August 02, 2025
Hindi Hindi
शौर्यपथ

शौर्यपथ

आस्था /शौर्यपथ / हिंदू पंचांग के अनुसार श्रावण मास का तीसरा सोमवार 09 अगस्त 2021 को है। इसी दिन श्रावण मास की शुक्ल पक्ष की प्रतिपदा तिथि भी है। ज्ञात हो कि श्रावण मास में सोमवार का विशेष महत्व माना गया है और अब तक दो सोमवार बीत चुके हैं। 9 अगस्त को श्रावण न तीसरा सोमवार मनाया जाएगा। इस दिन कर्क राशि में चंद्रमा और सूर्य की युति बनेगी, वहीं सिंह राशि में तीन ग्रहों की युति बन रही है। श्रावण सोमवार को सिंह राशि में शुक्र, मंगल और बुध ग्रह एक साथ विराजमान रहेंगे। इस दिन आश्लेषा नक्षत्र और चंद्रमा का गोचर कर्क राशि में होगा।
श्रावण मास में सोमवार के दिन पूजन के समय राहु काल का विशेष ध्यान रखना चाहिए, क्योंकि ज्योतिष शास्त्र में राहु काल को अशुभ योग माना गया है और अशुभ योग में पूजन और शुभ कार्य नहीं किए जाते हैं।
पंचांग के अनुसार श्रावण के तीसरे सोमवार, यानी 09 अगस्त 2021 को राहु काल का समय- प्रात: 07.26 मिनट से प्रात: 09.53 मिनट तक रहेगा। सोमवार के दिन अभिजीत मुहूर्त- प्रात: 11.59 मिनट से दोपहर 12.53 मिनट तक है।
इन दिनों चातुर्मास चल रहा है और श्रावण चातुर्मास का पहला मास है। इस संबंध में मान्यता है कि जब भगवान विष्णु का शयन काल के लिए पाताल प्रस्थान करते हैं तो पृथ्वी की बागड़ोर भगवान शिव को सौंप देते हैं। चातुर्मास का प्रथम महीना श्रावण में भगवान शिव, माता पार्वती के साथ पृथ्वी लोक का भ्रमण करते हैं और शिव-पार्वती अपने भक्तों की पूजा-अर्चना से प्रसन्न होकर उन्हें आशीर्वाद प्रदान करते हैं।
श्रावण मास में सोमवार के दिन पूजन के समय राहु काल का विशेष ध्यान रखना चाहिए, क्योंकि ज्योतिष शास्त्र में राहु काल को अशुभ योग माना गया है और अशुभ योग में पूजन और शुभ कार्य नहीं किए जाते हैं।
पंचांग के अनुसार श्रावण के तीसरे सोमवार, यानी 09 अगस्त 2021 को राहु काल का समय- प्रात: 07.26 मिनट से प्रात: 09.53 मिनट तक रहेगा। सोमवार के दिन अभिजीत मुहूर्त- प्रात: 11.59 मिनट से दोपहर 12.53 मिनट तक है।
इन दिनों चातुर्मास चल रहा है और श्रावण चातुर्मास का पहला मास है। इस संबंध में मान्यता है कि जब भगवान विष्णु का शयन काल के लिए पाताल प्रस्थान करते हैं तो पृथ्वी की बागड़ोर भगवान शिव को सौंप देते हैं। चातुर्मास का प्रथम महीना श्रावण में भगवान शिव, माता पार्वती के साथ पृथ्वी लोक का भ्रमण करते हैं और शिव-पार्वती अपने भक्तों की पूजा-अर्चना से प्रसन्न होकर उन्हें आशीर्वाद प्रदान करते हैं।
श्रावण सोमवार की सरल पूजन विधि-
* श्रावण सोमवार को ब्रह्म मुहूर्त में सोकर उठें।
* पूरे घर की सफाई कर स्नानादि से निवृत्त हो जाएं।
* गंगा जल या पवित्र जल पूरे घर में छिड़कें।
* घर में ही किसी पवित्र स्थान पर भगवान शिव की मूर्ति या चित्र स्थापित करें।
* पूरी पूजन तैयारी के बाद निम्न मंत्र से संकल्प लें-
'मम क्षेमस्थैर्यविजयारोग्यैश्वर्याभिवृद्धयर्थं सोमव्रतं करिष्ये'
* इसके पश्चात निम्न मंत्र से ध्यान करें-
'ध्यायेन्नित्यंमहेशं रजतगिरिनिभं चारुचंद्रावतंसं रत्नाकल्पोज्ज्वलांग परशुमृगवराभीतिहस्तं प्रसन्नम्‌।
पद्मासीनं समंतात्स्तुतममरगणैर्व्याघ्रकृत्तिं वसानं विश्वाद्यं विश्ववंद्यं निखिलभयहरं पंचवक्त्रं त्रिनेत्रम्‌॥
* ध्यान के पश्चात 'ॐ नमः शिवाय' से शिवजी का तथा 'ॐ शिवायै' नमः' से पार्वतीजी का षोडशोपचार पूजन करें।
* पूजन के पश्चात व्रत कथा सुनें।
* तत्पश्चात आरती कर प्रसाद वितरण करें।
* इसके बाद भोजन या फलाहार ग्रहण करें।
इसके अलावा श्रावण मास में शिवालयों में शिवलिंग का रुद्राभिषेक किया जाता है। बहुत से लोग रुद्राभिषेक तो छोड़िए जलाभिषेक के समय भी नियमों का पालन नहीं करते हैं। विधिवत रूप से किए गए रुद्राभिषेक से ही भगवान शिव प्रसन्न होकर भक्तों को मनचाहा वरदान देते हैं।
मंत्र
- ॐ सौं सोमाय नम:
- ॐ नमः शिवाय
- ॐ नमो भगवते रुद्राय।


श्रावण सोमवार कथा-
श्रावण सोमवार की कथा के अनुसार अमरपुर नगर में एक धनी व्यापारी रहता था। दूर-दूर तक उसका व्यापार फैला हुआ था। नगर में उस व्यापारी का सभी लोग मान-सम्मान करते थे। इतना सबकुछ होने पर भी वह व्यापारी अंतरमन से बहुत दुखी था, क्योंकि उस व्यापारी का कोई पुत्र नहीं था। दिन-रात उसे एक ही चिंता सताती रहती थी। उसकी मृत्यु के बाद उसके इतने बड़े व्यापार और धन-संपत्ति को कौन संभालेगा।
पुत्र पाने की इच्छा से वह व्यापारी प्रति सोमवार भगवान शिव की व्रत-पूजा किया करता था। सायंकाल को व्यापारी शिव मंदिर में जाकर भगवान शिव के सामने घी का दीपक जलाया करता था। उस व्यापारी की भक्ति देखकर एक दिन पार्वतीजी ने भगवान शिव से कहा- 'हे प्राणनाथ, यह व्यापारी आपका सच्चा भक्त है। कितने दिनों से यह सोमवार का व्रत और पूजा नियमित कर रहा है। भगवान, आप इस व्यापारी की मनोकामना अवश्य पूर्ण करें।'
भगवान शिव ने मुस्कराते हुए कहा- 'हे पार्वती! इस संसार में सबको उसके कर्म के अनुसार फल की प्राप्ति होती है। प्राणी जैसा कर्म करते हैं, उन्हें वैसा ही फल प्राप्त होता है।' इसके बावजूद पार्वतीजी नहीं मानीं। उन्होंने आग्रह करते हुए कहा- 'नहीं प्राणनाथ! आपको इस व्यापारी की इच्छा पूरी करनी ही पड़ेगी। यह आपका अनन्य भक्त है। प्रति सोमवार आपका विधिवत व्रत रखता है और पूजा-अर्चना के बाद आपको भोग लगाकर एक समय भोजन ग्रहण करता है। आपको इसे पुत्र-प्राप्ति का वरदान देना ही होगा।'
पार्वतीजी का इतना आग्रह देखकर भगवान शिव ने कहा- 'तुम्हारे आग्रह पर मैं इस व्यापारी को पुत्र-प्राप्ति का वरदान देता हूं, लेकिन इसका पुत्र 16 वर्ष से अधिक जीवित नहीं रहेगा।' उसी रात भगवान शिव ने स्वप्न में उस व्यापारी को दर्शन देकर उसे पुत्र-प्राप्ति का वरदान दिया और उसके पुत्र के 16 वर्ष तक जीवित रहने की बात भी बताई। भगवान के वरदान से व्यापारी को खुशी तो हुई, लेकिन पुत्र की अल्पायु की चिंता ने उस खुशी को नष्ट कर दिया। व्यापारी पहले की तरह सोमवार का विधिवत व्रत करता रहा। कुछ महीने पश्चात उसके घर अति सुंदर पुत्र उत्पन्न हुआ। पुत्र जन्म से व्यापारी के घर में खुशियां भर गईं। बहुत धूमधाम से पुत्र-जन्म का समारोह मनाया गया।
व्यापारी को पुत्र-जन्म की अधिक खुशी नहीं हुई, क्योंकि उसे पुत्र की अल्प आयु के रहस्य का पता था। यह रहस्य घर में किसी को नहीं मालूम था। विद्वान ब्राह्मणों ने उस पुत्र का नाम 'अमर' रखा। जब अमर 12 वर्ष का हुआ तो शिक्षा के लिए उसे वाराणसी भेजने का निश्चय हुआ। व्यापारी ने अमर के मामा दीपचंद को बुलाया और कहा कि अमर को शिक्षा प्राप्त करने के लिए वाराणसी छोड़ आओ। अमर अपने मामा के साथ शिक्षा प्राप्त करने के लिए चल दिया। रास्ते में जहां भी अमर और दीपचंद रात्रि विश्राम के लिए ठहरते, वहीं यज्ञ करते और ब्राह्मणों को भोजन कराते थे।
लंबी यात्रा के बाद अमर और दीपचंद एक नगर में पहुंचे। उस नगर के राजा की कन्या के विवाह की खुशी में पूरे नगर को सजाया गया था। निश्चित समय पर बारात आ गई लेकिन वर का पिता अपने बेटे के एक आंख से काने होने के कारण बहुत चिंतित था। उसे इस बात का भय सता रहा था कि राजा को इस बात का पता चलने पर कहीं वह विवाह से इंकार न कर दें। इससे उसकी बदनामी होगी।
वर के पिता ने अमर को देखा तो उसके मस्तिष्क में एक विचार आया। उसने सोचा, क्यों न इस लड़के को दूल्हा बनाकर राजकुमारी से विवाह करा दूं? विवाह के बाद इसको धन देकर विदा कर दूंगा और राजकुमारी को अपने नगर में ले जाऊंगा। वर के पिता ने इसी संबंध में अमर और दीपचंद से बात की। दीपचंद ने धन मिलने के लालच में वर के पिता की बात स्वीकार कर ली।
अमर को दूल्हे के वस्त्र पहनाकर राजकुमारी चंद्रिका से विवाह करा दिया गया। राजा ने बहुत-सा धन देकर राजकुमारी को विदा किया। अमर जब लौट रहा था तो सच नहीं छिपा सका और उसने राजकुमारी की ओढ़नी पर लिख दिया- 'राजकुमारी चंद्रिका, तुम्हारा विवाह तो मेरे साथ हुआ था, मैं तो वाराणसी में शिक्षा प्राप्त करने जा रहा हूं। अब तुम्हें जिस नवयुवक की पत्नी बनना पड़ेगा, वह काना है।'
जब राजकुमारी ने अपनी ओढ़नी पर लिखा हुआ पढ़ा तो उसने काने लड़के के साथ जाने से इंकार कर दिया। राजा ने सब बातें जानकर राजकुमारी को महल में रख लिया। उधर अमर अपने मामा दीपचंद के साथ वाराणसी पहुंच गया। अमर ने गुरुकुल में पढ़ना शुरू कर दिया।
जब अमर की आयु 16 वर्ष पूरी हुई तो उसने एक यज्ञ किया। यज्ञ की समाप्ति पर ब्राह्मणों को भोजन कराया और खूब अन्न-वस्त्र दान किए। रात को अमर अपने शयनकक्ष में सो गया। शिव के वरदान के अनुसार शयनावस्था में ही अमर के प्राण-पखेरू उड़ गए। सूर्योदय पर मामा अमर को मृत देखकर रोने-पीटने लगा। आसपास के लोग भी एकत्र होकर दुःख प्रकट करने लगे।
मामा के रोने, विलाप करने के स्वर समीप से गुजरते हुए भगवान शिव और माता पार्वती ने भी सुने। पार्वतीजी ने भगवान से कहा- 'प्राणनाथ! मुझसे इसके रोने के स्वर सहन नहीं हो रहे। आप इस व्यक्ति के कष्ट अवश्य दूर करें।' भगवान शिव ने पार्वतीजी के साथ अदृश्य रूप में समीप जाकर अमर को देखा तो पार्वतीजी से बोले- 'पार्वती! यह तो उसी व्यापारी का पुत्र है। मैंने इसे 16 वर्ष की आयु का वरदान दिया था। इसकी आयु तो पूरी हो गई।'
पार्वतीजी ने फिर भगवान शिव से निवेदन किया- 'हे प्राणनाथ! आप इस लड़के को जीवित करें, नहीं तो इसके माता-पिता पुत्र की मृत्यु के कारण रो-रोकर अपने प्राणों का त्याग कर देंगे। इस लड़के का पिता तो आपका परम भक्त है। वर्षों से सोमवार का व्रत करते हुए आपको भोग लगा रहा है।'
पार्वतीजी के आग्रह करने पर भगवान शिव ने उस लड़के को जीवित होने का वरदान दिया और कुछ ही पल में वह जीवित होकर उठ बैठा। शिक्षा समाप्त करके अमर मामा के साथ अपने नगर की ओर चल दिया। दोनों चलते हुए उसी नगर में पहुंचे, जहां अमर का विवाह हुआ था। उस नगर में भी अमर ने यज्ञ का आयोजन किया। समीप से गुजरते हुए नगर के राजा ने यज्ञ का आयोजन देखा।
राजा ने अमर को तुरंत पहचान लिया। यज्ञ समाप्त होने पर राजा अमर और उसके मामा को महल में ले गया और कुछ दिन उन्हें महल में रखकर बहुत-सा धन-वस्त्र देकर राजकुमारी के साथ विदा किया। रास्ते में सुरक्षा के लिए राजा ने बहुत से सैनिकों को भी साथ भेजा। दीपचंद ने नगर में पहुंचते ही एक दूत को घर भेजकर अपने आगमन की सूचना भेजी। अपने बेटे अमर के जीवित वापस लौटने की सूचना से व्यापारी बहुत प्रसन्न हुआ।
व्यापारी ने अपनी पत्नी के साथ स्वयं को एक कमरे में बंद कर रखा था। भूखे-प्यासे रहकर व्यापारी और उसकी पत्नी बेटे की प्रतीक्षा कर रहे थे। उन्होंने प्रतिज्ञा कर रखी थी कि यदि उन्हें अपने बेटे की मृत्यु का समाचार मिला तो दोनों अपने प्राण त्याग देंगे। व्यापारी अपनी पत्नी और मित्रों के साथ नगर के द्वार पर पहुंचा।
अपने बेटे के विवाह का समाचार सुनकर, पुत्रवधू राजकुमारी चंद्रिका को देखकर उसकी खुशी का ठिकाना न रहा। उसी रात भगवान शिव ने व्यापारी के स्वप्न में आकर कहा- 'हे श्रेष्ठी! मैंने तेरे सोमवार के व्रत करने और व्रतकथा सुनने से प्रसन्न होकर तेरे पुत्र को लंबी आयु प्रदान की है।' व्यापारी बहुत प्रसन्न हुआ। सोमवार का व्रत करने से व्यापारी के घर में खुशियां लौट आईं। शास्त्रों में लिखा है कि जो स्त्री-पुरुष सोमवार का विधिवत व्रत करते और व्रत कथा सुनते हैं उनकी सभी इच्छाएं पूरी होती हैं।

दुर्ग / शौर्यपथ / दाऊ वासुदेव चंद्राकर कामधेनु विश्वविद्यालय, दुर्ग के अंतर्गत पशुचिकित्सा एवं पशुपालन महाविद्यालय, अंजोरा में वैज्ञानिक डेयरी पालन विषय पर राज्य स्तरीय पांच दिवसीय कृषक प्रशिक्षण का समापन आज विश्वविद्यालय के प्रभारी कुलपति एवं निदेशक शिक्षण डॉ.एस.पी.इंगोले,डॉ.एस.के.तिवारी की एवं डॉ.सुशोवन रॉय तथा डॉ.ए.के.सांतरा प्राध्यापक एवं विभागाध्यक्ष की उपस्थिति में किया गया। मुख्य अतिथि डॉ.एस.पी.इंगोले द्वारा अपने संबोधन में कहा गया कि आशा ही नही बल्कि विश्वास है कि इस प्रशिक्षण कार्यक्रम के माध्यम से डेयरी व्यवसाय से जुड़े एवं इच्छुक पशुपालको को अत्यंत लाभ होगा। इस तरह ये पशुपालक विश्वविद्यालय के विशेषज्ञों से संपर्क में बने रहेंगे एवं भविष्य में उनकी समस्याओं का समाधान भी प्राप्त करते रहेंगे।
कार्यक्रम के मुख्य आयोजक एवं महाविद्यालय के अधिष्ठाता डॉ.एस.के.तिवारी एवं नोडल अधिकारी डॉ.धीरेन्द्र भोंसले ने बताया कि प्रशिक्षण में न केवल राज्य के बल्कि अन्य प्रदेशों के प्रशिक्षणार्थियों ने ऑनलाइन एवं ऑफलाइन मोड में जुड़े। उन्होंने आगे कहा कि टेक्नोलॉजी ट्रांसफर का महत्वपूर्ण कार्य इस प्रशिक्षण के द्वारा किया गया। इसके आयोजन के लिए उन्होने आभार व्यक्त किया। प्रिज्म ग्रुप ऑफ इंस्टीट्यूड के डायरेक्टर रूपेश गुप्ता ने प्रशिक्षण को अत्यंत महत्वपूर्ण एवं उपयोगी बताया। इस अवसर पर उपस्थित प्रशिक्षणार्थियों को चारा उत्पादन हेतु सुपर नेपियर नोड्स का वितरण किया गया।
कार्यक्रम में विश्वविद्यालय के जनसंपर्क अधिकारी डॉ.दिलीप चैधरी के अतिरिक्त डॉ.निषिमा सिंह, डॉ.शिवेश देशमुख एवं अन्य गणमान्य शिक्षकगण भी उपस्थित थे। संचालन डॉ. श्रीमती किरण कुमारी एवं धन्यवाद ज्ञापन डॉ. श्रीमती रूपल परमार द्वारा किया गया।

राष्ट्रीय हाथकरघा दिवस पर 9 दिवसीय प्रदर्शनी का होगा आयोजन
आकर्षण का केन्द्र होगी 7 अगस्त से 15 अगस्त तक आयोजित होने वाली प्रदर्शनी
छत्तीसगढ़ के विभिन्न हाथकरघा वस्त्रों और शिल्पकला की बिखरेंगी छटा

रायपुर / शौर्यपथ /

लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी एवं ग्रामोद्योग मंत्री गुरू रूद्रकुमार छत्तीसगढ़ हाट परिसर पण्डरी रायपुर में राष्ट्रीय हाथकरघा दिवस पर 7 अगस्त को दोपहर 3 बजे आयोजित होने वाले 9 दिवसीय प्रदर्शनी का शुभारंभ करेंगे। यह प्रदर्शनी 15 अगस्त तक सुबह 11 बजे से रात्रि 9 बजे तक आम लोगों के लिए खुली रहेगी। प्रदर्शनी के शुभारंभ अवसर पर संसदीय सचिव श्रीमती अंबिका सिंहदेव, छत्तीसगढ़ राज्य गृह निर्माण मंडल के अध्यक्ष श्री कुलदीप जुनेजा, छत्तीसगढ़ खादी एवं ग्रामोद्योग बोर्ड के अध्यक्ष श्री राजेन्द्र तिवारी, छत्तीसगढ़ हस्तशिल्प विकास बोर्ड के अध्यक्ष श्री चंदन कश्यप, छत्तीसगढ़ राज्य हाथकरघा विकास एवं विपणन संघ के अध्यक्ष श्री मोतीलाल देवांगन सहित छत्तीसगढ़ माटीकला बोर्ड के अध्यक्ष श्री बालम चक्रधारी विशिष्ट अतिथि के रूप में उपस्थित रहेंगे।
संचालक ग्रामोद्योग श्री सुधाकर खलखो ने बताया कि सातवें राष्ट्रीय हाथकरघा दिवस के अवसर पर 9 दिवसीय हाथकरघा एवं हस्तशिल्प प्रदर्शनी का आयोजन किया जा रहा है। इस प्रदर्शनी में राज्य के 18 बुनकर समितियों, 20 हस्तशिल्प कारीगरों, खादी एवं ग्रामोद्योग और माटीकला शिल्पकारों के 5-5 तथा रेशम वस्त्र और धागाकरण के दो स्टॉल सहित कुल 50 स्टॉल लगाए जाएंगे। प्रदर्शनी में छत्तीसगढ़ राज्य का हस्तशिल्प ढोकरा, लौह शिल्प, काष्ठ शिल्प, बांस शिल्प, गोदना शिल्प, शीसल शिल्प, टेराकोटा शिल्प, भित्ती चित्र, पत्थर शिल्प, कौंड़ी शिल्प, तूम्बा शिल्प, कशीदाकारी और पारम्परिक वस्त्र सहित विविध शिल्प इत्यादि एवं हाथकरघा वस्त्रों में कोसा सिल्क, टसर सिल्क, कॉटन के ड्रेस मटेरियल, साडिय़ाँ, टुपट्टे, चादर, बेडशीट तथा खादी वस्त्रों और ग्रामोद्योग द्वारा निर्मित सामग्रियों का विक्रय भी प्रदर्शनी में मुख्य आकर्षण का केन्द्र रहेंगे।
प्रदर्शनी में राजधानी वासियों के लिए त्योहारों के मौसम में उनके पसंद के अनुरूप गृह उपयोगी और साज-सज्जा की आकर्षक सामग्रियां और हाथकरघा वस्त्रों तथा हस्तशिल्प की वस्तुएं वाजिब दामों पर बिक्री के लिए उपलब्ध रहेंगे। इस आयोजन के दौरान राज्य शासन द्वारा जारी कोरोना गाइडलाइन का विशेष रूप से पालन किया जाना है।

1 अगस्त से 30 दिसंबर तक सम्पत्ति कर जमा करने 4 से 2 प्रतिशत तक दी गई छूट
नगर निगम ने दुकानो का अप्रैल एवं मई माह के मासिक किराये के अधिभार शुल्क किया माफ

दुर्ग / शौर्यपथ / शुक्रवार 06 अगस्त को बजट बैठक के दूसरे दिन निर्धारित समय दोपहर 12 बजे प्रारंभ हुआ । महापौर धीरज बाकलीवाल द्वारा प्रस्तुत बजट वर्ष 2021-22 पर चर्चा से प्रारंभ हुआ। बजट के सभी मुद्दो पर संबंधित विभाग प्रभारी के साथ विभागवार चर्चा किया गया। भोजन अवकाश के पश्चात् बजट प्रस्ताव शेष विषयों को सभापति के द्वारा क्रमवार रखा गया जिसमें नगर निगम, दुर्ग क्षेत्र अंतर्गत बस स्टैण्ड स्थिति बुकिंग कार्यालय के समीप दुकान क्र.-01 एवं 02 को तृतीय निविदा के पश्चात् प्राप्त ऑफर दर आफसेट मूल्य से अधिक होने के कारण निविदाकार श्रीमती लीना जैन एवं श्रीमती भारती जैन के आफर दर को सर्वसम्मति से स्वीकृत किया गया।
नगर पालिक निगम, दुर्ग सीमा क्षेत्र अंतर्गत निगम द्वारा आबंटित सभी दुकान का किराया नियम कंडिका क्र.-14 के अनुसार नियत समय पर नही पटाने पर 10 प्रतिशत् अधिभार शुल्क लिया जाता था, जिसे कोरोनाकाल को देखते हुए दो माह अप्रैल एवं मई 2021 के मासिक किराये का अधिभार शुल्क माफ किया जाना प्रस्तावित किया गया था इसी प्रकार सम्पत्ति कर 31 जुलाई तक जमा किये जाने पर छ: प्रतिशत्, 30 सितम्बर तक जमा करने पर चार प्रतिशत् एवं 30 दिसम्बर तक जमा करने पर दो प्रतिशत् की छूट दिये जाने का निर्णय सर्वसम्मति से स्वीकृत किया गया।
दीपक नगर स्थित मालवीय उ0मा0शाला में स्वामी आत्मानंद इंग्लीश मिडियम स्कूल के संपूर्ण सिविल कार्य हेतु तकनिकी स्वीकृति अनुसार योजना की लागत राशि 156.87 लाख प्रशासकीय स्वीकृति प्रदान करते हुए पृथक-पृथक निविदा आमंत्रण की अनुमति हेतु प्रकरण सर्वसम्मति से स्वीकृत किया गया । दुर्ग शहर में पैथोलॉजी एवं डॉयग्नोस्टिक सुविधाएं हेतु सिटी डायग्नोस्टिक सेंटर प्रारंभ करने के लिए नगर निगम, दुर्ग के नल घर परिसर में निर्मित शॉपिंग कॉम्पलेक्स के द्वितीय तल में 3,000 वर्गफीट क्षेत्र का चयन तथा निर्धारित किराया दर पर दुर्ग भिलाई अर्बन पब्लिक सर्विस सोसायटी को हस्तांतरित करने हेतु प्रकरण को सर्वसम्मति से स्वीकृत किया गया ।
मुख्यमंत्री छत्तीसगढ़ शासन द्वारा शहीद वीरनारायण सिंह मूर्ति स्थापना हेतु घोषणा के पालनार्थ गठित समिति की अनुसंशा अनुसार जी0ई0 रोड पर नगर निगम द्वारा निर्मित गंजपारा के सामने रिक्त स्थल पर अनुसंशा की गई जिसे सर्वसम्मति से अनुसंशा किया गया । नगर निगम दुर्ग में पार्षद के रूप में राजनिति प्रारंभ करने वाले श्रद्धेय मोती लाल वोरा अविभाजित मध्यप्रदेश के मुख्यमंत्री, उत्तर प्रदेश के राज्यपाल तथा भारत सरकार के विभिन्न विभागें के केन्द्रीय मंत्री के रूप में कार्य कर दुर्ग शहर को गौरावांन्वित किया। जनहित के कार्यो के लिए जीवन के अंतिम क्षण तक संजीदगी से क्रियाशील रहने वाले मोतीलाल वोरा की स्मृति को अक्ष्क्षुण रखने तथा उनसे प्रेरणा प्राप्त करने के लिए जनाकांक्षा के अनुरूप शिवनाथ नदी मुक्तिधाम में उनके अंतिम संस्कार स्थल को समाधि के रूप में सुरक्षित एवं विकसित किये जाने तथा इसी प्रकार जनहित के कार्यो तथा छत्तीसगढ़ राज्य के स्वप्न को साकार करने में अपना अमूल्य योगदान देने वाले वरिष्ठ राजनीतिज्ञ श्रद्धेय दाऊ वासुदेव चन्द्राकर, पूर्व विधायक म0प्र0 विधानसभा की स्मृति को अक्ष्क्षुण रखने हेतु मालवीय नगर चौक स्थित रोजगार कार्यालय में उनकी प्रतिमा स्थापित किये जाने हेतु प्रस्ताव प्रस्तुत किया गया है । जिसे पूरे सदन द्वारा सर्वसम्मति से अनुसंशित एवं स्वीकृत किया गया । विगत 14 दिसंबर गत 7 जनवरी, 25 जनवरी को मेयर इन काउंसिल की बैठक के लिये गए निर्णय वित्तीय अधिकारों के प्रयोग से संबंधित जानकारी निगम परिषद को समक्ष सूचनार्थ एवं पार्षदो द्वारा लोक महत्व के विषयों पर व्यक्तव्य देने के लिए प्रस्तुत प्रस्ताव प्राप्त होने पर छत्तीसगढ़ नगर पालिका (कामकाज के संचालन की प्रक्रिया) नियम 2016 में उल्लेखित प्रावधानों के अनुसार कार्यवाही की जावेगी, की सर्वसम्मति से पुष्टी की गई है ।
सामान्य सभा की समाप्ति के पूर्व महापौर धीरज बाकलीवाल द्वारा पक्ष-विपक्ष, एल्डरमेंन एवं निर्दलीय पार्षदो के साथ-साथ प्रिंट एवं इलेक्ट्रॉनिक मिडिया एवं सदन के दर्शाक दीर्धा उपस्थित वरिष्ठजनो को बजट बैठक में उपस्थित होने पर धन्यवाद दिया । कोरोनाकाल एवं मोतीलाल वोरा के निधन के पश्चात् प्रथम सामान्य सभा होने के कारण, वार्ड क्र.-01 के पार्षद मनीष साहू के बडे भाई एवं वार्ड पार्षद हेमेश्वरी निषाद के दादा ससुर के निधन पर, कोरोना से आम नागरिको के परिजनों के दिवंगत होने पर श्रद्धांजली देने हेतु सदन में दो मिनट का मौन रखकर उन्हे श्रद्धांजली अर्पित किया गया तद्पश्चात् सभापति राजेश यादव द्वारा सामान्य सभा समाप्ति की घोषणा की गई।
कमिश्नर हरेश मंडावी,एमआईसी सदस्य अब्दुल गनी, दीपक साहू, ऋषभ जैन, संजय कोहले, भोला महोबिया, श्रीमति जयश्री जोशी, अनूप चंदनिया, हमीद खोखर, श्रीमती सत्यवती वर्मा,मनदीप सिंह भाटिया, सुश्री जमुना साहू, शंकर ठाकुर, पार्षद नेता प्रतिपक्ष अजय वर्मा, मदन जैन, राजकुमार नारायणी, देवनारायण चन्द्राकर,शिवेंद्र परिहार,अरुण सिंह, सुश्री नीता जैन,श्रीमती श्रीमती मीना सिंह, शेखर चन्द्राकर,भास्कर कुंडले, काशीराम कोसरे, श्रीमती मनी गीते,प्रकाश जोशी सहित सभी पार्षद एवं एल्डरमेन के अलावा निगम अधिकारी कार्यपलान अभियंता एमपी गोस्वामी,आरके पांडेय,जिंतेंद्र सैमया,प्रकाशचंद थावनी,आरके पालिया,वीपी मिश्रा,जनसम्पर्क अधिकारी गिरीश दीवान, विनोद मांझी, आरके बोरकर, दुर्गेश गुप्ता, शरद रत्नकर,मनोहर साहू,राजेन्द्र साहू,शुभम गोइर समेत अन्य निगम कर्मचारी मौजूद थे।

व्यापारी एवं उद्यमी ग्रामीण क्षेत्रों के उत्पादों की मार्केटिंग के लिए चैन सिस्टम विकसित करें
सरकार की मंशा गांव प्रोडक्शन और शहर ट्रेडिंग के केन्द्र बनें
लाभप्रद व्यवसाय के लिए गांवों और शहरों का एकजुट होना जरूरी

रायपुर / शौर्यपथ /

मुख्यमंत्री बघेल ने राज्य के व्यापारियों एवं उद्यमियों को छत्तीसगढ़ के कृषि उत्पाद एवं लघुवनोपज के वेल्यूएडिशन और व्यापार के लिए आगे आने का आव्हान किया है। मुख्यमंत्री ने कहा है कि छत्तीसगढ़ सरकार द्वारा राज्य की नयी औद्योगिक नीति में कई तरह की सहूलियतें दी गई है। उन्होंने कहा कि राज्य के ग्रामीण अंचल में फूड प्रोसेसिंग यूनिट, लघु वनोपज की प्रसंस्करण यूनिट सहित अन्य सामग्रियों के उत्पाद को बढ़ावा दिया जा रहा है। उन्होंने व्यापारियों एवं उद्यमियों से राज्य के ग्रामीण क्षेत्रों के उत्पादों की मार्केटिंग के लिए चैन सिस्टम विकसित करने की भी बात कही। मुख्यमंत्री श्री भूपेश बघेल आज शाम यहां अपने निवास कार्यालय में छत्तीसगढ़ चेम्बर आफ कामर्स एंड इंडस्ट्रीज के प्रतिनिधि मंडल को सम्बोधित कर रहे थे।
मुख्यमंत्री ने कहा कि छत्तीसगढ़ सरकार द्वारा गांवों के गौठानों में इंडस्ट्रियल पार्क की स्थापना की जा रही है। यहां ग्रामीणों एवं महिला स्व-सहायता समूहों द्वारा स्थानीय स्तर पर उपलब्ध कृषि एवं वनोत्पाद से संबंधित आयमूलक गतिविधियां संचालित की जा रही है। उन्होंने कहा कि व्यापारी एवं उद्यमी अपनी डिमांड एवं क्वालिटी के आधार पर गांवों में कृषि एवं लघु वनोपज से संबंधित उत्पादों का वैल्यूएडिशन एवं प्रोडक्शन करा सकते हैं। इसके लिए ग्रामीणों एवं महिला स्व-सहायता समूहों को ट्रेनिंग देकर उन्हें स्किल्ड करने की जरूरत है। मुख्यमंत्री ने कहा कि इससे ग्रामीणों, महिला स्व-सहायता समूहों के उत्पाद को आसानी से मार्केट उपलब्ध हो सकेगा। ग्रामीण इलाकों में रोजगार के अवसर सुलभ होंगे। व्यापारियों एवं उद्यमियों को वाजिब दाम पर उच्च क्वालिटी के प्रोडक्ट मिलेंगे, जिससे व्यापार में लाभ होगा।
मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने इस मौके पर कहा कि अमचूर जो औसतन 80 से 120 रूपए किलो में बिकता है। दंतेवाड़ा में सिर्फ अमचूर कटिंग में स्टेनलेस ब्लेड का उपयोग करने से यह अमचूर 600 रूपए किलो में बिकने लगा है। कोण्डागांव का तिखूर ड्रिंक वियतनाम जा रहा है। उन्होंने कहा कि हम चाहते हैं कि हमारे राज्य के व्यापारी और उद्यमी छत्तीसगढ़ के उत्पाद को देश-दुनिया में ट्रेडिंग करें। मुख्यमंत्री ने व्यापारियों एवं उद्यमियों को इसके लिए शासन की ओर से हर संभव मदद करने की बात कही। मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य में मिशन मिलेट शुरू किया गया है। उन्होंने कहा कि गांवों को शहरों से व्यापार-व्यवसाय के मामले में जोडऩे की जरूरत है। मुख्यमंत्री ने इस मौके पर चेम्बर ऑफ कॉमर्स के के प्रदेश कार्यालय भवन के निर्माण के लिए रायपुर में रियायती दर पर भूमि आबंटित करने, उरला औद्योगिक क्षेत्र को बिरगांव नगर निगम की सीमा से पृथक रखने, प्रदेश के सभी जिलों में थोक व्यापार के लिए होल सेल कारिडोर की स्थापना तथा फ्री होल्ड भूमि के संबंध में आवश्यक कार्यवाही की बात कही।
इस अवसर पर छत्तीसगढ़ चेम्बर ऑफ कॉमर्स एवं इंडस्ट्रीज के अध्यक्ष श्री अमर परवानी ने राज्य के 8 लाख व्यापारियों की ओर से मुख्यमंत्री भूपेश बघेल का अभिनंदन किया और कहा कि चेम्बर ऑफ कॉमर्स मुख्यमंत्री भूपेश बघेल के विजन अनुरूप राज्य के चहुंमुखी विकास में सहभागी बने यह हमारा प्रयास होगा। उन्होंने कहा कि आपके नेतृत्व में उद्योग एवं व्यापार को प्रोत्साहन और बेहतर वातावरण का निर्माण हुआ है। उन्होंने व्यापार-व्यवसाय की बेहतरी के लिए मुख्यमंत्री भूपेश बघेल द्वारा लिए गए फैसले की सराहना करते हुए कहा कि यही वजह है, कि राज्य को जीएसटी में 33 प्रतिशत की ग्रोथ मिली है। उन्होंने राज्य में फूड प्रोसेसिंग एवं कृषि आधारित उद्योग, कुटीर एवं लघु उद्योग को बढ़ावा देने तथा गांव और गौठानों से व्यापारी और व्यवसायियों को जोडऩे के लिए चेम्बर ऑफ कॉमर्स द्वारा की जा रही पहल की भी जानकारी दी।
उन्होंने कहा कि चेम्बर इसका भी आंकलन कर रहा है कि छत्तीसगढ़ से कौन-कौन से उत्पाद अन्य राज्यों एवं देशों को जाते हैं, उसे चिन्हित कर इसका राज्य में विपुल पैमाने पर उत्पादन करने की दिशा में चेम्बर परिवार काम करेगा। इस मौके पर चेम्बर ऑफ कॉमर्स की समस्याओं एवं मांगों के संबंध में मुख्यमंत्री को ज्ञापन सौंपा। इस अवसर पर संरक्षक महेन्द्र धाडि़वाल, सीतामल वाधवानी एवं गर्ग ने भी अपने विचार व्यक्त किए। कार्यक्रम में छत्तीसगढ़ नागरिक आपूर्ति निगम के अध्यक्ष रामगोपाल अग्रवाल, छत्तीसगढ़ खनिज विकास निगम के अध्यक्ष गिरीश देवांगन सहित चेम्बर ऑफ कॉमर्स की कार्यकारणी के पदाधिकारी एवं सदस्यगण उपस्थित थे।

राजनांदगांव / शौर्यपथ / डी श्रवण पुलिस अधीक्षक, श्रीमती प्रज्ञा मेश्राम अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक के निर्देशन एवं जीसी पति अनुविभागीय अधिकारी पुलिस खैरागढ़ के मार्गदर्शन मे निरीक्षक शशीकांत सिन्हा थाना प्रभारी घुमका के द्वारा पशु तस्करी रोकने हेतू थाना स्तर पर टीम गठित की गई थी। रात्रि पेट्रोलिंग के दौरान मुखबीर से सूचना प्राप्त हुई कि एक ट्रक में कुछ लोग मवेशी भर कर नागपुर की ओर कत्ल खाना ले जा रहे है। रात्रि पेट्रोलिंग के दौरान संदिग्ध ट्रक का पिछा किया गया। पुलिस गाड़ी को आता देख कर ट्रक चालक द्वारा ट्रक को रोक कर चालक एवं आरोपीगण अंधेरे का फायदा उठा कर खेतों के रास्ते फरार हो गये।
मौके पर ट्रक मे 28 नग बैल बछडा जो गाडी मे ठूस-ठूस कर भर कर कत्ल खाना ले जा रहे थे, सभी मवेशीयो का पशु चिकित्सक द्वारा परीक्षण करा कर सकुशल ग्राम बरगही गौशाला मे सुरक्षार्थ रखा गया एवं घटना मे प्रयुक्त ट्रक को जप्त किया गया। अज्ञात आरोपी एवं वाहन स्वामी का पता-तलाश जारी है।

० एमेजान ई-कामर्स कम्पनी के माध्यम से राजनांदगांव, छत्तीसगढ सहित अन्य प्रदेशों में खाद विक्रय
० महापौर ने किया एमेजान कंपनी को नवी मुुंबई, वाराणसी व उत्तराखंड भेजने वर्मी खाद हस्तांतरित

राजनांदगांव/ शौर्यपथ / छत्तीसगढ़ शासन की महती योजना गोधन न्याय योजना के क्रियान्वयन के तहत नगर निगम राजनांदगांव द्वारा 4 गौठान केन्द्र नवागांव, रेवाडीह, मोहारा एवं लखोली में गोबर खरीदी कर वर्मी खाद का निर्माण किया जा रहा है। वर्मी कम्पोस्ट का लाभ नागरिकों को दिये जाने हाट बाजार में वर्मी कम्पोस्ट बिक्री केन्द्र खोला गया है और घर बैठे ऑनलाईन के माध्यम से खाद खरीदने ई-कामर्स कम्पनी एमेजान से खाद विक्रय करने की पहल राजनांदगांव नगर निगम द्वारा की गयी, जिसका अच्छा प्रतिसात मिल रहा है और राजनांदगांव के अलावा अन्य राज्यों के लोग भी एमेजान के माध्यम से ऑनलाईन वर्मी खाद क्रय करने आर्डर कर रहे है। इसी कड़ी में नवी मुंबई, वाराणसी एवं उत्तराखंड से ऑनलाईन आर्डर प्राप्त होने पर महापौर श्रीमती हेमा सुदेश देशमुख ने संबंधितो तक खाद पहुॅचाने प्रथम डिलवरी के तहत एमेजान कंपनी के लोगों को 5-5 किलो वर्मी कम्पोस्ट हस्तांतरित किये।
महापौर श्रीमती हेमा देशमुख ने बताया कि छत्तीसगढ शासन द्वारा खेतीहर किसानों तथा पशु पालकों के हित में गोधन न्याय योजना प्रारंभ किया गया है। योजना के तहत 2 रूपये किलो की दर से सरकार द्वारा पशुपालकों से गोबर खरीदा जा रहा है। गोबर से महिला स्व सहायता समूहों के माध्यम से वर्मी कम्पोस्ट का निर्माण किया जा रहा है। उक्त खाद के उपयोग से फसल के उत्पादन में वृद्धि होकर किसानों को फायदा हो रहा है और गोबर विक्रय करने से पशु मालिकों को भी आर्थिक लाभ मिल रहा है, साथ ही खाद बनाने से महिला स्व सहायता समूहो को भी रोजगार प्राप्त हो रहा है। उन्होंने बताया कि नगर निगम राजनांदगांव द्वारा भी 4 गौठान केन्द्र नवागांव, रेवाडीह, मोहारा एवं लखोली में गोबर खरीदी कर वर्मी खाद के अलावा, गमला, दिया एवं गोबर की लकडी बनायी जा रही है। वर्मी कम्पोस्ट का लाभ नागरिकों को दिये जाने हाट बाजार में वर्मी कम्पोस्ट बिक्री केन्द्र भी प्रारंभ किया गया है। जहॉ न्यूनतम दर पर वर्मी कम्पोस्ट खाद का विक्रय किया जा रहा है। साथ ही डोर-टू-डोर कचरा संग्रहण करने वाली स्वच्छता दीदीया भी घर घर जाकर वर्मी खाद का विक्रय कर रही है, जिससे नगर निगम को आय प्राप्त हो रही है।
महापौर श्रीमती देशुख ने बताया कि अब नगर निगम खाद बेचने में प्रगति करते हुये एमेजान एवं इंडिया मार्ट जैसी ई-कामर्स कम्पनी के माध्यम से खाद विक्रय करना प्रारंभ की है, जिसका अच्छा प्रतिसात मिल रहा है और राजनांदगांव छत्तीसगढ के साथ साथ अन्य प्रदेश के लोग भी एमेजान के माध्यम से ऑनलाईन आर्डर कर वर्मी कम्पोस्ट प्राप्त कर घर बैठे लाभ ले रहे है। इसी कडी में वाराणसी, नवी मुंबई एवं उत्तराखंड के लोग वर्मी कम्पोस्ट खाद क्रय करने एमेजान से आर्डर किये थे, जिसे आज एमेजान कम्पनी को डिलवरी हेतु वर्मी कम्पोस्ट खाद हस्तांतरित किया गया। जिसमें वाराणसी व उत्तराखंड के लिये 1-1 बैग एवं नवी मुंबई के लिये 2 बैग 5-5 किलो का दिया गया, ताकि उन्हें घर बैठे शीघ्रता से खाद प्राप्त हो सके। उन्होंने बताया कि राजनांदगांव के लोग भी एमेजान के माध्यम से वर्मी खाद का ऑनलाईन आर्डर किये जिससे नगर निगम को अब तक 20 हजार रूपये की आय प्राप्त हुई है और आर्डर की कड़ी में कलकत्ता से भी एमेजान के माध्यम से वर्मी खाद के लिये आर्डर प्राप्त हुआ है। जिसे भी शीघ्र डिलवरी की जावेगी। उन्होंने बताया कि राजनांदगांव नगर निगम छत्तीसगढ़ की पहली सस्था है जो ऑनलाईन वर्मी खाद बेचने की प्रक्रिया प्रारंभ की है, ताकि लोगों को घर बैठे वर्मी खाद प्राप्त हो सके।
इस अवसर पर स्वास्थ्य विभाग के प्रभारी सदस्य गणेश पवार, गोधन न्याय योजना के सह प्रभारी व प्र.सहायक अभियंता संदीप तिवारी, प्रोग्रामर पंकज चंद्रवंशी सहित एमेजान कम्पनी के लोग उपस्थित थे।

धर्म / शौर्यपथ / सावन का महिना मनभावन होता है। पेड़ पौधे, जीव-जंतु सभी इस महिना में खुशी से झूमते-नाचते-गाते हैं। ऐसे मनभावन मास में अमावस के दिन छत्तीसगढ़ का महापर्व "हरेली "आता है। हरेली मनाते छत्तीसगढ़ के रहवासी अपने खेत-खार, गाय-बैल, घर-परिवार की सुख-समृद्धि हेतु मनौती मांगते हैं। इन अर्थों में हरेली लोकहितैषी त्योहार है। पुराने समय में इसे बड़े धूमधाम से मनाने का चलन था,पर बदलते वक्त और नये जमाने के रंग ने हरेली के रंग को बदरंग करना आंरभ कर दिया।
हरेली के बदरंग होने की पीड़ा छत्तीसगढ़ के बुजुर्गो, चिंतकों को घुन कीड़े की तरह खाने लगी।ऐसा लगने लगा मानो छत्तीसगढ़ के तीज त्यौहार विलुप्त हो जाएंगे। इसके पीछे एक बड़ा कारण यह भी था, गांव के बच्चे शहर पढ़ने के लिए बड़ी तेजी से जाने लगे। ऐसे नई पीढ़ी के लोग शहरी चमक दमक को गांव में पसारने लगे। जिससे छत्तीसगढ़ के तीज त्योहार, खाई -खजाना, नरवा- नदिया, कांदा -कुसियार, खेल -खिलौनों की पूछ परख भी शनै शनै कम होने लगी। गांव के बच्चे अपने मूल रीति रिवाज को भूलने लगे।
गांव में शहरों की भांति विकास होना सबके लिए बेहतर हो सकता है, किंतु विकास की आड़ में बदलाव के बवंडर से तीज- त्यौहार, रीति -रिवाज और परंपराओं का लुप्त हो जाना छत्तीसगढ़ की नयी पीढ़ी के लिए शुभ संकेत नहीं कहा जा सकता क्यों कि कहते हैं-
जिस गांव में पानी नहीं गिरता ,
वहां की फसलें खराब हो जाती हैं ,
जहां तीज त्यौहार का मन नहीं होता,
वहां की नस्लें खराब हो जाती है
इस बात को मुख्यमंत्री श्री भूपेष बघेल जी के संग छत्तीसगढ़ सरकार के सभी गुणी जनों ने समझा और छत्तीसगढ़ के तीज त्यौहारों को पुनर्जीवित प्रतिष्ठित करने का बीड़ा उठाया। गढ़बो नवा छत्तीसगढ़ का नारा देते छत्तीसगढ़ के इतिहास में पहली बार हरेली, तीजा, भक्त माता कर्मा जयंती और विश्व आदिवासी दिवस में अवकाश देने का ऐतिहासिक फैसला लिया गया। ऐसा फैसला करके उन्होंने इस बात का भी संदेश दिया -
"जीवन की किताबों पर बेशक नया कव्हर चढ़ाइये,
पर बिखरे पन्नों को पहले प्यार से चिपकाइये"

हरेली पर्व में अवकाश देने की पहल से सरकार की नई सोच उजागर हुई ।साथ ही नई पीढ़ी के बच्चों को हरेली पर गॉव से जुड़ने, गेंड़ी चढ़ने, बैलगाड़ी दौड़ ,नारियल फेक सहित फुगड़ी-बिल्लस, बांटी-भौंरा आदि लोक खेलों को जानने, ग्रामीण गतिविधियों में भागीदारी देने के अलावा छत्तीसगढ़ी ब्यजंन जैसे गुरहा चीला, ठेठरी-खुरमी का स्वाद लेने का सुनहरा अवसर मिला है।
गाय बैल को खिलाते हैं लौंदी
हरेली के पर्व पर पर सभी किसान ग्रामीणजन अपने अपने घर के पुस्तैनी किसानी औजार जैसे हल,(नागर ) फावड़ा, कुदाली (गैंती), हंसिया, एवं खेती किसानी के अन्य छोटे बड़े औजार को साफ सुथरा धोकर, गोबर से लिपे पुतेऔर रंगोली से सजे आंगन में रखकर पूजा करते है। इस बहाने किसानी कार्य में उपयोग लिए जाने वाले पशुओं को आराम मिल जाता है और औजारों की साफ-सफाई तथा मरम्मत का कार्य भी वर्ष भर के लिए पूर्ण हो जाता है। गाय बैलों को निरोगी बनाए रखने के लिए हरेली के दिन नमक और औषधियुक्त पौधों की पत्तियों को पीसकर "लौंदी" बनाकर खिलाया जाता है। इससे पशुधन की रक्षा होती है
नीम पत्ती घर द्वार में लगाते हैं
हरेली के पर्व में गांव -गांव घर -घर के द्वार पर नीम की टहनियां को टांगने का रिवाज है। इसके पीछे एक बड़ा कारण यही है कि बरसात के मौसम में विविध प्रकार की बीमारियां का जन्म और फैलाव होता है। ऐसी बीमारियों को जन्म देने वाले कीटाणु को मारने की ताकत नीम की पत्ती में होती है, यह पत्ती संक्रमण को रोकने और प्रतिरोधक क्षमता को बढ़ाने में भी सहायक है, अतः हरेली पर्व पर नीम की पत्तियां लगाने की प्रथा अत्यंत पुरानी है । इस दृष्टि से हरेली का त्योहार पेड़ पौधों की भी सुरक्षा और मानव जीवन में स्वच्छ पर्यावरण की उपादेयता को भी बताता है।
चौखट पर कील ठोकने का रिवाज
हरेली पर्व के दिन घर -घर के बाहर दरवाजे के चौखट पर गांव के लोहार द्वारा कील ठोकने की भी प्रथा है। इसके पीछे एक बड़ा राज यही छुपा हुआ है कि वर्षा काल में बरसते बादल और बिजली गिरने का बड़ा खतरा होता है। ऐसी आकाशीय बिजली को लोहे से निर्मित वस्तुएं अपनी और खींच कर जमीन में समाहित कर देती हैं, जिससे जीव जंतुओं पर बिजली गिरने का खतरा कम हो जाता है। हालांकि आज के जमाने में अब अधिकांश घरों में लोहे से निर्मित खिड़की ग्रिल दरवाजे लगाने का प्रचलन है इसीलिए अब चौखट पर कील ठोकने की प्रथा भी लगभग समाप्त हो चली है,। ये पुरानी प्रथाएं रिवाज हमें बताते हैं कि वैज्ञानिक तथ्यों पर आधारित हैं हमारी अधिकांश पारंपरिक प्रथाएं, जिन्हें हमारे अनपढ़ पुरखों ने अपने व्यावहारिक ज्ञान के बूते आजमाया है।
हरेली का पर्व प्रकृति और संस्कृति से जुड़ने के अलावा आपसी भाईचारा ,मेल मिलाप को भी बढ़ावा देता है। इस पर्व पर कीचड़ में चर्र चूं चर्र चूं करती गेंड़ी, गुरहा चीला-भजिया का स्वाद, सखी सहेलियों के साथ फुगड़ी और सवनाही झूले का आनंद यह संदेश देता है-
भुंइयां हरियर दिखत हे,
जइसे संवरे दुलहिन नवेली
हरेक के पीरा हरे बर आगिस
गांव म हमर तिहार हरेली।

विजय मिश्रा  ‘अमित’                         पूर्वअति.महाप्रबंधक(जन.)

राजनांदगांव / शौर्यपथ / चार दिनों तक लगातार बारिश होने से बाधों में पानी भरने एवं मोगरा जलाशय से पानी छोडने के कारण मोहारा एनीकट ओव्हर फ्लो होने पर 21 जुलाई 2021 को एनीकट का गेट नगर निगम द्वारा खोलवाया गया था, वर्तमान में कम वर्षा होने से एनीकट में जल भराव कम होने पर मोहारा एनीकट के गेट को पुनः बंद कराया गया।
इस संबंध में नगर निगम आयुक्त डॉ. आशुतोष चतुर्वेदी ने बताया कि गत सप्ताह लगातार बारिश होने के कारण मोगरा जलाशय से पानी छोडा गया, जिससे मोहारा एनीकट ओव्हर फ्लो हो गया था। ओव्हर फ्लो होने पर जल संसाधन विभाग से दिनांक 21 जुलाई को एनीकट का गेट खुलवाया गया। वर्तमान में जल प्रदाय विभाग के कार्यपालन अभियंता कामना सिंह यादव सहित जल प्रभारियों द्वारा मोहारा एनीकट का प्रतिदिन निरीक्षण किया जा रहा है। इस सप्ताह वर्षा नहीं होने के कारण एनीकट का ओव्हर फ्लो कम हो रहा है और 4 अगस्त को निरीक्षण में यह पाया गया कि एनीकट का ओव्हर फ्लो बंद हो गया है जिसके कारण एनीकट में जल भराव कम हो रहा है। जल भराव कम होने पर जल प्रभारी सहित जल संसाधन विभाग के कर्मचारियों द्वारा सयुक्त निरीक्षण कर आज दिनांक 5 अगस्त 2021 को मोहारा एनीकट के गेट को बंद कराया गया, ताकि शहरवासियों को पर्याप्त मात्रा में जल उपलब्ध कराया जा सके।
जल विभाग के प्रभारी कार्यपालन अभियंता श्री यादव ने बताया कि आयुक्त द्वारा प्रतिदिन पेयजल के संबंध में जानकारी ली जाती है। नगर निगम, मोहारा स्थित 10, 17 एवं 27 एम.एल.डी. परिशोधन संयंत्रों के माध्यम से शहर में नियमित जल प्रदाय कर रही है। शहर वासियों को साफ एवं स्वच्छ पेयजल उपलब्ध कराने एवं वर्षा ऋतु में जल जनित बिमारियों से बचाव हेतु निगम क्षेत्र में स्थित समस्त उच्च स्तरीय जलागारों, समस्त सम्पवेल का सफाई कार्य पुनः कराया गया एवं शहर में स्थापित 750 हैंडपंपों में से 428 हैंडपंपों में सोडियम हाईपोक्लोराईड डोजिंग का कार्य पूर्ण किया जा चुका है। मोहारा फिल्टर प्लांट के लेब में जल का परीक्षण प्रतिदिन किया जा रहा है एवं प्लांट के उच्च स्तरीय जलागार एवं निजी नल कनेक्शन के जल का कोलीफार्म वैक्टीरिया परीक्षण हेतु सेम्पल प्रतिदिन लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी विभाग को प्रेषित किया जा रहा है। जिसमें से जुलाई माह में 27 जुलाई 2021 तक कुल 125 जल सेम्पल की रिपोर्ट प्राप्त हो चुकी है। परीक्षण रिपोर्ट समस्त मानकों में सही पाया गया है।

राजनांदगांव / शौर्यपथ / टोक्यो ओलंपिक में भारतीय हॉकी टीम ने तीसरा स्थान प्राप्त किया, उनकी इस जीत की खुशी पूरे भारत देश में मनाई जा रही है। हॉकी नर्सरी राजनांदगांव में भी छत्तीसगढ हॉकी व जिला हॉकी संघ राजनांदगांव के तत्वधान में अंतर्राष्ट्रीय हॉकी स्टेडियम से मानव मंदिर चौक तक खिलाड़ियों द्वारा भव्य रैली निकालकर मानव मंदिर चौक में अतिशबाजी के साथ फटाका फोड़कर केक काटकर तथा मिठाई बांटकर खुशी मनाई गई।
इस अवसर पर श्रीमति हेमा सुदेश देशमुख महापौर नगर पालिक निगम, जितेन्द्र मुदलियर अध्यक्ष युवा आयोग छग शासन, हरिनारायाण (पप्पू) धकेता अध्यक्ष नगर पालिक निगम राजनांदगांव, कुलबीर सिंह छाबडा, अध्यक्ष शहर कांग्रेस कमेटी आदि की उपस्थिति में केक काटकर जीत का जश्न मनाया।
इसके पूर्व भारतीय हॉकी टीम की जीत पर शहर के गौरव पथ स्थित अंतर्राष्ट्रीय हॉकी स्टेडियम में भी राज्य युवा आयोग के अध्यक्ष जितेन्द्र मुदलियार, छत्तीसगढ हॉकी संघ के अध्यक्ष फिरोज अंसारी, कुतबुद्दीन सोलंकी, रमेश डाकलिया, एलेक्सेडंर किरो, मृणाल चौबे व वरिष्ठ हॉकी खिलाडियों की उपस्थिति में खिलाड़ियों के बीच केक काटकर कर जीत कि खुशी मनाई गई।
भारतीय हॉकी टीम ने इतिहास रचते हुए 41 साल बाद ओलंपिक में पदक हासिल कर लिया है। भारतीय हॉकी टीम ने ओलंपिक में जर्मनी को 5-4 से हराते हुए कांस्य पदक अपने नाम कर लिया है। भारत ने ओलंपिक हॉकी में आखिरी स्वर्ण पदक 1980 में मॉस्को में जीता था, तब से भारत को हॉकी में पदक का इंतजार था, जिसे मौजूदा हॉकी टीम ने खत्म कर दिया। पुरूष हॉकी में भारत ने 8 गोल्ड मेडल जीते है। भारत ने ओलंपिक में सबसे ज्यादा मेंडल पुरूष हॉकी में जीते है।
टीम ने 1928, 1932, 1936, 1948, 1952, 1956, 1964, और 1980 ओलंपिक में गोल्ड मेडल जीता था। इसके अलावा 1960 में सिल्वर और 1968, 1972 और 2021 (टोक्यो ओलंपिक 2020) में ब्रॉन्ज मेडल अपने नाम किया है।
उक्त सभी कार्यक्रम में प्रमुख रूप से, सूर्यकांत जैन, विकास त्रिपाठी, हॉकी कोच भुषण सॉव, हॉकी कोच अनुराज श्रीवास्तव, सुश्री ऑशा थॉमस, दौलत चंदेल, गणेश प्रसाद शर्मा, आशोक यादव, अब्दुल कादिर, महेन्द्र सिंग ठाकुर, विरेन्द्र सिंग भाटिया, ज्ञानचंद जैन, कुमार स्वामी, राजु रंगारी, गुणवंत पटेल, डॉ. शास्त्री द्विवेदी, राम साहू, विकास वैष्णाव, अनिल यादव, राम अवतार जोशी, प्रिंस भाटिया, श्रीमति ममता गुप्ता, किशोर धीवर, विष्णु सिन्हा, तीरथ गोस्वामी, शब्बीर सोलंकी, मनीष गौतम, अजय झा, नरेश सिन्हा, सुरेश तराणे, लक्ष्मण यादव, शकिल अहमद, अश्विनी राजपूत आदि शामिल थे।

हमारा शौर्य

हमारे बारे मे

whatsapp-image-2020-06-03-at-11.08.16-pm.jpeg
 
CHIEF EDITOR -  SHARAD PANSARI
CONTECT NO.  -  8962936808
EMAIL ID         -  shouryapath12@gmail.com
Address           -  SHOURYA NIWAS, SARSWATI GYAN MANDIR SCHOOL, SUBHASH NAGAR, KASARIDIH - DURG ( CHHATTISGARH )
LEGAL ADVISOR - DEEPAK KHOBRAGADE (ADVOCATE)