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शौर्यपथ लेख। दुर्ग जिले में वीरा सेठ को कौन नहीं जानता वीरा सेठ मतलब ट्रांसपोर्ट जगत के राजा जितने बड़े व्यक्ति थे उतना ही बड़ा उनका दिल गरीबों का ख्याल रखना मदद उनका मकसद रहा अपने जीवन काल में उन्होंने पैसा तो बहुत कमाया किंतु पैसे के साथ जो इज्जत शोहरत कमाई वो उनके जाने के बाद भी आज जीवित है आज भी वीरा सेठ का नाम दुर्ग जिले बड़े सम्मान के साथ लिया जाता है ।
आज वीरा सेठ को जीवित रखने में उनकी यादों को आम जनता के दिलो में कायम रखने में उनके पुत्र इंदर सिंह ने अपने जीवन का उद्देश्य बना लिया है । आज जहा दुनिया में पैसे के खातिर बेटा बाप का दुश्मन बन जाता है वही इंदर सिंह अपने पिता के द्वारा किए हुए कार्यों को ना सिर्फ अनवरत जारी रख रहे है बल्कि आगे भी बढ़ा रहे।आज जिस तरह से इस जमाने में जहा दूसरे लोग स्वास्थ के क्षेत्र में लूट खसोट कर रहे है वही उच्चतम स्तर की स्वास्थ्य सेवा एस बी एस हॉस्पिटल के माध्यम निम्मतम मूल्य पर उपलब्ध करा रहे है । अपने सैकड़ों स्टाफ के साथ हर उस व्यक्ति की मदद के लिए तैयार रहते है जो जरूरत मंद है सामाजिक क्षेत्र में भी बढ़ चढ़ कर हिस्सा लेने वाले इंदर सिंह उर्फ छोटू भैया आज भिलाई ही नही दुर्ग जिले की पहचान बन गए है । जो कार्य सरकार आम जनता के हित के लिए करती है वही कार्य छोटू भैया उर्फ इंदर सिंह कर रहे है । अपने पिता की पुण्यतिथि में 3 अक्टूबर को इंदर सिंह ने जिस तरह ट्रांसपोर्ट क्षेत्र से जुड़े कर्मचारियों के बेटियो के विवाह में 25 हजार की सहायता राशि देने का पुनीत कार्य का आगाज किया वह उनके पिता की आत्मा को सुकून ही देगा और आज इस ब्रम्हांड में जहा भी वीरा सेठ होंगे वह गर्व महसूस कर रहे होंगे और सीना चौड़ा कर कह रहे होंगे की वो देखो मेरा बेटा इंदर सिंह है मेरा बेटा है समाज को अपना समझने वाले वीरा सिंह बेटे के लिए बस मेरा बेटा है कहकर खुश हो रहे होंगे । सच में नमन है वीरा सेठ को जिन्होंने एक ऐसा बेटा समाज को दिया जो निरंतर सेवा भाव से समाज की सेवा कर रहा ऐसा बेटा की चाह आज हर व्यक्ति को होगा मेरी नजर में वीरा सेठ से ज्यादा आदर सम्मान आज इंदर सिंह के लिए है जिन्होंने अपने पिता के सपने को जीवित ही नहीं रखा बल्कि उसे निरंतर बढ़ा रहे है । सही मायने में देखा तो आज इन्दर सिंह से मुझे प्रेरणा मिलती है आज मेरे जीवन का लक्ष्य भी बस यही है कि मेरे शौर्य का ना इस दुनिया में हमेशा जीवित रहे और यही मेरे जीवन का मकसद है कहा तक सफल हो पाऊंगा ये तो नहीं पता पर कोशिश निरंतर ज़ारी रहेगी शोर्य तेरा पापा तेरे लिए कुछ नहीं कर पाया किन्तु तेरे नाम को जीवित रखना ही जिन्दगी का मकसद बन गया है .
लेख वीरा सेठ को समर्पित ??
शरद पंसारी ( संपादक शौर्यपथ दैनिक समाचार )
भिलाई / शौर्य्पथ / सामाजिक संगठन गोल्डन एंपथी (जीई) फाउंडेशन ने महात्मा गांधी जयंती पर 2 अक्टूबर रविवार को वृद्धाश्रम "रामशिला की कुटिया" पहुंच कर यहां रह रहे बुजुर्गों के साथ वक्त बिताया। डीपीएस दुर्ग के करीब जुनवानी रोड पर स्थित इस वृद्धाश्रम मेें रह रहे बुजुर्गों में ज्यादातर ऐसे हैं, जिन्होंने अपने पारिवारिक दायित्व को अपने सेवाकाल में बखूबी निभाया लेकिन अब जीवन के इस मोड़ पर उनके अपनों ने ही यहां लाकर छोड़ दिया। जीई फाउंडेशन के सदस्यों ने जब इन बुजुर्गों के साथ आत्मीयता से बात की तो इन सभी की आंखें भर आईं।
शुरूआत में इस वृद्धाश्रम के संचालक कल्याणी वेलफेयर एंड रिसर्च आर्गेनाईजेशन के अजय कल्याणी ने विस्तार से जानकारी दी। उन्होंने बताया कि उनके संगठन द्वारा नशा मुक्ति केंद्र भी चलाया जा रहा है। उपस्थित लोगों ने महात्मा गांधी के तैल चित्र पर माल्यार्पण कर अपनी श्रद्धांजलि दी। जीई फाउंडेशन ने यहां इन बुजुर्गों को स्वेटर, मफलर और सर्दी से बचने कैप सेट दिए। सभी को एक वक्त का भोजन कराया गया। वहाँ रह रहे वृद्धजनों ने
फाउंडेशन के सदस्यों से नियमित आने का आग्रह किया वहीं समाजसेवा के क्षेत्र में आगे भी गतिविधियां चलाने जरूरी सुझाव दिए। इस मौके पर जीई फाउंडेशन के संयोजक प्रदीप पिल्लै, के. वी विनोद , अमरजीत सिंह और अजीत सिंह मौजूद थे। वहीं वृद्धाश्रम संचालक संस्था की ओर से अजय कल्याणी,गोपाल खाड़े व अन्य भी मौजूद थे। जीई फाउंडेशन के संयोजक प्रदीप पिल्लई ने बुजुर्गों को भविष्य में भी मिलते रहने का भरोसा दिलाया।
नई दिल्ली /शौर्यपथ /हर किसी को जिंदगी में एक बार सच्चा प्यार नसीब होता है। पर यहां पाकिस्तान में रहने वाले 56 साल के शौकत को पांचवी बार सच्चा प्यार मिला। शौकत ने पांचवी शादी की है। शौकत की दस बेटियां और एक बेटा पहले से है। इसके अलावा 40 पोते मिलाकर कुल 62 सदस्यों का बड़ा परिवार है। एक यूट्यूब चैनल से बातचीत में शौकत हंसते हुए कहते हैं कि बेटियों से मेरा अकेलापन देखा नहीं गया इसलिए, शादी की। बकौल शौकत, उनकी चार पत्नियां अब जिंदा नहीं हैं।
पाकिस्तान के रहने वाले शौकत की कहानी यूट्यूबर यासिल शमी ने शेयर की है। उन्होंने शौकत का पिछले साल मार्च महीने में इंटरव्यू लिया था। इस मजेदार इंटरव्यू में उन्होंने ऐसी-ऐसी बातें कही कि मारे शर्म के शौकत और उनकी नई नवेली दुल्हन का चेहरा लाल हो गया। डेली पाकिस्तान से बात करते हुए, शौकत बताते हैं कि कैसे उनकी दो अविवाहित बेटियों ने जोर देकर कहा कि वह एक आखिरी बार शादी कर लें और अच्छे के लिए घर बसा लें।
2-2 चपाती भी खाएं तो 124 बनानी होंगी
यूट्यूबर ने शौकत की नई नवेली दुल्हन से सवाल किया कि वह इस शादी के बारे में कैसा महसूस कर रही हैं? पत्नी ने कहा कि वह खुश हैं और इस बड़े परिवार के साथ खुश रहेंगी। फिर यासिल शमी ने पूछा कि खाना बनाते-बनाते थक तो नहीं जाओगी? 62 लोगों का परिवार है, अगर एक आदमी 2-2 चपाती भी खाए तो आपको 124 बनानी होंगी। जवाब में दुल्हन ने नीचें नजरें करते हुए कहा- कोई नहीं बना लेंगे।
पुरानी पत्नियों का जिक्र कर हंस पड़े शौकत
यासिल शमी ने शौकत से उनकी पुरानी बीवियों के बारे में पूछा। जवाब में शौकत ने कहा- वो अब साथ छोड़ चुकी हैं। शमी ने फिर पूछा- चौथी कहां है? शौकत बोले- इंतकाल हो गया। तीसरी, दूसरी और पहली का क्या हुआ? इस बार हंसते हुए शौकत ने कहा-वो भी अपने आप चली गईं...(जिंदा नहीं हैं)
सऊदी अरब में 53 शादी वाले अब्दुला
हालांकि यह पहली बार नहीं है कि बहुविवाह में कोई शख्स सोशल मीडिया पर वायरल हुआ हो। हाल ही में, सऊदी अरब के रहने वाले 63 वर्षीय अबू अब्दुला अपनी 53 शादी को लेकर चर्चा में आए थे। अबू ने एक सवाल के जवाब में कहा था कि उन्होंने अपनी जिंदगी में स्थिरता के लिए शादी की है न कि मजे के लिए।
नई दिल्ली / शौर्यपथ /मेडिसिन/फिजियोलॉजी के क्षेत्र में दिए जाने वाले नोबेल पुरस्कार की घोषणा हो गई है। साल 2022 के लिए यह पुरस्कार स्वीडन के वैज्ञानिक स्वांते पाबो को दिया गया है। स्वांते स्वीडन के एक जेनेटिस्ट हैं। वह विकासवादी आनुवंशिकी के स्पेशलिस्ट हैं। पाबो को यह नोबेल प्राइज विलुप्त होमिनिन और मानव विकास के जीनोम से संबंधित खोजों के लिए दिया गया है।
नोबेल कमेटी के सचिव थॉमस पेर्लमैन ने स्टाकहोम, स्वीडन के कैरोलिंस्का इंस्टीट्यूट में सोमवार को विजेता की घोषणा की। चिकित्सा के क्षेत्र में नोबेल पुरस्कार के साथ ही नोबेल पुरस्कारों की घोषणा की शुरुआत हो गई है। साइंस की दुनिया में नोबल प्राइज सबसे सम्मानित पुरस्कार माने जाते हैं। स्वीडन के करोलिंस्का संस्थान की नोबेल असेंबली इसे देती है। इसकी पुरस्कार राशि 10 मिलियन स्वीडिश क्राउंस है।
मंगलवार को भौतिकी विज्ञान, बुधवार को रसायन विज्ञान और बृहस्पतिवार को साहित्य के क्षेत्र में इन पुरस्कारों की घोषणा की जाएगी। इस वर्ष (2022) के नोबेल शांति पुरस्कार की घोषणा शुक्रवार को और अर्थशास्त्र के क्षेत्र में पुरस्कार की घोषणा 10 अक्टूबर को की जाएगी।
नई दिल्ली / शौर्यपथ /पाकिस्तान के पंजाब में सिख धर्म के पवित्र स्थल गुरुद्वारा पंजा साहिब के परिसर में बेअदबी का मामला सामने आया है। भाजपा नेता मनजिंदर सिंह सिरसा ने घटना का वीडियो शेयर किया है, जिसमें फिल्म के क्रू मेंबर्स गुरुद्वारे में जूते पहने नजर आ रहे हैं। बताया जा रहा है कि इजाजत लिए बिना ही गुरुद्वारे के अंदर फिल्म की शूटिंग शूरू कर दी गई, जिससे सिख समुदाय भड़क उठा।
बीजेपी लीडर सिरसा ने इस मामले पर तुरंत ऐक्शन लेने की मांग की है। उन्होंने कहा, 'गुरुनानक देव जी का पवित्र स्थान गुरुद्वारा पंजा साहिब पाकिस्तान में स्थित है, जिसके अंदर 29 तारीख को शूटिंग की गई। शूटिंग करने वाले लोग और उसकी स्टार कास्ट जूते पहनकर गुरुद्वारे के अंदर पहुंची। एक श्रद्धालु ने इसका विरोध किया और उसने इसकी वीडियो बनाई।'
'पुलिस ने वीडियो बनाने वाले श्रद्धालु को पकड़ा'
सिरसा के मुताबिक, उन्हें बताया गया कि पुलिस ने उस श्रद्धालु को पकड़कर बंद कर दिया है। कहा जा रहा है कि जबसे उसने यह वीडियो बनाई, तभी से उसका कुछ पता नहीं चल रहा है। सिरसा ने ट्विटर पर वीडियो शेयर की है। उन्होंने कहा, 'यह वीडियो एक सिख ने मुझे शेयर की। कहा जा रहा है कि स्थानीय लोगों को यह जानकारी सार्वजनिक नहीं करने की धमकी दी गई है।
'बेअदबी करने वालों के खिलाफ जल्द हो कार्रवाई'
मनजिंदर सिंह सिरसा ने कहा, 'गुरुनानक देव जी के पवित्र स्थान पर बेअदबी की गई है। पाकिस्तान सरकार गुरुद्वारे के अंदर जूते पहनकर जाने वालों पर कार्रवाई नहीं कर रही, बल्कि बेअदबी को रोकने वाले शख्स के खिलाफ ऐक्शन लिया गया। मैं भारत सरकार और विदेश मंत्रालय से अपील करता हूं कि इस मामले पर पाकिस्तान सरकार से बातचीत की जाए। साथ ही बेअदबी करने वालों के खिलाफ जल्द कार्रवाई की जाए।'
नई दिल्ली /शौर्यपथ /कांग्रेस अध्यक्ष पद के उम्मीवार शशि थरूर चुनाव प्रचार में व्यस्त हैं। सोमवार को उन्होंने असंतुष्ट नेताओं का समूह कहे जाने वाले 'G-23' पर भी चर्चा की। उन्होंने इस समूह की सच्चाई से भी पर्दा उठाया और बताया कि ऐसा कुछ नहीं था और यह मीडिया की तरफ से तैयार कहानी है। समूह ने कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी को पत्र लिखकर संगठन में सुधार की बात कही थी।
पत्रकारों से बातचीत के दौरान थरूर ने कहा, 'पहली बात तो कोई जी 23 ग्रुप नहीं है और न ही कभी था। मैं बताता हूं कि यह पूरी तरह मीडिया की उपज थी। जहां तक मैं आपको बता सकता हूं कि कुछ वरिष्ठ नेताओं ने एक लैटर लिखा और अपने समर्थन के लिए बड़ी संख्या में लोगों को बुलाया। उन्होंने मुझे बताया कि फोन पर उन्होंने सैकड़ों लोगों से संपर्क किया है, जो समर्थन जाहिर कर रहे हैं। यह तब हुआ जब कोविड लॉकडाउन चल रहा था। और उस दौरान केवल 23 लोग ही दिल्ली में हस्ताक्षर करने के लिए थे। इसलिए 23 लोगों ने उसपर साइन किए, नहीं तो वे सैकड़ों हो सकते थे, इससे ज्यादा या कम भी हो सकते थे...।'
पहला सवाल, क्या है G-23?
अगस्त 2020 में पार्टी के 23 नेताओं का हस्ताक्षर किया हुआ एक पत्र सोनिया गांधी के पास पहुंचा, जिसमें पार्टी के अंदर बड़े बदलाव की मांग रखी गई थी। इस पत्र के साथ ही सियासी चर्चाएं तेज हो गई थीं, क्योंकि बदलाव की मांग उठाने वालों में 5 पूर्व मुख्यमंत्रियों समेत कांग्रेस के दिग्गज नेता थे। बाद में हुई इन नेताओं की बैठक ने राजनीतिक पारा और चढ़ा दिया था।
दूसरा सवाल, कौन-कौन शामिल रहा?
इन नेताओं की सूची में पांच पूर्व मुख्यमंत्री, मौजूदा सांसद, कांग्रेस वर्किंग कमेटी के सदस्य और करीब एक दर्जन पूर्व केंद्रीय मंत्री शामिल थे। इस पत्र में थरूर के अलावा गुलाम नबी आजाद, भूपेंद्र सिंह हुड्डा, रजिंदर कौर भट्टल, एम वीरप्पा मोइली, पृथ्वीराज चव्हाण, कपिल सिब्बल, मनीष तिवारी, विवेक तन्खा, पीजे कुरियन, अजय सिंह, रेणुका चौधरी, मिलिंद देवड़ा, राज बब्बर, जितिन प्रसाद, संदीप दीक्षित, अरविंदर सिंह लवली, कौल सिंह ठाकुर, अखिलेश प्रसाद सिंह, कुलदीप शर्मा, योगानंद शास्त्री ने हस्ताक्षर किए थे।
थरूर को छोड़कर खड़गे का समर्थन कर रहे G-23 के नेता
कांग्रेस अध्यक्ष चुनाव में नामांकन प्रक्रिया पूरी हो चुकी है। अब 8 अक्टूबर को नाम वापस लेने की अंतिम तारीख है। फिलहाल, मुकाबल थरूर बनाम मल्लिकार्जुन खड़गे नजर आ रहा है। खास बात है कि एक ओर जहां समूह का हिस्सा रहे थरूर को केवल संदीप दीक्षित का ही समर्थन मिल रहा है। वहीं, तिवारी और आनंद शर्मा जैसे दिग्गज नेता खड़गे के समर्थन में खड़े हो गए हैं।
नई दिल्ली / शौर्यपथ /इलेक्शन कमीशन ऑफ इंडिया ने 6 राज्यों की 7 विधानसभा सीटों पर होने वाले उपचुनाव की घोषणा कर दी है। चुनाव आयोग की ओर जारी लिस्ट के मुताबिक, इन सभी सीटों पर 3 नवंबर को मतदान होगा। नतीजों का ऐलान 6 नवंबर को किया जाएगा। जिन 7 विधानसभा सीटों पर पर उपचुनाव होने हैं, उनमें बिहार की 2 और महाराष्ट्र, उत्तर प्रदेश, हरियाणा, तेलंगाना, ओडिशा की एक-एक सीटें शामिल हैं।
मालूम हो कि बिहार की मोकामा और गोपालगंज, महाराष्ट्र की अंधेरी ईस्ट, हरियाणा की आदमपुर, तेलंगाना की मनुगोड़, उत्तर प्रदेश की गोला गोकरणनाथ और ओडिशा की धामनगर (सुरक्षित) सीट पर उपचुनाव होने हैं।
चुनाव का शेड्यूल :
अधिसूचना जारी होने की तारीख- 7 अक्टूबर 2022
नामांकन की आखिरी तारीख- 14 अक्टूबर 2022
नामांकन की जांच- 15 अक्टूबर 2022
नामांकन वापस लेने की आखिरी तारीख- 17 अक्टूबर 2022
मतदान- 3 नवंबर 2022
मतगणना- 6 नवंबर 2022
चुनाव संपन्न कराने की आखिरी तारीख- 8 नवंबर 2022
क्यों खाली हुईं ये सीटें?
बिहार की गोपालगंज सीट भाजपा नेता सुभाष सिंह के निधन के बाद खाली हुई है। मोकामा विधानसभा सीट से राजद के अनंत सिंह चुनाव जीते थे। घर में AK-47 रखने के आरोप में उन्हें आरोपी करार दिया गया और उनकी सदस्यता रद्द कर दी गई। अब यह सीट खाली है। वहीं, यूपी के लखीमपुर खीरी जिले की गोला गोकर्ण नाथ सीट विधायक अरविंद गिरि के निधन से खाली हुई है।
अगर हरियाणा की बात करें तो यहां की आदमपुर विधानसभा सीट कांग्रेस नेता कुलदीप बिश्नोई के इस्तीफे के बाद खाली हुई। बिश्नोई कांग्रेस से इस्तीफा देकर बीजेपी में शामिल हो गए। महाराष्ट्र की अंधेरी ईस्ट विधानसभा सीट से शिवसेना के रमेश लटके जीते थे, लेकिन उनका निधन होने के बाद से सीट खाली है।
नई दिल्ली / शौर्यपथ /सड़क पर बाइक से स्टंट दिखाने वाला आज सिग्नल पर रोड सेफ्टी पैम्पलेट बांट रहा है। मामला चेन्नई शहर का है। इस लड़के का नाम है कोटला एलेक्स बिनॉय। दरअसल, मामला कुछ यूं है कि इस युवक को स्टंट करने के आरोप में गिरफ्तार किया गया था। कोर्ट ने सजा के तौर आदेश दिया कि उसे तीन महीने तक ट्रैफिक लाइट सिग्नलों पर रोड सेफ्टी पैम्पलेट बांटने होंगे। इसके अलावा सोशल मीडिया पर सड़क सुरक्षा जागरुकता अभियान चलाना होगा।
इन दिनों चेन्नई शहर की सड़कों पर 22 वर्षीय कोटला एलेक्स बिनॉय लोगों को सड़क सुरक्षा के नियमों को समझा रहा है। सिग्नलों पर रोड सेफ्टी पैम्पलेट बांटने वाला एलेक्स एक यूट्यूबर है। एलेक्स के इंस्टाग्राम पर 40 हजार से ज्यादा फॉलोअर्स हैं। अगस्त महीने में इसे पुलिस ने सड़क पर बाइक से स्टंट करने के आरोप में गिरफ्तार किया था।
क्या था मामला
कोटला एलेक्स बिनॉय और उसके दोस्तों ने डीएमके कार्यालय के सामने तेयनमपेट रोड पर खतरनाक तरीके से बाइक चलाई। जिससे ट्रैफिक प्रभावित तो हुआ ही यातायात नियमों को भी ताक पर रखा गया। ट्रैफिक पुलिस ने मामले में शिकायत दर्ज की और हैदराबाद से एलेक्स को गिरफ्तार किया।
कोर्ट ने सुनाई अनोखी सजा
हाल ही में मद्रास हाई कोर्ट में उसने जमानत याचिका के लिए अप्लाई किया। कोर्ट में आरोपी के वकील ने कहा कि उनके मुवक्किल ने युवा जोश में बाइक चलाई जो कानून के खिलाफ चला गया। हालांकि घटना का उद्देश्य किसी को आहत या चोट पहुंचाने के लिए नहीं किया गया था। हाई कोर्ट ने मामले में सख्त रुख अपनाया और सशर्त जमानत दी। कोर्ट ने कहा कि उसे भरपाई के तौर पर तीन सप्ताह के लिए सिग्नलों पर पैम्पलेट बांटने होंगे। साथ ही सोशल मीडिया पर युवाओं को सड़क सुरक्षा के प्रति जागरुक करना होगा।
नई दिल्ली / शौर्यपथ /केंद्र ने राष्ट्रपति भवन और साउथ ब्लॉक से सटे सेंट्रल विस्टा पुनर्विकास परियोजना के हिस्से के रूप में नए प्रधानमंत्री आवास के निर्माण के लिए बोलियां आमंत्रित की हैं। सेंट्रल विस्टा पुनर्विकास परियोजना के हिस्से के रूप में निविदा दी जाने वाली यह छठी परियोजना है। केंद्रीय लोक निर्माण विभाग (सीपीडब्ल्यूडी) ने निर्माण और 5 वर्षों के लिए रखरखाव की लागत के साथ इस कार्य में ₹360 करोड़ का अनुमान लगाया है।
नया प्रधानमंत्री आवास ग्राउंड प्लस एक मंजिला भवन होगा। इसी में प्रधान मंत्री का गृह कार्यालय, गेस्ट हाउस, एसपीजी कार्यालय, सहायक स्टाफ क्वार्टर, सीपीडब्ल्यूडी कार्यालय और सेवा सदन और एक बेसमेंट पार्किंग स्थल आदि शामिल होंगे। परिसर में चार प्रवेश / निकास द्वार और 25 वॉच टावर होंगे।
किस तरह से डिजाइन होगा पीएम आवास
पीएम के नए आवास में दो ब्लॉक ए और बी होंगे जो डीआरडीओ कॉम्प्लेक्स के सामने दारा शिकोह रोड पर स्थित होंगे। निविदा दस्तावेजों के अनुसार, “साइट अत्यधिक सुरक्षित क्षेत्र में है। प्रस्तावित भवन रीइन्फोर्स्ड सीमेंट कंक्रीट फ्रेम्ड स्ट्रक्चर बिल्डिंग के होंगे। ब्लॉक ए और बी में मौजूदा संरचनाओं को नए निर्माण की शुरुआत से पहले ध्वस्त किया जाना है। मौजूदा चारदीवारी को भी गिराने की जरूरत है और नई चारदीवारी का निर्माण विभाग द्वारा उपलब्ध कराए गए डिजाइन और ड्राइंग के अनुसार किया जाएगा।”
प्री-क्वालिफिकेशन बिड 14 अक्टूबर को खोली जाएगी। जिस निर्माण कंपनी को काम दिया जाएगा, उसे पेड़ लगाने और उपयोगिताओं की शिफ्टिंग की योजना बनानी होगी। निविदा दस्तावेजों के मुताबिक, “आवश्यकता के अनुसार वृक्षारोपण किया जाना है और मौजूदा सेवाओं, यदि कोई हो, को डायवर्ट किया जाना है। इसमें 5 साल के लिए सभी सिविल और इलेक्ट्रिकल सेवाओं और हाउसिंग कीपिंग का निर्माण, संचालन और रखरखाव भी शामिल होगा।”
सेंट्रल विस्टा की छठी परियोजना
सेंट्रल विस्टा पुनर्विकास परियोजना के हिस्से के रूप में निविदा दी जाने वाली यह छठी परियोजना है। केंद्रीय आवास और शहरी विभाग के अधिकारी के अनुसार, सेंट्रल विस्टा एवेन्यू का उद्घाटन प्रधान मंत्री नरेंद्र मोदी ने पिछले महीने किया था, संसद भवन का काम नवंबर तक पूरा होने की संभावना है। तीन सामान्य केंद्रीय सचिवालय भवनों के निर्माण का कार्य चल रहा है। वहीं, कार्यपालक एन्क्लेव का कार्य अभी तक आवंटित नहीं किया गया है।
नई दिल्ली /शौर्यपथ /भारतीय वायुसेना और हवाई व्यवस्था में उस वक्त हड़कंप मच गया, जब खबर आई कि ईरान से चीन जा रहे एक विमान में बम है। हालांकि, बाद में यह साफ हो गया था कि बम की बात झूठी है। फिलहाल, विमान भारतीय हवाई क्षेत्र को पार कर गया और खबर है कि चीनी क्षेत्र में उसकी एंट्री हो चुकी है। अब इस पूरी घटना को विस्तार से समझते हैं, जिसमें चार देशों का नाम शामिल हो गया।
बम की गुत्थी समझें
ईरान के तेहरान से महान एयरलाइन के विमान W581 ने उड़ान भरी। यात्रियों को लेकर यह उड़ान चीन के ग्वांग्झू जा रही थी। खबर है कि बीच रास्ते में लाहौर ATC यानी एयर ट्रैफिक कंट्रोल की तरफ से जानकारी दी गई कि विमान में बम है। अब इस सूचना के सार्वजनिक होते ही हड़कंप मच गया। सुरक्षा एजेंसियां अलर्ट मोड पर आ गईं।
अब इसमें भारत की एंट्री कैसे हुई
दरअसल, बम की जानकारी जब विमान को मिली, तो वह भारतीय हवाई क्षेत्र में था। अब मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, विमान दिल्ली में लैंडिंग करने की अनुमति मांग रहा था, जिसे खारिज कर दिया। कहा जा रहा है कि महान एयरलाइन्स के विमान को जयपुर या चंडीगढ़ में उतरने के लिए कहा गया था, लेकिन उसने दिल्ली में लैंडिंग की बात कही।
भारत की प्रतिक्रिया
इसके साथ ही भारतीय पक्ष भी वायुसेना के साथ सक्रिय हो गया और उड़ान भरने के लिए सुखोई विमान तैनात हो गए। सूचना मिलते ही सुखोई ने विमान को घेरने के लिए आसमान का रुख किया। साथ वायुसेना ने चीन की ओर जा रहे विमान पर भारतीय सीमा से बाहर जाने तक कड़ी निगरानी रखी। IAF का कहना है कि भारतीय क्षेत्र में होने के दौरान विमान पर कड़ी नजर रखी गई थी। साथ ही नागरिक विमानन मंत्रालय से इसे लेकर जरूरी कदम उठाने की मांग की गई है।भारतीय वायुसेना की तरफ से जारी बयान के अनुसार, ईरान के विमान को भारत में उतरने के दो विकल्प दिए गए थे। खबर है कि पायलट ने जयपुर में लैंड करने से इनकार कर दिया और भारतीय सीमा को पार कर गया।