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नई दिल्ली/शौर्यपथ /इस वक्त उत्तर भारत के ज्यादातर हिस्सों में कड़ाके की सर्दी पड़ रही है. लेकिन आने वाले कुछ दिनों में सर्दी से राहत मिलने की बात कही जा रही है. मौसम विभाग के वैज्ञानिक आर के जेनामणि ने एनडीटीवी संग बातचीत में कहा कि 29 दिसंबर यानी अगले 48 घंटों में मौसम में काफी सुधार होगा, ठंड भी घटेगी और इसके साथ ही कोहरा भी छटेगा. पिछला तीन दिन ठंड पीक पर थी. चूरू, सीकर में 0 से 2 डिग्री तक तापमान रहा.
29 दिसंबर को जम्मू कश्मीर और हिमाचल में बर्फबारी के दौरान कुछ जगहों पर बादल भी रहेगा, 29 दिसंबर से काफी सुधार होगा. इस मौसम में ठंड का लगातार प्रकोप ज्यादा दिन चला है जो 19 दिसंबर से शुरू हुआ और 28 दिसंबर तक चलेगा क्योंकि वेस्टर्न डिस्टर्बेंस नहीं आया.
फिलहाल आज पंजाब, हरियाणा, पश्चिमी यूपी, उत्तरी राजस्थान के लिए रेड कलर की एडवायजरी जारी की गई है. 10 दिनों से असर काफी ज्यादा, पर अब वेस्टर्न डिस्टर्बेंस आ रहा है तो 48 घंटों में स्थिति सुधरेगी. कोहरा और तापमान दोनों को लेकर सुधार होने के 29 दिसंबर से आसार भी जताए जा रहे हैं. आपको बता दें कि पिछले कुछ दिनों से दिल्ली समेत लगभग पूरे उत्तर भारत में ठंड का कहर देखने को मिल रहा है.
नई दिल्ली /शौर्यपथ /यूपी निकाय चुनाव को लेकर हाई कोर्ट की लखनऊ बेंच ने बड़ा फैसला दिया है. अदालत ने यूपी सरकार को निर्देश दिया है कि इस बार बगैर आरक्षण के निकाय चुनाव करवाए जाएं. अदालत का कहना है कि जब तक सुप्रीम कोर्ट की तरफ से निर्धारित ट्रिपल टेस्ट ना हो तब तक आरक्षण को लागू नहीं किया जाए. हाईकोर्ट ने 2017 के ओबीसी रैपिड सर्वे को नकार दिया है.
हाईकोर्ट ने निकाय चुनावों के लिए 5 दिसंबर को जारी ड्राफ्ट नोटिफिकेशन को भी खारिज किया है. इस फ़ैसले के बाद विपक्षी दलों ने यूपी सरकार को घेरना शुरू कर दिया है. सपा, कांग्रेस ने मांग की है कि बिना आरक्षण निकाय चुनाव न कराए जाएं. डेप्युटी सीएम केशव प्रसाद मौर्य ने हाईकोर्ट के निकाय चुनाव पर फैसले के बाद ट्वीट किया.
उन्होंने लिखा है कि निकाय चुनाव के संबंध में इलाहाबाद हाईकोर्ट के आदेश का विस्तृत अध्ययन कर विधि विशेषज्ञों से परामर्श के बाद सरकार के स्तर पर अंतिम निर्णय लिया जाएगा. जबकि अखिलेश यादव ने इस मसले पर बीजेपी को घेरते हुए लिखा, आज आरक्षण विरोधी बीजेपीनिकाय चुनाव में ओबीसी आरक्षण के विषय पर घड़ियाली सहानुभूति दिखा रही है. आज बीजेपी ने पिछड़ों के आरक्षण का हक़ छीना है,कल वो बाबा साहब द्वारा दिए गये दलितों का आरक्षण भी छीन लेगी. आरक्षण को बचाने की लड़ाई में पिछडों व दलितों से सपा का साथ देने की अपील है.
सेहत टिप्स /शौर्यपथ /चंदन के तेल का इस्तेमाल हमारे देश में काफी समय पहले से होता आ रहा है. आयुर्वेद में भी इस तेल के बारे में बताया गया है. चंदन का पेड़ दुनिया के सबसे महंगे पेड़ों में एक है. इसका इस्तेमाल भारतीय आयुर्वेद के अलावा चाइनीज थेरेपीज में भी किया जाता है. इसके अलावा चंदन का यूज कॉस्मेटिक और दवाओं के रूप में भी खूब हो रहा है. अरोमाथेरेपी के लिए भी इसका इस्तेमाल होता है. चंदन का तेल सेहत के लिए फायदेमंद माना जाता है. इससे कई तरह की बीमारियां चुटकियों में दूर हो जाती हैं. आइए जानते हैं चंदन के तेल के फायदे..
चंदन तेल के जबरदस्त फायदे
1) सूजनकीसमस्या से छुटकारा
हेल्थलाइन के मुताबिक, कई रिसर्च में यह पाया गया है कि चंदन के तेल में एंटी इन्फ्लेटरी गुण होते हैं. ये स्किन पर किसी तरह के सूजन या जलन जैसी समस्या को झट से दूर कर देते हैं. इसका इस्तेमाल सीधे भी किया जा सकता है.
2) तनाव भगाए, आराम दिलाए
रिसर्च के मुताबिक, चंदन के तेल के इस्तेमाल से एंग्जायटी और स्ट्रेस जैसी समस्याओं से भी राहत मिलती है. यह मन को शांत करता है और तनाव में आराम पहुंचाता है.
3) स्किन कैंसर में मददगार
चंदन में कुछ ऐसे कॉम्पोनेंट होते हैं जो स्किन कैंसर वाले सेल्स से लड़ने में मदद करते हैं. इसलिए स्किन कैंसर में चंदन का तेल फायदेमंद माना गया है. इस तेल से स्किन सेल्स हेल्दी रहते हैं और स्किन का टेक्सचर भी अच्छा रहता है.
4) ब्लड प्रेशर करें कंट्रोल
चंदन के तेल में हाइपोटेंशन एजेंट पाए जाते हैं, जिनकी मदद से सिस्टोलिक ब्लडप्रेशर कंट्रोल होते हैं. यही कारण है कि ये हार्ट की बीमारियों में भी फायदा पहुंचाते हैं और हार्ट को मजबूत भी बनाते हैं.
चंदन के तेल का इस्तेमाल कैसे करें?
चंदन के तेल की कुछ बूंदें अपने बॉडी लोशन में डालकर लगाएं..
पानी को उबालें और इसमें कुछ बूंदें चंदन के तेल का डालें. इससे रूम में खुशबू आएगी.
ऑयल इंफ्यूजर की तरह चंदन के तेल का इस्तेमाल कर सकते हैं.
बादाम तेल में चंदन के तेल की कुछ बूंदें डालकर इसे बॉडी ऑयल की तरह इस्तेमाल कर सकते हैं.
खाना खजाना /शौर्यपथ/ ब्रेकफास्ट दिन का सबसे जरूरी मील है. कई लोग ब्रेकफास्ट करना स्किप कर देते हैं क्योंकि, उनके पास समय की कमी होती है जिसमें वो हेल्दी ब्रेकफास्ट नहीं बना सकते हैं. लेकिन आपको बता दें कि ब्रेकफास्ट को स्किप करना अपनी सेहत के साथ खिलवाड़ करने जैसा है. अगर आप भी उन लोगों में से हैं जिन्हें ब्रेकफास्ट में हेल्दी और टेस्टी खाना पसंद हैं तो हम आपको एक ऐसी रेसिपी बता रहे हैं जिसे आसानी से बनाया जा सकता है. थेपला एक गुजराती रेसिपी है जिसे सिर्फ गुजरात ही नहीं बल्कि, देश भर में पसंद किया जाता है. थेपला को आप ब्रेकफास्ट में शामिल कर शरीर को सेहतमंद रख सकते हैं. तो चलिए बिना देर किए जानते हैं रेसिपी.
सामग्री-
बेसन
गेहूं या रागी का आटा
तेल या घी
हरी मिर्च का पेस्ट
चाट मसाला
चीनी
दही
स्वादानुसार नमक
कैसे बनाएं हेल्दी थेपला रेसिपी-
ब्रेकफास्ट में थेपला बनाने के लिए सबसे पहले एक बड़े बाउल में गेहूं का आटा निकाल लें.
फिर गेहूं के आटे में दही, चीनी, नमक, चाट मसाला और तेल डालकर अच्छे से मिलाएं.
रोटी बनाने जैसा आटा तैयार करने के बाद इसे कुछ देर के लिए रेस्ट दें.
अब आटे को छोटे-छोटे टुकड़ों में लेकर रोटी की तरह पतला-पतला बेल लें.
इस रोटियों को हल्के गर्म तवे पर दोनों तरह से अच्छी तरह से सेंक लें.
थेपला को सेंकते हुए आप इस पर घी या तेल जैसे पराठे बनाने में लगते हैं लगा सकते हैं.
थेपला बनकर तैयार है आप इसे चटनी या अचार के साथ सर्व कर सकते हैं.
नोटः अगर आप मेथा थेपला बनाना चाहते हैं तो उबली हुई मेथा को आटे के साथ मिला सकते हैं.
ब्यूटी टिप्स /शौर्यपथ / बालों का झड़ना या गंजापन आम समस्या बनती जा रही है. महिलाओं में भी बालों के तेजी से झड़ने और गंजेपन की समस्या देखी जाने लगी है. आमतौर पर बालों का झड़ना आपको असुरक्षित महसूस कराता है, आपके आत्मविश्वास को भी कमजोर बनाता है. महिला पैटर्न बालों का झड़ना
महिलाओं में गंजेपन का कारण भी बन सकता है. सिर के ऊपरी हिस्से से शुरू होकर इसका असर धीरे-धीरे पूरी स्कैल्प पर नजर आने लगता है जो बाद के दिनों में गंजेपन का कारण बनता है. आइए जानते है कि महिलाओं में बाल झड़ने के क्या कारण होते हैं और बचाव के उपाय क्या हैं.
महिलाओं में क्यों बाल झड़ना आम है?
1) हार्मोन्स
महिलाओं में एण्ड्रोजन नाम के हार्मोन के स्तर में वृद्धि बालों के झड़ने और बालों के पतले होने का कारण बन सकती है.
2) जेनेटिक्स
कई बार बालों के झड़ने का कारण सीधे आप नहीं होते बल्कि ये जेनेटिक्स में होता है. माता-पिता में ये समस्या होने पर बच्चों को भी ये परेशानी हो सकती है. इसके अलावा मां अगर गंभीर रोग से पीड़ित रही हो तो बच्चों को ये समस्या हो सकती है.
3) पोषक तत्वों की कमी
ज्यादातर महिलाओं में आयरन की कमी से होने वाला एनीमिया बाल झड़ने का कारण होता है. एनीमिया की वजह से बाल झड़ते हैं और बालों का विकास कम होता है.
4) उम्र
महिलाओं में उम्र बढ़ने पर यानी मेनोपॉज के बाद बालों का झड़ना बढ़ जाता है क्योंकि एस्ट्रोजन और प्रोजेस्टेरोन का उत्पादन कम होता है, ये हार्मोन बालों के विकास को बढ़ावा देते हैं.
5) स्ट्रेस
स्ट्रेस यानी तनाव से कॉर्टिकोस्टेरोन का स्तर बढ़ जाता है, जिससे स्टेम सेल निष्क्रिय हो जाते हैं जिससे बाल कमजोर होते हैं और टूटते हैं.
बालों को झड़ने से रोकने के उपाय
आप अपने आहार में हेल्दी फूड्स को शामिल करें. ऐसे फूड जो पोषक तत्वों से भरपूर हों. विटामिन सी, आयरन, कैल्शियम और फास्फोरस से भरपूर फूड अपनी डाइट में शामिल करें.
एनीमिया है तो ऐसे फूड्स का सेवन बढ़ाएं जिसमें आयरन अच्छी मात्रा में पाया जाता है. जैसे पालक, खजूर, चुकंदर, चना आदि.
नियमित व्यायाम करें और खूब सारा पानी पीएं.
जरूरत हो तो डॉक्टर की सलाह लें.
खेल /शौर्यपथ /पाकिस्तान की सरकार ने पूर्व क्रिकेटर रमीज राजा को पाकिस्तान क्रिकेट बोर्ड के अध्यक्ष पद से हटाकर देश में अगले चार महीनों तक क्रिकेट का संचालन करने के लिए नजम सेठी की अगुवाई में 14 सदस्यीय पैनल नियुक्त किया है. पाकिस्तान सरकार ने बुधवार देर रात रमीज को बर्खास्त करने के संबंध में अधिसूचना जारी की. यह फैसला पाकिस्तान के इंग्लैंड के हाथों टेस्ट सीरीज में 0-3 से करारी हार के बाद लिया गया. वहीं, रमीज राजा ने नजम सेठी की नियुक्ति को एक 'राजनीतिक' कदम करार दिया है जो क्रिकेट के तर्क को खारिज करता है, अपने यू-ट्यूब चैनल पर रमीज राजा ने अपनी बात रखी है.
रमीज राजा ने कहा, एक व्यक्ति को हटाकर सेठी को नियुक्त करना पड़ा, यह बिल्कुल एक'राजनीतिक' कदम है , उन्हें इसके लिए (पीसीबी का) पूरा संविधान बदलना पड़ा. मैंने ऐसा दुनिया में कहीं नहीं देखा. यह सीजन के बीच में किया गया है, जब टीमें पाकिस्तान का दौरा कर रही हैं. उन्होंने मुख्य चयनकर्ता को बदल दिया है. रात के 2 बजे वह (सेठी) ट्वीट करते हैं कि रमीज राजा चले गए. यह मेरा खेल का मैदान है. यह होना मेरे लिए काफी दुखदायक है.'
पाकिस्तानी पूर्व कप्तान ने अपनी बात आगे रखते हुए कहा, 'इसे ऐसा बनाया गया है जैसे कोई मसीहा (सेठी) आ गया हो, जो पाकिस्तानी क्रिकेट को को नई ऊंचाइयों पर ले जाएगा. हम जानते हैं कि वह क्या कर रहा है. उन्हें किसी भी कीमत पर लाइमलाइट चाहिए. उसका क्रिकेट से कोई लेना-देना नहीं है, और उसने कभी बल्ला नहीं उठाया है. उन्होंने मुझे बीच में ही बदल दिया, सीजन के बीच में वे मिकी आर्थर को ला रहे हैं. सकलैन मुश्ताक का कार्यकाल वैसे भी जनवरी में खत्म हो रहा था. सकलैन ने 50 (49) से अधिक टेस्ट खेले हैं, वह एक महान खिलाड़ी है. यह क्रिकेटरों के साथ व्यवहार करने का कोई तरीका नहीं है.'
बता दें कि राजा जिनके पास तीन साल का अनुबंध था, लेकिन उन्हें पहले 12 महीनों के दौरान बीच में ही पद छोड़ने के लिए कहा गया, पूर्व कप्तान सेठी की नियुक्ति के पीछे कोई क्रिकेट कारण नहीं देखते हैं. इसे बस राजनीति कदम ही करार देते हैं.
इसके साथ-साथ रमीज राजा ने भारतीय क्रिकेट को लेकर भी बात की है. रमीज ने कहा, ' मुझे भारतीय क्रिकेट प्रशंसकों से बहुत सम्मान मिला है. मैंने वर्षों तक भारत में रहते हुए इसका आनंद उठाया है. मुझे क्रिकेटर और कमेटेटर के तौर पर भारत में काफी प्यार मिला है. भारत ने बिना किसी चर्चा के एशिया कप को पाकिस्तान में नहीं करना की बात की, भारत बिना किसी चर्चा के एशिया कप से हट गया जो दर्दनाक था. मैंने पाकिस्तान क्रिकेट बोर्ड के अध्यक्ष के रूप में इस मुद्दे पर कड़ा रुख अपनाया था.'
वहीं दूसरी ओर पाकिस्तान क्रिकेट बोर्ड (पीसीबी) के नये अध्यक्ष नजम सेठी ने सोमवार को यहां कहा कि अगले साल भारत में होने वाले एकदिवसीय विश्व कप के लिए पाकिस्तान टीम भेजने का फैसला सरकार के स्तर पर लिया जाएगा. सेठी के पूर्ववर्ती रमीज राजा ने धमकी दी थी कि अगर भारत एशिया कप के लिए पाकिस्तान नहीं आया तो उनका देश विश्व कप से हटने पर विचार करेगा, सेठी से जब इस धमकी के बारे में पूछा गया तो उन्होंने कहा, ‘‘अगर सरकार कहती है कि भारत मत जाओ तो हम नहीं जायेंगे.'
सेठी ने कराची में संवाददाता सम्मेलन में कहा, ‘‘ जहां तक पाकिस्तान और भारत के क्रिकेट संबंधों का सवाल है तो यह साफ है कि इस पर निर्णय हमेशा सरकार के स्तर पर लिया जाता है.'
आस्था /शौर्यपथ / हनुमान चालीसा में एक स्थान पर 'अष्ट सिद्धि नव निधि के दाता, अस बर दीन जानकी माता' इस चौपाई का जिक्र किया गया है. इस चौपाई में इल बात को बताया गया है कि हनुमान जी ही एक ऐसे देवता हैं जिन्हें आठ सिद्धियां और नौ निधियां प्राप्त करने का वरदान प्राप्त था. पौराणिक मान्यता है कि हनुमानजी को माता जानकी ने 8 सिद्धियां और 9 निधियां प्राप्त करने का वरदान दिया था. जिसके बाद हनुमानजी इन शक्तियों को प्राप्त कर सके. धार्मिक मान्यता है कि जो कोई मंगलवार को हनुमान जी की सच्चे मन से आराधना करता है, वह इन शक्तियों को सिद्ध कर सकता है. इनकी बदौलत मनुष्य संसार की हर चीज को हासिल कर सकता है. बजरंगबली की कृपा से उसके सारे दुख दूर हो जाते हैं. आइए जानते हैं कौन सी हैं अष्ट सिद्धियां जिससे हनुमान जी सर्वशक्तिशाली बने.
हनुमानजी की अष्ट सिद्धियां
अणिमा-अणिमा अर्थात अपने शरीर को अणु से भी छोटा करना. इस सिद्धि की बदौलत हनुमान जी सूक्ष्म रूप धारण कर कहीं भी विचरण कर सकते थे. अपने इसी छोटे रूप के बल पर हनुमान जी ने लंका का निरीक्षण किया था
महिमा - महिमा, अणिमा के विपरीत है. इस सिद्धि के बल पर विशाल रूप धारण किया जा सकता है. हनुमान जी ने एक बार समुद्र पार करते वक्त सुरसा नामक राक्षसी के सामने और दुसरी बार अशोका वाटिका में माता सीता जी के सामने महिमा सिद्धि का उपयोग किया था.
गरिमा- गरीमा सिद्धि से शरीर को असीमित रूप से भारी बनाया जा सकता है. भीम का घमंड तोड़ने के लिए हनुमान जी ने इस सिद्धि का प्रयोग किया था, इस शक्ति से भीम हनुमान जी की पूंछ को टस से मस नहीं कर पाए थे.
लघिमा- इस सिद्धि से हनुमानजी स्वयं का भार बिल्कुल हल्का कर लेते थे जैसे रूई का फाला हो. लघिमा और अणिमा का उपयोग कर हनुमान जी ने अशोक वाटिका में पत्तों पर बैठकर माता सीता को अपना परिचय दिया था.
प्राप्ति- इस सिद्धि के दम पर वह हर चीज प्राप्त की जा सकती है जिसकी आपको इच्छा है. बेजुबान पक्षियों की भाषा समझना, आने वाले वक्त को देख लेना में ये सिद्धि सहायक है.
प्राकाम्य- इस सिद्धि के बल से पृथ्वी से पाताल तक की गहराईयों को नापा जा सकता है. आसमान की ऊंचाईयों पर उड़ सकते हैं. मनचाहे वक्त तक पानी में जीवित रह सकते हैं. इसे प्राप्त करने वाले किसी भी देह को धारण कर सकते हैं. चिरकाल तक युवा रह सकते हैं.
ईशीत्व - इस सिद्धि की मदद से हनुमानजी को दैवीय शक्तियां मिली थी. इसे पाने वाला ईश्वर समान पूजनीय माना जाता है.
वशित्व - अपने नाम स्वरूप इस सिद्धि से किसी को भी वश में किया जा सकता है. इससे पशु, पक्षी, मनुष्य आदि सभी को वश में कर अपने मन मुताबिक कार्य करवाए जा सकते हैं. इस सिद्धि के प्रभाव से हनुमानजी इंद्रियों और मन पर नियंत्रण रखते हैं.
-24 करोड़ 28 लाख के कार्यों का हुआ भूमि पूजन जिससे क्षेत्र के गांव होंगे लाभान्वित
-8 करोड़ 83 लाख के एनीकट निर्माण कार्य का हुआ लोकार्पण, पाटन की खारून नदी पर ओदरागहन क्रमांक 2 में होगा निर्माण कार्य
दुर्ग / शौर्यपथ / आज मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने भूमिपूजन एवं लोकार्पण कार्यक्रम में 9 करोड़ 76 लाख रुपए की लागत से दुर्ग जिले के खारुन नदी पर निपानी एनीकट निर्माण कार्य का भूमिपूजन किया। जिससे लाभान्वित ग्राम निपानी एवं टिपानी क्षेत्रों में भू-जल संवर्धन होगा एवं 235 हेक्टेयर में स्वयं के साधन से सिंचाई सुविधा भी उपलब्ध होगी। इसी क्रम में खारुन नदी में ग्राम कौही के पास 4 करोड़ 86 लाख की लागत से, ग्राम बोरेंदा में 03 करोड़ 93 लाख, ग्राम तर्रीघाट में 3 करोड़ 74 लाख की लागत से तटबंध निर्माण कार्य के भूमिपूजन का कार्य किया गया। जिससे लाभान्वित ग्रामों में भूमि का कटाव रुकेगा। ग्राम उमरपोटी जलाशय योजना के शीर्ष कार्य का जीर्णाेद्धार एवं नहर प्रणाली का रिमॉडलिंग एवं लाइनिंग के कार्य हेतु एक करोड़ 97 लाख राशि स्वीकृत की गई है जिससे कृषकों को 93 हेक्टेयर कृषि भूमि से सिंचाई सुविधा उपलब्ध होगी।
मुख्यमंत्री ने 8 करोड़ 83 लाख के एनीकट निर्माण कार्य का लोकार्पण किया, यह निर्माण कार्य पाटन की खारून नदी पर ओदरागहन क्रमांक 2 में होगा जिससे भू जल संवर्धन एवं निस्तारी में एक व्यापक बदलाव आएगा। आसपास के क्षेत्र के 225 हेक्टेयर भूमि में सिंचाई की सुविधा स्वयं के साधन से उपलब्ध होगी।
मुख्यमंत्री ने इस अवसर पर क्षेत्र के किसानों को बधाई दी और अपने कदम समृद्धि और विकास की ओर बढ़ाने के लिए कहा। उन्होंने कहा क्षेत्र में सिंचाई का विस्तार होने से कृषि में व्यापक पैमाने पर बदलाव देखने को मिलेगा। छत्तीसगढ़ में वर्तमान और भविष्य दोनों कृषि का है और कृषि में सहभागिता देने वाले कृषक हमेशा अग्रणी रहेंगे।
दुर्ग / शौर्यपथ / ग्राम सुरपा बेल्हरी में सतनाम धर्म के प्रणेता संत गुरु घासीदास बाबा की जयंती कार्यक्रम में मुख्यमंत्री भूपेश बघेल शामिल हुए । मुख्यमंत्री ने उन्हें समाज में एकता, भाईचारे और समरसता के संदेश के साथ साथ समाज के लोगों को संगठित करने में अपना विशेष योगदान देने वाला बताया। इस अवसर पर उन्होंने गुरु घासीदास बाबा का स्मरण करते हुए जीवन की दिशा सकारात्मक रखने की सलाह दी।उन्होंने देश के संविधान का उदाहरण दिया जिसमें समानता पर बल दिया गया है। उन्होंने कहा कि संविधान में लिखें समानता के अधिकार गुरु घासीदास बाबा के शब्दों में भी परिलक्षित होते थे। उन्होंने पंथी का जिक्र किया, जिसमें लिखे सभी उपदेश छत्तीसगढ़ी में है। उन्होंने कहा कि इससे पता चलता है कि बाबा ने छत्तीसगढ़ में वृहद स्तर पर कार्य किया है और इसके गौरव को भी बढ़ाया है।
इस अवसर पर उन्होंने उपस्थित जनों को संबोधित करते हुए बताया कि 31 मार्च तक राजीव गांधी किसान न्याय योजना की चौथी किश्त किसानों को दे दी जाएगी। उन्होंने कहा शासन विद्या के मंदिर को बेहतर से बेहतर बनाने की दिशा में कार्य कर रहा है। शासन जीर्णाेद्धार किए गए स्कूलों में गोबर के पेंट से रंग रोगन का कार्य करेगी। मुख्यमंत्री ने स्पष्ट किया कि क्षेत्रवासियों के जीवन में सकारात्मक परिवर्तन के लिए छत्तीसगढ़ शासन कार्य कर रही है। हमारे राज्य के किसान , युवा एवं नागरिक समृद्ध हो इसके लिए वैकल्पिक दिशा की ओर भी बेहतर से बेहतर कदम उठाए जा रहे हैं ताकि चारों दिशा में समावेशी विकास किया जा सके।
रायपुर / शौर्यपथ / राज्यपाल सुश्री अनुसुईया उइके ने आज राजभवन में वीर बाल दिवस के अवसर पर प्रदेश के साहसी वीर बालक और बालिकाओं को सम्मानित किया। इस दौरान राज्यपाल ने सम्मानित चार बहादुर बालक-बालिकाओं को स्वेच्छा अनुदान मद से आर्थिक सहायता राशि प्रदाय करने की बात कही। उल्लेखनीय है कि छत्तीसगढ़ सिविल सोसायटी के तत्वाधान में वीर बाल दिवस कार्यक्रम का आयोजन राजभवन में किया गया था। इस अवसर पर राज्यपाल के विधिक सलाहकार श्री राजेश श्रीवास्तव भी उपस्थित थे।
राज्यपाल ने अपने संक्षिप्त उद्बोधन में गुरू गोविन्द सिंह तथा उनके बलिदानी साहिबजादों को नमन किया। उन्होंने कहा कि सिक्खों के दसवें गुरू गोविन्द सिंह जी के साहिबजादे जोरावर सिंह और फतेहसिंह जी के द्वारा 26 दिसंबर को सिक्ख धर्म के गौरव की रक्षा के लिए क्रमशः 09 और 06 वर्ष की आयु में अपना सर्वाेच्च बलिदान दिया गया। गुरू गोविंद सिंह के पुत्र जुझार सिंह और अजित सिंह ने भी धर्म की रक्षा में अपनी शहादत दी थी। राज्यपाल सुश्री उइके ने कहा कि प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी जी ने सिक्ख समुदाय के गौरवमयी इतिहास से भावी पीढ़ी को अवगत कराने के उद्देश्य से वीर बाल दिवस मनाने की सराहनीय पहल की है। इस अवसर पर राज्यपाल ने बहादुर बच्चों सुश्री उन्नति शर्मा, सुश्री जम्बावती भूआर्य, मास्टर दुर्गेश सोनकर और सीताराम यादव के साहस और सूझबूझ की प्रशंसा की। राज्यपाल ने कहा कि बच्चों ने संकटग्रस्त समय में परिजनों तथा मित्रों की सहायता के लिए अपने शौर्य का परिचय दिया है। उन्होंने कहा कि बच्चों के वीरता भरे कार्यों के लिए सदैव स्नेह एवं प्रोत्साहन मिलना चाहिए ताकि अन्य बच्चे भी उनसे प्रेरित हो। राज्यपाल ने सिविल सेवा सोसायटी की पुरस्कार के माध्यम से बच्चों के उत्साहवर्धन करने की पहल की सराहना की।
सिविल सोसायटी के सदस्य डॉ. पूर्णेन्दु सक्सेना ने इस अवसर पर अपना संबोधन दिया। साथ ही सदस्य डॉ. कुलदीप सोलंकी ने सिविल सोसायटी के स्थापना के उद्देश्य और गतिविधियों के संबंध में राज्यपाल को अवगत कराया। इस अवसर पर अल्पसंख्यक आयोग के पूर्व अध्यक्ष श्री सुरेन्द्र सिंह केम्बो ने भी सम्बोधित किया।
उल्लेखनीय है कि छत्तीसगढ़ सिविल सोसायटी द्वारा गुरू गोविन्द सिंह के साहिबजादों के बलिदानी दिवस को वीर बाल दिवस के रूप में मनाये जाने के संबंध में प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी तथा केन्द्र सरकार के साथ सतत् पत्राचार किया। फलस्वरूप सिक्ख समुदाय के सम्मान स्वरूप वीर बाल दिवस मनाये जाने की घोषणा की गई थी।
वीर बाल दिवस पर सम्मानित बच्चों के साहस को मिली सराहना
आज वीर बाल दिवस के अवसर पर राजभवन में सम्मानित हुए चार बच्चों ने जो साहसिक कार्य किए हैं, वो अत्यंत प्रेरणादायी है। राज्यपाल ने बच्चों के साहसिक कार्य की सराहना की। इन चार बच्चों में से एक रायपुर के टिकरापारा की रहने वाली 12 वर्षीय उन्नति शर्मा के मामा के घर में आग लग गई थी। आग लगने के दौरान उसका छोटा भाई घर पर था, उन्नति ने समझदारी दिखाते हुए घर में विद्युत आपूर्ति बंद कर दी और अपने भाई को सुरक्षित बाहर निकाल लिया। इसी प्रकार दुर्ग के 11 वर्षीय दुर्गेश सोनकर ने साहस का परिचय देते हुए हमलावरों से अपने तीन छोटे भाई-बहनों की जान बचाई। साथ ही निडरता के साथ पुलिस का सहयोग कर अपने परिजनों के हमलावरों को सजा दिलाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई।
साहस का परिचय देती हुई ऐसी ही घटना जिला-बेमेतरा के खमरिया क्षेत्र में हुई, जहां बालिका ज्योति पटेल और रागिनी पटेल नदी में बह गई थी, तभी बालक सीताराम यादव बालिकाओं को बचाने के लिए नदी में कूद गया। सीताराम यादव ने अपने सूझबूझ और साहस से रागिनी को बाहर निकाल लिया और उसकी जान बचाई। दुर्भाग्यवश ज्योति की जान नहीं बचाई जा सकी।
इसी प्रकार कांकेर जिले के भानुप्रतापपुर की रहने वाली जम्बावती भूआर्य और उसकी छोटी बहन पैर फिसल जाने के कारण नदी में गिर गई। इसी दौरान जम्बावती ने एक हाथ से अपनी छोटी बहन को और दूसरे हाथ से झाड़ियों को पकड़े रखा। फलस्वरूप दोनों बहनों को आसपास के लोगों ने नदी से सुरक्षित बाहर निकाल लिया।