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धर्म संसार / शौर्यपथ / प्रभु यीशु के जन्म की ख़ुशी में मनाया जाने वाला क्रिसमस का त्योहार पूरी दुनिया में मनाया जाता है। यह त्योहार कई मायनों में बेहद खास है। क्रिसमस को बड़ा दिन, सेंट स्टीफेंस डे या फीस्ट ऑफ़ सेंट स्टीफेंस भी कहा जाता है। प्रभु यीशु ने दुनिया को प्यार और इंसानियत की शिक्षा दी। उन्होंने लोगों को प्रेम और भाईचारे के साथ रहने का संदेश दिया। प्रभु यीशु को ईश्वर का इकलौता प्यारा पुत्र माना जाता है। इस त्योहार से कई रोचक तथ्य जुड़े हैं। आइए जानते हैं इनके बारे में।
क्रिसमस ऐसा त्योहार है जिसे हर धर्म के लोग उत्साह से मनाते हैं। यह एकमात्र ऐसा त्योहार है जिस दिन लगभग पूरे विश्व में अवकाश रहता है। 25 दिसंबर को मनाया जाने वाला यह त्योहार आर्मीनियाई अपोस्टोलिक चर्च में 6 जनवरी को मनाया जाता है। कई देशों में क्रिसमस का अगला दिन 26 दिसंबर बॉक्सिंग डे के रूप मे मनाया जाता है। क्रिसमस पर सांता क्लॉज़ को लेकर मान्यता है कि चौथी शताब्दी में संत निकोलस जो तुर्की के मीरा नामक शहर के बिशप थे, वही सांता थे। वह गरीबों की हमेशा मदद करते थे उनको उपहार देते थे। क्रिसमस के तीन पारंपरिक रंग हैं हरा, लाल और सुनहरा। हरा रंग जीवन का प्रतीक है, जबकि लाल रंग ईसा मसीह के रक्त और सुनहरा रंग रोशनी का प्रतीक है। क्रिसमस की रात को जादुई रात कहा जाता है। माना जाता है कि इस रात सच्चे दिल वाले लोग जानवरों की बोली को समझ सकते हैं। क्रिसमस पर घर के आंगन में क्रिसमस ट्री लगाया जाता है। क्रिसमस ट्री को दक्षिण पूर्व दिशा में लगाना शुभ माना जाता है। फेंगशुई के मुताबिक ऐसा करने से घर में सुख समृद्धि आती है। पोलैंड में मकड़ी के जालों से क्रिसमस ट्री को सजाने की परंपरा है। मान्यता है कि मकड़ी ने सबसे पहले जीसस के लिए कंबल बुना था।
- बुनकरों द्वारा किये जा रहे गणवेश वस्त्र एवं अन्य वस्त्र उत्पादों का किया अवलोकन
- लगभग 250 बुनकर गणवेश वस्त्र एवं अन्य वस्त्रों के बुनाई का कर रहे कार्य
राजनांदगांव /शौर्यपथ / कलेक्टर डॉ. सर्वेश्वर नरेन्द्र भुरे ने राजनांदगांव विकासखंड के ग्राम रेवाडीह में संचालित श्री सांई बुनकर सहकारी समिति मर्यादित का आकस्मिक निरीक्षण किया। कलेक्टर ने बुनकर कर्मशाला भवन में समिति के बुनकरों द्वारा किये जा रहे गणवेश वस्त्र एवं अन्य वस्त्र उत्पादों का अवलोकन किया। उन्होंने बुनकरों से बुनाई संबंधी गतिविधियों का जायजा लिया। कलेक्टर ने बुनकरों से चर्चा कर प्रतिदिन किए जाने वाले उत्पादन तथा मासिक आय सहित अन्य विषयों के संबंध में चर्चा की।
कलेक्टर डॉ. सर्वेश्वर नरेन्द्र भुरे को बुनकरों ने बताया कि कर्मशाला भवन में लगभग 50 महिलाएं कार्यरत हैं। साथ ही छत्तीसगढ़ राज्य हाथकरघा विकास एवं विपणन सहकारी संघ मर्यादित रायपुर के शासकीय वस्त्र प्रदाय योजनांतर्गत श्री सांई बुनकर सहकारी समिति मर्यादित रेवाडीह के लगभग 250 बुनकर गणवेश वस्त्र एवं अन्य वस्त्रों के बुनाई का कार्य कर रहे हैं। छत्तीसगढ़ राज्य हाथकरघा विकास एवं विपणन सहकारी संघ मर्यादित रायपुर द्वारा धागा प्रदाय कर तैयार वस्त्रों के अनुसार बुनकरों को बुनाई पारिश्रमिक एवं बुनकर समितियों को सेवा प्रभार प्रदान किया जाता है। बुनकरों ने बताया कि गांव में ही रोजगार मिलने एवं बुनाई कार्य से खुश है। इस कार्य से अच्छी आमदनी प्राप्त हो रही है। कलेक्टर ने बुनकरों के कार्यों की सराहना की और इसी प्रकार मन लगाकर कार्य करने के लिए प्रोत्साहित किया। इस दौरान उप संचालक हाथकरघा श्री राजू कोल्हे, श्री सांई बुनकर समिति के अध्यक्ष श्री चूड़ामणि देवांगन सहित अन्य अधिकारी व कर्मचारी एवं बुनकर उपस्थित थे।
राजनांदगांव /शौर्यपथ / महिला एवं बाल विकास विभाग द्वारा प्रधानमंत्री मातृ वंदना योजना के नवीन पात्र हितग्राहियों के लिए 15 अगस्त 2025 तक विशेष अभियान चलाया जा रहा है। अभियान के तहत योजना का लाभ लेने से वंचित पात्र हितग्राहियों को योजना का लाभ प्रदान किया जा रहा है। प्रधानमंत्री मातृ वंदना योजना केन्द्र सरकार की एक महत्वाकांक्षी योजना है। जिसका उद्देश्य गर्भवती महिलाओं एवं स्तनपान कराने वाली माताओं के स्वास्थ्य में सुधार एवं मजदूरी के क्षति के एवज में नकद राशि के रूप में आंशिक क्षतिपूर्ति प्रदान करना है। प्रधानमंत्री मातृ वंदना योजना के तहत जिले की हजारों महिलाएं लाभान्वित हो रही है।
जिला कार्यक्रम अधिकारी महिला एवं बाल विकास श्रीमती गुरूप्रीत कौर ने बताया कि प्रधानमंत्री मातृ वंदना योजना के तहत वर्ष 2024-25 में 7293 एवं वर्ष 2025-26 में 2000 से अधिक गर्भवती एवं शिशुवती महिलाओं को संबल मिला है। योजना के तहत पात्र महिलाओं को पहले बच्चे के जन्म पर 2 किस्तों में गर्भावस्था के पंजीयन पर एवं 6 महीने के भीतर एक बार प्रसव पूर्व जांच कराएं जाने पर पहली किस्त के रूप में 3000 रूपए एवं दूसरी किस्त के रूप में 2000 रूपए बच्चे के जन्म के पंजीकरण तथा बीसीजी, पोलियो, डीटीपी एवं हिपेटाइसिस बी या इसके समानांतर प्रथम चक्र का टीका लगाये जाने के बाद प्रदान की जाती है। वही दूसरी संतान बालिका होने पर एकमुश्त 6000 रूपए प्रदान किया जाता है। योजना का लाभ लेने महिला का बैंक खाता आधार सिडिंग होना आवश्यक है। राशि का भुगतान डीबीटी मोड के माध्यम से लाभार्थी के खाते में किया जाता है। हितग्राही को आंगनबाड़ी केन्द्र में पंजीकरण कराना आवश्यक है। फार्म के साथ स्वयं, पति व परिवार के सदस्य का मोबाईल नंबर, महिला के बैंक खाते का विवरण, जच्चा-बच्चा कार्ड जमा करना, आधार कार्ड का विवरण जमा करना होता है। पात्रता हेतु एक आवश्यक दस्तावेज राशनकार्ड, आयुष्मान कार्ड, ई-श्रम कार्ड, मनरेगा जॉब कार्ड जमा करना होता है। साथ ही द्वितीय संतान बालिका का जन्म पंजीकरण एवं बालिका के प्रथम चक्र का संपूर्ण टीकाकरण की जानकारी जमा करना आवश्यक है। योजना का लाभ लेने हेतु एलएमपी (अंतिम माहवारी) से 570 दिवस अथवा बच्चे के जन्म के 270 दिवस के भीतर आवेदन किया जा सकता है। प्रधानमंत्री मातृ वंदना योजना का लाभ लेने से निर्धारित अवधि और पात्रता को पूरा करने वाले वंचित हितग्राही अपने निकटस्थ आंगनबाड़ी केन्द्र से सीधे संपर्क कर सकते है। इसके आवा अथवा मोबाईल एप(https://pmmvy.wcd.gov.in/apk/PMMVYsoft.apk) से भी आवेदन कर सकते है। प्रधानमंत्री मातृ वंदना योजना के संबंध में विस्तृत जानकारी के लिए महिला एवं बाल विकास विभाग के दूरभाष के 9406136904 एवं 7804905439 पर कार्यालयीन समय पर या हेल्प लाईन नंबर 14408 पर भी संपर्क कर सकते है।
निर्माणधीन कौशल्या धाम का किया अवलोकन
ग्रामीणों के साथ बैठकर विभिन्न विषयों पर की चर्चा
बालोद/शौर्यपथ /उपमुख्यमंत्री एवं जिले के प्रभारी मंत्री विजय शर्मा ने आज बालोद जिले के प्रवास के दौरान डौंडीलोहारा विकासखण्ड के जामड़ीपाट स्थित पाटेश्वर धाम में सद्गुरु स्व. श्री राम जानकीदास जी महाराज के समाधि स्थल में पहुँचकर उन्हें पुष्पांजलि अर्पित की। इस दौरान उन्होंने सद्गुरु स्व. श्री राम जानकीदास जी के शिष्य एवं पाटेश्वर धाम के संचालक संत श्री बालकदास के कक्ष में पहुँचकर उनसे मुलाकात की। इस अवसर पर उपमुख्यमंत्री श्री शर्मा ने श्री बालकदास के साथ विभिन्न विषयों पर चर्चा की। उन्होंने वहाँ ग्रामीणों से मुलाकात कर उनकी समस्याएं भी सुनी तथा उनकी मांगो एवं समस्याओं के निराकरण का आश्वासन भी दिया। इसके पश्चात गृहमंत्री श्री शर्मा, संत श्री बालकदास एवं अन्य अतिथियों ने निर्माणधीन कौशल्या धाम में पैदल चलकर मन्दिर परिसर के निचले हिस्से में स्थित शिव मन्दिर में पहुँचकर भगवान शंकर की पूजा-अर्चना की। ग्रामीणों को ग्राम पंचायत के सरपंच एंव ग्रामीणों के सभी मांगो को पूरा करने का आश्वासन भी दिया। इस अवसर पर वरिष्ठ जनप्रतिनिधि श्री चेमन देशमुख, नगर पालिका दल्लीराजहरा के अध्यक्ष श्री तोरण लाल साहू, नगर पंचायत डौंडीलोहारा के अध्यक्ष श्री लाल निवेंद्र सिंह टेकाम, कलेक्टर श्रीमती दिव्या उमेश मिश्रा, पुलिस अधिक्षक श्री योगेश पटेल, डीएफओ श्री अभिषेक अग्रवाल, श्री जयेश ठाकुर, श्री गौतम सिन्हा, ग्राम के सरपंच के अलावा अन्य जनप्रतिनिधि, अधिकारी-कर्मचारी तथा ग्रामीणजन उपस्थित थे।
बस्तर में स्वास्थ्य सुविधाओं की बदल रही है तस्वीर
बस्तर संभाग के 130 स्वास्थ्य संस्थानों को मिला राष्ट्रीय गुणवत्ता प्रमाणन
33 विशेषज्ञ डॉक्टरों सहित 450 से अधिक चिकित्सा स्टाफ की हुई नियुक्ति, 291 पदों पर भर्ती जारी
मुख्यमंत्री विष्णु देव साय के सुशासन और स्वास्थ्य योजनाओं की से नक्सल प्रभावित अंचलों तक पहुंची चिकित्सा सेवाएं
स्वास्थ्य मंत्री श्याम बिहारी जायसवाल 5 से 7 अगस्त तक करेंगे बस्तर संभाग का दौरा कर स्वास्थ्य सुविधाओं का लेंगे जायजा
रायपुर /शौर्यपथ /1 जनवरी 2024 से 16 जून 2025 तक केवल बस्तर संभाग में ही कुल 130 स्वास्थ्य संस्थाओं को NQAS के अंतर्गत गुणवत्ता प्रमाणन प्राप्त हुआ है, जिनमें 1 जिला अस्पताल, 16 प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र और 113 उप-स्वास्थ्य केंद्र शामिल हैं। इसके अतिरिक्त, 65 अन्य संस्थाओं का प्रमाणीकरण कार्य प्रक्रियाधीन है। खास बात यह है कि नक्सल प्रभावित जिलों—कांकेर, बीजापुर, सुकमा और दंतेवाड़ा—के 14 संस्थानों को भी गुणवत्ता प्रमाणपत्र प्रदान किया गया है, जो चुनौतीपूर्ण परिस्थितियों में भी स्वास्थ्य सेवाओं के प्रति प्रतिबद्धता को दर्शाता है।
बस्तर संभाग में स्वास्थ्य सेवाओं को और अधिक व्यापक बनाने के उद्देश्य से नियद नेल्लानार योजना अंतर्गत आयुष्मान कार्ड के कवरेज को भी गति दी जा रही है। योजना के अंतर्गत बस्तर संभाग में मात्र एक वर्ष में ही 36,231 आयुष्मान कार्ड बनाए जा चुके हैं। अब तक 52.6 प्रतिशत कवरेज हो चुका है, और 6,816 हितग्राहियों को 8 करोड़ 22 लाख रुपये की चिकित्सा सहायता का लाभ मिल चुका है।
इस सुगठित व्यवस्था को और मजबूत बनाने के लिए सरकार ने पिछले डेढ़ वर्षों में बस्तर संभाग में 33 मेडिकल स्पेशलिस्ट, 117 मेडिकल ऑफिसर और 1 डेंटल सर्जन की नियुक्ति की है। इसके अतिरिक्त राज्य स्तर से 75 और जिला स्तर से 307 स्टाफ व प्रबंधकीय पदों पर भर्ती पूरी की गई है, जबकि 291 पदों पर भर्ती प्रक्रिया प्रगति पर है। यह नियुक्तियाँ न केवल सेवाओं की पहुंच को सशक्त बना रही हैं, बल्कि गुणवत्ता और दक्षता में भी उल्लेखनीय बढ़ोत्तरी कर रही हैं।
छत्तीसगढ़ के बस्तर संभाग में स्वास्थ्य सेवाओं के क्षेत्र में उल्लेखनीय और सकारात्मक परिवर्तन देखने को मिल रहा है। मुख्यमंत्री विष्णु देव साय के नेतृत्व में संचालित सुशासन और जनकल्याणकारी स्वास्थ्य योजनाओं के प्रभावी क्रियान्वयन से अब बस्तर जैसे दुर्गम और नक्सल प्रभावित क्षेत्रों में भी स्वास्थ्य सुविधाएं लोगों की पहुंच में हैं। सरकार की जन-केंद्रित सोच, ठोस रणनीति और ज़मीनी स्तर पर समर्पित क्रियान्वयन से स्वास्थ्य सुविधाओं की पहुंच अब वहां तक संभव हो रही है, जिसे नक्सल प्रभावित क्षेत्र में एक समय असंभव माना जाता था।
मुख्यमंत्री साय ने बस्तर में स्वास्थ्य सेवाओं के निरंतर विस्तार और गुणवत्ता में सुधार पर प्रसन्नता व्यक्त करते हुए कहा है कि मितानिनों, स्वास्थ्य कार्यकर्ताओं और विभागीय कर्मचारियों की सक्रिय भागीदारी और प्रतिबद्धता के कारण ही आज यह परिवर्तन संभव हुआ है। बस्तर के लिए हमारी सरकार का विशेष फोकस है और हम इसे निरंतर मजबूत करते रहेंगे।
स्वास्थ्य मंत्री श्याम बिहारी जायसवाल ने जानकारी दी कि सरकार का लक्ष्य पूरे छत्तीसगढ़ में समान रूप से गुणवत्तापूर्ण स्वास्थ्य सेवाएं उपलब्ध कराना है। बस्तर में चलाए जा रहे मलेरिया मुक्त अभियान के तहत घर-घर जाकर जांच, त्वरित उपचार और जागरूकता गतिविधियों के माध्यम से मलेरिया के प्रसार को प्रभावी रूप से नियंत्रित किया गया है। राष्ट्रीय गुणवत्ता आश्वासन मानक के अंतर्गत पूरे राज्य में, विशेषकर बस्तर क्षेत्र में, स्वास्थ्य संस्थानों ने अनुकरणीय उपलब्धियाँ दर्ज की हैं।
राज्य सरकार की यह स्पष्ट प्राथमिकता रही है कि नक्सल प्रभावित इलाकों—कांकेर, बीजापुर, सुकमा और दंतेवाड़ा जैसे जिलों—में स्वास्थ्य सेवाओं का जमीनी विस्तार हो। आज इन अंचलों में भी लोग गुणवत्तापूर्ण स्वास्थ्य सेवाओं से लाभान्वित हो रहे हैं। यह परिवर्तन श्री विष्णु देव साय के सुशासन और स्वास्थ्य क्षेत्र को लेकर उनके विशेष फोकस का प्रमाण है।
इन उपलब्धियों की गहराई से समीक्षा और ज़मीनी प्रगति के प्रत्यक्ष अवलोकन हेतु स्वास्थ्य मंत्री श्री श्याम बिहारी जायसवाल 5 अगस्त से 7 अगस्त 2025 तक तीन दिवसीय बस्तर दौरे पर रहेंगे। उनके साथ स्वास्थ्य विभाग के वरिष्ठ अधिकारी एवं तकनीकी दल भी रहेगा। इस दौरान वे बस्तर संभाग के प्रमुख जिला अस्पतालों और मेडिकल कॉलेजों का निरीक्षण करेंगे, स्वशासी समिति की बैठकें लेंगे, मलेरिया मुक्त अभियान की समीक्षा करेंगे तथा बीजापुर और सुकमा जैसे दूरस्थ जिलों के अंतिम छोर पर बसे गांवों में जाकर भी स्वास्थ्य सेवाओं की जमीनी स्थिति का मूल्यांकन करेंगे।
मुख्यमंत्री विष्णु देव साय के नेतृत्व में छत्तीसगढ़ के बस्तर संभाग में हो रहा यह परिवर्तन सिद्ध करता है कि जब सरकार की नीयत स्पष्ट हो, योजना व्यावहारिक हो और सिस्टम में प्रतिबद्धता हो—तो किसी भी दुर्गम और संवेदनशील क्षेत्र की तस्वीर बदली जा सकती है। बस्तर अब पिछड़ेपन और असुविधा की छवि से निकलकर विकास और सशक्तिकरण की पहचान बन रहा है। स्वास्थ्य जैसे संवेदनशील विषय में जो क्रांतिकारी बदलाव बस्तर में हो रहा है, वह पूरे देश के लिए एक अनुकरणीय उदाहरण है।
जनऔषधियों की कीमतों में कटौती पर मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय ने जताया आभार
रायपुर/शौर्यपथ /मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय ने केंद्र सरकार द्वारा 37 आवश्यक औषधियों के मूल्य में 10 से 15 प्रतिशत तक की कमी किए जाने के निर्णय का स्वागत करते हुए प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी के प्रति आभार व्यक्त किया है।
मुख्यमंत्री साय ने कहा कि स्वस्थ भारत ही विकसित भारत की आधारशिला है। प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी जी का यह निर्णय उनके दूरदर्शी और जनकल्याणकारी नेतृत्व की सशक्त अभिव्यक्ति है। यह निर्णय हृदय रोग, मधुमेह, संक्रमण, बुखार और दर्द जैसी आम लेकिन गंभीर बीमारियों से जूझ रहे नागरिकों को बड़ी राहत देगा।
उन्होंने कहा कि इस मूल्य कटौती से पैरासिटामोल, एटोरवास्टेटिन, एमोक्सिसिलिन जैसी जीवनरक्षक दवाएं अब और अधिक सुलभ और सस्ती हो सकेंगी। छत्तीसगढ़ जैसे आदिवासी और ग्रामीण बहुल राज्य में यह निर्णय गरीबों, श्रमिकों, किसानों, महिलाओं और वृद्धजनों के स्वास्थ्य हेतु अत्यंत लाभकारी सिद्ध होगा।
मुख्यमंत्री साय ने यह भी उल्लेख किया कि छत्तीसगढ़ सरकार प्रधानमंत्री जन औषधि योजना के केंद्रों के विस्तार, आयुष्मान भारत योजना के प्रभावी क्रियान्वयन और प्राथमिक से लेकर उच्चस्तरीय स्वास्थ्य सेवाओं की सहज उपलब्धता सुनिश्चित करने के लिए निरंतर प्रयासरत है।
मुख्यमंत्री साय ने कहा कि केंद्र सरकार का निर्णय केवल औषधियों की कीमत घटाने का नहीं, बल्कि आमजन के जीवन स्तर को सशक्त बनाने का भी कदम है।
भगवान मधेश्वर की पावन धरा के विकास हेतु मिलेंगे 10 करोड़ रुपये, तीर्थ पर्यटन को मिलेगा नया आयाम
श्रीरामलला दर्शन योजना और तीर्थदर्शन योजना से श्रद्धालुओं को मिल रहा आध्यात्मिक लाभ
रायपुर/शौर्यपथ / मुख्यमंत्री विष्णु देव साय ने पवित्र श्रावण मास के चौथे सोमवार के शुभ अवसर पर रायपुर स्थित मुख्यमंत्री निवास कार्यालय से जशपुर जिले के कुनकुरी विकासखंड अंतर्गत मयाली में विश्व के सबसे बड़े प्राकृतिक शिवलिंग मधेश्वर पहाड़ के समीप आयोजित दिव्य शिव महापुराण कथा के समापन समारोह को ऑनलाइन माध्यम से संबोधित किया।
श्रावण मास की इस सात दिवसीय दिव्य कथा श्रृंखला का आयोजन 28 जुलाई से 4 अगस्त 2025 तक महामधेश्वर धाम समिति द्वारा किया गया, जिसमें अयोध्या के प्रसिद्ध कथावाचक पूज्य देवकीनंदन जी महाराज ने शिव महापुराण की अमृतमयी वाणी से हजारों श्रद्धालुओं को मंत्रमुग्ध किया। मुख्यमंत्री ने व्यासपीठ से जुड़े सभी संतजनों को प्रणाम करते हुए समिति को भव्य आयोजन के लिए बधाई एवं आभार प्रकट किया।
मुख्यमंत्री साय ने अपने उद्बोधन में कहा कि शिव और शक्ति छत्तीसगढ़ के कण-कण में समाए हैं और प्रदेश को आध्यात्मिक ऊर्जा इन्हीं देवस्थलों से प्राप्त होती है। उन्होंने बताया कि मधेश्वर महादेव धाम के विकास के लिए केंद्र सरकार से ₹10 करोड़ की राशि प्राप्त हुई है, तथा राज्य सरकार तीव्र गति से अधोसंरचना विकास और श्रद्धालु सुविधाओं के लिए कार्य कर रही है।
मुख्यमंत्री ने प्रदेश में विराजित भगवान शिव के प्रमुख स्थलों का उल्लेख करते हुए कहा कि मयाली में मधेश्वर पहाड़, कवर्धा में बाबा भोरमदेव, राजिम में कुलेश्वर महादेव, गरियाबंद में भूतेश्वर महादेव और जांजगीर-चांपा के खरौद में लक्ष्मणेश्वर महादेव के रूप में भगवान शिव विभिन्न रूपों में श्रद्धालुओं को दर्शन दे रहे हैं। उन्होंने कहा कि यह सम्पूर्ण प्रदेश शिवमय है।
साय ने बताया कि छत्तीसगढ़ में पाँच प्रमुख शक्तिपीठों के विकास के लिए शक्ति कॉरिडोर योजना प्रारंभ की गई है। इसमें डोंगरगढ़ की बमलेश्वरी देवी, रतनपुर की महामाया देवी, चंद्रपुर की चंद्रहासिनी माता, दंतेवाड़ा की दंतेश्वरी देवी शामिल हैं। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी के मार्गदर्शन में तीर्थ पर्यटन को नई दिशा दी जा रही है।
मुख्यमंत्री ने रामलला दर्शन योजना का उल्लेख करते हुए बताया कि अब तक 22 हजार से अधिक श्रद्धालु अयोध्या धाम में प्रभु श्रीराम के दर्शन का लाभ प्राप्त कर चुके हैं। उन्होंने कहा कि यह योजना श्रद्धालुओं को प्रभु श्रीराम के प्रति श्रद्धा से जोड़ने का सशक्त माध्यम बनी है।
इसी क्रम में पुनः प्रारंभ की गई मुख्यमंत्री तीर्थदर्शन योजना का ज़िक्र करते हुए उन्होंने कहा कि इस योजना के अंतर्गत राज्य के वृद्ध श्रद्धालुओं को देश के 19 प्रमुख तीर्थ स्थलों के दर्शन कराए जा रहे हैं, जिससे उन्हें जीवन में आध्यात्मिक संतोष और आस्था का अनुभव हो रहा है।
समापन अवसर पर मुख्यमंत्री ने प्रदेश की सुख, समृद्धि और खुशहाली की कामना करते हुए प्रार्थना की कि बाबा भोलेनाथ की कृपा सदैव सभी श्रद्धालुओं पर बनी रहे। उन्होंने महामधेश्वर धाम समिति को आयोजन की सफलता के लिए शुभकामनाएं दी और कहा कि प्रदेश सरकार श्रद्धा, संस्कृति और विकास के समन्वय से छत्तीसगढ़ को नया धार्मिक एवं पर्यटन गंतव्य बनाएगी।
15 लाख बीपीएल परिवारों को मिलती रहेगी मुफ्त बिजली की सुविधा, सौर ऊर्जा से आत्मनिर्भरता की दिशा में ठोस कदम
रायपुर/शौर्यपथ /छत्तीसगढ़ सरकार ने घरेलू उपभोक्ताओं को राहत देने वाली हॉफ बिजली बिल योजना के अंतर्गत दी जाने वाली 400 यूनिट की मासिक छूट की सीमा में युक्तियुक्त संशोधन करते हुए अब 100 यूनिट तक की मासिक खपत पर 50 प्रतिशत की रियायत देने का निर्णय लिया है।
वर्तमान में राज्य में लगभग 45 लाख घरेलू उपभोक्ता परिवार हैं, जिनमें से 31 लाख परिवारों की मासिक खपत 100 यूनिट से कम है। यह लगभग 70 प्रतिशत उपभोक्ताओं का प्रतिनिधित्व करता है। अतः इस संशोधन के बावजूद, इन 31 लाख जरूरतमंद सामान्य एवं कमजोर वर्ग के उपभोक्ताओं को योजना का लाभ पूर्ववत मिलता रहेगा। इन 31 लाख परिवारों में 15 लाख बीपीएल (गरीबी रेखा से नीचे) परिवार भी शामिल हैं, जिन्हें पूर्ववत 30 यूनिट तक मुफ्त बिजली मिलती रहेगी। इसके साथ ही वे हॉफ बिजली बिल योजना के तहत अन्य सभी लाभों से भी यथावत लाभान्वित रहेंगे।
राज्य सरकार प्रधानमंत्री सूर्यघर मुफ्त बिजली योजना को भी तेज़ी से लागू कर रही है, जिसके अंतर्गत उपभोक्ताओं को रूफटॉप सोलर प्लांट स्थापित करने पर केंद्र और राज्य सरकारों से अधिकतम ₹1,08,000/- तक की सब्सिडी दी जा रही है।इस योजना के तहत 1 किलोवॉट क्षमता के सोलर प्लांट से प्रतिमाह औसतन 120 यूनिट बिजली उत्पादन होता है, जिस पर ₹30,000 केंद्र से व ₹15,000 राज्य से, कुल ₹45,000 की वित्तीय सहायता दी जाती है। उपभोक्ता को लगभग ₹15,000 स्वयं वहन करने होते हैं।
इसी प्रकार 2 किलोवॉट प्लांट के लिए प्रतिमाह औसतन 240 यूनिट उत्पादन संभव है, जिस पर ₹90,000 तक कुल सब्सिडी (₹60,000 केंद्र + ₹30,000 राज्य) मिलती है। उपभोक्ता को केवल ₹30,000 खर्च करना होता है।
3 किलोवॉट क्षमता के प्लांट से प्रतिमाह औसतन 360 यूनिट उत्पादन संभव है, और इसमें ₹78,000 केंद्र + ₹30,000 राज्य यानी कुल ₹1,08,000 की सहायता मिलती है। उपभोक्ता को ₹72,000 वहन करना पड़ता है, जो ऋण पर भी उपलब्ध है।
उल्लेखनीय है कि 2 किलोवॉट या अधिक क्षमता वाले प्लांट लगाने वाले उपभोक्ता प्रतिमाह 200 यूनिट से अधिक बिजली का उत्पादन 25 साल तक कर सकते हैं, जो हॉफ बिजली योजना से मिलने वाली अधिकतम छूट (400 यूनिट पर 200 यूनिट रियायत) से भी ज्यादा है। ऐसे उपभोक्ता अपने घर में सौर ऊर्जा से उत्पन्न विद्युत का उपयोग कर न सिर्फ बिजली खर्च से मुक्ति पा सकते हैं, बल्कि अतिरिक्त बिजली को ग्रिड में प्रवाहित कर आय भी अर्जित कर सकते हैं।
प्रधानमंत्री सूर्यघर योजना उपभोक्ताओं को सस्ती बिजली, स्थायी बचत और ऊर्जा आत्मनिर्भरता की ओर प्रेरित करेगी। साथ ही, पर्यावरण के प्रति उत्तरदायित्व निभाने की दिशा में भी यह एक बड़ा कदम साबित होगा। इससे छत्तीसगढ़ के उपभोक्ता हॉफ बिजली बिल से मुफ्त बिजली बिल योजना की ओर स्वाभाविक रूप से अग्रसर होंगे। उपभोक्ता किसी भी योजना पर निर्भर न रहते हुए स्वयं अपनी छत पर ऊर्जा उत्पादन कर “उर्जादाता” बनेंगे। यह रणनीतिक पहल राज्य को स्वच्छ ऊर्जा, आर्थिक बचत और ऊर्जा स्वतंत्रता की दिशा में आगे बढ़ाएगी।
मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय एवं विधानसभा अध्यक्ष डॉ. रमन सिंह ने किया नवीन विधानसभा भवन का निरीक्षण
विधानसभा भवन निर्माण कार्य अंतिम चरण में, निर्धारित समय पर होगा विधिवत लोकार्पण
रायपुर /शौर्यपथ/नवा रायपुर में निर्माणाधीन छत्तीसगढ़ विधानसभा भवन का कार्य तीव्र गति से अपने अंतिम चरण में पहुँच रहा है। आज मुख्यमंत्री श्री विष्णुदेव साय, विधानसभा अध्यक्ष डॉ. रमन सिंह तथा उप मुख्यमंत्री एवं लोक निर्माण मंत्री श्री अरुण साव ने विधानसभा भवन स्थल पर पहुँचकर निर्माणकार्य की प्रगति का निरीक्षण किया। उन्होंने अधिकारियों को स्पष्ट निर्देश दिए कि कार्य को निर्धारित समय-सीमा, सितम्बर 2025 तक हर हाल में पूर्ण किया जाए, ताकि राज्योत्सव (1 नवम्बर) के अवसर पर इसे जनता को समर्पित किया जा सके।
मुख्यमंत्री श्री विष्णुदेव साय ने कहा कि छत्तीसगढ़ राज्य का यह रजत जयंती वर्ष है, जिसे पूरे हर्षोल्लास के साथ मनाया जाएगा। नवीन विधानसभा भवन का निर्माण कार्य अब पूर्णता की ओर अग्रसर है। रजत जयंती वर्ष पर राज्य को एक नया, भव्य विधानसभा भवन प्राप्त होगा। प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी को राज्योत्सव कार्यक्रम हेतु आमंत्रित किया गया है, और उनके करकमलों से इस नवीन विधानसभा भवन का लोकार्पण प्रस्तावित है।
विधानसभा अध्यक्ष डॉ. रमन सिंह ने कहा कि नए विधानसभा भवन का निर्माण अब अंतिम चरण में पहुँच चुका है। आज विधानसभा सदन, विधानसभा अध्यक्ष का कक्ष, मुख्यमंत्री का कक्ष तथा सम्पूर्ण परिसर का अवलोकन कर निर्माण की प्रगति का निरीक्षण किया गया। निर्धारित समय पर नवीन विधानसभा भवन का विधिवत लोकार्पण किया जाएगा।
नवीन विधानसभा भवन में छत्तीसगढ़ की समृद्ध सांस्कृतिक पहचान, पारंपरिक वास्तुकला और आधुनिक सुविधाओं का समुचित समावेश किया गया है। भवन में तीन प्रमुख विंग निर्मित किए जा रहे हैं – विंग-ए में विधानसभा सचिवालय, विंग-बी में मुख्यमंत्री और विधानसभा अध्यक्ष के कार्यालय सहित विधानसभा सदन व सेंट्रल हॉल, तथा विंग-सी में उप मुख्यमंत्रियों एवं अन्य मंत्रियों के कार्यालय स्थित होंगे।
उपमुख्यमंत्री अरुण साव ने कहा कि नया विधानसभा भवन केवल एक शासकीय संरचना नहीं, बल्कि छत्तीसगढ़ की सांस्कृतिक भव्यता एवं वैभव का प्रतीक बनेगा।
52 एकड़ क्षेत्रफल में निर्मित यह नवीन विधानसभा भवन आधुनिक तकनीकी विशेषताओं और सांस्कृतिक सौंदर्य से युक्त एक भव्य परिसर होगा। सदन में 200 विधायकों के बैठने की क्षमता के साथ-साथ 500 दर्शकों की क्षमता वाला अत्याधुनिक ऑडिटोरियम भी होगा। परिसर में 700 वाहनों के लिए पार्किंग की व्यवस्था की जा रही है तथा दो प्रस्तावित सरोवर, प्रत्येक डेढ़ एकड़ क्षेत्र में, विकसित किए जाएँगे। निर्माण पूर्ण होने के पश्चात यह भवन न केवल छत्तीसगढ़ की प्रतिष्ठा को नई ऊँचाइयाँ प्रदान करेगा, बल्कि देशभर में अपनी विशिष्ट स्थापत्य शैली और उन्नत सुविधाओं के कारण एक मिसाल के रूप में स्थापित होगा।
निरीक्षण के दौरान श्री अजय जामवाल, श्री पवन साय, मुख्यमंत्री के प्रमुख सचिव श्री सुबोध कुमार सिंह, लोक निर्माण विभाग के सचिव डॉ. कमलप्रीत सिंह, प्रमुख अभियंता श्री वी.के. भतपहरी उपस्थित थे।
रायपुर//शौर्यपथ /प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष दीपक बैज ने कहा कि एनआईए कोर्ट से ननों की जमानत से सच्चाई की जीत हुई। भाजपा ने अपने पोलिटिकल प्रोपोगंडा के लिए बेकसूर ननों को गिरफ्तार किया था। ननों पर तीन महिलाओं के धर्मांतरण का आरोप एवं मानव तस्करी का आरोप लगाया गया है, जबकि हकीकत यह है कि ये ननें जिन तीन महिलाओं को लेकर जा रही थी वे सभी बालिग है तथा अपने परिजनों की सहमति से नौकरी के लिए जा रही थी। जिन तीन महिलाओं को ननों के साथ पकड़ा गया था उनमें से एक ने मीडिया के सामने आकर बयान दिया कि बजरंग दल के लोगों ने मारा-पीटा और धमकाया। हम लोग स्वेच्छा से नौकरी के लिए जा रहे थे। महिला ने यह भी बताया कि बजरंग दल के लोगों ने इन आदिवासी महिलाओं के साथ मारपीट भी किया था। एक तरफ भाजपा सरकार महिलाओं को रोजगार नहीं दे पा रही, महिलाएं रोजी-रोटी की तलाश में पलायन कर रही है। दूसरी तरफ स्वेच्छा से नौकरी के लिए बाहर जाने वाली महिलाओं को प्रताड़ित किया जा रहा, उनकी मदद करने वालों पर झूठे आरोप लगाकर राजनीति की जा रही थी।
गृह मंत्री के जिले में पुलिस प्रताड़ना से आत्महत्या
प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष दीपक बैज ने कहा कि कवर्धा जिले के बोड़ला थाने के अंतर्गत पुलिस की प्रताड़ना और भाजपा सरकार में फैले भ्रष्टाचार के कारण एक युवक माखन लाल यादव ने आत्महत्या कर लिया। पुलिस ने चोरी के माल खरीदने के संदेह में उसके छोटे भाई गोपाल यादव को जेल में बंद कर रखा है।
बताया जाता है कि कुछ लोग युवक गोपाल के पास चांदी का गहना लेकर पहुंचे जिसे गोपाल ने वाट्सअप पर पोस्ट किया कि यह किसका है। इसी पोस्ट के आधार पर पुलिस ने दोनों भाईयों को थाने बुला कर बैठा लिया तथा ढाई लाख रुपयों की मांग किया। पैसे नहीं देने पर दोनों को फंसाने की धमकी दिया। बड़े भाई को पैसे की व्यवस्था के लिए छोड़ दिया, उससे पैसे की व्यवस्था नहीं हुई तो विचलित होकर उसने आत्महत्या कर लिया, जिसका विरोध बोड़ला के लोगों ने चक्का जाम भी किया, जैसे ही बड़े भाई ने आत्महत्या किया तो छोटे भाई के खिलाफ पुलिस ने चोरी की रिपोर्ट दर्ज कर लिया।
गृह मंत्री के गृह जिले में आम आदमी प्रताड़ित हो रहा है, आत्महत्या करने को मजबूर है।
अरूण साव 717 सड़कों का कार्य आदेश सार्वजनिक करें
प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष दीपक बैज ने कहा कि सूचना के अधिकार में खुलासा हुआ है कि डेढ़ सालों में भाजपा सरकार ने मात्र 2 सड़कों की स्वीकृति दिया है वह भी मुंगेली ½ किमी की और मैनपाट में मात्र 0.45 मीटर की। इस खुलासे के बाद उपमुख्यमंत्री अरूण साव दावा कर रहे कि उनकी सरकार ने 717 सड़कें बनाई है। हमारी चुनौती है कि अरूण साव सही बोल रहे है तो इन 717 सड़को के कार्य आदेश को सार्वजनिक करें।
डेढ़ महीना हो गए स्कूल खुले अब तक स्कूली बच्चों की किताबें नहीं मिली
प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष दीपक बैज ने कहा कि डेढ़ माह हो चुके हैं स्कूल खुले लेकिन अब तक यह सरकार बच्चों को किताब वितरित नहीं कर पाई है। इस सरकार के सरकारी सिस्टम में खामियों की सजा पूरे प्रदेश के बच्चे और शिक्षक भोगने मजबूर हैं। किताबें गोदाम में पड़ी खराब हो रही हैं और बच्चों के स्कूल बैग खाली हैं। स्कूलों में किताबों का पीडीएफ भेजा गया है, पीडीएफ से पढ़ा पाना शिक्षकों के लिए संभव नहीं है। भाजपा सरकार का फोकस शिक्षा की गुणवत्ता सुधारने बिल्कुल नहीं है, यही कारण है कि अब तक बच्चों को ना किताब मिल पाया है, न गणवेश, साइकिल वितरण योजना तो इस सरकार में पूरी तरह से बंद हो गया है।
महाअष्टमी की छुट्टी रद्द किया जाना दुर्भाग्यजनक
प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष दीपक बैज ने कहा कि नवरात्रि में महाअष्टमी की मिलने वाली छुट्टी को भाजपा सरकार ने रद्द कर दिया है। कांग्रेस, सरकार के इस निर्णय का विरोध करती है। नवरात्रि में अष्टमी के दिन पूजा का विशेष विधान है। यह छुट्टी रद्द नहीं की जानी चाहिए। सरकार अपना निर्णय वापस ले।
जिले में मनाया गया पीएम किसान दिवस
- किसानों को शासन की किसान हितैषी योजनाओं की जानकारी देने के लिए लगाए गए स्टॉल
- ग्राहक सेवा केन्द्र में किसानों का जीरो बैंलेर्स पर प्रधानमंत्री जनधन खाता खोला गया
- किसानों को एग्री स्टेक पोर्टल फार्मर रजिस्ट्री की दी गई जानकारी
- ऑर्गेनिक फुड प्लाजा के स्टॉल में बेल, शर्बत, ज्वार लड्डू, बाजरा लड्डू, ज्वार-बाजरा-रागी लड्डू, मल्टी ग्रेन भाखर बड़ी रहे उपलब्ध
- ड्रोन के माध्यम से नैनो उर्वरक के छिड़काव का किया गया प्रदर्शन
राजनांदगांव /शौर्यपथ / प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने वाराणसी उत्तर प्रदेश से प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि की 20वीं किस्त के रूप में जिले के 1 लाख 5 हजार 252 किसानों को 22 करोड़ 61 लाख रूपए का भुगतान आधार बेस्ट प्रणाली के माध्यम से किया। यह दिन जिले में पीएम किसान दिवस के रूप में मनाया गया। कृषि विज्ञान केन्द्र सुरगी में आयोजित कार्यक्रम में आज किसानों को शासन की किसान हितैषी योजनाओं की जानकारी देने के लिए स्टॉल लगाए गए। इस अवसर पर सांसद श्री संतोष पाण्डेय ने किसानों को जानकारी देने के लिए लगाए गए स्टॉल का अवलोकन किया तथा किसानों को अरहर मिनी किट, केसीसी कार्ड एवं स्वाईल हेल्थ कार्ड का वितरण किया।
प्रधानमंत्री किसान दिवस के अवसर पर आयोजित कार्यक्रम के स्टॉल में ग्राहक सेवा केन्द्र में किसानों को जीरो बैंलेर्स पर प्रधानमंत्री जनधन खाता खोलने, अटल पेंशन योजना का लाभ लेने तथा तुरंत खाता खोलने के लिए किसानों को प्रोत्साहित किया गया। उद्यानिकी विभाग के स्टॉल में एफपीओ, हिन्दुस्तान फामर्स कंपनी लिमिटेड के परंपरागत देशी चना, ग्रीन राईस, मसुर, धनिया पत्ती, कोदो, चावल, कुटकी जैसे उत्पाद उपलब्ध थे। फसल बीमा पाठशाला अंतर्गत किसानों को शिक्षा से फसल सुरक्षा तथा फसल बीमा कराओ, सुरक्षा कवच पाओ के संबंध में जानकारी दी गई। जिसके अंतर्गत प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना, पुनर्गठित मौसम आधारित फसल बीमा योजना के संबंध में जानकारी दी गई। किसानों को एग्री स्टेक पोर्टल फार्मर रजिस्ट्री करना के बारे में बताया गया। धान में समन्वित कीट-रोग प्रबंधन, मक्का के महत्व एवं वैज्ञानिक खेती, लघु धान्य फसल, नैनो उर्वरक, पशु स्वास्थ्य एवं रोग नियंत्रण कार्यक्रम के संबंध में जानकारी दी गई। किसानों को बैकयार्ड कुक्कुट पालन योजना, अनुदान पर डेयरी उद्यमिता विकास योजना के संबंध में विस्तृत जानकारी प्रदान की गई। स्वसहायता समूह की महिलाओं ने ऑर्गेनिक फुड प्लाजा के स्टॉल में बेल, शर्बत, ज्वार लड्डू, बाजरा लड्डू, ज्वार-बाजरा-रागी लड्डू, मल्टी ग्रेन भाखर बड़ी भी उपलब्ध थे। इसके साथ ही मसुर, चना, छत्तीसगढ़ सरसों -1, इंदरा मटर-01, राजीव लोचन अरहर, गेहूं जीडब्ल्यू 451, धान महामाया सहित विभिन्न किस्में उपलब्ध थी। इस अवसर पर ड्रोन के माध्यम से नैनो उर्वरक के छिड़काव का प्रदर्शन किया गया तथा शासन की विभिन्न जानकारी से अवगत कराया गया।
इस अवसर पर जिला पंचायत अध्यक्ष श्रीमती किरण वैष्णव, जनपद पंचायत अध्यक्ष श्रीमती प्रतिमा चंद्राकर, जिला पंचायत सदस्य श्रीमती देवकुमारी साहू, जनपद पंचायत सदस्य श्रीमती हर्षी चंद्राकर, जनपद पंचायत सदस्य श्रीमती पूर्णिमा साहू, सरपंच श्री सुग्रीव साहू, श्री बिसेसर दास साहू, डॉ. विनम्रता जैन,सौरभ कोठारी, रविन्द्र वैष्णव, खिलेश्वर साहू, लीलाधर साहू, रोहित चंद्राकर, कृष्णा तिवारी, श्रीमती मधुसुकृत साहू, जिला पंचायत सीईओ सुश्री सुरूचि सिंह, उप संचालक कृषि टीकम सिंह ठाकुर, वरिष्ठ कृषि वैज्ञानिक डॉ. गुंजन झा, अनुविभागीय अधिकारी संतलाल देशलहरे, सहायक संचालक कृषि विरेन्द्र अनंत, सहायक मृदा परीक्षण अधिकारी श्रीमती रूपलता गुप्ता सहित अन्य जनप्रतिनिधि, अधिकारी-कर्मचारी एवं बड़ी संख्या में कृषकगण उपस्थित थे।
लोकसंस्कृति, नशा मुक्ति व आत्मनिर्भरता का संदेश:
छत्तीसगढ़ी गीत, नृत्य और परंपराओं से सजी सांस्कृतिक संध्या, लाल परिधान मे सावन की रंगत बिखरी,
सावन मेला का शुभारंभ, मनोरंजक प्रतियोगिताएं रही आकर्षण का केन्द्र,निगम द्वारा आयोजित दो दिवसीय सावन मेला में महिलाओं की जुटी भीड़:
3 अगस्त भव्य समापन में विशिष्ट हस्तियों की गरिमामयी उपस्थिति मुख्यमंत्री श्री विष्णु देव साय की धर्म पत्नी -मुख्य अतिथि समाज-सेविका कौशल्या देवी करेंगी कार्यक्रम का भव्य समापन:
दुर्ग/शौर्यपथ /नगर निगम दुर्ग द्वारा आयोजित बहुप्रतीक्षित रिमझिम सावन मेला का शुभारंभ आज बड़े धूमधाम से हुआ। उद्घाटन समारोह की मुख्य अतिथि रहीं भाजपा की वरिष्ठ नेत्री एवं राष्ट्रीय उपाध्यक्ष सरोज पाण्डेय के साथ विधायक गजेंद्र यादव और शहर की प्रथम नागरिक महापौर अलका बागमार की उपस्थिति ने आयोजन को विशेष गरिमा प्रदान की।
कार्यक्रम की शुरुआत दीप प्रज्वलन और छत्तीसगढ़ी मंगल गीत से हुई। भारी संख्या में नागरिकों, महिलाओं, बच्चों और युवा वर्ग की उपस्थिति ने आयोजन स्थल को उत्सवमय बना दिया। कार्यक्रम मे 15 से अधिक प्रतिभागियों ने प्रतियोगिता मे भाग लिया.
मुख्य अतिथि सरोज पाण्डेय ने अपने संबोधन में कहा, "रिमझिम सावन मेला न केवल मनोरंजन का माध्यम है, बल्कि यह हमारी लोकसंस्कृति, स्वदेशी उत्पादों और सामाजिक जागरूकता का भी परिचायक है।"
विधायक गजेंद्र यादव ने कहा इस प्रकार के आयोजन हमारे क्षेत्र की सांस्कृतिक और सामाजिक चेतना को नई ऊर्जा देते हैं। रिमझिम मेला में जिस तरह नशा मुक्ति जैसे गंभीर विषय को भी रचनात्मकता से जोड़ा गया है, वह सराहनीय है। इसके माध्यम से युवा पीढ़ी को सकारात्मक दिशा देने का प्रयास किया जा रहा है। मैं नगर निगम को इस सफल आयोजन के लिए बधाई देता हूँ और जनता से आह्वान करता हूँ कि अधिक से अधिक संख्या में इसमें भाग लेकर इसे सफल बनाएं।"
महापौर अलका बागमार ने कहा रिमझिम सावन मेला नगर की पहचान बनता जा रहा है। इसमें न सिर्फ लोकसंस्कृति का समावेश है बल्कि महिलाओं, युवाओं और स्थानीय व समूहों को मंच देने का एक सशक्त प्रयास है। इस बार विशेष रूप से नशा मुक्ति जैसे सामाजिक मुद्दों पर जागरूकता कार्यक्रम जोड़े गए हैं, जो इसे और भी सार्थक बनाते हैं। हमारा प्रयास है कि यह मेला हर साल और अधिक प्रभावी और जनभागीदारी से भरपूर हो।"
भाजपा राष्ट्रीय उपाध्यक्ष सरोज पाण्डेय व विधायक गजेंद्र यादव व महापौर अलका बाघमार ने मेले में लगे विभिन्न स्टॉलों का अवलोकन किया। हस्तनिर्मित वस्तुओं,स्थानीय खाद्य सामग्री और पारंपरिक परिधानों को देखकर उन्होंने खूब सराहना की और कुछ वस्तुओं की खरीददारी भी की।
नशा मुक्ति पर जागरूकता कार्यक्रम मेले का विशेष आकर्षण रहा। नुक्कड़ नाटक, पोस्टर प्रदर्शनी और वक्ताओं के माध्यम से युवाओं व आम नागरिकों को नशा छोड़ने के लिए प्रेरित किया गया। इसमें समाजसेवियों, स्कूली विद्यार्थियों ने सहभागिता की।
दिनभर आयोजित सांस्कृतिक संध्या में छत्तीसगढ़ की परंपराओं की सजीव झलक देखने को मिली। जस गीत, राऊत नाचा, सुआ नृत्य, जस गीत और पंथी नृत्य जैसी प्रस्तुतियों ने दर्शकों को झूमने पर मजबूर कर दिया। लोक कलाकारों की भावनात्मक प्रस्तुति ने वातावरण को छत्तीसगढ़ी रंग में रंग दिया।
नगर निगम आयुक्त सुमित अग्रवाल ने कहा कि मेला दो दिवसीय होगा, जिसमें प्रत्येक दिन सामाजिक व सांस्कृतिक विषयों पर कार्यक्रम आयोजित किए जाएंगे।
-इस कार्यक्रम में विशेष आकर्षण का केंद्र रहा;
समूहों के उत्पादों की प्रदर्शनी, बच्चों के लिए झूले और खेल गतिविधियाँ, छत्तीसगढ़ी व्यंजनों का स्वादिष्ट अनुभव,स्वास्थ्य जांच और नशा मुक्ति परामर्श केंद्र रहा
नगर निगम द्वारा सुरक्षा, स्वच्छता व यातायात की समुचित व्यवस्था सुनिश्चित की गई है। मेला परिसर में हर आयु वर्ग के लिए कुछ न कुछ खास है, जिससे यह सावन की फुहारों के बीच उल्लास और संस्कृति का अद्भुत संगम बन चुका है। इस कार्यक्रम मे ऋचा रिकेश सेन,माया बेलचदन,उषा टावरी,चन्द्रिका चंद्राकर,गौरी सुरेंद्र कौशिक, हर्षा लोकमाणी चंद्राकर, कार्यक्रम के प्रभारी हर्षिका संभव जैन,शशि साहू सहित एमआईसी सदस्य गण एवं अधिकारी/कर्मचारी के अलावा भारी संख्या मे नागरिक गण मौजूद रहे!
भव्य समापन में विशिष्ट हस्तियों की गरिमामयी उपस्थिति
"रिमझिम सावन मेला 2025" का समापन समारोह 3 अगस्त 2025 (रविवार) को उल्लासपूर्ण वातावरण में आयोजित किया जाएगा। इस समापन अवसर पर महिलाओं की रचनात्मक भागीदारी और सांस्कृतिक प्रतिभाओं का सम्मान किया जाएगा।कार्यक्रम में मुख्यमंत्री श्री विष्णु देव साय की धर्म पत्नी - मुख्य अतिथि के रूप में वरिष्ठ समाजसेविका कौशल्या देवी उपस्थित रहेंगी। साथ ही विशिष्ट अतिथि के रूप में विजय बघेल (सांसद), ललित चंद्राकर (संसदीय संसाधन), महापौर अलका बाघमार, रजनी बघेल (समाजसेविका), पूजा चंद्राकर (समाजसेविका एवं सांस्कृतिक प्रेरक) शामिल होगे। इन सभी अतिथियों की उपस्थिति से समापन समारोह गरिमामय एवं स्मरणीय बनेगा.
दुर्ग/शौर्यपथ / नगर पालिक निगम में 62 वर्ष की आयु पूर्ण करने वाले एक अधिकारी एवं 2 कर्मचारियों को स-सम्मान बिदाई दी गई। निगम मुख्य कार्यालय सभागार में आयोजित बिदाई समारोह में महापौर श्रीमती अलका बाघमार एवं आयुक्त सुमित अग्रवाल ने कार्यपालान अभियंता वीपी मिश्रा, लिपिक कोमल व सफाई कर्मी श्रीमती रेणुका को निगम प्रशासन की ओर से स्मृति चिन्ह, शॉल और श्रीफल भेंट करते हुए प्रशस्ति पत्र प्रदान किये।
महापौर श्रीमती अलका बाघमार एवं निगम आयुक्त सुमित अग्रवाल ने सभी सेवानिवृत्त होने वाले कर्मचारियों की अच्छे स्वास्थ्य और दीर्घायु की कामना करते हुए शुभकामनाएं दिए। साथ ही निगम हित में किए गए उनके सराहनीय कार्यों को याद किये। दुर्ग निगम के यूनियन पदाधिकारियों ने सेवानिवृत कर्मचारियों के प्रति अपने उदगार व्यक्त किए। कर्मचारियों ने अपने सेवाकाल अवधि को सबके समक्ष साझा करते हुए शासन एवं निगम प्रशासन को धन्यवाद ज्ञापित किए।
बिदाई कार्यक्रम में एमआईसी सदस्य काशीराम कोसरे, मनीष साहू, हर्षिका जैन,पार्षद मनीषा सोनी,लुकेश्वरी ठाकुर,रेशमा सोनकर,पायल पाटिल, प्रतिभा गुप्ता,नीरा खिचारिया,शिवेंद्र परिहार, प्रमोद पाटिल,अनिल सिंह, संजय मिश्रा, शशिकांत यादव, ईश्वर वर्मा,कार्यपालन अभियंता दिनेश नेताम, आर के जैन, गिरीश दिवान सहित अधिकारी/कर्मचारी मौजूद रहे!उपस्थित कर्मचारियो को स्वास्थ्य अधिकारी धमेंद्र मिश्रा ने आभार व्यक्त किए।
संपूर्णता अभियान में उत्कृष्ट कार्य करने वाले आकांक्षी जिलों और विकासखंडों को मुख्यमंत्री ने किया पुरस्कृत
सभी छह संकेतकों में पूर्ण संतृप्ति हासिल करने वाले दो जिलों और छह विकासखंडों को मिला स्वर्ण पदक
रायपुर/शौर्यपथ / मुख्यमंत्री विष्णु देव साय ने संपूर्णता अभियान में निर्धारित लक्ष्यों को हासिल करने में उत्कृष्ट कार्य करने वाले आकांक्षी जिलों और विकासखंडों को पुरस्कृत किया। उन्होंने आज राजधानी रायपुर के नवीन विश्राम भवन में आयोजित कार्यक्रम में जुलाई-2024 से सितम्बर-2024 तक राज्य के आकांक्षी जिलों और आकांक्षी विकासखंडों में तीन महीनों तक संचालित संपूर्णता अभियान में निर्धारित संकेतकों को संतृप्त करने और लक्ष्यों को हासिल करने वाले जिलों और विकासखंडों को पुरस्कार प्रदान किए। उन्होंने इन जिलों और विकासखंडों में उत्कृष्ट कार्य करने वाले विभिन्न विभागों के अधिकारियों-कर्मचारियों को भी पुरस्कृत किया। संपूर्णता अभियान के दौरान सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन करने वाले आकांक्षी जिलों बस्तर और कोंडागांव तथा आकांक्षी विकासखंडों शंकरगढ़, मैनपुर, माकड़ी, कोयलीबेड़ा, ओरछा और प्रतापपुर को स्वर्ण पदक प्रदान किया गया। उप मुख्यमंत्री श्री अरुण साव और श्री विजय शर्मा, सांसद श्री बृजमोहन अग्रवाल तथा विधायक सर्वश्री सुनील सोनी, मोतीलाल साहू और गुरू खुशवंत साहेब भी सम्मान समारोह में शामिल हुए।
मुख्यमंत्री विष्णु देव साय ने सम्मान समारोह को संबोधित करते हुए कहा कि प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी के विकसित भारत की संकल्पना में सभी वर्गों का विकास समाहित है। उन्होंने कहा कि दूरस्थ क्षेत्रों में रहने वालों और विशेष पिछड़ी जनजातियों को विकास की सबसे ज्यादा जरूरत है। भारत सरकार ने इसे गहराई से समझकर प्रधानमंत्री जनमन योजना प्रारंभ की है। इस योजना से सुदूर वनांचलों में आवास, पेयजल, बिजली, सड़क और अन्य बुनियादी सुविधाएं पहुंच रही हैं। धरती आबा ग्राम उत्कर्ष अभियान जैसे कार्यक्रमों से जिसमें छत्तीसगढ़ के भी 6661 गांव शामिल हैं, प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी की दूरदर्शी सोच के अनुरूप विकास की रोशनी सुदूर गांवों तक पहुंच रही है। उन्होंने कहा कि राज्य में केंद्र सरकार की आकांक्षी जिलों और विकासखंडों में शामिल गांव तेजी से आगे बढ़ रहे हैं।
उप मुख्यमंत्री अरुण साव ने अपने संबोधन में कहा कि देश में वर्ष 2018 से आकांक्षी जिलों में काम शुरू हुआ है। विकास की दौड़ में पिछड़े जिलों और विकासखंडों को आगे लाने का काम इसमें हो रहा है। इसके अंतर्गत शामिल गांवों में अलग-अलग सेक्टर में काम कर मानव सूचकांकों को सुधारा जा रहा है। उन्हें संतृप्ति के स्तर पर लाया जा रहा है। उन्होंने उम्मीद जताई कि एक-एक व्यक्ति के विकास और कल्याण से विकसित छत्तीसगढ़ और विकसित भारत का मार्ग प्रशस्त होगा।
उप मुख्यमंत्री विजय शर्मा ने समारोह में कहा कि आकांक्षी जिलों और विकासखंडों में भौतिक प्रगति से अलग मानव सूचकांकों को बेहतर करने के लिए काम किए जा रहे हैं। लक्ष्य निर्धारित कर उन्हें संतृप्त करने अहम इंडीकेटर्स पर काम हो रहे हैं जिनकी तरफ सामान्यतः ज्यादा ध्यान नहीं जाता है। राज्य के आकांक्षी जिलों और विकासखंडों में और भी बेहतर काम हो, इसके लिए मैं सभी जिलों व विकासखंडों को शुभकामनाएं देता हूं। मुख्य सचिव श्री अमिताभ जैन और योजना, आर्थिक एवं सांख्यिकी विभाग के सचिव श्री अंकित आनंद ने समारोह में संपूर्णता अभियान के दौरान किए गए कार्यों तथा उपलब्धियों की जानकारी दी। नीति आयोग के सदस्य-सचिव श्री आशीष भट्ट, सदस्य श्री के. सुब्रमण्यम और योजना, आर्थिक एवं सांख्यिकी विभाग की संचालक श्रीमती रोक्तिमा यादव भी कार्यक्रम में मौजूद थीं।
छह सूचकांकों पर अच्छा काम करने वाले जिलों और विकासखंडों को किया गया पुरस्कृत
आकांक्षी जिला कार्यक्रम के 49 संकेतकों में से छह और आकांक्षी विकासखंडों के 40 संकेतकों में से छह संकेतकों को चिन्हित कर इन्हें संतृप्त करने संपूर्णता अभियान संचालित किया गया था। इनमें एएनसी पंजीकरण, पूरक पोषण ले रही गर्भवती महिलाओं, मृदा स्वास्थ्य कार्ड, पूर्ण टीकाकरण वाले बच्चे, बिजली वाले स्कूल, शैक्षणिक सत्र शुरू होने के एक महीने के भीतर पाठ्यपुस्तकें उपलब्ध कराने वाले स्कूल, मधुमेह जांच, उच्च रक्तचाप जांच, परिक्रामी निधि प्राप्त करने वाले स्वसहायता समूहों की संख्या जैसे संकेतक शामिल थे।
संपूर्णता अभियान के दौरान सभी छह संकेतकों में पूर्ण संतृप्ति हासिल करने वाले आकांक्षी जिलों व विकासखंडों को आज स्वर्ण पदक से सम्मानित किया गया। पांच संकेतकों में पूर्ण संतृप्ति हासिल करने वाले जिलों व विकासखंडों को रजत पदक, चार संकेतकों में पूर्ण संतृप्ति हासिल करने वालों को कांस्य पदक तथा तीन संकेतकों में पूर्ण संतृप्ति हासिल करने वाले जिलों और विकासखंडों को ताम्र पदक से सम्मानित किया गया।
बस्तर और कोंडागांव जिले को स्वर्ण पदक
संपूर्णता अभियान के दौरान सभी छह संकेतकों में पूर्ण संतृप्ति हासिल करने वाले आकांक्षी जिलों बस्तर और कोंडागांव तथा आकांक्षी विकासखंडों शंकरगढ़, मैनपुर, माकड़ी, कोयलीबेड़ा, ओरछा और प्रतापपुर को स्वर्ण पदक प्रदान किया गया। आकांक्षी जिलों दंतेवाड़ा, कोरबा, कांकेर, नारायणपुर तथा आकांक्षी विकासखंडों लखनपुर, बैकुंठपुर, दुर्गकोंदूल, गौरेला-2, कोरबा और पिथौरा को रजत पदक प्रदान किया गया। आकांक्षी जिला बीजापुर और आकांक्षी विकासखंडों गरियाबंद, उसूर, पोड़ी उपरोड़ा, बोड़ला, तोकापाल एवं कुआंकोंडा को कांस्य पदक तथा आकांक्षी जिलों मानपुर-मोहला-अंबागढ़ चौकी, महासमुंद, सुकमा एवं आंकांक्षी विकासखंड अंबागढ़ चौकी को ताम्र पदक से सम्मानित किया गया। संबंधित जिलों के वर्तमान और तत्कालीन कलेक्टरों ने ये पुरस्कार ग्रहण किए।
रायपुर-जबलपुर नई एक्सप्रेस ट्रेन सेवा का हुआ भव्य शुभारंभ
मुख्यमंत्री और विधानसभा अध्यक्ष ने रायपुर-जबलपुर नई रेलसेवा को दिखाई हरी झंडी
रायपुर से जबलपुर तक का आरामदायक सफर 08 घंटे में होगा पूरा
छत्तीसगढ़, महाराष्ट्र और मध्यप्रदेश के बीच बढ़ेगी संपर्क सुविधा
पिछले एक दशक में रेलवे बजट में 21 गुना वृद्धि, 32 स्टेशनों का हो रहा कायाकल्प
छत्तीसगढ़ में 47 हजार करोड़ रुपए से अधिक की रेल परियोजनाएं संचालित
रायपुर-जबलपुर ट्रेन से पर्यटन, व्यापार और शिक्षा को मिलेगा बढ़ावा
रायपुर/शौर्यपथ / मुख्यमंत्री विष्णु देव साय और विधानसभा अध्यक्ष डॉ रमन सिंह ने आज राजधानी रायपुर रेलवे स्टेशन से रायपुर-जबलपुर नई एक्सप्रेस ट्रेन को हरी झंडी दिखाकर रवाना किया और नई सेवा के लिए प्रदेशवासियों को शुभकामनाएं दी। शुभारंभ के खास मौके पर गुजरात के भावनगर में आयोजित मुख्य समारोह से केंद्रीय मंत्री अश्विनी वैष्णव और मनसुख मांडविया तथा मध्यप्रदेश के मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव वर्चुअली उपस्थित रहे। मुख्य समारोह में रीवा-पुणे (हड़पसर) एक्सप्रेस एवं भावनगर टर्मिनस-अयोध्या एक्सप्रेस का भी रीवा एवं भावनगर से शुभारंभ किया गया।
मुख्यमंत्री विष्णु देव साय ने कहा कि हमारे देश के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव की विशेष पहल से आज तीन नई ट्रेन सेवाओं का शुभारंभ हुआ है और इसमें छत्तीसगढ़ को भी रायपुर-जबलपुर नई ट्रेन सेवा की बड़ी सौगात मिली है। उन्होंने नई रेल सेवा के लिए प्रदेश की 3 करोड़ जनता की ओर से प्रधानमंत्री और रेल मंत्री का आभार व्यक्त किया। मुख्यमंत्री ने कहा कि पिछले एक दशक में छत्तीसगढ़ का रेल का बजट 21 गुना बढ़ा है और इस साल 6 हजार 900 करोड़ की राशि मिली है। साय ने कहा कि छत्तीसगढ़ में 47 हजार करोड़ रुपए से अधिक की रेल परियोजनाएं संचालित है, जो छत्तीसगढ़ में रेलवे नेटवर्क और यात्री सुविधाओं को नई ऊंचाइयों तक ले जाएगा।
मुख्यमंत्री ने कहा कि अमृत भारत स्टेशन योजना के तहत छत्तीसगढ़ के 32 रेलवे स्टेशनों को 680 करोड़ की लागत से सर्वसुविधायुक्त बनाने के साथ ही पूरा कायाकल्प जा रहा है। मुख्यमंत्री ने कहा कि हमारा बस्तर क्षेत्र नक्सलवाद से पीड़ित और वहां भी प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने नई रेल परियोजनाओं की सौगात दी है। रावघाट-जगदलपुर रेल परियोजना सहित अन्य महत्वपूर्ण रेल परियोजनाएं भी हमारे छत्तीसगढ़ को मिली है, इसके लिए भी उन्होंने विशेष रूप से आभार जताया। श्री साय ने कहा कि रायपुर से जबलपुर के लिए वैकल्पिक रेल सेवा मिलने से पर्यटन, शैक्षणिक गतिविधियों के साथ ही व्यापार को बढ़ावा मिलेगा।
नई रेल सेवा मिलने से छत्तीसगढ़ और मध्य प्रदेश के आस्था और पर्यटन के प्रमुख केंद्र जैसे मां बमलेश्वरी की भूमि डोंगरगढ़ और भेड़ाघाट सीधे इन बड़े शहरों से जुड़ पाएंगे।
पूर्व मुख्यमंत्री एवं विधानसभा अध्यक्ष डॉ. रमन सिंह ने रायपुर-जबलपुर एक्सप्रेस के शुभारंभ को ऐतिहासिक बताते हुए कहा कि यह रेलसेवा छत्तीसगढ़, महाराष्ट्र और मध्यप्रदेश के बीच बेहतर संपर्क का सशक्त माध्यम बनेगी। उन्होंने बताया कि यह गाड़ी रायपुर से जबलपुर तक लगभग 410 किलोमीटर की दूरी को केवल 8 घंटे में तय करेगी। डॉ. सिंह ने कहा कि प्रदेश के यात्री अब सुगमता के साथ गोंदिया, बालाघाट और जबलपुर की यात्रा कर पाएंगे और इससे क्षेत्रीय व्यापार व पर्यटन को भी गति मिलेगी। उन्होंने कहा कि 'अमृत भारत स्टेशन योजना’ के माध्यम से प्रदेश के 32 स्टेशन का पुनर्विकास हो रहा है और रायपुर, बिलासपुर, दुर्ग जैसे बड़े स्टेशनों में यात्री सुविधाएं लगातार बढ़ रही है। उन्होंने नई कनेक्टिविटी के लिए बधाई देते हुए कहा कि निश्चित रूप से आने वाले वर्षों में छत्तीसगढ़ के रेलवे नेटवर्क का और अधिक सशक्त विस्तार होगा।
इस अवसर पर सांसद बृजमोहन अग्रवाल, विधायक मोतीलाल साहू, विधायक पुरंदर मिश्रा, महाप्रबंधक दक्षिण पूर्व मध्य रेलवे तरुण प्रकाश, डीआरएम रायपुर श्री दयानंद सहित बड़ी संख्या में लोग मौजूद रहे।
गौरतलब है कि यह नई एक्सप्रेस ट्रेन सेवा छत्तीसगढ़, महाराष्ट्र और मध्यप्रदेश तीन राज्यों को जोड़ रही है। यह ट्रेन रायपुर, गोंदिया और जबलपुर के बीच यात्रियों को तेज़, वैकल्पिक और सुगम मार्ग उपलब्ध कराएगी। इस नई सेवा से यात्रियों को न केवल आरामदायक सफर मिलेगा, बल्कि व्यापार, शिक्षा और पर्यटन की दृष्टि से भी यह अत्यंत लाभकारी सिद्ध होगी। रेलवे के अधिकारियों ने बताया कि नियमित सेवा के तहत गाड़ी संख्या 11701 रायपुर से दोपहर 2:45 बजे प्रस्थान करेगी और रात 10:45 बजे जबलपुर पहुंचेगी। वहीं, वापसी में गाड़ी संख्या 11702 जबलपुर से सुबह 6:00 बजे चलकर दोपहर 1:50 बजे रायपुर पहुंचेगी। इस ट्रेन में कुल 15 कोच होंगे, जिनमें एक एसी चेयर कार, चार चेयर कार, आठ सामान्य कोच, एक पावर कार और एक एसएलआरडी कोच शामिल हैं। यह सेवा व्यापारियों, विद्यार्थियों, पर्यटकों और दैनिक यात्रियों के लिए बेहद उपयोगी होगी। रायपुर, डोंगरगढ़, बालाघाट, नैनपुर और जबलपुर जैसे शहर सांस्कृतिक, ऐतिहासिक और प्राकृतिक महत्व से समृद्ध हैं। नंदनवन जूलॉजिकल पार्क, माँ बमलेश्वरी मंदिर, कान्हा नेशनल पार्क, भेड़ाघाट और धुआंधार जलप्रपात जैसे पर्यटन स्थलों तक पहुँच अब और आसान हो सकेगी। दक्षिण पूर्व मध्य रेलवे ने इस नई रेलसेवा की शुरुआत कर यात्रियों के लिए यात्रा को और अधिक सुलभ, सुरक्षित एवं सुविधाजनक बनाने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम उठाया है। यह सेवा क्षेत्रीय संपर्क को सशक्त बनाएगी और स्थानीय अर्थव्यवस्था को गति देगी।