खपत होती थी और उत्पादन भी संतोषजनक नहीं मिल पाता था, जिससे लागत अधिक और मुनाफा सीमित रह जाता था।
गुरुनारायण ने क्षेत्र के ग्रामीण कृषि विस्तार अधिकारी श्री रवि रोशन टोप्पो से संपर्क कर सलाह ली और धान के बजाय मूंगफली की खेती अपनाने का निर्णय लिया। उन्होंने 0.200 हेक्टेयर में मूंगफली की फसल लगाई। विभाग द्वारा उन्हें बीज के साथ-साथ सूक्ष्म पोषक तत्व, खाद, दवाइयां और तकनीकी मार्गदर्शन भी प्रदान किया गया।
किसान ने बताया कि नियमित निगरानी और समय-समय पर प्राप्त सलाह के कारण उनकी फसल बहुत अच्छी स्थिति में है। उन्होंने यह भी कहा कि बाजार में वर्तमान मूंगफली का मूल्य अच्छा होने से इस फसल से उन्हें बेहतर आमदनी की उम्मीद है।
इस पहल से यह स्पष्ट होता है कि योजनाबद्ध प्रयासों, सही मार्गदर्शन और वैज्ञानिक कृषि पद्धतियों को अपनाकर किसान गर्मी के मौसम में भी खेती से मुनाफा कमा सकते हैं और परंपरागत खेती के दायरे से बाहर निकलकर नवाचार की दिशा में आगे बढ़ सकते हैं।
भिलाई/शौर्यपथ / नगर निगम भिलाई द्वारा आबंटित दुकानों का सालो से किराया बकाया है। साड़ा कार्यकाल के समय से आबंटित दुकानों में आज भी पुरानी दर पर ही किराया लिया जा रहा है। भिलाई निगम आयुक्त राजीव कुमार पाण्डेय राजस्व विभाग के राजस्व अधिकारी एवं संबंधित योजनाओं के कर्मचारियों को बुलाकर फाईलों का अवलोकन किया। इसके बाद ऐसे बकायादारों को 15 दिन का नोटिस जारी कर वसूली करने का निर्देश दिया है। जो भी किराया नहीं पटाता उनके खिलाफ कार्रवाई की जाएगी।
विशेष क्षेत्र प्राधिकरण साडा द्वारा प्रमुख स्थलों पर दुकान, चबूतरा निर्माण करके उस समय के आवश्यकता के अनुसार आबंटन प्रक्रिया का पालन करते हुए दुकानें आबंटित की गई थी। यह दुकानें आकाश गंगा व्यावसायिक परिसर, सुपेला स्कूल के पास, चंद्रा मोर्या टाकिज के सामने सिरसा रोड, कोहका चौंक, नेहरू नगर, पावर हाउस सब्जी मंडी, उत्तर गंगोत्री, आकाशगंगा थोक
सब्जी मंडी में लगभग 1000 से अधिक दुकानों एवं चबूतरो का निर्माण किया गया था। इसमें से प्रमुख रूप से आकाश गंगा प्रेस काम्पलेक्स, व्यवसायिक परिसर, नगर निगम आफिस के समीप स्थित दुकानें उनमें से वर्तमान में इंडियन बैंक भी संचालित हो रहा है। दुकान आवंटन करने का उददेश्य था कि उस समय के बेरोजगार लोगों को रोजगार प्रदान करने हेतु स्थान उपलब्ध कराना। जैसे-जैसे दुकानें निर्मित होती गई, उस समय के योजना के अनुसार दुकानें आबंटित की गई है। प्रत्येक दुकानें अच्छे जगहों पर बनाई गई है। सभी दुकानों का अनुबंध के अनुसार प्रतिमाह किराया निर्धारित किया गया था। जो उस समय के बाजार की उपलब्धता एवं पैसे के मूल्य के हिसाब से किराया तय किया गया था। 110,
300, 648 जो आज के वर्तमान परिपेक्ष्य में बहुत ही कम है। साथ में यह भी अनुबंध था कि प्रत्येक दुकान के किराये में 5 वर्ष बाद 10 प्रतिशत की वृद्वि करना था। कुछ दुकानदार ऐसे भी है, जो दुकान का किराया सन 1992 से जमा नहीं कर रहे हैं। कुछ लोग पुराने दर पर ही किराये की राशि अभी तक जमा कर रहे है। जब उनके द्वारा खरीदी-ब्रिकी या लीज नवीनीकरण करवाया जाता है, तब निगम के राजस्व विभाग द्वारा पूर्व राशि का गणना करके किराया लिया जा रहा है।
आयुक्त पाण्डेय द्वारा प्रत्येक योजना की फाईल के निर्धारित नियम एवं शर्तो को पढऩे के बाद उन्हे ज्ञात हुआ कि बरसों से दुकान का किराया लंबित है, इसका अंदेखी हो रहा था। उन्होने राजस्व अधिकारी एवं संबंधित कर्मचारियों को तुरंत निर्देशित किए कि सभी को तत्काल नोटिस जारी किया जाये। इससे निगम को बहुत क्षति हो रही है। निगम के टैक्स वसूलने वाली एजेंसी के ऊपर नाराजगी व्यक्त कर रहे थे, उसे अपना सॉफ्टवेयर अपडेट करने को आदेशित किये। अच्छे-अच्छे मार्केट क्षेत्रों में दुकान होने के बाद भी
किराया नहीं जमा किया जा रहा है। कुछ ऐसे भी व्यापारी हैं जो आवंटित दुकान को किराए में चला रहे हैं। जो नियम विरुद्ध है। व्यापारियों द्वारा आबंटित दुकान में व्यापार किया जा रहा है, लेकिन किराया नहीं जमा किया जा रहा है। ऐसे सभी लोगो को 15 दिवस के अंदर अपने सभी बकाया राशि को जमा कर
देवें अन्यथा निगम द्वारा उनके उपर कार्यवाही करेगा। निगम के वेबसाईड में सभी बकायादारों की लिस्ट नाम एवं बकाया राशि जानकारी डाली जा रही है।
यातायात जागरूकता हेतु आज बांटा जायेगा हेलमेट और किया जायेगा पौधों का विरतण
भिलाई/शौर्यपथ / भिलाई ट्रक ट्रेलर ट्रांसपोर्टर्स एसोसिएशन के मुख्य कार्यालय खुर्सीपार गेट में एसोसिएशन की तरफ से एक हजार ड्रायवर, हेल्पर व सुपरवाईजर को ओरिएन्टल इंश्योरेंस कंपनी के द्वारा जीवन सुरक्षा बीमा
पॉलिसी का सर्टिफिकेट प्रदान किया जायेगा। साथ ही यातायात जागरूता हेतु हेलमेंट वितरण,हेल्थ चेकप कैम्प एवं पर्यावरण संरक्षण हेतु पौधों का वितरण किया जायेगा। उक्त जानकारी भिलाई ट्रक ट्रेलर ट्रांस्पोटर्स एसोसिएशन के अध्यक्ष इन्द्रजीत सिंह ने दी।
इन्द्रजीत सिंह ने आगे बताया कि कार्यक्रम के मुख्य अतिथि यूबीएस चौहान संयुक्त परिवहन आयुक्त छग सरकार, कार्यक्रम के विशेष अतिथि एएसपी शहर सुखनंदन राठौर, सुश्री रिचा मिश्रा एडिशनल एसपी ट्राफिक, अंजय शुक्ला अध्यक्ष छग सीमेंट ट्रांस्पोर्ट वेलफेयर एसोसिएशन होंगे। भिलाई ट्रक ट्रेलर ट्रांस्पोटर्स एसोसिएशन के अध्यक्ष इन्द्रजीत सिंह ने इस कार्यकम को सफल बनाने और गरिमामय बनाने की अपील की है और कहा है कि कार्यक्रम में सभी लोग बढचढ कर हिस्सा लेकर कार्यक्रम को सफल बनाये।
विश्व पर्यावरण दिवस पर एचटीसी कंपनी में किया गया पौधारोणण:-
भिलाई एचटीसी कंपनी के युवा डायरेक्टर इन्द्रजीत ङ्क्षसह, ट्रांस्र्पोटर मलकीत सिंह लल्लू, युवा ट्रांसर्पोटर्स सोम सिंह, युवा ट्रांस्र्पाेटर्स यश, योगाराव एवं अन्य ट्रांसपोर्टरों की मौजूदगी में विश्व पर्यावरण दिवस के अवसर पर एचटीसी कार्यालय ट्रांसपोर्ट नगर में पौधा रोपण का कार्यक्रम किया गया। इन्द्रजीत सिंह ने इस अवसर पर लोगों से अपील किया है कि अधिक से अधिक पेड़ सभी को लगाना चाहिए ताकि लोगों को शुद्ध हवा, हरियाली और छाया मिल पाये और उपयोगी पेड़ लगाना चाहिए जो फलदायी हो, छायादार हो और स्वास्थ्यवर्धक हो।
आईआईएम रायपुर में मंत्रियों ने सीखी सुशासन और नेतृत्व की बारीकियां
रायपुर/शौर्यपथ /मुख्यमंत्री विष्णु देव साय ने कहा है कि ‘चिंतन शिविर 2.0’ जैसे प्रशिक्षण सत्र शासन को नया दृष्टिकोण और नीतिनिर्माण प्रक्रिया को सशक्त बनाने का अवसर प्रदान करते हैं। उन्होंने कहा कि इस तरह के आयोजनों से मंत्रीगणों को सुशासन और परिवर्तनकारी नेतृत्व के महत्वपूर्ण गुर सीखने का अवसर मिलता है।
आईआईएम रायपुर में आयोजित दो दिवसीय चिंतन शिविर के प्रथम सत्र में मुख्यमंत्री विष्णु देव साय और राज्य के सभी मंत्रीगण शामिल हुए। इस सत्र में ‘परिवर्तनकारी नेतृत्व’, ‘दूरदर्शी शासन’, ‘संस्कृति’, ‘सुशासन’ और ‘राष्ट्र निर्माण’ जैसे विषयों पर गहन चर्चा हुई।
आईआईएम इंदौर के निदेशक प्रो. हिमांशु राय ने ‘परिवर्तनकारी नेतृत्व एवं दूरदर्शी शासन’ विषय पर अपने व्याख्यान में भगवद्गीता के श्लोकों के माध्यम से निष्काम कर्म और नैतिक प्रशासन पर प्रकाश डाला। उन्होंने कहा कि कार्य केवल फल की आशा से नहीं, बल्कि उसके सही होने के कारण किया जाना चाहिए।
भारतीय सांस्कृतिक संबंध परिषद के पूर्व अध्यक्ष डॉ. विनय सहस्त्रबुद्धे ने ‘संस्कृति, सुशासन और राष्ट्र निर्माण’ विषय पर अपने विचार रखते हुए कहा, “भारत की एकता केवल भौगोलिक नहीं, बल्कि सांस्कृतिक और आध्यात्मिक भी है। राष्ट्र निर्माण केवल नीतियों या संसाधनों से नहीं, बल्कि सांस्कृतिक चेतना और नैतिक मूल्यों से संभव है।” उन्होंने अंत्योदय के महत्व पर बल देते हुए समाज के अंतिम व्यक्ति के कल्याण को सुशासन की प्राथमिकता बताया।
मुख्यमंत्री विष्णु देव साय ने कहा कि चिंतन शिविर जैसे आयोजन शासन को नई दिशा और ऊर्जा देते हैं। उन्होंने दोनों विशेषज्ञ वक्ताओं के विचारों को अत्यंत प्रेरणादायक और नीति-निर्माण के लिए उपयोगी बताया।
इस अवसर पर मुख्यमंत्री के सचिव श्री राहुल भगत, सुशासन एवं अभिसरण विभाग के विशेष सचिव श्री रजत बंसल, भारतीय प्रबंध संस्थान रायपुर के निदेशक श्री राम काकाणी और सभी मंत्रीगण उपस्थित थे।
आईआईएम रायपुर में दो दिवसीय शिविर का आयोजन
रायपुर/शौर्यपथ /मुख्यमंत्री विष्णु देव साय एवं उनके मंत्रिमंडल के सदस्यों का दो दिवसीय चिंतन शिविर 2.0 आज आईआईएम रायपुर में प्रारंभ हो गया है। छत्तीसगढ़ शासन के सुशासन एवं अभिसरण विभाग द्वारा भारतीय प्रबंधन संस्थान, रायपुर (आईआईएम) के सहयोग से दो दिवसीय चिंतन शिविर 2.0 का आयोजन किया गया है।
कार्यक्रम के शुभारंभ के पश्चात आज ‘परिवर्तनकारी नेतृत्व और दूरदर्शी शासन’, संस्कृति, सुशासन और राष्ट्र निर्माण तथा सक्षमता से सततता तक: विकास के लिए सार्वजनिक वित्त पर पुनर्विचार जैसे महत्वपूर्ण विषयों पर सत्र का आयोजन किया जा रहा है। दो दिवसीय शिविर के दौरान भारतीय सांस्कृतिक संबंध परिषद के पूर्व अध्यक्ष डॉ. विनय सहस्रबुद्धे, प्रो. हिमांशु राय (डायरेक्टर आईआईएम इंदौर), डॉ. रविंद्र ढोलकिया (आईआईएम अहमदाबाद), संजीव सान्याल (प्रधानमंत्री आर्थिक सलाहकार परिषद सदस्य), पत्रकार एवं राजनीतिक विश्लेषक उदय माहुरकर, ग्लोबल डिजिटल स्वास्थ्य विशेषज्ञ डॉ. राजेंद्र प्रताप गुप्ता जैसे ख्यातिप्राप्त विशेषज्ञ विभिन्न सत्र को संबोधित करेंगे।
समीक्षा बैठक लेकर राजस्व अधिकारियों को दिए निर्देश
बालोद/शौर्यपथ /कलेक्टर श्रीमती दिव्या उमेश मिश्रा ने कहा कि राजस्व संबंधी कार्य आम जनता से सीधे जुड़े होने के कारण राजस्व प्रकरणों का समय-सीमा में निराकरण सुनिश्चित करना शासन के विशेष प्राथमिकता में शामिल है। उन्होंने शासन के मंशानुरूप जिले में राजस्व संबंधी सभी प्रकरणों का निराकरण निर्धारित समय-सीमा में सुनिश्चित करने के निर्देेश राजस्व अधिकारियों को दिए है। कलेक्टर श्रीमती मिश्रा आज संयुक्त जिला कार्यालय सभाकक्ष मे राजस्व अधिकारियों की बैठक लेकर राजस्व विभाग के कार्यों की विस्तृत समीक्षा की। बैठक में अपर कलेक्टर श्री चंद्रकांत कौशिक, श्री नूतन कंवर एवं श्री अजय किशोर लकरा सहित जिले के सभी राजस्व अनुविभागीय अधिकारियों के अलावा तहसीलदार, नायब तहसीलदार एवं अन्य अधिकारीगण उपस्थित थे।
बैठक में कलेक्टर श्रीमती मिश्रा ने सीमांकन, बंटवारा, खाता विभाजन आदि सभी राजस्व प्रकरणों के आॅनलाईन निराकरण के कार्य की समीक्षा करते हुए सभी लंबित प्रकरणों का शीघ्र निराकरण सुनिश्चित करने को कहा। बैठक में उन्होंने डिजिटल क्राॅफ्ट सर्वे कार्य की भी समीक्षा की। उन्होंने डिजिटल क्राॅफ्ट सर्वे कार्य के लिए नोडल अधिकारियों के अलावा मास्टर ट्रेनर्स की नियुक्ति कर इस कार्य को विशेष प्राथमिकता के साथ पूरा करने को कहा। इसके अलावा उन्होंने जियो रिफ्रेंसिंग, भूमि अधिग्रहण संबंधी कार्य के अलावा राजस्व अभिलेख अद्यतीकरण, नक्शा बटांकन, डिजिटिल सिग्नेचर के कार्य आदि की भी समीक्षा की। इस दौरान उन्होंने अविवादित, विवादित प्रकरणों की आॅनलाईन निराकरण, सीमांकन प्रकरणों में लंबित आॅनलाईन जानकारी तथा अपील प्रकरणों की आॅनलाईन जानकारी की भी समीक्षा की। कलेक्टर ने राजस्व अधिकारियों को इन सभी प्रकरणों का शीघ्र निराकरण सुनिश्चित करने के निर्देश दिए। बैठक में कलेक्टर ने भूअर्जन प्रकरण तथा मुआवजा विवरण की जानकारी एवं सेवा शुल्क के अलावा ई-कोर्ट में दर्ज लंबित प्रकरणों के निराकरण की स्थिति की भी समीक्षा की। इसके अलावा उन्होंने ई-नामांतरण पंजी की संख्यात्मक जानकारी, पंचायत वसूली प्रकरणों में वसूली, भू-राजस्व वसूली के अलावा आरबीसी 6-4 के अंतर्गत स्वीकृति प्रकरण एवं मुआवजा वितरण के संबंध में भी जानकारी ली। कलेक्टर श्रीमती मिश्रा ने सभी राजस्व अधिकारियों को नियमित रूप से फील्ड विजिट करने तथा आम जनता के साथ मधुर एवं स्नेहिल व्यवहार रखते हुए राजस्व संबंधी समस्याओं का निर्धारित समयावधि में निराकरण सुनिश्चित करने के निर्देश दिए।
- त्रिनेत्र योजना देश की पहली बेहतरीन एवं अद्भुत योजना
- कलेक्टर एवं पुलिस अधीक्षक ने नागरिकों से त्रिनेत्र योजना में सहयोग करने के लिए किया आह्वान
- शहर में चोरी, अपराध सहित अन्य अपराधिक गतिविधियों पर अंकुश लगाने के लिए जनसहभागिता से सीसीटीवी कैमरा लगाने की पहल
- प्रथम चरण में एक जुलाई तक त्रिनेत्र योजना अंतर्गत सीसीटीवी कैमरा एवं सर्वर जोड़कर प्रारंभ किया जाएगा
राजनांदगांव/शौर्यपथ / कलेक्टर डॉ. सर्वेश्वर नरेन्द्र भुरे एवं पुलिस अधीक्षक श्री मोहित गर्ग ने आज जिला कार्यालय के कलेक्टर कक्ष में त्रिनेत्र योजना के संबंध में संयुक्त बैठक ली। शहर की सुरक्षा के दृष्टिगत जिले में जिला प्रशासन एवं पुलिस प्रशासन द्वारा जनसहभागिता से जनप्रतिनिधि, चेम्बर ऑफ कामर्स, समाज प्रमुख, संगठन, व्यापारी संघ, समाज सेवी, गणमान्य नागरिकों द्वारा प्रोजेक्ट त्रिनेत्र अंतर्गत सीसीटीवी कैमरा लगाने की अनोखी पहल की गई है। कलेक्टर डॉ. सर्वेश्वर नरेन्द्र भुरे एवं पुलिस अधीक्षक मोहित गर्ग ने सभी राईस मिलर्स, स्कूल-कालेज, उद्योगपति, हॉस्पिटल, बिल्डिर्स, होटल, बैंकर्स एवं नागरिकों से त्रिनेत्र योजना में सहयोग देने के लिए आह्वान किया है। कलेक्टर ने कहा कि एक जुलाई तक प्रथम चरण में त्रिनेत्र योजना अंतर्गत सीसीटीवी कैमरा एवं सर्वर जोड़कर प्रारंभ कर दिया जाएगा। इसमें सहयोग करने वाली संस्थाएं सामग्री की गुणवत्ता की जानकारी कंट्रोल रूम आकर देख सकते हैं।
उल्लेखनीय है कि त्रिनेत्र योजना देश की पहली बेहतरीन योजना है, जिससे शहर में चोरी, अपराध सहित अन्य अपराधिक गतिविधियों पर अंकुश लगाने के लिए जनसहभागिता से सीसीटीवी कैमरा लगाने की पहल की गई है। इस योजना अंतर्गत नागरिकों ने लगभग सवा करोड़ रूपए का सहयोग दिया है। जिससे शहर में अभी तक लगभग 70 हजार मीटर आरमंड आप्टिक ऑफ्टिक फाईबर एवं पोल लगाकर बिछा दिया गया है। प्रथम चरण में सेफ्टी बाक्स एवं कैमरा लगाने का कार्य शुरू हो चुका है। त्रिनेत्र योजना अपराधियों पर शिकंजा कसने एवं असमाजिक तत्वों पर नजर बनाए रखने के लिए कारगर कदम है। इस अवसर पर अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक राहुल देव शर्मा, नगर निगम आयुक्त श्री अतुल विश्वकर्मा, पुलिस सायबर टीम से अभिषेक साहू, द्वारिका प्रसाद, कोषाध्यक्ष त्रिनेत्र अशोक मोदी, टेक्निशियन श्री सृष्टिपाल सिंह भाटिया एवं अन्य अधिकारी उपस्थित रहे।
- कलेक्टर ने राजस्व शिविर में आमजनों की सुनी समस्याएं, प्रकरणों का संवेदनशीलतापूर्वक निराकरण करने के दिए निर्देश
- शिविर में 15 किसानों को किसान किताब का किया गया वितरण
- त्रुटि सुधार के 25 मामलों का हुआ त्वरित निराकरण
राजनांदगांव/शौर्यपथ /जनसामान्य की समस्याओं का निराकरण करने तथा उन्हें तत्काल सुविधा उपलब्ध कराने के लिए जिला प्रशासन द्वारा जिले के सभी तहसील कार्यालय में राजस्व शिविर का आयोजन किया जा रहा है। जिससे नागरिकों को राजस्व से संबंधित समस्याओं के लिए परेशान न पड़े और उनके कार्य तत्काल सुगमतापूर्वक शीघ्र पूरा हो सके। इसी कड़ी में कलेक्टर डॉ. सर्वेश्वर नरेन्द्र भुरे ने डोंगरगांव तहसील कार्यालय में आयोजित राजस्व शिविर का औचक निरीक्षण किया। कलेक्टर ने नागरिकों की समस्याओं को सुनकर राजस्व अधिकारियों को प्रकरणों का समय सीमा में निराकरण के निर्देश दिए। उन्होंने कहा कि जनमानस के राजस्व संबंधी समस्याओं का समाधान संवेदनशीलतापूर्वक एवं तत्परता से करें।
राजस्व शिविर में कुल 329 आवेदन प्राप्त हुए। जिसमें से नामांतरण के 47, बटवारा के 26, सीमांकन के 21, बटांकन के 45, त्रुटि सुधार के 48, आय-जाति-निवास प्रमाण पत्र के 54, अतिक्रमण के 14, पट्टा के 12, किसान किताब के 29, अन्य 33 आवेदन प्राप्त हुए। जिसमें से मौके पर ही 75 आवेदन पर त्वरित कार्रवाई कर निराकृत किया गया। शिविर में 15 किसानों को नि:शुल्क किसान किताब वितरित किया गया। शिविर में राजस्व अमला एक ही स्थान पर उपलब्ध होने पर जनसामान्य के राजस्व संबंधी प्रकरणों का त्वरित निराकरण हुआ एवं मामले को समझाना भी आसान हो गया। शिविर में नगर पंचायत अध्यक्ष श्रीमती अंजू त्रिपाठी, जनपद पंचायत अध्यक्ष श्रीमती रंजिता, जनपद पंचायत उपाध्यक्ष श्री मनीष साहू, श्री राम कुमार गुप्ता, एसडीएम डोंगरगांव श्री श्रीकांत कोर्राम सहित जनपद सदस्य, पार्षद, तहसीलदार, नायब तहसीलदार, राजस्व निरीक्षक, पटवारी उपस्थित थे।
युक्तियुक्तकरण से दूरदराज़ के स्कूलों में पहुंचे शिक्षक, ग्रामीणों ने जताया आभार
रायपुर/शौर्यपथ /छत्तीसगढ़ सरकार द्वारा स्कूली शिक्षा को बेहतर बनाने के लिए शुरू की गई युक्तियुक्तकरण प्रक्रिया का असर अब वनांचल के गांवों में साफ़ दिखाई देने लगा है। मनेन्द्रगढ़-चिरमिरी-भरतपुर जिले के दूरस्थ और पहुंचविहीन गांवों में वर्षों से शिक्षक की कमी से जूझते स्कूलों को अब राहत मिली है। लंबे समय से शिक्षक की मांग कर रहे ग्रामीणों के चेहरों पर खुशी झलक रही है।
हाईस्कूल बड़गांवखुर्द को मिले दो व्याख्याता
गुरु घासीदास राष्ट्रीय उद्यान क्षेत्र में स्थित हाईस्कूल बड़गांवखुर्द में पहले कोई भी स्थायी शिक्षक नहीं था। केवल एक अतिथि शिक्षक के सहारे स्कूल चल रहा था। लेकिन युक्तियुक्तकरण के तहत अब हिन्दी और गणित के दो व्याख्याताओं की पदस्थापना की गई है। इससे ग्रामीणों में खुशी की लहर दौड़ गई है। अब बच्चों को विषय विशेषज्ञों से पढ़ने का मौका मिलेगा, जिससे पढ़ाई का स्तर बेहतर होगा।
ढाब गांव में शिक्षा को मिला नया सहारा
विकासखंड भरतपुर के ग्राम ढाब की प्राथमिक शाला में वर्षों से सिर्फ एक शिक्षक कार्यरत थे। इससे बच्चों की पढ़ाई प्रभावित हो रही थी। अब यहां एक सहायक शिक्षक की नियुक्ति हुई है। गांव के सरपंच और अभिभावकों ने इस निर्णय का स्वागत करते हुए कहा कि इससे शिक्षा का माहौल सुधरेगा और बच्चों की पढ़ाई सही ढंग से हो सकेगी।
खोखनिया गांव में पूरी हुई वर्षों की मांग
गुरु घासीदास राष्ट्रीय उद्यान के भीतर बसे खोखनिया गांव की प्राथमिक और माध्यमिक शालाओं में लंबे समय से शिक्षक नहीं थे। यहां 87 बच्चे दर्ज हैं, लेकिन शिक्षक कम थे। अब युक्तियुक्तकरण के बाद प्राथमिक शाला में एक और माध्यमिक शाला में दो शिक्षक नियुक्त किए गए हैं। इससे गांववालों को बड़ी राहत मिली है।
देवशील में शिक्षकों की पदस्थापना से जागी नई उम्मीद
ऐसे ही एक अन्य पहुंचविहीन गांव देवशील की प्राथमिक शाला में 57 बच्चे पढ़ते हैं, लेकिन स्कूल में केवल एक शिक्षक कार्यरत थे। अब एक और शिक्षक की नियुक्ति से यहां शिक्षा को नई गति मिलेगी। ग्रामीणों ने शिक्षक की नियुक्ति पर प्रसन्नता जताई है।
मुख्यमंत्री विष्णु देव साय का कहना है कि हमारी सरकार की प्राथमिकता है, कि शिक्षा की पहुंच अंतिम गांव तक हो। युक्तियुक्तकरण की प्रक्रिया के माध्यम से हमने उन स्कूलों में शिक्षक भेजे हैं, जहां सबसे ज़्यादा ज़रूरत थी । बच्चों को अच्छी पढ़ाई का अवसर मिले, यह हमारा संकल्प है। ग्रामीणों की प्रतिक्रिया से यह स्पष्ट है कि हम सही दिशा में बढ़ रहे हैं।
रायपुर/शौर्यपथ /मुख्यमंत्री विष्णु देव साय आज राजधानी रायपुर स्थित पंडित दीनदयाल उपाध्याय ऑडिटोरियम में छत्तीसगढ़ स्टेट बेवरेजेस कॉर्पोरेशन के नव नियुक्त अध्यक्ष श्रीनिवास मद्दी के पदभार ग्रहण एवं अभिनंदन समारोह में मुख्य अतिथि के रूप में शामिल हुए। इस अवसर पर उन्होंने श्री मद्दी को नई जिम्मेदारी के लिए हार्दिक शुभकामनाएं दीं।
मुख्यमंत्री साय ने कार्यक्रम को संबोधित करते हुए कहा कि मद्दी सामाजिक रूप से लंबे समय से सक्रिय हैं और उनके पास विभिन्न पदों पर कार्य करने का गहरा अनुभव है। मुझे विश्वास है कि उनका यह अनुभव स्टेट बेवरेजेस कॉर्पोरेशन के कार्यों को सुदृढ़ करने में उपयोगी सिद्ध होगा। श्री साय ने कहा कि हमारी सरकार अनेक नवाचारों के माध्यम से शासकीय कार्यों में पारदर्शिता ला रही है।
मुख्यमंत्री साय ने कहा कि बस्तर में शांति स्थापना और विकास के लिए हमारी सरकार पूरी प्रतिबद्धता के साथ कार्य कर रही है। नक्सल उन्मूलन के साथ-साथ हम बस्तर में अधोसंरचना और पर्यटन विकास के कार्यों को गति दे रहे हैं, ताकि स्थानीय लोगों को स्वरोजगार के नए अवसर प्राप्त हो सकें। हमने हाल ही में दुधारू पशु योजना के माध्यम से आदिवासी परिवार को दो अच्छी नस्ल की गाय प्रदान करने की शुरुआत की है, जिससे प्रदेश में दूध का उत्पादन बढ़ेगा और किसानों और पशुपालकों की आय में वृद्धि होगी।
मुख्यमंत्री साय ने अपने दिल्ली प्रवास के दौरान प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी एवं केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह से हुई मुलाकात में प्रदेश के विकास को लेकर हुई महत्वपूर्ण चर्चाओं का जिक्र किया। उन्होंने बताया कि प्रधानमंत्री से बस्तर में सिंचाई परियोजनाओं और इंद्रावती एवं महानदी को जोड़ने की महत्वाकांक्षी पहल के बारे में सार्थक चर्चा हुई। उन्होंने कहा कि बस्तर के विकास के साथ-साथ यह विकसित छत्तीसगढ़ के निर्माण में एक निर्णायक कदम सिद्ध होगा।
विधानसभा अध्यक्ष डॉ. रमन सिंह ने कहा कि श्रीनिवास के सामाजिक जीवन के लंबे अनुभव का लाभ निश्चित ही बेवरेजेस कॉर्पोरेशन को मिलेगा। उन्हें पहले भी वन विकास निगम के अध्यक्ष के रूप में कार्य करने का मौका मिला था और उन्होंने बेहतर ढंग से दायित्व का निर्वहन किया। इस अवसर पर नई जिम्मेदारियों के लिए उन्होंने मद्दी को बधाई एवं शुभकामनाएं दीं। इस अवसर पर जगदलपुर विधायक श्री किरण देव ने भी संबोधित किया एवं शुभकामनाएं दीं।
कार्यक्रम में वन मंत्री केदार कश्यप, स्वास्थ्य मंत्री श्याम बिहारी जायसवाल, राजस्व मंत्री टंकराम वर्मा, सांसद श्रीमती रूपकुमारी चौधरी, सांसद महेश कश्यप, सांसद भोजराज नाग, विधायक राजेश मूणत, विधायक मोतीलाल साहू, विधायक आशाराम नेताम, विधायक चैतराम अटामी, विधायक विनायक गोयल, विधायक धरमलाल कौशिक, विभिन्न निगम-मंडलों के अध्यक्ष, छत्तीसगढ़ स्टेट बेवरेजेस कॉर्पोरेशन के प्रबंध संचालक श्याम धावड़े, आबकारी विभाग के अधिकारी-कर्मचारीगण एवं बड़ी संख्या में गणमान्य नागरिक सहित जनप्रतिनिधि उपस्थित थे।
दोनों परियोजनाओं से लगभग 7 लाख हेक्टेयर भूमि में हो सकेगी सिंचाई
बस्तर के चहुमुखी विकास के लिए अहम् साबित होगी परियोजना
रायपुर/शौर्यपथ /मुख्यमंत्री विष्णु देव साय ने प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी से बहुउद्देशीय बोधघाट बांध परियोजना और इंद्रावती-महानदी इंटरलिंकिंग परियोजना के राष्ट्रीय परियोजना के रूप में निर्माण के संबंध में विस्तार से चर्चा की है ।
उन्होंने कहा कि बस्तर संभाग लंबे समय से नक्सल प्रभावित रहा है, इसी वजह से संभाग सिंचाई साधनों के विकास में पिछड़ गया है, संभाग में सिंचाई साधनों की समस्या को दूर करने और चहुमुखी विकास को बढ़ावा देने के लिए छत्तीसगढ़ सरकार बहुउद्देशीय बोधघाट बांध परियोजना और इंद्रावती-महानदी लिंक परियोजना पर काम कर रही है।
मुख्यमंत्री ने कहा है कि बस्तर क्षेत्र के चहुमुखी विकास के लिए बोधघाट बहुउद्देशीय बांध परियोजना निर्णायक परियोजना साबित होगी। यह परियोजना, लंबे समय से इन्द्रावती नदी पर प्रस्तावित है। इंद्रावती, गोदावरी नदी की बड़ी सहायक नदी है। गोदावरी जल विवाद अभिकरण के वर्ष 1980 के अवॉर्ड में भी अन्य योजनाओं के साथ इस परियोजना का उल्लेख है। इस अवॉर्ड में उल्लेखित अन्य परियोजनाओं का क्रियान्वयन दूसरे राज्यों द्वारा किया जा चुका है परंतु दूरस्थ अंचल में होने एवं नक्सल समस्या के कारण इस परियोजना को प्रारंभ नहीं किया जा सका।
बस्तर के विकास की रफ्तार होगी डबल
बहुउद्देशीय बोधघाट बांध परियोजना से संभाग में सिंचाई साधनों का दायरा बढ़ने के साथ ही बस्तर के विकास को डबल रफ्तार मिलेगी। इस परियोजना से 125 मेगावाट का विद्युत् उत्पादन, 4824 टन वार्षिक मत्स्य उत्पादन जैसे अतिरिक्त रोजगार, खरीफ एवं रबी मिलाकर 3,78,475 हेक्टेयर में सिंचाई विस्तार एवं 49 मि.घ.मी पेयजल की उपलब्धता सुनिश्चित हो सकेगा। वही इंद्रावती- महानदी इंटरलिंकिंग परियोजना से कांकेर जिले की भी 50,000 हेक्टेयर भूमि में सिंचाई सहित कुल 3,00,000 हेक्टेयर से अधिक भूमि में सिंचाई सुविधा उपलब्ध हो सकेगी। बस्तर को विकसित और आत्मनिर्भर बनाने की दिशा में दोनों परियोजना एक महत्वपूर्ण कदम होगा।
क्या है बहुउद्देशीय बोधघाट बांध परियोजना ?
बहुउद्देशीय बोधघाट बांध परियोजना, गोदावरी नदी की बड़ी सहायक इन्द्रावती नदी पर प्रस्तावित है। राज्य में इन्द्रावती नदी कुल 264 कि. मी. में प्रवाहित होती है। यह परियोजना दंतेवाड़ा जिले के विकासखंड एवं तहसील गीदम के ग्राम बारसूर से लगभग 8 कि.मी. एवं जगदलपुर शहर से लगभग 100 कि. मी. दूरी पर प्रस्तावित है।
परियोजना की विशेषताएं
दोनों परियोजनाओं की अनुमानित लागत 49000 करोड़ रूपए है। जिसमें इंद्रावती-महानदी लिंक परियोजना की लागत लगभग 20 हजार करोड़ रूपए एवं बहुउद्देशीय बोधघाट बांध परियोजना में लगभग 29 हजार करोड़ रुपए की लागत संभावित है। जिसमें हाइड्रोपावर इलेक्ट्रोमैकेनिकल कार्य, सिविल कार्य (सिंचाई) भी शामिल हैं। इस परियोजना में उपयोगी जल भराव क्षमता 2009 मि.घ.मी, कुल जल भराव क्षमता 2727 मि.घ.मी, पूर्ण जल भराव स्तर पर सतह का क्षेत्रफल 10440 हेक्टेयर सम्भावित है।
इन जिलों का होगा लाभ
बहुउद्देशीय बोधघाट बांध परियोजना से दंतेवाड़ा, बीजापुर, सुकमा जिले के 269 गांवों को बड़ा लाभ होगा। जबकि इंद्रावती-महानदी इंटरलिंकिंग परियोजना से कांकेर जिले के अनेकों गांवों में सिंचाई सुविधा का विस्तार हो सकेगा। बस्तर संभाग को विकसित, आत्मनिर्भर और सक्षम बनाने की दिशा में दोनों परियोजना एक महत्वपूर्ण कदम होगा।