August 18, 2025
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शौर्यपथ

शौर्यपथ

         नई दिल्ली / शौर्यपथ  /राष्ट्रीय पुरस्कार विजेता तमिल डायरेक्टर वेत्रिमारन ने एक विवादित बयान दिया है। उनका कहना है कि राजराजा चोलन हिंदू राजा नहीं थे। उनके इस बयान के बाद सम्राट की धार्मिक पहचान को लेकर बहस जारी है। वेत्रिमारन ने एक कार्यक्रम में कहा, ''हमारे प्रतीक लगातार हमसे छीने जा रहे हैं। वल्लुवर का भगवाकरण हो रहा है। राजराजा चोलन को लगातार हिंदू राजा कहा जा रहा है।''
वेत्रिमारन की यह टिप्पणी फिल्म निर्माता मणिरत्नम की बहुप्रतीक्षित फिल्म पोन्नियिन सेलवन: 1 की रिलीज के कुछ दिनों बाद आई है। यह फिल्म राजराजा चोलन से प्रेरित कल्कि के काल्पनिक उपन्यास पर आधारित है।
वेत्रिमारन के दावे का जवाब देते हुए भाजपा नेता एच राजा ने कहा कि राजराजा चोलन एक हिंदू राजा थे। उन्होंने कहा, "मैं वेत्रिमारन की तरह इतिहास से अच्छी तरह वाकिफ नहीं हूं, लेकिन उन्हें राजराजा चोलन द्वारा निर्मित दो चर्चों और मस्जिदों की ओर इशारा करना चाहिए। उन्होंने खुद को शिवपाद सेकरन कहा। क्या वह तब हिंदू नहीं थे?'' भाजपा नेता एच राजा द्वारा वेत्रिमारन के दावे पर आपत्ति जताए जाने के बाद अभिनेता से नेता बने कमल हासन फिल्म निर्माता की टिप्पणी के समर्थन में आ गए हैं।
कमल हासन ने कहा, "राजराजा चोलन के काल में हिंदू धर्म नाम का कोई धर्म नाम नहीं था। वैणवम, शिवम और समानम थे। अंग्रेजों ने हिंदू शब्द गढ़ा था। उन्होंने थुथुकुडी को तूतीकोरिन में बदल दिया।" उन्होंने यह भी कहा कि 8वीं शताब्दी के दौरान कई धर्म थे और अधिशंकरर ने 'शंमधा स्तबनम' की रचना की।
कलाकारों और क्रू के साथ पोन्नियिन सेलवन को देखने गए कमल हासन ने कहा कि यह इतिहास पर आधारित एक कथा का जश्न मनाने का क्षण है। उन्होंने कहा, "इतिहास को बढ़ा-चढ़ाकर पेश न करें और न ही इसमें भाषा के मुद्दे को शामिल करें।"

     नई दिल्ली / शौर्यपथ  /राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के नागपुर स्थित मुख्यालय को घेरने की कोशिश की गई है। भारत मुक्ति मोर्चा नाम के संगठन की ओर से यह घेराव किया गया था। इस मामले में पुलिस ने मुख्यालय के बाहर से कुछ लोगों को हिरासत में लिया है। इसके अलावा आरएसएस कार्यालय के बाहर सुरक्षा भी बढ़ा दी गई है। वामन मेश्राम के नेतृत्व वाले भारत मुक्ति मोर्चा ने आज नागपुर में राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) मुख्यालय की घेराबंदी करने का प्रयास करते हुए कहा कि इस संगठन की विचारधार भारतीय संविधान के अनुरूप नहीं है। इस बीच पुलिस ने वामन मेश्राम को हिरासत में ले लिया है।
इस मार्च में शामिल होने के लिए भारत मुक्ति मोर्चा के सैकड़ों कार्यकर्ता नागपुर पहुंचे थे। हालांकि पुलिस ने इस मार्च की इजाजत देने से इनकार कर दिया। इसलिए पुलिस ने इस मार्च को आगे नहीं बढ़ने दिया। पुलिस ने उन्हें रोका तो कार्यकर्ताओं ने इंदौरा चौक पर ही धरना शुरू कर दिया। इसके बाद पुलिस ने कार्रवाई करते हुए कार्यकर्ताओं को हिरासत में ले लिया। इस दौरान प्रदर्शनकारियों ने आरएसएस के खिलाफ नारेबाजी भी की। भारत मुक्ति मोर्चा संगठन को पुलिस द्वारा विरोध प्रदर्शन करने की अनुमति नहीं दी गई क्योंकि शहर में धम्मचक्र प्रवर्तन दिवस और अन्य धार्मिक कार्यक्रम आयोजित किए जा रहे थे
हाई कोर्ट से नहीं मिली परमिशन, पुलिस भी हुई सख्त
इसके साथ ही बॉम्बे हाई कोर्ट ने वामन मेश्राम की याचिका को भी खारिज कर दिया और निर्देश दिया कि पुलिस को आवेदन कर 6 से 9 अक्टूबर के बीच कार्यक्रम का आयोजन किया जाए। अदालत की ओर से भी परमिशन न मिलने के बाद पुलिस सख्त थी। हालांकि, वामन मेश्राम और उनके संगठन के आंदोलन के स्टैंड पर बने रहने के कारण नागपुर सिटी पुलिस ने सुरक्षा की दृष्टि से पूरे इंदौरा इलाके में धारा 144 लागू कर दी है।
इलाके में धारा 144 लागू, कई लोग हिरासत में लिए गए
नागपुर के पुलिस कमिश्नर ने बताया कि भारत मुक्त मोर्चा की ओर से 6 अक्टूबर को आंदोलन की परमिशन मांगी गई थी। कानून-व्यवस्था की स्थिति को देखते हुए हमने परमिशन देने से इनकार कर दिया था। उन लोगों की ओर से सहयोग नहीं किया जा रहा है। ऐसे में धारा 144 लागू कर दी गई है और कुछ लोगों को हिरासत में भी लिया गया है।

     नईदिल्ली /शौर्यपथ  /मुकेश अंबानी और उनके परिवार को जान से मारने की धमकी देने के मामले में मुंबई पुलिस ने बिहार के दरभंगा से एक शख्स को हिरासत में लिया है। मुंबई पुलिस की टीम उसे लेकर लौट रही है। बुधवार को एक अंजान शख्स ने सर एचएन रिलायंस फाउंडेशन अस्पताल के लैंडलाइन पर फोन करके अस्पताल को बम से उड़ाने और अंबानी परिवार को मारने की धमकी दी थी। इसके बाद  पुलिस ने तलाश शुरू की।
डीसीपी नीलोत्पल ने कहा, अंबानी परिवार को धमकी मिलने के बाद मुंबई पुलिस ने तुरंत ऐक्शन लिया और आधी रात के करीब दरभंगा से आरोपी गिरफ्तार किया गया। उसने मुकेश अंबानी के घर एंटीलिया को भी उड़ाने की धमकी दी थी। बता दें कि मुकेश अंबानी के घर के बाहर से पहले भी जिलेटिन रॉड्स मिल चुकी हैं इसलिए यह इलाका संवेदनशील क्षेत्रों में आता है।
पिछले दो महीने में इस अस्पताल में दो बार धमकी भरे फोन आ चुके हैं। अगस्त में इसी तरह का फोन आया था तब 56साल के एक सोनार को गिरफ्तार किया गया था जिसका नाम विष्णु विधु भौमिक था। आरोपी ने फोन करके खुद को अफजल गुरु बताया थाऔर कहा था कि अगले तीन घंटे में वह विस्फोट करेगा।
हाल ही में सरकार ने मुकेश अंबानी की सुरक्षा बढ़ाई है। उन्हें Z+ सुरक्षा दी गई है। इसके अलावा उनकी पत्नी नीता अंबानी को वाई प्लस कैटिगरी की सुरक्षा दी गई है। बुधवार  को धमकी मिलने के बाद एंटीलिया की सुरक्षा बढ़ा दी गई है। अस्पताल में फोन आने के बाद इसकी जानकारी पुलिस को दी गई थी। तब तक अस्पताल का कर्मचारी फोन पर ही  बात करता रहाऔर पुलिस को लोकेशन का पता चल गया।

     नई दिल्ली / शौर्यपथ /दशहरे के मौके पर मुंबई में एक तरफ उद्धव ठाकरे और एकनाथ शिंदे गुट की अलग-अलग रैलियां चल रही थीं तो वहीं दिल्ली में भी हलचल तेज थी। मुंबई में जिस वक्त दशहरा रैली चल रही थी, उसी दौरान शिवसेना का एक प्रतिनिधिमंडल दिल्ली में चुनाव आयोग के दरवाजे पर पहुंचा। दरअसल माना जा रहा है कि इस दौरान उद्धव ठाकरे गुट के नेताओं ने चुनाव आयोग को कई सबूत सौंपे और दावा किया कि पार्टी के सिंबल धनुष-बाण पर उनका ही हक बनता है। इस पर चुनाव आयोग की ओर से शुक्रवार को फैसला सुनाया जा सकता है। यानी इस अहम निर्णय में अब 24 घंटे का ही वक्त बचा है।
चुनाव आयोग की ओर से एकनाथ शिंदे गुट और उद्धव ठाकरे गुट को सिंबल को लेकर अपने दावे पेश करने के लिए 7 अक्टूबर तक का वक्त दिया गया था। ऐसे में अब उसकी ओर से फैसले की बारी है। शिवसेना के वरिष्ठ नेता आज वकीलों से मिलेंगे। इस बैठक में चुनाव आयोग को क्या जवाब दिया जाए, किस तरह के सबूत पेश किए जाएं, इस पर चर्चा हो सकती है। इसके अलावा यह भी कहा जा रहा है कि शिवसेना की ओर से कुछ और समय की मांग भी की जा सकती है। हालांकि, अंधेरी पूर्व विधानसभा क्षेत्र में उपचुनाव भी होने वाला है। ऐसे में सिंबल को लेकर आयोग स्थिति क्लियर कर सकता है।
उपचुनाव से पहले जरूरी है सिंबल पर फैसला होना
कहा जा रहा है कि उपचुनाव के चलते ही चुनाव आयोग हरकत में आ गया है। अगले कुछ घंटों में यानी शुक्रवार को चुनाव आयोग धनुष-बाण चिह्न को लेकर अहम फैसला दे सकता है। ऐसे में दोनों ही गुटों की इस बात पर नजर होगी कि सिंबल किसके पाले में जाता है। मुंबई में अंधेरी पूर्व विधानसभा क्षेत्र का उपचुनाव 3 नवंबर को हो रहा है। उम्मीद है कि चुनाव आयोग इस उपचुनाव से पहले धनुष बाण पर फैसला दे देगा। महाराष्ट्र में सत्ता संघर्ष का मामला सुप्रीम कोर्ट की संविधान पीठ के समक्ष लंबित था। इसी की सुनवाई करते हुए शीर्ष अदालत ने चुनाव आयोग को सिंबल वाली अर्जियों पर फैसला लेने को कहा था।
अंधेरी ईस्ट सीट के लिए तेज है नामांकन की प्रक्रिया
सुप्रीम कोर्ट के आदेश के बाद से ही चुनाव आयोग तेजी से काम कर रहा है। अंधेरी ईस्ट विधानसभा उपचुनाव के लिए नामांकन भरने की प्रक्रिया शुरू हो गई है। नामांकन दाखिल करने की आखिरी तारीख 14 अक्टूबर है। अगर नामांकन पत्र दाखिल करने से पहले शिवसेना का धनुष-बाण तय हो जाए तो अंधेरी उपचुनाव के सियासी समीकरण पूरी तरह बदल सकते हैं।

      नई दिल्ली / शौर्यपथ  /राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू को लेकर की गई आपत्तिजनक टिप्पणी के मामले में कांग्रेस नेता उदित राज   की मुश्किलें बढ़ सकती है। कांग्रेस नेता के खिलाफ राष्ट्रीय महिला आयोग   नोटिस भेजने जा रहा है। उदित राज ने बुधवार को राष्ट्रपति मुर्मू पर निशाना साधते हुए एक ट्वीट में 'चमचा' शब्द का इस्तेमाल किया था और कहा था कि द्रौपदी मुर्मू जी जैसी राष्ट्रपति किसी देश को न मिले। आयोग की अध्यक्ष रेखा शर्मा ने उदित राज को अपनी टिप्पणी पर माफी मांगने की मांग की है।
राष्ट्रीय महिला आयोग ने गुरुवार को कहा कि वह कांग्रेस नेता उदित राज को राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू के खिलाफ उनके बेहत आपत्तिजनक बयान के लिए नोटिस भेजने जा रहा है। आयोग की अध्यक्ष रेखा शर्मा ने ट्वीट करते हुए कहा, देश की सर्वोच्च शक्ति और अपनी कड़ी मेहनत से इस मुकाम तक पहुंचने वाली महिला के खिलाफ बेहद आपत्तिजनक बयान। डॉ उदित राज को अपने अपमानजनक बयान के लिए माफी मांगनी चाहिए। आयोग की ओर से उन्हें नोटिस भेजा रहा है।
क्या कहा है कांग्रेस नेता उदित राज ने?
उदित राज ने बुधवार को राष्ट्रपति मुर्मू पर निशाना साधते हुए ट्वीट किया था, 'द्रौपदी मुर्मू जी जैसी राष्ट्रपति किसी देश को न मिले। चमचागिरी की भी हद है। कहती हैं 70 प्रतिशत लोग गुजरात का नमक खाते हैं। खुद नमक खाकर जिंदगी जिएं तो पता लगेगा।' उनके इस ट्वीट पर सत्ताधारी पार्टी बीजेपी ने भी नाराजगी जताई है। बीजेपी ने कहा है कि उदित राज की यह टिप्पणी कांग्रेस की आदिवासी विरोधी मानसिकता को दर्शाती है।
बीजेपी ने बताया अपराध
बीजेपी के प्रवक्ता शहजाद पूनावाला ने कहा, 'उदित राज ने पहले भी इस प्रकार का अपराध किया है। उन्होंने न सिर्फ राष्ट्रपति मुर्मू, बल्कि शीर्ष संवैधानिक पद का और पूर्व राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद जी का भी लगातार अपमान किया है।' उन्होंने कहा कि उदित राज द्वारा टिप्पणी को निजी करार दिए जाने से कुछ नहीं होने वाला है। उन्होंने कहा कि कांग्रेस को बताना पड़ेगा कि वह 'आदिवासी विरोधी' टिप्पणी के लिए उदित राज के खिलाफ कार्रवाई करेगी या नहीं।
सोमवार को गुजरात दौरे पर थीं राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू
राष्ट्रपति का पदभार संभालने के बाद मुर्मू सोमवार को पहली बार गुजरात पहुंची थीं। गांधीनगर में गुजरात सरकार की ओर से आयोजित एक अभिनंदन समारोह को संबोधित करते हुए उन्होंने हल्के-फुल्के अंदाज में कहा था, 'गुजरात में पैदा होने वाला नमक सभी भारतीयों द्वारा खाया जाता है।' उदित राज ने बाद में कहा था कि राष्ट्रपति मुर्मू के बारे में की गई उनकी टिप्पणी निजी है और इससे कांग्रेस पार्टी का कोई लेना-देना नहीं है।

        नई दिल्ली /शौर्यपथ  /तेलंगाना के मुख्यमंत्री के चंद्रशेखर राव की ओर से टीआरएस का नाम बदलकर भारत राष्ट्र समिति  किए जाने के साथ ही पार्टी के भीतर मतभेद भी सामने आ गया है। राष्ट्रीय पार्टी बीआरएस के लॉन्चिंग के समय चंद्रशेखर राव की बेटी और टीआरएस की सीनियर नेता के कविता कार्यक्रम से अनुपस्थित रहीं। कविता न केवल हाई-प्रोफाइल इवेंट से गायब थीं, बल्कि उनका नाम आगामी मुनुगोड़े उपचुनाव के लिए टीआरएस के प्रभारी की सूची से भी गायब मिला है।
इन सब गतिविधियों से कविता की अनुपस्थिति ने कई आशंकाओं को भी जन्म दे दिया है। राजनीतिक गलियारों में यह चर्चा होने लगी है कि केसीआर के घर में ही सबकुछ ठीक नहीं चल रहा है। के चंद्रशेखर राव की ओर से बुधवार को दशहरा के अवसर पर एक हाई प्रोफाइल कार्यक्रम में भारत राष्ट्र समिति के रूप में अपनी राष्ट्रीय पार्टी लॉन्च की है। बीआरएस को असदुद्दीन ओवैसी की AIMIM और कर्नाटक की जेडीएस जैसे क्षेत्रीय दलों का समर्थन हासिल है।
कार्यक्रम में जाने के बजाय घर पर दशहरा मनाती दिखीं कविता
पार्टी को लेकर के चंद्रशेखर राव के परिवार में मतभेद को उस समय बल मिल गया जब के कविता घर पर दशहरा मनाती हुईं नजर आईं। कविता ने दशहरा के अवसर पर प्रार्थना करते हुए अपनी एक तस्वीर भी पोस्ट की है। कविता ने एक ट्वीट करते हुए कहा, दशहरा के इस शुभ दिन पर हमने घर पर आयुध पूजा की है।
केटीआर को बनाया उपचुनाव प्रभारी
राष्ट्रीय पार्टी के लॉन्चिंग के समय कविता की अनुपस्थिति और मुनुगोड़े उपचुनाव के लिए पार्टी की प्रभारी सूची से नाम गायब होना टीआरएस कार्यकर्ताओं के भीतर भी चर्चा को जन्म दे दिया है। मुख्यमंत्री केसीआर के बेटे केटीआर जो राज्य के आईटी और उद्योग मंत्री भी हैं, तीन नवंबर को होने वाले उपचुनाव के लिए पार्टी प्रभारी है।
बहन ने बनाई दूरी, भाई रहा मौजूद
गौरतलब है कि केटीआर के नाम से मशहूर उनके भाई कलवकुंतला तारक रामा राव भी बीआरएस लॉन्च में मौजूद थे। हालांकि, इस संबंद में कविता की ओर से अभी तक कोई बयान सामने नहीं आया है। न्यूज एजेंसी एएनआई ने कविता के ऑफिस से संपर्क किया था लेकिन उन्होंने सवालों का जवाब नहीं दिया। कविता की अनुपस्थिति की चर्चा सोशल मीडिया पर भी देखने को मिली है। विपक्षी पार्टी बीजेपी ने भी सवाल खड़े किए हैं।

       नई दिल्ली / शौर्यपथ  /तमिलनाडु के तिरुपुर में एक बाल गृह में गुरुवार को कथित तौर पर फूड प्वाइजनिंग के कारण तीन बच्चों की मौत हो गई और 11 अन्य को अस्पताल में भर्ती कराया गया है। समाचार एजेंसी पीटीआई ने कहा कि बुधवार रात खाना खाने के बाद कुछ लड़कों को उल्टी और पेचिश होने लगी। अधिकारियों ने बताया कि लड़कों ने बुधवार रात को चावल के साथ ‘रस्सम’ और लड्डू खाए थे। इसके बाद उनमें से कई को उल्टियां और पेचिश होने लगी। उन्होंने बताया कि बृहस्पतिवार सुबह उन्होंने नाश्ता किया तो उनकी हालत बिगड़ गई और उनमें से कुछ बेहोश हो गए।
अधिकारियों के मुताबिक, सभी को एक निजी अस्पताल में भर्ती कराया गया और बाद में उन्हें तिरुपुर और अविनाशी के सरकारी अस्पतालों में स्थानांतरित किया गया। अस्पताल में तीन लड़कों की मौत हो गई जिनकी उम्र आठ से 13 वर्ष के बीच थी जबकि अन्य का इलाज किया जा रहा और तीन अन्य आईसीयू में भर्ती हैं।
तिरुपुर के जिला कलेक्टर एस विनीत ने कहा कि विषाक्त भोजन की शुरुआती रिपोर्ट के बाद नमूने इकट्ठे कर लिए गए हैं और उन्हें जांच के लिए भेजा गया है। उन्होंने कहा कि अगर जांच में ‘श्री विवेकानंद हॉम फॉर डेस्टिट्यूट’ संस्थान दोषी पाया जाता है तो उसके खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जाएगी। पुलिस मामले की जांच कर रही है और निराश्रित गृह के संचालकों से पूछताछ कर रही है।

     नई दिल्ली /शौर्यपथ  /राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू पर आपत्तिजनक बयान देकर घिरे कांग्रेस नेता उदित राज अब भी मानने को तैयार नहीं हैं। भाजपा की ओर से तीखा हमला किए जाने और अपनी ही पार्टी के पल्ला झाड़ने के बाद उदित राज ने एक सफाई वाला ट्वीट किया था, लेकिन फिर से वह पुराने तेवर में ही लौट आए हैं। उदित राज ने पहले द्रौपदी मुर्मू पर चमचागिरी करने का आरोप लगाया था, जिस पर घिर गए थे। अब उन्होंने राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू पर पद पाकर गूंगा और बहरा बन जाने जैसी आपत्तिजनक टिप्पणी की है। वहीं यह भी कहा है कि द्रौपदी मुर्मू से सवाल पूछना हमारा अधिकार है क्योंकि हम उसी समाज से आते हैं, जिसकी वह प्रतिनिधि हैं।
उदित राज ने लिखा, 'द्रौपदी मुर्मू जी से कोई दुबे, तिवारी, अग्रवाल, गोयल, राजपूत मेरे जैसा सवाल करता तो पद की गरिमा गिरती। हम दलित - आदिवासी आलोचना करेगें और इनके लिए लड़ेंगे भी। हमारे प्रतिनिधि बनकर जाते हैं फिर गूंगे-बहरे बन जाते हैं। भाजपा ने मेरा सम्मान किया,जब एससी/एसटी की बात की तो बुरा हो गया।' एक और ट्वीट में उदित राज ने कहा कि द्रौपदी मुर्मू का राष्ट्रपति के तौर पर पूरा सम्मान है। वह दलित-आदिवासी की प्रतिनिधि भी हैं और इन्हें आधिकार है कि वे अपने हिस्से का सवाल करें। इसे राष्ट्रपति पद से न जोड़ा जाए।'
 नसीहत के बाद उदित राज ने कांग्रेस से अपने बयान को किया अलग
हालांकि इसके साथ ही उदित राज ने अपने बयान को कांग्रेस से अलग बताने की भी कोशिश की है। उदित राज ने कहा कि मेरा बयान द्रोपदी मुर्मू जी के लिए निजी है, कांग्रेस पार्टी का नहीं है। भाजपा के नेतृत्व वाली मोदी सरकार पर हमला बोलते हुए उदित राज ने कहा कि मुर्मू जी को उम्मीदवार बनाया व वोट मांगा आदिवासी के नाम से। राष्ट्रपति बनने से क्या आदिवासी नहीं रहीं? देश की राष्ट्रपति हैं तो आदिवासी की प्रतिनिधि भी। रोना आता है जब एससी/एसटी के नाम से पद पर जाते हैं फिर चुप हो जाते हैं। इस तरह उदित राज ने संकेत दे दिए हैं कि वह बैकफुट पर नहीं जाने वाले। लेकिन उनके रवैये ने कांग्रेस की मुश्किलों में जरूर इजाफा कर दिया है।
मुद्दे ने तूल पकड़ा तो कांग्रेस को होगा बड़ा नुकसान
भाजपा की ओर से लगातार उदित राज से माफी की मांग की जा रही है। इसके अलावा कांग्रेस पर भी हमला बोला है। यदि यह मुद्दा तूल पकड़ता है तो कांग्रेस को ऐसे वक्त में नुकसान पहुंचाएगा, जब राहुल गांधी की लीडरशिप में पार्टी कन्याकुमारी से कश्मीर तक भारत जोड़ो यात्रा निकाल रही है। उदित राज की इस टिप्पणी के जरिए भाजपा उसे दलित और आदिवासी विरोधी साबित करने का प्रयास कर सकती है। संबित पात्रा ने भाजपा की ओर से तीखा हमला किया है।
भाजपा पर उदित राज का हमला- डमी नेताओं के जरिए लूटे वोट
उदित राज ने पात्रा को भी जवाब देते हुए एक ट्वीट किया है। उदित राज ने लिखा, 'मैंने द्रौपदी मुर्मू से एससी-एसटी के नेता सवाल पूछा है, जो आप नहीं कर सकते। यह हमारे बीच का मामला है। डॉ. अंबेडकर हमेशा यह चिंता जताते थे कि एससी-एसटी वर्ग के लोग प्रतिनिधि बनकर गूंगे बहरे हो सकते हैं। यह साबित हो रहा है। भाजपा ने मेरा तब तक सम्मान किया था, जब तक मैंने एससी-एसटी के मुद्दे नहीं उठाए। आपने डमी नेताओं के नाम पर हमारे वोटों की लूट की है।'

    शौर्यपथ /बदलते मौसम में स्किन केयर बहुत ही जरूरी हो जाता है क्योंकि अगर आप अपनी डेड स्किन का ख्याल नहीं रखते, तो पिम्पल्स का खतरा कहीं ज्यादा बढ़ जाता है। मौसम कोई भी हो अगर आप बेसिक स्किन केयर रूटीन फॉलो करते हैं, तो आपकी स्किन प्रॉब्लम फ्री रहती है। क्लीजिंग, टोनिंग, मॉश्चराइजिंंग (सीटीएम) प्रोसेस को दोहराने से आपकी स्किन हेल्दी रहती है। कुछ हेल्दी स्किन केयर टिप्स हम आपको बता रहे हैं।
दो टाइम करें स्किन मॉश्चराइज
दिन के समय ही स्किन को हाइड्रेशन की जरूरत नहीं होती बल्कि रात के समय भी स्किन को मॉश्चराइज करना बेहद जरूरी है। इससे स्किन ड्राय नहीं होती और स्किन ग्लोइंग नजर आती है।
विटामिन्स से स्किन को दें पोषण
विटामिन्स में टोपिकल एंटीऑक्सिडेंट भी होते हैं। सीरम और क्रीम के रूप में आप इन विटामिन्स को अपनी स्किन को पोषण देने के लिए इनका इस्तेमाल कर सकते हैं।
स्किन को बार-बार न टच करें
बार-बार चेहरे को छूने से बैक्टीरिया फैलने के साथ यह ब्रेकआउट का कारण बनता है। इससे आपके चेहरे पर निशान पड़ सकते हैं। झुर्रियां पड़ने का खतरा भी सबसे ज्यादा बढ़ता है।
स्किन को एक्सफोलिएट करें
कई लोग महीने में एक बार स्किन एक्सफोलिएट करते हैं, जिससे पूरी तरह स्किन साफ नहीं होती। ऐसे में डेड स्किन को पूरी तरह हटाने के लिए आपको सप्ताह में एक बार स्किन को एक्सफोलिएट जरूर करना चाहिए।
नाइट क्रीम
आप अगर दिन के समय किसी क्रीम का यूज नहीं करते, तो रात के समय एंटी एजिंग नाइट क्रीम का इस्तेमाल कर सकते हैं। यह स्किन की हेल्थ के लिए बहुत फायदेमंद है। हो सके, तो रात में हर्बल क्रीम लगाएं।

      टिप्स ट्रिक्स / शौर्यपथ /बदलते वक्त के साथ बच्चों के मन में भी ऐसी कई नेगेटिव बातें आ चुकी हैं, जो नहीं आनी चाहिए। जैसे, जिन छोटे बच्चों की लाइफ खेलने और अच्छी चीजें खाने तक सीमित रहती थी। उनके मन में अपने क्लासमेट से आगे निकलने की चाह रहती है। दोस्तों के अलावा अब बच्चे अपने भाई-बहनों से भी आगे रहने की होड़ रखते हैं। ऐसे में कभी-कभी उनके मन में जलन जैसे नेगेटिव इमोशन भी जन्म ले लेते हैं। खासतौर पर अगर उनके भाई या बहन की तारीफ ज्यादा होती है, तो बच्चे उनसे चिढ़ना शुरू कर देते हैं। ऐसे में इस बात को लाइट न लेकर आपको इस पर ध्यान देना चाहिए वरना बड़े होने के साथ यह फीलिंग और भी स्ट्रॉन्ग होती जाएगी और भाई-बहनों की बॉन्डिंग कभी भी नहीं बन पाएगी।
बच्चों से वजह सुनें
आप अगर अपने बच्चे में यह चीज नोटिस करें, तो डांटने से पहले समझाएं कि आखिर वे अपने भाई-बहन के लिए ऐसी सोच क्यों रखते हैं? आप उन्हें बिना किसी डर के अपनी बातें सच्चाई के साथ कहने के लिए कहें। इससे बच्चा बिना डरे सच बोलेगा और आपको भी वजह समझ आएगी।
दोनों बच्चों को बराबर प्यार करें
वैसे, तो यह कहने वाली बात नहीं है कि पेरेंट के लिए सभी बच्चे बराबर ही होते हैं लेकिन कभी-कभी कुछ कारणों के चलते पेरेंट को भी पता नहीं चलता कि वह एक बच्चे पर ज्यादा प्यार लुटा रहे हैं। ऐसा करने पर दूसरे बच्चे के मन में नेगेटिविटी आ जाती है।
बच्चों को साथ बैठाकर समझाएं
आप बच्चों को साथ बैठाकर समझाएं कि उन्हें आप तभी प्यार करेंगे अगर सभी बच्चे आपस में  प्यार करने के साथ एक-दूसरे का ख्याल रखेंगे। बच्चों को समझाएं कि आप सभी से एक जैसा प्यार करते हैं। कोई भी ज्यादा या कम प्यारा नहीं है।
बच्चों की बॉन्डिंग स्ट्रॉग करें
ऐसी गेम्स या तरीके तलाशें, जिनसे बच्चों की बॉन्डिंग मजबूत हो। बच्चे अगर एक-दूसरे को समझ पाएंगे, तो उनके मन में जलन या नफरत नहीं बल्कि अपने भाई-बहनों के लिए प्यार बढ़ेगा।
भाई-बहन की बॉन्डिंग की कहानी सुनाएं
मोरल स्टोरीज का बच्चों के दिमाग पर बहुत असर प‌‌ड़ता है। बच्चों को हमेशा ऐसी कहानियां सुनाएं जिनमें भाई-बहन एक-दूसरे को मुसीबत से बचाते हैं और मदद करने के लिए हमेशा आगे रहते हैं।   

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