August 18, 2025
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शौर्यपथ

शौर्यपथ

       नई दिल्ली /एजेंसी /दिल्ली पुलिस की स्पेशल सेल ने शुक्रवार को बड़ी सफलता हासिल की है। पंजाब पुलिस इंटेलिजेंस मुख्यालय पर आरपीजी हमले में वांछित आतंकवादी गिरफ्तार हो गया है। घटना 10 मई को हुई थी।
जानकारी के अनुसार, यह सनसनीखेज घटना 10 मई शाम 7:30 बजे के आसपास मोहाली स्थित पुलिस इंटेलिजेंस मुख्यालय में हुई थी। प्रत्यक्षदर्शियों की मानें तो बिल्डिंग पर संदिग्ध रॉकेट लॉन्चर से हमला किया गया था। जिसके बाद हड़कंप मच गया और पुलिस ने पूरे इलाके को सील कर दिया।
जांच के बाद पाया गया कि यह रॉकेट प्रोपेट ग्रेनेड है। इसे पंजाब पुलिस की खुफिया विभाग की बिल्डिंग की तीसरी मंजिल पर फेंका गया था। इस मामले में आज दिल्ली पुलिस की स्पेशल सेल ने वांछित आतंकी को गिरफ्तार कर लिया है।

         नई दिल्ली / शौर्यपथ /कांग्रेस पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष पद का चुनाव लड़ रहे शशि थरूर ने गुरुवार को अपना घोषणापत्र जारी किया। इसमें उन्होंने प्रदेश अध्यक्षों के कार्यकाल को सीमित करने की बात कही है। तिरुवनंतपुरम से लोकसभा सांसद थरूर ने उन अफवाहों को भी सिरे से खारिज कर दिया, जिनमें कहा जा रहा है कि उनके पास कांग्रेस नेताओं का कम समर्थन प्राप्त है। उन्होंने जोर देकर कहा कि उन्हें हर राज्यों से समर्थन मिल रहा है।
थरूर ने चेन्नई में मीडिया को संबोधित करते हुए कहा, "मेरा मकसद पार्टी को पुनर्जीवित करना, इसे फिर से सक्रिय करना, कार्यकर्ताओं को सशक्त बनाना, सत्ता का विकेंद्रीकरण करना और लोगों के संपर्क में रहना है। मेरा मानना ​​है कि यह कांग्रेस को 2024 के लोकसभा चुनाव में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और भाजपा को टक्कर देने के लिए राजनीतिक रूप से फिट बनाएगा।''
उन्होंने इस बात को दोहराया कि उनके और पार्टी के दिग्गज नेता मल्लिकार्जुन खड़गे के बीच दोस्ताना मुकाबला है। उन्होंने कहा, "हमें अपनी पार्टी के काम करने के तरीके में सुधार करने की जरूरत है। हमें युवाओं को पार्टी में लाने और उन्हें वास्तविक अधिकार देने की जरूरत है। साथ ही हमें मेहनती और लंबे समय तक सेवा करने वाले कार्यकर्ताओं को अधिक सम्मान देना चाहिए।"
उन्होंने संसदीय बोर्ड जैसे कुछ संस्थानों को पुनर्जीवित करने, सत्ता का विकेंद्रीकरण करने और बूथ स्तर पर पार्टी को मजबूत करने का वादा किया है। साथ ही उन्होंने यह भी वादा किया है कि अगर वह अध्यक्ष बनते हैं तो प्रदेश अध्यक्षों को निर्णय लेने की स्वतंत्रता दी जाएगी।
थरूर ने कहा, "पार्टी पांच साल में एक बार चुनाव लड़ने की मशीन नहीं है। पार्टी को लोगों की सेवा करनी चाहिए। हमें लोगों से जुड़ना चाहिए और उनके साथ काम करना चाहिए।"

       नई दिल्ली /शौर्यपथ  /हरियाणा की आदमपुर सीट पर उपचुनाव का ऐलान हो गया है। इधर, भारतीय जनता पार्टी और कांग्रेस के अलावा आम आदमी पार्टी भी दम भरने के लिए तैयार है। खबर है कि पार्टी ने राज्य की VIP सीट पर बड़ी तैयारी करने का फैसला किया है। इस संबंध में गुरुवार को आप की उच्च स्तरीय बैठक भी हुई थी। 6 राज्यों की 7 सीटों पर 3 नवंबर को चुनाव होने हैं।
आप सुप्रीमो और दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल के गृहराज्य हरियाणा में पार्टी पूरा जोर लगाने जा रही है। खबर है कि आप इस मुकाबले को परिवारवाद बनाम आम आदमी की जंग बता रही है। साथ ही पार्टी इस महज एक उपचुनाव नहीं मान रही, बल्कि केजरीवाल के गृह राज्य में कदम जमाने का जरिया मान रही है।
मीडिया रिपोर्ट के अनुसार, आप ने आदमपुर में 2 हजार वॉलिंटियर उतारने और हर गांव में घर-घर अभियान चलाने का फैसला किया है। खबरें हैं कि दिल्ली और पंजाब के 25 विधायक पार्टी के लिए आदमपुर में प्रचार करेंगे। खास बात है कि इस साल पार्टी ने पड़ोसी राज्य पंजाब में मुख्यमंत्री भगवंत मान की अगुवाई में कांग्रेस को बुरी तरह हराकर सत्ता में जगह बनाई है।
भाजपा और कांग्रेस के लिए क्यों जरूरी है आदमपुर सीट
दरअसल, इस सीट पर पहले पूर्व मुख्यमंत्री भजन लाल और बाद में उनके बेटे कुलदीप बिश्नोई ने यहां कमान संभाली। हाल ही में कुलदीप कांग्रेस को छोड़कर भाजपा में शामिल हो गए हैं। इसी के चलते सीट पर उपचुनाव हो रहे हैं। अब कांग्रेस के लिए यह सीट जवाब देने का जरिया बन गई है, क्योंकि कुलदीप ने पार्टी छोड़कर भाजपा का दामन थामा। इससे पहले उन्होंने राज्यसभा चुनाव में अजय माकन के खिलाफ मतदान किया था, जिसकी वजह से वह राज्यसभा नहीं जा सके। वहीं, भाजपा के लिए इस सीट के जरिए अपना दबदबा बनाए रखना चाहेगी।

      खाना खजाना /शौर्यपथ /आपने कई तरह के चिप्स खाए होंगे लेकिन क्या आपने कभी करेले के चिप्स ट्राई किए हैं? अगर नहीं, तो देर किस बात की है? आज ही करेले के चिप्स बना लीजिए। इन चिप्स का स्वाद ऐसा है कि करेले न पसंद करने वाले लोग इन चिप्स को जरूर ट्राई करना चाहेंगे। करेले के चिप्स को और ज्यादा हेल्दी बनाने के लिए आप इन्हें ऑलिव ऑयल में फ्राई कर सकते हैं। आइए, जानते हैं कैसे बनाएं।
करेले के चिप्स बनाने की सामग्री-
200 ग्राम करेले
50 ग्राम मक्के का आटा
आधा चम्मच धनिया पाउडर
1/2 छोटा चम्मच लाल मिर्च पाउडर
आधा चम्मच जीरा पाउडर
आधा चम्मच हल्दी
1 कप रिफाइंड तेल
50 ग्राम चावल का आटा
करेले के चिप्स बनाने की विधि-
सबसे पहले आप करेले को धोकर काट लें। आपको इसके अंदर से बीज साफ कर लेने हैं, जिससे इसका स्वाद बरकरार रहे। इसके बाद इसे नमक वाले पानी में 5 मिनट तक डुबोकर रखें, जिससे कि इसका कड़वापन पूरी तरह निकल जाए। अब चिप्स को पानी से निकालकर इसे एक बाउल में डालें। अब इस पर धनिया, हल्दी, जीरा, लाल मिर्च और नमक मिलाएं। अच्छी तरह से कोट करने के बाद इसे 10 मिनट के लिए अलग रख दें। अब एक प्लेट में चावल और मक्के का आटा लें। अब इस मिक्सचर में करेले मिलाकर कोट कर लें। आपको अच्छी तरह करेले मिलाने हैं। फिर करेले के चिप्स को क्रिस्पी होने तक ऑयल में तलें। आपके चिप्स तैयार हैं। आप इसे चाय या कॉफी के साथ गरमा-गरम सर्व कर सकते हैं।

 ब्यूटी टिप्स /शौर्यपथ / बात चाहे खूबसूरती निखारने की हो या फिर काले लंबे बालों की, नारियल का तेल हर मर्ज की दवा माना जाता है। साउथ इंडिया में तो लोग नारियल के तेल का इस्तेमाल खाना बनाने तक में करते हैं। नारियल के तेल में लगभग 90 प्रतिशत सैचुरेटेड फैटी एसिड होता है। इसकी खासियत यह भी है कि इसमें सैचुरेटेड लॉरिक एसिड होता है, जो कि इसके टोटल फैट का 40 प्रतिशत ही होता है। नारियल का तेल हाई हीट में भी ऑक्सिकरण प्रतिरोधी होता है। इसलिए ये हाई हीट कुकिंग जैसे फ्राइंग के लिए बहुत उपयोगी माना जाता है। ज्यादातर लोग यही जानते हैं कि बाजार में मिलने वाले सभी नारियल तेल एक जैसे होते हैं। लेकिन ऐसा नहीं है। आपको सुनकर हैरानी हो सकती है कि नारियल तेल एक या दो नहीं बल्कि 4 तरह के होते हैं। आइए जानते हैं नारियल तेल के कौन से हैं ये 4 प्रकार और इस तेल से खाना पकाने से सेहत को मिलते हैं क्या लाभ।  
4 तरह के होते हैं नारियल तेल-
1-ऑर्गेनिक नारियल तेल- इस तेल का निर्माण सीधा पेड़ से तोड़े गए नारियल से किया जाता है।
2-नॉन ऑर्गेनिक नारियल तेल- इस नारियल तेल के उत्पादन में किसी भी प्रकार के रासायनिक खाद का इस्तेमाल नहीं किया जाता है।
3-रिफाइंड नारियल का तेल- इसका निर्माण सूखे नारियल से किया जाता है।
4-नॉन रिफाइंड नारियल का तेल- इस तेल को वर्जिन कोकोनट ऑयल भी कहा जाता है। नॉन रिफाइंड नारियल तेल बनाने के लिए जिन नारियलों को चुना जाता है, उनसे 1-2 दिन के में ही नारियल तेल बना दिया जाता है। ज्यादातर नॉन रिफाइंड नारियल तेल का ही सबसे ज्यादा इस्तेमाल किया जाता है।
नारियल के तेल से खाना बनाने के फायदे-
कोलेस्ट्रॉल करें कम-
नारियल तेल में लगभग 40 प्रतिशत लॉरिक एसिड होता है जो अन्य कुकिंग ऑयल में नाममात्र के लिए ही होता है। लॉरिक एसिड लॉन्ग चेन और मीडियम चेन फैटी एसिड के बीच इंटरमीडिएट की तरह होता है। लॉरिक एसिड बॉडी में ब्लड कोलेस्ट्रॉल को कम करता है जो हार्ट के लिए अच्छा होता है।
अल्जाइमर रोग में फायदेमंद-
अल्जाइमर रोग ज्यादातर बुजुर्गों में देखा गया है दरअसल यह मनोभ्रंश यानी की याद्दाश्त कमजोर होने का एक बड़ा कारण है। इसमें दिमाग का कुछ हिस्सा एनर्जी के लिए ग्लूकोज का इस्तेमाल ठीक से नहीं कर पाता। नारियल तेल में मौजूद फैटी एसिड दिमाग को बूस्ट करने का काम करता है। इसीलिए नारियल का तेल याद्दाश्त को अच्छी करने में भी कारगर है।
वेट लॉस में मददगार-
बढ़ते वजन को कंट्रोल करने में नारियल के तेल से बना खाना फायदा पहुंचा सकता है। यह वजन घटाने में मदद करता है। मोटापे से ग्रस्त 40 महिलाओं पर किए गए एक अध्ययन के मुताबिक नारियल का तेल सोयाबीन के तेल की तुलना में बेली फैट को जल्दी कम करने में मदद करता है।
ब्लड लिपिड करता है मेंटेन-
नारियल तेल को कुकिंग ऑयल की तरह इस्तेमाल करने से यह ब्लड लिपिड को मेंटेन करने में मदद करता है। जिससे दिल संबंधी जोखिम का खतरा कम हो जाता है। एक अध्ययन में औसत आयु के लोगों के रूटीन की जांच की गई जिन्होंने खाने में नारियल का तेल, ऑलिव ऑयल और मक्खन का इस्तेमाल किया था। अध्ययन में पता चला कि जिन्होंने खाने में नारियल के तेल का इस्तेमाल किया उनमें एचडीएल यानी की गुड कोलेस्ट्रॉल बढ़ा हुआ था।

 सेहत टिप्स /शौर्यपथ / खाने पीने में लापरवाही और स्ट्रेस भरी लाइफस्टाइल की वजह से आजकल ज्यादातर महिलाएं पीसीओएस (पोलिसिस्‍टिक ओवरी सिंड्रोम)   का शिकार बन रही हैं। दरअसल, पीसीओएस महिलाओं की ओवरी में होने वाला एक प्रकार का सिस्‍ट होता है। जो सेक्स हार्मोन में असंतुलन पैदा होने पर होता है। इस हार्मोन में होने वाले बदलाव पीरियड्स साइकिल और प्रेग्नेंसी पर तुरंत असर डालते हैं। जिसकी वजह से ओवरी में छोटी सिस्‍ट बन जाती है। इस समस्या को ठीक करने के लिए महिला को अपने लाइफस्‍टाइल और हेल्दी खान-पान पर ध्यान देना होता है।
पीसीओएस के लक्षण-
-अनियमित मासिक चक्र, विलंबित चक्र।
-इस समस्या से पीड़ित लगभग 40-80 प्रतिशत महिलाएं अधिक वजन को कम करने में असमर्थता व्यक्त करती हैं।
-गर्भधारण करने में कठिनाई।
-पीसीओएस होने पर महिलाओं में टाइप-2 डायबिटीज होने की संभावना भी बढ़ जाती है।
-उच्च रक्तचाप और हाई कोलेस्ट्रॉल।
-अवसाद, आत्मविश्वास की कमी और चिंता।
पीसीओएस में ऐसी रखें डाइट-
-पीसीओएस से पीड़ित महिलाएं अपनी डाइट प्लान करते समय इस बात का खास ख्याल रखें कि उन्हें अपने आहार में कोई भी ऐसी चीज शामिल नहीं करनी है जो पूरी तरह से पकी हुई नहीं हो। उदाहरण के लिए मछली को फ्राई करके नहीं बल्कि पकाकर खाएं।
-पीसीओएस में डाइट प्लान करते समय अपने आहार में हरी पत्तेदार सब्जियां और प्रोटीन जरूर शामिल करें।
-कोशिश करें कि भूखे नहीं रहें और जब भूख लग रही हो तब ही खाएं। ज्यादा से ज्यादा पानी पीने की कोशिश करें।
-हेल्दी कुकिंग ऑइल जैसे ऑलिव ऑइल और मस्टर्ड ऑइल में बनी सब्जियों का सेवन लाभदायक होगा।
-पीसीओएस से पीड़ित महिला को अपनी डाइट में हाई फाइबर फूड्स जैसे ओट्स, ब्राउन राइस और होलग्रेन को शामिल करना चाहिए।
-शुगर में कार्बोहाइड्रेट होता है जो कि पीसीओएस पेशेंट को अवॉयड करना चाहिए। शुगर को कुछ अलग नाम से जैसे कि सुक्रोज, हाई फ्रक्टोज कॉर्न सिरप या फिर डेक्सट्रोज नाम से भी पुकारा जाता है। सोडा और जूस का सेवन करते समय भी इस बात का ध्यान जरूर रखें।
-अगर आप अपने वजन का 5 से 10 परसेंट भी वजन कम कर लेते हैं तो आपकी मेंस्ट्रुअल साइकिल इंप्रूव हो सकती है। जिससे PCOS के लक्षणों में सुधार होगा। वजन में नियंत्रण खानपान में ध्यान रखकर ही सुधारा जा सकता है।

     सेहत टिप्स /शौर्यपथ /फूल गोभी लगभग हर भारतीय घर में बनता है। इसे कई तरह से खाया जाता है। सूखी सब्जी, ग्रेवी वाली सब्जी, मंचूरियन, पराठा, भाप में पकाकर, पकौड़े के रूप में, तहरी में डालकर, साउथ इंडियन स्टाइल हर तरह से इसका टेस्ट लोगों को भाता है। लोग इसे सिर्फ एक साधारण सब्जी के रूप में जानते हैं लेकिन इसमें असाधरण औषधीय गुण होते हैं। यह क्रूसिफर सब्जियों में आती है। जो कि ओमेगा 3 का बेहतरीन सोर्स है। माना जाता है कि ये सब्जियां कई तरह के कैंसर से बचाव करती हैं और इन्हें बढ़ने से रोकती हैं। इनमें फाइबर्स भी होते हैं और कैलोरी में कम होती है तो वजन कम करने वालों के लिए भी बेस्ट है। सबसे अहम बात यह है कि गोभी को काटने और पकाने तरीके से इसकी न्यूट्रीशनल वैल्यू बदल सकती है। यहां कुछ टिप्स हैं जिनसे आप गोभी से ज्यादा से ज्यादा पोषक तत्वों का फायदा ले सकते हैं।
कच्चा या स्टीम किया गोभी है फायदेमंद
फूल गोभी में विटामिन बी, सी और बीटा-कैरोटीन और फ्लेवोनॉइड्स जैसे एंटीऑक्सीडेंट्स होते हैं। इन्हें ज्यादा देर तक पकाने से इनके पोषक तत्व नष्ट हो जाते हैं। गोभी को कच्चा खाना या स्टीम करना सबसे फायदेमंद है। उबालने, तलने या माइक्रोवेव से इसके एंटी-कैंसर कंपाउंड सल्फोराफेन नहीं बन पाता। यह कंपाउंड सिर्फ कैंसर से ही नबीं बचाता बल्कि आंखों के लिए अच्छा होता है, एंटी एजिंग होता है, दिमाग के लिए भी अच्छा होता है। अब सब्जी को हर कोई हर समय स्टीम करके नहीं खा सकता तो एक तरीका है जिससे यह कंपाउंड सब्जी में सुरक्षित रह सकता है।
पकाने से पहले इतनी देर काटकर रखें गोभी
ऐसा माना जाता है कि जब गोभी को काटते हैं, कद्दूकस करते या कच्चा चबाते हैं तो मायरोनेज और ग्लूकोसिनोलेट नाम के दो कंपाउंड बनते हैं। ये दोनों मिलकर ऐंटी-कैंसर सल्फोराफेन बनाते हैं। इसके लिए आपको गोभी पकाने से करीब 45 मिनट पहले काटकर रख देना चाहिए। अच्छी बात यह है कि काटकर 45 मिनट तक रख देने के बाद पकाने से यह नष्ट नहीं होता। अगर काटकर तुरंत पका देंगे तो यह कंपाउंड नहीं बन पाता है। आप पत्ता गोभी से लेकर ब्रोकली तक हर क्रूसीफेरी सब्जी पकाने से 45 मिनट पहले काटकर रख लें। दूसरा तरीका यह भी है कि सब्जी बन जाए तो आप इसमें सरसों के दानें कूट या पीसकर डाल दें। सरसों भी क्रूसिफर फैमिली की है। इनसे भी सल्फोराफेन बन जाता है।

       सेहत टिप्स /शौर्यपथ /यदि कुछ समय खड़े रहने पर पैरों में थकान व सूजन आ जाती है। नसों में कालापन बढ़ रहा है तो सावधान हो जाएं। ये 'वैरिकोज वेन्स' के लक्षण हैं। नसों के वॉल्व खराब होने से पैरों में नसों के गुच्छे बन जाते हैं। ये जानकारी गुरुवार को द वैस्कुलर सोसाइटी ऑफ इंडिया की 29वीं राष्ट्रीय कार्यशाला में विशेषज्ञ चिकित्सकों ने दी।
क्या है वजह-
विशेषज्ञों के अनुसार नसों की बीमारी की सबसे बड़ा कारण तंबाकू है। इसके साथ ही वजन का बढ़ना, फास्ट फूड और आराम तलब जीवन शैली है।
ऐसे समझे नसों व न्यूरों की समस्या-
डॉ. वीएस बेदी ने बताया कि अक्सर लोग नसों की समस्या को न्यूरो सर्जन के पास लेकर पहुंच जाते हैं। यदि खड़े रहने पर पीठ से जांघ तक जाने वाला दर्द न्यूरो यानि नर्व (तार) से संबंधित हो सकता है। कुछ देर चलने के बाद पिंडलियों में जकड़न की वजह रक्त नलियों में रुकावट का कारण हो सकती है।
नसों की बीमारी से ऐसे करें बचाव-
1 : तंबाकू का सेवन न करें।
2 : प्रतिदिन 5 से 10 हजार कदम चलें।
3 : उम्र बढ़ने के साथ भी शरीर को एक्टिव रखें।
4 : बैकिंग वाली चीजें, जैसे पैस्ट्री, ब्रेड और फास्ट फूड का सेवन न करें।
5 : ताजा और फाइवरयुक्त खाना खाएं।
6 : शरीर के वजन को संतुलित रखें।



      व्रत त्यौहार /शौर्यपथ / कुछ ही दिनों में सुहागिन स्त्रियों का सबसे बड़ा पर्व करवाचौथ आने वाला है। शादीशुदा महिलाएं इस दिन का पूरे साल बड़ी बेसब्री से इंतजार करती हैं। इस दिन महिलाएं अपने पति की लंबी आयु की कामना के लिए पूरा दिन भूखे-प्यासे रहकर उपवास करती हैं। प्यार और समर्पण से भरे इस पर्व करवाचौथ के दिन पुरुष भी अपनी पार्टनर को प्यारा सा गिफ्ट देकर अपने प्यार का इजहार करते हैं। अगर आप अभी तक अपनी पार्टनर के लिए कोई अच्छा सा गिफ्ट प्लान नहीं कर पाए हैं तो ये रोमांटिक करवाचौथ गिफ्ट आइडियाज आपकी मदद कर सकते हैं।
प्रोफेशनल फोटोशूट
जीवन की भागदौड़ के बीच हमें साथ में वक्त बिताने का टाइम ही नहीं मिल पाता। ऐसे में आज का दिन सही मौका है।  आप पत्नी के साथ एक प्रोफेशनल रोमांटिक फोटोशूट के लिए जा सकते हैं।  अगर आपके पास प्रोफेशनल कैमरा मौजूद है, तो आप किसी परिवार के सदस्य या दोस्त की मदद भी ले सकते हैं।
ज्वेलरी-
सभी महिलाओं को ज्वेलरी पहनना काफी पसंद होता है। ऐसे में आप अपनी सहूलियत के हिसाब से उन्हें चांदी, सोने या फिर डायमंड की ज्वेलरी गिफ्ट कर सकते हैं।
रोमांटिक लेटर
हम में से बहुत से ऐसे लोग होते हैं, जो अपनी भावनाओं को आसानी से व्यक्त नहीं कर पाते, ऐसे में पत्नी को रोमांटिक लेटर लिखकर देना बहुत ही खूबसूरत लगेगा।  इससे आप उन्हें स्पेशल फील करा सकते हैं।
कैंडल लाइट डिनर-
करवा चौथ की रात आप उन्हें  उनके फेवरेट प्लेस पर कैंडल लाइट डिनर के लिए भी ले जा सकते हैं।
लव स्‍टोरी की मूवी बनाएं-
आप अपनी लव लाइफ के अब तक के सफर को एक फिल्म में बदलने के लिए कुछ पुरानी फोटोज और वीडियो की मदद ले सकते हैं। इसके लिए स्‍टेप बाइ स्‍टेप अपनी मुलाकातों को एक वीडियो में जोड़ सकते हैं। आप कैसे मिले आदि। यह गिफ्ट निश्चित तौर पर आपकी पत्‍नी को खुश कर देगा। यह गिफ्ट किसी साड़ी या ड्रेस के मुकाबलेआपकी पत्‍नी के लिए बहुत खास और चौंका देने वाला हो सकता है।

      नई दिल्ली / शौर्यपथ  /कांग्रेस नेता उदित राज अकसर अपने विवादित बयानों की वजह से चर्चा में रहते हैं। अब उन्होंने सीधा राष्ट्रपति को लेकर विवादित बोल बोले हैं। उन्होंने एक ट्वीट करके राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू को लेकर  'चमचागीरी' शब्द का इस्तेमाल किया जिसके बाद भाजपा ने उन्हें घेरा है और कहा है कि इसीसे पता चलता है कि कांग्रेस किस तरह से आदिवासियों के विरोध में खड़ी है।
उदित राज ने एक ट्वीट करके कहा था, 'द्रौपदी मुर्मू जी जैसा राष्ट्रपति किसी देश को न मिले। चमचागिरी की भी हद्द है । कहती हैं 70% लोग गुजरात का नमक खाते हैं । खुद नमक खाकर ज़िंदगी जिएं तो पता लगेगा।' इसपर भाजपा के प्रवक्ता संबित पात्रा ने कहा, उदित राज ने राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू के लिए जिन शब्दों का इस्तेमाल किया है वे काफी चिंताजनक और दुर्भाग्यपूर्ण हैं। हालांकि यह पहली बार नहीं है। इससे पहले अधीर रंजन चौधरी भी ऐसी ही भाषा बोल चुके हैं। इससे पता चलता है कि कांग्रेस की मानसिकता आदिवासी विरोधी है।   
कांग्रेस से भाजपा में आए जितिन प्रसाद ने कहा, उदित राज जैसे नेताओं को अपनी टुच्ची राजनीति से ऊपर उठना चाहिए। उन्हें सीखना चाहिए कि कैसे राष्ट्रपति का सम्मान किया जाता है। वहीं भाजपा के आईटी सेल के चीफ अमित मालवीय ने कहा, सोनिया गांधी जी मंड्या में हैं और मीडिया से घिरी हैं। क्या किसी ने उनसे उदित राज के बयान पर सवाल किया? उनकी चुप्पी बताती है कि उनकी सोच भी उदित राज के बयान से मिलती जुलती है।
पहले भी विवादित बयान दे चुके हैं उदित राज
बता दें कि अधीर रंजन चौधीर ने एक बयान में 'राष्ट्रपत्नी' शब्द का इस्तेमाल किया था जिसके बाद उनकी बहुत फजीहत हुई थी। वहीं बात करें उदित राज की तो वह भी द्रौपदी मुर्मू को लेकर पहले भी विवादित बयान दे चुके हैं। उन्होंने कहा था कि जाति देखकर खुश ना होना, कोविंद जी राष्ट्रपति बने तो दलित कुश हुए थे और वे भला एक चपरासी का भी नहीं  कर पाए।
अब सफाई दे रहे कांग्रेस नेता
उदित राज के बयान के बाद भाजपा ने सीधा इसे कांग्रेस की मानसिकता से जोड़ दिया। इसके बाद उदित राज ने ट्विटर पर ही सफाई दी है। उन्होंने कहा, मेरा बयान द्रोपदी मुर्मू जी के लिऐ निजी है,कांग्रेस पार्टी का नही है।मुर्मू जी को उम्मीदवार बनाया व वोट मांगा आदीवासी के नाम से। राष्ट्रपति बनने से क्या आदिवासी नही रहीं? देश की राष्ट्रपती हैं तो आदिवासी की प्रतिनिधि भी। रोना आता है जब एससी/एसटी के नाम से पद पर जाते हैं फिर चुप।

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