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खाना खजाना /शौर्यपथ / सर्दियां जोरों पर हैं और मौसम की सुगबुगाहट हमें सभी चीजों को स्वादिष्ट बनाने के लिए प्रेरित करती है. सर्दियां आते ही हमारे लिए स्वादिष्ट मौसमी सब्जियों की भरमार हो जाती है. पालक, मेथी, मूली या ब्रोकली, ये स्वादिष्ट सब्जियां न केवल अलग-अलग फ्लेवर और टेक्सचर प्रदान करती हैं बल्कि कई स्वास्थ्य लाभों से भी भरी हुई हैं. सर्दियों की सब्जियों की बात करें तो एक ऐसी सब्जी जो सर्दियों के मौसम में बेहद पॉपुलर होती है वह है गाजर. जैसे ही गाजर बाजार में आता है, हम उन्हें थोक में खरीदते हैं और गाजर का हलवा, गाजर की खीर आदि जैसे व्यंजन बनाते हैं. इसे ध्यान में रखते हुए, यहां हम आपके लिए एक स्वादिष्ट गाजर पराठा रेसिपी लेकर आए हैं जो आपके सर्दियों के नाश्ते के लिए परफेक्ट है.
पराठे उत्तर भारत में सबसे पसंदीदा ब्रेकफास्ट के ऑप्शन में से एक हैं. वे बनाने में बेहद आसान हैं और आपकी पसंद के अनुसार, जैसा है या भरवां बनाया जा सकता है. यह गाजर का पराठा कद्दूकस की हुई गाजर का उपयोग करके बनाया जाता है जिसे पूरे गेहूं के आटे में मिलाया जाता है और इसमें जीरा पाउडर, हरी मिर्च और हरा धनिया मिलाया जाता है. ऊपर से थोड़ा सा मक्खन डालकर दही और अचार के साथ सर्व करें. नीचे दी गई रेसिपी देखें:
कैसे बनाएं गाजर पराठा रेसिपी-
सबसे पहले एक बड़े मिश्रण का बाउल लें, उसमें कद्दूकस की हुई गाजर, गेहूं का आटा, अदरक, जीरा पाउडर, कटी हुई हरी मिर्च, लाल मिर्च पाउडर, कटा हरा धनिया और स्वादानुसार नमक डालें. अच्छी तरह मिलाएं. - अब इसमें थोड़ा-थोड़ा पानी डालते हुए नरम आटा गूंथ लें. (सुनिश्चित करें कि बहुत अधिक पानी न डालें क्योंकि इस अवस्था में गाजर खुद पानी छोड़ देगी.
अब आटे में से एक हिस्सा निकालकर अच्छी तरह बेल लें. मध्यम आंच पर एक तवा गरम करें. पराठे को दोनों तरफ से समान रूप से गोल्डन ब्राउन होने तक सेंक लें. (इसे पकाते समय पर्याप्त मात्रा में घी या तेल लगाएं.) गाजर का पराठा तैयार है! गरमागरम परोसें और आनंद लें!
तो आप किसका इंतज़ार कर रहे हैं? इस स्वादिष्ट पराठे को घर पर ट्राई करें और हमें बताएं कि आपको इसका टेस्ट कैसा लगा नीचे कमेंट सेक्शन में बताएं.
आस्था /शौर्यपथ / हिंदू धर्म में पौष मास का खास धार्मिक महत्व है. धार्मिक मान्यता है कि इस महीने में पड़ने वाले व्रत-त्योहार बेहद खास होते हैं. इसके साथ ही इस महीने को लघु पितृ पक्ष के रूप में भी जाना जाता है. दरअसल पौष के महीने में श्राद्ध कर्म, स्नान-दान और पितरों के निमित्त तर्पण किए जाते हैं. यही वजह है कि अमावस्या तिथि को श्राद्ध और तर्पण कार्य के लिए उत्तम मानी जाती है. पंचांग के अनुसार, पौष मास की अमावस्या तिथि इस साल 22 दिसंबर को पड़ रही है. इस दिन खास संयोग का भी निर्माण हो रहा है. आइए जानते हैं पौष अमावस्या के लिए शुभ मुहूर्त और इस दिन कौन का उपाय करना बेहतर है.
पौष अमावस्या तिथि
हिंदू पंचांग के मुताबिक पौष अमावस्या तिथि की शुरुआत 22 दिसंबर 2022 को शाम 07 बजकर 13 मिनट पर हो रही है. वहीं अमावस्या तिथि का समापन 23 दिसंबर 2022 को दोपहर 03 बजकर 46 मिनट पर. उदया तिथि की मान्यता के अनुसार, पौष अमावस्या 23 दिसंबर शुक्रवार को मनाई जाएगी.
पौष अमावस्या शुभ योग
साल 2022 की आखिरी अमावस्या शुक्रवार को पड़ रही है. ऐसे में इस दिन पवित्र नदी में स्नान और तर्पण के साथ-साथ भक्तों को मां लक्ष्मी का भी विशेष आशीर्वाद प्राप्त होगा. ऐसा इसलिए क्योंकि शुक्रवार का दिन माता लक्ष्मी की विशेष पूजा के लिए समर्पित है. मान्यता है कि इनकी आराधना करने से धन से जुड़ी समस्याएं दूर हो जाती हैं और व्यक्ति के जीवन में खुशहाली आती है. पंचांग में यह भी बताया गया है कि इस दिन वृद्धि योग का भी निर्माण हो रहा है. माना जाता है कि इस योग में किए गए कार्यों में हमेशा वृद्धि होती है. साथ ही जीवन में आ रही रुकावटें दूर हो जाती हैं. इस दिन वृद्धि योग का निर्माण 23 दिसंबर 2022, दोपहर 01 बजकर 42 मिनट पर होगा, जिसका समापन 24 दिसंबर 2022, सुबह 09 बजकर 27 मिनट पर होगा.
पौष अमावस्या उपाय
अमावस्या तिथि को पितृ दोष से मुक्ति के लिए बेहद खास माना गया है. ऐसे में अगर किसी जातक की कुंडली में पितृ दोष है तो उन्हें इस दिन निश्चित रूप से पवित्र स्नान करने के साथ-साथ तर्पण और पिंडदान करना चाहिए. मान्यता है कि अमावस्या के दिन ऐसा करने से पूर्वजों का आशीर्वाद भी मिलता है और घर में खुशहाली बरकरार रहती है.
काबुल/शौर्यपथ /तालिबान के अधिकारियों ने मंगलवार को अफगान लड़कियों के लिए विश्वविद्यालय शिक्षा पर अनिश्चितकाल के लिए प्रतिबंध लगाने का आदेश दिया. उच्च शिक्षा मंत्रालय ने इसको लेकर सभी सरकारी और निजी विश्वविद्यालयों को पत्र जारी किया है. उच्च शिक्षा मंत्री नेदा मोहम्मद नदीम द्वारा हस्ताक्षरित पत्र में कहा गया है कि आप सभी को अगली सूचना तक महिलाओं की शिक्षा निलंबित करने के उल्लिखित आदेश को लागू करने के लिए सूचित किया जाता है.
पत्र को ट्वीट करने वाले मंत्रालय के प्रवक्ता जियाउल्लाह हाशिमी ने एएफपी को एक टेक्स्ट संदेश में आदेश की पुष्टि की.
देशभर में हजारों लड़कियों और महिलाओं के विश्वविद्यालय प्रवेश परीक्षा में बैठने के तीन महीने से भी कम समय के अंदर उच्च शिक्षा पर प्रतिबंध वाला ये आदेश आया है. कई लड़कियों ने पढ़ाई कर के भविष्य में इंजीनियर और डॉक्टर बनने की इच्छा जताई थी.
पिछले साल अगस्त में कट्टरपंथी इस्लामवादियों द्वारा देश में कब्जे के बाद, विश्वविद्यालयों को लिंग के आधार पर अलग कक्षाओं और प्रवेश सहित नए नियमों को लागू करने के लिए मजबूर किया गया था, जबकि महिलाओं को केवल महिला प्रोफेसरों या बूढ़े पुरुषों द्वारा पढ़ाए जाने की अनुमति थी.
देश भर में अधिकांश किशोर लड़कियों को पहले से ही माध्यमिक विद्यालय शिक्षा से प्रतिबंधित कर दिया गया है, जिससे विश्वविद्यालय में प्रवेश अब सीमित हो गया है.
बीजिंग/शौर्यपथ /चीन में कोविड 19 के मामले लगातार बढ़ रहे हैं, तो क्या चीन की सरकार COVID-19 प्रबंधन पर नियंत्रण खोती जा रही है...? महामारी विज्ञानियों ने सर्दियों के मौजूदा मौसम के दौरान चीन में कोरोनावायरस की कम से कम तीन लहरों के आने की आशंका जताई है. 'द हांगकांग पोस्ट' की ख़बर के मुताबिक, निश्चित रूप से चीन की सरकार 'पूरी तरह तैयार नहीं' थी, क्योंकि सरकार ने देशभर में जनता के विरोध प्रदर्शनों के बाद अपनी ज़ीरो-कोविड पॉलिसी को अचानक खत्म करने का फैसला कर लिया था.
कोरोना से हुई मौतों की तादाद पर भी चीन की सरकार अब तक चुप्पी साधे बैठी है. बहरहाल, चीनी प्रशासनिक अधिकारियों ने आने वाले महीनों में COVID संक्रमणों की लगातार लहरों की चेतावनी जारी की है, क्योंकि इस माह की शुरुआत में प्रतिबंध हटाए जाने के बाद से कोरोना संक्रमण के मामले लगातार बढ़ रहे हैं.
चाइनीज़ सेंटर फॉर डिज़ीज़ कंट्रोल एंड प्रिवेन्शन के मुख्य महामारी विज्ञानी वू ज़ून्यू ने बीजिंग में एक प्रेस कॉन्फ्रेंस में कहा, "मौजूदा फैलाव इन्हीं सर्दियों में अपने चरम बिंदु तक पहुंचेगा, और एक के बाद एक तीन लहरों के रूप में आने वाले तीन महीनों तक जारी रहेगा..." इस बयान की ख़बर सरकारी मीडिया में छपी रिपोर्ट के हवाले से 'द हांगकांग पोस्ट' ने दी.
वू ज़ून्यू के मुताबिक, "पहली लहर अब से जनवरी के मध्य तक चलेगी... दूसरी लहर के जल्द ही बाद में आने की संभावना है, जो 21 जनवरी से शुरू होने वाले चंद्र नववर्ष के लिए देशभर में सैकड़ों-लाखों लोगों की सामूहिक यात्रा से शुरू हो सकती है..."
रिपोर्ट के अनुसार, वू ज़ून्यू ने भविष्यवाणी की कि चीन को "लोगों के छुट्टियों से काम पर लौटने के बाद फरवरी के अंत से मार्च के मध्य तक तीसरी लहर" का सामना करना पड़ेगा. चंद्र नववर्ष की छुट्टियों से पहले सामूहिक यात्रा से लहर शुरू होने की उम्मीद है, जो 21 जनवरी को पड़ती है, क्योंकि बहुत-से लोग इस वक्त अपने घरों को चले जाते हैं.
पश्चिमी मीडिया रिपोर्टों के हवाले से प्रकाशित 'द हांगकांग पोस्ट' की ख़बर के मुताबिक, यह भी ध्यान देने योग्य तथ्य है कि चीन के अस्पतालों में काम धीमा होता चला जा रहा है, क्योंकि वे दोहरी समस्या का सामना कर रहे हैं - बड़ी तादाद में रोगियों के आने से बिस्तर कम पड़ रहे हैं, और दूसरी ओर स्वास्थ्यकर्मी भी लगातार संक्रमित हो रहे हैं. यही नहीं, मांग में लगातार बढ़ोतरी के चलते दवाओं का स्टॉक भी कम पड़ने लगा है, और आपूर्ति की बहाली की संभावना भी बेहद कम है.
सरकारी मीडिया में छपी रिपोर्ट के हवाले से 'द हांगकांग पोस्ट' ने बताया कि लोग उनके आसपास अनगिनत केसों के बारे में बता रहे हैं, लेकिन सरकारी आंकड़ा सिर्फ 2,000 केस प्रतिदिन के आसपास ही बताया जा रहा है. पिछले ही सप्ताह राष्ट्रीय स्वास्थ्य आयोग ने कबूल किया था कि लक्षणरहित संक्रमण के मामलों पर नज़र रखना 'असंभव' है और अब वह ऐसे संक्रमणों की गिनती नहीं करेगा.
गौरतलब है कि विशेषज्ञों ने आने वाले महीनों में कम से कम 10 लाख मौतों की भविष्यवाणी की है. विशेषज्ञों के मुताबिक, बीमारी से छुटकारा पाने के लिए चीन की तैयारी अच्छी नहीं है, क्योंकि यहां बुज़ुर्गों के टीकाकरण की रफ़्तार तेज़ नहीं हो पाई है, अस्पतालों में आईसीयू क्षमता नहीं बढ़ पाई है, और एन्टी-वायरल दवाओं का भंडारण भी काफी कम है.
मुंबई/शौर्यपथ/कर्नाटक और महाराष्ट्र के बीच सीमा मुद्दे पर बढ़ते तनाव के बीच, शिवसेना (उद्धव बालासाहेब ठाकरे) के नेता संजय राउत ने बुधवार को यह कहकर एक नया विवाद खड़ा कर दिया, "जिस तरह चीन हमारे देश में घुसा है, वैसे हम कर्नाटक में घुसेंगे." उन्होंने कहा कि उन्हें इस पर किसी की 'अनुमति' की जरूरत नहीं है.
उन्होंने कहा, "जैसे चीन घुसा है, हम (कर्नाटक) में घुसेंगे. हमें किसी की अनुमति की जरूरत नहीं है. हम इसे चर्चा के जरिए सुलझाना चाहते हैं, लेकिन कर्नाटक के मुख्यमंत्री आग लगा रहे हैं. महाराष्ट्र में कमजोर सरकार है और कोई स्टैंड नहीं ले रही है."
दशकों पुराने सीमा विवाद को लेकर महाराष्ट्र और कर्नाटक के बीच बढ़े तनाव के समय संजय राउत का बयान आया है. मामला सुप्रीम कोर्ट भी पहुंच गया है.
एकनाथ शिंदे की सरकार को इस मुद्दे पर आलोचना का सामना करना पड़ रहा है. विपक्ष ने भी महाराष्ट्र विधानसभा के चल रहे शीतकालीन सत्र में इस मुद्दे को उठाया है.
विपक्ष के नेता अजीत पवार ने इससे पहले विधानसभा में सीमा विवाद का मुद्दा उठाया और कहा, ''महाराष्ट्र के एक लोकसभा सदस्य को बेलगाम में प्रवेश करने से रोक दिया गया है. गृह मंत्री अमित शाह के साथ एक बैठक में तय किया गया था कि वहां जाने से किसी को रोका नहीं जाएगा. तो वहां के कलेक्टर ऐसा फैसला कैसे ले सकते हैं?"
अजीत पवार द्वारा उठाए गए मुद्दे पर प्रतिक्रिया देते हुए, मुख्यमंत्री शिंदे ने कहा, "देश के गृह मंत्री ने पहली बार सीमा विवाद में मध्यस्थता की, उन्होंने इस मुद्दे को गंभीरता से लिया है, हमने सीमा पर रहने वालों का पक्ष उनके सामने रखा है, सीमा विवाद पर अमित शाह ने अपनी बात रखी है, अब सीमा विवाद पर राजनीति नहीं होनी चाहिए, हमें सीमा के पास रहने वालों के साथ मिलकर खड़ा होना चाहिए."
महाराष्ट्र के उपमुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने मुख्यमंत्री शिंदे की टिप्पणी का समर्थन किया और कहा कि सरकार इस मामले को देखेगी.
महाराष्ट्र एकीकरण समिति (एमईएस) और राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी के सदस्यों द्वारा सोमवार को बेलागवी में प्रवेश की अनुमति की मांग को लेकर प्रदर्शन किया. इसके बाद से महाराष्ट्र कर्नाटक सीमा पर बेलगावी के सीमावर्ती क्षेत्रों में तनाव पैदा हो गया.
बेलगावी पुलिस ने एमईएस को तिलकवाड़ी में वैक्सीन डिपो मैदान में अपना महा मेला आयोजित करने की अनुमति देने से इनकार कर दिया और तिलकवाड़ी पुलिस थाने के अधिकार क्षेत्र में प्रतिबंधित आदेशों को लागू कर दिया.
इलाके में धारा 144 लागू कर दी गई है और एमईएस सम्मेलन स्थल पर भारी सुरक्षा तैनात कर दी गई है, जो आज कर्नाटक विधानसभा के शीतकालीन सत्र के पहले दिन होने वाला था.
महाराष्ट्र और कर्नाटक के बीच सीमा विवाद 1956 के राज्य पुनर्गठन अधिनियम के कार्यान्वयन के समय से चला आ रहा है. तत्कालीन महाराष्ट्र सरकार ने कर्नाटक के साथ अपनी सीमा के पुन: समायोजन की मांग की थी.
इसके बाद दोनों राज्यों की ओर से चार सदस्यीय कमेटी का गठन किया गया. महाराष्ट्र सरकार ने मुख्य रूप से कन्नड़ भाषी 260 गांवों को स्थानांतरित करने की इच्छा व्यक्त की थी, लेकिन कर्नाटक द्वारा प्रस्ताव को ठुकरा दिया गया था. बाद में दोनों सरकारों ने मामले को लेकर सुप्रीम कोर्ट का दरवाजा खटखटाया.
नई दिल्ली/शौर्यपथ /पड़ोसी मुल्क चीन में कोरोनावायरस के संक्रमण और कोविड-19 के केसों की बढ़ती तादाद को लेकर चिंता व्यक्त करते हुए सीरम इंस्टीट्यूट ऑफ इंडिया के CEO अदार पूनावाला ने बुधवार को कहा कि भारत के 'शानदार वैक्सीनेशन कनरेज और ट्रैक रिकॉर्ड' को देखते हुए जनता को इस महामारी के फैलाव से घबराने से ज़रूरत नहीं है. साथ ही उन्होंने लोगों से आग्रह भी किया कि भारत सरकार एवं स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्रालय द्वारा तय की गई गाइडलाइन का पालन करें.
माइक्रो-ब्लॉगिंग वेबसाइट ट्विटर पर एक पोस्ट में अदार पूनावाला ने लिखा, "कोविड केसों के बढ़ने की चीन से आ रही ख़बर चिंताजनक है, लेकिन हमें घबराना नहीं चाहिए, क्योंकि हमारा वैक्सीनेशन कवरेज और ट्रैक रिकॉर्ड शानदार है... हमें भारत सरकार एवं स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्रालय पर भरोसा बनाए रखना होगा और उनके द्वारा तय की गई गाइडलाइन का पालन करते रहना होगा..."
अदार पूनावाला, सीरम इंस्टीट्यूट ऑफ इंडिया के मुख्य कार्यकारी अधिकारी हैं, जो कोविड-19 की वैक्सीन कोविशील्ड का निर्माण करती है.
'द हांगकांग पोस्ट' के मुताबिक, चीन में लोग उनके आसपास कोविड-19 संक्रमण के अनगिनत केसों के बारे में बता रहे हैं, लेकिन सरकारी आंकड़ा सिर्फ 2,000 केस प्रतिदिन के आसपास ही बताया जा रहा है.
चीन में कोविड-19 केसों के अचानक बढ़ने पर चिंता ज़ाहिर करते हुए भारत के पूर्व राजनयिक के.पी. फैबियन ने मंगलवार को कहा था, "चीन की 60 फीसदी से ज़्यादा आबादी और दुनिया की समूची आबादी का 10 फीसदी हिस्सा कोविड की चपेट में आने की आशंका है, और लाखों की तादाद में मौतें हो सकती हैं..."
चीन में कोरोनावायरस के केसों में भारी बढ़ोतरी की आशंका को लेकर के.पी. फैबियन ने कहा था, "कुछ ख़बरें हैं... चीन के बारे में आप क्या कहेंगे...? खैर, जब आप दुनिया की समूची आबादी, जो लगभग आठ अरब है, के 10 फीसदी हिस्से की बात करते हैं, तो इसका अर्थ होता है लगभग 80 करोड़, जो बहुत बड़ी संख्या है... सो, अब यह ख़बर सही है या नहीं, यह बताने के लिए निश्चित रूप से मैं विशेषज्ञ नहीं हूं, सो, मैं कुछ कहना नहीं चाहूंगा... लेकन ऐसा लगता है कि चीन द्वारा कोविड से निपटने के लिए अपनाया जा रहा तरीका कहीं न कहीं गलत हो गया है... असल में, उनकी वैक्सीन उतनी अच्छी नहीं है, और वे बेहतर वैक्सीन लेने या अपनी वैक्सीन को बेहतर बनाने से इंकार कर रहे हैं... हालांकि कुछ कदम उठाए गए हैं, लेकिन वे पर्याप्त नहीं हैं..."
इस बीच, कुछ मुल्कों में COVID-19 के केसों की बढ़ती तादाद के मद्देनज़र भारत में केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय ने मंगलवार को राज्यों और केंद्रशासित प्रदेशों से सभी कोविड पॉज़िटिव केसों के सैम्पल INSACOG लैबों में भेजने के लिए कहा है, ताकि यदि हों, तो नए वेरिएन्ट ट्रैक किए जा सकें. स्वास्थ्य मंत्रालय तथा INSACOG हालात पर पैनी नज़र रखे हुए हैं.
केंद्रीय स्वास्थ्य सचिव राजेश भूषण ने राज्यों और केंद्रशासित प्रदेशों को मंगलवार को भेजे गए खत में कहा, "जापान, संयुक्त राज्य अमेरिका, कोरिया गणराज्य, ब्राज़ील तथा चीन में कोरोना केसों में अचानक हुई बढ़ोतरी के मद्देनज़र SARS-CoV-2 जीनोम कन्सॉर्टियम नेटवर्क के ज़रिये वेरिएन्ट को ट्रैक करने के लिए पॉज़िटिव केसों के सैम्पलों की पूरी जीनोम सीक्वेंसिंग करना ज़रूरी है..."
नई दिल्ली/शौर्यपथ /कांग्रेस संसदीय दल की प्रमुख सोनिया गांधी ने सीमा पर ‘चीन के अतिक्रमण' पर चिंता व्यक्त करते हुए बुधवार को कहा कि इस महत्वपूर्ण विषय पर सरकार द्वारा संसद में चर्चा कराने से इनकार करना लोकतंत्र का अनादर है तथा इससे उसकी नीयत पता चलती है. उन्होंने पार्टी संसदीय दल की बैठक में यह आरोप भी लगाया कि कि महत्वपूर्ण विषयों पर चुप्पी साध लेना इस सरकार की पहचान बन गई है.
कांग्रेस की पूर्व अध्यक्ष ने कहा कि पूरा देश भारतीय जवानों के साथ खड़ा है, लेकिन सरकार के रुख के कारण राजनीतिक दलों और जनता को वास्तविक स्थिति के बारे में जानकारी नहीं मिल रही है.
सोनिया गांधी की अध्यक्षता में हुई पार्टी संसदीय दल की बैठक में कांग्रेस अध्यक्ष और राज्यसभा में नेता प्रतिपक्ष मल्लिकार्जुन खरगे, लोकसभा में पार्टी के नेता अधीर रंजन चौधरी और कांग्रेस सांसद शामिल हुए.
कांग्रेस की पूर्व अध्यक्ष ने कहा, ‘‘चीन का हमारी सीमा पर लगातार अतिक्रमण करना गंभीर का चिंता का विषय है. पूरा देश हमारे उन सजग जवानों के साथ खड़ा है जिन्होंने चीन के हमलों को मुश्किल हालात में विफल किया है. सरकार इस पर संसद में चर्चा कराने से इनकार कर रही है. इसका नतीजा यह है कि राजनीतिक दल और जनता वास्तविक जमीनी स्थिति को लेकर अनभिज्ञ हैं.''
उनका कहना था, ‘‘जब बड़ी राष्ट्रीय चुनौती आती है तो संसद को विश्वास में लेने की परंपरा रही है. चर्चा से कई महत्वपूर्ण सवालों पर प्रकाश डाला जा सकता है.''
कांग्रेस की पूर्व अध्यक्ष ने दावा किया, ‘‘गंभीर राष्ट्रीय चिंता के विषय पर चर्चा से इनकार करना लोकतंत्र के प्रति अनादर और सरकार की नीयत को दर्शाता है.''
सोनिया गांधी ने ‘भारत जोड़ो यात्रा' का उल्लेख करते हुए कहा, ‘‘राहुल गांधी की अगुवाई में निकाली गई भारत जोड़ो यात्रा गर्व का विषय है. यह कांग्रेस पार्टी के संदेश को जनता तक सीधे ले जाने का एक अनोखा प्रयास है...मैं हर उस भारतीय का आभार प्रकट करती हूं जिसने इस यात्रा और इसके बंधुत्व एवं समता के संदेश का समर्थन किया है.''
सोनिया ने आर्थिक हालात, महंगाई, बेरोजगारी और किसानों से जुड़े मुद्दों को लेकर भी सरकार पर निशाना साधा.
उन्होंने कहा, ‘‘सरकार की तरफ से सबकुठ ठीक होने का दावा किए जाने के बावजूद देश के आर्थिक हालात लगातार चिंताजनक बने हुए हैं. रोजमर्रा की जरूरत की सभी चीजों के दाम असहनीय स्तर तक बढ़ गए हैं जिसका करोड़ों परिवारों पर भारी बोझ पड़ रहा है.''
उन्होंने दावा किया, ‘‘लोगों खासकर युवाओं को नौकरी देने में अक्षम रहना इस सरकार की पहचान रही है. प्रधानमंत्री ने भले ही कुछ हजार लोगों को नियुक्ति पत्र बांटे हों, लेकिन करोड़ों लोगों का भविष्य अनिश्चित है क्योंकि सरकार में रिक्तियां नहीं भरी गईं, परीक्षाएं विश्वसनीय नहीं हैं और सार्वजनिक उपक्रमों का निजीकरण किया जा रहा है.''
सोनिया गांधी ने किसानों की स्थिति का उल्लेख करते हुए कहा, ‘‘खेती में लागत खासकर उर्वरक की कीमत, फसलों के दाम को लेकर अनिश्चितता और खराब मौसम के कारण किसान मुश्किल का सामना कर रहे हैं. लेकिन ऐसा लगता है कि तीन कानूनों को थोपने के दिशाहीन प्रयास के बाद सरकार की प्राथमिकता में अब किसान नहीं रहे.''
उन्होंने हालिया चुनावों का हवाला देते हुए कहा कि गुजरात विधानसभा चुनाव और दिल्ली नगर निगम चुनाव के नतीजे कांग्रेस के लिहाज से दुर्भाग्यपूर्ण रहे, लेकिन हिमाचल में हमने सरकार बनाई है जहां के लोगों से किए वादे को पूरा करने का समय आ गया है.
दुर्ग / शौर्यपथ / शासकीय राशन दुकानदार एवं विक्रेता कल्याण संघ छत्तीसगढ़ के आहवान पर दुर्ग जिला के बैठक दिनांक 19/12/2022 दिन सोमवार को समय 3.30 बजे विनोवा सभागार में आयोजित किया गया! उक्त बैठक में संघ के सभी पदाधिकारी मौजुद रहे वही दुर्ग भिलाई के बडी संख्या में शासकीय राशन दुकानदार एवं विक्रेता शामिल हूऐ ! बैठक का संचालन विजय जल्कारे ने किया तो वरिष्ठ देवनारायण चन्द्राकर ,अमजद अली खान ने बैठक में संबोधित करते हुए दुकानदारो के वर्तमान हालात पर प्रकाश डालते हुए बताया राशन दुकानदार को एक होने की आवश्यकता है राशन दुकानदार को चारो तरफ से बदनाम किया जा रहा है और मेहनताना कुछ नहीं है जबकी राशन दुकान में किसी प्रकार का गडबडी संभव ही नहीं है पर भी मुफ्त में बदनाम किया जा रहा है जीस पर राशन दुकानदार एक होकर मुकाबला करें और अपने घर परिवार चल सके ऊस लायक राशन दुकान से आमदानी हो सके इसके लिए सरकार चिंता कर कदम उठाए! वही अमजद अली ने दुकानदारो को मान्यदेय दिलाने की बात पर जोर दिया क्योंकि राज्य सरकार के सबसे महत्वपूर्ण कार्य कोई है तो वह है राज्य के ढाई करोड़ आबादी को भोजन का बेवस्था हर माह समय पर कराना और यह कार्य दुकानदार के माध्यम से सरकार आसानी से कर रही है परिणाम सरकार को राष्ट्रीय एवार्ड से नवाजा गया है तब भी राशन दुकानदार का माली हालत बना हुआ है सरकार विगत 17 वर्ष से दुकान दारो का मार्जिन राशि में एक पैसा का वृद्धि नहीं किया है परिणाम दुकानदार का चौतरफा शोषण हो रहा है इसे अब रोकने का समय आ गया है इसके लिए शासकीय राशन दुकानदार एवं विक्रेता कल्याण संघ छत्तीसगढ़ में वो ताकत लक्षण है इसलिए सभी को इस संगठन को मजबूत बनाने का कार्य करें और समस्या का समाधान संगठन के माध्यम से सरकार से निदान कराने में सहयोग करने की बात कही है !
इस अवसर पर संघ के कोषाध्यक्ष विजय राठौर ने दुकानदारो को दुकान संचालन का बारिकियों पर ध्यान देने का तरिका बताया वहीं भंडारण और वितरण पर जोर देने की सलाह दी ताकी दुकानदार के होने वाले नुक़सान को रोका जा सके वहीं प्रदेश उपाध्यक्ष श्रीमति कृष्णा पटेल जी ने संबोधन करते हुए भंडारण के समय चोरी से नुकसान पर सुधार की बात कही और शासकीय राशन दुकानदार एवं विक्रेता कल्याण संघ छत्तीसगढ़ ने इसके लिए भी मुहिम छेड़ रखा है द्वार प्रदाय योजना के नियम लागू पुरी तरह से कराये सरकार और दूकानदार इसे पालन हर हालात में करें तो नुकसान रोका जा सकता है वही सरकार से भी अपिल किया छतीपुर्ती प्रदान करें ताकी स्टाक कमी का मुख्य वजह में सुधार हो तो .महेन्द्र पाण्डेय कोषाध्यक्ष मरवाही ने संगठन में शामिल हो कर संघर्ष करने और दुर्ग जिला शिक्षा के हब है ऊस हिसाब से दुर्ग के राशन दुकानदार को पहले ही संघ की महत्ता को स्वीकार कर आगे आना चाहिए था पर देर आये दुरस्त आये पर आगे और मजबूत करने में जोर लगाने की बात कही है तो राजनांदगांव जिला अध्यक्ष सुशिला निषाद ने भंडारण बेवस्था को मजबूत कैसे करें होने वाले चोरी को कैसे रोका जाए इसके लिए संघ एक बडी विकल्प है बताई आपस में दुकानदार एक होकर एक दूसरे का मदद करते हुए हर हाल में तौल कर ही दुकान में राशन खाली कराने की बात कही और संघ की मजबूती करने की अपिल की है तो संघ के प्रदेश महासचिव विजय धृतलहरे ने दुकानदार को संघ क्यों आवश्यक है सरकार से संघ ने दूकानदारो के हितों पर क्या किया वही राष्ट्रीय अध्यक्ष ओमकार नाथ झां जी एवं राष्ट्रीय महासचिव बंगाल टाईगर के नाम से जाने जाना वाला नाम विष्भर बासू जी के कडी मेहनत से दुकानदार के हितों में उठाए जाने वाले कदम जिसके परिणामस्वरूप मार्जिन राशि NFSA मद में 70 से 90 हुए ई पास 10 से 21 हुए हैं इसके लिए छत्तीसगढ़ राज्य की ओर से बासू साहेब आदरणीय झा साहब को धन्यवाद पर छत्तीसगढ़ में संघ के पहल पर होने वाले अनेक जटिल समस्या जिसमें होने वाले लायसेंस निरस्त पर रोक वर्तमान समय में कटौती पर बडी मुसिबत दूकानदार के सामने खडा हुईं थी जिस पर राहत दिलाते हुए सहुलियतो पर पहल किया परिणाम दुकानदार को बहुत मददगार साबित हुई है समय समय पर अल्प ताकत संगठन के होते हुए सरकार और प्रशासन तक अपनी बात पहुंचाते हुए सरकार से मदद मिली है आगे भी हम सरकार के साथ है और सरकार के हर आदेश का हम पालन लोगों के हितों को ध्यान में रखते हुए करेंगे कोरोना काल में हम अपनी जान जोखिम में डालकर सरकार के आदेश का पालन करते हुए लोगों का सेवा किये हैं ओ भी नि:शूल्क छत्तीसगढ़ सरकार को इसके लिए हमें सम्मान देनी चाहिए पर सरकार हमें अपने विपरीत सेवक समझ बैठी है लगता है पर हम सरकार के विपरित नहीं है हम सरकार के साथ है आज नहीं तो कल हमारी सेवा को सरकार समझेंगे इसी आशा में हम अभी सरकार के खिलाफ हड़ताल में नहीं जा रहे हैं और हम शासकीय राशन दुकानदार एवं विक्रेता कल्याण संघ छत्तीसगढ़ के सभी सदस्य पदाधिकारी से अपिल करते हैं अभी समय नाजुक हैं बात की गंभीरता को समझते हुए हमें ऐसी कोई भी गतिविधि में शामिल नही होनी है जिससे हमारा ही नुकसान हो .अभी सभी संयम होकर एकट्ठा होने पर जोर लगाये वही प्रदेश अध्यक्ष देवर्श भाई सापरिया ने अपने अध्यक्षीय भाषण में संबोधन करते हुए दुर्ग संगठन निर्माण पर जोर दिया और बताया जितना जल्दी संगठन बना लिया जाये उतना हम सब के लिए अच्छा है और संगठित होकर संघ समस्या का समाधान सरकार से मिल बैठकर बात कर निराकरण पर कोशिश कर रहे हैं आगे भी कोशिश करेंगे अंत में कोर्ट का शरण लेंगे इसके लिए हम सदस्यता अभियान चला रहे हैं आप सभी हमारे संगठन की सदस्यता ग्रहण अवश्य करें ताकी हम कोर्ट में आप के दूकान का नाम शामिल कर सके और हमारे संघ का सदस्य आप है बताने समझने में मदद होगी और संघ के महासचिव विजय धृतलहरे जी के मार्गदर्शन में संघ दिनों दिन तरक्की कर रही है आज उसी कडी में दुर्ग जिला का संघ गठन करने अधिकृत किया जिसके बाद दुर्ग जिला के दुकानदारो से फिड बैक लेकर सहमति से कुणाल तिवारी जी को कार्यवाहक जिला अध्यक्ष नियुक्त की गई वही प्रदेश संरक्षक अमजद अली खां विजय जलकारे देवनारायण चन्द्राकर अशोक अग्रवाल इसरत हुसैन को नियुक्त किया गया है इस अवसर पर प्रदेश संगठन कार्यकारी रामअकबाल यादव किरण पुजन वासकल बंजारे मुंगेली जिला अध्यक्ष लखन लाल यादव संजय राठौर जिला अध्यक्ष जी पी एम देवकी ओट्टी ब्लाक अध्यक्ष मरवाही के अलावा बडी संख्या में दूर्ग भिलाई के दूकानदार मौजूद थे! जिसमें सभी का सहमति पर कुनाल तिवारी जी को जिला अध्यक्ष के नियुक्ति दी गई है
राजनांदगांव / शौर्यपथ / कलेक्टर डोमन सिंह ने आज जन चौपाल कार्यक्रम में आमजनों से संबंधित समस्याओं को सुना। कलेक्टर ने कहा कि अधिकारीगण अपनी जवाबदेही को समझें। जनता से संबंधित समस्याओं का निराकरण प्राथमिकता से करें। कलेक्टर ने कहा कि आम जनता से संबंधित समस्याओं का निराकरण समय पर हो और उन्हें शासन की योजनाओं का लाभ मिलना चाहिए। कलेक्टर ने जिला स्तरीय अधिकारियों से कहा कि आम जनों की समस्याओं का समय पर निराकरण करना प्राथमिकता में शामिल होनी चाहिए। आज जन चौपाल कार्यक्रम में 38 आवेदन प्राप्त हुए। प्राप्त आवेदनों के निराकरण की कार्यवाही की जा रही है।
जन चौपाल कार्यक्रम में आज ग्राम सुंदरा के कालीचरण ने अपनी जमीन की बिक्री के लिए अनुमति प्रदान करने सम्बन्धी आवेदन दिया। इसी प्रकार ग्राम टेड़ेसरा के दुर्गावती बाई ने मोर जमीन मोर मकान योजना अंतर्गत मकान बनाने हेतु राशि स्वीकृत करने, मान बाई गौतम ने प्रधानमंत्री आवास योजना अंतर्गत तीसरी किस्त की राशि आबंटित करने, राजनांदगांव के नंदई कोठार पारा के विषम लाल निषाद ने अपने निवासरत मकान का पट्टा आबंटित करने, जंगलपुर के सुधा हिरवानी ने विद्युत कनेक्शन से संबंधित शिकायत का निराकरण करने, ग्राम मोखला के गिरधरलाल साहू ने अपनी जमीन के नक्शा सुधार करने, राजनांदगांव के शीतला पारा वार्ड 8 के दीपक कुमार साहू ने चिटफंड कंपनी में लगाए गए राशि को वापस दिलाने, ग्राम चिखली के अशोक साहू सहित ग्रामवासियों ने सामाजिक भवन के लिए राशि स्वीकृत करने, ग्राम तिलई के पोखन देवांगन ने अपने आयुष्मान कार्ड से धोखाधड़ी कर राशि निकालने संबंधी शिकायत किया है। आज प्राप्त सभी आवेदनों को ऑनलाइन एंट्री करने के साथ ही संबंधित विभाग में भेजे जाने की कार्यवाही की गई है। कलेक्टर ने अधिकारियों से कहा कि प्राप्त सभी आवेदनों को प्राथमिकता देते हुए निराकरण कर आवेदकों को उनकी समस्या से निजात दिलाने की दिशा में अपनी जिम्मेदारी का निर्वहन प्राथमिकता से करें।
दुर्ग / शौर्यपथ / जिला सहकारी केन्द्रीय बैंक मर्यादित दुर्ग के अध्यक्ष राजेन्द्र साहू ने दुर्ग ब्लॉक के सेवा सहकारी समितियां नगपुरा , रसमड़ा , कोड़िया , उतई का निरीक्षण किया । उन्होंने सीधे किसानों से संवाद किया और पूछा कि धान विक्रय करने में उन्हें कोई परेशानी तो नहीं हो रही है । धान का भुगतान समय पर हो रहा है कि नहीं , किसानों ने धान खरीदी को लेकर संतुष्टि व्यक्त की । किसानों ने कहा कि इस वर्ष उन्हें समय पर टोकन , बारदाना वितरण एवं धान का भुगतान हो रहा है , धान का तौल भी सायं 4 बजे तक हो जाता है । किसानों ने समिति में बैंक के अध्यक्ष को अपने बीच पाकर खुशी जाहिर की । निरीक्षण के दौरान ब्लॉक कांग्रेस कमेटी दुर्ग ग्रामीण के अध्यक्ष एवं समिति नगपुरा के अध्यक्ष श्री नन्द कुमार सेन उपस्थित रहें । निरीक्षण के दौरान क्रमशः सेवा सहकारी समितियों के प्राधिकृत अधिकारी भरत चन्द्राकर , रोहित साहू एवं दीवाकर गायकवाड़ उपस्थित रहे । बैंक शाखा उतई का निरीक्षण भी माननीय अध्यक्ष महोदय द्वारा किया गया , निरीक्षण के दौरान नगर पंचायत अध्यक्ष डीकेन्द्र हिरवानी , उपाध्यक्ष रविन्द्र वर्मा , जनपद उपाध्यक्ष श्रीमती झमित गायकवाड़ , पूर्व जनपद सदस्य भीषम हिरवानी , पार्षद तोषण साहू , पूर्व सरपंच खुमान साहू , पूर्व पार्षद मनोज चंद्राकर , आदि उपस्थित रहें ।