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नई दिल्ली /"सर क्या बताएँ वो मंत्री, हम छोटे किसान, तभी तो कुचले गए हैं, मारे गए हैं. उम्मीद क्या बताएँ आपको, अब उम्मीद तभी होगी जब न्याय मिलेगा." कहते-कहते परमजीत कौर की आँखें डबडबा जाती हैं. अपने दुपट्टे से आँसुओं को पोंछ कर कहती हैं, "तीन तारीख़ आ रहा है मन बहुत दुखी हो रहा है." दलजीत उन चार किसानों और पत्रकारों में से एक थे, जिन्हें पिछले साल तीन अक्तूबर को यूपी के लखीमपुर खीरी में किसानों के प्रदर्शन के दौरान थार से कुचल दिया गया था.बहराइच ज़िले के बंजारा टांडा गाँव के किनारे एक घर दलजीत सिंह का भी है. दलजीत के परिवार में पत्नी के अलावा एक बेटा और एक बेटी है. थार से कुचलकर पिता की दर्दनाक मौत को बेटे राजदीप ने अपनी आँखों से देखा था.
वो मंज़र याद कर राजदीप आज भी सिहर उठते हैं. वे बताते हैं, "डैडी को कुचलकर थार जीप दूर तक घसीट ले गई. समझ नहीं आया था कि क्या हुआ अचानक. बस हर तरफ चीख-पुकार थी. इसके बाद लहूलुहान पिता को लेकर वो लोग अस्पताल भागे, लेकिन पिता ज़िंदा नहीं बचे."
दुर्ग / शौर्यपथ /
स्वच्छ सर्वेक्षण में भिलाई शहर को थ्री स्टार का खिताब प्राप्त हो चुका है, वहीं अगर छत्तीसगढ़ की बात करें तो भिलाई शहर को तीसरा रैंक हासिल हुआ है, पूरे भारत में एक से 10 लाख की जनसंख्या वाले शहरों में भिलाई 21 वे नंबर पर है। भिलाई की स्वच्छता रैंकिंग की बात करें तो वर्ष 2018 में 71 रैंक, 2019 में 11रैंक, 2020 में 34 तथा 2021 में 29 रैंक था। स्वच्छता के मापदंडों पर खरा उतरने के लिए नगर पालिक निगम भिलाई के महापौर नीरज पाल एवं स्वास्थ्य प्रभारी लक्ष्मीपति राजू के नेतृत्व में ब्रांड एंबेसडर ने अपनी सक्रियता दिखाई और बेहतर परिणाम हासिल हुआ। इसके साथ ही विधायक देवेंद्र यादव, कलेक्टर पुष्पेंद्र मीणा, निगम आयुक्त लोकेश चंद्राकर तथा तत्कालीन आयुक्त प्रकाश सर्वे, अपर आयुक्त अशोक द्विवेदी के कुशल मार्गदर्शन में स्वच्छता के निचले स्तर के कर्मचारियों से लेकर सभी अधिकारियों ने कड़ी मेहनत की और शहर के जागरूक नागरिक तथा बीएसपी प्रबंधन के अधिकारियों ने अवार्ड दिलाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है। सर्व जोन आयुक्त एवं स्वास्थ्य अधिकारी धर्मेंद्र मिश्रा सहित उनकी टीम ने सफाई व्यवस्था का पूरा जिम्मा संभाला हुआ है। निगम ने स्वच्छता के विभिन्न मापदंडों पर विशेष रुप से ध्यान देते हुए कार्य किया है जिसकी बदौलत आज स्वच्छता के सबसे बड़े मुकाबले में भिलाई ने गौरव हासिल किया है।
कचरा मुक्त शहरों की सूची में शामिल हो चुका है स्वच्छ सर्वेक्षण 2020 में कचरा मुक्त शहरों में भिलाई नगर को सम्मिलित किया जा चुका है तथा भिलाई 3 स्टार रेटिंग प्राप्त कर चुकी है। भिलाई शहर की जनता स्वच्छता के प्रति जागरूक है तभी भिलाई कचरा मुक्त शहर में शामिल हो सका है। स्वच्छ सर्वेक्षण के तहत निगम प्रशासन ने स्टार रेटिंग एवं वाटर प्लस पर विशेष ध्यान केन्द्रित किया था। स्वच्छ सर्वेक्षण के महत्वपूर्ण पहलुओं पर काम किया गया। नालियों में कचरा को रोकने के लिए तथा सीधे जल स्रोतों में कचरा न मिले इसके लिए नालियों में जालियां लगाने का कार्य किया गया तथा जीवीपी पाइंट को समाप्त कर सौंदर्यीकरण करने का कार्य किया गया। एसएलआरएम सेंटर में कचरो का पृथकीकरण, घनी आबादी वाले क्षेत्रों की सघन सफाई व डोर टू डोर कचरा कलेक्शन के अन्तर्गत सभी पैरामीटर को ध्यान में रखते हुए कार्य संपादित किया गया। एसएलआरएम सेंटर की संख्या में भी वृद्धि की गई है।
ओडीएफ प्लस प्लस का दर्जा प्राप्त कर चुका है भिलाई नगर पालिक निगम भिलाई खुले में शौच मुक्त का दर्जा पूर्व से प्राप्त करता आ रहा है और ओडीएफ प्लस प्लस का दर्जा भी पिछले वर्ष और इस वर्ष भिलाई निगम ने प्राप्त किया है, खुले से शौच मुक्त बनाने के लिए अधिकारियों ने प्रात: से ही ओडी वाले स्थानों पर नजर रखने का कार्य किया है, जुर्माना वसूली की, शौचालय को अपडेट किया नतीजन भिलाई को ओडीएफ प्लस प्लस का दर्जा प्राप्त हो चुका है।
दुर्ग / शौर्यपथ / स्वच्छ भारत दिवस के मौके पर विज्ञान भवन में आयोजित कार्यक्रम में स्वच्छता सर्वेक्षण में ईस्ट ज़ोन में रैंक दो हासिल करने पर दुर्ग जिले को पुरस्कृत किया गया। इस मौके पर जिला पंचायत अध्यक्ष श्रीमती शालिनी यादव , उपाध्यक्ष श्री अशोक साहू एवं जिला पंचायत सीईओ श्री अश्विनी देवांगन ने सम्मान ग्रहण किया। उल्लेखनीय है कि दुर्ग जिले में ग्रामीण क्षेत्रों में स्वच्छता को लेकर विशेष अभियान चलाया गया। ड्रेनेज की विशेष व्यवस्था की गई। स्वच्छता दीदियों के माध्यम से घर-घर जाकर सूखा कचरा, गीला कचरा एकत्र किया गया और इन्हें पृथक किया गया और इससे कंपोस्ट खाद बनाने की व्यवस्था भी की गई। सोक पीट बनाने के लिए विशेष रूप से ग्रामीणों को प्रेरित किया गया। इसके साथ ही प्लास्टिक कचरे को लेकर विशेष कार्य किया गया। प्लास्टिक कचरे को रोकने के लिए एवं ग्रामीण क्षेत्रों में ग्रामीणों को सहूलियत प्रदान करने के लिए बर्तन बैंक का आरंभ किए गए।इसके माध्यम से प्लास्टिक कचरा रोकने में मदद मिली। स्वच्छताग्राही दीदियों का इसमें विशेष योगदान रहा। उन्होंने घर-घर जाकर लोगों को स्वच्छता के संबंध में जागरूक किया जिसका अच्छा परिणाम आज सामने आया और अच्छी रैंक दुर्ग जिले को हासिल हुई और सम्मान हुआ।
राजनांदगांव शहर से 12 किमी दूर स्थित टोल टेक्स में नहीं वसूला जाता स्थानीय वाहनों से टेक्स
दुर्ग । शौर्यपथ।
दुर्ग शहर में राजनीति बस आम जनता को झूठा वादा करने में ही निकल जा रहा है यहां के राजनेता चाहे वह सत्तापक्ष के हो चाहे वह विपक्ष के हो सिर्फ राजनीति ही कर रहे हैं जनता के हितों की रक्षा करने की बात लगभग बेमानी ही साबित हो रही है दुर्ग शहर जिस बदहाल स्थिति में है उसके जिम्मेदार हैं कहीं ना कहीं यह जनप्रतिनिधि ही है चाहे वह जनप्रतिनिधि कांग्रेस के हो या भाजपा के. एक तरफ भाजपा कि केंद्र में सरकार है वही कांग्रेस की प्रदेश में सरकार है बावजूद इसके जनता के हितों के लिए किसी भी पार्टी द्वारा कोई भी सार्थक पहल नहीं की जा रही है शहर की स्थिति तो जैसी भी हो किंतु बढ़ते शहर के कारण आज एक ऐसा स्थान भी शहर में है जहां रोज दुर्ग की जनता की जेब लगातार कट रही है और जनप्रतिनिधि है जो मौन है आखिर मौन भी क्यों न हो क्योंकि ना तो इन्हें उनसे कोई परेशानी हो रही है और ना ही कोई आर्थिक नुकसान .
जी हां हम बात कर रहे हैं धमधा नाका स्थित टोल टैक्स का जहां पर आज भी दुर्ग शहर की गाडिय़ों से टोल टैक्स वसूला जा रहा है थोड़ी राहत की बात यह है कि दोपहिया वाहन तो इससे छूट मिली हुई है किंतु बढ़ता शहर बढ़ती आबादी और बढ़ते चार पहिया वाहन के कारण आम जनता को चार पहिया वाहन कृषि वाहन आदि के लिए शहर के एक कोने से दूसरे कोने जाने के लिए भी टैक्स देना पड़ रहा है किंतु शहर के जनप्रतिनिधि है कि इस पर कोई भी निर्णायक पहल नहीं कर रहे हैं सिर्फ बयान बाजी ही किया जा रहा है क्योंकि इन जनप्रतिनिधियों के वाहनों का तो टैक्स नहीं लिया जाता और ना ही इन्हें कोई आर्थिक परेशानियों का सामना करना पड़ता है जैसा कि हाल में ही देखने को मिला कि दुर्ग शहर के विधायक जब चंडी चौक पर स्वयं जाम में फंसे तब उन्हें स्थिति का आभास हुआ कि शहर के यातायात की व्यवस्था कितनी बिगड़ी है जबकि शहर के आम जनता को इन समस्याओं से लगातार दो चार होना पड़ रहा है वैसे ही हालत है दुर्ग टोल टैक्स की है जहां पर बढ़ते शहर के कारण दुर्ग की जनता को कई बार इस टोल टैक्स के कारण आर्थिक नुकसान उठाना पड़ रहा है।
राजनांदगांव टोल टैक्स पर स्थानी गाडिय़ों का नहीं लगता कोई टैक्स:
दुर्ग जिले से लगे हुए जिला राजनांदगांव से 12 किलोमीटर दूर ठाकुर टोला टोल टैक्स है जहां पर राजनांदगांव के पासिंग गाडिय़ों से टैक्स नहीं वसूला जाता बीच में कंपनी द्वारा चार पहिया वाहनों से टेस्ट लिया जाने लगा जिसके विरोध में राजनांदगांव के सभी दलों के जनप्रतिनिधियों ने एकता का परिचय देकर ठाकुर टोला टोल टैक्स से स्थानीय वाहनों के टोल टैक्स लेने पर राहत दिला दिया आज भी सालों से इस टोल टैक्स पर राजनांदगांव पासिंग गाडिय़ों का कोई भी टोल टैक्स नहीं लगता किंतु वही अगर दुर्ग की बात करें तो दुर्ग शहर के बीच में स्थित धमधा नाका टोल टैक्स पर दुर्ग पासिंग गाडिय़ों का भी टोल टैक्स वसूला जाता है.
जबकि प्रदेश का व्हीआईपी जिला के नाम से आज दुर्ग की पहचान है . दुर्ग जिले में मुख्यमंत्री ,गृह मंत्री ,पीएचई मंत्री ,उत्कृष्ट विधायक का पुरस्कार लेने वाले विधायक अरुण वोरा ,केंद्र की राजनीति में अपनी पहचान बनाने वाली भाजपा से राज्यसभा सांसद डॉ सरोज पांडे ,दुर्ग लोकसभा के सांसद विजय बघेल सहित कई दिग्गजों का निवास होने के बावजूद भी धमधा नाका टोल टैक्स पर स्थानीय वाहनों का टोल टैक्स वसूला जा रहा है जबकि धमधा नाका स्थिति निर्मित टोल टैक्स दुर्ग नगर पालिक निगम क्षेत्र के अंतर्गत आता है ऐसे में शहर में एक ही स्थान से दूसरे स्थान जाने के लिए ही अगर आम जनता को टोल टैक्स देना पड़े तो भी प्रदेश में व्हीआईपी जिला के रहने वाले दुर्ग शहर के जनप्रतिनिधि राजनेताओं और मंत्रियों का क्या औचित्य है .जिनके मौन रहने के कारण आज दुर्ग शहर में दुर्ग की आम जनता को अपने ही शहर में एक स्थान से दूसरे स्थान पर जाने के लिए टोल टैक्स देना पड़ रहा है आखिर जनता के हित के लिए धमधा नाका स्थित टोल टैक्स पर दुर्ग पासिंग गाडिय़ों को राहत क्यों नहीं दिला पा रहे हैं जनप्रतिनिधि और जनता के हितो की बात करने वाले राजनेता ? आखिर कब जनप्रतिनिधि आम जनता के हित के लिए इस पर कोई निर्णायक पहल करेंगे और कब ...
RAIPUR / SHOURYAPATH / मुख्यमंत्री श्री भूपेश बघेल नवरात्र के मौक़े पर राजधानी रायपुर के विभिन्न स्थानों पर स्थापित की गई मां दुर्गा के दर्शन किए और पूजा-अर्चना कर प्रदेशवासियों के सुख, शांति और समृद्धि व ख़ुशहाली की कामना की।
मुख्यमंत्री श्री भूपेश बघेल के कालीबाड़ी पहुंचने पर बंग समाज ने ढाक के धुनों के बीच उनका ज़ोरदार स्वागत किया। मुख्यमंत्री बैरनबाजार स्थित दुर्गा पंडाल में भी गए और वहां पूजा-अर्चना की। वे पुरानी बस्ती स्थित माँ महामाया मंदिर भी गए और वहां देवी मां की अराधना की। इस मौके पर संसदीय सचिव संसदीय सचिव श्री विकास उपाध्याय, छत्तीसगढ़ गृह निर्माण मंडल के अध्यक्ष श्री कुलदीप जुनेजा और रायपुर नगर निगम के महापौर श्री एजाज ढेबर सहित अनेक जनप्रतिनिधि भी उनके साथ थे।
RAIPUR / SHOURYAPATH / रूरल इंडस्ट्रियल पार्क में संचालित आजीविकामूलक गतिविधियों से हम महिलाएं आर्थिक रूप से स्वावलंबी हो रही हैं, रोजगार और आमदनी का साधन मिलने से परिवार में हमारा सम्मान बढ़ा है। यह उद्गार आज गौठानों में काम कर रही स्व-सहायता समूह की महिलाओं ने मुख्यमंत्री श्री भूपेश बघेल से वर्चुअल चर्चा के दौरान व्यक्त किए। मुख्यमंत्री श्री भूपेश बघेल ने आज महात्मा गांधी रूरल इंडस्ट्रियल पार्क योजना का प्रदेशव्यापी शुभारंभ करते हुए प्रदेश के 300 गौठानों में रूरल इंडस्ट्रियल पार्क का वर्चुअल भूमिपूजन किया। इस अवसर पर उन्होंने जांजगीर-चांपा जिले के जर्वे, बेमेतरा जिले के अमलडीह, कांकेर जिले के सराघू नवगांव, बलौदाबाजार के लटुवा और रायगढ़ के डोंगीतराई गांव के गौठान में उपस्थित महिलाओं और युवाओं से चर्चा कर वहां संचालित गतिविधियों के बारे में विस्तार से जानकारी ली।
मुख्यमंत्री श्री बघेल ने रीपा के रूप में विकसित किए जा रहे जांजगीर चांपा जिले के जर्वे गौठान की श्रीमती सरस्वती से बातचीत की। सरस्वती ने बताया कि उनके गौठान में 40 महिलाएं कार्य कर रही हैं, महिला समूह पहले वर्मी खाद बना रही थीं, अब रीपा के माध्यम से अन्य गतिविधियां भी संचालित की जाएंगी। जिला पंचायत सीईओ ने मुख्यमंत्री को बताया कि एक करोड़ की राशि प्रति रीपा दी जा रही है। यहां आजीविकामूलक 4 गतिविधियां संचालित की जा रही हैं, मशरूम पालन, अचार-पापड़, बड़ी बनाने का कार्य किया जा रहा है। राजीव मितान क्लब के श्री गजेंद्र सिदार जी ने कहा कि वे ऑफ्सेट प्रिंटिंग यूनिट यहां लगायेंगे। जांजगीर चांपा से चरवाहा श्री मयाराम ने बताया कि 1 लाख 4 हजार का गोबर बेचा है, पैसे से घर बनाया है, वे भूमिहीन हैं, भूमिहीन न्याय योजना की राशि मिल रही है।
बेमेतरा के अमलडीहा की सविता ने बताया कि रीपा के तहत हमें रोजगार मिल रहा है, ईंट और फेनसिंग पोल बनाने का कार्य कर रही हैं। इस जिले के चार विकासखण्डों में 8 रीपा बनाए जा रहे हैं। संसदीय सचिव श्री गुरूदयाल सिंह बंजारे भी यहां उपस्थित थे। कांकेर में 14 रीपा इकाई का आज उद्घाटन हो रहा है, इस जिले के सराधुनवागांव में गोबर से पेंट बनाने की इकाई का लोकार्पण किया गया। कांकेर जिले के सराधुनवागांव गौठान की नैना धनकर ने मुख्यमंत्री को बताया कि गोठान में 2 साल से महिलाएं काम कर रही हैं, गोबर से पेंट बनाने का कार्य अब रीपा में करेंगी, मुख्यमंत्री ने कहा कि पहले जमीन लीपने के काम गोबर आता था, अब दीवार पेंट करने के काम गोबर आएगा, नैना ने कहा कि उन्हें बहुत खुशी है कि उनके गांव में इतने काम हो रहे हैं, पहले घर तक सीमित थी महिलाएं, अब घर में भी सम्मान मिल रहा है, आत्मविश्वास बढ़ा है। नेमि निषाद ने मुख्यमंत्री को रीपा योजना के लिए धन्यवाद दिया, उनकी आर्थिक स्थिति इस योजना से सुधरेगी। इस गौठान में विधानसभा के उपाध्यक्ष श्री मनोज मण्डावी भी उपस्थित थे।
बलौदाबाजार में 10 रीपा की स्थापना की जा रही है, इस जिले के लटुवा गौठान के नेमि वर्मा ने मुख्यमंत्री को बताया कि वे टमाटर कैचप बनाएंगी, मुख्यमंत्री ने उन्हें शुभकामनाएं दी। उन्होंने अब वे लोग बारदाना और मिट्टी का बर्तन भी बनाएंगे। मुख्यमंत्री ने कहा कि इस वर्ष लगभग 110 लाख मेट्रिक टन धान की समर्थन मूल्य पर खरीदी की जाएगी। यदि रीपा में बारदानें का उत्पादन होता है, तो पूरे बारदानें सरकार द्वारा खरीदे जाएंगे। उन्होंने कहा कि दूसरे गौठानों में भी बारदानें बनाने की गतिविधि प्रारंभ होनी चाहिए। इससे शासकीय जरूरत पूरी होगी। साथ ही रोजगार और आय के साधन भी बढ़ेंगे। छत्तीसगढ़ राज्य खनिज विकास निगम के अध्यक्ष श्री गिरीश देवांगन और छत्तीसगढ़ राज्य कृषक कल्याण बोर्ड के अध्यक्ष श्री सुरेन्द्र शर्मा भी उपस्थित थे।
रायगढ़ में 14 रीपा शुरू किये जा रहे हैं, इस जिले के डोंगीतराई गौठान के सदस्य श्री पटेल ने मुख्यमंत्री को बताया कि गौठान में अभी सब्जी लगाये हैं, 1-1.5 लाख का वर्मी खाद बेच चुके हैं, रायगढ़ के पर्यटन स्थलों में रीपा के तहत पर्यटकों की रुकने आदि की व्यवस्था के कार्य करेंगे।
रायगढ़ की सरस्वती पटेल ने बताया कि गोठान में 16 समूह जुड़े हैं, दाल, आटा और वर्मी खाद उत्पादन का कार्य कर रहे हैं, 10 हज़ार अंडा उत्पादन का कार्य रीपा के तहत करेंगी साथ ही आटा मिल का विस्तार करेंगी, मुख्यमंत्री ने सरस्वती को शुभकामनाएं दी। उन्होंने बताया कि आटा मिल भी वे लोग लगाना चाहते हैं।
RAIPUR / SHOURYAPATH /
मुख्यमंत्री श्री भूपेश बघेल सेे आज राष्ट्रपिता महात्मा गांधी की जयंती पर रायपुर के व्यवसायी श्री मनोज कोठारी ने मुख्यमंत्री निवास कार्यालय में मुलाकात की। मुख्यमंत्री को श्री कोठारी ने इस मौके पर बड़े आत्मीय भाव से 65 साल पुराना गांधी चरखा भेंटकर उन्हें गांधी जयंती की शुभकामनाएं दी। उन्होंने मुख्यमंत्री को बापू की तस्वीर भी भेंट की। इस मौके पर श्री कोठारी की पुत्री सुश्री श्रेया भी मौजूद थी। मुख्यमंत्री को चरखा सौंपते हुए व्यवसायी श्री कोठारी ने बताया कि यह चरखा राजस्थान के उदयपुर के पास ग्राम फलौदी में 65 साल पहले राष्ट्रपिता महात्मा गांधी के सत्य, अहिंसा और सादा जीवन-उच्च विचार की भावना से प्रेरित एक कारीगर ने बनाया था। मुख्यमंत्री श्री बघेल छत्तीसगढ़ में गांव और ग्रामीणों के स्वावलंबन के लिए काम कर रहे हैं। इसलिए यह चरखा उन्होंने मुख्यमंत्री श्री भूपेश बघेल को भेंट किया है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि छत्तीसगढ़ सरकार राष्ट्रपिता महात्मा गांधी के ग्राम सुराज के उद्देश्यों पर ही आगे बढ़ते हुए काम कर रही है। बापू के सपनों को साकार करने के लिए छत्तीसगढ़ में निरंतर प्रयास हो रहे हैं। राज्य सरकार की नीतियों में गांवों को सुदृढ़ करना शामिल है। वहीं छत्तीसगढ़ में गांवों के साथ ही गरीब, मजदूर, किसान, महिला, बच्चे और बुजुर्ग हर वर्ग को मजबूती एवं राहत देने के लिए काम किया जा रहा है।
raipur / shouryapath / मुख्यमंत्री श्री भूपेश बघेल ने प्रदेशवासियों को दुर्गाष्टमी और महानवमी की बधाई और शुभकामनाएं दी हैं। इस अवसर पर श्री बघेल ने मां दुर्गा से प्रदेशवासियों की सुख, समृद्धि और खुशहाली की प्रार्थना की है। अपने शुभकामना संदेश में उन्होंने कहा है कि शक्ति की उपासना का महापर्व नवरात्रि पूरे देश में नौ दिनों तक भक्तिभाव से मनाया जाता है। इस दौरान देवी के नौ स्वरूपों की पूजा की जाती है। मुख्यमंत्री ने कहा कि शक्ति का यह पर्व हमें सिखाता है कि नारी का सम्मान हमारी परम्परा और संस्कृति का हिस्सा होने के साथ ही हमारे मूल्यों का हिस्सा है, इन मूल्यों को जीवंत बनाए रखना हम सबकी महती जिम्मेदारी है।
बलौदाबाजार-भाटापारा जिले में 10 रूरल इंडस्ट्रियल पार्क का शिलान्यास
प्रत्येक विकासखण्ड के 02-02 गौठान में बनेंगे ग्रामीण औद्योगिक पार्क
लटुवा के महिला समूहों के सदस्यों से बातचीत कर मुख्यमंत्री ने बढ़ाया उनका हौसला, कार्याे की प्रशंसा
बलोदा बाजार / शौर्यपथ / मुख्यमंत्री श्री भूपेश बघेल ने आज राष्ट्रपिता महात्मा गांधी के जयंती के अवसर पर मुख्यमंत्री निवास रायपुर में आयोजित समारोह में छत्तीसगढ़ शासन की महत्वाकांक्षी ‘‘महात्मा गांधी रूरल इंडस्ट्रियल पार्क योजना‘‘ का वर्चुअल शुभारंभ किया। इस अवसर पर उन्होंने राष्ट्रपिता महात्मा गांधी, पूर्व प्रधानमंत्री श्री लाल बहादूर शास्त्री एवं छत्तीसगढ़ महतारी के तैलचित्र पर पुष्पांजलि अर्पित की। मुख्यमंत्री ने कहा कि पूरा देश और मानव समाज राष्ट्रपिता महात्मा गांधी और पूर्व प्रधानमंत्री श्री लाल बहादुर शास्त्री का सदैव ऋणी रहेगा।
मुख्यमंत्री श्री बघेल ने महात्मा गांधी रूरल इंडस्ट्रियल पार्क योजना को छत्तीसगढ़ के ग्रामीण स्वावलंबन के लिए ऐतिहासिक एवं क्रांतिकारी योजना बताया। मुख्यमंत्री ने कहा कि इससे गांव में रोजगार और उद्यम को बढ़ावा मिलेगा। ग्रामीण आत्मनिर्भर और स्वावलंबी बनेंगे। मुख्यमंत्री ने इस मौके पर बलौदाबाजार-भाटापारा जिले के 10 गौठानों में महात्मा गांधी रूरल इंडस्ट्रियल पार्क के निर्माण कार्य का वर्चुअल शिलान्यास भी किया और वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से बलौदाबाजार विकासखंड के अंतर्गत ग्राम लटुवा के गौठान में बारदाना एवं मिट्टी के बर्तन बनानें वाली महिला स्व सहायता समूहों के सदस्यों से बातचीत कर उनका हौसला बढ़ाया एवं उनके कार्याे की प्रशंसा की।
इस मौके पर मुख्य अतिथि के रूप में खनिज विकास निगम के अध्यक्ष गिरीश देवांगन, जिला पंचायत अध्यक्ष राकेश वर्मा, कृषक कल्याण परिषद अध्यक्ष सुरेंद्र शर्मा, विद्याभूषण शुक्ला, जिला अध्यक्ष हितेंद्र ठाकुर जनपद पंचायत अध्यक्ष सुमन योगेश वर्मा, जिला पंचायत सदस्य रमेश धृतलहरे, जिला पंचायत सीईओ गोपाल वर्मा,अतिरिक्त जिला पंचायत सीईओ हरिशंकर चौहान, सरपंच महेश्वरी दीपक साहू अन्य जनप्रतिनिधिगण व सम्बंधित विभागों के अधिकारी उपस्थित थे।
उल्लेखनीय है कि बलौदाबाजार-भाटापारा जिले में रीपा योजना के अंतर्गत पहले चरण में सभी पॉचों विकासखण्डों के 02-02 गौठान में 02-02 करोड़ रूपए की लागत से जिले में कुल 10 ग्रामीण औद्योगिक पार्क का निर्माण किया जाएगा। कार्यक्रम को संबोधित करते हुए खनिज विकास निगम के अध्यक्ष गिरीश देवांगन ने कहा कि भारत की आत्मा गॉव में बसती है। आज ‘‘महात्मा गांधी रूरल इंडस्ट्रियल पार्क योजना‘‘ के माध्यम से गॉव को आत्मनिर्भर बनाने की परिकल्पना साकार होने जा रही है। श्री देवांगन ने ‘‘महात्मा गांधी रूरल इंडस्ट्रियल पार्क योजना‘‘ को राज्य शासन की अत्यंत महत्वाकंाक्षी योजना बताते हुए इसके उद्देश्यों के संबंध में जानकारी दी। उन्होंने कहा कि इस योजना का उद्देश्य बहुत ही दूरगामी एवं व्यापक है। श्री देवांगन ने सभी जनप्रतिनिधियों को इस योजना को धरातल पर सफल क्रियान्वयन सुनिश्चित करने हेतु सक्रिय भागीदारी निभाने की अपील की।
कृषक कल्याण परिषद अध्यक्ष सुरेंद्र शर्मा ने जैविक खेती के बढ़ते प्रभाव के फायदे एवं स्वरोजगार के महत्व के बारे में विस्तृत जानकारी दी। जिला पंचायत अध्यक्ष ने कहा कि छत्तीसगढ़ सरकार के द्वारा ग्रामीणों को रोजगार दिलाकर हमारे गॉव को स्वावलंबी एवं आत्मनिर्भर बनाने का अभिनव कार्य किया जा रहा है। इस अवसर पर कलेक्टर जिला पंचायत सीईओ गोपाल वर्मा ने महात्मा गांधी रूरल इंडस्ट्रियल पार्क योजना‘‘ के महत्व एवं उद्देश्य के संबंध में जानकारी देते हुए इसके सफल क्रियान्वयन हेतु व्यवहारिक पहलुओं पर प्रकाश डाला। इस दौरान कार्यक्रम में उपस्थित जनप्रतिनिधियों ने भी रीपा योजना के सफल क्रियान्वयन हेतु अपना बहुमूल्य सुझाव दिए।
उल्लेखनीय है कि महात्मा गांधी रूरल इंडस्ट्रियल पार्क योजना का मूल उद्देश्य ग्रामीण गरीब परिवारों के लिए अतिरिक्त आय का साधन बनाना है। प्रथम चरण में विकासखण्ड बलौदाबाजार के गौठान ग्राम लटुवा, पनगांव, भाटापारा में गुडेलिया, कडार सिमगा में रोहरा, केसली, कसडोल में देवरीकला, मटिया, पलारी में हरिनभट्टा एवं गिर्रा के गौठान में ग्रामीण औद्योगिक पार्क का निर्माण किया जाएगा, जहां पर चयनित आयमूलक गतिविधियों को वृहद पैमाने पर शुरू किया जाएगा।
रायपुर / शौर्यपथ / मुख्यमंत्री श्री भूपेश बघेल ने आज यहां अपने निवास कार्यालय में आईसीआईसीआई अकादमी ऑफ स्किल्स द्वारा आयोजित दीक्षांत समारोह में प्रशिक्षण प्राप्त कर चुके युवाओं को प्रमाण पत्र के साथ नियुक्ति पत्र प्रदान किए। इस अवसर पर मुख्य सचिव श्री अमिताभ जैन और अपर मुख्य सचिव श्री सुब्रत साहू भी उपस्थित थे। दुर्ग में आईसीआईसीआई फाउंडेशन द्वारा लाइवलीहुड कॉलेज और अकादमी ऑफ स्किल्स द्वारा गरीब और जरूरतमंद परिवारों के बच्चों को कौशल विकास का प्रशिक्षण प्रदान कर उन्हें रोजगार के लिए तैयार किया जा रहा है। इस अकादमी द्वारा बच्चों को कौशल विकास के साथ समाजिक जागरूकता और लाइफ स्किल्स की ट्रेनिंग दी जा रही है। स्वरोजगार से महिला सशक्तिकरण के कार्य भी हो रहे हैं, कई परिवार लाभान्वित हो रहे हैं। जुवेनाइल सेन्टर में मोबाइल रिपेयरिंग सहित अन्य स्किल डेवलप करने का कार्य किया जा रहा है।
मुख्यमंत्री श्री भूपेश बघेल ने महात्मा गांधी जी और शास्त्री जी की जयंती पर उन्हें नमन करते हुए कहा कि यह बहुत प्रसन्नता की बात है कि आईसीआईसीआई बैंक केवल बैंकिंग ही नहीं सामाजिक क्षेत्र में भी काम कर रहा है। हर साल डेढ़ हजार बच्चे रोजगार के लिए तैयार हो रहे हैं, बैंक की सोच के लिए बधाई देता हूँ। बच्चों के सपने इस प्रयास से साकार होंगे, आज जिन बच्चों को प्रमाणपत्र और नियुक्ति पत्र दिया गया है उन सभी बच्चों को बहुत बधाई और उज्ज्वल भविष्य के लिए शुभकामनाएं।
गौरतलब है कि आईसीआईसीआई बैंक की छत्तीसगढ़ में 120 शाखाएं संचालित हैं। आईसीआईसीआई अकादमी ऑफ स्किल्स के अग्रणी छात्र-छात्राओं को मुख्यमंत्री ने प्रमाण पत्र प्रदान किया। आईसीआईसीआई एकेडमी फॉर स्किल्स के दुर्ग केंद्र ने 9,600 से अधिक युवाओं को मुफ्त व्यावसायिक प्रशिक्षण प्रदान किया है। प्रशिक्षण प्राप्त युवाओं को अकादमी की पहल से प्रतिष्ठित संगठनों में रोजगार के बेहतर अवसर प्राप्त हुए हैं। आज आयोजित कार्यक्रम में प्रशिक्षण प्राप्त 166 युवाओं को प्रमाण पत्र और नियुक्ति पत्र प्रदान किए गए।
आईसीआईसीआई अकादमी दुर्ग में एसपीएलसीएस (स्टेट प्रोजेक्ट लाइवलीहुड कॉलेज सोसाइटी) और आईसीआईसीआई फाउंडेशन के माध्यम से छत्तीसगढ़ सरकार के बीच सार्वजनिक-निजी भागीदारी (पीपीपी) मॉडल के तहत प्रशिक्षण कार्यक्रम चलाया जा रहा है। दुर्ग में अकादमी केंद्र युवाओं को पांच कौशलों में प्रशिक्षण प्रदान करता है, वे हैं इलेक्ट्रिकल और घरेलू उपकरण मरम्मत, बिक्री कौशल, प्रशीतन (रेफ्रीजरेटर) और एयर कंडीशनिंग मरम्मत, सेंट्रल एयर कंडीशनिंग और कार्यालय प्रशासन। इस केन्द्र की स्थापना 2015 में की गई। अपनी स्थापना के बाद से, केंद्र ने 9,604 से अधिक प्रशिक्षुओं को मुफ्त व्यावसायिक प्रशिक्षण प्रदान किया है और युवाओं को 100 प्रतिशत प्लेसमेंट भी प्रदान किया है। इस वर्ष अकादमी के 166 छात्रों ने अपना प्रशिक्षण पूरा किया और सफलतापूर्वक स्थान प्राप्त किया। प्रशिक्षण की अवधि तीन महीने है इन पाठ्यक्रमों के लिए पात्र होने के लिए, तकनीकी पाठ्यक्रमों के लिए कम से कम कक्षा 8वीं और गैर तकनीकी पाठ्यक्रमों के लिए कक्षा 10वीं पास करना आवश्यक है। इसके अतिरिक्त प्रशिक्षुओं की आयु 18 से 30 वर्ष के बीच होनी चाहिए।
दीक्षांत समारोह में आईसीआईसीआई बैंक के श्री सुहासनायक और श्री प्रवीण त्रिवेदी ने कहा कि युवाओं को मुफ्त नौकरी उन्मुख प्रशिक्षण प्रदान करने और उन्हें हमारे उद्योग नेटवर्क और साझेदारी के माध्यम से रोजगार के अवसर खोजने में मदद की जा रही है। समावेशी विकास के लिए आईसीआईसीआई फाउंडेशन, आईसीआईसीआई समूह की सीएसआर शाखा, आईसीआईसीआई फाउंडेशन फॉर इनक्लूसिव ग्रोथ (आईसीआईसीआई फाउंडेशन) शहरी और ग्रामीण क्षेत्रों में कौशल विकास और सतत आजीविका, पर्यावरण संरक्षण, वित्तीय समावेशन, स्वास्थ्य देखभाल और शिक्षा के क्षेत्रों में कार्य कर रही है। आईसीआईसीआई एकेडमी फॉर स्किल्स, आईसीआईसीआई रूरल लाइवलीहुड प्रोग्राम और आईसीआईसीआई रूरल सेल्फ एम्प्लॉयमेंट ट्रेनिंग इंस्टीट्यूट्स के माध्यम से युवाओं को स्थायी आजीविका अर्जित करने में मदद करने के लिए प्रशिक्षण प्रदान किया जाता है।