June 02, 2025
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शौर्यपथ

शौर्यपथ

   रायपुर/शौर्यपथ /छत्तीसगढ़ में किसानों द्वारा बच की खेती की शुरूआत हो गई है, जो मुख्यमंत्री श्री भूपेश बघेल की मंशा के अनुरूप वनमंत्री श्री मोहम्मद अकबर के मार्गदर्शन में छत्तीसगढ़ आदिवासी स्थानीय स्वास्थ्य परंपरा एवं औषधि पादप बोर्ड की पहल से संभव हुई है। छत्तीसगढ़ में वर्तमान में 108 एकड़ में प्रायोगिक तौर पर बच की खेती की जा रही है, जिससे प्रति एकड़ 80 हजार रूपए से 1.00 लाख रूपए तक आय की प्राप्ति किसानों को होगी। प्रधान मुख्य वन संरक्षक एवं वन बल प्रमुख श्री व्ही. श्रीनिवास राव ने बताया कि बच उत्पादन से धान की अपेक्षा किसानों की आय में कई गुना वृद्धि की संभावना है।  
        इस तारतम्य में मुख्य कार्यपालन अधिकारी छत्तीसगढ़ आदिवासी, स्थानीय स्वास्थ्य परंपरा एवं औषधि पादप बोर्ड श्री जे. ए. सी. एस. राव ने जानकारी दी कि बच एक औषधीय पौधा है, बेंगलोर के टूंकूर गांव के किसानों ने इसकी खेती में आने वाले समस्याओं के कारण इसका कृषिकरण कम कर दी है तो छत्तीसगढ़ और मध्यप्रदेश की सीमा पर बसे पेण्ड्रा जिले के गांव तथा खटोला, अनवरपुर, तुपकबोरा, मुरली और तेन्दुपारा के किसानों बच की खेती की विधि सीख ली है। इन्हें बोर्ड द्वारा निःशुल्क औषधीय पौधे एवं मार्गदर्शन मिला है। इधर महासमुंद जिले के बागबाहरा, तेन्दुकोना क्षेत्र के ओमकारबंध के किसानों ने भी बच के कृषिकरण का कार्य प्रारंभ कर दिया है। अब तक लगभग छत्तीसगढ़ के 108 एकड़ से भी अधिक क्षेत्र में बच की खेती की जा रही हैं। किसानों द्वारा सकारात्मक रूप से बच को अपनाया जा रहा है, क्योंकि बहुत ही कम लागत में बच की खेती से अधिक लाभ की संभावना है।
      बच की खेती के लिए बैंगलोर का एक गांव टंूकूर देश में प्रथम स्थान पर था। वहां इस औषधीय पौधे की व्यावसायिक खेती 3 से 4 हजार एकड़ में विस्तृत रूप से की जाती थी लेकिन यहां बच के कृषिकरण में किसानों को मजदूरी दर ज्यादा होने के कारण व पानी की समस्या एवं अन्य समस्याओं के कारण बच की खेती सिमट कर 106 एकड़ में आ गई है।
 बच कृषिकरण तकनीक
      बच को धान के फसल के समान ही वानिकी खेती के रूप में अपनाया जा सकता है 1 इसकी बुआई धान के फसल के समान जुलाई से सितंबर माह तक की जाती है। एक एकड़ में रोपण हेतु 25 से 30 हजार पौधे की आवश्यकता होती है। इसकी फसल 8 से 9 माह में तैयार हो जाती है। फसल की कटाई अप्रैल से जून माह के मध्य किया जाता है। एक एकड़ से लगभग 1 से 3 टन तक उपज का उत्पादन संभावित होती है। बच की वर्तमान बाजार कीमत 50 से 60 रु प्रति किग्रा तक होती है। इस हिसाब से किसानों को एक एकड़ में 1 लाख से भी अधिक आय प्राप्त होती है।
प्रसंस्करण की विधि
      बच के प्रकंद के 3 से 4 इंच के टुकड़ों में काटकर आशिक छाया क्षेत्र में सूखा लिया जाता है। इसके पश्चात् इसकी पालिशिंग मशीन से कराई जाती है, जिससे उत्पाद बाजार में विक्रय हेतु तैयार हो जाता है। बोर्ड द्वारा मार्केटिंग हेतु भी सुविधा प्रदाय की जाती है। जिससे किसानों को 15 दिनों में ही उपज का पैसा प्राप्त हो जाता है।
रोपण सामग्री की उपलब्धता
      बच की खेती करने के लिए बच की पौधे की चिता की आवश्यकता नही है। पहले वर्ष रोपित किये जाने वाले पौधे राज्य शासन की योजना अंतर्गत बोर्ड के माध्यम से निःशुल्क प्रदाय किया जाता है। प्रथम वर्ष में आवश्यकतानुसार 10 से 15 प्रतिशत पौधों को छोड़ दिया जाता है, जो कि 40 दिन में फिर से पौधा तैयार हो जाता है, जिसे रोपण सामग्री नर्सरी के रूप में अगले वर्ष रोपण के लिए उपयोग किया जाता है। शेष का संग्राहण कर लिया जाता है। इस प्रकार प्रत्येक वर्ष रोपित किये जाने वाले पौधों की उपलब्धता बनी रहती है।
     बच को छत्तीसगढ़ी में घोड़बंध या भूतनाशक के नाम से भी जाना जाता है। जिसका उपयोग त्वचा रोग, न्यूरोलाजिकल डिसआर्डर, पेट संबंधी बिमारी एवं हृदय रोग संबंधी दवाई बनाई जाती है। इसे कई रोगों में उपयोग किये जाने के कारण इसकी बाजार मांग अत्यधिक है।

स्थानीय प्रतिभाओं, युवा एवं लोक कलाकारों के प्रदर्शन से महका चक्रधर समारोह
बाल कलाकारों से लेकर राष्ट्रीय एवं अंतर्राष्ट्रीय ख्याति प्राप्त कला दिग्गजों की मोहक प्रस्तुति से रोशन हुआ समारोह का मंच
इंदिरा कला विश्वविद्यालय खैरागढ़ के 60 कलाकारों के दल ने विभिन्न विधाओं में दी प्रस्तुतियां
राऊत नाचा का हुआ शानदार मंचन
तीन दिवसीय चक्रधर समारोह का हुआ समापन
    रायपुर/शौर्यपथ /चक्रधर समारोह के समापन समारोह में छत्तीसगढ़ सहित शहर के स्थानीय कलाकारों ने मनमोहक प्रस्तुति दी। इस बार का चक्रधर समारोह खास रहा। तीन दिन के आयोजन में रिकॉर्ड एक हजार से अधिक कलाकारों की प्रस्तुति दी। स्थानीय प्रतिभाओं, बाल कलाकारों के साथ राष्ट्रीय एवं अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर ख्याति बटोर चुके कला दिग्गजों ने समारोह में शिरकत की। इंदिरा कला संगीत विश्वविद्यालय खैरागढ़ के 60 कलाकारों के दल के अलग-अलग विधाओं में प्रस्तुतियां दी गई, जिसमें वादन, छत्तीसगढ़ के राज्य गीत अरपा पैरी के धार पर छात्र-छात्राओं ने खूबसूरत नृत्य के माध्यम से दर्शकों को सराबोर कर दी। नृत्य में संपूर्ण छत्तीसगढ़ की झलक दर्शकों को देखने की मिली।
           इसी प्रकार कार्यक्रम का विशेष केंद्र रहा 'लोक में राम' जिसमें छत्तीसगढ़ के लोक गीतों एवं नृत्यों में श्रीराम को किन-किन रूपों में पूजे जाते है, उसे लोक संगीत विभाग के छात्र-छात्राओं और कलाकारों ने लोक में राम की राम के माध्यम से बखूबी प्रस्तुत किया। कुलपति इंदिरा कला संगीत विश्वविद्यालय पद्मश्री ममता चंद्राकर के मार्गदर्शन में जिसमें मोनिका साहू, भारती जंघेल, कविता कुंभकार, झरना देवहारी, निशा ठाकुर, लक्ष्मी सिन्हा, प्रमोद साहू, राजू यादव, चंद्र प्रकाश साहू, तारन निषाद, रिंकू वर्मा, जीनू राम वर्मा, इसी प्रकार संगत का आदमी में डॉ.बिहारी ताराम ने बांसुरी में, हारमोनियम में डॉ.नत्थू तोड़े, तबला में जानेश्वर टांडिया, ढोलक में आशीष कुमार यादव, आर्गन में लक्ष्मीकांत साहू, मांदर में वेद प्रकाश रावते तथा बैंजो में नोहर साहू रहे। संयोजन एवं निर्देशन डॉ.योगेंद्र चौबे ने किया था।
         रायगढ़ घराना की सुश्री तब्बू परबीन की ग्रुप ने कथक नृत्य की शानदार प्रस्तुति दी, जिसमें नन्ही  बच्चियों नृत्य में दर्शकों के बीच विशेष केंद्र में रही और दर्शकों को बांधे रखा। सुश्री आशना दिल्लीवार के कथक नृत्य की सुंदर प्रस्तुति ने दर्शकों को ताली बजाने से अपने आप को रोक नहीं पाए। श्री इबरार अहमद एवं संजय चौहान रायगढ़ ने छत्तीसगढ़ी भजन/लोकगायन से समारोह के मंच में झूमने को मजबूर कर दिया। सुश्री सुहानी स्वर्णकार सारंगढ़ द्वारा कथक नृत्य तो डॉ.गौरव कुमार पाठक बिलासपुर द्वारा शास्त्रीय गायन से दर्शकों को बंधे रखा। श्री युवराज सिंह आजाद एवं ग्रुप रायगढ़ द्वारा इप्टा नाटक की शानदार प्रस्तुति दी। अन्विका विश्वकर्मा में शिवतांडव एवं कृष्ण लीला  पर तबले थाप और संगीत पर मनमोहक प्रस्तुति दी। चक्रधर समारोह में श्री अनिल तांडी एवं ग्रुप भिलाई द्वारा भरत नाट्यम की मनमोहक प्रस्तुति ने मंत्र मुग्ध कर दिया। उन्होंने अपने शिष्यों के साथ सरस्वती श्लोक, जति-स्वरम तथा देवी कीरतनम में भरतनाट्यम नृत्य प्रस्तुति दी। श्री अनिल तांडी ने भरतनाट्यम की पारंपरिक शिक्षा इंदिरा कला संगीत विश्वविद्यालय खैरागढ़ से ली है।
         मनोज तिवारी ने जस जागरण लोक संस्कृति रायगढ़ ने श्री राम जी की सेना, राम जी की सेना चली..हर हर महादेव का जोश पूर्ण प्रस्तुति दी। सुश्री शार्वी सिंह परिहार द्वारा अपने मनमोहक कथक नृत्य से दर्शकों को बांधे रखा। 10 वर्ष की सुश्री पर्ल मोटवानी ने राग जैजैवंती में बड़ा ख्याल, छोटा ख्याल एवं तराना में जप रसना, हरि नाम सुमरले, अब लौ ना आए मोरे सांवरिया की शानदार शास्त्रीय गायन की मनमोहक प्रस्तुति दी। तबला संगत में गुरु श्री उग्रसेन पटेल रहे। सुश्री धरित्री सिंह चौहान पुसौर ने कथक नृत्य की प्रस्तुति दी। इसके साथ ही पंड़त पर गुरु प्रीति रुद्र वैष्णव, तबले में देवेश कंवर, हरमोनियम में लाला राम लूनिया रहे। श्री शेखर गिरी एवं ग्रुप द्वारा पंथी नृत्य पर जोरदार प्रस्तुति दी। ग्रुप ने देश के विभिन्न राज्यों के मंच में प्रस्तुति दे चुके हैं। इसके साथ विभिन्न अवार्ड तथा पुरुस्कारों से सम्मानित हो चुके है। विवेकानंद पुरस्कार इंटरनेशनल करेजियस 2020 अवार्ड एवं अन्य की पुरस्कारों से सम्मानित है वाल्मीकि अवार्ड भारतीय दलित साहित्य अकादमी से पुरस्कृत ग्रुप ने तोरे भरोसा म नैय्या लग रेव बीच भंवर मा.. में शानदार नृत्य की प्रस्तुति दी।
     श्री ललित यादव ने सुगम संगीत भजन की प्रस्तुति दी। उनके साथ गायक ललित यादव रायगढ़, कन्हैया पटेल,  हारमोनियम में श्री नारायण चंद्रा संगीत महाविद्यालय, आर्गन में श्री रमेश साहू, वाईडींग में  श्री भुनेश्वर मराई रहे। डॉ.दीपिका सरकार एवं ग्रुप द्वारा भरत नाट्यम के माध्यम से अपनी घुंघरू की खनक राष्ट्रीय अंतरराष्ट्रीय मंचों पर बिखेर चुकी है। उन्होंने गणेश वंदना से अपनी प्रस्तुति प्रारंभ की। श्री हरे कृष्ण तिवारी सारंगढ़ ने अपने बांसुरी वादन से मंच को सुरुली स्वर से गुंजायमान किया। इनके साथ संगत तबला में श्री अजीत हरिप्रिय, सारंगढ़ तबला विशारद, स्वर मंडल में श्री ऋषि केश प्रधान रहे। सुश्री शार्वी केशरवानी ने गुरु श्रीमती तोषी गुप्ता के निर्देशन में राग हंसध्वनि तराना में कथक की प्रस्तुति दी।
जसगान एवं लोक गायन से बही भक्ति धारा
विजय शर्मा ने जसगान एवं लोक गायन के साथ मनमोहक नृत्य की प्रस्तुति दी। चंद्रा सैनी मैया तोरे जस गाओ ओ..माता जस गीत, कोरी कोरी नारियल चढ़े, ओ दाई मोर लाली लाली चुनरी ओढ़े.. चैईत के महिना दाई आबे मंझनी,  बोरे बासी संग म खवाहू तोला ओ पाताल चटनी...जैसे गीतों की झड़ी से दर्शक भक्ति भाव से विभोर हो गए। सुश्री गीतिका वैष्णव ने महिषासुर मर्दिनी पर ओज पूर्ण प्रस्तुति दी। गायन में गीतिका वैष्णव, संतोष शर्मा, शौर्य आचार्य तथा वादन में ओमप्रकाश महंत, बालमुकुंद वैष्णव, पैड में रामसागर साह रहे। सुश्री अनंता पाण्डेय ने जय देव जय देव गणपति.., नमो नमो नमास्तुते के गीत पर कथक नृत्य की मनमोहक प्रस्तुति दी।
छत्तीसगढ़ी लोकगीत में झूमे श्रोता, तालियोंं की गडग़ड़ाहट से गूंजा ऑडिटोरियम
श्री विजय सिंह ग्रुप के छत्तीसगढ़ी लोक गीत की प्रस्तुति से ऑडिटोरियम में बैठे श्रोतागण झूृम उठे। उन्होंने  
आगे हरेली तिहार, करमा कुहकी गाबो मांदर के ताल मा.. गौरा-गौरी, गोहर गोहर, गौरा गौरी की प्रस्तुति दी। साथ ही उन्होंने दुर्गा जस गीत एवं होली के उत्सव पर गाये जाने वाले फाग गीत पर गायन एवं नृत्य से दर्शकों का मनोरंजन किया

पोरतेंगा, चैलीटांगरटोली और बड़ाबनई के सरपंच कुपोषित बच्चों को खिला रहें हैं दूध, अंडा एवं फल
   जशपुरनगर /शौर्यपथ /जिले में कुपोषण स्तर में कमी एवं बेहतर क्रियान्वयन के लिए ग्राम स्वास्थ्य स्वच्छता एवं पोषण समिति का गठन किया गया है। साथ ही कुपोषण के स्तर में कमी लाने, 0-5 वर्ष आयुवर्ग के बच्चों को कुपोषण से मुक्त कराने, जनभागीदारी को बढ़ावा देने और एनिमिया मुक्त अभियान को सफल बनाने सुपोषण चौपाल कार्यक्रम का आयोजन भी जिला स्तर पर किया जा रहा है।
              ग्राम स्वास्थ्य स्वच्छता एवं पोषण समिति के द्वारा स्वास्थ्य जागरूकता में सुधार और स्वास्थ्य सेवाओं के लिए समुदाय की पहुंच, विशिष्ट स्थानीय जरूरतों को पूरा करने और समुदाय आधारित योजना और निगरानी के लिए एक तंत्र के रूप में कार्य करने का एक मंच है। जो गंभीर कुपोषित बच्चों के लिए बना मददगार साबित हो रहा है। कुपोषण को दूर करने के  अधिकारियों द्वारा अपने चिन्हाकित गांव में जाकर सरपंच, पंच, जनप्रतिनिधियों, पर्यवेक्षक, एएनएम, मितानिन एवं आंगनबाड़ी कार्यकर्ता की उपस्थित में सुपोषण चौपाल लगाकर बच्चों के पालकों को जागरूक किया जा रहा है। जिसमें सरपंच, पंच, स्थानीय प्रतिनिधि अपनी सहभागिता निभा रहे है। जिले के ग्राम पंचायतों में ग्राम स्वच्छता समिति का माह में एक बार बैठक आयोजित कर आंगनबाड़ी केन्द्र के मरम्मत, साफ-सफाई और बच्चों के कुपोषण पर चर्चा की जाती है।
          इसी कड़ी में लोदाम परियोजना क्षेत्र के ग्राम पंचायत पोरतेंगा, चैलीटांगरटोली और बड़ाबनई के सरपंच-सविच के द्वारा प्राथमिकता से कुपोषण को दूर करने में अपनी सहभागिता निभाई जा रही है। सरपंच पोरतेंगा और चैलीटांगरटोली के द्वारा कुपोषित बच्चों को नियमित रूप से अंडा, दूध और केला खिलाया जा रहा है। इसी प्रकार सुपोषण चौपाल में बड़ाबनई के सचिव और सरपंच के द्वारा कुपोषित बच्चों को दूध, अंडा और फल दिया गया।

  रायुपर/शौर्यपथ /महिला बाल विकास विभाग की सक्षम योजना के माध्यम से अपने मनपसंद काम के लिए लोन  पाकर दुर्ग निवासी श्रीमती कमलेश्वरी बाई और लक्ष्मी  अपना कैरियर बना रहे हैं। विगत दिवस महिला समृद्धि सम्मेलन में महिलाओं को खुद का रोजगार स्थापित करने के लिए चेक दिया गया है। छत्तीसगढ़ शासन द्वारा युवाओं की कला, कौशल और प्रशिक्षण की ओर लगातार प्रयास किए जा रहे हैं। श्रीमती कमलेश्वरी बाई ने बताया की योजना के तहत तेल पेराई मशीन लगाने के लिए 6 लाख का लोन स्वीकृत हुआ है। दुर्ग की लक्ष्मी बघेल को भी स्वयं का ब्यूटी पार्लर शुरू करने के लिए 2 लाख का चेक दिया गया है।  सक्षम योजना का लाभ लेकर आज महिलाएं अपने सपने पूरे कर रही हैं।  दुर्ग अंचल की बेटीयों ने अब अपने हुनर को हौसले के साथ स्वरोजगार में बदलने की ठानी है।
   लक्ष्मी ने बताया कि बचपन से मुझे सजने संवरने का बहुत शौक था साथ ही दूसरों को सजाना अच्छा लगता था। अपने हुनर और शौक को पहचान देने के लिए मैंने महिला बाल विकास विभाग से सम्पर्क करके सक्षम योजना की जानकारी ली। विभाग ने प्रशिक्षण की भी व्यवस्था करवाई मुझे यह काम बहुत पसंद है । सक्षम योजना की बारे में  सुना तो मुझे लगा कि यही सही मौका है स्वरोजगार हासिल करने का।
 छत्तीसगढ़ महिला कोष की ऋण योजना के तहत स्व सहायता समूह की महिलाओं के लोन में वृद्धि करते हुए इसकी सीमा 6 लाख तक की गई है। महिलाओं को 3 प्रतिशत के साधारण वार्षिक ब्याज दर पर ऋण उपलब्ध कराया जाता है। सक्षम योजना के तहत गरीबी रेखा से नीचे जीवन यापन करने वाली महिला या विधवा, परित्यकता, अविवाहित महिलाओं को  लाभ दिया जाता है।

मुख्यमंत्री निवास में मायका का प्यार पाकर गद्गद् हुई महिलाएं
तीजा-पोरा तिहार मनाने बड़ी संख्या में महिलाएं पहुंची मुख्यमंत्री निवास
   रायपुर/शौर्यपथ /मुख्यमंत्री श्री भूपेश बघेल आज यहां अपने निवास परिसर में तीजा पोरा तिहार के अवसर पर आयोजित कार्यक्रम एवं राज्य स्तरीय महिला सम्मेलन में शामिल हुए। छत्तीसगढ़ के इस पारम्परिक त्यौहार को बड़े ही हर्षोल्लास के साथ मनाने मुख्यमंत्री निवास में बड़ी संख्या में महिलाएं पहुंची। यहां महिलाएं मायका का प्यार पाकर खुशी से गद्गद् हुई। मुख्यमंत्री श्री बघेल इस मौके पर महिलाओं से रू-ब-रू होते हुए कहा कि तीजा-पोरा माताओं-बहनों की खुशियों और छत्तीसगढ़ का महत्वपूर्ण पारम्परिक त्यौहार है।
    कार्यक्रम में मुख्यमंत्री श्री भूपेश बघेल के साथ उनकी धर्मपत्नी श्रीमती मुक्तेश्वरी बघेल सहित परिवार के लोग शामिल हुए। साथ ही खाद्य एवं संस्कृति मंत्री श्री अमरजीत भगत, राज्य खनिज विकास निगम के अध्यक्ष श्री गिरीश देवांगन भी इस अवसर पर उपस्थित थे। इस दौरान छत्तीसगढ़ में मुख्यमंत्री श्री बघेल के नेतृत्व में राज्य सरकार द्वारा महिलाओें के हित में संचालित योजनाओं का जिक्र करते हुए उससे लाभान्वित महिला हितग्राहियों श्रीमती सरिता साहू, ज्योति मिथलेश, शांति चंद्रा, रेखा साहू, जयंती तथा उर्वशी वर्मा आदि ने भी अपना अनुभव साझा किया और मुख्यमंत्री के प्रति आभार व्यक्त किया।
     मुख्यमंत्री श्री बघेल ने कार्यक्रम को सम्बोधित करते हुए कहा कि समाज में महिलाओं का महत्वपूर्ण स्थान होता है। छत्तीसगढ़ में हम शुरूआत से ही महिलाओं के मान-सम्मान को बढ़ाने का कार्य निरंतर कर रहे हैं।  इस कड़ी में महिलाओं को आर्थिक और सामाजिक रूप से संपन्न बनाने के लिए हर संभव पहल की जा रही है और इसके लिए कई नई-नई योजनाएं बनाकर कार्यक्रमों का संचालन बखूबी किया जा रहा है।
    मुख्यमंत्री श्री बघेल ने आगे बताया कि छत्तीसगढ़ में महिलाओं के हित में हो रहे कार्यों के फलस्वरूप आज इनकी स्थिति में काफी बदलाव आए है। वे राज्य में आर्थिक रूप से ही नहीं बल्कि सामाजिक रूप से भी संपन्न होकर तेजी से आगे बढ़ रहे हैं। उन्होंने अवगत कराया कि प्रदेश में गोधन न्याय योजना के तहत् निर्मित गौठानों में बड़े तादाद में महिलाओं को आर्थिक गतिविधियों से जोड़ा गया है।  इसी तरह वनोपज संग्रहण, बिहान आदि योजनाओं के माध्यम से उन्हें आय और रोजगार के लिए साधन सुगमता से उपलब्ध हो गए हैं। वर्तमान में प्रदेश में लाखों महिलाओं को इसका सीधा-सीधा लाभ मिल रहा है। उन्होंने इस दौरान शिक्षा, स्वास्थ्य सहित जनहित में संचालित मुख्यमंत्री सुपोषण योजना, स्वामी आत्मानंद स्कूल तथा मुख्यमंत्री हाट बाजान क्लीनिक आदि योजनाओं के बारे में विस्तार से उल्लेख किया।

   नई दिल्‍ली/शौर्यपथ /प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने शुक्रवार को भाजपा मुख्‍यालय में आयोजित कार्यक्रम में नारी शक्ति वंदन विधेयक  के लोकसभा और राज्‍यसभा में पारित होने पर बधाई दी है. साथ ही पीएम मोदी ने कहा कि हमने एक नया इतिहास बनते देखा है और हमारा सौभाग्‍य है कि कोटि-कोटि जनों ने हमें यह सौभाग्‍य दिया है. पीएम मोदी ने कहा कि सालों तक इस निर्णय की चर्चा होगी. साथ ही उन्‍होंने कहा कि इस निर्णय से आज हर नारी का आत्‍मविश्‍वास आसमान पर है. उन्‍होंने कहा कि कभी किसी निर्णय में देश के भाग्‍य को बदलने की क्षमता होती है. हम ऐसे ही निर्णय के साक्षी बने हैं.
प्रधानमंत्री ने कहा कि पूरे देश की माताएं बहनें खुशियां मना रही हैं. यह सामान्य कानून नहीं है बल्कि नए भारत की नई लोकतांत्रिक प्रतिबद्धता का उद्घोष है. यह अमृतकाल में सबका प्रयास से विकसित भारत के निर्माण की तरफ बढ़ा कदम है.
पूर्ण बहुमत वाली सरकार आवश्‍यक : PM मोदी
     इसके साथ ही पीएम मोदी ने कहा कि नारी शक्ति वंदन अधिनियम का दोनों सदनों से पास होना इस बात का भी साक्षी है कि जब पूर्ण बहुमत वाली स्थिर सरकार होती है, तो देश कैसे बड़े फैसले लेता है, बड़े पड़ावों को पार करता है. उन्‍होंने कहा कि पूर्ण बहुमत वाली स्थिर सरकार है तो नारी शक्ति वंदन अधिनियम एक सच्‍चाई बन गया है. इस कानून ने फिर साबित कर दिया है कि देश को आगे ले जाने के लिए पूर्ण बहुमत वाली मजबूत और निर्णायक सरकार बहुत आवश्‍यक है.
यह मोदी की गारंटी का प्रमाण है : PM मोदी
    पीएम ने नारी शक्ति वंदन अधिनियम को लेकर कहा कि इसके लिए बीजेपी तीन दशक से प्रयासरत थी. उन्‍होंने इस विधेयक के पारित होने पर कहा कि यह मोदी की गारंटी का प्रमाण है. उन्‍होंने कहा कि महिलाओं का जीवन सुधारने की दिशा में यह प्रयास है. महिला आरक्षण को लागू करने में तमाम अड़चनें थी, लेकिन जब नीयत साफ होती है तब सब अच्छी चीजें होती हैं.
विपक्ष पर भी जमकर बरसे PM मोदी
     प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने इस दौरान विपक्ष पर भी बरसे. उन्‍होंने कहा कि जिन लोगों ने पहले संसद में महिला आरक्षण विधेयक की प्रति फाड़ दी थी, उन्होंने भी नारी शक्ति मजबूत होने के कारण इसका समर्थन किया.
सभी राजनीतिक दलों और सांसदों का अभिनंदन : PM मोदी
      पीएम मोदी ने कहा कि सभी राजनीतिक दलों और सांसदों का अभिनंदन करता हूं, क्‍योंकि उन्‍होंने दलगत राजनीति से ऊपर उठकर यह सहयोग किया है. साथ ही उन्‍होंने कहा कि हमारी सरकार ने एक के बाद एक ऐसी योजनाएं बनाई हैं, जिससे महिलाओं को सम्मान, सुरक्षा और समृद्धि का जीवन मिलेगा.

   नई दिल्ली /शौर्यपथ / दीवाली से पहले सुप्रीम  कोर्ट  ने एक अहम फैसला सुनाया है.इसके तहत देशभर में पटाखों पर बैन मामले पर 2018 का सुप्रीम कोर्ट का फैसला बरकरार रहेगा. इस दीवाली भी पटाखों पर बैन जारी रहेगा. दिल्ली/NCR को छोड़कर देश में ग्रीन पटाखों की इजाजत रहेगी. वहीं, पटाखों में बेरियम के इस्तेमाल पर रोक रहेगी. वाईंट पटाखे यानी लड़ियों, रॉकेट आदि पटाखों पर बैन बरकरार रहेगा.
दिल्ली सरकार का पटाखों पर लगाया बैन जारी रहेगा
   सुप्रीम कोर्ट ने एक बार फिर दोहराया कि बेरियम को पटाखों में बतौर केमकिल इस्तेमाल की इजाज़त नहीं दी जा सकती. पटाखा निर्माता कम्पनियों ने कोर्ट से इसकी मांग थी. कोर्ट ने ये भी साफ किया कि लड़ी जैसे जॉइंट क्रेकर्स के निर्माण और इस्तेमाल की इजाज़त नहीं दी जा सकती. कोर्ट को इस फैसले के बाद दिल्ली सरकार का पटाखों पर लगाया गया पूरी तरह से बैन जारी रहेगा. सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि देशभर की एजेंसिया सुप्रीम कोर्ट के आदेशों का पालन करें.
ग्रीन क्रैकर से हानिकारक पदार्थो को हटाकर इस्तेमाल की इजाज़त
   जस्टिस ए एस बोपन्ना और जस्टिस एम एम सुंदरेश की बेंच ने पटाखा निर्माताओं की बैन हटाने की याचिका पर फैसला सुनाया है.इसके साथ ही देशभर में पटाखों पर बैन लगाने की मांग वाली याचिका पर सुप्रीम कोर्ट ने फैसला सुनाया गया है. सुप्रीम कोर्ट को इस बात का भी फैसला करना था कि पहले जो ग्रीन क्रैकर चलाने की इजाजत का पुराना फैसला है उसे बरकरार रखा जाए या ग्रीन क्रेकर मे अभी भी इस्तेमाल हो रहे हानिकारक पदार्थो को हटाकर इसकी इजाजत दी जाए.
हालांकि, सुनवाई के दौरान सुप्रीम कोर्ट ने राज्य सरकारों द्वारा पटाखे चलाने पर लगाए गए बैन मे दखल देने से इन्कार कर दिया था.
दिल्ली सरकार द्वारा पटाखे पर बैन के खिलाफ मनोज तिवारी की अर्जी
    दिल्ली सरकार द्वारा पटाखे पर लगाए गए बैन के खिलाफ दाखिल बीजेपी सांसद मनोज तिवारी की अर्जी को ठुकराते हुए सुप्रीम कोर्ट ने कहा था कि आप जश्न मनाने के दूसरे तरीके ढ़ूंढ सकते हैं. अगर आप पटाखे चलाना ही चाहते हैं तो ऐसे राज्य मे जाइए जहां पटाखे चलाने पर बैन ना लगा हो.
पटाखों पर पूर्ण प्रतिबंध नहीं लगा सकते: कोर्ट
     4 सितंबर को देश में ग्रीन क्रेकर को मंजूरी दी जाए या नहीं,  इस मामले पर सुप्रीम कोर्ट ने सुनवाई पूरी की फैसला सुरक्षित रख लिया था. कोर्ट पहले ही कह चुका है कि पटाखों पर पूर्ण प्रतिबंध नहीं लगा सकते. ऐसे मे जिन जगहों पर प्रदूषण का स्तर ठीक नहीं है वहां पटाखों का इस्तेमाल न हो.
जहां प्रदूषण का स्तर ठीक हो वहां पटाखों के इस्तेमाल
    जिन जगहों पर प्रदूषण का स्तर ठीक हो वहां पर पटाखों के इस्तेमाल किया जा सके लेकिन हानिकारक पदार्थों के द्वारा उनका निर्माण न किया गया हो.  इसके लिए सरकार और एजेंसी का मैकेनिज्म चुस्त दुरुस्त हो. हालाकि कोर्ट ने य़ह भी स्पष्ट कर दिया कि जिन राज्यों ने पटाखों पर पूर्ण प्रतिबंध लगा रखा है उसमे कोर्ट कोई भी हस्तक्षेप नहीं करेगा.

    नई दिल्ली /शौर्यपथ /मैरिटल रेप को अपराध के दायरे में लाने वाली याचिकाओं पर सुप्रीम कोर्ट अक्टूबर के मध्य में सुनवाई करेगा. हालांकि अदालत ने इसके लिए कोई तारीख नहीं दी है. याचिकाकर्ता की तरफ से इंदिरा जयसिंह और करुणा नंदी ने सुप्रीम कोर्ट से जल्द सुनवाई की मांग की. इस पर CJI डीवाई चंद्रचूड़ ने कहा कि हम इसके लिए सुनवाई करने पर विचार करेंगे. ये तीन जज पीठ का मामला है इस पर हम अक्तूबर के मध्य में सुनवाई करेंगे. इससे पहले सुप्रीम कोर्ट ने केंद्र को 15 फरवरी तक इस मामले पर जवाब दाखिल करने के लिए कहा था.  
   कोर्ट ने सभी पक्षों से तीन मार्च तक लिखित दलीलें दाखिल करने को कहा है. मामले पर सुनवाई के दौरान केंद्र की तरफ से सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता ने कहा कि इस मामले का बड़ा असर होगा. हमने कुछ महीने पहले सभी हितधारकों से विचार मांगे थे अब हम इस मामले में जवाब दाखिल करना चाहते हैं.इस मामले पर आज CJI डी वाई चंद्रचूड़, जस्टिस पीएस नरसिम्हा और जस्टिस जे बी पारदीवाला की बेंच ने सुनवाई की.
    दरअसल पिछले साल 16 सितंबर को मैरिटल रेप अपराध है या नहीं, इस पर सुप्रीम कोर्ट परीक्षण करने को तैयार हो गया था. अदालत ने केंद्र को नोटिस जारी कर जवाब मांगा था. 11 मई 2022 को दिल्ली हाईकोर्ट के 2 जजों ने अलग-अलग फैसला दिया था. दरअसल, भारतीय कानून में मैरिटल रेप कानूनी अपराध नहीं है. हालांकि, इसे अपराध घोषित करने की मांग को लेकर कई संगठनों की ओर से लंबे वक्त से मांग की जा रही है. सुप्रीम कोर्ट  में मैरिटल रेप को अपराध घोषित करने की मांग की गई है.
    दरअसल 11  मई को मैरिटल रेप अपराध है या नहीं, इस पर दिल्ली हाईकोर्ट की दो जजों की बेंच का बंटा हुआ फैसला सामने आया था. सुनवाई के दौरान दोनों जजों की राय एक मत नहीं दिखी.  इसी के चलते दोनों जजों ने इस मामले को सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई के लिए प्रस्तावित किया था. सुनवाई के दौरान जहां पीठ की अध्यक्षता करने वाले जस्टिस  राजीव शकधर ने मैरिटल रेप अपवाद को रद्द करने का समर्थन किया था. वहीं जस्टिस सी हरिशंकर ने कहा था कि IPC के तहत अपवाद असंवैधानिक नहीं है और एक समझदार अंतर पर आधारित है.

   नई दिल्‍ली/शौर्यपथ /कांग्रेस नेता राहुल गांधी  ने शुक्रवार को महिला आरक्षण बिल को लेकर केंद्र सरकार को घेरने की कोशिश की है. राहुल गांधी ने एक प्रेस कॉन्‍फ्रेंस में महिला आरक्षण बिल में दो खामियां गिनाईं और कहा कि महिला आरक्षण बिल अभी लागू किया जा सकता है, लेकिन सरकार ऐसा नहीं चाहती है. उन्‍होंने कहा कि बिल में दो चीजें संबंधित पाई गईं, जिनमें एक की महिला आरक्षण से पहले जनगणना और दूसरा परिसीमन करना होगा और इन दोनों को करने के लिए कई साल लगेंगे. उन्‍होंने कहा कि भाजपा को जनगणना और परिसीमन को हटाकर महिलाओं को भागीदारी देनी चाहिए.
      राहुल गांधी ने कहा, "राहुल गांधी ने कहा कि सदन में महिला आरक्षण बिल लाया गया. बिल में दो चीजें संबंधित पाई गईं, जिनमें एक महिला आरक्षण से पहले जनगणना होगी और दूसरा परिसीमन करना होगा और इन दोनों को करने के लिए कई साल लगेंगे. महिला आरक्षण आज किया जा सकता है, लेकिन सरकार यह करना नहीं चाहती है. सच्चाई यह है कि यह आज से 10 साल के बाद लागू होगा. डाइवर्जन ओबीसी सेंसस से हो रहा है, मैंने संसद में सिर्फ एक संगठन की बात की, जो हिंदुस्तान की सरकार को चलाता है कैबिनेट सचिव और बाकी के सभी सचिव, इसे लेकर मैंने एक सवाल किया था. अगर प्रधानमंत्री इतना काम कर रहे हैं तो 90 लोगों में से सिर्फ 3 लोग ओबीसी समुदाय से क्यों हैं. ओबीसी अफसर हिंदुस्तान के 5% बजट को कंट्रोल करते हैं. प्रधानंमत्री हर रोज ओबीसी की बात करते हैं, लेकिन उन्होंने ओबीसी के लिए किया क्या?"  
      राहुल गांधी ने कहा, "क्या हिंदुस्तान में ओबीसी की आबादी 5 प्रतिशत है? अगर नहीं हैं तो ओबीसी हिंदुस्तान में कितने हैं और है उन्हें भागीदारी मिलनी चाहिए. भाजपा को जनगणना और परिसीमन को हटाकर महिलाओं को भागीदारी देनी चाहिए. जनगणना का लेकर हमने जो डाटा निकाला था उसे सार्वजनिक कर दें, जिससे सभी को पता चल जाए कि ओबीसी कितने हैं और नई जनगणना जाति के आधार पर करें."
बता दें कि राहुल गांधी ने संसद के विशेष सत्र के दौरान लोकसभा में महिला आरक्षण बिल (नारी शक्ति वंदन विधेयक) पर चर्चा के दौरान ओबीसी को भी इस बिल में शामिल करने की मांग की थी. उन्‍होंने कहा था कि ओबीसी आरक्षण के बिना महिला आरक्षण बिल अधूरा है. साथ ही कहा था कि मेरे विचार से यह विधेयक आज ही लागू किया जा सकता है, लेकिन इसे आगे बढ़ने के मकसद से तैयार नहीं किया गया है.

 ब्यूटी टिप्स /शौर्यपथ  चावल और दूध एक ऐसे इंग्रीडिएंट्स हैं जो खाने और फेस को निखारने के भी काम आते हैं. इसमें पाए जाने वाले गुण स्किन को ग्लोइंग बनाने और स्क्रबिंग के काम आते हैं. लेकिन इन्हें फेस पर अप्लाई करना कैसे है इसी के बारे में आज हम आपको बताएंगे आर्टिकल में ताकि आप अपने चेहरे पर नैचुरल ग्लोपा सकें.
दूध और चावल फेस पैक
   आपको 03 चम्मच चावल आटे में दूध मिलाकर पेस्ट तैयार कर लेना है, फिर फेस पर अप्लाई करना है. अब आपको इस पेस्ट को आधे घंटे के लिए लगाकर रखना है. फिर चेहरे को साफ पानी से धो लेना है. इस पैक को आप सप्ताह में 4 बार लगाएं.
इस पैक  को लगाने से आपकी स्किन पर जमी गंदगी निकलआएगी और चेहरा अच्छे से मॉइश्चराइज होगा. यह आपकी स्किन को अंदर से निखारेगा. आपको बता दें कि कच्चे दूध में विटामिन ए होता है जो चेहरे से पिंपल के दाग-धब्बे  हल्के करने और झाईयां कम करने में मदद करता है.

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