June 18, 2025
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धर्म संसार / शौर्यपथ / प्रभु यीशु के जन्म की ख़ुशी में मनाया जाने वाला क्रिसमस का त्योहार पूरी दुनिया में मनाया जाता है। यह त्योहार कई मायनों में बेहद खास है। क्रिसमस को बड़ा दिन, सेंट स्टीफेंस डे या फीस्ट ऑफ़ सेंट स्टीफेंस भी कहा जाता है। प्रभु यीशु ने दुनिया को प्यार और इंसानियत की शिक्षा दी। उन्होंने लोगों को प्रेम और भाईचारे के साथ रहने का संदेश दिया। प्रभु यीशु को ईश्वर का इकलौता प्यारा पुत्र माना जाता है। इस त्योहार से कई रोचक तथ्य जुड़े हैं। आइए जानते हैं इनके बारे में।
क्रिसमस ऐसा त्योहार है जिसे हर धर्म के लोग उत्साह से मनाते हैं। यह एकमात्र ऐसा त्योहार है जिस दिन लगभग पूरे विश्व में अवकाश रहता है। 25 दिसंबर को मनाया जाने वाला यह त्योहार आर्मीनियाई अपोस्टोलिक चर्च में 6 जनवरी को मनाया जाता है। कई देशों में क्रिसमस का अगला दिन 26 दिसंबर बॉक्सिंग डे के रूप मे मनाया जाता है। क्रिसमस पर सांता क्लॉज़ को लेकर मान्यता है कि चौथी शताब्दी में संत निकोलस जो तुर्की के मीरा नामक शहर के बिशप थे, वही सांता थे। वह गरीबों की हमेशा मदद करते थे उनको उपहार देते थे। क्रिसमस के तीन पारंपरिक रंग हैं हरा, लाल और सुनहरा। हरा रंग जीवन का प्रतीक है, जबकि लाल रंग ईसा मसीह के रक्त और सुनहरा रंग रोशनी का प्रतीक है। क्रिसमस की रात को जादुई रात कहा जाता है। माना जाता है कि इस रात सच्चे दिल वाले लोग जानवरों की बोली को समझ सकते हैं। क्रिसमस पर घर के आंगन में क्रिसमस ट्री लगाया जाता है। क्रिसमस ट्री को दक्षिण पूर्व दिशा में लगाना शुभ माना जाता है। फेंगशुई के मुताबिक ऐसा करने से घर में सुख समृद्धि आती है। पोलैंड में मकड़ी के जालों से क्रिसमस ट्री को सजाने की परंपरा है। मान्यता है कि मकड़ी ने सबसे पहले जीसस के लिए कंबल बुना था।

  रायपुर /शौर्यपथ /मुख्यमंत्री  विष्णु देव साय ने 11 जून को संत कबीर साहेब जी की जयंती पर प्रदेशवासियों को हार्दिक शुभकामनाएँ और बधाई दी है। उन्होंने कहा कि संत कबीर साहेब जी केवल एक महान आध्यात्मिक संत ही नहीं थे, बल्कि समाज सुधारक और युग-प्रवर्तक भी थे। अपने अमूल्य दोहों के माध्यम से उन्होंने समाज में एकता, प्रेम और सद्भाव का संदेश दिया।
मुख्यमंत्री ने कहा कि संत कबीर साहेब के विचारों ने न केवल भारतवर्ष, बल्कि पूरी दुनिया को प्रेरित किया है। सत्य, अहिंसा, दया, करुणा, परोपकार और सामाजिक समरसता का उनका संदेश आज भी उतना ही प्रासंगिक है। छत्तीसगढ़ की धरती पर भी उनके विचारों की अलख जगाए रखने का कार्य उनके अनुयायी लगातार कर रहे हैं। कबीरधाम से लेकर दामाखेड़ा तक उनके अनुयायियों द्वारा उनकी शिक्षाओं को आत्मसात कर समाज में सद्भाव और भाईचारे की भावना को मजबूत किया जा रहा है।
मुख्यमंत्री  साय ने कहा कि संत कबीर साहेब जी ने सदैव सामाजिक कुरीतियों और अंधविश्वासों पर प्रहार करते हुए मानवतावादी समाज के निर्माण की राह दिखाई है। मुख्यमंत्री ने प्रदेशवासियों से आह्वान किया कि हम सभी संत कबीर साहेब जी के विचारों को अपने जीवन में आत्मसात कर सामाजिक एकता और सद्भाव को और अधिक सशक्त बनाएं।


दुर्ग | शौर्यपथ |
   जहां आमतौर पर ट्रक यूनियनों की पहचान केवल हड़ताल और मांगों तक सीमित रहती है, वहीं भिलाई ट्रक ट्रेलर ट्रांसपोर्ट्स एसोसिएशन ने सामाजिक ज़िम्मेदारी की एक मिसाल कायम की है। यह प्रदेश की पहली यूनियन बन गई है जिसने ट्रांसपोर्ट क्षेत्र से जुड़े 1000 से अधिक ड्राइवरों, हेल्परों और सुपरवाइज़रों को ₹5 लाख तक की जीवन सुरक्षा बीमा योजना से लाभान्वित किया है।

समर्पण और सुरक्षा का संगम
  खुर्सीपार स्थित एसोसिएशन कार्यालय में आयोजित इस भव्य कार्यक्रम में न केवल बीमा पॉलिसी वितरित की गईं, बल्कि हेलमेट वितरण और पर्यावरण संरक्षण जैसे सराहनीय पहलुओं को भी जोड़ा गया।
1100 से अधिक ट्रांसपोर्ट कर्मियों को बीमा कवच, हेलमेट, और पौधे वितरित कर यूनियन ने मानवता, सुरक्षा और प्रकृति संरक्षण – तीनों की दिशा में एक साथ कदम बढ़ाया।

कार्यक्रम में विशिष्ट अतिथियों की गरिमामयी उपस्थिति
यू.बी.एस. चौहान – संयुक्त परिवहन आयुक्त (मुख्य अतिथि) ,एएसपी सुखनंदन राठौर, सीएसपी हरीश पाटिल, सीएसपी सत्यप्रकाश तिवारी सीमेंट संगठन अध्यक्ष अंजय शुक्ला, एसोसिएशन अध्यक्ष इंद्रजीत सिंह इन सभी अतिथियों का मंच पर सम्मान किया गया और उन्होंने इस आयोजन की सराहना करते हुए इसे पूरे प्रदेश के लिए अनुकरणीय बताया।

> "यह जनहित में एक ऐतिहासिक और प्रेरणादायक कदम है, जिससे अन्य संगठन भी सीख ले सकते हैं।" – यू.बी.एस. चौहान

संगठन की सोच: सिर्फ मांग नहीं, ज़िम्मेदारी भी

एसोसिएशन अध्यक्ष इंद्रजीत सिंह ने बताया कि > "हमारा लक्ष्य सिर्फ हक की बात करना नहीं, बल्कि अपने साथियों की ज़िंदगी को सुरक्षित बनाना है।"उन्होंने बताया कि सड़क हादसों में कई ड्राइवरों की जान चली जाती है और उनके परिवारों को कोई सहायता नहीं मिलती। यह बीमा योजना इसी दर्दनाक हकीकत से प्रेरित होकर शुरू की गई है।

प्रकृति से भी किया रिश्ता – हर हाथ में एक पौधा
  कार्यक्रम का समापन एक खास संदेश के साथ हुआ – हर ट्रांसपोर्ट कर्मी को एक पौधा भेंट किया गया, और उनसे आग्रह किया गया कि वे उसे लगाकर उसकी देखभाल करें। यह न केवल पर्यावरण जागरूकता की दिशा में कदम था, बल्कि यह दिखाता है कि यह संगठन अपने कर्मियों के साथ-साथ प्रकृति के प्रति भी उत्तरदायी है।
 एक नई दिशा, एक नई परिभाषा
 भिलाई ट्रक ट्रेलर ट्रांसपोर्ट्स एसोसिएशन ने यह स्पष्ट कर दिया है कि संगठन केवल आंदोलन और मांगों के लिए नहीं, बल्कि समाज निर्माण में भागीदार बनने के लिए भी होते हैं। यह कदम न सिर्फ ट्रांसपोर्ट सेक्टर, बल्कि समूचे छत्तीसगढ़ के लिए एक प्रेरणा है।

सम्पादकीय विश्लेषण (शरद पंसारी )

   रायपुर। शौर्यपथ। छत्तीसगढ़ की राजनीति एक बार फिर मंत्रिमंडल विस्तार की संभावनाओं को लेकर गर्म है। वर्तमान भाजपा सरकार में 11 मंत्री कार्यरत हैं, जबकि दो पद रिक्त हैं। ऐसे में दावेदारों की लंबी सूची और राजनीतिक हलकों में गूंजती चर्चाओं के बीच एक बड़ा सवाल फिर से खड़ा हो गया है—क्या मंत्री चयन में जातिगत संतुलन ज़रूरी है, या फिर योग्यता, अनुभव और विकास के प्रति सोच को प्राथमिकता मिलनी चाहिए?

जनता ने कई बार दिया है जाति से ऊपर उठकर फैसला

राजनीति में जातीय समीकरण लंबे समय से एक निर्णायक भूमिका निभाते आए हैं, लेकिन हालिया चुनाव परिणाम बताते हैं कि जनता अब धीरे-धीरे इस सीमित सोच से ऊपर उठ रही है। रायपुर दक्षिण से वर्षों तक विधायक रहे बृजमोहन अग्रवाल के सांसद बनने के बाद हुए उपचुनाव में सुनील सोनी ने बड़ी जीत दर्ज की, यह दिखाता है कि जातिगत फैक्टर नहीं, बल्कि कार्य और छवि ही निर्णायक भूमिका में थे।

इसी तरह, दुर्ग विधानसभा सीट से गजेंद्र यादव की जीत भी यह स्पष्ट करती है कि जनता ने सिर्फ जातीय समीकरण नहीं, बल्कि मजबूत जनसंपर्क और विकास के मुद्दों पर मतदान किया।

मंत्रिमंडल में अनुभव बनाम नवाचार

प्रदेश की प्रशासनिक व्यवस्था में एक मंत्री पर पूरे विभाग का भार होता है। ऐसे में अनुभवहीनता कई बार निर्णय क्षमता को प्रभावित करती है। वर्तमान मंत्रिपरिषद में कुछ मंत्री ऐसे हैं जिन्होंने अपनी सक्रियता और कार्यशैली से जनता का विश्वास अर्जित किया है, परंतु अनुभव की दृष्टि से कई विभागों में शून्यता भी देखी गई है।

अब जब विस्तार की घड़ी नजदीक है, तो यह देखना महत्वपूर्ण होगा कि पार्टी नेतृत्व अनुभव और प्रशासनिक दक्षता को प्राथमिकता देगा या फिर सिर्फ क्षेत्रीय और जातीय संतुलन को ध्यान में रखकर निर्णय करेगा।

अनुभवी नामों की चर्चा जो हो सकते हैं मंत्रिमंडल का हिस्सा

राजनीतिक गलियारों में यह चर्चा तेज़ है कि यदि अनुभव को महत्व दिया गया, तो अमर अग्रवाल, अजय चंद्राकर, लता उसेंडी और राजेश मूणत जैसे वरिष्ठ विधायक मंत्रिपरिषद में वापसी कर सकते हैं। इन सभी नेताओं का प्रशासनिक अनुभव और जनता के बीच अच्छी पकड़ रही है।

जनता को चाहिए परिणाम, न कि पदों की बाजीगरी

सवाल सीधा और सटीक है — आम जनता को इससे फर्क नहीं पड़ता कि कौन मंत्री बनता है, फर्क इससे पड़ता है कि उनके क्षेत्र में सड़क बनेगी या नहीं, पानी आएगा या नहीं, अस्पताल और स्कूल कितने मजबूत होंगे।

मंत्रिमंडल विस्तार में अगर यही मूल भावना प्राथमिक होगी, तो न सिर्फ सरकार की छवि मजबूत होगी, बल्कि जनता का भरोसा भी नई ऊंचाई पर पहुंचेगा।

निष्कर्ष:
अब निर्णय सत्ता के केंद्र में बैठे नेताओं के हाथ में है — क्या वे विकास को प्राथमिकता देंगे, या समीकरणों में उलझकर मौके गंवा देंगे? आने वाला वक्त इसका जवाब जरूर देगा, लेकिन जनता को अब सिर्फ एक चीज़ चाहिए — परिणाम।

 अवैध हथियार और कारतूस की सप्लाई नेटवर्क के तार अन्य राज्यों से हैं जुड़े हुए
 प्रकरण में लोकल नेटवर्क की पतासाजी भी जारी
 आरोपियों  की पतासाजी और धर पकड़ के लिए गठित नारायणपुर पुलिस की  स्पेशल टीम की त्वरित कार्यवाही
 नारायणपुर/शौर्यपथ /नारायणपुर थाना क्षेत्र में नक्सल गतिविधियों पर अंकुश लगाने के लिए नक्सलियों को अवैध हथियार, कारतूस, गोला-बारूद तथा अन्य सामान सप्लाई करने वाले संदिग्ध व्यक्तियों की सतत् निगरानी की जा रही है। इसी तारतम्य में मुखबिर द्वारा बताया गए सूचना पर नारायणपुर पुलिस द्वारा नाकेबंदी करके एक संदेही व्यक्ति को नारायणपुर –कुतुल मार्ग से हिरासत में लिया गया, जिसने पूछताछ में अपना प्रकाश सोनी पिता स्व. श्री गौतम सोनी उम्र 27 वर्ष निवासी बख़रूपारा नारायणपुर का होना बताया। उक्त संदेही के क़ब्ज़े से एक कत्था रंग के स्कूटी क्र. सीजी–21–F–8893 में रखे कॉर्डेक्स वायर लगभग 3 मीटर, बिजली तार, स्कैनर( वॉकी टॉकी), 20 नग राउंड, 3 नग डेटोनेटर बरामद किया गया, जिसे नक्सलियों को सप्लाई देने के लिए रखा होना बताया।
    प्रकरण में वरिष्ठ अधिकारियों के मार्गदर्शन अनुसार थाना नारायणपुर में अपराध क्रमांक-55/2025, धारा- 4, 5 विस्फोटक पदार्थ अधिनियम के तहत अपराध दर्ज कर विवेचना की जा रही है। पुलिस अधीक्षक नारायणपुर के द्वारा उक्त प्रकरण में आरोपियों की पतासाजी और धर पकड़ हेतु विशेष टीम गठित की गई और थाना नारायणपुर पुलिस टीम द्वारा त्वरित कार्यवाही की गई।
  विस्तृत पूछताछ में आरोपी प्रकाश सोनी ने बताया कि विगत चार पांच वर्षों से वह लगातार नक्सलियों के संपर्क में रहा है और नक्सलियों को भारी मात्रा में बंदूक की गोली, विस्फोटक सामग्री व नक्सली सामग्री अवैध रूप से खरीदकर नारायणपुर में लाकर नक्सलियों को देना स्वीकार किया। प्रकरण में कई नक्सलियों के साथ अन्य आरोपियों के नाम का ख़ुलासा भी किया गया।
  आरोपी के द्वारा नक्सलियों को हथियार के कारतूस व अन्य नक्सली सामग्री सप्लाई करने में सहयोग करने वाले कई और लोगों के नामों का ख़ुलासा किया गया है, जिनकी तलाश एवं नेटवर्क से जुड़े अन्य व्यक्तियों की पहचान के लिए आगे की जांच जारी है। पुलिस अन्य संभावित लिंक एवं सहयोगियों की जानकारी एकत्र कर रही है, जिससे इस पूरे नेटवर्क को ध्वस्त किया जा सके।
 आरोपियों द्वारा शहरी क्षेत्र में रहकर आम जनता एवं सुरक्षा बलों को नुकसान पहुँचाने के उद्देश्य से प्रतिबंधित माओवादी संगठन को भारी मात्रा में बंदूक के गोली, विस्फोटक सामग्री व नक्सली सामग्री सप्लाई करने के जुर्म में दिनांक 06.06.2025 को आरोपी  प्रकाश सोनी को गिरफ्तार कर माननीय विशेष न्यायालय में न्यायिक रिमाण्ड पर पेश किया गया है।
 प्रकरण में विशेष भूमिका निभाने वाले अधिकारियों के नाम निरीक्षक सुरेश यादव, उप निरीक्षक संजय टोप्पो, उप निरीक्षक राजकुमार राय, उप निरीक्षक शिव साहू, प्रधान आरक्षक वंश गोपाल पटेल व अन्य थाना नारायणपुर पेट्रोलिंग स्टाफ

स्वेच्छानुदान मद से दी गई राशि से मिलेगा पौष्टिक आहार, स्वास्थ्य सुधार की दिशा में सराहनीय पहल
रायपुर/शौर्यपथ /राज्यपाल रमेन डेका ने सक्ति जिले के 10 टीबी मरीजों के लिए एक सराहनीय कदम उठाते हुए उन्हें पौष्टिक आहार उपलब्ध कराने हेतु 60 हजार रुपए की आर्थिक सहायता प्रदान की है। यह सहायता राशि उन्होंने अपने स्वेच्छानुदान मद से दी है, जिससे मरीजों के स्वास्थ्य में सुधार लाने में मदद मिलेगी। प्रत्येक मरीज को प्रति माह 500 रुपए के मान से एक वर्ष तक सहायता दी जाएगी।
भारत सरकार द्वारा संचालित प्रधानमंत्री टीबी मुक्त भारत अभियान के तहत राज्य को टीबी मुक्त बनाने के लिए राज्यपाल डेका ने इस अभियान में समुदाय की भागीदारी को अत्यंत आवश्यक बताया और जन सहयोग की महत्ता पर बल दिया है। वे  जिलों के भ्रमण के दौरान मरीजों की स्थिति की जानकारी लेते हैं और उनकी हरसंभव सहायता व मदद सुनिश्चित कराते हैं।

रायपुर /शौर्यपथ /मुख्यमंत्री विष्णु देव साय ने चक्रधर सम्मान से सम्मानित, संगीत साधना के महान पुरोधा, कलागुरु वेदमणि सिंह ठाकुर ‘बेदम’ जी के निधन पर गहरा दुःख व्यक्त किया है।
मुख्यमंत्री  साय ने कहा कि कलागुरु ‘बेदम’ जी ने अपना सम्पूर्ण जीवन संगीत की साधना एवं प्रचार-प्रसार में समर्पित कर दिया। रायगढ़ को ‘सांस्कृतिक राजधानी’ के रूप में गौरवान्वित करने में उनका योगदान अविस्मरणीय रहेगा। उनके व्यक्तित्व, साधना और कला ने न केवल छत्तीसगढ़, बल्कि पूरे देश के सांस्कृतिक जीवन को समृद्ध किया।
मुख्यमंत्री साय ने कहा कि देशभर के अनेक प्रतिष्ठित मंच उनकी प्रतिभा से आलोकित हुए हैं। उनके शिष्यों और संगीत साधकों के लिए उनका जाना अपूरणीय क्षति है।
मुख्यमंत्री साय ने ईश्वर से दिवंगत आत्मा को शांति प्रदान करने तथा शोकाकुल परिवार और शिष्यों को इस दुःख की घड़ी में संबल देने की प्रार्थना की।

रायपुर /शौर्यपथ / प्रदेश में सीधी भर्ती 2023 में नियुक्ति उपरांत सेवा समाप्त किये गये 2621 बी.एड. अर्हताधारी सहायक शिक्षकों को सहायक शिक्षक विज्ञान (प्रयोगशाला) के पद पर समायोजन के लिए ओपन काउंसिलिंग की प्रक्रिया होगी। इसके लिए राज्य स्तरीय काउंसिलिंग की कार्यवाही एससीईआरटी परिसर शंकर नगर रायपुर में 17 जून से 26 जून तक की जाएगी। काउंसिलिंग के पश्चात अभ्यर्थी द्वारा चुने गए विद्यालय के लिए नियुक्ति पत्र जारी करना तथा दस्तावेजों का सत्यापन का काम जिला शिक्षा अधिकारियों द्वारा 25 जून से 4 जुलाई तक किया जाएगा। बीएड अभ्यर्थियों को आदेश जारी होने के 7 दिवस के भीतर संबंधित शालाओं में कार्यभार ग्रहण करना होगा।
स्कूल शिक्षा विभाग से मिली जानकारी के अनुसार काउंसिलिंग के लिए 29 जिलों के 103 विकासखण्डों की 1520 शालाओं से 2621 रिक्त पद लिए गए हैं। इनमें दुर्ग-रायपुर-बिलासपुर एवं जांचा-जांजगीर जिले को शामिल नहीं किया गया है। अधिसूचित क्षेत्रों में बड़ी संख्या में सेजेस शामिल होने के कारण सेजेस विद्यालयों को भी शामिल किय गया है। गौरतलब है कि बीएड अथ्यर्भियों के प्रकरण पर विचार के लिए मुख्य सचिव की अध्यक्षता में गठित समिति की अनुशंसा अनुसार बस्तर संभाग, सरगुजा संभाग, अधिसूचित विकासखण्डों तथा इससे संलग्न निकट के विकासखण्ड एवं राज्य के सीमावर्ती विकासखण्डों में स्थित शालाओं की रिक्तियों को शामिल किया गया है। संलग्न विकासखण्डों को शामिल करते समय यह ध्यान रखा गया है कि वे मुख्यालय से दूर हो एवं वहाँ शिक्षकों की उपलब्धता कम हो।
यह भी उल्लेखनीय है कि मुख्यमंत्री श्री विष्णु देव साय की अध्यक्षता में 30 अप्रैल को आयोजित मंत्रिपरिषद की बैठक में सीधी भर्ती 2023 में नियुक्ति उपरांत सेवा समाप्त किये गये 2621 बी.एड. अर्हताधारी सहायक शिक्षकों के हित में महत्वपूर्ण फैसला लेते हुए उन्हें सहायक शिक्षक विज्ञान (प्रयोगशाला) के पद पर समायोजन करने का निर्णय लिया गया था। हटाये गए बी.एड अर्हताधारी सहायक शिक्षकों को सहायक शिक्षक विज्ञान (प्रयोगशाला) के राज्य में रिक्त 4,422 पदों में समायोजित करने तथा समायोजन गैर विज्ञापित पदों पर करने इसी प्रकार कला/विज्ञान संकाय से 12वीं उत्तीर्ण सहायक शिक्षकों को निर्धारित अर्हता (12वीं गणित/विज्ञान) पूर्ण करने हेतु 3 वर्ष की अनुमति देने का निर्णय लिया गया था। साथ ही इन अभ्यर्थियों को प्रयोगशाला कार्य के संबंध में एस.सी.ई.आर.टी. के माध्यम से दो माह का विशेष प्रशिक्षण देने और अन्य पिछड़ा वर्ग के शेष 355 अभ्यर्थियों के लिए सांख्येत्तर पदों का सृजन करने का निर्णय लिया गया था।
काउंसिलिंग के लिए समय-सारिणी
 काउंसिलिंग प्रविधि की सूचना का प्रकाशन 13 जून को होगा। तिथिवार काउंसिलिंग में शामिल अभ्यर्थियों की सूची का प्रकाशन एवं पदांकन हेतु शालाओं की सूची का प्रकाशन 16 जून, ओपन काउंसिलिंग की अवधि 17 जून से 26 जून, जिला शिक्षा अधिकारियों द्वारा नियुक्ति आदेश जारी करने की तिथि 25 जून से 04 जुलाई, अभ्यर्थियों को आदेश जारी होने के 7 दिवस के भीतर शालाओं में कार्यभार ग्रहण करना होगा।
उल्लेखनीय है कि छत्तीसगढ़ शासन स्कूल शिक्षा विभाग द्वारा सीधी भर्ती 2023 अंतर्गत सहायक शिक्षक के 6285 पदों में भर्ती हेतु दिनांक 4 मई 2023 को विज्ञापन जारी किया गया था। तत्समय बी.एड. उपाधि धारक अभ्यर्थियों को सहायक शिक्षक की चयन प्रक्रिया से पृथक रखने के संबंध में माननीय सर्वोच्च न्यायालय द्वारा कोई निर्देश जारी नहीं किया गया था। माननीय सर्वोच्च न्यायालय द्वारा  पारित आदेश दिनांक 11.08.2023 के पूर्व सीधी भर्ती 2023 की चयन परीक्षा (दिनांक 10.06.2023) आयोजित की जा चुकी थी तथा परीक्षा परिणाम (दिनांक 02.07.2023) भी घोषित हो चुका था।
 माननीय उच्च न्यायालय, छ.ग. में दायर याचिका क्रमांक 5788/2023 में पारित आदेश दिनांक 02.04.2024 के द्वारा बी.एड. अर्हताधारियों को सहायक शिक्षक पद पर नियुक्ति के लिए अपात्र घोषित किया गया। तब तक विभाग द्वारा 5270 सहायक शिक्षकों की नियुक्ति की जा चुकी थी जिसमें 2621 सहायक शिक्षक बी.एड. अर्हताधारी थे। उच्च न्यायालय के निर्णय के परिपालन में विभाग द्वारा 10 जनवरी 2025 को 2621 बी.एड. अर्हताधारी सहायक शिक्षकों की सेवाएं समाप्त की गई है।
उच्च न्यायालय के आदेश के परिपालन में विभाग द्वारा पांचवे चरण की भर्ती प्रक्रिया मार्च-अप्रेल 2025 में की गई, जिसमें सेवा से हटाये गये 2621 अभ्यर्थियों के स्थान पर 2615 डी.एड. अर्हताधारी अभ्यर्थियों को शामिल किया गया है। पांचवे चरण में शामिल 2615 अभ्यर्थियों में से 1316 अभ्यर्थी दस्तावेज सत्यापन में शामिल नहीं हुये अथवा अपात्र पाये गये। शेष 1299 अभ्यर्थियों को नियुक्ति पत्र जारी किया गया है। उल्लेखनीय है कि सीधी भर्ती 2023 के परीक्षा परिणामों की वैधता अवधि 1 जुलाई, 2024 को समाप्त हो चुकी है तथा पांचवे चरण की भर्ती प्रक्रिया द्वारा विभाग ने माननीय उच्च न्यायालय के आदेश का परिपालन कर दिया है। छठवें चरण की सूची जारी करने की मांग करने वाले अभ्यर्थी मेरिट में निचले क्रम पर है, अतः इन्हें नियुक्ति का अवसर नहीं मिला है।
विभाग द्वारा भर्ती प्रक्रिया की अग्रिम कार्यवाही के संबंध में महाधिवक्ता से विधिक अभिमत मांगा गया है। यहां स्पष्ट करना उचित होगा कि भर्ती विज्ञापन जारी किये हुये 2 वर्ष से अधिक का समय व्यतीत हो चुका है तथा इस दौरान अनेक नये पात्रताधारी अभ्यर्थी शिक्षक भर्ती परीक्षा का इंतजार कर रहे हैं।

   रायपुर /शौर्यपथ /मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय ने आज सुकमा जिले के कोंटा में नक्सलियों द्वारा किए गए कायरतापूर्ण आईईडी विस्फोट में शहीद हुए एएसपी  आकाश राव गिरपुंजे को भावभीनी श्रद्धांजलि अर्पित की और उन्हें अंतिम विदाई दी। मुख्यमंत्री  साय ने माना स्थित चौथी वाहिनी छत्तीसगढ़ सशस्त्र बल परिसर पहुंचकर शहीद के पार्थिव शरीर पर पुष्पचक्र अर्पित कर उन्हें नमन किया तथा शहीद के पार्थिव शरीर को कंधा देकर सम्मानपूर्वक विदाई दी।
   मुख्यमंत्री साय ने शहीद  गिरपुंजे के शोक-संतप्त परिजनों से मुलाकात कर अपनी गहरी संवेदनाएँ प्रकट कीं और उन्हें इस कठिन समय में ढांढस बंधाया। मुख्यमंत्री ने कहा कि शहीद एएसपी आकाश राव गिरपुंजे ने अपने कर्तव्य के प्रति अदम्य साहस, निष्ठा और समर्पण का परिचय देते हुए सर्वोच्च बलिदान दिया है। हमें उन पर गर्व है। सरकार इस दुःख की घड़ी में उनके परिवार के साथ कंधे से कंधा मिलाकर खड़ी है।
  मुख्यमंत्री साय ने कहा कि लगातार हो रही सुरक्षाबलों की सफल कार्रवाइयों से नक्सली बौखलाए हुए हैं। छत्तीसगढ़ सरकार इस चुनौती से निपटने के लिए पूरी तरह प्रतिबद्ध है। उन्होंने कहा कि शहीद श्री गिरपुंजे की वीरता और देशभक्ति को सदैव याद रखा जाएगा।
    मुख्यमंत्री के साथ इस अवसर पर विधानसभा अध्यक्ष डॉ. रमन सिंह, उप मुख्यमंत्री  विजय शर्मा, उप मुख्यमंत्री अरुण साव, वन मंत्री केदार कश्यप, महिला एवं बाल विकास मंत्री श्रीमती लक्ष्मी राजवाड़े, विधायक पुरन्दर मिश्रा, अपर मुख्य सचिव गृह विभाग मनोज कुमार पिंगुआ, पुलिस महानिदेशक श्री अरुण देव गौतम, मुख्यमंत्री के प्रमुख सचिव  सुबोध कुमार सिंह, शहीद के परिजन, जनप्रतिनिधि और बड़ी संख्या में आम नागरिक उपस्थित थे।

  रायपुर/शौर्यपथ /छत्तीसगढ़ सरकार के कामकाज को और अधिक प्रभावी एवं जन-हितैषी बनाने के उद्देश्य से भारतीय प्रबंध संस्थान (आईआईएम) रायपुर में चिंतन शिविर 2.0 का आयोजन किया गया। इस शिविर में केंद्र एवं राज्य सरकार की योजनाओं को जनता तक पहुँचाने के नवाचारों और सुशासन की आधुनिक तकनीकों पर गहन विचार-विमर्श हुआ।
 मुख्यमंत्री विष्णु देव साय और उनके मंत्रीमंडल के सहयोगियों ने विषय विशेषज्ञों के साथ सुशासन के विभिन्न पहलुओं पर विचार साझा किए। चिंतन शिविर के अंतिम दिन प्रधानमंत्री के आर्थिक सलाहकार परिषद के सदस्य श्री संजीव सान्याल ने "आर्ट ऑफ गुड गवर्नेंस" विषय पर व्याख्यान देते हुए प्रशासनिक प्रक्रियाओं को सरल बनाने, राज्य की क्षमताओं में वृद्धि करने, अनावश्यक नियमों को हटाने तथा सरकारी एजेंसियों के पुनर्गठन जैसे महत्वपूर्ण विषयों पर प्रकाश डाला। उन्होंने बताया कि सरकारें अपने नीति-निर्धारण और कार्यान्वयन की गुणवत्ता को कैसे अधिक प्रभावी बना सकती हैं।
डिजिटल हेल्थ विशेषज्ञ डॉ. राजेन्द्र प्रसाद गुप्ता ने डिजिटल स्वास्थ्य तकनीकें और सुशासन  के सम्बन्ध में बताया कि डिजिटल हेल्थ टेक्नोलॉजीज दूरदराज और पिछड़े क्षेत्रों में भी गुणवत्तापूर्ण सेवाएं उपलब्ध कराने में सक्षम हैं। उन्होंने ई-हेल्थ रिकॉर्ड्स, टेलीमेडिसिन, मोबाइल हेल्थ ऐप्स और आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस जैसी तकनीकों के माध्यम से स्वास्थ्य सेवाओं की पारदर्शिता और जवाबदेही बढ़ाने के उपाय बताए। उन्होंने कहा कि डिजिटल स्वास्थ्य तकनीक से न केवल स्वास्थ्य सेवाएं सशक्त होती हैं, बल्कि शासन के प्रति आम जनता का भरोसा भी बढ़ता है।
राजनीतिक विश्लेषक और लेखक श्री उदय माहुरकर ने "गुड गवर्नेंस टू इलेक्शन" विषय पर भारतीय लोकतंत्र के ऐतिहासिक परिप्रेक्ष्य, राजनीतिक आचरण की गुणवत्ता, प्रशासनिक जवाबदेही और नीतियों के जन-हितैषी क्रियान्वयन पर विस्तार से चर्चा की। उन्होंने बताया कि सशक्त और पारदर्शी शासन प्रणाली लोकतंत्र में जनता का विश्वास बढ़ाती है और चुनावी प्रक्रिया को भी प्रभावित करती है। उन्होंने स्थानीय स्तर पर सुशासन को मजबूत करने, चुनावों में पारदर्शिता लाने और प्रशासन में नैतिक मूल्यों की स्थापना के उपायों पर भी प्रकाश डाला।
इस अवसर पर मुख्यमंत्री के सचिव श्री राहुल भगत तथा भारतीय प्रबंध संस्थान के निदेशक श्री राम काकानी भी उपस्थित थे।

दुर्ग। शौर्यपथ विशेष रिपोर्ट । जिले में अवैध नशे के कारोबार को लेकर एक बार फिर गंभीर सवाल उठ खड़े हुए हैं। खाद्य विभाग की अधिकारी ऋचा शर्मा 4 जून…
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