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सेहत टिप्स /शौर्यपथ / आज तक आपने सेहत और खूबसूरती से जुड़े हरे रंग के एलोवेरा के फायदे तो बहुत सुने होंगे। लेकिन क्या आप जानते हैं लाल रंग का एलोवेरा हरे रंग के एलोवेरा की तुलना में अधिक फायदेमंद होता है। इसमें हरे रंग के एलोवेरा की तुलना में अधिक पोषक तत्व पाए जाते हैं। इतना ही नहीं इसमें काफी मात्रा में अमीनो एसिड और पॉलीसेकेराइड होता है। जो बाल, त्वचा और आंखों के लिए वरदान से कम नहीं माना जाता है। आइए जानते हैं लाला एलोवेरा का इस्तेमाल करने से मिलते हैं क्या फायदे।
लाल एलोवेरा के फायदे-
ब्लड प्रेशर करे कंट्रोल - अपने हार्ट को स्वस्थ बनाए रखने के लिए लाल एलोवेरा के जूस का सेवन कर सकते हैं। लाल एलोवेरा का जूस पीने से ब्लड प्रेशर कंट्रोल में रहता है।
पीरियड्स होते हैं रेगुलर - जो महिलाएं अनियमित पीरियड्स की समस्या से परेशान रहती हैं वो लाल एलोवेरा का जूस अपनी डाइट में सामिल करें। ऐसा करने से उनके पीरियड्स रेगुलर होंगे और दर्द भी कम होगा।
इम्यूनिटी करे बूस्ट- लाल एलोवेरा का जूस पीने से शरीर की रोग प्रतिरोधक क्षमता मजबूत बनती है। इस जूस का सेवन करने से बैक्टीरिया और इंफेक्शन से बचाव होता है। जिससे व्यक्ति सर्दी-जुकाम और खांसी से भी बचा रहता है।
त्वचा में आता है निखार-लाल एलोवेरा त्वचा के लिए भी काफी फायदेमंद माना जाता है। लाल एलोवेरा का जूस पीने से शरीर में जमा टॉक्सिन आसानी से बाहर निकल जाते हैं। जिससे खून साफ होता है और त्वचा में निखार आता है। आप चाहें तो लाल एलोवेरा के रस को त्वचा पर भी लगा सकते हैं। इससे दाग-धब्बों से छुटकारा मिलता है, त्वचा पर निखार बना रहता है।
हेयर फॉल रोकने में करें मदद- लाल एलोवेरा बालों पर लगने से बाल सिल्की और शाइनी बनते हैं। इसके नियमित इस्तेमाल से हेयर फॉल की समस्या भी कम होती है। रूखे बालों पर लाल एलोवेरा जेल लगाने से बाल शाइनी होते हैं।
ब्यूटी टिप्स /शौर्यपथ /खानपान की गलत आदतें, धूम्रपान, गर्भावस्था, वजन कम होना, डिहाइड्रेशन या फिर केमिकल युक्त स्किन प्रोडक्ट्स का चेहरे पर अधिक इस्तेमाल समय पर पहले आपके चेहरे पर झुर्रियां ला सकता है। जिसकी वजह से व्यक्ति समय से पहले ही अपनी उम्र से अधिक बूढ़ा लगने लगता है। ऐसे में सही समय पर स्किन की खास केयर करना बहुत ही जरूरी होता है। अगर आपके चेहरे पर भी अभी से एजिंग के लक्षण काफी तेजी से बढ़ने लगे हैं तो ये कुछ घरेलू उपाय इन्हें कम करने में आपकी मदद कर सकते हैं।
त्वचा में कसाव लाने के लिए अपनाएं ये घरेलू नुस्खे
खुद को रखें हाइड्रेट-
बॉडी को हाइड्रेट रखने से न सिर्फ एजिंग प्रॉब्लम बल्कि त्वचा का ढीलापन भी दूर हो सकता है। इसके लिए व्यक्ति को दिनभर में कम से कम 8 से 9 गिलास पानी जरूर पीना चाहिए। इसके अलावा फूट जूस का सेवन भी कर सकते हैं।
एक्सरसाइज-
एक्सरसाइज की मदद से भी त्वचा को ढीला होने से रोका जा सकता है। इसके लिए आप कुछ फेशियल एक्सरसाइज की मदद ले सकते हैं, जिन्हें नियमित रूप से करने पर चेहरे पर निखार आ सकता है।
नारियल तेल का इस्तेमाल-
त्वचा पर नारियल तेल का इस्तेमाल करने से कई तरह के लाभ मिल सकते हैं। नारियल तेल में मौजूद विटामिन-ई त्वचा की कोशिकाओं को पुनर्जीवित करता है जिसकी मदद से ढीली त्वचा में कसाव आता है। इसके लिए हफ्ते में दो-तीन बार नहाने से एक घंटा पहले नारियल के तेल से शरीर की मालिश करें।
सरसों का तेल-
सरसों के तेल में मौजूद विटामिन-ई त्वचा में कसाव लाने में आपकी मदद कर सकता है। इसके लिए सरसों के तेल को हल्का गर्म करके नहाने से पहले पूरे शरीर पर लगाकर अच्छी तरह से मालिश करें। इसके बाद करीब आधे घंटे बाद नहा लें।
एवोकाडो ऑयल-
एवोकाडो ऑयल त्वचा में नमी बनाए रखने के साथ चेहरे पर कसाव भी लाता है। यह ऑयल विटामिन-ई, पोटैशियम और हेल्दी फैट से समृद्ध होता है। ये सभी पोषक तत्व त्वचा में आसानी से अवशोषित हो जाते हैं और त्वचा कोशिकाओं की कार्यप्रणाली में सुधार करते हैं। इसके लिए रोजाना एवोकाडो के तेल से त्वचा पर 15 मिनट तक मालिश करके कुछ घंटों के लिए छोड़ दें। इसके बाद नहा लें।
कॉफी फेस पैक-
कॉफी में एंटीऑक्सीडेंट भरपूर मात्रा में पाए जाते हैं। जो त्वचा के लिए काफी फायदेमंद हो सकते हैं। इस उपाय को करने के लिए दही और चीनी के साथ कॉफी मिलाकर चेहरे पर मसाज करें और धो लें। ऐसा करने से आपकी स्किन पर नेचुरल ग्लो आएगा और ढीलापन भी कम होगा।
सेहत टिप्स /शौर्यपथ /क्या आप चाय बहुत ज्यादा पसंद है? अगर आपका जवाब हां है, तो आपको ट्रेडिशनल चाय को ब्रेक देकर वेट लॉस फ्रेंडली चाय का इस्तेमाल करना चाहिए। चीनी और दूध की चाय से वजन तेजी से बढ़ता है। ऐसे में आपको इनकी जगह कुछ हेल्दी चाय पीनी चाहिए। ये चाय एंटीऑक्सिडेंट से भरपूर होती है। फैट, कैंसर से बचाव और दिल की बीमारियों से बचाव करने में ये चाय बहुत फायदेमंद होती है। आइए, जानते हैं हेल्दी चाय के ऑप्शन्स-
व्हाइट टी
बॉडी सेल्स को रिपेयर करने के साथ एजिंग को स्लो डाउन करने के लिए व्हाइट टी बहुत कारगर है। आपको दिन में दो बार व्हाइट टी जरूर पीनी चाहिए। खाली पेट व्हाइट टी सबसे फायदेमंद है।
ऊलोंग टी
ऊलोंग चाय हर्बल चाय है जिसे पीने से वेट लॉस तेजी से होता है। इसे पीने से व्यक्ति के शरीर में कोलेस्ट्रॉल के स्तर को कम करने में मदद मिल सकती है। इसे पीने से लम्बे समय तक पेट भरा रहता है।
ब्लैक टी
रोजाना एक कप ब्लैक टी पीने से आपका दिल मजबूत होता है और ब्लड फ्लो में सुधार होता है। ब्लैक टी रोजाना एक कप पीनी चाहिए लेकिन आपको खाली पेट ब्लैक टी नहीं पीनी चाहिए।
देसी काढ़ा
आप अगर किसी वजह से इन चाय को खरीदना नहीं चाहते, तो आप देसी काढ़ा बनाकर भी पी सकते हैं। इसके लिए आपको पानी में तुलसी के पत्ते, लौंग, अदरक, दालचीनी और एक टुकड़ा गुड़ डालकर उबालना है। इस चाय को सुबह और शाम पिएं। इसे पीने से जिद्दी फैट हट जाता है।
खेल /शौर्यपथ /भारतीय टीम को मंगलवार को दक्षिण अफ्रीका के खिलाफ तीसरे टी20 इंटरनेशनल मुकाबले में 49 रन से हार का सामना करना पड़ा। इसके बावजूद टीम इंडिया 2-1 से जीतने में सफल रही। मैच के बाद हेड कोच राहुल द्रविड़ प्रेस कान्फ्रेंस में आए। द्रविड़ को आमतौर पर शांत स्वभाव के लिए जाना जाता है। लेकिन मंगलवार की रात टीम इंडिया की हार के बाद उन्हें कई सवालों का सामना करना पड़ा। इस दौरान द्रविड़ से अक्षर पटेल को लेकर सवाल किया गया। एक पत्रकार ने उनसे पूछा कि अक्षर को सिर्फ एक ही ओवर क्यों गेंदबाजी करवाया गया। पत्रकार के इस सवाल द्रविड़ ने उन्हें करारा जवाब दिया।
हेड काेच द्रविड़ ने कहा, 'मैच-अप महत्वपूर्ण हैं और वे हमारे लिए महत्वपूर्ण हैं। अकेले गेंदबाज की क्वालिटी का सपोर्ट करने से भी ज्यादा मैच-अप का महत्व होता है। यह आप लोगों के लिए है कि आप इसकी अच्छे से जांच करें और आंकड़े देखें। कई सारी टीमें मैचअप का उपयोग करती हैं। ऐसा करने वाले केवल हम ही नहीं हैं। मुझे यकीन है कि बहुत सारी टीमें आंकड़ों को जरूर देखती होंगी।''
उन्होंने कहा, '' आपको पहले मैच-अप के बारे में जांच करना चाहिए। लेफ्ट ऑर्म स्पिनरों की संख्या के बारे में जो बाएं हाथ के बल्लेबाजों को गेंदबाजी करते हैं और फिर हो सकता है कि आपको उसमें आपका जवाब मिल जाए। मैं आपसे उन कुछ नंबरों को देखने का अनुरोध करूंगा। वहां आपको कुछ सवालाें के जवाब मिल सकते हैं।''
अक्षर ने तीसरे टी20 में केवल एक ही ओवर गेंदबाजी की थी क्योंकि क्रीज पर उस समय क्विंटन डिकॉक और राइली रूसो के रूप में दो बांए हाथ के बल्लेबाज मौजूद थे। उन्होंने अपने एक ओवर में 13 रन खर्च किए। अक्षर ने टी20 इंटरनेशनल क्रिकेट में बाएं हाथ के बल्लेबाजों के खिलाफ 9.53 की इकॉनमी रेट से गेंदबाजी की है।
मनोरंजन /शौर्यपथ /ओम राउत के अपकमिंग प्रोजेक्ट आदिपुरुष को काफी तीखी आलोचना मिल रही है। हाल ही में इसका टीजर रिलीज हुआ जिसके बाद लोगों को रामानंद सागर की रामायण याद आ गई। लोग 1987 में आई इस टीवी सीरीज की भव्यता को याद कर रहे हैं। वहीं इसके किरदारों से आदिपुरुष के किरदार की तुलना भी की जा रही है। खासतौर पर रावण के रोल में सैफ अली खान काफी ट्रोल हो रहे हैं। ओम राउत की फिल्म का बजट करीब 500 करोड़ रुपये बताया जा रहा है। कई लोगों ने टीजर देखकर ही इसे फ्लॉप घोषित कर दिया। क्या आपको पता है रामायण सीरियल में कितना खर्च और हर एपिसोड पर कितनी कमाई थी? यहां जानते हैं अरुण गोविल और दीपिका चिखलिया की रामायण से जुड़े कुछ इंट्रेस्टिंग फैक्ट्स।
650 मिलियन थी व्यूअरशिप
आदिपुरुष का टीजर देखने के बाद कई लोग इसे रामानंद सागर की रामायण की तौहीन बता रहे हैं। रामायम टीवी के इतिहास का आइकॉनिक शो रहा है। पहली बार टेलिकास्ट होने के बाद इसकी पॉप्युलैरिटी रिकॉर्ड तोड़ थी वहीं कोरोना के दौरान जब इसका दोबारा टेलिकास्ट हुआ तो भी लोगों में जबरदस्त क्रेज देखा गया। रिपोर्ट्स बताती हैं कि रामायण 55 अलग-अलग देशों में टेलिकास्ट हुआ था और उसकी व्यूअरशिप 650 मिलियन के करीब थी।
लिम्का बुक में दर्ज हुआ था नाम
शुरुआत में रामायण के सिर्फ 52 एपिसोड बने थे लेकिन इसको इतनी लोकप्रियता मिली कि बढ़ाकर 78 एपिसोड कर दिए गए। रामायण दुनिया की सबसे ज्यादा देखी जाने वाली सीरीज बन गई और इसका नाम लिम्का बुक ऑफ रिकॉर्ड्स में दर्ज हुआ था।
तगड़ा बजट और बम्पर कमाई
रामायण उस वक्त का काफी महंगा शो माना जाता था। इसके हर एपिसोड का बजट 9 लाख रुपये था। रिपोर्ट्स के मुताबिक, दूरदर्शन को उस वक्त हर एपिसोड पर करीब 40 लाख रुपये का प्रॉफिट हो रहा था।
अरुण गोविल ने छोड़ दी थी स्मोकिंग
अरुण गोविल उस वक्त राम के रूप में काफी मशहूर हो गए थे। लोग उनमें राम की छवि देखते थे इस वजह से उन्होंने पब्लिक प्लेसेज पर स्मोकिंग करनी बंद कर दी थी। अरुण गोविल के लिए यह श्रद्धा लोगों में आज भी बरकरार है। हाल ही में वीडियो वायरल हुआ था जिसमें एयरपोर्ट पर एक महिला उनको देखकर इमोशनल हो गई और पैर छू लिए।
अरविंद त्रिवेदी को मिला था केवट का रोल
रामायण में रावण का रोल करने वाले अरविंद त्रिवेदी ने पहले केवट के रोल के लिए ऑडिशन दिया था। बाद में रामानंद सागर ने उनकी बॉडी लैंग्वेज और एटिट्यूड देखा तो रावण का रोल दे दिया। उन्होंने यह रोल इतनी बखूबी निभाया कि लोग हकीकत में उनसे नफरत करने लगे थे।
टिप्स ट्रिक्स /शौर्यपथ /बच्चों में अक्सर अंगूठा चूसने की आदत आ जाती है। यह आमतौर पर बचपन में शुरू होती है। जिसके साइड इफेक्ट भी हो सकते हैं। बच्चे आमतौर पर अपना अंगूठा चूसते हैं क्योंकि उनमें प्राकृतिक जड़ता और चूसने वाली सजगता होती है। जिसकी वजह से बच्चे अपना अंगूठा/उंगलियां अपने मुंह में डाल लेते हैं। यह भी माना जाता है कि अंगूठा चूसने से शिशु सुरक्षित महसूस करता है। हालांकि, आप अपने बच्चे की इस आदत से छुटकारा पा सकते हैं।
बच्चे की अंगूठा चूसने की आदत से कैसे पाएं छुटकारा
1) समय सीमित करें
अपने बच्चे की अंगूठा चूसने की आदत को बेडरूम तक या सोने से पहले सीमित करने से शुरू करें। इसके अलावा उन्हें समझाएं कि अंगूठा चूसना अच्छी आदत नहीं है।
2) जर्म्स के बारे में बताएं
अपने बच्चे को उसके हाथों पर लगे जर्म्स के बारे में बताएंष उन्हें समझाने की कोशिश करें कि अंगूठा चूसने से एक्टिव बैक्टीरिया फैल सकते हैं और बीमारियों को ट्रिगर कर सकते हैं। ऐसे में कई बार डर से कुछ बच्चे अंगूठा चूसने की आदत छोड़ सकते हैं।
3) देखें कि वे कब ऐसा करते हैं
बच्चे सोने के दौरान या टेलीविजन देखते समय अपने अंगूठे को चूसते हैं। ऐसे में अपने बच्चे के अंगूठा चूसने के समय को देखें। अगर यह टीवी देखते समय है, तो इसे कुछ मिनटों के लिए बंद कर दें।
4) सरहाना करें
अपने बच्चे के मुंह में अंगूठा न होने पर हर बार उसकी प्रशंसा करें या उसे इनाम दें। ऐसा करने से बच्चे इस आदत को छोड़ सकते हैं।
5) बच्चों को बिजी रखें
बच्चे अक्सर खाली बैठने पर ही अंगूठा चूसते हैं। इसलिए बच्चों को बिजी रखने की कोशिश करें। उन्हें फिजीकल एक्टीविटी में व्यस्त रखने की कोशिश करें। इससे बच्चे अंगूठा चूसने की आदत को छोड़ने लगेंगे।
अंगूठा चूसने की आदत से छुटकारा पाने के घरेलू उपाय
- बच्चे के मुंह में निप्पल या मीठी गोली खाने डाल सकते हैं ताकि वह उनमे बिजी रहे और अंगूठा न चूसे।
- अंगूठा चूसने की आदत छुड़ाने के लिए आप अंगूठे पर थंब गार्ड या कुछ प्रटेक्टिव कवरिंग लगा सकते हैं।
- आप उनके अंगूठे पर करेले का रस लगा सकती हैं, ऐसे में करेले का कड़वा स्वाद बच्चे की अंगूठा चूसने की आदत को खत्म कर सकता है।
ब्यूटी टिप्स /शौर्यपथ /सेल्फी, रील्स और वीडियोज के इस जमाने में लोग हरदम तैयार रहना चाहते हैं। यही वजह है कि अब ज्यादा लड़के-लड़कियां हर रोज मेकअप करते हैं। ऑफिस जाने से लेकर मार्केट जाने तक के समय वे कैमरा रेडी दिखना चाहते हैं। मेकअप के लिए जो सबसे जरूरी लेयर वे बेस के लिए इस्तेमाल करते हैं, वह है फाउंडेशन। आपको बता दें कि फाउंडेशन का नियमित और गलत इस्तेमाल त्वचा को नुकसान पहुंचा सकता है। अगर आप भी रेगुलर फाउंडेशन का इस्तेमाल कर रहीं हैं, तो जान लें इसके बारे में कुछ जरूरी बातें
फाउंडेशन के इस्तेमाल पर हमेशा बहस रही है। मेकअप के समर्थक कहते हैं कि यह स्किन को प्रोटेक्ट करता है। जबकि दूसरे पक्ष के लोग मानते हैं कि ये त्वचा को नुकसान पहुंचाता है। हालांकि, किसी भी मेकअप प्रोडक्ट को इस्तेमाल करने से पहले उसकी पूरी जानकारी लेना जरूरी है। ऐसे में हेल्थ शॉट्स ने इसपर ब्यूटी एक्सपर्ट शहनाज हुसैन से बातचीत की, उन्होंने इससे जुडी कई महत्वपूर्ण बातें बताई है। तो चलिए जानते है त्वचा पर फाउंडेशन का प्रभाव और फाउंडेशन चुनने का सही तरीका।
त्वचा के लिए किस तरह नुकसानदेह हो सकता है फाउंडेशन का ज्यादा और गलत इस्तेमाल
यदि आप अपनी त्वचा पर नियमित रूप से जरूरत से ज्यादा फाउंडेशन का इस्तेमाल कर रही हैं, तो सावधान हो जाएं। किसी भी मेकअप प्रोडक्ट की पूरी जानकारी के बिना इनका इस्तेमाल आपकी त्वचा को खूबसूरत बनाने की जगह और ज्यादा खराब कर सकता है।
फाउंडेशन का नियमित इस्तेमाल करने से यह आपके स्किन पोर्स के अंदर जाकर बैठ जाता है। जिसकी वजह से आपकी त्वचा को सही पोषण नहीं मिल पाता और त्वचा से जुड़ी कई तरह की समस्याएं होने की संभावना बढ़ जाती हैं। वहीं आपके क्लोज्ड पोर्स एक्ने और बम्प्स जैसी स्थिति का कारण बनते हैं। इसके साथ ही यह आपकी त्वचा को काफी ज्यादा डल कर देता है।
इतना ही नहीं फाउंडेशन का नियमित इस्तेमाल त्वचा पर कई तरह के एलर्जिक रिएक्शन का कारण बन सकता है। फाउंडेशन को बनाने में इस्तेमाल किए गए कंपोजीशन और फॉर्मूलेशन आपकी त्वचा पर किस तरह रिएक्ट करेंगे इसका अंदाजा आपको पहले से नहीं होता। यदि आपकी त्वचा पहले से सेंसिटिव है, तो इसमें मौजूद केमिकल स्किन एलर्जी को तेजी से ट्रिगर कर सकती हैं।
खतरनाक हो सकता है आंखों के आसपास फाउंडेशन का इस्तेमाल
आंखों के आसपास की स्किन काफी ज्यादा सेंसिटिव होती है, ऐसे में आंखों के नीचे फाउंडेशन लगाने से डार्क सर्कल की समस्या से लेकर स्किन इन्फेक्शन और आंखों के अंदर भी एलर्जी रिएक्शन होने की संभावना बनी रहती है। इसके साथ ही स्किन पिगमेंटेशन जैसी समस्याएं भी नजर आती हैं। वहीं यह कोलेजन प्रोडक्शन को कमजोर कर देता है, जिस वजह से स्किन डार्क नजर आती है।
यहां जानें सही फाउंडेशन चुनने का तरीका (How to choose right foundation)
1. चुनें अच्छे ब्रांड का फाउंडेशन
शहनाज हुसैन कहती हैं की किसी भी तरह के फाउंडेशन का जरूरत से ज्यादा इस्तेमाल त्वचा के लिए हानिकारक होता है। परंतु यदि आपका फाउंडेशन एक अच्छी क्वालिटी और ब्रांड का है, तो यह त्वचा को कम नुकसान पहुंचाता है।
कोशिश करें कि सर्टिफाइड नेचुरल ब्रांड का फाउंडेशन इस्तेमाल करें। छोटे-मोटे ब्रांड्स के फाउंडेशन को बनाने में कई ऐसे केमिकल इस्तेमाल होते हैं, जो आपकी त्वचा को काफी ज्यादा नुकसान पहुंचा सकते हैं।
2. वॉटर बेस्ड फाउंडेशन हैं ज्यादा बेहतर
यदि आपको एक नेचुरल और स्मूद फिनिश चाहिए तो ऑयल फ्री वॉटर बेस्ड फाउंडेशन का इस्तेमाल करें। शहनाज हुसैन के अनुसार वाॅटर बेस्ड फाउंडेशन त्वचा पर ज्यादा महसूस नहीं होते। साथ ही इसका फॉर्मूलेशन लाइटवेट होता है और यह पोर्स के अंदर तक नहीं जा पाता।
3. एसपीएफ की जांच करें
यदि आप एक सही कंपोजीशन का फाउंडेशन इस्तेमाल करती हैं, तो यह आपकी त्वचा को प्रोटेक्ट कर सकता है। यदि आपके फाउंडेशन में एसपीएफ की मात्रा है, तो उसमें टाइटेनियम डीऑक्साइड मौजूद होंगे, जो एनवायरमेंटल फैक्टर्स जैसे कि सूरज की हानिकारक किरण यूवी रेज से होने वाले स्किन डैमेज को रोकने में मदद करती हैं।
4. स्किन टाइप को ध्यान में रखें
बाजार में ऑयली स्किन, ड्राई स्किन से लेकर तरह-तरह के फाउंडेशन मौजूद हैं। परंतु इनमें से सही फाउंडेशन का चयन करना आना भी बहुत जरूरी है। यदि आप अपने पोर्स को क्लियर रखना चाहती हैं, तो मिनरल फाउंडेशन का इस्तेमाल करें। यह आपकी त्वचा को अन्य फाउंडेशन की तुलना में कम नुकसान पहुंचाता हैं।
हालांकि, किसी भी तरह के फाउंडेशन का इस्तेमाल एक सीमित रूप में ही करना चाहिए। वहीं यदि आपकी त्वचा ड्राई है, तो हमेशा लिक्विड फाउंडेशन का इस्तेमाल करें। अन्यथा रूखी त्वचा पर मैट फाउंडेशन का इस्तेमाल त्वचा को और ज्यादा ड्राई कर सकता है।
सेहत टिप्स /शौर्यपथ /करवाचौथ का व्रत हर सुहागन महिला के लिए बेहद खास होता है। इस दिन महिलाएं अपने पति की लंबी आयु के लिए बेहद श्रद्धा और प्यार से निर्जला व्रत रखती हैं। इस साल सुहागनों का यह व्रत 13 अक्टूबर को रखा जाएगा। हिन्दू धर्म की मान्यता के अनुसार करवा चौथ का व्रत एक बार शुरू करने के बाद बीच में छोड़ना नहीं चाहिए। यही वजह है कि महिलाएं प्रेगनेंट हों या ब्रेस्टफीडिंग करवाने वाली माताएं, इस व्रत को जरूर रखती हैं। लेकिन यदि आप प्रेग्नेंट हैं और बहुत जल्दी ही मां बनने वाली हैं तो आपको करवा चौथ के व्रत के दौरान कुछ विशेष सावधानियां बरतने की आवश्यकता होती है। आइए जानते हैं उनके बारे में।
प्रेगनेंट महिलाएं करवा चौथ का व्रत रखते समय ध्यान रखें ये बातें-
-प्रेगनेंसी या ब्रेस्टफीडिंग कराने वाली महिलाएं करवाचौथ का व्रत रखने जा रही हैं तो आपको अपनी और बच्चे दोनों की सेहत को ध्यान में रखते हुए निर्जला व्रत न रखकर फलाहारी व्रत रखें।
-व्रत के दिन पानी न पीने की वजह से डिहाइड्रेशन हो सकता है। जिससे शरीर को कई समस्याओं का सामना करना पड़ सकता है। इसके अलावा गर्भ में पल रहे बच्चे को भी पानी की कमी से कोई समस्या हो सकती है । इन सब बातों को ध्यान में रखते हुए अपनी डॉक्टर से परामर्श लेने के बाद ही करवाचौथ का व्रत करें।
-प्रेगनेंट महिलाएं सरगी के दौरान देर से पचने वाला भोजन बिल्कुल भी ग्रहण न करें।
-व्रत रखने से शरीर में कमजोरी आ जाती है, जोकि प्रेग्नेंसी में सही नहीं है। बेहतर होगा कि आप शाम के समय कुछ खा लें। ऐसा करने से मां और बच्चे को भी ग्लूकोज व आवश्यक तत्वों की कमी नहीं होती।
-लंबे समय तक उपवास रखने से सिरदर्द, थकान, बेहोशी, चक्कर आना और एसिडिटी की समस्या हो सकती है। अगर इनमें से कोई भी लक्षण महसूस हो तो तुरंत अपनी डॉक्टर से बात करें।
-महिलाएं व्रत के दौरान सारा दिन बैठी न रहें। परिवार में खुशी का माहौल रखें और काम करने के बजाए आराम करें। दिन के वक्त कुछ घंटे सो लें, चाहें तो किताबें पढ़ लें, म्यूजिक सुन लें, आराम करें। ऐसा करने से आपका दिमाग डिस्ट्रैक्ट रहेगा, आपको भूख भी नहीं लगेगी और व्रत कैसे निकल जाएगा पता भी नहीं चलेगा।
सेहत टिप्स /शौर्यपथ /क्या आप ओवरईटिंग करते हैं? आपका जवाब अगर हां है, तो आपको इस आदत के साइड इफेक्ट्स भी पता होंगे। ओवर ईटिंग करने से न सिर्फ आपका वजन तेजी से बढ़ता है बल्कि इसके साथ ही कई तरह की बीमारियों का खतरा भी काफी बढ़ जाता है। ऐसे में इस आदत से छुटकारा पाना बहुत जरूरी है। आप अगर ओवरईटिंग से छुटकारा पाना चाहते हैं, तो फिर आप कुछ तरीके फॉलो कर सकते हैं। आइए, जानते हैं-
सुबह उठकर दो-तीन गिलास पानी पिएं
सुबह पानी मिलने से आपकी बॉडी डिटॉक्स होती है इसलिए आपको सुबह उठते ही दो-तीन गिलास पानी पीना चाहिए। इससे आपकी बॉडी भी काफी रिलेक्स होती है। सात ही इससे आपका पेट काफी देर तक भरा रहता है और आपको कुछ खाने की क्रेविंग नहीं होती है।
सुबह खाली पेट गुड़ खाएं
पानी पीने के बाद आप गुड़ का टुकड़ा डालकर इसे चबा सकते हैं। गुड़ कैल्शियम से भरपूर होता है। इसे खाने के बाद आपको मीठा खाने की क्रेविंग नहीं होती, जिससे आप ओवरइंटिंग से बचे रह सकते हैं।
चुकंदर का जूस
चुकंदर का जूस बहुत पौष्टिक होता है इसलिए आपको चुकंदर का जूस पीना चाहिए। हेल्थ के अलावा यह स्किन के लिए भी काफी फायदेमंद है। चुकंदर का जूस पीने से काफी देर तक पेट भरा रहता है इसलिए आपको कुछ भी खाने का मन नहीं करता।
सब्जियों और फलों का सलाद
आपको अगर फ्राइड फूड खाने की क्रेविंग होती है, तो आप उबली सब्जियों और फलों का सलाद बनाकर इसके ऊपर नींबू निचोड़कर खाएं। हेल्थ के लिए भी यह कॉम्बिनेशन बहुत फायदेमंद है। इससे पेट काफी देर तक भरा रहता है।
उबले हुए चने
चने खाने से आपको बार-बार प्यास लगती है इसलिए आपके लिए यह चीज भी ओवरईटिंग की आदत का सॉल्यूशन बन सकती है। उबले चने को आप चाट या सैलेड स्टाइल में भी खा सकते हैं। इसमें एक कटोरी मुरमुरे और सेव नमकीन मिला दें और मजे से खाएं। इससे भी आपकी क्रेविंग शांत होगी।