June 17, 2025
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धर्म संसार / शौर्यपथ / प्रभु यीशु के जन्म की ख़ुशी में मनाया जाने वाला क्रिसमस का त्योहार पूरी दुनिया में मनाया जाता है। यह त्योहार कई मायनों में बेहद खास है। क्रिसमस को बड़ा दिन, सेंट स्टीफेंस डे या फीस्ट ऑफ़ सेंट स्टीफेंस भी कहा जाता है। प्रभु यीशु ने दुनिया को प्यार और इंसानियत की शिक्षा दी। उन्होंने लोगों को प्रेम और भाईचारे के साथ रहने का संदेश दिया। प्रभु यीशु को ईश्वर का इकलौता प्यारा पुत्र माना जाता है। इस त्योहार से कई रोचक तथ्य जुड़े हैं। आइए जानते हैं इनके बारे में।
क्रिसमस ऐसा त्योहार है जिसे हर धर्म के लोग उत्साह से मनाते हैं। यह एकमात्र ऐसा त्योहार है जिस दिन लगभग पूरे विश्व में अवकाश रहता है। 25 दिसंबर को मनाया जाने वाला यह त्योहार आर्मीनियाई अपोस्टोलिक चर्च में 6 जनवरी को मनाया जाता है। कई देशों में क्रिसमस का अगला दिन 26 दिसंबर बॉक्सिंग डे के रूप मे मनाया जाता है। क्रिसमस पर सांता क्लॉज़ को लेकर मान्यता है कि चौथी शताब्दी में संत निकोलस जो तुर्की के मीरा नामक शहर के बिशप थे, वही सांता थे। वह गरीबों की हमेशा मदद करते थे उनको उपहार देते थे। क्रिसमस के तीन पारंपरिक रंग हैं हरा, लाल और सुनहरा। हरा रंग जीवन का प्रतीक है, जबकि लाल रंग ईसा मसीह के रक्त और सुनहरा रंग रोशनी का प्रतीक है। क्रिसमस की रात को जादुई रात कहा जाता है। माना जाता है कि इस रात सच्चे दिल वाले लोग जानवरों की बोली को समझ सकते हैं। क्रिसमस पर घर के आंगन में क्रिसमस ट्री लगाया जाता है। क्रिसमस ट्री को दक्षिण पूर्व दिशा में लगाना शुभ माना जाता है। फेंगशुई के मुताबिक ऐसा करने से घर में सुख समृद्धि आती है। पोलैंड में मकड़ी के जालों से क्रिसमस ट्री को सजाने की परंपरा है। मान्यता है कि मकड़ी ने सबसे पहले जीसस के लिए कंबल बुना था।

 "झूठे निराकरण से जनता गुमराह, महापौर अलका वाघमारे की निष्क्रियता से बढ़ा जनता का आक्रोश" "मुख्यमंत्री की पहल को पलीता, दुर्ग में सुशासन तिहार पर महापौर की चुप्पी भारी"दुर्ग। शौर्यपथ।छत्तीसगढ़…

"97 लाख रुपये के निर्माण कार्य में लापरवाही और भ्रष्टाचार के कारण हुआ बड़ा नुकसान, दोषियों पर कड़ी कार्रवाई की मांग"

   दुर्ग / शौर्यपथ / भिलाई-चरोदा निगम क्षेत्र में बमनीन तालाब के सौंदर्यीकरण के लिए 97 लाख रुपये की लागत से चल रहा निर्माण कार्य भ्रष्टाचार और लापरवाही की शर्मनाक मिसाल बन गया है। वार्ड क्रमांक 9 स्थित शीतला पारा में बमनीन तालाब की दीवार, जो हाल ही में बनाई गई थी, महज आधे घंटे की बारिश में ढह गई। यह घटना निगम क्षेत्र में चल रहे सौंदर्यीकरण कार्यों की गुणवत्ता पर गहरा सवाल उठाती है।

दीवार के गिरने से हुआ बड़ा नुकसान
यह हादसा रविवार शाम को अचानक आई तेज बारिश के कारण हुआ। बारिश में भारी पानी गिरने से तालाब के सौंदर्यीकरण के लिए बनाई गई दीवार ढह गई, जिससे लगभग 100 फीट तक दीवार बिखर गई। बताया जा रहा है कि दीवार की नींव कमजोर थी, जिसके कारण यह दीवार बारिश का दबाव सहन नहीं कर पाई। दीवार के नीचे पेवल ब्लॉक लगाए गए थे, जो अब बिखर गए हैं और यह पूरी घटना निर्माण कार्य की गुणवत्ता पर गंभीर सवाल उठाती है।

निर्माण कार्य में लापरवाही और भ्रष्टाचार का आरोप
तालाब सौंदर्यीकरण में इस तरह की बड़ी लापरवाही को लेकर स्थानीय नागरिकों, पार्षद सुषमा चंद्राकर और सांसद प्रतिनिधि विपिन चंद्राकर ने गंभीर आरोप लगाए हैं। उन्होंने आरोप लगाया कि निगम में चल रहे निर्माण कार्यों में निर्धारित मानकों का पालन नहीं किया जा रहा। ठेकेदार ने काम में गुणवत्ता का ध्यान नहीं रखा और केवल "कमीशन" को प्राथमिकता दी। स्थानीय नेताओं का कहना है कि कई बार निगम के अधिकारियों को निर्माण कार्यों का निरीक्षण करने की मांग की गई, लेकिन अधिकारियों ने कभी इस पर ध्यान नहीं दिया।

कमीशन खोरी का आरोप
स्थानीय नेताओं ने यह भी कहा कि निगम में बढ़ी हुई कमीशन खोरी के कारण निर्माण एजेंसी को गुणवत्ता पर ध्यान देने की कोई चिंता नहीं रही। इससे यह साफ़ हो गया है कि अधिकारियों ने जानबूझकर निर्माण कार्य की निगरानी में लापरवाही बरती, जिससे सार्वजनिक धन की बर्बादी हुई और जनता को नुकसान उठाना पड़ा।

पार्षद और सांसद प्रतिनिधि की तीखी प्रतिक्रिया
स्थानीय पार्षद सुषमा चंद्राकर और सांसद प्रतिनिधि विपिन चंद्राकर ने आरोप लगाया है कि कई बार निगम में काम की गुणवत्ता को लेकर सवाल उठाए गए थे, लेकिन प्रशासन ने हमेशा इसे नजरअंदाज किया। चंद्राकर ने कहा, "हमने अधिकारियों से बार-बार निर्माण कार्य का निरीक्षण करने का आग्रह किया, लेकिन उन्होंने कभी कोई कार्रवाई नहीं की। अब एक और घटिया काम सामने आ गया है। यह साफ दिखाता है कि निगम में भ्रष्टाचार बढ़ चुका है और ठेकेदारों को गुणवत्ता पर ध्यान देने की कोई परवाह नहीं है।"

महापौर की प्रतिक्रिया
महापौर निर्मल कोसरे ने इस घटना पर प्रतिक्रिया देते हुए कहा, "मुझे सुबह ही इस घटना की जानकारी मिली है और मैं अधिकारियों से पूरी जानकारी प्राप्त कर रहा हूं। हम इस मामले की गहरी जांच करेंगे और दोषियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई करेंगे।" महापौर ने यह भी कहा कि निगम क्षेत्र में कुछ अन्य तालाबों का सौंदर्यीकरण कार्य भी चल रहा है और इस संबंध में उचित कदम उठाए जाएंगे।

स्थानीय नागरिकों का गुस्सा और सरकार से अपील
इस घटना ने स्थानीय नागरिकों को भी आक्रोशित कर दिया है। उन्होंने सरकार और निगम से अपील की है कि दोषियों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जाए और भविष्य में इस तरह की घटनाओं से बचने के लिए ठेकेदारों और अधिकारियों की जवाबदेही तय की जाए। नागरिकों का कहना है कि यदि प्रशासन ने तुरंत कार्रवाई नहीं की, तो यह भ्रष्टाचार की सड़ी-गली स्थिति को और बढ़ावा देगा।

समाज का ध्यान और प्रशासन की जिम्मेदारी
यह घटना इस बात का संकेत है कि जब तक सरकारी कार्यों में पारदर्शिता और जिम्मेदारी सुनिश्चित नहीं की जाएगी, तब तक ऐसे भ्रष्टाचार और लापरवाही के मामले सामने आते रहेंगे। इस तरह के निर्माण कार्यों में गुणवत्ता को सुनिश्चित करने के लिए कड़ी निगरानी, निरीक्षण और मानकों का पालन अनिवार्य होना चाहिए। सार्वजनिक धन का सही उपयोग सुनिश्चित करना सरकारी अधिकारियों और ठेकेदारों की जिम्मेदारी है।

दोषियों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की मांग
सभी स्थानीय नेताओं और नागरिकों का यह स्पष्ट मत है कि इस मामले में दोषियों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जानी चाहिए। ठेकेदार, निगम अधिकारी और उन सभी को जिम्मेदार ठहराया जाना चाहिए, जिन्होंने निर्माण कार्य में लापरवाही बरती और सार्वजनिक धन का सही तरीके से इस्तेमाल नहीं किया।

भ्रष्टाचार के खिलाफ कठोर कदम की जरूरत
इस घटना ने एक बार फिर साबित कर दिया है कि भ्रष्टाचार और लापरवाही किसी भी सरकार या प्रशासन के लिए बड़ी चुनौती बन सकते हैं। भ्रष्टाचार के खिलाफ सख्त कदम उठाने की आवश्यकता है, ताकि सार्वजनिक धन का सही तरीके से उपयोग हो और आम नागरिक को इसका लाभ मिल सके।

निष्कर्ष:
तालाब सौंदर्यीकरण में इस तरह की घटना यह साफ दिखाती है कि भ्रष्टाचार और लापरवाही की वजह से विकास कार्यों की गुणवत्ता पर असर पड़ता है। अब यह प्रशासन की जिम्मेदारी है कि वह इस मामले की पूरी जांच करके दोषियों पर कड़ी कार्रवाई करे और भविष्य में इस तरह की घटनाओं को रोकने के लिए ठोस कदम उठाए।

 राजनांदगांव/शौर्यपथ / छत्तीसगढ़ स्टेट पॉवर डिस्ट्रीब्यूशन कंपनी लिमिटेड, राजनांदगांव क्षेत्र के कार्यपालक निदेशक कार्यालय में पदस्थ सहायक प्रकाशन अधिकारी श्री धर्मेन्द्र शाह मंडावी को पब्लिसिटी ऑफिसर के पद पर पदोन्नति दी गई है। छत्तीसगढ़ स्टेट पॉवर ट्रांसमिशन कंपनी रायपुर के मुख्य अभियंता (मानव संसाधन) कार्यालय द्वारा जारी आदेश के तहत श्री मंडावी को राजनांदगांव क्षेत्र के क्षेत्रीय प्रशासनिक कार्यालय में पदस्थ किया गया है। छत्तीसगढ़ स्टेट पॉवर डिस्ट्रीब्यूशन कंपनी में श्री मंडावी के सेवाकाल की शुरूवात वर्ष 2015 से प्रारंभ हुआ। इस दौरान वे रायपुर क्षेत्र, मुख्यमंत्री सचिवालय, अंबिकापुर क्षेत्र में पदस्थ रहे। अविभाजित राजनांदगांव जिले के मोहला-मानपुर वनांचल क्षेत्र औंधी जैसे सुदुर अंचल से गरीबी और अपर्याप्त संसाधनों के बीच श्री मंडावी ने बीएससी (औद्यो0 मात्स्यिकी), पत्रकारिता में स्नातक एवं स्नातकोत्तर, फोटो एवं विडियोग्राफी में डिप्लोमा, एमबीए की शिक्षा हासिल की। विद्युत मंडल में प्रतियोगी परीक्षा एवं साक्षात्कार के माध्यम से सहायक प्रकाशन अधिकारी के पद पर वर्ष 2015 में सिलेक्ट हुए थे। इस अवसर पर राजनांदगांव क्षेत्र के कार्यपालक निदेशक श्री शिरीष सेलट, अधीक्षण अभियंता राजनांदगांव वृत्त श्री शंकेश्वर कंवर, अधीक्षण अभियंता कवर्धा वृत्त श्री रंजीत घोष सहित सभी कार्यपालन अभियंताओं ने श्री मंडावी को बधाई एवं शुभकामनाएं देते हुए उनके उज्जवल भविष्य की कामना की है।

 हाट बजारों में सूखी मछली बिक्री पर नजर
रिसाली /शौर्यपथ /निचली बस्ती हो या फिर पाॅश कालोनी मच्छर का प्रकोप हर जगह होता है। मच्छर के काटने से डेंगू, मलेरिया समेत फाइलेरिया और जल जनित बीमारी से बचाव हम खुद कर सकते है। सोमवार को नगर पालिक निगम रिसाली आयुक्त मोनिका वर्मा और जिला मलेरिया अधिकारी डाॅ. सी.बी.सी. बंजारे ने कार्यशाला में जल जनित रोग और मच्छर से बचाव के तरीकों को विस्तार से बताया।
आयुक्त मोनिका वर्मा ने कहा कि कर्मचारी प्रत्येक बुधवार को अपने कार्य स्थल पर सफाई करे और रविवार को सार्वजनिक और रिहायशी इलाकों में कूलर की जांच करे। प्रत्येक घर में दस्तक दे। वहीं जिला मलेरिया अधिकारी ने बचाव के तरीके को विस्तार से बताया। आयुक्त मोनिका ने साप्ताहिक बाजारों में सूखी समुद्री मछली बिक्री पर नजर रखने का भी निर्देश दी है। कार्यशाला में स्वास्थ्य विभाग के सुपरवाइजर, आजीविका विभाग के सिटी मिशन प्रबंधक, कर्मचारी उपस्थित थे।
प्रशिक्षण में यह बताया
- सबसे पहले कूलर को साफ करना है। अगर कूलर के टैंक में लार्वा या फिर कूलर में कीड़े नजर आए तो टेमीफाॅस डाले और 1 घंटे तक कूलर में लगे टूल्लू पंप को चालू रखे। इसके बाद पानी को खाली कर दे।
- घर के आंगन, किचन गार्डन और छत को अच्छे से देखे कि ऐसा कोई बर्तन, खिलौना का टुकड़ा या फिर ऐसा कोई चीज तो नहीं पड़ा है, जिसमें बारिश का पानी जमा हो।
- घर के परिसर में खुले में डस्टबीन रखा है तो उसे ढक कर रखे।
- घर के आस पास पानी ठहराव न होने दे।
होगी अब कार्रवाई
आयुक्त मोनिका वर्मा ने निगम के स्वास्थ्य विभाग को निर्देश दिए कि घरों में टेमीफाॅस दवा उपलब्ध कराए। साथ ही बीमारी से बचने के तरीके को बताए। अगर लापरवाही होती है तो महामारी एक्ट के तहत पहली बार 500 दूसरी बार 1000 तीसरी बार 2000 जुर्माना वसूल करे।
जन स्वास्थ्य विभाग इस पर करेगा फोकस
- बंद आवास में पानी तो नहीं बह रहा।
- गली मुहल्ले में पानी जमा तो नहीं हो रहा।
- ठेले व गुमटी संचालक दुकान के पीछे खुले में पानी स्टोर कर तो नहीं रहे है।
- टायर खुले या दुकानों में जमा कर रखा तो नहीं गया है।
- बाजार में कही सब्जी व फल के अवशेष तो खुले में नहीं फेका गया है।
सूखी मछली की बिक्री पर नजर
निगम के कर्मचारी खासकर रूआबांधा बाजार में सूखी मछली की बिक्री पर नजर रखेंगे। अगर समुद्री सूखी मछली बेचते मिलने पर मछली को जब्त किया जाएगा। स्वास्थ्य विभाग ने प्रशिक्षण में खुलासा किया है कि बारिश के समय समुद्री सूखी मछली में नमक की मात्रा होने की वजह से कीड़े लग जाते है। जो सेहत के लिए नुकसानदायक है।

कलेक्टर ने सुपोषण प्रचार रथ को हरी झंडी दिखाकर किया रवाना
मोहला /शौर्यपथ / आदिवासी समुदायों के समग्र विकास और शासन की जनकल्याणकारी योजनाओं का शत-प्रतिशत लाभ दिलाने के उद्देश्य से धरती आबा जनजातीय ग्राम उत्कर्ष अभियान अंतर्गत जिले में 16 जून से 30 जून तक ग्राम स्तर पर विशेष जागरूकता एवं लाभ संतृप्ति शिविरों का आयोजन किया जा रहा है।
इसी क्रम में आज कलेक्टर श्रीमती तुलिका प्रजापति ने कलेक्ट्रेट परिसर से महिला एवं बाल विकास विभाग द्वारा संचालित पोषण अभियान 2.0 सुपोषण प्रचार रथ को हरी झंडी दिखाकर रवाना किया। यह प्रचार रथ जिले के चिन्हांकित 35 जनजातीय ग्रामों में जाकर आमजन को पोषण, स्वास्थ्य एवं शासन की विभिन्न योजनाओं के प्रति जागरूक करेगा।
इन शिविरों का उद्देश्य विशेष रूप से जनजातीय समुदायों तक सरकारी योजनाओं और सेवाओं की पहुंच सुनिश्चित कर उन्हें सशक्त बनाना है।
प्रत्येक चयनित ग्राम में ग्राम स्तरीय शिविरों के माध्यम से विभिन्न सुविधाएं और प्रमाण पत्र सांकेतिक रूप से उपलब्ध कराए जाएंगे। जिसमें पहचान व सामाजिक सुरक्षा के लिए हितग्राहियों का आधार कार्ड, राशन कार्ड, आयुष्मान भारत कार्ड, जाति व निवास प्रमाण पत्र बनाया जाएगा। कृषि व वित्तीय सहायता के लिए किसान क्रेडिट कार्ड, मुद्रा ऋण, पीएम-किसान पंजीयन व जन धन खाता खोला जाएगा, बीमा योजनाओं से लाभान्वित करने के लिए प्रधानमंत्री जीवन ज्योति बीमा योजना एवं प्रधानमंत्री सुरक्षा बीमा किया जाएगा और वृद्धावस्था पेंशन, विधवा पेंशन, दिव्यांग पेंशन के लिए पात्र हितग्राहियों का चयन कर लाभान्वित किया जाएगा। आंगनबाड़ी लाभ, टीकाकरण की सुविधा दी जाएगी इसी प्रकार रोजगार व आजीविका से जोड़ने के लिए मनरेगा, पीएम-विश्वकर्मा योजना में पंजीकृत किया जाएगा व गर्भवती महिलाओं और बच्चों के स्वास्थ्य, पोषण के लिए प्रधानमंत्री मातृत्व वंदना योजना का लाभ व टीकाकरण की सुविधा दी जाएगी। इन शिविरों में स्वास्थ्य कार्यकर्ता, मितानिन, पटवारी, मनरेगा अधिकारी, कृषि विभाग के कर्मचारी, छात्रावास अधीक्षक, महिला व बाल विकास विभाग के पर्यवेक्षक, पेंशन विभाग प्रतिनिधि, ग्राम सचिव, आधार ऑपरेटर आदि मौजूद रहेंगे। इस दौरान आदिवासी विकास विभाग सहायक आयुक्त श्री प्रकाश लहरे, महिला बाल विकास अधिकारी श्री चंद्र शेखर मिश्रा, आंगनबाड़ी कार्यकर्ता सहित अन्य कर्मचारी उपस्थित थे।

ठेकवाडीह, भिरई एवं कोलिहामार स्कूल में आयोजित शाला प्रवेश उत्सव में शामिल होकर शिक्षक, विद्यार्थी एवं पालकों को दिया प्रेरणास्पद संदेश
शिक्षा सत्र के पहले दिन आज हुआ शाला प्रवेशोत्सव का आगाज, नव प्रवेशी विद्यार्थियों का किया गया स्वागत एवं आत्मीय अभिनंदन
बालोद/शौर्यपथ /कलेक्टर श्रीमती दिव्या उमेश मिश्रा ने कहा कि विकास का दरवाजा शिक्षा से प्रारंभ होता है और व्यक्ति के सर्वांगीण विकास हेतु शिक्षा अत्यंत आवश्यक है। कलेक्टर श्रीमती मिश्रा शिक्षा सत्र के पहले दिन आज जिले के गुरूर विकासखण्ड के ग्राम ठेकवाडीह, भिरई एवं कोलिहामार स्कूल में आयोजित शाला प्रवेश उत्सव के अवसर पर अपना उद्गार व्यक्त कर रही थीं। इस अवसर पर उन्होंने शिक्षा के महत्व के संबंध में विस्तार से प्रकाश डालते हुए शिक्षक, विद्यार्थी एवं पालकों को सारगर्भित, ज्ञानवर्धक एवं प्रेरणास्पद संदेश दिया। इस अवसर पर नगर पंचायत गुरूर के अध्यक्ष श्री प्रदीप साहू, एसडीएम श्री आर के सोनकर, तहसीलदार श्री हनुमंत श्याम, जनपद पंचायत के मुख्य कार्यपालन अधिकारी एवं विकासखण्ड शिक्षा अधिकारी एवं अन्य अधिकारियों के अलावा जनप्रतिनिधि, शिक्षक-शिक्षिका, विद्यार्थी एवं पालकों सहित ग्रामीणजन उपस्थित थे। उल्लेखनीय है कि शिक्षा सत्र के पहले दिन आज जिले के प्राथमिक, माध्यमिक एवं हाई स्कूलों में आयोजित शाला प्रवेशोत्सव के दौरान कक्षा पहली, कक्षा छठवीं एवं कक्षा नवमीं के नव प्रवेशित विद्यार्थियों का विद्यालय में पहुँचने पर आत्मीय स्वागत एवं अभिनंदन किया गया। इस दौरान कलेक्टर श्रीमती मिश्रा एवं अन्य अतिथियों के द्वारा नव प्रवेशित विद्यार्थियों को तिलक लगाकर एवं उनका मुँह मीठा करा कर तथा उन्हें गणवेश एवं पाठ्य पुस्तक प्रदान कर शाला में प्रवेश के लिए हार्दिक बधाई एवं शुभकामनाएं दी गई।
इस अवसर पर कलेक्टर श्रीमती मिश्रा ने विद्यार्थियों को विद्यार्थी जीवन तथा शिक्षा के महत्व एवं उद्देश्यों के संबंध में विस्तार से जानकारी दी। कलेक्टर श्रीमती मिश्रा ने कहा कि विद्यार्थी जीवन व्यक्ति के जीवन का सबसे महत्वपूर्ण कालखंड होता है। उन्होंने विद्यार्थियांे को इस बहुमूल्य कालखण्ड के प्रत्येक क्षणों का सदुपयोग करते हुए जीवन में असीम उपलब्धि हासिल कर राष्ट्र व समाज के विकास में अपनी बहुमूल्य भागीदारी सुनिश्चित करने को कहा। कलेक्टर ने कहा कि दुनिया में कोई काम असंभव नही है बस आवश्यकता है दृढ़ इच्छा शक्ति एवं लक्ष्य के प्रति समर्पण की। श्रीमती मिश्रा ने विद्यार्थियों को कठिन परिश्रम एवं पूरे मनोयोग के साथ विद्या अध्ययन करते समय सदैव लक्ष्य के ऊपर ध्यान केन्द्रित करने को कहा। इस अवसर पर उन्होंने विद्यार्थियों को नशापान के दुष्प्रभावों के संबंध में जानकारी देते हुए उन्हें नशापान से आजीवन दूर रहने की समझाईश दी। इसके अलावा उन्होंने शिक्षा विभाग के अधिकारियों एवं कर्मचारियों को विद्यालय परिसर के 100 मीटर के दायरे में मादक पदार्थों की बिक्री एवं उपलब्धता पर पूर्णतः प्रतिबंध सुनिश्चित कराने जरूरी उपाय करने के भी निर्देश दिए। इस अवसर पर उन्होंने वर्तमान में तेजी से घटते भूजल स्तर एवं पर्यावरण के संरक्षण एवं संवर्धन के लिए पेड़-पौधों की महत्ता पर प्रकाश डालते हुए जिले के सभी नागरिकों के अलावा विद्यार्थियों को भी ’एक पेड़ माँ के नाम’ अभियान के अंतर्गत अनिवार्य रूप से पौधरोपण करने को कहा। उन्होंने कहा कि हम सभी को अधिक से अधिक संख्या में पौधरोपण कर उनके सुरक्षा के भी पुख्ता उपाय सुनिश्चित करना चाहिए।
कलेक्टर श्रीमती मिश्रा ने आज आयोजित शाला प्रवेशोत्सव के अवसर पर बड़ी संख्या में ग्रामीण एवं शिक्षा जगत से जुड़े लोगों की उपस्थिति पर भी सराहना व्यक्त की। उन्होंने कहा कि आप लोगों की उपस्थिति शिक्षा के प्रति जागरूकता, लगाव एवं समर्पण को प्रदर्शित करता है। कलेक्टर श्रीमती मिश्रा ने विद्यार्थियों को समझाईश देते हुए कहा कि परिस्थितियां कितनी भी विपरीत क्यों न हो आदमी को हिम्मत नही हारना चाहिए। उन्होंने विद्यार्थी एवं शाला के विकास के लिए हर संभव मदद उपलब्ध कराने की बात भी कही। इस अवसर पर कलेक्टर ने अपने बच्चों को नियमित रूप से स्कूल भेजकर अपने बच्चों को शैक्षणिक क्रियाकलाप एवं विद्यालय के प्रत्येक गतिविधियों में भागीदारी सुनिश्चित करने के लिए पे्ररित करने वाली सर्वश्रेष्ठ माता श्रीमती यामिनी साहू को सम्मानित किया। इसके साथ ही उन्होंने शाला विकास एवं प्रबंधन समिति के प्रत्येक बैठकों में उपस्थित होने वाली महिला सदस्य श्रीमती दुर्गेश्वरी कंुजाम को मेडल भेंटकर एवं प्रशस्ति प्रदान कर सम्मानित किया। इस अवसर पर उन्होंने ग्रामीणों की माँग पर प्राथमिक शाला भिरई में एक शिक्षक की पदस्थापना करने का आश्वासन भी दिया। श्रीमती मिश्रा ने संस्था प्रमुखों एवं शिक्षकों को विद्यालय परिसर को साफ-सूथरा एवं व्यवस्थित तथा पौधरोपण कर हरा-भरा रखने के निर्देश दिए। इसके अलावा उन्होंने मौके पर उपस्थित लोक निर्माण विभाग के अधिकारियों को कोलिहामार स्कूल में प्रगतिरत कार्यों को शीघ्र पूरा कराने के निर्देश दिए। इस अवसर पर विकासखण्ड शिक्षा अधिकारी के द्वारा कार्यक्रम में उपस्थित विद्यार्थी, शिक्षकों, पालकों तथा कार्यक्रम में उपस्थित सभी लोगों को आजीवन नशापान से दूर रहने की शपथ भी दिलाई। इस दौरान श्रीमती मिश्रा एवं अतिथियों के द्वारा शाला परिसर भिरई में स्थित भारत माता एवं शहीद भगत सिंह के प्रतीमा पर माल्यार्पण भी किया गया।

-मेयर,कमिश्नर के अचानक दबिश. जिसके बाद कार्यालाय में मच गया हड़कंप:
दुर्ग/शौर्यपथ /महापौर श्रीमती अलका बाघमार, आयुक्त सुमित अग्रवाल ने नगर निगम कार्यालय का निरीक्षण किया. इस दौरान कुल 64 कर्मचारी नदारद मिले. महापौर व आयुक्त ने वेतन काटने का आदेश दिए.
महापौर श्रीमती बाघमार इन दिनों एक्शन मोड में हैं.वह दूसरी बार निगम कार्यालय का औचक निरीक्षण कर रहे हैं.कहा निगम कार्यालाय का निरन्तर निरीक्षण किया जाएगा।महापौर के अचानक दबिश. जिसके बाद कार्यालाय में हड़कंप मच गया.
महापौर श्रीमति बाघमार कार्यालय खुलने के समय सुबह राजस्व विभाग,स्थापना शाखा दफ्तर पहुंचे. सभी विभाग का हाजिरी रजिस्टर की जांच की जहां लोक कर्म विभाग 7, बाजार विभाग से 6, लोक सेवा केंद्र 3,जन सूचना विभाग 2,राजस्व विभाग प्लेसमेंट कर्मचारी 10,लेखा शाखा 13,लोक कर्म विभाग 1,सचिवालय 5,स्थापना शाखा 3,राजस्व विभाग कर्मचारी 14,स्वास्थ्य विभाग 1 बड़ी संख्या में कर्मचारी कार्यलय से नदारद मिले.कर्मचारी अनुपस्थित पाए जाने पर कड़ी नाराजगी व्यक्त करते हुए आधे दिवस का वेतन काटे जाने की कार्यवाही की गई.उन्होंने सभी कर्मचारियों के टेबल पर नाम पट्टिका आवश्यक रूप से रखे जाने के निर्देश दिए।निरीक्षण के दौरान एमआईसी नरेंद्र बंजारे,शेखर चन्द्राकर,ज्ञानेश्वर ताम्रकर,कार्यालाय अधिक्षक आरके बोरकर,पंकज चंद्रवंशी सहित अन्य मौजूद रहें।
महापौर अलका बाघमार ने अनुपस्थित कर्मचारियों पर कार्यवाही करते हुए सभी कर्मचारियों को समय पर कार्यालय में उपस्थित होने के निर्देश दिए।

जल जीवन मिशन ने दिया आत्मनिर्भरता का अमृत
रायपुर /शौर्यपथ /मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय की मंशानुरूप केंद्र एवं राज्य सरकार की सभी योजनाओं का उचित क्रियान्वयन कर आमजनों को समय पर लाभ पहुंचाया जा रहा है। अंतिम पंक्ति पर खड़े व्यक्ति को लाभ पहुंचाकर जनकल्याण सुनिश्चित किया जा रहा है। छत्तीसगढ़ के आदिवासी बहुल जिले मनेन्द्रगढ़-चिरमिरी- भरतपुर के विकासखंड मनेंद्रगढ़ स्थित ग्राम  पंचायत पाराडोल की एक साधारण गृहिणी श्याम बाई की कहानी अब बदलाव, आत्मनिर्भरता और सामाजिक जागरूकता की मिसाल बन चुकी है। कभी पानी के लिए लंबी दूरी तय करने वाली श्याम बाई आज पूरे गांव में प्रेरणा का प्रतीक बन गई हैं।
श्याम बाई को पानी के लिए रोज़ाना “एक किलोमीटर का संघर्ष करना पड़ता था“
वर्षों से जल संकट की मार झेलते हुए श्याम बाई न केवल अपने परिवार का पालन-पोषण कर रही थीं, बल्कि सुबह-सवेरे एक किलोमीटर दूर से पानी ढोना उनकी दिनचर्या बन गई थी। गर्मियों में कुएं सूख जाते थे, सार्वजनिक नल काफी दूर होते थे और हर दिन का अधिकांश समय केवल पानी लाने में ही चला जाता था। जिसके चलते उनकी सेहत पर विपरीत असर पड़ता था और अपने बच्चों को भी ज्यादा समय नहीं दे पाती थी।
जब उम्मीदों को मिला सहारा, गांव आया जल जीवन मिशन
श्याम बाई का जीवन तब बदला जब केंद्र सरकार की महत्वाकांक्षी योजना “जल जीवन मिशन” का प्रभावशाली क्रियान्वयन छत्तीसगढ़ सरकार द्वारा किया गया। लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी विभाग की मेहनत, ग्राम पंचायत की सक्रिय भूमिका और स्थानीय जनप्रतिनिधियों के सहयोग से ग्राम पाराडोल में घर-घर नल कनेक्शन पहुंचाए गए। अब हर घर में स्वच्छ, सुरक्षित और पर्याप्त मात्रा में पीने का पानी मिल रहा है।
पानी से बढ़ा श्याम बाई का आत्मविश्वास, बना आजीविका का साधन
इस बदलाव ने न केवल श्याम बाई को राहत दी, बल्कि उन्हें आत्मनिर्भरता की ओर भी अग्रसर किया। पानी की चिंता मिटते ही श्याम बाई ने अपने खाली समय का सदुपयोग करते हुए गांव की महिलाओं के साथ मिलकर एक स्व-सहायता समूह बनाया, जिसमें वे अचार, पापड़ और अन्य घरेलू उत्पाद बनाकर स्थानीय हाट-बाजार में बेच रही हैं। इससे उनकी आय बढ़ी है, आत्मविश्वास बढ़ा है और वे अब अपने परिवार की आय में भागीदार बन गई हैं।
गांव में जल जीवन मिशन लागू होने के बाद वहां की पूरी तस्वीर बदल गई है। अब बच्चों को स्कूल जाते वक्त साफ पानी मिलता है, जल जनित बीमारियां घट गई हैं और महिलाओं का समय बच रहा है। महिलाएं अब सिर्फ घर तक सीमित नहीं रहीं, बल्कि सामाजिक और आर्थिक गतिविधियों में भी सशक्त भूमिका निभा रही हैं। घरेलु आवश्यकताओं को पूरा करने में अपना सहयोग देने से उनका समाज एवं परिवार में मान-सम्मान भी बढ़ा है।
प्रधानमंत्री और मुख्यमंत्री को दिल से धन्यवाद
श्याम बाई ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय को इस योजना के लिए धन्यवाद देते हुए कहा, यह केवल पानी नहीं है, यह सम्मान, आत्मविश्वास और अवसरों की सौगात है। पहले हम पानी के लिए दूर जाते थे, अब पानी हमारे घर आता है और हम गरिमा के साथ जीते हैं।
शक्ति की प्रतीक बनीं श्याम बाई हर महिला के लिए एक संदेश
श्याम बाई की यह प्रेरक कहानी इस बात का प्रमाण है कि जब सरकारी योजनाएं जमीनी स्तर तक ईमानदारी से पहुंचती हैं, तो वे न केवल जीवनशैली बदलती हैं बल्कि समाज की तस्वीर भी संवारती हैं। जल जीवन मिशन महज एक योजना नहीं, बल्कि यह करोड़ों परिवारों के जीवन में खुशहाली और स्वाभिमान की एक नई सुबह है। श्याम बाई आज केवल एक नाम नहीं, बल्कि वे उन करोड़ों महिलाओं की आवाज़ बन चुकी हैं, जो वर्षों से जल संकट का सामना कर रही थीं। उनकी कहानी बताती है कि जब सरकार, समाज और तकनीक एक दिशा में काम करते हैं, तो कोई भी सपना अधूरा नहीं रह जाता।

रायपुर/शौर्यपथ /राज्य में लगातार बढ़ते तापमान और उमस के प्रकोप को देखते हुए छत्तीसगढ़ शासन ने विद्यार्थियों के स्वास्थ्य पर पड़ने वाले प्रतिकूल प्रभाव की आशंका को मद्देनज़र बड़ा निर्णय लिया है। शासकीय, अनुदान प्राप्त, गैर अनुदान प्राप्त एवं अशासकीय सभी शालाएं जो 16 जून 2025 से प्रारंभ हो चुकी हैं, अब 17 जून से 21 जून 2025 तक प्रातः 7: 00 बजे से 11: 00 बजे तक संचालित की जाएंगी। यह भी शासन ने स्पष्ट किया है कि दिनांक 23 जून 2025 से सभी स्कूलों का संचालन सामान्य समयानुसार किया जाएगा।

 मिशन अमृत 2.0 से मिलेगी हर घर शुद्ध पेयजल की सुविधा
कोंडागांव /शौर्यपथ /कोंडागांव नगर के नागरिकों को जल्द ही कोसारटेडा बांध से मिलने वाला शुद्ध और सुरक्षित पेयजल नल के माध्यम से सीधे उनके घरों तक पहुंचेगा। भारत सरकार की मिशन अमृत 2.0 योजना के तहत कोंडागांव में 102 करोड़ रुपये की लागत से जल प्रदाय योजना तेज़ी से आकार ले रही है। इस महत्वाकांक्षी परियोजना का 33 प्रतिशत कार्य पूरा कर लिया गया है और आगामी डेढ़ से दो वर्षों के भीतर इसे पूर्ण करने का लक्ष्य निर्धारित किया गया है।
इस योजना के तहत कोसारटेडा बांध, जो कि नगर से लगभग 25 किलोमीटर दूर स्थित है, से जल लाकर उसे 9 एमएलडी क्षमता के आधुनिक वाटर ट्रीटमेंट प्लांट में शुद्ध किया जाएगा। इसके पश्चात यह जल नगर में मौजूद पांच मौजूदा पानी टंकियों और निर्माणाधीन दो नई ओवरहेड टंकियों के माध्यम से नागरिकों तक पहुंचाया जाएगा।
बांधापारा और फॉरेस्ट कॉलोनी में बन रही हैं नई टंकियां
शहर में दो नई पानी टंकियों का निर्माण भी जोरों पर है। इनमें से एक बांधापारा में 555 किलोलीटर और दूसरी फॉरेस्ट कॉलोनी के पास 810 किलोलीटर की क्षमता वाली है। इन टंकियों के माध्यम से कोंडागांव की लगभग 40 हजार की जनसंख्या में से 9 हजार घरों को प्रत्यक्ष रूप से पेयजल आपूर्ति से जोड़ा जाएगा।
व्यापक नेटवर्क से हर घर पहुंचेगा जल
पेयजल की निर्बाध आपूर्ति के लिए 24 किलोमीटर लंबी रॉ-वॉटर पाइपलाइन और लगभग 11 किलोमीटर की क्लियर-वॉटर पाइपलाइन बिछाई जाएगी। इसके साथ ही 143 किलोमीटर लंबी वितरण पाइपलाइन (डिस्ट्रिब्यूशन लाइन) से प्रत्येक घर को नल कनेक्शन से जोड़ा जाएगा।
इस योजना की सबसे खास बात यह है कि निर्माण एजेंसी योजना के निर्माण के बाद पांच वर्षों तक संचालन और संधारण (ओएंडएम) की भी जिम्मेदारी निभाएगी, जिससे नागरिकों को सतत और गुणवत्ता युक्त जल सेवा उपलब्ध रहेगी।
बेहतर जीवन की दिशा में एक कदम
कोंडागांव में मिशन अमृत 2.0 के तहत संचालित यह परियोजना केवल बुनियादी ढांचे के विकास का ही नहीं, बल्कि नागरिकों के जीवन स्तर को बेहतर बनाने का भी प्रतीक है। स्वच्छ पेयजल स्वास्थ्य, स्वच्छता और समग्र जीवन गुणवत्ता के लिए अत्यंत आवश्यक है, और यह परियोजना इन सभी पहलुओं पर सकारात्मक प्रभाव डालेगी।
यह पहल छत्तीसगढ़ सरकार की प्रतिबद्धता का प्रमाण है कि किस तरह दूरस्थ और अर्ध-शहरी क्षेत्रों में भी बुनियादी नागरिक सुविधाएं सुलभ कराई जा रही हैं। मिशन अमृत 2.0 के माध्यम से राज्य में शहरी विकास की नई इबारत लिखी जा रही है।

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