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रायपुर / शौर्यपथ / भारतीय जनता पार्टी के द्वारा छत्तीसगढ़ में बिहार दिवस मनाया जाने पर निशाना साधते हुए प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष दीपक बैज कहा है बिहार की स्थापना अभी नहीं हुई है, बिहार का अस्तित्व भारतीय जनता पार्टी की स्थापना से पहले है और जहां तक छत्तीसगढ़ की बात है तो पिछले 25 साल में 16 साल से अधिक समय भाजपा की सरकारे रही है, छत्तीसगढ़ में 2003 से 2018 तक लगातार भाजपा की सरकार थी, पिछले साल भी इनकी ही सरकार थी तब भारतीय जनता पार्टी के छत्तीसगढ़ इकाई को बिहार दिवस याद नहीं रहा आज यह बिहार दिवस मना रहे हैं मतलब साफ है कि भाजपा का हर इवेंट चुनावी लाभ पर केंद्रित होता है। आने वाले दिनों में बिहार में चुनाव होने वाले हैं तो भाजपा यहां रहने वाले बिहार के लोगों को प्रभावित करने के लिए बिहार दिवस मनाने का पाखंड कर रही है जबकि हकीकत यह है कि हाल ही में कुछ दिन पूर्व आधी रात को लगभग 2500 लोगों को छत्तीसगढ़ के अलग-अलग थानों में बैठाया गया था उसमें से अधिसंख्यक लोग बिहार से थे, जिन्हें रोहिंग्या और बांग्लादेशी बताकर अपमानित किए, प्रताड़ित किए आज राजनैतिक स्वार्थ में भाजपाईयों को उनकी याद आ रही है।
प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष दीपक बैज ने कहा है कि कांग्रेस को किसी प्रदेश या वहां के नागरिकों से कोई गुरेज नहीं लेकिन जिस नितिन नवीन ने पूर्ववर्ती कांग्रेस की सरकार के जिला मुख्यालयों में छत्तीसगढ़ महतारी की मूर्ति लगाने का विरोध किया, जिन्होंने स्पष्ट तौर पर कहा कि हम क्षेत्रीय राष्ट्रवाद और छत्तीसगढ़ियावाद को नहीं मानते उसी नीति नबीन की चाटुकारिता में भारतीय जनता पार्टी की साय सरकार इस छत्तीसगढ़ में बिहार दिवस मना रही है? पूर्व प्रदेश के पूर्ववर्ती कांग्रेस सरकार ने न केवल छत्तीसगढ़ की संस्कृति परंपरा रीति रिवाज और खान-पान के संरक्षण और संवर्धन का काम किया बल्कि छत्तीसगढ़िया स्वाभीमान और आत्मसम्मान की पुनर्स्थापना की। न केवल हरेली, तिजापोरा, गोवर्धन पूजा, विश्व आदिवासी दिवस पर अवकाश, देवगुड़ी और घोटुल के सरकारी आयोजन हुए इसके साथ ही छठ पूजा घाटों का निर्माण भी किया गया। भाजपा की सरकार में तो आदिवासी बाहुल्य छत्तीसगढ़ में आदिवासी मुख्यमंत्री होने के बावजूद आदिवासी विश्व आदिवासी दिवस के दिन कोई आयोजन तक नहीं हुआ, लेकिन अब एक बिहारी प्रभारी जिसने छत्तीसगढ़ महतारी का अपमान किए उसके लिए बिहार दिवस मनाया जा रहा है।
प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष दीपक बैज ने कहा है कि बिहार दिवस को नवाचार बताने का कुतर्क करने वाले भाजपाई बताएं कि देश में 28 राज्य और आठ केंद्र शासित प्रदेश है, इसी महीने राजस्थान दिवस भी है, जहां भाजपा की ही सरकार है, क्या इन राज्यों का स्थापना दिवस भी छत्तीसगढ़ में मनाया जाएगा? भाजपा की सरकार आने के बाद से सरकारी आयोजनों में राज गीत अरपा पैरी के धार का गायन बंद है। भाजपा को छत्तीसगढ़ और छत्तीसगढीया से इतनी हिकारत है कि यहां के प्रथा, परंपरा, संस्कृति और खान पान को भी अपमानित करने का कोई अवसर नहीं छोड़ते, बोरे बासी को छप्पन भोग बताते हैं लेकिन अपने आकाओं को खुश करने छत्तीसगढ़ में बिहार दिवस का आयोजन कर रहे हैं।
दुर्ग। शौर्यपथ। विधानसभा चुनाव,लोकसभा चुनाव और नगरी निकाय चुनाव में कांग्रेस की बुरी हार के बाद आखिरकार प्रदेश संगठन ने जिला संगठन के प्रमुखों की फेरबदल आरंभ कर दी . आल इंडिया कांग्रेस कमेटी ने प्रेस विज्ञप्ति जारी कर छत्तीसगढ़ के 11 जिला अध्यक्षों की नियुक्ति की है जिसमें बालोद से चंद्रेश हिरवानी , दुर्ग ग्रामीण से राकेश ठाकुर , नारायणपुर से बिसेल नाग कोंडागांव से बुधराम नेताम कोरबा शहर से नाथू लाल यादव कोरबा ग्रामीण से मनोज चौहान बलौदा बाजार से सुमित्रा घृतलहरे सारंगढ़ बिलाईगढ़ से ताराचंद देवांगन , सरगुजा से बालकृष्ण पाठक,बलरामपुर से कृष्ण प्रताप सिंह और बेमेतरा से पूर्व विधायक आशीष छाबड़ा को जिला अध्यक्ष नियुक्त कर कांग्रेस संगठन ने फेरबदल कर कांग्रेस को मजबूत प्रदान करने की दिशा में कदम उठाया।
ऑल इंडिया कांग्रेस कमेटी के जनरल सेक्रेटरी के सी वेणुगोपाल ने सूची जारी करते हुए जिला अध्यक्षों की नियुक्ति को तत्काल प्रभाव से लागू करने पत्र जारी किया .
दुर्ग। शौर्यपथ। दुर्ग नगर पालिक निगम में महापौर शपथ ग्रहण के बाद आज 7 मार्च को सभापति का चुनाव होना निश्चित था सभापति का चुनाव में औपचारिक मात्र शेष था. सभापति का पद पूर्ण बहुमत के कारण भारतीय जनता पार्टी के खाते में जाना निश्चित है ऐसे में कौन बनेगा दुर्ग नगर निगम का सभापति? इस बात की चर्चा पिछले तीन दिनों तक चलती रही और आखिरकार जिस नाम की चर्चा आरंभ में प्रमुखता से ली जा रही थी उसी नाम पर भारतीय जनता पार्टी संगठन की मोहर लग गई वार्ड नंबर 30 से पार्षद श्याम शर्मा दुर्ग नगर निगम के नए सभापति होंगे 2:00 बजे मतदान के बाद परिणाम की घोषणा होगी. किंतु नगर निगम में भारतीय जनता पार्टी के 40 पार्षद होने के कारण यह चुनाव औपचारिकता मात्र ही शेष है भारतीय जनता पार्टी से श्याम शर्मा तो कांग्रेस की तरफ से भास्कर कुंडले चुनावी मैदान में अपना-अपना नामांकन भर चुके हैं पार्षदों की संख्या के मद्दे नजर यह निश्चित हो गया है कि दुर्ग नगर निगम में सभापति के रूप में आने वाले 5 साल तक श्याम शर्मा की भूमिका रहेगी.
बता दें कि 20 साल बाद भारतीय जनता पार्टी के पार्षद पूर्ण बहुमत के साथ नगर पालिका निगम दुर्ग में चुनाव जीत कर आए हैं ऐसे में अब वार्ड से लेकर लोकसभा तक भाजपा का शासन है और अब आम जनता भाजपा शासन के स्वर्णिम की ओर निहार रही है ऐसे में बदल दुर्ग नगर निगम की स्थिति को सुधारने नगर निगम की महापौर श्रीमती अलका वाघमार एवं सभापति श्याम शर्मा द्वारा किए गए सकारात्मक कार्यों का इंतजार शहर की जनता को है
दुर्ग। शौर्यपथ। दुर्ग नगर पालिक निगम के शहरी सरकार के लिए सभापति का चुनाव आज दोपहर बाद होने वाला है शहरी सरकार में सभापति कौन होगा बस इस बात का सभी को इंतजार है भारतीय जनता पार्टी के पूर्ण बहुमत में आने के बाद यह तो निश्चित हो गया कि सभापति का पद भी भारतीय जनता पार्टी के खाते में जाएगा परंतु शहरी सरकार में इस महत्वपूर्ण जिम्मेदारी का दायित्व किस पार्षद को मिलेगा इस पर राजनीतिक उठा पटक और नाम की चर्चा लगातार जारी है प्रमुखता से जिनका नाम सामने आ रहा है वह धीरे-धीरे रेस से बाहर होते भी नजर आ रहे हैं चुनाव परिणाम के बाद सर्वप्रथम श्याम शर्मा और साजन जोसेफ के नाम की चर्चा थी परंतु वक्त गुजरते गुजरते सभापति के नाम की चर्चाएं बदलती रही.
कुछ दिनों तक आशीष चंद्राकर मनीष साहू और काशीराम कोसरे का नाम प्रमुखता से लिया जाता रहा अब जब आज सभापति का चुनाव होने जा रहा है ऐसे में एक बार फिर नए नाम की चर्चा प्रमुखता से ली जा रही है वर्तमान समय में नरेंद्र बंजारे नीलेश अग्रवाल के नाम की चर्चा प्रमुखता से हो रही है वहीं भारतीय जनता पार्टी की जो नीति रही है उससे यह अंदाजा लगाना काफी मुश्किल हो जाता है कि भारतीय जनता पार्टी किस पार्षद को सभापति के नाम के लिए अंतिम मुहर लगाती है.
आज विश्व की सबसे बड़ी राजनीतिक पार्टी होने का गौरव भारतीय जनता पार्टी के पास है भारतीय जनता पार्टी परिवारवाद और मठाधीश की राजनीति से काफी परे हैं जमीनी स्तर के कार्यकर्ताओं को मौका देने का जो रिस्क भाजपा संगठन उठाती है वही आज उनके सफलता का राज है विगत वर्ष में हुए विधानसभा लोकसभा चुनाव में जिस तरह से भारतीय जनता पार्टी ने नए चेहरों के साथ दाव खेला और सफल हुए वहीं जिम्मेदार पदों पर भी नए चेहरों को लाकर अगली पीढ़ी के लिए संगठन को मजबूती प्रदान की. ऐसे में इन सब नाम के बीच किसी नए नाम की घोषणा हो तो कोई बड़ी बात नहीं शहरी सरकार और भाजपा संगठन कि पार्षद के नाम पर मोहर लगती है यह तो तय हो चुका होगा बस वह किसका नाम है इसकी घोषणा चंद घंटे में हो जाएगी और औपचारिक मात्र ही शेष है. मतदान के बाद दुर्ग निगम की शहरी सरकार को नए सभापति मिल जाएगा...
दुर्ग। शौर्यपथ। 1 मार्च को दुर्ग नगर निगम की शहरी सरकार का शपथ ग्रहण समारोह संपन्न हो चूका है और 5 साल बाद एक बार फिर शहरी सरकार की जिम्मेदारी नारी शक्ति के हाथ में होगी। महापौर के शपथ ग्रहण के बाद पूर्ण बहुमत में आने वाली भाजपा सभापति के चुनाव के लिए प्रत्याशी चयन के लिए भीड़ जाएगी. पूर्ण बहुमत के साथ आने के कारण सभापति भारतीय जनता पार्टी का बनना तय है ऐसे में शहरी सरकार यह नहीं चाहेगी कि जो गलती कांग्रेस की शहरी सरकार ने की है वही गलती भाजपा की शहरी सरकार करें। कांग्रेस की शहरी सरकार के समय सभापति के रूप में राजेश यादव दुर्ग निगम में शहरी सरकार में थे सभी को ज्ञात है कि सभापति कक्ष से ही दुर्ग शहर विधायक अरुण वोरा के खिलाफ विरोध के स्वर बुलंद हुए थे सभापति कक्ष में ही तात्कालिक विधायक अरुण वोरा के विरोधियों का जमघट लगा रहता था. विरोध की चिंगारी कब आग बनी और उसके तूफान ने दुर्ग विधानसभा क्षेत्र के लाडले विधायक अरुण वोरा को विधानसभा चुनाव में बड़ी हार का सामना करना पड़ा।
ऐसी राजनीतिक चर्चा रही थी कि भारतीय जनता पार्टी का चुनावी मुकाबला कांग्रेस से जरूर था परंतु कांग्रेस प्रत्याशी अरुण वोरा को भारतीय जनता पार्टी से ज्यादा कांग्रेसियों से ही मुकाबला करना पड़ा कांग्रेसियों ने जबरदस्त भीतरी घात किया और अरुण वोरा की 48000 से ज्यादा वोटो से हार हुई।
अब एक बार फिर शहर में नई पारी की शुरुआत होने वाली है राजनीति में गुटबाजी कोई बड़ी बात नहीं सभी पार्टी में गुट बाजी होती है इस गुटबाजी को दूर करने या इसे पनपने से रोकने के लिए शहरी सरकार ऐसे किसी पार्षद को सभापति के लिए निर्वाचित नहीं करेगी जो शहरी सरकार के प्रमुख से अलग चले और उनके समूह का ना हो. ऐसे में शहरी सरकार की बड़ी जिम्मेदारी यह है कि उसे ऐसे व्यक्ति को सभापति के रूप में चुनना है जो उनके साथ मिलकर चले ना कि पूर्ववर्ती कांग्रेस सरकार के समय जो नजारा देखने को मिला वही नजारा एक बार फिर सभापति कक्ष मे देखने को मिले. ऐसे में अब सभी को इंतजार है कि शहर में सभापति के रूप में भारतीय जनता पार्टी के किस पार्षद की किस्मत खुलेगी और शहरी सरकार में किस किस को शहरी सरकार मे मंत्री की भूमिका मिलेगी.
शहरी सरकार मे सभापति के लिए प्रमुखता से श्याम शर्मा, साजन जोसेफ,काशीराम कोसरे,नरेंद्र बंजारे, देव नारायण चंद्राकर,, शिव नायक, रामचंद्र सेन, कुलेश्वर साहू, शेखर चंद्राकर, आशीष चंद्राकर, गुलाब वर्मा का नाम प्रमुखता से लिया जा रहा है परंतु राजनीतिक हलको में यह भी चर्चा है कि इसमें से आधे से ज्यादा पार्षद विधायक गजेंद्र यादव के कट्टर समर्थको मे गिने जाते हैं वही कुछ ग्रामीण विधायक चंद्राकर के करीबी बताये जा रहे हैं ऐसे में इन सब के बीच में किसके नाम की चर्चा प्रमुखता से होगी यह चर्चा दुर्ग के राजनीतिक क्षेत्र में वर्तमान समय में चर्चा का विषय है सभापति का चुनाव 7 मार्च को होना है 7 मार्च के पहले भाजपा की शहरी सरकार को यह तय करना है कि सभापति के लिए किसके नाम पर सहमति बने जो सभी सरकार के मुखिया के साथ सामंजस बैठ कर शहर के विकास की दिशा में काम करें ना कि पूर्व की शहरी सरकार में हुए गुटबाजी की घटना की पुनरावृत्ति करें.
पूर्व सीएम के विधान सभा क्षेत्र में जनपद में भाजपा एकतरफा बहुमत की ओर
पाटन / शौर्यपथ / पाटन क्षेत्र के निर्दलीय और कांग्रेस जनपद सदस्यों का भाजपा में शामिल होने का सिलसिला लगातार जारी है। विगत दिनों 3 निर्दलीय जनपद सदस्यों ने जिला भाजपा कार्यालय पहुंचकर भाजपा की सदस्यता ली उनके भाजपा में शामिल होने के बाद शुक्रवार को चार और जनपद सदस्यों ने जिला भाजपा कार्यालय दुर्ग पहुंचकर जिला अध्यक्ष सुरेंद्र कौशिक, निवर्तमान जिला अध्यक्ष जितेन्द्र वर्मा, जिला भाजपा उपाध्यक्ष राजेन्द्र कुमार पाध्ये, दिलीप साहू, भाजपा नेता संजय बघेल के समक्ष भाजपा प्रवेश किया, इस प्रकार अब तक निर्दलीय और कांग्रेस जनपद सदस्य मिलाकर कुल 7 नेता भाजपा में सम्मिलित हो चुके हैं जबकि भाजपा के 10 अधिकृत प्रत्याशी जनपद जीतकर आए हैं इसके बाद भाजपा का कुल आंकड़ा 17 पहुंच गया है।
पाटन विकास खंड के निर्वाचित निर्दलीय जनपद सदस्य सीता निषाद जिनके पति सुरेश निषाद पूर्व में कांग्रेस से जनपद सदस्य रह चुके हैं साथ ही निर्दलीय डुलेश्वर सिंह मानकुर (पूर्व सरपंच) ने और कांग्रेस समर्थित जनपद सदस्य रेखा अरविंद जोशी और दामिनी राकेश साहू ने भाजपा की सदस्यता ली।
भाजपा प्रवेश करने वाले जनपद सदस्यों ने सामूहिक रूप से कहा कि भाजपा के सिद्धांत, विचारधारा और उपलब्धिपूर्ण कार्यों से प्रभावित होकर बिना किसी भय प्रलोभन और दबाव के वे भाजपा में सम्मिलित हो रहे हैं और पाटन जनपद अध्यक्ष-उपाध्यक्ष के चुनाव में खुलकर भाजपा का समर्थन करेंगे।
जिला भाजपा अध्यक्ष सुरेंद्र कौशिक ने कहा कि नगरी निकाय चुनाव के बाद त्रिस्तरीय पंचायत चुनाव में भी निर्वाचित जनप्रतिनिधि भी खुलकर भाजपा के पक्ष में सामने आकर पार्टी प्रवेश रहे हैं। भारतीय जनता पार्टी खुले दिल से सबका स्वागत करती है।
निवर्तमान भाजपा जिलाध्यक्ष जितेन्द्र वर्मा ने कहा कि जैसा कि उन्होंने पूर्व में ही बताया था उसी के अनुसार लगातार निर्दलीय और कांग्रेस के पंचायत जनप्रतिनिधि भाजपा में शामिल हो रहे हैं। पूर्व मुख्यमंत्री भूपेश बघेल से अब कांग्रेस के कार्यकर्ता ऊब चुके हैं, और भाजपा की स्वच्छ और पारदर्शी कार्य प्रणाली से प्रभावित होकर सदस्यता ले रहे हैं। उनके गृह विधानसभा पाटन, अमलेश्वर और कुम्हारी में भाजपा को विजयश्री प्रदान कर जनता ने कांग्रेस को नकार दिया हैं।
इस अवसर पर जिला मंत्री दीपक चोपड़ा, कार्यालय सह प्रभारी अनूप सोनी, मंडल अध्यक्ष कमलेश साहू, पूर्व मंडल अध्यक्ष मदन वाढई, जनपद सदस्य कमलेश वर्मा, दुलौरिन यादव, राकेश आडिल, जिला कार्यकारिणी सदस्य केशव बंछोर, कामता पटेल, सहित भाजपा पदाधिकारी प्रमुख रूप से उपस्थित रहे।
राजनांदगांव / शौर्यपथ /
नगरीय निकाय चुनाव में कांग्रेस की बड़ी हार के बाद अब जमीनी कार्यकर्ताओ का गुस्सा फूटने लगा प्रदेश के कई जिलो में कार्यकत्र्ता जिला संगठन को कठपुतली बता रहे है तो जिले के बड़े नेता प्रदेश संगठन को निष्क्रिय . अंतर्कलह की यह धारा कांग्रेस में अविरल बह रही है . इस बीच राजनांदगांव से एक बड़ी खबर आयी है, जहां राजनांदगाव जिले के कांग्रेस के जिलाध्यक्ष भागवत साहू ने अध्यक्ष पद से इस्तीफा दे दिया है।
जिला कांग्रेस ग्रामीण अध्यक्ष और जिला साहू समाज के अध्यक्ष भागवत साहू ने कांग्रेस पार्टी पर आंतरिक षड्यंत्र और उपेक्षा का आरोप लगाते हुए अपने पद से इस्तीफा दे दिया है। उन्होंने 3 फरवरी को छत्तीसगढ़ के पूर्व मुख्यमंत्री भूपेश बघेल को पत्र लिखकर इस संबंध में अवगत कराया था। भागवत साहू ने आज प्रेस क्लब में प्रेवासर्ता लेकर संगठन पर कई आरोप लगाए। वर्तमान में जिला पंचायत चुनाव में हारने के बाद पार्टी द्वारा कोई सहयोग नहीं करने की बात भी कही।
भागवत साहू ने कहा कि जिला पंचायत क्षेत्र क्रमांक 03 टेरेसरा से कांग्रेस के अधिकृत प्रत्याशी के रूप में उन्हें चुनावी मैदान में उतारा गया था, लेकिन पार्टी नेतृत्व ने उन्हें किसी भी प्रकार का सहयोग नहीं दिया। इसके विपरीत शहर और ग्रामीण क्षेत्र के कुछ नेताओं ने मिलकर साजिशन उनकी हार सुनिश्चित की।
उन्होंने कहा कि लोकसभा और विधानसभा चुनाव में पार्टी के लिए समर्पित होकर काम किया। बावजूद इसके पार्टी नेतृत्व ने उन्हें उपेक्षित किया। नेताओं पर गंभीर आरोप लगाते हुए भागवत साहू ने कहा कि डोंगरगढ़ के वर्तमान विधायक ने बागी प्रत्याशी के खिलाफ प्रचार किया। उन्होंने पूर्व जिला अध्यक्ष नवाज खान पर गंभीर आरोप लगाया। उनका है कि इन नेताओं ने धन बल और बाहुबल का इस्तेमाल कर कांग्रेस के अधिकृत प्रत्याशी को हराकर बागी प्रत्याशी अंगेश्वर देशमुख को जिताने का काम किया।
भागवत साहू ने पूर्व मुख्यमंत्री को लिखे पत्र में कहा, मैंने पार्टी नेतृत्व को समय रहते स्थिति से अवगत कराया था, लेकिन मेरी बात को अनदेखा किया गया। मुझे भ्रमित किया गया और बागी प्रत्याशी को खुलकर समर्थन दिया गया। उन्होंने यह भी उल्लेख किया कि इस घटना से कांग्रेस पार्टी की छवि को गहरा नुकसान हुआ है और बहुसंख्यक साहू समाज में असंतोष फैल गया है। भागवत ने कहा कि कांग्रेस में आंतरिक गुटबाजी चरम पर है। कुछ नेता पार्टी को कमजोर करने में लगे हैं। मैं जब खुद न्याय पाने में असफल हूं तो कार्यकर्ताओं को कैसे न्याय दिला पाऊंगा? ऐसी स्थिति में अध्यक्ष पद पर बने रहना उचित नहीं है।
दुर्ग। शौर्यपथ। राजनीति में कौन कब किस पर भारी पड़ जाए और कब किसका समय बुलंदियों पर पहुंच जाए यह कहना बहुत मुश्किल होता है कुछ ऐसा ही हाल दुर्ग नगर निगम चुनाव में भी देखने को मिला. दुर्ग नगर निगम चुनाव में वार्ड नंबर 6 से कांग्रेस प्रत्याशी के रूप में प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री भूपेश बघेल के राजनीतिक सहपाठी रहे दुर्ग निगम के पूर्व सभापति राजेश यादव एक ऐसे प्रत्याशी से हार गए जो पहली बार चुनावी मैदान में उतरे थे वही ऐसे वार्ड से उनकी हार हुई जहां पिछले 15 सालों से भाजपा प्रत्याशी की जीत नहीं हुई थी .
ऐसे में कांग्रेस प्रत्याशी नगर निगम के पूर्व सभापति राजेश यादव की हार शहर में चर्चा का केंद्र बनी हुई है वही इस वार्ड में भारतीय जनता पार्टी के प्रत्याशी नीलेश अग्रवाल की जीत में अहम भूमिका निभाने वाले का नाम भी जीत ही है। भाजपा युवा मोर्चा के जिला अध्यक्ष जीत हेमचंद यादव ने वार्ड में जिस प्रकार से जीत के लिए रणनीति बनाई और वार्ड के निवासियों को नीलेश अग्रवाल की जीत पर मोहर लगाने के लिए लामबंद किया वह काबिले तारीफ है . वार्ड नंबर 6 में यादव परिवार की संख्या अग्रवाल परिवार से काफी ज्यादा है परंतु इन सब के बावजूद जीत हेमचंद यादव ने प्रत्याशी घोषणा के बाद ही अपनी रणनीति पर कार्य करना आरंभ कर दिया . वार्ड में जीत के लिए महत्तवपूर्ण भूमिका निभाने के साथ साथ जीत यादव अपने प्रभार क्षेत्र धमधा के नगर पालिका चुनाव में भी महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हुए वहा भीई भाजपा कीई जीत में अहम् योगदान दिया . जीत हेमचंद यादव ने वार्ड में नीलेश अग्रवाल के समर्थन में ऐसा माहौल बनाया की पूर्व मुख्यमंत्री के मित्र रहे और कभी कांग्रेस संगठन में जिनकी तूती बोलती थी जिनके संगठनात्मक रणनीति का लोहा कांग्रेसी भी मानते थे वर्तमान समय में उन कांग्रेस के प्रत्याशी राजेश यादव को ना ही हार का सामना पड़ा करना पड़ा बल्कि उनका स्थान तीसरा रहा .नीलेश अग्रवाल का नजदीकी मुकाबला निर्दलीय प्रत्याशी मनीष यादव के साथ रहा और राजेश यादव परिणाम घोषणा के बाद तीसरे स्थान पर नजर आए .
पर्दे के सामने जीत का सेहरा नीलेश अग्रवाल के सर है परंतु परदे के पीछे इस जीत को सुनिश्चित करने में अहम भूमिका जीत यादव ने निभाई,जीत हेमचंद यादव की रणनीति ने निभाई और 15 सालों बाद एक बार फिर यह वार्ड भारतीय जनता पार्टी के कब्जे में चला गया .
धमधा नगर पालिक क्षेत्र में भाजपा प्रत्याशी के लिए प्रचार करते युवा भाजपा जिलाध्यक्ष जीत हेमचंद यादव
सभापति के प्रबल दावेदार कांग्रेस से 02 और भाजपा से 02
दुर्ग। शौर्यपथ। दुर्ग नगर पालिक निगम में चुनाव शांतिपूर्ण तरीके से संपन्न हो चुके हैं 15 फरवरी को नतीजे आ जाएंगे दुर्ग नगर निगम के 60 वार्डों में राजनीतिक चर्चा के अनुसार कांग्रेस पार्षदों की संख्या एक बार फिर बहुमत की ओर नजर आ रही है और अपने 25 सालो के रिकार्ड को बरकरार रखेगी वही भाजपा समर्थको का कहना है कि इस बार निगम में बहुत भाजपा पार्षदों की होगी और बहुमत से कम होने का रिकार्ड टूट जाएगा .
बता दे कि पिछले 4 कार्यकाल में भाजपा को निगम में पार्षदों की संख्या में बहुमत नहीं मिला ऐसे में इस बार संगठन की मजबूत रणनीति का हवाला देते हुए बढ़त की उम्मीद की जा रही है . वही कांग्रेस समर्थको का कहना है कि पार्षदों की संख्या में बहुमत होगी और सभापति की खुर्सी भाजपा के हाथ होगी . मतगणना के पहले और बाद में कवायदों का दौर जारी रहेगा कि सभापति कौन होगा .
कांग्रेस को बहुमत मिलने पर सभापति के लिए दो प्रमुख नामो दीपक साहू और संजय कोहले की चर्चा जोरो पर है कांग्रेस से प्रबल दावेदार के रूप में दीपक साहू के नाम पर आम सहमति बन सकती है वार्ड नंबर 40 से पार्षद दीपक साहू तीसरी बार नगर निगम में अपनी भूमिका निभाएंगे .दीपक साहू कांग्रेसी पार्षदों के साथ-साथ भारतीय जनता पार्टी के पार्षदों के बीच में भी काफी लोग भी हैं एवं उनकी मिलनसार छवि के है और इनका भारतीय जनता पार्टी के पार्षदों के साथ भी मधुर सम्बन्ध है . निर्दलीय प्रत्याशियों की अगर भूमिका अहम् होती है ऐसे में दीपक साहू को निर्दिल प्रत्याशियों के समर्थन की गुंजाइश ज्यादा बनती है वही दूसरा नाम संजय कोहले का है कोहले भी 4 बार से वार्ड का प्रतिनिधितव कर चुके है ऐसे में वरिष्ठ पारषद होने के नाते संगठन के अन्य नेता उनके नाम को आगे कर सकते है वही ऐसी भी चर्चा है कि पूर्व विधायक के तरफ से एक बार फिर कांग्रेस संगठन को दरकिनार करते हुए अपने करीबी राजेश शर्मा अगर जीत जाते है तो उनके नाम को आगे करेंगे किन्तु इस बार कांग्रेस नेता अरुण वोरा को समर्थन मिले इसकी उम्मीद ना के बराबर है .
वहीं अगर भारतीय जनता पार्टी को बहुमत मिला तो श्याम शर्मा और विनायक नातू के सभापति पद के दावेदारी की बात सामने आ रही है बता दें कि विनायक नातू और श्याम शर्मा दोनों ही विधायक गजेंद्र यादव के करीबी माने जाते हैं महापौर प्रत्याशी के लिए सांसद विजय बघेल की पसंद को प्राथमिकता दी गई ऐसे में सभापति के लिए स्थानीय विधायक गजेंद्र यादव की पसंद को प्राथमिकता दी जा सकती है इन सब में श्याम शर्मा और विनायक नातू प्रबल दावेदार होंगे परंतु वहीं दूसरी ओर विनायक नातू वार्ड नंबर 53 से चुनावी जग में जीत जाए ऐसी संभावना वर्तमान समय में नजर नहीं आ रही है वहीं श्याम शर्मा भी त्रिकोनी मुकाबले में फंस चुके हैं .परिणाम आने के बाद स्थिति साफ़ होगी कि भाजपा की तरफ से कौन प्रमुख दावेदार होगा . सत्ता का लाभ भी भाजपा को मिलने की उम्मीद है जिसके कारण निर्दलीय पार्षद का झुकाव भाजपा की तरफ भी हो सकता है . कयासों का दौर राजनितिक उठापटक सभापति के चयन तक ज़ारी रहेगा और राजनितिक सरगर्मी तेज ही होगी .