August 03, 2025
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शौर्यपथ

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नई दिल्ली/शौर्यपथ  /उत्तर भारत में कड़ाके की ठंड शुरू हो गई है. उत्तर भारत के कई राज्यों जम्मू-कश्मीर,पंजाब, हरियाणा, दिल्ली, उत्तर प्रदेश में घना कोहरा छाया हुआ है. कोहरे की वजह से सड़क, रेल, हवाई यातायात बुरी तरह से प्रभावित हुई है. कई जगहों पर विजिबिलिटी 100 मीटर या उससे भी कम दर्ज की गई है. साथ ही तापमान में तेज़ी से गिरावट आई है. आज सुबह कई शहरों में पारा 5 डिग्री के नीचे दर्ज किया गया. इंदिरा गांधी अंतरराष्ट्रीय हवाईअड्डा मंगलवार सुबह कोहरे की मोटी परत से ढका रहा. विमान में चढ़ते समय एक यात्री द्वारा शेयर किए गए वीडियो में हवाई जहाज को घने कोहरे में देखा जा सकता है. वीडियो में दृश्यता केवल कुछ मीटर तक ही दिख रही है.
दिल्ली हवाईअड्डे की ओर से भी सुबह 4.30 बजे कोहरे को लेकर ट्वीट किया गया, जिसमें यात्रियों को कम दृश्यता प्रक्रियाओं को लागू करने के बारे में बताया गया. ट्वीट में कहा गया है, "दिल्ली हवाईअड्डे पर कम दृश्यता की प्रक्रिया चल रही है. फिलहाल सभी उड़ानें सामान्य हैं. यात्रियों से अनुरोध है कि वे अद्यतन उड़ान जानकारी के लिए संबंधित एयरलाइन से संपर्क करें."
भारत मौसम विज्ञान विभाग के अनुसार सुबह साढ़े पांच बजे दिल्ली के सफदरजंग इलाके में दृश्यता 50 मीटर दर्ज की गई. सैटेलाइट तस्वीरों में पंजाब, हरियाणा, चंडीगढ़, दिल्ली, उत्तरी राजस्थान और उत्तर प्रदेश में घना से लेकर बहुत घना कोहरा दिखा.
राष्ट्रीय राजधानी में मंगलवार की सुबह सड़कों पर भी कोहरे की चादर छाई हुई दिखाई दी. आईएमडी के अनुसार, दृश्यता 0 और 50 मीटर के बीच ‘बहुत घना', 51 और 200 ‘घना', 201 और 500 ‘मध्यम' और 501 और 1,000 ‘हल्का' कोहरा होता है. आईएमडी ने कल अगले पांच दिनों के दौरान उत्तर-पश्चिम भारत के मैदानी इलाकों में घना से बहुत घना कोहरा का पूर्वानुमान किया है.
मौसम विभाग ने एक बयान में कहा था, ‘‘ सिंधु-गंगा के मैदानी इलाकों में निचले क्षोभमंडलीय स्तरों पर नमी और मंद गति की हवाओं के कारण, पंजाब, हरियाणा, चंडीगढ़, दिल्ली, हिमाचल प्रदेश और उत्तर प्रदेश में रात/सुबह के दौरान कई/कुछ इलाकों में अगले तीन दिन के दौरान घना जबकि चौथे और पांचवें दिन बहुत अधिक घना कोहरा छाए रहने की संभावना है. '
आईएमडी ने इस संबंध में एक परामर्श भी जारी किया था, जिसमें कहा गया है कि राजमार्गों पर वाहनों के चालन की कठिन परिस्थितियां, दुर्घटनाएं होने की आशंका और कुछ बिजली लाइन की ट्रिपिंग भी संभव है.

   नई दिल्ली/शौर्यपथ /आज संसद के सत्र में कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकाअर्जुन खरगे के बयान पर संसद में जमकर हंगामा हो रहा है. बीजेपी कांग्रेस अध्यक्ष के बयान पर उनसे माफी की मांग कर रही है. हालांकि मल्लिकाअर्जुन खरगे ने अपने बयान पर माफी मांगने से साफ इंकार करते हुए कहा कि मैं अभी भी अपने बयान पर कायम हूं. बीते दिन ही कांग्रेस के दिग्गज नेता मल्लिकार्जुन खरगे ने आजादी में बीजेपी की भूमिका पर एक बयान दिया था, जो कि अब विवादों में आ गया. नेता प्रतिपक्ष और कांग्रेस नेता खरगे ने कहा कि उन्होंने जो कहा सदन के बाहर कहा.
इसके बावजूद सत्ता पक्ष के सांसद लगातार हंगामा कर रहे थे. वो माफी की मांग कर रहे थे. हंगामे की वजह से लोकसभा की कार्यवाही 11.30 तक स्थगित कर दी गई. केंद्रीय मंत्री पीयूष गोयल ने खरगे की भाषा अभद्र बताया. अलवर के मालाखेड़ा में सोमवार को हुई जनसभा में कांग्रेस के दिग्गज नेता खरगे ने कहा कि 'हमने (कांग्रेस पार्टी) ने देश को आजादी दिलाई और देश की एकता के लिए इंदिरा और राजीव गांधी ने अपनी जान की कुर्बानी दी. उन्होंने बीजेपी से सवाल करते हुए कहा कि हमारे पार्टी के नेताओं ने अपनी जान दी, आपने क्या किया?  आपके घर में कोई देश के लिए कुत्ता तक मरा है? क्या(किसी ने) कोई कुर्बानी दी है?'.
इसी के साथ उन्होंने कहा कि बीजेपी अपने आप को बहुत देशभक्त बताती है और हम जब कुछ भी बोलें तो हमें देशद्रोही करार कर देती है. उन्होंने कहा कि वर्तमान में ऐसी ही स्थिति है, देश का हाल यही हो रहा है. इस दौरान वह बीजेपी पर जमकर बरसे. उनके इसी बयान पर संसद को दोनों सदनों में जमकर हंगामा हो रहा है. एक तरफ जहां बीजेपी खरगे के मुद्दे पर विपक्ष पर हमलावर हो रही है. वहीं संसद की अब तक की कार्यवाही में विपक्ष चीन के मुद्दे पर बहस को लेकर सरकार को घेरने में लगी है, जिससे सरकार बचती नजर आ रही है.
केंद्रीय संसदीय मामलों के मंत्री प्रह्लाद जोशी ने कहा कि कांग्रेस के अध्यक्ष ने जिस तरह की भाषा अलवर में प्रयोग की, मैं उसकी घोर निंदा करता हूं. यह ओरिजिनल कांग्रेस नहीं है यह गलत कहते हैं कि आजादी की लड़ाई में केवल कांग्रेस थी आजादी के बाद गांधी जी ने खुद कहा था कि कांग्रेस को खत्म कर देना चाहिए. ये कांग्रेस असली कांग्रेस नही है ये इटेलियन कांग्रेस है, ये रबर स्टैम्प अध्यक्ष है जो नकली नेता है, उनका बयान गंदी सोच को दिखाता हैं. हम उनके बयान की निंदा करते हैं. सबको पता है कि कांग्रेस ने सुभाष चंद्र बोस और तिलक जैसे नेताओं के साथ कैसे व्यवहार किया है.

नई दिल्ली/शौर्यपथ  /भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, सुप्रीम कोर्ट, भारत के प्रधान न्यायाधीश, केंद्रीय निर्वाचन आयोग के बारे में फेक न्यूज़ फैलाने वाले एक यूट्यूब चैनल के बारे में प्रेस इन्फॉर्मेशन ब्यूरो   के फैक्टचेक ट्विटर हैंडल पर सूचना दी गई है.
माइक्रो-ब्लागिंग वेबसाइट ट्विटर पर @PIBFactCheck ने मंगलवार को कुछ ट्वीट किए, जिनमें बताया गया है कि 'न्यूज़ हेडलाइन्स' नामक यूट्यूब चैनल के पास लगभग 10 लाख सब्सक्राइबर हैं, और उनके द्वारा पोस्ट किए गए सभी वीडियो को अब तक 32 करोड़ बार देखा जा चुका है, लेकिन इस चैनल पर भारतीय PM, भारत के सर्वोच्च न्यायालय, भारत के CJI तथा केंद्रीय चुनाव आयोग के बारे में Fake News फैलाई जा रही है.
इस यूट्यूब चैनल के बारे में PIB फैक्ट चेक द्वारा पोस्ट किए गए एक और ट्वीट में ऐसी ही एक फर्ज़ी ख़बर का ज़िक्र है, जिसके मुताबिक भारत के प्रधानमंत्री ने इस्तीफा दे दिया, और देशभर में राष्ट्रपति शासन लागू हो गया है. 'न्यूज़ हेडलाइन्स' चैनल पर यह फर्ज़ी ख़बर एक साल पहले अपलोड की गई थी, और इसे भी 20,000 से ज़्यादा बार देखा जा चुका है.
PIB ने मंगलवार को ही एक और यूट्यूब चैनल 'सरकारी अपडेट' पर भी लगभग सारा कॉन्टेन्ट फर्ज़ी होने का दावा किया, जिसके पास 22.6 लाख से ज़्यादा सब्सक्राइबर हैं. PIB के अनुसार, इस चैनल पर भारत सरकार की विभिन्न योजनाओं को लेकर फर्ज़ी ख़बरें चलाई जा रही हैं.
PIB फैक्ट चेक ने इसके अलावा एक और यूट्यूब चैनल को लेकर भी फर्ज़ी होने की बात कही है, जिसके लगभग 65,000 सब्सक्राइबर हैं. इस चैनल पर जानी-मानी हस्तियों की मौत के झूठे दावे किए जाते हैं, तथा सरकारी फ़ैसलों को लेकर फर्ज़ी ख़बरें प्रकाशित की जाती हैं.

वाशिंगटन/शौर्यपथ  /अमेरिका के पूर्व राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप की मुश्किलें कम होने का नाम नहीं ले रही हैं. अब यूएस कैपिटल हमले की जांच करने वाली कांग्रेस कमेटी ने सोमवार को सिफारिश की कि पूर्व राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प के खिलाफ आपराधिक आरोप दायर किए जाएं. हाउस पैनल ने सर्वसम्मति से न्याय विभाग से विद्रोह को उकसाने, आधिकारिक कार्यवाही में बाधा डालने, अमेरिकी सरकार को धोखा देने की साजिश रचने और झूठे बयान देने के लिए ट्रंप पर कार्रवाई करने का आग्रह किया है.
प्रतिनिधि जेमी रस्किन ने हाउस पैनल के निष्कर्षों को रेखांकित करते हुए कहा, "समिति ने महत्वपूर्ण सबूत विकसित किए हैं कि राष्ट्रपति ने हमारे संविधान के तहत सत्ता के शांतिपूर्ण बदलाव को बाधित करने का इरादा रखा था." जनवरी 2021 को अमेरिकी संसद कैपिटल हिल में ट्रंप समर्थक घुस गए थे, जिसके बाद वहां हिंसा हो गई. इस हिंसा में कई लोग मारे गए थे जबकि बहुत से लोग घायल हुए थे.

बीजिंग/शौर्यपथ  /कोविड -19 प्रतिबंधों में ढील के बाद, चीन में कोरोनोवायरस के मामलों में भारी वृद्धि देखने को मिल रही है. महामारी विशेषज्ञ और स्वास्थ्य अर्थशास्त्री एरिक फीगल-डिंग ने बताया कि चीन में अस्पताल पूरी तरह से चरमरा गए हैं. महामारी विज्ञानी ने ये भी अनुमान जताया है कि अगले 90 दिनों में चीन के 60 प्रतिशत से अधिक और पृथ्वी की 10 प्रतिशत आबादी के संक्रमित होने और लाखों लोगों की मृत्यु होने की आशंका है.
वॉल स्ट्रीट जर्नल ने रिपोर्ट किया है कि कोविड-19 रोगियों के लिए बीजिंग के नामित श्मशान घाटों में से एक हाल के दिनों में शवों से भर गया है, क्योंकि वायरस चीनी राजधानी में फैल गया है. फीगल-डिंग के अनुसार, चीनी कम्युनिस्ट पार्टी   का लक्ष्य है "जिसे भी संक्रमित होने की जरूरत है, संक्रमित होने दें, जिसे मरने की जरूरत है, उसे मरने दें. अधिकारियों ने 19 और 23 नवंबर के बीच चार मौतों की घोषणा के बाद से चीन ने बीजिंग में किसी भी कोविड से मौत की सूचना नहीं दी है.
चीन के कैबिनेट के सूचना कार्यालय, स्टेट काउंसिल ने शुक्रवार देर रात टिप्पणी के लिए भेजे गए अनुरोध का तुरंत जवाब नहीं दिया. डब्लूएसजे की रिपोर्ट के अनुसार, परिसर में काम करने वाले लोगों के अनुसार, चीनी राजधानी के पूर्वी छोर पर बीजिंग डोंगजियाओ श्मशान घाट में दाह संस्कार और अन्य अंत्येष्टि सेवाओं के अनुरोधों में बड़ा उछाल आया है. शुक्रवार को श्मशान घाट पर फोन पर बात करने वाली एक महिला ने कहा, "कोविड के बाद से हम पर काम का बोझ बढ़ गया है.
"महिला ने कहा कि डोंगजियाओ श्मशान, जो बीजिंग नगरपालिका द्वारा संचालित है और यहां इतने शव आने लगे कि यह तड़के और आधी रात में दाह संस्कार किया गया "इसके सिवा कोई और रास्ता नहीं है,"  उसने अनुमान लगाया कि एक सामान्य दिन में 30 या 40 शवों से लगभग 200 शव श्मशान में प्रतिदिन पहुंचते थे. उन्होंने कहा कि बढ़े हुए कार्यभार ने श्मशान के कर्मचारियों पर कर लगा दिया है, जिनमें से कई हाल के दिनों में तेजी से फैलने वाले वायरस से संक्रमित हो गए हैं.
डब्ल्यूएसजे की रिपोर्ट के अनुसार परिसर में काम करने वाले पुरुष, जिसमें एक अंतिम संस्कार हॉल के अलावा दफन पोशाक, फूल, ताबूत, कलश और अन्य अंत्येष्टि वस्तुओं की बिक्री करने वाली दुकानों का एक छोटा परिसर शामिल है. उन्होंने कहा कि लाशों की संख्या हाल के दिनों में स्पष्ट रूप से बढ़ी है. इस मौजूदा भयावता का अंदाजा लगाया जा सकता है. बीजिंग में अस्पतालों, अंतिम संस्कार पार्लरों और संबंधित अंतिम संस्कार उद्योग के एक सर्वेक्षण के माध्यम से - मौतों में तेज वृद्धि के कारण अंतिम संस्कार सेवाओं में हाल ही में भयंकर विस्फोट हुआ है.
महामारी विशेषज्ञ के मुताबिक, बीजिंग में दाह संस्कार नॉनस्टॉप हो रहे हैं और मुर्दाघर ओवरलोडेड हैं. लोग इबुप्रोफेन खरीदने के लिए एक दवा कारखाने में पहुंच गए. एक ने कहा कि, आम तौर पर, पूरे दिन की लाशों का अंतिम संस्कार दोपहर तक किया जाएगा. लेकिन शवों की संख्या में हालिया वृद्धि का मतलब है कि रात होने के बाद अब दाह संस्कार किया जा रहा है. चीन ने पिछले दिनों ही कड़े लॉकडाउन, परीक्षण और क्वारंटाइन को हटा दिया था.
अब आलम ये है कि चीन के कोरोनावायरस उछाल के पैमाने को मापना कठिन हो गया है. डब्ल्यूएसजे ने रिपोर्ट किया कि इस महीने की शुरुआत में, बीजिंग आपातकालीन चिकित्सा केंद्र ने केवल गंभीर रूप से बीमार रोगियों को एंबुलेंस के लिए कॉल करने का आग्रह किया, यह कहते हुए कि आपातकालीन अनुरोध लगभग 5,000 के औसत से प्रति दिन 30,000 तक बढ़ गए थे, जिसके जवाब देने के लिए पैरामेडिक्स की क्षमता पर दबाव डाला.

वाशिंगटन/शौर्यपथ  /अमेरिका के एक शीर्ष अधिकारी ने कहा कि उनके देश के भारत और पाकिस्तान से बहुआयामी संबंध हैं तथा वह दोनों देशों के लोगों की बेहतरी के लिए उनके बीच सार्थक संवाद चाहता है न कि ‘‘वाकयुद्ध''. गौरतलब है कि भारत और पाकिस्तान के बीच संबंध कश्मीर मुद्दे और पाकिस्तान से आतंकवादी खतरे को लेकर तनावपूर्ण रहे हैं.
अमेरिका के विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता नेड प्राइस से जब पाकिस्तानी विदेश मंत्री बिलावल भुट्टो जरदारी द्वारा न्यूयॉर्क में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के खिलाफ हाल में की गयी टिप्पणी के बारे में पूछा गया तो उन्होंने सोमवार को अपने दैनिक संवाददाता सम्मेलन में पत्रकारों से कहा, ‘‘ हमारी भारत के साथ वैश्विक सामरिक साझेदारी है. मैंने, हमारे पाकिस्तान के साथ गहरे संबंध के बारे में भी बात की है. इन संबंधों का मतलब किसी एक का फायदा या दूसरे का नुकसान नहीं है. हम इन्हें एक-दूसरे से जोड़कर नहीं देखते.''
उन्होंने कहा कि दोनों संबंध भारत और पाकिस्तान के साथ हमारे साझा लक्ष्यों को बढ़ावा देने के लिए अत्यावश्यक हैं. प्राइस ने कहा, ‘‘असल बात यह है कि दोनों देशों के साथ हमारी भागीदारी है और हम भारत तथा पाकिस्तान के बीच वाकयुद्ध नहीं देखना चाहते हैं. हम भारत और पाकिस्तान के बीच सार्थक संवाद देखना चाहते हैं. हमें लगता है कि यह पाकिस्तानी और भारतीय लोगों की बेहतरी के लिए जरूरी है. हम द्विपक्षीय रूप से एक साथ काफी कुछ कर सकते हैं.''
उन्होंने कहा, ‘‘भारत और पाकिस्तान के बीच कुछ मतभेद हैं जिन्हें निश्चित तौर पर दूर करने की जरूरत है. अमेरिका एक साझेदार के रूप में दोनों की मदद करने के लिए तैयार है.''
पाकिस्तान के विदेश मंत्री बिलावल भुट्टो ने प्रधानमंत्री मोदी के खिलाफ निजी टिप्पणी और राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के बारे में टिप्पणी भारत के विदेश मंत्री एस. जयशंकर द्वारा संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद की बैठक में आतंकवाद को समर्थन देने को लेकर पाकिस्तान पर तीखा हमला करने के बाद की थी.
विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता ने कहा, ‘‘ हमने भारत के साथ अपनी वैश्विक सामरिक साझेदारी को मजबूत किया है, हमारा ऐसा रिश्ता भी है जिसमें हम एक-दूसरे से खुलकर बात कर सकते हैं. हमारे बीच असहमति या चिंता हो सकती है, हम उनसे ऐसे ही बात करते हैं जैसे कि हम अपने पाकिस्तानी मित्रों से करते हैं.''
एक अन्य सवाल के जवाब में प्राइस ने कहा कि जब प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन से कहा था कि ‘यह युद्ध का युग नहीं है' तो दुनियाभर के देशों ने इस बयान का स्वागत किया था.
उन्होंने कहा, ‘‘यह महत्वपूर्ण है क्योंकि भारत के रूस से ऐसे संबंध हैं जो अमेरिका के नहीं हैं. मैं कहना चाहूंगा कि दशकों तक रूस ने भारत को वैसा भागीदार बनाने के लिए काम किया है, जैसा कि उस समय अमेरिका ने नहीं किया। जाहिर तौर पर हाल के दशकों में यह बदला है.''

    नई दिल्ली /शौर्यपथ /महाराष्ट्र के अमरावती के फार्मासिस्ट उमेश कोल्हे हत्याकांड में NIA का बड़ा खुलासा हुआ है. सभी आरोपी तबलीगी जमात से जुड़े हुए हैं.  राष्ट्रीय जांच एजेंसी NIA ने अमरावती में उमेश कोल्हे हत्याकांड में बॉम्बे सत्र न्यायालय की विशेष एनआईए अदालत में चार्जशीट दायर की है. इस चार्जशीट में एनआईए ने दावा किया है कि उमेश कोल्हे की हत्या तबलीगी जमात के कट्टरपंथी इस्लामवादियों द्वारा पैगंबर मोहम्मद के कथित अपमान का बदला लेने के लिए की गई थी. अमरावती के फार्मासिस्ट उमेश कोल्हे ने बीजेपी की पूर्व प्रवक्ता नुपुर शर्मा के समर्थन में सोशल मीडिया पोस्ट शेयर किया था. एनआईए ने यहां अदालत में दायर चार्जशीट (तबलीगी जमात द्वारा पैगंबर के अपमान का बदला) में कहा है कि पैगंबर मोहम्मद के कथित अपमान का बदला लेने के लिए तबलीगी जमात के कट्टरपंथी इस्लामवादियों ने उमेश कोल्हे की हत्या कर दी थी. एनआईए ने इस मामले में 11 आरोपियों की गिरफ्तार किया है.
इससे पहले एनआईए ने कहा था कि आरोपियों ने लोगों में आतंक फैलाने के मकसद से 21 जून, 2022 को अमरावती के घंटाघर इलाके में उमेश की बेरहमी से हत्या कर दी थी.
     केंद्रीय गृह मंत्रालय के निर्देश पर एनआईए ने भारतीय दंड संहिता की धारा 120 (आपराधिक साजिश), 302 (हत्या), 153-ए (धर्म, नस्ल, जन्म स्थान और भाषा आदि के आधार पर विभिन्न समूहों के बीच शत्रुता को बढ़ावा देना) समेत अन्य धाराओं के तहत दो जुलाई को मामला दर्ज किया था.

   नई दिल्ली /शौर्यपथ /18 दिसंबर को गरवारे क्लब हाउस ने छठी मंजिल की छत पर सदस्यों के लिए विश्व कप फुटबॉल मैच के प्रसारण का कार्यक्रम रखा था.  उस समय क्लब के अवनीश राठौड़ अपनी पत्नी और बेटे के साथ वहां आए थे और 3 साल का  बेटा हृदयांश भी साथ था. वह एक और लड़के के साथ छठी मंजिल से पांचवीं मंजिल तक बाथरूम गया. जब वह पांचवीं मंजिल की सीढ़ियों का इस्तेमाल कर रहा था तो लड़खड़ा कर नीचे गिर पड़ा. बच्चे को बॉम्बे अस्पताल ले जाया गया, जहां बच्चे की मौत हो घई.
पुलिस ने पिता अवनीश राठौड़ का बयान दर्ज कर  मामले में धारा 174 के तहत एडीआर दर्ज किया है और जांच चल रही है. मामले में मृतक बच्चे के फूफा धनपत ने बताया कि परिवार सदमे है, क्योंकि 3 साल का बच्चा इस तरह गिर कर मर गया. धनपत ये भी दावा किया कि मामले में गरवारे क्लब की पूरी तरह से लापरवाही है, क्योंकि सीढ़ियों से लगी रेलिंग में उस जगह शीशा नहीं था, जबकि सब जगह शीशा लगा हुआ है. शीशा नही होने की वजह से छोटा बच्चा अचानक से नीचे गिर गया. परिवार अभी सदमे में है, लेकिन जल्द ही हम पुलिस में इसकी लिखित शिकायत करेंगे ताकि दोषियों के खिलाफ कार्रवाई हो और फिर किसी के बच्चे की मौत ना हो.

आगरा/शौर्यपथ  /आगरा का ताजमहल दुनियाभर के टूरिस्ट के लिए उनके घूमने की पसंदीदा जगहों में से एक है. दुनिया के अजूबों में शुमार ताज महल को प्रॉपर्टी टैक्स और पानी के बिल के लिए नोटिस मिला है. हालांकि भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण (एएसआई) के अधिकारी ने इसे एक गलती करार दिया और उम्मीद करते हुए कहा कि इसे जल्द ही ठीक कर लिया जाएगा.  योगी आदित्यनाथ के नेतृत्व वाली उत्तर प्रदेश सरकार की विभिन्न इकाइयों द्वारा ताजमहल और आगरा किले दोनों को बकाया बिलों के लिए नोटिस दिया गया है.
ताजहमल को "बकाया" रकम के तौर पर 1 करोड़ रुपये से अधिक का भुगतान करने के लिए कहा गया है. आगरा में एएसआई के अधिकारी राज कुमार पटेल ने एनडीटीवी से कहा कि अब तक तीन नोटिस प्राप्त हुए हैं, जिनमें दो ताजमहल के लिए और एक आगरा किले के लिए है. उन्होंने कहा, "ताजमहल के लिए, हमें दो नोटिस मिले हैं, एक संपत्ति कर के लिए और दूसरा जल आपूर्ति विभाग से, जिसमें 12 प्वाइंट्स हैं. कुल 1 करोड़ रुपये से अधिक की मांग की गई है."
अधिकारी ने कहा कि यह एक गलती है, क्योंकि इस तरह के कर स्मारकों के लिए लागू नहीं होते हैं. "सबसे पहले, संपत्ति कर या गृह कर स्मारक परिसर पर लागू नहीं होता है. उत्तर प्रदेश के कानूनों में भी यह प्रावधान है और अन्य राज्यों में भी. जहां तक पानी के बिल का नोटिस का सवाल है, अतीत में ऐसी कोई मांग नहीं की गई है और हमारे पास नहीं है. कोई भी पानी का कनेक्शन जो हम किसी भी व्यावसायिक उद्देश्यों के लिए उपयोग करते हैं, ताज परिसर के अंदर हम जो लॉन बनाए रखते हैं, वे सार्वजनिक सेवा के लिए हैं, ऐसे में बकाया का कोई सवाल ही नहीं है. "
आगरा का किला, मुगल सम्राट अकबर द्वारा निर्मित एक यूनेस्को विश्व विरासत स्थल, है, जो कि 1638 तक मुगल राजवंश के सम्राटों का मुख्य निवास था. एएसआई अधिकारियों के मुताबिक, इस ऐतिहासिक स्मारक को पांच करोड़ रुपये की कर मांग भी मिली है. डॉ. पटेल ने कहा, "कैंटोनमेंट बोर्ड ने हमें विश्व विरासत स्मारक आगरा किले के लिए कुल 5 करोड़ रुपये से अधिक का नोटिस दिया था, जिसका हमने उन्हें जवाब दिया है कि संबंधित सरकारी अधिनियम स्मारकों को छूट देता है."

प्रयागराज /शौर्यपथ  /इलाहाबाद विश्वविद्यालय में फ़ीस पर हुए बवाल और हिंसा के चलते आज विश्वविद्यालय बंद रहेगा. फ़ीस बढ़ोतरी के मुद्दे पर प्रदर्शन कर रहे छात्रों की सुरक्षाकर्मियों से भिड़ंत हो गई थी और पथराव भी हुआ था. इस दौरान बाइक को आग भी लगा दी गई थी. सोमवार को आंदोलन कर रहे विद्यार्थियों और सुरक्षाकर्मियों के बीच झड़प में तीन छात्र घायल भी हुए थे. हिंसा और बवाल को देखते हुए इलाहाबाद विश्वविद्यालय को 20 दिसंबर को एक दिन के लिए बंद करने का ऐलान किया गया था.
प्रयागराज के पुलिस आयुक्त रमित शर्मा ने संवाददाताओं को बताया था कि विश्वविद्यालय के छात्र विवेकानंद पाठक के साथ विश्वविद्यालय के सुरक्षाकर्मियों की कुछ कहासुनी हुई, जिसके बाद छात्रों और सुरक्षाकर्मियों के बीच झड़प हो गई. उन्होंने बताया “ छात्रों से पूछताछ में पता चला कि पाठक विश्वविद्यालय परिसर में स्थित बैंक में कुछ काम से आए थे. पाठक की तहरीर पर मुकदमा पंजीकृत किया जा रहा है. स्थिति पूरी तरह से नियंत्रण में है. जांच के दौरान जो भी वीडियो फुटेज और इलेक्ट्रानिक साक्ष्य प्राप्त होंगे, उनके आधार पर आगे की कार्रवाई की जाएगी.”
छात्र फीस वृद्धि के खिलाफ पिछले कई महीनों से आंदोलन कर रहे हैं. उल्लेखनीय है कि इलाहाबाद विश्वविद्यालय के स्नातक स्तर की शिक्षा की फीस प्रति छात्र 975 रुपये प्रतिवर्ष थी जिसे 300 प्रतिशत से अधिक बढ़ाकर 4,151 रुपये प्रति वर्ष कर दिया गया है. वहीं विश्वविद्यालय प्रशासन का कहना है कि वह फीस वृद्धि वापस नहीं लेगा.

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