June 04, 2025
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शौर्यपथ

शौर्यपथ

  ब्यूटी टिप्स /शौर्यपथ /बालों की देखरेख सही तरह से ना की जाए या बालों में पोषण की कमी हो जाए तो एक नहीं बल्कि बालों से जुड़ी कई दिक्कतें परेशान करने लगती हैं. कभी बाल जरूरत से ज्यादा झड़ना शुरू हो जाते हैं तो कभी बालों का पतलापन चिंता की वजह बन जाता है. वहीं, बालों पर चमक ना हो और बाल चिपचिपे हों तो भी देखने में अच्छे नहीं लगते. अगर आपकी दिक्कतें भी इसी तरह की हैं तो आपको जरूरत है प्याज का रस  लगाकर देखने की. प्याज का रस बालों को एक नहीं बल्कि कई फायदे देता है. जानिए इस रस को लगाने का तरीका और फायदों के बारे में.
बाल बढ़ाने के लिए प्याज का रस  
    प्याज के रस में ऐसे कई एंटी-ऑक्सीडेंट्स होते हैं जो हेयर ग्रोथ को प्रोमोट करते हैं. हाई सल्फर होने के चलते इसमें हेयर फॉलिकल्स बेहतर होते हैं. इसके अलावा, समय से पहले सफेद होते बालों की दिक्कत प्याज में मौजूद एंटी-ऑक्सीडेंट्स से दूर होती है. प्याज का रस बालों को घना और मजबूत बनाने के लिए लगाया जा सकता है.
ऐसे लगाएं बालों पर प्याज का रस
   बालों पर प्याज का रस लगाने के लिए एक से दो प्याज लें और छिलका हटाकर इसे घिस लें. प्याज घिसने के बाद इसे मुट्ठी में लेकर या फिर किसी मलमल के कपड़े में बांधकर निचौड़ें और कटोरी में रस निकाल लें. बस तैयार है इस्तेमाल के लिए ताजा प्याज का रस.
     प्याज का रस बालों पर लगाने का सबसे आसान तरीका है कि आप इसे जस का तस ही बालों पर लगा लें. इसे बालों पर सिर धोने से आधा घंटा पहले लगाएं और फिर बाल धो लें. प्याज का रस आप उंगलियों से भी लगा सकते हैं या फिर रूई से भी इसे लगाया जा सकता है.
    प्याज का रस नारियल तेल के साथ मिलाकर भी लगाया जा सकता है. इससे प्याज का तेल तैयार हो जाता है. यह तेल बालों को बढ़ाने में असरदार है. तेल तैयार करने का सबसे आसान तरीका है कि आप प्याज को छोटे टुकड़े में काटें. एक कटोरी में नारियल का तेल लेकर आंच पर चढ़ाएं. इस तेल में कटे हुए प्याज डालकर पकाएं. जब प्याज पक जाएं तो आंच बंद कर दें. अब इसे ठंडा करके शीशी में भरकर रख लें. बस तैयार है आपका प्याज का तेल . इस तेल को सिर धोने से आधा घंटा पहले लगाकर रखा जा सकता है.

   ब्यूटी टिप्स /शौर्यपथ / रसोई की एक नहीं बल्कि ऐसी कई चीजें हैं जिनका इस्तेमाल स्किन केयर में होने लगा है. इन्हीं में से एक चीज का जिक्र हम यहां कर रहे हैं. यह चीज कुछ और नहीं बल्कि चावल का आटा है. चावल के आटे से आपने स्वादिष्ट पकवान बनाकर तो खूब खाए होंगे अब इसे चेहरे पर लगाना भी सीख लीजिए. चावल के आटे में ऐसे कई गुण होते हैं जो स्किन को फायदे देते हैं. यह एंटी-ऑक्सीडेंट्स, एंटीमाइक्रोबियल और एंटी-इंफ्लेमेटरी गुणों से भरपूर होता है. इससे स्किन एक्सफोलिएट होती है, चेहरे पर निखार आता है, चेहरा बेहतर तरह से क्लेंज होता है और डेड स्किन सेल्स हटती हैं सो अलग. जानिए किस-किस तरह से चेहरे पर लगा सकते हैं चावल का आटा.
चावल के आटे का फेस पैक |
दूध के साथ
   चावल के आटे और दूध को मिलाकर कमाल का फेस पैक तैयार किया जा सकता है. इसे चेहरे के अलावा हाथ-पैरों पर भी इस्तेमाल कर सकते हैं. फेस पैक बनाने के लिए 2 चम्मच चावल के आटे में जरूरत के अनुसार दूध मिलाकर पेस्ट तैयार करें. इस पेस्ट को चेहरे पर 15 से 20 मिनट लगाए रखने के बाद धोकर हटा लें. चेहरा धो लेने के बाद मॉइश्चराइजर लगाना ना भूलें. स्किन पर निखार नजर आने लगेगा.
अंडे के साथ
    चेहरे पर झुर्रियां और फाइन लाइंस नजर आती हैं तो चावल के आटे और अंडे की सफेदी को साथ मिलाकर फेस पैक बना लें. इस फेस पैक से स्किन को एंटी-एजिंग गुण भी मिलते हैं. एक चम्मच चावल के आटे में 2 अंडे की सफेदी मिलाएं और मोटा पेस्ट बना लें. इसे चेहरे पर कुछ देर लगाकर रखने बाद धोकर हटा लें.
एलोवेरा के साथ
    डेड स्किन सेल्स हटाने के लिए चेहरे पर इस फेस पैक को लगाया जा सकता है. यह फेस पैक तैयार करना बेहद आसान है. इसके लिए 2 चम्मच एलोवेरा में एक चम्मच भरकर चावल का आटा मिलाएं और पेस्ट तैयार कर लें. इसे चेहरे पर 20 मिनट लगाकर रखने के बाद धो लें. चेहरे पर चमक और निखार  दिखने लगेगा. यह फेस पैक बेजान त्वचा में भी चमक ले आता है.
टमाटर के साथ
    स्किन पर अगर दाग-धब्बे नजर आते हैं तो इस फेस पैक को बनाकर लगा लीजिए. फेस पैक बनाने के लिए बराबर मात्रा में चावल का आटा और गेंहू का आटा मिलाएं. अब टमाटर का रस मिलाकर पेस्ट बनाएं. फेस पैक गाढ़ा हो तो इसमें पानी मिला लें. इसे चेहरे पर 15 मिनट लगाकर रखने के बाद धोएं. स्किन चमक जाती है.

   ब्यूटी टिप्स /शौर्यपथ /चेहरे पर चमक सभी को अच्छी लगती है लेकिन यह चमक चिपचिपाहट में बदल जाए तो इससे छुटकारा पाने के तरीके भी ढूंढने पड़ते हैं. जरूरत से ज्यादा चिपचिहाट की वजह सीबम का अत्यधिक प्रोडक्शन है. ऐसे में ऑयली स्किन की दिक्कत दूर करने में कुछ घरेलू उपाय काम आ सकते हैं. इन नुस्खों को आजमाकर आपकी त्वचा से भी चिकनाहट कम होगी और निखार  नजर आएगा. साथ ही, रोजमर्रा में कुछ बातों का ख्याल रखकर ऑयली स्किन से निपटा जा सकता है.
ऑयली स्किन के घरेलू उपाय |
टमाटर का रस
 टमाटर का रस ऑयली स्किन की दिक्कतों को कम करने में कमाल का असर दिखाता है. टमाटर का रस   निकालें और इसमें थोड़ा खीरे का रस मिला लें. इसे चेहरे पर लगाएं और 15 मिनट बाद धोकर हटा लें. हफ्ते में एक से दो बार इस नुस्खे को आजमाकर देखें. यह स्किन की ऑयलीनेस यानी चिपचिपाहट को कम करता है और चेहरे को ग्लो देने में असरदार है.
दूध लगाकर देखें
 हफ्ते में 2 बार दूध के इस्तेमाल से भी चेहरे की चिकनाहट कम होने में असर नजर आ सकता है. कटोरी में दूध लें और इसमें रूई डुबोकर चेहरे पर मलें. कुछ देर लगाकर रखने के बाद चेहरा धोकर साफ कर लें. ध्यान रहे आपको कच्चे दूध का इस्तेमाल करना है. कच्चे दूध से ऑयली स्किन से एक्सेस ऑयल हटता है.
ये टिप्स भी आएंगे काम
   ऑयली स्किन को मैनेज करने के लिए और भी कुछ टिप्स आजमाए जा सकते हैं. जैसे, रोजाना स्किन को सही तरह से क्लेंज किया जाए तो ऑयली स्किन की दिक्कत कम होती है. ध्यान रहे कि आप चेहरा दिन में 2 से 3 बार से ज्यादा ना धोएं. इससे सीबम का प्रोडक्शन बढ़ सकता है और स्किन ज्यादा ऑयली होने लगती है.
    चाहे स्किन ऑयली क्यों ना नजर आए मॉइश्चराइजर जरूर लगाएं. आप लाइट वॉटर बेस्ड मॉइश्चराइजर लगा सकते हैं.
    स्किन को स्क्रब करने पर चिपचिपाहट से छुटकारा मिल सकता है. ध्यान रहे आप उन्हीं प्रोडक्ट्स का इस्तेमाल करें जो ऑयली स्किन के लिए बने हों.
    स्किन का ऑयल कंट्रोल हो सके इसलिए शरीर को हाइ़ड्रेटेड रखें और पानी पीते रहें. इससे फर्क नजर आ सकता है.
    ब्लोटिंग पेपर से आप हल्के हाथों से थपथपी देकर चेहरे से ऑयल कम कर सकते हैं.

 सेहत टिप्स /शौर्यपथ /यह कहना गलत नहीं होगा कि मोटापा  आज के समय में सबसे बड़ी समस्या बन गई है. खास तौर पर युवाओं में ये परेशानी का सबसे बड़ा कारण है. बढ़ते वजन से वे लगातार परेशान है. वेट लॉस के लिए कोई एक्सरसाइज का सहारा ले रहा तो कोई डाइटिंग  को सही मान रहा. इससे अक्सर हमारी सेहत पर बुरा असर पड़ता है. वजन घटाने के लिए एक्सरसाइज एक अच्छी सलाह है, लेकिन अगर आप लंबे समय से एक्सरसाइज कर रहे हैं और आपको उसका परिणाम नहीं मिल रहा तो यह आयुर्वेदिक पाउडर आपके लिए है. मोरिंगा आयुर्वेदिक पाउडर के सेवन से कुछ ही दिनों में आपको असर देखने को मिलेगा और आपकी बढ़ी हुई चर्बी बिल्कुल गायब हो जाएगी.
ऐसे करें मोरिंगा का सेवन |
चाय
आप मोरिंगा पाउडर का काढ़ा बनाकर चाय की तरह सेवन कर सकते हैं. इसमें कैफीन नहीं होता इसलिए ये लाभदायक है.
पाउडर
आप मोरिंगा पाउडर को स्मूथ, दही या शेक में मिला सकते हैं. ज्यादातर लोग इसी तरीके से मोरिंगा पाउडर को लेना पसंद करते हैं.
कैप्सूल
आपको बाजार में मोरिंगा पाउडर का कैप्सूल भी मिल जाएगा. कैप्सूल का लेना बहुत आसान है इसे पानी के साथ निगला जा सकता है. कई महिलाएं वजन घटाने के लिए मोरिंगा कैप्सूल का सेवन करती हैं. ध्यान रखें कैप्सूल की सही खुराक ही लें.
वजन घटाने के लिए मोरिंगा पाउडर है असरदार |
    मोरिंगा की पत्तियों में क्लोरोजेनिक एसिड और एंटीऑक्सीडेंट भरपूर मात्रा में पाए जाते हैं जो वजन घटाने में मदद करते हैं.
    ये फैट बर्नर के रूप में काम करता है और ब्लड शुगर के लेवल को कंट्रोल में रखता है.
    मोरिंगा पाउडर को किसी और सप्लीमेंट के साथ मिलाकर लिया जाए तो ये वजन घटाने में और भी अच्छा काम करता है.
    इसे ड्रमस्टिक भी कहा जाता है. वजन घटाने के लिए आप इसके पाउडर को गुनगुने पानी में मिलाकर पी सकते हैं.

   सेहत /शौर्यपथ /सुबह उठने के बाद हम पहला मील जो भी खाते हैं वो हमारे पूरे दिन के लिए शरीर को एनर्जी देता है. वहीं ये मील हेल्दी होना भी जरूरी है. ऐसे में अगर आप सुबह उठकर धनिए के पानी पीते हैं तो आपकी सेहत के लिए बेहद फायदेमंद हो सकता है. धनिये के बीज में मिनरल्स और एंटीऑक्सीडेंट पाए जाते हैं जो आपकी हेल्थ को बेहतर बनाए रखने में मदद कर सकता है. यह एक हर्बल ड्रिंक है जो आपके डाइजेशन में सुधार करता है और सूजन को कम कर के ब्लड शुगर को कंट्रोल करने के लिए जाना जाता है. इसके अलावा यह स्किन हेल्थ में भी सुधार कर सकता है और आंतों की समस्या को भी कम कर सकता है. आप अपनी डाइट में धनिये के बीज का पानी शामिल कर सकते हैं. तो आइए जानते हैं धनिए का पानी पीने से होने वाले फायदे.
वजन कम करने में
   अगर आप वेट लॉस करना चाहते हैं तो ऐसे में धनिया बीज का पानी आपके लिए रामबाण साबित हो सकता है. इसके लिए आप रात को धनिया के बीजों को पानी में भिगोकर रख दें और सुबह इसको छानकर पानी को हल्का गर्म कर के पिएं. ये आपके डाइजेशन को मजबूत बनाने के साथ, मेटाबॉलिज्म को भी दुरूस्त करने में मदद करेगा. जो आपका वजन कम करने में फायदेमंद साबित हो सकता है.
इम्यून सिस्टम
धनिये के बीज का पानी पीने सेहत के लिए फायदेमंद होता है और आपकी इम्यूनिटी को स्ट्रांग बनाए रखने में भी मदद कर सकता है. धनिए के बीज में मौजूद एंटीऑक्सीडेंट शरीर में फ्री रेडिकल्स की गतिविधि को रोकने और कम करने के लिए एक साथ काम करते हैं. इतना ही नहीं, धनिये के बीज का पानी बीमारियों की रोकथाम में भी मदद कर सकता है.
डाइजेशन
  क्या आप जानते हैं कि धनिये के बीज का पानी पाचन संबंधी समस्याओं के इलाज के लिए प्रसिद्ध हैं क्योंकि उनमें बहुत सारे पाचन गुण पाए जाते हैं. पाचन और अवशोषण में ये एसिड बेहद जरूरी होता है. सुबह धनिए का पानी पीने से मेटाबॉलिज्म बढ़ सकता है और पूरे दिन बेहतर पाचन में मदद मिल सकती है.
डायबिटीज के लिए
   डायबिटीज को कंट्रोल करने के लिए भी सुबह सबसे पहले धनिए के बीज का पानी मदद कर सकता है. धनिये के बीज ब्लज शुगर के लेवल को कम करने में मदद कर सकते हैं. ये उन सभी कोशिकाओं के कार्य को सुचारू करते हैं जो इंसुलिन बनाते हैं और ब्लड शुगर के लेवल को नियंत्रित करने में मदद कर सकते हैं.
बालों के लिए अच्छा है
    धनिये के बीज के पानी में विटामिन के, सी और ए अच्छी मात्रा में पाए जाते हैं. ये बालों की मजबूती और ग्रोथ के लिए भी काफी जरूरी होते हैं. सुबह धनिये का पानी पीने से बालों का झड़ना और टूटना कम हो सकता है. धनिये का पानी बालों को झड़ने से रोकने में मदद कर सकता है.

    व्रत त्यौहार /शौर्यपथ /हिंदू धर्म में मां लक्ष्मी  का विशेष महत्व है. परिवार में सुख- समृद्धि और धन प्राप्ति के लिए लोग मां लक्ष्मी की पूजा अर्चना करते हैं. आज से महालक्ष्मी व्रत का शुभारंभ हो रहा है. ऐसे में लोगों में उत्साह का माहौल बना हुआ है. महालक्ष्मी व्रत 22 सितंबर, शुक्रवार से 6 अक्टूबर, शुक्रवार तक चलेगा. यह व्रत भाद्रपद शुक्ल अष्टमी से आश्विन कृष्ण अष्टमी तक चलता है. यह खास इसलिए भी है क्योंकि इसकी शुरुआत शुक्रवार से हो रही है और शुक्रवार को ही ये इसका समापन भी है. ऐसे में जल्दी से आप व्रत का शुभ मुहूर्त,मंत्र और सही पूजा विधि नोट कर लें ताकि मां लक्ष्मी आपकी भी झोली भरे और आपके परिवार में धन वैभव बना रहे.
महालक्ष्मी व्रत का शुभारंभ
   भाद्रपद शुल्क अष्टमी तिथि का आरंभ 22 सितंबर, शुक्रवार यानी आज दोपहर 1 बजकर 35 मिनट पर होगा और 23 सितंबर, शनिवार यानी कल दोपहर 12 बजकर 17 मिनट पर इसका समापन होगा.
महालक्ष्मी व्रत का समापन
   आश्विन कृष्ण अष्टमी तिथि की शुरुआत 6 अक्टूबर, शुक्रवार को सुबह 6 बजकर 34 मिनट पर होगी और इसका समापन 7 अक्टूबर, शनिवार को सुबह 8 बजकर 8 मिनट पर होगा.
महालक्ष्मी व्रत पूजा का शुभ मुहूर्त
   हिंदू पंचांग के अनुसार महालक्ष्मी व्रत का शुभ मुहूर्त 22 सितंबर 2023 को दोपहर 1 बजकर 35 मिनट से लेकर 23 सितंबर 2023 दिन शनिवार को दोपहर 12 बजकर 17 मिनट तक का है.
महालक्ष्मी व्रत पूजा मंत्र
   अगर महालक्ष्मी की कृपा चाहते हैं और अपने परिवार में सुख शांति समृद्धि के साथ धन वैभव चाहते हैं तो ओम श्रीं ह्रीं क्लीं श्री सिद्ध नमः मंत्र का जाप करें. इससे मां लक्ष्मी की कृपा आपके परिवार पर सदैव बनी रहेगी.
महालक्ष्मी व्रत पूजा विधि
  अगर विधिवत तौर पर मां की पूजा अर्चना की जाए तो मां अपने भक्तों से प्रसन्न होती है की उनकी कृपा हमेशा उनके भक्तों पर बनी रहती है. ऐसे में जरूरी है की पूजा करते समय आप इन बातों का खास खयाल रखें. सबसे पहले मां लक्ष्मी की मूर्ति भगवान गणेश के साथ स्थापित करें. उसके बाद मां के सामने गुलाब, कमल का फूल, साड़ी, सिंदूर, चूड़ी, बिंदी, बिछिया, धूप, दीप, फल अर्पित करें. उसके बाद एक गुलाबी रंग या लाल रंग का धागा लें उसमें 16 गांठें लगा दें और उसकी भी पूजा करें. याद रहे यह चीज आपको 15 दिनों तक करनी है. उसके बाद महालक्ष्मी मंत्र का जाप करें और मनोकामना मांगे. अंतिम दिन मां लक्ष्मी की मूर्ति का विसर्जन कर दें. आप चाहे तो मूर्ति को अपने पूजा घर में स्थापित भी कर सकते हैं.

 आस्था /शौर्यपथ / हिंदू धर्म में भादों का महीना बहुत खास माना जाता है. इस महीने में ऐसे कई त्योहार होते हैं जो लोगों के जीवन में विशेष महत्व रखते हैं. भौम प्रदोष व्रत भी उन्हीं विशेष त्योहारों में से एक है. यह व्रत हर महीने दो बार होता है, यानी 12 महीने में कुल मिलाकर यह व्रत 24 बार होता है. शिव भक्तों के लिए इस व्रत का महत्व जाता होता है. प्रदोष व्रत  में भगवान शिव और माता पार्वती की पूजा अर्चना की जाती है. इससे हमारे जीवन के सभी कष्टों का निवारण होता है. इस साल भाद्रपद महीने का आखिरी प्रदोष व्रत 27 सितंबर, बुधवार को रखा जाएगा. लेकिन कई लोग प्रदोष व्रत की तिथि और शुभ मुहूर्त को लेकर दुविधा में होते हैं तो चलिए आपके कंफ्यूजन को दूर करें.
बुध प्रदोष व्रत की क्या है तिथि |
   इस साल शिव भक्तों के द्वारा भाद्रपद माह का आखिरी प्रदोष व्रत 27 सितंबर 2023, बुधवार को रखा जाएगा. व्रत की शुरुआत 27 सितंबर 2023, बुधवार को प्रातः काल 1 बजकर 47 मिनट पर होगी और रात 10 बजकर 20 मिनट इसका समापन होगा.
पूजा का शुभ मुहूर्त |
   अगर बुध प्रदोष व्रत की पूजा शुभ मुहूर्त पर की जाए तो इसके कई लाभ देखने को मिल सकते हैं. प्रदोष व्रत पूजा का शुभ मुहूर्त 27 सितंबर, बुधवार को शाम 5 बजकर 58 मिनट से लेकर रात 7 बजकर 52 मिनट तक का है. इस बीच भगवान शिव और माता पार्वती की पूजा करना शुभ माना जाता है.
क्या है पूजा सामग्री
 गंगाजल, धूप दीप, पूजा के बर्तन, दही, शुद्ध देसी घी, पांच मिष्ठान, धतूरा, भांग, कपूर, चंदन, रोली, मौली, पांच फल, मेवे ये शिव जी के प्रिय श्रृंगार सामग्री है.
प्रदोष व्रत की पूजा विधि

    सबसे पहले सुबह उठकर स्नान करके साफ- सुथरे कपड़े पहनें.
    भगवान शिव माता पार्वती के लिए आसान तैयार करें और उन्हें उस पर विराजमान करें.
    इसके बाद मंदिर में दीप जलाएं और व्रत लेने का संकल्प लें.
    भगवान का साज श्रृंगार करें और उनके सामने उनकी प्रिय सामग्री और फल चढ़ाएं.
    भोग लगाएं और पुष्प अर्पित करें.
    इसके बाद भगवान शिव माता पार्वती और गणेश भगवान की आराधना करें.
    आखिर में भगवान शिव की आरती करते हुए ओम नमः शिवाय का जाप करें.
    शाम में भी दिया जरूर जलाएं.

   रायपुर/शौर्यपथ /छत्तीसगढ़ सरकार की महत्वाकांक्षी योजना के अंतर्गत बने गौठानों में संचालित किए जा रहे रूरल इंडस्ट्रियल पार्क (रीपा) से ग्रामीणों एवं  महिलाओं की जिन्दगी संवर रही है। रीपा से आत्मनिर्भर बनाने के प्रयास के सकारात्मक और बेहतर परिणाम सामने आने लगे हैं। ग्रामीण और महिलाएं अब खुद हुनरमंद होकर छोटे-छोटे रोजगार के जरिए स्वावलंबी बनने की ओर अग्रसर होने लगे हैं।
    नारायणपुर जिले के ग्राम पंचायत कोलियारी (नेतानार) केे रीपा में वहां की महिलाओं द्वारा तेल मिल प्रोसेसिंग यूनिट स्थापित किया गया है। जिसमें बजरंगी स्व-सहायता समूह की 10 सदस्यों को रीपा से जोड़कर तेल मिल प्रोसेसिंग यूनिट में प्रोसेंसिंग एवं पैकेजिंग संबंधित प्रशिक्षण दिया गया है। प्रशिक्षण के उपरान्त बजरंगी स्व-सहायता के समूह के द्वारा आसपास के किसानों से तिलहन फसल खरीद कर उसे प्रोसेसिंग एवं पैकेजिंग कर बाजार में बड़ी मात्रा में बिक्री किया जा रहा है। तेल की उत्तम गुणवत्ता के कारण दिनों-दिन  इसकी मांग बाजार में बढ़ती जा रही है। समूह द्वारा अब तक 600 लीटर तेल की पैकिंग की जा चुकी है, जिसकी कीमत प्रति लीटर 250 रूपये है। समूह के द्वारा अब तक 1 लाख 50 हजार रूपये तक के तेल की बिक्री की जा चुकी है। पहले समूह के सदस्य माह में एक से 15 सौ रूपये ही कमा पाते थे, लेकिन आज प्रत्येक सदस्य की मासिक आय 6 हजार रूपये तक हो गई है। इस समूह को वर्तमान में लगभग 10 लाख रूपये तक के तेल का आर्डर मिल चुका है। बजरंगी समूह की महिलाओं का कहना है कि तेल प्रोसेसिंग यूनिट कार्य के साथ-साथ हम अपने घर के कृषि कार्य व मनरेगा का भी काम करती हैं। उन्होंने कहा कि इस कार्य को करते हुये हमें बहुत खुशी हो रही है, क्योंकि अच्छी आमदनी प्राप्त होने से परिवार के भरण-पोषण में सहयोग मिल रही है।
   गौरतलब है कि मुख्यमंत्री श्री भूपेश बघेल ने 2 अक्टूबर 2022 गांधी जयंती के दिन महात्मा गांधी रूरल इंडस्ट्रियल पार्क योजना रीपा का शुभारंभ किया था। योजना के अंतर्गत प्रथम चरण में 300 रूरल इंडस्ट्रियल पार्क विकसित किए जा रहे हैं। इन पार्कों के विकास के लिए राज्य सरकार ने 600 करोड़ रुपए का बजट प्रावधान किया है। प्रत्येक रीपा के विकास के लिए दो करोड़ रुपए आबंटित किए गए। योजना के अंतर्गत गौठानों को महात्मा गांधीरूरल इंडस्ट्रियल पार्क से जोड़ने से ग्रामीण क्षेत्रों के परिवारों की आय में वृद्धि हो रही है। ग्रामीणों को आय में वृद्धि करने के नए स्रोत मिल पा रहे है जिससे वे आर्थिक रूप से मजबूत हो रहे हैं। गाँव में उद्यमिता को बढ़ावा मिलने से स्थानीय स्तर पर बड़े पैमाने पर रोजगार सृजन हो रहे हैं, जिससे लोगों को अब रोजी मजदूरी के लिए बाहर नहीं जाना पड़ता।

वर्ष 2022-23 में ही बड़े तादाद में वनांचल के 1503 नालों में भू-जल संवर्धन का हो रहा कार्य
कैम्पा मद से लगभग 27 लाख संरचनाओं का निर्माण प्रगति पर
     रायपुर/शौर्यपथ / छत्तीसगढ़ राज्य प्रतिकरात्मक वनरोपण, निधि प्रबंधन एवं योजना प्राधिकरण (कैम्पा) मद की वार्षिक कार्ययोजना 2022-23 के अंतर्गत ‘नरवा विकास’ कार्यक्रम में राज्य के वनांचल स्थित 01 हजार 503 छोटे-बड़े नालों में 26 लाख 75 हजार 544 भू-जल संवर्धन संबंधी संरचनाओं का निर्माण जारी है। इसके निर्माण के लिए 284 करोड़ 81 लाख रूपए की राशि स्वीकृत है। इससे 2.79 लाख हेक्टेयर भूमि के उपचार का लाभ मिलेगा।
     गौरतलब है कि मुख्यमंत्री श्री भूपेश बघेल की विशेष पहल और वन एवं जलवायु परिवर्तन मंत्री श्री मोहम्मद अकबर के मार्गदर्शन में राज्य के वन क्षेत्रों में भू-जल संरक्षण तथा संवर्धन के लिए बड़े तादाद में जल स्रोतों, नदी-नालों और तालाबों को पुनर्जीवित करने का कार्य लिया गया है। वन मंत्री श्री अकबर ने बताया कि इसके तहत प्रदेश के अंतर्गत 02 राष्ट्रीय उद्यान, 03 टाईगर रिजर्व तथा 01 एलीफेंट रिजर्व सहित 24 जिलों के 32 वन मंडलों के नालों में भू-जल संवर्धन संबंधी संरचनाओं का निर्माण होगा। छत्तीसगढ़ राज्य प्रतिकरात्मक वनरोपण, निधि प्रबंधन एवं योजना प्राधिकरण (कैम्पा) मद से बनने वाली इन जल संग्रहण संरचनाओं से वनांचल में रहने वाले लोगों और वन्य प्राणियों के लिए पेयजल की उपलब्धता सुनिश्चित होगी। साथ ही नाले में पानी का भराव रहने से आस-पास की भूमि में नमी बनी रहेगी। इससे खेती-किसानी में सुविधा के साथ-साथ आय के स्रोत और हरियाली में भी वृद्धि होगी। जिससे वनांचल में उल्लास भर गया हैै।
    इस संबंध में प्रधान मुख्य वन संरक्षक एवं वन बल प्रमुख श्री व्ही. श्रीनिवास राव ने बताया कि नरवा विकास कार्यक्रम के तहत कैम्पा की वार्षिक कार्ययोजना 2022-23 के अंतर्गत गुरू घासीदास राष्ट्रीय उद्यान के 50 नालों में 10 करोड़ की राशि से 87 हजार 351, इन्द्रावती टायगर रिजर्व के अंतर्गत 64 नालों में 13 करोड़ की राशि से 5 हजार 663 तथा कांगेर घाटी राष्ट्रीय उद्यान के 8 नालों में 1.20 करोड़ की राशि से 1 हजार 554 संरचानाओं का निर्माण प्रगति पर है। इसी तरह एलिफेंट रिजर्व तोमर पिंगला के 57 नालों में 11 करोड़ की राशि से 24 हजार 594, अचानकमार टायगर रिजर्व के 46 नालों में 9.31 करोड़ की राशि से 39 हजार 868 तथा उदंती सीतानदी टायगर रिजर्व के 11 नालों में 1.70 करोड़ रूपए से 14 हजार 579 भू-जल संबंधी संरचानाओं का निर्माण प्रगति पर है।
    इसी तरह वन मंडलवार खैरागढ़ के 34, बालोद के 12, राजनांदगांव के 24, कवर्धा के 60 तथा बिलासपुर के 40 नालों में सरंचानाओं का निर्माण होगा। इसके अलावा वनमंडलवार  मरवाही के 86 नालों, कोरबा के 27 नालों, कटघोरा के 30 नालों, रायगढ़ के 41 नालों, धरमजयगढ़ के 22 नालों, जांजगीर-चांपा के 14 और मुंगेली के 22 नालों में संरचनाओं का निर्माण किया जा रहा है। गरियाबंद के 67 नालों, बलौदाबाजार के 28 नालों, धमतरी के 44 नालों, महासमुंद के 40 नालों में संरचानाओं का निर्माण जारी है। इसके अलावा कांकेर के 49 नालों, पूर्व भानुप्रतापपुर के 29 नालों, पश्चिम भानुप्रतापपुर के 37 नालों, केशकाल के 35 नालों, दक्षिण कोण्डागांव के 59 नालों, नारायणपुर के 43 नालों, सुकमा के 32 नालों बस्तर के 56 नालों, बीजापुर के 37 नालों, दंतेवाड़ा के 25 नालों में संरचनाओं का निर्माण होगा। इसी तरह जशपुर के 23 नालों, सरगुजा के 32 नालों, सूरजपुर के 33, बलरामपुर के 51 नालों, कोरिया के 87 नालों तथा मनेन्द्रगढ़ के 48 नालों में संरचानाओं का निर्माण किया जा रहा है।

    रायपुर/शौर्यपथ /दूरस्थ क्षेत्रों के महिलाएं, पशुपालक आज आजीविका से जुड़कर सशक्त हो रही है। उन्हें गांव में ही रोजगार मिलने से महिलाओं ने खुशी जाहिर की। बलरामपुर जिले के वाड्रफनगर और राजपुर में स्व सहायता समूह की महिलाएं डेयरी व्यवसाय से जुड़कर दूध उत्पादन का कार्य कर रही हैं। इसका सीधा लाभ आस पास के सभी पशुपालकों को हो रहा है। रीपा के तहत दूध इकाई स्थापित होने से महिला उघमिता को बढ़ावा मिल रहा है। वर्तमान में दो समूह में महिलाएं मिलकर दूधवाला नाम से डेयरी संचालन कर रही है। महिलाओं ने बताया कि गांव के आस पास के पशुपालकों से दूध खरीदकर दूध तथा दूध से निर्मित खाघ पदार्थों का विक्रय कर रही हैं। महिलाओं और पशुपालकों को बाजार मिलने से उनकी आय मे वृद्धि हो रही है।
समूह की 70 महिलाओं को मिला रोजगार
    योजना के शुरुआती चरण में वाड्रफनगर और राजपुर में दूध संग्रहण केंद्र खोले गए है, जिसमें विभिन्न समूह की 70 महिलाएं दूध संग्रहण और वितरण का कार्य कर रही हैं। समूह की महिलाओं के द्वारा आस-पास के 10 गावों के 76 पशुपालकों से लगभग 152 लीटर दूध की खरीदी नियमित रूप से की जा रही है। समूह की महिलाओं द्वारा नगरीय क्षेत्र के 136 उपभोक्ताओं को प्रतिदिन बिहान मार्ट के द्वारा दूध का विक्रय किया जा रहा है। साथ ही बचे हुए दूध से समूह की महिलाएं विभिन्न प्रकार के मिठाईयां तैयार कर रहीं हैं। इस योजना की शुरुआत से अब तक दोनों केंद्रों के द्वारा लगभग 05 लाख 70 हजार की दूध की खरीदी की गई है, तथा 05 लाख 64 हजार की बिक्री की जा चुकी है। साथ ही बचे हुए दूध से मिठाइयों का निर्माण कर उन्हें बेचकर अतिरिक्त लाभ प्राप्त कर चुकी हैं। सदाबहार समूह की सदस्य श्रीमती मीना बताती है कि महिलाओं को मिलाकर एक उत्पादक समूह का गठन किया गया है, जिसका सदाबहार उत्पादक समूह रखा गया है।

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