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नई दिल्ली /शौर्यपथ/रूसी सेना ने क्रिसमस के दिन यूक्रेन में सैकड़ों शहरों पर बमबारी की. रॉयटर्स की रिपोर्ट के मुताबिक यूक्रेन के शीर्ष सैन्य कमान ने कहा कि रूस ने रविवार को खार्किव क्षेत्र में कुपियांस्क जिले पर 10 से अधिक रॉकेट हमले किए, कुपियांस्क-ल्यमान फ्रंटलाइन के साथ 25 से अधिक शहरों में गोलाबारी की और ज़ापोरिज़्ज़िया में लगभग 20 शहरों को निशाना बनाया. पुतिन ने 24 फरवरी को यूक्रेन पर आक्रमण किया, जिसे मास्को एक "विशेष ऑपरेशन" कह रहा है. द्वितीय विश्व युद्ध के बाद से सबसे घातक यूरोपीय संघर्ष और 1962 के क्यूबा मिसाइल संकट के बाद से मास्को और पश्चिम के बीच सबसे बड़ा टकराव को जन्म दिया. पुतिन की बातचीत की नवीनतम पेशकश के बावजूद भी 10 महीने से जारी इस संघर्ष का कोई अंत नहीं दिख रहा है.
पुतिन ने रविवार को प्रसारित एक साक्षात्कार में रोसिया 1 टेलीविजन को बताया, "हम स्वीकार्य समाधानों के बारे में शामिल सभी लोगों के साथ बातचीत करने के लिए तैयार हैं, लेकिन यह उन पर निर्भर है - हम बातचीत से इनकार करने वालों में से नहीं हैं." यूक्रेनी राष्ट्रपति ज़ेलेंस्की के एक सलाहकार ने कहा कि पुतिन को वास्तविकता पर लौटने और यह स्वीकार करने की आवश्यकता है कि वो रूस था जो वार्ता नहीं चाहता था. सलाहकार माईखाइलो पोडोलीक ने ट्वीट किया, "रूस ने अकेले ही यूक्रेन पर हमला किया और नागरिकों को मार रहा है." "रूस बातचीत नहीं चाहता, लेकिन जिम्मेदारी से बचने की कोशिश करता है."बिजली स्टेशनों पर रूसी हमलों ने बिजली के बिना लाखों लोगों को छोड़ दिया है, और ज़ेलेंस्की ने कहा कि मास्को का लक्ष्य 2022 के आखिरी कुछ दिनों को अंधेरा और कठिन बनाना होगा.
उन्होंने क्रिसमस के दिन वीडियो संबोधन में कहा, "रूस ने इस साल वह सब कुछ खो दिया है जो वह कर सकता था ... मुझे पता है कि अंधेरा हमें कब्जेदारों को नई हार की ओर ले जाने से नहीं रोकेगा. लेकिन हमें किसी भी स्थिति के लिए तैयार रहना होगा," यूक्रेन पारंपरिक रूप से 25 दिसंबर को क्रिसमस नहीं, बल्कि रूस की तरह ही 7 जनवरी को मनाता है. हालांकि, इस साल कुछ रूढ़िवादी यूक्रेनियन ने 25 दिसंबर को छुट्टी मनाने का फैसला किया और ज़ेलेंस्की और यूक्रेन के प्रधान मंत्री के साथ शुरू होने वाले यूक्रेनी अधिकारियों ने रविवार को क्रिसमस की शुभकामनाएं दी. क्रेमलिन का कहना है कि वह तब तक लड़ेगा जब तक उसके सभी क्षेत्रीय लक्ष्य हासिल नहीं हो जाते, जबकि कीव का कहना है कि वह तब तक चैन से नही बैठेगा जब तक कि देश से हर रूसी सैनिक को बाहर नहीं कर दिया जाता.
यह पूछे जाने पर कि क्या पश्चिम के साथ भू-राजनीतिक संघर्ष खतरनाक स्तर पर पहुंच रहा है, पुतिन ने रविवार को कहा, "मुझे नहीं लगता कि यह इतना खतरनाक है." कीव और पश्चिम का कहना है कि पुतिन के पास कब्जे के शाही-शैली के युद्ध के रूप में जो कुछ भी है उसका कोई मतलब नहीं है. बेलारूस के एक वरिष्ठ रक्षा मंत्रालय के अधिकारी ने रविवार को कहा कि रूसी आपूर्ति वाली इस्कंदर सामरिक मिसाइल प्रणाली, जो परमाणु हथियार ले जाने में सक्षम हैं, और एस-400 वायु रक्षा प्रणाली को बेलारूस में तैनात किया गया है और वे अपने टास्क को करने के लिए तैयार हैं.
मंत्रालय में विचारधारा के मुख्य निदेशालय के प्रमुख लियोनिद कासिंस्की ने पोस्ट किए गए एक वीडियो में कहा, "हमारे सैनिकों, कर्मचारियों ने रूसी संघ और बेलारूस गणराज्य के सशस्त्र बलों के संयुक्त युद्ध प्रशिक्षण केंद्रों में अपना प्रशिक्षण पूरी तरह से पूरा कर लिया है." कासिंस्की ने कहा, "इस प्रकार के हथियार (इस्कंदर और एस-400 सिस्टम) आज ड्यूटी पर हैं और वे अपने टास्क के मकसद को पूरा करने के लिए पूरी तरह से तैयार हैं." यह स्पष्ट नहीं है कि जून में पुतिन के कहने के बाद बेलारूस में कितने इस्कंदर सिस्टम तैनात किए गए हैं कि मास्को उन्हें और वायु रक्षा प्रणालियों के साथ मिन्स्क की आपूर्ति करेगा.
रूसी सेना ने फरवरी में यूक्रेन की राजधानी कीव पर अपने निष्फल हमले के लिए बेलारूस को एक लॉन्च पैड के रूप में इस्तेमाल किया था, और हाल के महीनों में रूसी और बेलारूसी सैन्य गतिविधियों में तेजी आई है. नाटो द्वारा "एसएस -26 स्टोन" नामक एक मोबाइल गाइडेड मिसाइल सिस्टम कोड इस्कंदर-एम ने सोवियत काल के "स्कड" को बदल दिया. गाइडेड मिसाइलों की सीमा 500 किमी (300 मील) तक होती है और यह पारंपरिक या परमाणु हथियार ले जा सकती है. S-400 प्रणाली एक रूसी मोबाइल, सतह से हवा में मार करने वाली मिसाइल (एसएएम) अवरोधन प्रणाली है. यूक्रेनी और रूसी मीडिया ने सोमवार को बताया कि यूक्रेन के मोर्चे से सैकड़ों किलोमीटर (मील) की दूरी पर रूस के एंगेल्स एयर बेस पर धमाकों की आवाज सुनी गई.
हालांकि इसकी तत्काल कोई आधिकारिक पुष्टि नहीं हुई थी और रॉयटर्स भी स्वतंत्र रूप से रिपोर्टों को सत्यापित करने में सक्षम नहीं था. मॉस्को से लगभग 730 किमी (450 मील) दक्षिण-पूर्व में सेराटोव शहर के पास हवाई ठिकाने पर 5 दिसंबर को हमला किया गया था, जिसमें रूस ने कहा था कि उस दिन दो रूसी हवाई अड्डों पर यूक्रेनी ड्रोन हमले हुए थे. विश्लेषकों ने कहा कि हमलों ने मास्को को एक बड़ा प्रतिष्ठित झटका दिया और इस बारे में सवाल उठाए कि इसका बचाव विफल क्यों हुआ. यूक्रेन ने सार्वजनिक रूप से कभी भी रूस के अंदर हमलों की जिम्मेदारी नहीं ली है, लेकिन कहा है कि ऐसी घटनाएं रूस के आक्रमण का नतीजा है.
नई दिल्ली / शौर्यपथ /कोरोनावायरस और उससे होने वाला रोग COVID समूचे चीन में बेतरह फैलता जा रहा है, और संक्रमण के नए मामले हर शहर और प्रांत में लाखों की तादाद में रोज़ाना सामने आ रहे हैं, जो सरकारी आंकड़ों से कहीं ज़्यादा हैं, और उन्हीं से यह संकेत भी साफ हैं कि कोविड का फैलाव जनवरी में अपने चरम पर होगा.
ब्लूमबर्ग में प्रकाशित रिपोर्ट के मुताबिक, चीन के शीर्ष स्वास्थ्य नियामक राष्ट्रीय स्वास्थ्य आयोग ने रविवार को कहा कि वे रोज़ाना कोविड सर्वेलैन्स डेटा प्रकाशित करना बंद कर रहे हैं. माना जा रहा है कि चीन द्वारा ज़ीरो कोविड पॉलिसी से पीछे हटने के बाद हुए रोग के विस्फोटक फैलाव को कोविड सर्वेलैन्स डेटा कम दिखा रहा है.
140 करोड़ की आबादी वाले मुल्क में कोरोना के फैलाव के वास्तविक आंकड़े ज्ञात नहीं हैं, और इसी वजह से यह जानना भी मुश्किल है कि इससे अर्थव्यवस्था पर कितना बुरा प्रभाव पड़ेगा. बीजिंग को पूरी तरह चपेट में लेकर चौतरफा संक्रमण और अस्पतालों में क्षमता से ज़्यादा मरीज़ों के आ जाने के बाद ओमिक्रॉन वेरिएन्ट अब समूचे देश में फैल रहा है, जिससे दक्षिण के प्रमुख शहरों में फैलाव काफी बढ़ गया है.
मैन्युफैक्चरिंग और टेक हब माने वाले पूर्वी प्रांत ज़ेजियांग में अनुमानतः रोज़ाना 10 लाख संक्रमण के मामले आ रहे हैं. रविवार को स्थानीय अधिकारियों ने एक ब्रीफिंग में कहा कि यह आंकड़ा अब से दो हफ्तों में दोगुना हो सकता है, और इसमें जनवरी के उत्तरार्द्ध में कुछ सुधार हो सकता है.
एप्पल इंक. का प्रमुख उत्पादन बेस होने के चलते आमतौर पर 'आईफोन सिटी' के नाम से मशहूर मध्य चीन के ज़ेंगज़ू प्रांत में कोरोना के आंकड़ों के जनवरी के मध्य तक चरम पर पहुंचने की आशंका जताई जा रही है. स्थानीय ख़बरों के अनुसार, निकटवर्ती शैंगडॉन्ग और हुबेई प्रांतों में इसी वक्त (मध्य जनवरी) तक कोरोना के चरम पर पहुंचने की आशंका है.
एक आंतरिक बैठक के दौरान विचार-विमर्श में शामिल रहे व्यक्तियों द्वारा कन्फर्म किए गए बैठक के विषयों के मुताबिक, राष्ट्रीय स्वास्थ्य आयोग के अनुमान के अनुसार, देश में पिछले सप्ताह एक ही दिन में संक्रमण के लगभग तीन करोड़ 70 लाख मामले आए हो सकते हैं. यदि यह आंकड़ा सही है, तो यह जनवरी, 2022 में बने लगभग 40 लाख मामलों के पिछले दैनिक वैश्विक रिकॉर्ड को पीछे छोड़ देगा.
चीन के बड़े शहरों से दूर, कोरोनावायरस अब छोटे शहरों और ग्रामीण क्षेत्रों की ओर भी बढ़ रहा है. चीनी बिज़नेस न्यूज़ पोर्टल 'काइजिंग' की सप्ताहांत में प्रकाशित एक ख़बर के मुताबिक, कम संसाधनों वाले क्षेत्रीय अस्पतालों में रोग से निपटने का अनुभव भी बहुत कम है, और वे पहले से ही बुखार उतारने वाली दवाओं और अन्य बुनियादी उपचारों के लिए सीमित आपूर्ति की समस्या से जूझ रहे हैं.
पूर्वी प्रांत जियांगशी में भी जनवरी की शुरुआत में ही कोविड संक्रमणों के चरम पर पहुंचने की आशंका बताई जा रही है, और इसी समय का अनुमान दक्षिणी महानगर गुआंगझोऊ में कोरोना के चरम पर पहुंचने के लिए लगाया जा रहा है. सरकारी न्यूज़ एजेंसी 'चाइना न्यूज़ सर्विस' ने स्थानीय अधिकारियों का हवाला देते हुए बताया कि पास के अनहुई प्रांत में इसका प्रकोप उम्मीद से पहले शुरू हो गया है और संभवत: इस समय चरम पर है.
चीन का शीर्ष मेडिकल स्कूल पेकिंग यूनियन मेडिकल कॉलेज सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म 'वीचैट' पर लोगों को कोविड के अनुभव पर सर्वेक्षण करने के लिए प्रश्नावली भेज रहा है. स्वास्थ्य नियामक के विश्वसनीय संस्थान का कहना है कि वह कोविड के फैलाव के पैमाने का पता लगाने की कोशिश कर रहा है. स्कूल के मुताबिक, 21 दिसंबर तक सर्वेक्षण के पहले दौर में लगभग 4,70,000 ने प्रश्नावली का जवाब दिया है. स्कूल ने यह भी कहा कि यह विश्लेषण सरकार की जवाबी कार्रवाई के लिए महत्वपूर्ण संदर्भ साबित होगा.
रायपुर / शौर्यपथ / मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने आज बेमेतरा जिले में बेरला प्रवास के दौरान माता बिंदेश्वरी बघेल स्मृति सामुदायिक मनवा कुर्मी भवन का लोकार्पण किया। मुख्यमंत्री ने सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्र बेरला के 30 बिस्तर अस्पताल को मातृ शिशु अस्पताल (एमसीएच-मदर एण्ड चाइल्ड हॉस्पिटल) में उन्नयन कर 50 बिस्तर करने की घोषणा करते हुए कहा कि इस अस्पताल का नामकरण माता बिंदेश्वरी देवी के नाम पर किया जायेगा।
मुख्यमंत्री ने ग्राम हसदा में स्वामी आत्मानंद अंग्रेजी स्कूल प्रारंभ करने, बेरला में जिम और इनडोर स्टेडियम, भिंभौरी में विद्युत विभाग के सब स्टेशन निर्माण की घोषणा की। इसके अलावा उन्होने सामुदायिक भवन के आहाता के लिए आवश्यक कार्यवाही करने का भरोसा दिलाया। श्री बघेल ने सामुदायिक भवन परिसर में पर्यावरण संरक्षण को बढ़ावा देने वृक्षारोपण किया। मुख्यमंत्री ने इस अवसर पर गृहमंत्री ताम्रध्वज साहू, विधायक आशीष कुमार छाबड़ा, मनवा कुर्मी क्षत्रिय समाज धमधा राज के अध्यक्ष चंद्रशेखर परगनिहा, जनपद पंचायत अध्यक्ष हीरा देवी वर्मा, नगर पंचायत अध्यक्ष बेरला राजबिहारी कुर्रे सहित बड़ी संख्या में नागरिक उपस्थित थे।
मुख्यमंत्री ने आम नागरिकों को अपनी बधाई एवं शुभकामनाएं देते हुए कहा कि सामाजिक कार्यों के लिए इस भवन का उपयोग होगा। उन्होंने कहा कि अन्नदाताओं का प्रदेश छत्तीसगढ़ खुशहाली की ओर आगे बढ़ रहा है। इस वर्ष धान की फसल बढ़िया थी, धान की कटाई मिंजाई हो गई है। धान उपार्जन का कार्य बड़े पैमाने पर सुव्यवस्थित रुप से चल रहा है। खरीफ विपणन वर्ष 2022-23 में 110 लाख मीट्रिक टन धान खरीदी का लक्ष्य है, गत वर्ष राज्य सरकार द्वारा 98 लाख मीट्रिक टन खरीदी किया गया था। मुख्यमंत्री ने किसानों से गौठान में पैरादान करने की अपील की जिससे कि गौ-माता को भोजन के रुप में चारा मिल सकेगा। उन्होंने खेती-किसानी में रासायनिक खाद के उपयोग पर चिंता जाहिर करते हुए कहा कि इससे जमीन की उर्वरा शक्ति कमजोर हो रही है। किसान भाई जैविक खेती और कम्पोस्ट खाद का उपयोग कर अपनी पैदावार बढ़ा सकते हैं। मुख्यमंत्री ने लोगों को आगामी पर्व छेर-छेरा पुन्नी की बधाई एवं शुभकामनाएं दी।
गृहमंत्री ताम्रध्वज साहू ने कहा कि मुख्यमंत्री भूपेश बघेल किसानों की स्थिति में सुधार लाने के लिए प्रयास कर रहे हैं। समाज के सभी वर्गों के हित में योजनाएं चलाई जा रही है। राम-वन-गमन पथ हेतु 138 करोड़ का प्रावधान रखा गया है। कार्यक्रम को विधायक आशीष छाबड़ा ने भी संबोधित किया।
अनन्या पांडे का फैशन सेंस कमाल का है. इसी कारण एक्ट्रेस सुर्खियों में बनी रहती हैं. दिवा अपने सभी फैशन चॉइस के साथ अपने फैन्स को दीवाना बनाती रहती हैं. चाहे फिल्म प्रमोशन हो या रेड कारपेट इवेंट, अनन्या के स्टनिंग लुक हमेशा ऑन पॉइंट होता है. हाल ही में एक फोटोशूट के लिए, अनन्या ने एक ऑल-ब्लैक बॉडीसूट चुना और एक शीक फैशन स्टेटमेंट बनाया. फुल-स्लीव वाले आउटफिट में नेकलाइन, स्लीव्स और इन-कट बॉटम पर कटआउट शीयर पैटर्न के साथ क्लोज्ड नेकलाइन थी. अनन्या ने अपने बालों को मैस्सी बन में बांधा था, जिसमें मिनिमल मेकअप था, जिसमें सटल-कोहल्ड आईज और ग्लॉसी लिप्स थे, जिसने उनके लुक को कम्पलीट किया. ब्लैक प्लेसूट में अनन्या की सन-किस्ड तस्वीरें खूबसूरत लग रही थीं, इसमें कोई शक नहीं है.
अनन्या पांडे कई बार अपने फैशन चॉइस को कैजुअली शीक रखना पसंद करती हैं और इसका प्रूफ यह है. दिवा ने स्लीवलेस हॉल्टर नेक व्हाइट टी-शर्ट पहनी थी और इसे बेज कलर की स्केटर स्कर्ट के साथ टीम्ड किया था. मिनी स्कर्ट में बॉक्स प्लेट्स थे और जिसने अनन्या की ड्रेसिंग में एक शानदार ट्विस्ट ऐड किया. एक्ट्रेस इस आउटफिट में बेहद गॉर्जियस लग रही थीं. अनन्या पांडे ने अपने खूबसूरत बालों को ढीला छोड़ा हुआ था, इसके साथ उन्होंने कोहल-रिम्मड आईज और लिप ग्लॉस के डैश का ऑप्शन चुना.
अनन्या पांडे ने शानदार ब्राउन मिनी ड्रेस पहनी थी, जो हर तरह से स्टाइलिश थी. दिवा ने एक ब्राउन कलर का स्लीवलेस आउटफिट चुना, जिसमें बॉडीकॉन फिट था. इस आउटफिट में एक्ट्रेस ने एक बार फिर जलवा बिखेरा. एक्सेसरीज के लिए उन्होंने ब्लैक ट्रेंडी सनग्लासेस और एक स्लिंग बैग चुना. अनन्या का मेकअप मिनिमल था और इसमें कोहल-लाडेन आईज, रोज़ी ब्लश और न्यूड लिप ग्लॉस शामिल था.
औरंगाबाद/शौर्यपथ /महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे ने रविवार को कहा कि विपक्षी दलों के मन में विदर्भ के लिए कोई प्यार नहीं बचा है, क्योंकि वे क्षेत्र के नागपुर शहर में चल रहे विधानसभा सत्र के दौरान विदर्भ के मुद्दों को नहीं उठा रहे हैं.
मराठवाड़ा क्षेत्र के औरंगाबाद हवाई अड्डे पर पत्रकारों से बात करते हुए शिंदे ने कहा कि उनकी सरकार आम लोगों के लिए काम कर रही है और आगे भी करती रहेगी.
महाराष्ट्र विधानमंडल का शीतकालीन सत्र इस समय नागपुर में चल रहा है और विपक्ष विभिन्न मुद्दों पर राज्य सरकार को निशाना बना रहा है. बिजली उत्पादक और खनिजों एवं वन से समृद्ध विदर्भ क्षेत्र में यवतमाल, अकोला, अमरावती, वर्धा, बुलढाणा, वाशिम, नागपुर, चंद्रपुर, भंडारा, गढ़चिरौली और गोंदिया जैसे 11 जिले शामिल हैं. इस क्षेत्र ने चार मुख्यमंत्री दिए हैं, जिनमें वसंतराव नाइक, मरोतराव कन्नमवार, सुधाकरराव नाइक और देवेंद्र फडणवीस शामिल हैं.
एक सवाल के जवाब में शिंदे ने कहा, "विपक्ष को विदर्भ के मुद्दों के बारे में बोलना चाहिए था और क्षेत्र से संबंधित सवालों को उठाना चाहिए था. उनके मन में विदर्भ के लिए कोई प्यार नहीं बचा है. यह अब उनके कार्यों से दिखाई दे रहा है."
मुख्यमंत्री औरंगाबाद में एक गैर-सरकारी संगठन 'नानासाहेब धर्माधिकारी प्रतिष्ठान' द्वारा आयोजित स्वच्छता अभियान को संबोधित कर रहे थे.
स्वच्छता अभियान के बाद एक सभा के दौरान मुख्यमंत्री शिंदे ने कहा, "हमारी सरकार आम लोगों की उम्मीदों पर आधारित है और यह उनके लिए काम करेगी. नानासाहेब धर्माधिकारी प्रतिष्ठान का काम सराहनीय है और देश में लोगों को एक अच्छी दिशा दे रहा है."
लखनऊ/शौर्यपथ /उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने रविवार को कहा कि भारत के अलग-अलग राज्यों के खानपान भले ही अलग-अलग हों, लेकिन इस खानपान के बाद जो स्वाद और ऊर्जा है वो एक जैसी होती है और हर महानगर के अंदर खान-पान की एक ऐसी गली बनाएं जहां लोगों को विभिन्न समाजों से जुड़े भोजन मिल सके. योगी आदित्यनाथ रविवार को यहां संगीत नाट्य अकादमी प्रदेश की संस्कृति विभाग की ओर से आयोजित 'संस्कृतियों का संगम' कार्यक्रम में प्रदर्शनी का अवलोकन करने के बाद आयोजित समारोह को संबोधित कर रहे थे .
योगी ने कहा कि यह खान पान गली लोगों को विभिन्न राज्यों के खानपान और परिवेश से परिचित कराएगी, तथा लोग परिवार के साथ जाकर देख भी सकेंगे कि अगर उन्हें तमिलनाडु जाना है तो वहां खाने को क्या मिलेगा, पंजाब जाना है तो वहां क्या मिलेगा और केरल, उत्तराखंड जैसी जगहों पर जाएंगे तो क्या खाने को मिलेगा क्योंकि ये सभी खानपान विशिष्ट हैं. कार्यक्रम के दौरान खानपान के संगमम को लेकर मुख्यमंत्री ने कहा, ‘‘ऐसा प्रयास होना चाहिए कि कुछ विशिष्ट गलियां बनें जो खानपान के लिए ही चिन्हित हों और वो भी अलग-अलग परंपरा से जुड़े हों . यहां तमिल का खानपान भी हो, मलयालम का भी हो, तेलुगू भी हो, राजस्थानी भी हो, पंजाबी भी हो, सिंधी भी हो, उत्तराखंडी भी हो और उत्तराखंड में भी गढ़वाल का भी हो, कुमाऊं का भी हो, जौनसार का भी हो.''
मुख्यमंत्री ने कहा कि ऐसे ही उत्तर प्रदेश में भोजपुर, अवध, बुंदेलखंड और ब्रज का भी हो. ये सभी संस्कृतियां देश की ताकत हैं. इसके साथ जुड़ा हमारा इतिहास, हमारा गौरव और गौरव की अनुभूति किसी भी समाज को आगे बढ़ाने का कार्य करता है. इसे निरंतरता के साथ आगे बढ़ाने की भी आवश्यकता है. योगी ने कहा कि हम सब जानते हैं कि भारत की विशेषता है कि उसमें अनेकता है, खान पान, वेशभूषा, भाषा, इन सब में अनेकता है, लेकिन भाव और भंगिमा हम सबकी एक है. काशी-तमिल संगमम का जिक्र करते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि समाज की संस्कृति ही उसकी आत्मा है जो हम सबको एक सूत्र में पिरोती है.
नई दिल्ली/शौर्यपथ /विश्व स्तर पर आर्थिक अस्थिरता का दौर होने से प्रौद्योगिकी क्षेत्र में हाल के तनावग्रस्त महीनों और नौकरियों में कटौती के बाद आने वाला वर्ष रोजगार की संभावना तलाश रहे लोगों के लिए कई अवसर लेकर आ सकता है. ऐसा अनुमान है कि दूरसंचार और सेवा क्षेत्र में भर्तियों में तेजी आ सकती है.
विशेषज्ञों का अनुमान है कि कुछ समय के लिए अवसर के अच्छे मौके मिल सकते हैं और कंपनियां काम एवं जिंदगी की एकीकृत संस्कृति, अच्छी प्रतिभाओं को बढ़ावा देने, कौशल में वृद्धि करने और लचीली कार्य व्यवस्था प्रदान करने पर ध्यान दे सकती हैं.
उनका कहना है कि 2023 में भर्तियों का रूझान प्रमुख रूप से ऐसा होगा कि कंपनियां कुशल कर्मियों को आंतरिक रूप से इधर-उधर करने पर ध्यान देगी.
जॉब पोर्टल और कर्मचारी उपलब्ध करवाने वाली कंपनियों का कहना है कि भारतीय रोजगार बाजार के लिए अगला वर्ष मिला-जुला रहने वाला है. उनके मुताबिक, तकनीकी क्षेत्रों में भर्तियों में नरमी के बीच गैर-तकनीकी क्षेत्रों विशेषकर दूरसंचार और सेवा क्षेत्रों में भर्तियों में तेजी आई और 2023 में भी भर्तियों के परिदृश्य में इन क्षेत्रों का महत्वपूर्ण योगदान रहेगा.
रोजगार सेवा कंपनी टीमलीज सर्विसेज की रिपोर्ट में कहा गया कि भारत के सेवा क्षेत्र में भर्ती परिदृश्य मार्च तिमाही में भी मजबूत बना हुआ है.
सोसाइटी फॉर ह्यूमन रिसोर्स मैनेजमेंट (एसएचआरएम) (भारत, एपीएसी एवं एमईएनए) में मुख्य कार्यपालक अधिकारी आचल खन्ना ने कहा, ‘‘पिछले साल अक्टूबर की तुलना में इस वर्ष प्रौद्योगिकी उद्योग में भर्ती गतिविधियां 18 फीसदी कम (नौकरी अध्ययन) है. ऐसे में नए साल में और झटके लगने की आशंका नहीं है क्योंकि संगठन अहम फैसले पहले ही ले चुके हैं.'
भारतीय रोजगार बाजार विशेषकर आईटी सेवा क्षेत्र कुछ संकट से गुजर रहा है क्योंकि मेटा, ट्विटर, माइक्रोसॉफ्ट, स्नैपचैट और कई अन्य प्रौद्योगिकी कंपनियों ने मंदी की आशंका के बीच नौकरियों में बड़े पैमाने पर कटौती की घोषणा की है.
आईटी क्षेत्र के अब धीमी गति से आगे बढ़ते रहने की संभावना है. विशेषज्ञों का मानना है कि आने वाले समय में सीमित भर्तियां होंगी और कंपनियां मौजूदा कार्यबल को और कुशल बनाने पर ध्यान देंगी.
टीमलीज सर्विसेज में मुख्य व्यापार अधिकारी मयूर ताडे ने कहा, ‘‘नौकरियों में बड़े पैमाने पर कटौती, भर्तियों पर रोक और मंदी की आशंका समेत वैश्विक उथल-पुथल की वजह से दुनिया भर में सेवा क्षेत्र विशेषकर सूचना प्रौद्योगिकी क्षेत्र बुरी तरह प्रभावित हुआ है. हालांकि भारत में धारणा सकारात्मक बनी हुई है और 77 फीसदी नियोक्ताओं ने भर्तियों के अच्छे परिदृश्य के संकेत दिए हैं.'
खन्ना ने कहा कि पूंजीगत व्यय में तेज वृद्धि के जरिए सर्वजनिक निवेश को बढ़ावा देने के सरकार के प्रयासों से 2023 में भी वृद्धि की गति बनी रहने का अनुमान है.
सेहत /शौर्यपथ /पपीता एक ऐसा फल है जो ठंडी गर्मी दोनों में खाया जाता है. यह स्वाद में लाजवाब होता ही है साथ में सेहत के लिए भी बहुत अच्छा होता है. इसका गुदा लाभकारी तो होता ही है इसके बीज भी कई बीमारियों में फायदेमंद साबित होते हैं. तो आज हम इस लेख में पपीते के बीज के बारे में जानेंगे की ये किस तरह का असर हमारे शरीर पर छोड़ता है, तो चलिए जानते हैं.
पपीते के बीज के फायदे
ज्यादातर फलों के बीज सेहत के लिए ठीक नहीं होते हैं लेकिन पपीते के बीज के साथ ऐसा नहीं है. ये चर्बी गलाने का काम बखूबी करते हैं. क्योंकि इसमें भरपूर मात्रा में फाइबर होता है. जो फैट को बढ़ने से रोकने का काम करते हैं.
पपीते के बीज पीरियड्स के दर्द में भी राहत दिलाते हैं. यह पेट में होने वाली ऐंठन को कम करते हैं. और तो और कोलेस्ट्रॉल को भी कंट्रोल करने का काम करते हैं. इसमें मोनो सैचुरेटेड फैटी एसिड होता है. आंतों को हेल्दी रखने का भी काम करता है. इसमें प्रोटियोलिटिक एंजाइम होते हैं. जो आंत के लिए अच्छा है.
इसके बीज सर्दी जुकाम में भी राहत दिलाने का काम करते हैं. इसको खाने से पुरानी बीमारियों से भी राहत मिलती है. यह हार्ट के लिए भी बहुत अच्छा माना जाता है. इसके फाइबर ब्लड प्रेशर कंट्रोल करने का काम करते हैं.
सेहत /शौर्यपथ /सर्दियों का मौसम आते ही हमें कई तरह की समस्याओं का भी सामना करना पड़ता है. उनमें से ही एक समस्या है कब्ज. दरअसल ठंड का मौसम में हमारा डेली रूटीन काफी ज्यादा चेंज हो जाता है. अधिक ठंड की वजह से हम आलस की वजह से काफी देर तक सोते रहते हैं, या सोकर उठने के बाद भी घंटो तक लेटे रहते हैं. जिसका असर हमारे डेली रूटीन पर पड़ता है. इस वजह से ना तो हमारे खाने का समय निश्चित हो पाता है और ना ही सोने का. यहां तक की इस वजह से एक्सरसाइज और वॉक भी नहीं करते क्योंकि कम्बल से बाहर निकलना इस समय में काफी बड़ा टॉस्क होता है. इतना ही नहीं इस मौसम में प्यास कम लगती है जिस वजह से हम पानी कम मात्रा में पीते हैं जो हमारे स्वास्थय के लिए किसी भी तरह से सही नहीं है. इस तरह में लाजमी है कि आपको कब्ज की समस्या का सामना करना पड़ सकता है. क्योंकि बॉडी का मूवमेंट कम होता है जिस वजह से खाना पचने में भी कठिनाई होती है. आज हम आपको कुछ ऐसी चीजें बताएंगे जिनका इस मौसम में सेवन भूलकर भी ना करें वरना ये कब्ज की समस्या आपका पीछा नही छोड़ेगी.
इन चीजों से बना ले दूरी (Distance Yourself From These Things):
1. कैफीन
सर्दियों के मौसम में हम पानी कम पीते हैं, क्योंकि ठंड की वजह से प्यास कम लगती है. जिस वजह से हमारी बॉडी डिहाइड्रेट हो सकती है. बॉडी का डिहाइड्रेट होना कब्ज का मुख्य कारण होता है. वहीं अगर आप कैफीन और शराब जैसी चीजों का सेवन करते हैं तो आपकी बॉडी और ज्यादा डिहाइड्रेट हो सकती है. इसलिए इस तरह की चीजों से आप दूरी बना लें.
2. प्रोसेस्ड फूड
प्रोसेस्ड और पैकेट वाले खाना कब्ज होने का एक मुख्य कारण हो सकता है. प्रोसेड्ड फूड में फाइबर की कमी होती है जिस वजह से इसको पचाना काफी मुश्किल होता है.
3. कच्चे केले
केला पाचन के लिए अच्छा माना जाता है लेकिन अगर आप कच्चे केले का सेवन करते हैं तो इससे आपको कब्ज की समस्या हो सकती हैं. दरअसल कच्चे केले में स्टार्च पाया जाता है जिस वजह से इसको पचाना मुश्किल होता है. वहीं पके हुए केले में फाइबर अच्छी मात्रा में पाया जाता है और ये पेट के लिए फायदेमंद होता है और कब्ज जैसी समस्या से भी आराम दिलाता है.
4. जंक या फास्ट फूड
जंक या फास्ट फूड का सेवन भी सेहत के लिए हानिकारक हो सकता है. खाने की इन चीजो में फाइबर की मात्रा कम और फैट बहुत अधिक पाया जाता है. जिस वजह से इसको पचाना काफी मुश्किल होता है. फास्ट फूड से कब्ज की समस्या होने के साथ ही यह शरीर को कई गंभीर बीमारियों से भी ग्रस्त कर सकता है.
सेहत /शौर्यपथ /स्वस्थ शरीर के लिए आवश्यक है कि हमें किसी तरह के विटामिंस, मिनरल्स और पौष्टिक तत्वों की कमी ना हो. क्योंकि इनमें से किसी भी चीज की कमी हमें कई तरह की बीमारियों का शिकार बना सकती है. आज हम बात करेंगे विटामिन बी 12 की, जिसकी कमी हमारे शरीर को कई तरह से नुकसान पहुंचा सकती है. विटामिन बी 12 हमारे शरीर को कई बीमारियों से बचाकर रखता है. इसकी कमी से हम कई गंभीर रोगों की चपेट में आ सकते हैं. इसकी कमी हमारे दिमाग और नर्वस सिस्टम को प्रभावित करती है. इतना ही नहीं यह शरीर में बनने वाले रेड ब्लड सेल्स के निर्माण के लिए भी जरूरी होता है और इसकी कमी बल्ड सेल्स के निर्माण पर असर डालती है, साथ ही मानसिक रोग, हड्डियों की परेशानी और एनीमिया का भी शिकार हो सकते हैं. इसलिए आपको अपने खान-पान में ऐसी चीजों को शामिल करना होता है जिसमें विटामिन बी 12 भरपूर मात्रा में पाया जाता है. चलिए आपको बताते हैं इसकी कमी से होने वाली परेशानियां और इसकी कमी को दूर करने के लिए खाने की किन चीजों को शामिल करें.
विटामिन बी- 12 की कमी के लक्षण
त्वचा का पीला पड़ना
जीभ में दाने होना
जीभ का लाल हो जाना
मुंह में छाले होना
आंखो की रोशनी कम होना
डिप्रेशन, कमजोरी और सुस्ती महसूस होना
सांस का फूलना
सिरदर्द
कान बजना
भूख कम लगना
इन खाद्य पदार्थों में पाया जाता है विटामिन बी 12
अंडे को सेहत से भरपूर माना जाता है. बता दें कि अंडे में विटामिन बी 12 भरपूर मात्रा में पाया जाता है. इसका सेवन करने से विटामिन बी12 की कमी को पूरा किया जा सकता है. आप रोजाना 2 अंडे खाने से हर दिन की जरूरत के हिसाब से 46 प्रतिशत मात्रा को पूरा कर सकता है.
सोयाबीन में भी विटामिन बी12 भरपूर मात्रा में पाया जाता है. अगर आपको सोयबीन नहीं पसंद है तो आप इसकी जगह पर सोया मिल्क, टोफू भी खा सकते हैं.
दही का सेवन भी विटामिन बी 12 की कमी को पूरा कर सकता है. इसलिए आप अपने खाने में लो फैट दही को शामिल कर सकते हैं.
ओट्स में भी भरपूर मात्रा में फाइबर और विटामिन्स पाए जाते है. आप इसको भी अपनी डाइट में शामिल कर सकते हैं.
दूध में भी विटामिन बी12 भरपूर मात्रा में पाया जाता है, इसको भी आप अपनी डाइट में शामिल कर सकते हैं.
दूध से बनने वाला पनीर भी विटामिन बी 12 की कमी को पूरा करने में सहायक होता है.
इसके अलावा आप अपने खाने में हरी सब्जियां भी शामिल करें. ये विटामिन बी 12 की कमी को पूरा करने के साथ ही हीमोग्लोबिन बढ़ाने में भी मदद करता है.
मांसाहारी लोगो को लिए विटामिन बी-12 की कमी को पूरा करने के लिए कई ऑप्शन हैं. आप डाइट में झींगा मछली और साल्स मछली को भी शामिल कर सकते हैं.
अगर आप मछली नहीं खाते हैं तो आप अपनी डाइट में चिकन को भी शामिल करें, इसमें भी भरपूर मात्रा में विटामिन बी 12 पाया जाता है.