August 03, 2025
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शौर्यपथ

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मनोरंजन /शौर्यपथ /राजेश खन्ना   अपने समय में सुपरस्टार कहे जाते थे. वह एक्टर, निर्देशक व निर्माता थे. उन्होंने कई हिट फिल्में दी. फैंस उनकी एक्टिंग, स्माइल और लुक्स पर मरते थे. बाद में वह राजनीति में भी आए.वह  नई दिल्ली लोक सभा सीट से पांच वर्ष 1991-96 तक कांग्रेस पार्टी के सांसद रहे. बाद में उन्होंने राजनीति से सन्यास ले लिया. उन्हें तीन बार फिल्म फेयर समेत कई अवॉर्ड्स मिले. पर्सनल लाइफ की बात करें तो उनका नाम कई एक्ट्रेस से जुड़ा लेकिन उन्होंने लोकप्रिय एक्ट्रेस डिंपल कपाड़िया से शादी की. उनकी दो बेटियां ट्विंकल खन्ना और रिंकी खन्ना हैं.
राजेश खन्ना ने करियर में लगातार 15 हिट फ़िल्में दीं, यह एक रिकॉर्ड है जो आज भी अटूट है. उन्होंने आराधना, इत्तेफाक, दो रास्ते, सफर, कटी पतंग, सच्चा झूठा, आन मिलो सजना, छोटी बहू, आनंद और हाथी मेरे साथी जैसी कई फिल्मों में काम किया. उनका अपनी फिल्म की हीरोइनों के साथ अच्छी केमेस्ट्री थी. हालांकि एक्ट्रेस मुमताज के साथ उनकी जोड़ी काफी पसंद की गई. दोनों ने एक साथ लगभग 10 फिल्मों में काम किया, जिनमें से एक रोटी थी. मुमताज ने एक बार खुलासा किया था कि फिल्म का एक सीन जिसमें राजेश खन्ना को उन्हें उठा कर बर्फ पर चलना था, शूट करने में आठ दिन लगे.
मुंबई मिरर से बात करते हुए मुमताज ने कहा था, "जब हम मनमोहन देसाई की फिल्म रोटी का एक सीन शूट कर रहे थे, तो उन्हें मुझे उठा कर ले जाना था. हर सुबह जब हम शूटिंग शुरू करते थे, तो वह कहते थे, ' ऐ मोटी, चल आजा."
उन्होंने पीटीआई के साथ एक इंटरव्यू में कहा था, 'मुझे बर्फ पर उठा कर ले जाना काफी मेहनत का काम है. उस हफ्ते के हर दिन जब हम शूटिंग शुरू करते थे तो मैं मजाक करती थी कि अब तुम्हें अपने कंधों पर 100 किलो की बोरी उठानी होगी और वह कहते थे कि मैं इतनी भारी नहीं थी. लेकिन मैं कभी भी दुबली-पतली लड़की नहीं थी."
उस जमाने में मुमताज और राजेश खन्ना काफी करीब थे. कहा जाता है कि जब मुमताज ने युगांडा के व्यवसायी मयूर माधवानी से शादी करने का फैसला किया, तो ऐसी खबरें आईं कि राजेश खन्ना फूट-फूट कर रोए थे. कहा जाता है कि राजेश मुमताज के इंडस्ट्री छोड़ने और पति के साथ लंदन में बसने के फैसले से आहत थे. दशकों बाद, पिंकविला के साथ एक इंटरव्यू में एक्ट्रेस ने खुलासा किया कि काका के करीबी लोगों ने उन्हें बताया कि मयूर माधवानी से शादी करने के बाद वह बेहद दुखी थे. मैं तब भारत में नहीं था, लेकिन बाद में उनके करीबी लोगों ने मुझे बताया कि जब मैंने शादी की और भारत छोड़ दिया, तो काका ने कहा, "मैंने अपना दाहिना हाथ खो दिया है.”

    आस्था /शौर्यपथ /ज्योतिष शास्त्र के अनुसार शनि जब भी राशि परिवर्तन   करते हैं या अपनी चाल बदलते हैं तो इसका प्रभाव सभी राशि वालों पर पड़ता है. इस दौरान शनि देव कुछ राशियों को ढैय्या से और कुछ को साढ़ेसाती   से मुक्त करते हैं. जिन राशियों को शनि की साढ़ेसाती और ढैय्या से मुक्ति मिलती है, तो उन्हें कई तरह की परेशानियों से छुटकारा मिल जाता है और उन्हें अपने सभी कामों में सफलता मिलने लगती है. ज्योतिष शास्त्र के अनुसार, नए साल 2023 में 17 जनवरी को शनि देव कुंभ राशि में गोचर करेंगे. जिसके बाद कुछ राशियों की किस्मत खुल सकती है.
धनु राशि
धनु राशि वालों को लम्बे समय के बाद शनि की साढ़ेसाती से मुक्ति मिलेगी. इनके कष्टों का अंत होगा. आर्थिक उन्नति होगी. मानसिक तनाव और रोग से छुटकारा मिलेगा. भाग्य का साथ मिलेगा.
मिथुन राशि
कुंभ में शनि गोचर से मिथुन राशि में शनि ढैय्या का प्रभाव खत्म होगा. इन्हें तनाव से मुक्ति मिलेगी. करियर में अच्छे समय की शुरुआत होगी. इसके अलावा बिजनेस में आर्थिक उन्नति देखने को मिलेगी.
तुला राशि
17 जनवरी को तुला राशि वालों को शनि की ढैय्या से मुक्ति मिलेगी. इनके रुके हुए कार्य अब शुरू होंगे. तनाव कम होगा. मानसिक सुख और शांति मिलेगी. धन और करियर के क्षेत्र में सफलता मिलेगी.
कुंभ राशि
शनि देव कुंभ राशि के स्वामी ग्रह हैं. वे आपकी राशि से लग्न भाव में प्रवेश करने जा रहें हैं. इसलिए इस दौरान आपको आकस्मिक धनलाभ की प्राप्ति हो सकती है. करियर में नए अवसर मिलेंगे.

जबलपुर/शौर्यपथ /मध्य प्रदेश हाईकोर्ट ने आत्महत्या के लिए उकसाने के एक मामले में पुनर्विचार याचिका स्वीकार करते हुए उच्चतम न्यायालय के एक पुराने फैसले का हवाला दिया, जिसमें कहा गया था कि गैर-इरादतन गुस्से में कही गई बातों को उकसावा नहीं कहा जा सकता है.हाईकोर्ट ने इस संबंध में निचली अदालत के एक फैसले को रद्द कर दिया. हाईकोर्ट की एकल पीठ के न्यायाधीश न्यायमूर्ति सुजॉय पॉल ने 16 दिसंबर को एक आदेश पारित करके दामोह जिले में मूरत सिंह नामक व्यक्ति की आत्महत्या से जुड़े दो साल पुराने मामले में निचली अदालत के फैसले को रद्द कर दिया. निचली अदालत ने आवेदकों के खिलाफ भारतीय दंड संहिता की धाराओं 306 (आत्महत्या के लिए उकसाना) और 34 (समान मंशा से कई लोगों द्वारा किया गया कार्य) के तहत आरोप तय कर दिए थे.
न्यायमूर्ति पॉल ने उच्चतम न्यायालय के उस फैसले का संदर्भ दिया, जिसमें कहा गया है, ‘‘आत्महत्या के लिए उकसाने का अपराध, उस व्यक्ति की मंशा पर आधारित होता है जो उकसाता है, ना कि उकसाने वाले व्यक्ति के कदमों व गतिविधियों पर. आत्महत्या के लिए उकसाना, किसी को उकसाने, साजिश या जानबूझकर सहायता करना हो सकता है जैसा कि भारतीय दंड संहिता की धारा 107 में कहा गया है. लेकिन गुस्से में कही गई किसी बात या बिना किसी मंशा से कोई बात नहीं बताने को उकसावा नहीं मान सकते हैं.''
हाई कोर्ट ने अपने आदेश में कहा, ‘‘इस विश्लेषण के मद्देनजर, (निचली) अदालत ने 23.09.2021 के अपने आदेश में भारतीय दंड संहिता की धाराओं 306/34 के तहत आवेदक के खिलाफ आरोप तय करने में गलती की है. परिणामस्वरूप 23.09.2021 के आदेश को रद्द किया जाता है. पुनर्विचार याचिका के लिए अनुमति दी जाती है.''

नई दिल्ली/शौर्यपथ  /इस साल श्रीलंका सात दशकों में अपने सबसे खराब आर्थिक संकट में घिर गया. देश में ईंधन, भोजन और दवाओं की भारी कमी हो गई, जिसके बाद हिंसक विरोध प्रदर्शन हुए, तब भारत ने मदद का हाथ बढ़ाया. भारत ने जनवरी और जुलाई के बीच लगभग 4 बिलियन डॉलर की सहायता की, जिसमें क्रेडिट लाइन, एक मुद्रा स्वैप व्यवस्था और आस्थगित आयात भुगतान शामिल थे. साथ ही इस द्वीप के 22 मिलियन लोगों के लिए आवश्यक दवाएं ले जाने वाला एक युद्धपोत भी भेजा.
सरकार के मंत्री और तीन सूत्रों ने कहा है, "अब, जब श्रीलंका ने अंतर्राष्ट्रीय मुद्रा कोष (IMF) से 2.9 बिलियन डॉलर का ऋण सौदा किया है और इसकी अर्थव्यवस्था स्थिर हो गई है, भारत क्षेत्रीय प्रतिद्वंद्वी चीन के प्रभाव का मुकाबला करने के लिए महत्वाकांक्षी दीर्घकालिक निवेश करने की कोशिश कर रहा है."
श्रीलंका के विदेश मंत्री अली साबरी ने इस महीने एक इंटरव्यू में कहा, "अभी हम जो देख रहे हैं, वह उनसे निवेश है. वे जितना हो सके उतना निवेश करने को तैयार हैं. भारत संभवत: रणनीतिक रूप से अपनी सुरक्षा चिंताओं के कारण इसे देख रहा है."
इस मामले की जानकारी रखने वाले एक सूत्र ने रॉयटर्स को बताया कि हिमालय की सीमा पर चीन के साथ लगातार टकराव के समय क्षेत्रीय सुरक्षा हमेशा भारत के लिए एक फोकस होगी. सूत्र ने कहा, "सुरक्षा चिंताओं के बारे में कोई दो तरीके नहीं हैं, दीर्घकालिक जुड़ाव के संदर्भ में, यह निवेश है, जिस पर ध्यान केंद्रित किया जा रहा है."
कई अधिकारियों ने कहा कि द्वीप के उत्तर में नवीकरणीय ऊर्जा और बिजली परियोजनाओं की स्थापना के लिए भारतीय निवेश की मांग के अलावा, श्रीलंका पूर्वोत्तर में त्रिंकोमाली में बंदरगाह के विस्तार और विकास पर नई दिल्ली के साथ काम करने का भी इच्छुक है. उत्तरी श्रीलंका की भारत से निकटता का लाभ उठाते हुए, ये परियोजनाएं नई दिल्ली को पिछले 15 सालों में निर्मित द्वीप के दक्षिण में चीन की व्यापक बुनियादी ढांचा परियोजनाओं को संतुलित करने में मदद कर सकती हैं. श्रीलंका का तमिल बहुल उत्तर भी दक्षिणी भारत के तमिलनाडु राज्य के साथ जातीय संबंध साझा करता है.
चीन के बारे में चिंता, इस साल भारतीय सहायता का पैमाना, जो अब तक अन्य दाताओं से अधिक है, एशिया को यूरोप से जोड़ने वाले व्यस्त जलमार्गों के साथ अपने दक्षिणी सिरे से कुछ मील की दूरी पर स्थित द्वीप में प्रभाव को कम करने के लिए नई दिल्ली के प्रयासों को रेखांकित करता है.

     नई दिल्ली /शौर्यपथ  /रायटर्स के अनुसार, पूर्व रूसी राष्ट्रपति दिमित्री मेदवेदेव को रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन का कट्टर वफादार माना जाता है. दिमित्री मेदवेदेव ने अगले साल जर्मनी और फ्रांस के बीच युद्ध और संयुक्त राज्य अमेरिका में गृह युद्ध की भविष्यवाणी की है. इसके साथ ही एलन मस्क के अमेरिका के राष्ट्रपति बनने की भी भविष्यवाणी की है.
पुतिन की सलाहकार सुरक्षा परिषद के उप प्रमुख मेदवेदेव चार साल तक रूस के राष्ट्रपति रहे थे. तब पुतिन ने प्रधानमंत्री का पद संभाला था. ऐसा प्रतीत होता है कि क्रेमलिन में उनका भाग्य एक बार फिर उदय हुआ है. क्रेमलिन की तरफ से सोमवार को कहा गया कि दिमित्री मेदवेदेव अब सैन्य मामलों की देखरेख करने वाली संस्था में पुतिन के डिप्टी के रूप में काम करेंगे.
अपने व्यक्तिगत टेलीग्राम और ट्विटर खातों पर प्रकाशित 2023 की भविष्यवाणियों की अपनी सूची में, उन्होंने ब्रिटेन के यूरोपीय संघ में फिर से शामिल होने की भी भविष्यवाणी की है. हालांकि, यह भी कहा है कि इससे ब्रिटेन बर्बाद हो जाएगा. दिमित्री मेदवेदेव ने टेस्ला और ट्विटर के मालिक एलन मस्क के अमेरिका के राष्ट्रपति बनने के दावों पर मस्क ने ट्वीट कर इसे "महाकाव्य" बताया. उन्होंने मेदवेदेव की कुछ भविष्यवाणियों की आलोचना भी की.
मेदवेदेव ने शांति समझौते में यूक्रेन को रूस को सौंपने का प्रस्ताव देने के लिए अतीत में मस्क की प्रशंसा भी की है. रूस के 24 फरवरी को यूक्रेन पर आक्रमण के बाद से, मेदवेदेव ने खुद को पुतिन के कट्टर समर्थक के रूप में फिर से स्थापित किया है. पिछले हफ्ते उन्होंने राष्ट्रपति शी जिनपिंग के साथ विदेश नीति पर बातचीत करते हुए चीन की दुर्लभ विदेश यात्रा की.
राजनीतिक वैज्ञानिक व्लादिमीर पास्तुखोव ने कहा कि मेदवेदेव के नए मुखर सार्वजनिक व्यक्तित्व को उनके बॉस पुतिन का समर्थन मिला है. लंदन के यूनिवर्सिटी कॉलेज लंदन में राजनीति विज्ञान के प्रोफेसर पास्तुखोव ने अपने टेलीग्राम पर लिखा है, "मेदवेदेव के टेलीग्राम पोस्ट को कम से कम एक पाठक मिला है, और वास्तव में एक प्रशंसक. वह हैं पुतिन." साफ है कि इन भविष्यवाणियों को अन्य विश्लेषक बहुत अधिक महत्व नहीं दे रहे.

पेरिस/शौर्यपथ /कई दशकों से आम आदमी की सोच से परे रहे परमाणु युद्ध के डरावने सपने यूक्रेन पर रूस के हमले के साथ ही वापस आ गए हैं. रूस युद्ध के दौरान बैकफुट पर नज़र आने लगा है, और इसी से आशंका प्रबल हुई है कि अब कामयाबी की सूरत देखने के लिए रूस अपने परमाणु हथियारों का सहारा ले सकता है.
संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद के पांच स्थायी सदस्य देश - अमेरिका, रूस, चीन, ब्रिटेन और फ्रांस - ही दुनियाभर में परमाणु शक्तिसंपन्न देशों के रूप में जाने-पहचाने जाते हैं.
NATO के पूर्व उप-महासचिव कैमिले ग्रैंड का कहना है, "यह पहला मौका है, जब किसी परमाणु शक्तिसंपन्न मुल्क ने पारम्परिक युद्ध छेड़ा है..."
समाचार एजेंसी AFP से कैमिले ग्रैंड ने कहा, "कोई यह कल्पना तो कर सकता है कि कोई बुरा देश ऐसा रवैया अपना सकता है, लेकिन यह तो दुनिया की दो सबसे प्रमुख परमाणु शक्तियों में से एक, संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद का सदस्य देश है..." हालांकि उन्होंने यह भी कहा कि हथियारों का असल में इस्तेमाल किया जाना अब भी 'असंभावित' है.
वर्ष 1945 में द्वितीय विश्वयुद्ध के अंत में हिरोशिमा और नागासाकी पर अमेरिकी परमाणु हमले के बाद उभरा नैतिक और रणनीतिक 'टैबू' फिलहाल कायम है, लेकिन बयानबाजी अब काफी तेज़ी पकड़ चुकी है.
यूक्रेन पर हुए हमले के बाद से ही रूसी TV चैनलों पर बार-बार पेरिस या न्यूयॉर्क जैसे पश्चिमी शहरों पर परमाणु हमलों को लेकर चर्चा की गई है. एक पूर्व रूसी राजनयिक ने नाम प्रकाशित नहीं करने की शर्त पर चेताया कि अगर राष्ट्रपति व्लादिमिर पुतिन को रूस के अस्तित्व पर खतरा महसूस हुआ, तो "वह बटन दबा देंगे..."
इस साल हुई घटनाएं समूचे यूरोप के लिए 'आंखें खोल देने वाली' रही हैं, जो कई दशकों तक परमाणु सुरक्षा के मामले में शीत युद्ध से मिल रहे लाभ का आनंद लेता रहा, जबकि अटलांटिक के उस पार अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडेन ने इसी साल अक्टूबर में दुनिया के सिर पर संभावित 'विश्वयुद्ध' का खतरा मंडराने की चेतावनी दी थी.

     नई दिल्ली /शौर्यपथ  /अमेरिका के एरिजोना में एक दुखद घटना में एक महिला सहित भारतीय मूल के तीन नागरिकों की जमी हुई झील में गिरने से मौत हो गई. हादसा 26 दिसंबर को दोपहर तीन बजकर 35 मिनट पर कोकोनीनो काउंटी में वुड्स घाटी झील में हुआ. कोकोनीनो काउंटी के शेरिफ के कार्यालय (सीसीएसओ) ने मंगलवार को एक बयान में बताया, ‘‘झील में गिरकर मरने वाले लोगों की पहचान नारायण मुद्दन (49), गोकुल मेदिसेती (47) और हरिता मुड्डाना के तौर पर हुई है. तीनों एरिजोना के चैंडलर के रहने वाले थे और मूल रूप से भारतीय थे.'' चैंडलर, फीनिक्स का एक उपनगर है.
अधिकारियों ने बताया कि उन्होंने हरिता को बाहर निकाल लिया था, लेकिन उसे बचा नहीं पाए और उसकी मौके पर ही मौत हो गई. तीनों मृतकों के शव बरामद हो गए हैं.
सीसीएसओ के अधिकारियों की ओर से जारी एक बयान के अनुसार, ‘‘दो पुरुषों और एक महिला के जमी हुई झील पर चलने के दौरान बर्फ के टूट जाने से उसमें गिर जाने के बाद क्षेत्र के एक सबस्टेशन पर तैनात कर्मियों को मौके पर बुलाया गया था.'' अमेरिका और कनाडा में 10 लाख से अधिक लोग भीषण सर्दी का सामना कर रहे हैं. क्यूबेक से टेक्सास तक 3,200 किलोमीटर से अधिक क्षेत्र में बर्फीले तूफान का कहर है, जिससे कई लोग परेशानियों से जूझ रहे हैं, तूफान संबंधी घटनाओं में अब तक कम से कम 19 लोगों की मौत हो चुकी है.

नई दिल्‍ली/शौर्यपथ  /प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी शुक्रवार को पश्चिम बंगाल का दौरा करेंगे. वे हावड़ा रेलवे स्टेशन पर सुबह 11:15 बजे वंदे भारत एक्सप्रेस को हरी झंडी दिखाकर रवाना करेंगे. वे यहां मेट्रो प्रोजेक्ट का उद्घाटन करेंगे. विभिन्न विकास परियोजनाओं का शिलान्यास एवं उद्घाटन भी प्रधानमंत्री करेंगे. वे दोपहर 12 बजे आईएनएस नेताजी सुभाष पर नेताजी सुभाष चंद्र बोस की प्रतिमा का माल्यार्पण करेंगे,इसके बाद वे एक्जिबिशन स्थल का दौरा करेंगे. दोपहर 12: 25 बजे से आईएनएस नेताजी सुभाष कांफ्रेंस रूम में गंगा परिषद की बैठक में हिस्सा लेंगे. पश्चिम बंगाल में पीएम मोदी के कुछ घंटे के इस दौरे में सभी सरकारी कार्यक्रम हैं, इस दौरान राजनीतिक कार्यक्रम या जनसभा नहीं होगी.
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बता दें, पश्चिम बंगाल के चुनाव के बाद से पीएम मोदी का कोलकाता का यह पहला दौरा है. 2021 के चुनाव में बीजेपी को 77 विधानसभा सीटें मिली थीं और टीएमसी ने बड़े बहुमत से सत्ता में वापसी की थी. दो साल बाद पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी, राज्य में किसी कार्यक्रम में मोदी के साथ नजर आएंगी. गंगा परिषद की बैठक में ममता हिस्सा लेंगी. इससे पहले विक्टोरिया मेमोरियल पर जनवरी 2021 में नेताजी की 150 जयंती के कार्यक्रम में दोनों साथ आए थे. दो हफ्ते पहले ही गृह मंत्री अमित शाह ने राज्य का दौरा किया था और पार्टी नेताओं से मुलाकात की थी. राज्य में अगले साल की शुरुआत में पंचायत चुनाव होने हैं और बीजेपी कार्यकर्ता इसमें जुटे हैं.

मुंबई/शौर्यपथ  /महाराष्ट्र के पूर्व गृहमंत्री अनिल देशमुख जेल से रिहा हो गये हैं. कुछ ही देर पहले रिहाई के आदेश पर कोर्ट की मुहर लगी थी. बॉम्बे सेशंस कोर्ट से रिलीज मेमो उन्हें मिल गया था. अनिल देशमुख के वकील एड इंद्रपाल सिंह रिहाई आदेश पत्र लेकर मुंबई सत्र न्यायालय से आर्थर रोड जेल पहुंचे थे. जेल से बाहर आने के बाद उन्होंने मीडिया से बात करते हुए कहा कि उन्हें भारत की न्याय व्यवस्था पर पूरा भरोसा है. उन्हें बदले की भावना के तहत फंसाया गया था. अनिल देशमुख  ने कहा कि मुझे दुख है कि एक आरोपी  सचिन वझे के कहने पर जो खुद दो मामलों में जेल में हैं. जो पहले निलंबित रह चुका है उसके कहने पर मुझे एक साल से ज्यादा जेल में रखा गया.
अनिल देशमुख के जेल से बाहर निकलने पर उनका स्वागत करने के लिए एनसीपी के कई बड़े नेता वहां मौजूद थे. अनिल देशमुख के साथ खुली जीप में सुप्रिया सुले भी मौजूद थी. बड़ी संख्या में एनसीपी के कार्यकर्ता वहां पहुंचे थे.  ऐसा बताया जा रहा है कि पहले वो सिद्धि विनायक मंदिर जाएंगे उसके बाद वर्ली के अपने घर पर पहुंचेंगे.
अनिल देशमुख को प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने नवंबर 2021 में गिरफ्तार किया था. एजेंसी ने दावा किया था कि उन्होंने राज्य के गृह मंत्री के रूप में अपने पद का दुरुपयोग किया और कुछ पुलिस अधिकारियों के माध्यम से मुंबई के विभिन्न बारों से 4.70 करोड़ रुपये एकत्र किए थे.
इससे पहले  बंबई उच्च न्यायालय ने केंद्रीय अन्वेषण ब्यूरो (सीबीआई) द्वारा दर्ज भ्रष्टाचार के एक मामले में महाराष्ट्र के पूर्व गृह मंत्री अनिल देशमुख को जमानत देने के आदेश पर रोक बढ़ाने से इनकार कर दिया था. न्यायमूर्ति एम. एस. कार्णिक ने राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (राकांपा) के 73 वर्षीय नेता को 12 दिसंबर को जमानत दी थी, लेकिन सीबीआई ने इसे उच्चतम न्यायालय में चुनौती देने के लिए समय मांगा था और अदालत ने आदेश पर 10 दिन के लिए रोक लगा दी थी.
जांच एजेंसी ने न्यायालय का रुख किया, लेकिन उसकी अपील पर जनवरी 2023 में ही सुनवाई हो सकेगी, क्योंकि अदालत में शीतकालीन अवकाश है.उच्च न्यायालय ने पिछले सप्ताह सीबीआई के अनुरोध पर जमानत आदेश पर रोक को 27 दिसंबर तक बढ़ा दिया था. जांच एजेंसी ने मंगलवार को एक बार और रोक बढ़ाने का अनुरोध किया था.

नई दिल्ली /शौर्यपथ / देश भर में पिछले दो दिनों में भारत आने वाले 39 अंतरराष्ट्रीय हवाई यात्री कोविड पॉजिटिव पाए गए हैं. सूत्रों ने एनडीटीवी को यह जानकारी दी है. इस मामले में केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री मनसुख मंडाविया कल दिल्ली के इंदिरा गांधी अंतर्राष्ट्रीय हवाई अड्डे का दौरा करेंगे और स्थिति का जायजा लेंगे. कोविड संक्रमण में उछाल के बाद नए प्रोटोकॉल के तहत कुल मिलाकर 6000 लोगों की रैंडम जांच की गई.
केंद्रीय स्वस्थ्य मंत्री मनसुख मांडविया कल एयरपोर्ट पर कोरोना की स्थिति का जायजा लेने जाएंगे. कोविड को लेकर मॉकड्रिल करने के पीछे किस अस्पताल में क्या सुविधा है, यह देखना है. सूत्रों के मुताबिक कोविड संक्रमण से देश में मृत्युदर नहीं बढ़ेगी लेकिन केस बढ़ेंगे.
भारत मे अभी तक कोरोना के 220 वेरियंट आ चुके हैं. इंटरनेशन ट्रेवलर्स में से 6000 लोगों के टेस्ट किए गए जिसमें से 39 लोग पॉजिटिव पाए गए. यह टेस्ट दो दिनों में हुए हैं. कोविड के बीएफ 7 स्ट्रेन का आइसोलेशन किया जा चुका है. इस वैरिएंट पर वैक्सीन का असर देखा जा रहा है. संक्रमण की दृष्टि से जनवरी एक महत्वपूर्ण महीना है. अगले हफ्ते छह देशों के लिए एयर सुविधा शुरू होगी. चीन, जापान, दक्षिण कोरिया, सिंगापुर, हांगकांग और थाइलैंड से आने वाले लोगों को RTPCR टेस्ट कराना जरूरी होगा.
चीन में कोविड के मामलों में उछाल के लिए कोरोना वायरस के चार वेरिएंट को जिम्मेदार ठहराया गया है. कोविड का BF.7 वेरिएंट केवल 15 प्रतिशत केस के लिए जिम्मेदार है. बीएन और बीक्यू  सीरीज के वायरस से 50 प्रतिशत संक्रमण फैला है. एसवीवी वेरिएंट से 10-15 प्रतिशत संक्रमण हुआ है. भारत में "हाइब्रिड इम्युनिटी" के कारण संक्रमण का खतरा कम है. वैक्सीन के जरिए हासिल की गई प्रतिरक्षा और तीसरी लहर के कारण हुए प्राकृतिक संक्रमण के कारण आई इम्युनिटी बचाव में मददगार है.

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