August 17, 2025
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शौर्यपथ

शौर्यपथ

मुख्यमंत्री ने केरा निवासी श्री संतोष बंजारे के घर डूबकी की सब्जी, सुनसुनिया भाजी, लाई बड़ी, बिजौरी सहित विभिन्न व्यंजनों का लिया आनंद
परिवारजनों ने मुख्यमंत्री को धान की नई फसल की बालियां, फूल माला से किया आत्मीय स्वागत

   रायपुर / शौर्यपथ / प्रदेशव्यापी भेट मुलाकात अभियान के तहत आज जांजगीर चांपा जिले के विधानसभा क्षेत्र पामगढ़ अंतर्गत ग्राम केरा पहुंचे । उन्होंने ग्राम केरा के भाटापारा मोहल्ला निवासी किसान श्री संतोष बंजारे (माता रामबाई बंजारे) के घर पहुंचे और उनके घर मे बड़ी ही सादगी के साथ भोजन ग्रहण किया।


श्री संतोष बंजारे के घर पर चावल, दाल, रोटी, डूबकी की सब्जी, सुनसुनिया भाजी, लाई बड़ी, बिजौरी सहित विभिन्न व्यंजनों के स्वाद का आनंद लिया। इसके साथ ही उनके भोजन मे भिंडी की सब्जी, अरहर दाल, झुनगा बड़ी, उड़द दाल की बड़ी, लाई बड़ी, उड़द दाल का बड़ा, टमाटर की चटनी, मिर्ची की चटनी, बिजौरी, चावल का मुरकू, सलाद आदि शामिल थे। भोजन के पूर्व मुख्यमंत्री श्री बघेल का किसान श्री संतोष बंजारे, माता रामबाई बंजारे सहित उनके परिवारजनो ने अपने घर के मुख्य द्वार पर कलश दीप जलाकर मुख्यमंत्री का चंदन, आरती कर, पुष्प गुच्छ, गुलाब के फूल, शाल नारियल और नई फसल की बालियां भेंट करके आत्मीय स्वागत किया।
  मुख्यमंत्री श्री बघेल के साथ ही राजस्व मंत्री श्री जयसिंह अग्रवाल, शाकंभरी बोर्ड के अध्यक्ष श्री रामकुमार पटेल, किसान श्री संतोष बंजारे की माता रामबाई बंजारे, केरा सरपंच श्री लोकेश शुक्ला, जिला कलेक्टर श्री तारन प्रकाश सिन्हा, स्थानीय निवासी लगनसाय देवांगन आदि ने भी भोजन किया।

कोनार में सी.सी. रोड, सड़क निर्माण, तालाब गहरीकरण, मुलमुला व कोसा में शाला भवन,
पामगढ़ व कोसा में सामुदायिक भवन की स्वीकृति,
शहीद रूद्र प्रताप सिंह की प्रतिमा स्थापित करने की घोषणा

रायपुर / शौर्यपथ / मुख्यमंत्री श्री भूपेश बघेल आज भेंट-मुलाकात कार्यक्रम के तहत पामगढ़ विधानसभा के ग्राम कोनारगढ़ पहुचें। मुख्यमंत्री ने ग्राम मुलमुला में जैतखाम की पूजा अर्चना कर प्रदेशवासियों के सुख, समृद्धि और खुशहाली की कामना की। मुख्यमंत्री ने भेंट-मुलाकात स्थल पर छत्तीसगढ़ महतारी के तैल चित्र के समक्ष दीप प्रज्जवलित कर एवं माल्यार्पण किया। मुख्यमंत्री ने  पूर्व लोकसभा सांसद स्वर्गीय श्री परसराम भारद्वाज की पुण्यतिथि पर उन्हें श्रद्धासुमन अर्पित कर भेंट-मुलाकात की शुरुआत की।
मुख्यमंत्री ने ग्रामीणांे की मांग पर ग्राम कोनार में सी.सी. रोड, कोनारगढ़ से कोसा तक सड़क, तालाब गहरीकरण, पामगढ़ व कोसा में सामुदायिक भवन की घोषणा की। इसी प्रकार शिक्षा व्यवस्था को बेहतर करने के लिए भैंसो में हिंदी माध्यम आत्मानंद स्कूल, मुलमुला में शासकीय पूर्व माध्यमिक शाला भवन, कोसा में शासकीय प्राथमिक शाला भवन और ग्राम मेहंदी के हरदीपारा में नवीन प्राथमिक शाला की स्वीकृति प्रदान की। मुख्यमंत्री ने शहीद रूद्र प्रताप सिंह की शहादत के सम्मान में उनकी प्रतिमा स्थापित की भी मंजूरी दी। भेंट-मुलाकात के दौरान राजस्व मंत्री श्री जयसिंह अग्रवाल भी मौजूद थे।
सहजता से ग्रामीणों से बातचीत की शुरूवात की। उन्होंने गौठान संचालन, गोधन न्याय योजना, स्कूल प्रबंधन, चिकित्सा व्यवस्था सहित विभिन्न योजनाओं के क्रियान्वयन के संबंध में ग्रामीणों से जानकारी ली। कोनारगढ़ के श्री संग्राम सिंह यादव ने अल्प कालीन कृषि ऋण माफी योजना के लिए धन्यवाद देते हुए कहा कि इस योजना से हजारों किसानों को खेती-किसानी के कर्ज से मुक्ति मिली है। इससे किसानों का आत्म विश्वास बढ़ा है।
    ग्राम जेवरा के निवासी संग्राम यादव ने राजीव गांधी किसान न्याय योजना से मिले तीसरी किस्त से खुश होकर मुख्यमंत्री का आभार जताया। उन्होंने बताया कि तीसरी किस्त की राशि बैंक खाते में आ जाने से दीवाली त्यौहार की तैयारी पूरी हो गई है। बच्चों के लिए कपड़े, पटाखे और मिठाईयां आदि लेने में सहूलियत हो रही है। किसान ने मुख्यमंत्री को बताया कि गांव में 5 एकड़  जमीन में खेती करते हैं। उनको राजीव गांधी किसान न्याय योजना अंतर्गत 10000 की राशि पिछले दिनों  प्राप्त हुई।
    ग्राम केसला से पहुँचे गौ-पालक दिलेराम कश्यप ने मुख्यमंत्री को बताया कि मैं गोधन न्याय योजना के तहत अब तक 90 हजार रूपए गोबर बेचकर अतिरिक्त आमदनी अर्जित कर चुका हूं। जिस मुख्यमंत्री ने उन्हें बधाई देते हुए पूछा इस पैसे का क्या उपयोग किए। उस पर दिलेराम कश्यप ने बताया कि मैंने एक साइकिल खरीदी, साथ ही बच्चों की पढ़ाई एवं दैनिक रोजमर्रा के लिए इस राशि का उपयोग करता हूं।
पहुँची ललिता सिदार ने छत्तीसगढ़िया ओलंपिक के आयोजन के लिए मुख्यमंत्री के प्रति आभार प्रकट किया। उन्होंने मुख्यमंत्री को बताया कि मैं बचपन मे बहुत गेड़ी चलाती थी, आज 40 साल बाद इस तरह खेल में भाग लेकर गेड़ी प्रतियोगिता में जीती हूँ। मुख्यमंत्री ने उन्हें बधाई दी साथ ही उनसे सार्वजनिक वितरण प्रणाली के माध्यम से हो रहें राशन वितरण से संबंधित जानकारी हासिल की।
    मितानिन श्रीमती चित्रलेखा ने बताया कि प्रत्येक मंगलवार को उनके गांव में हॉट बाजार क्लीनिक योजना की टीम आती हैै। इससे यहां के लोगों को उपचार की सुविधा और दवाईयां निःशुल्क मिल रही है।
शिक्षिका श्रीमती प्रतीक्षा सिंह ने मुख्यमंत्री को बताया कि स्कूलों में सप्ताह में एक दिन छत्तीसगढ़ी भाषा में अध्यापन कराने से विद्यार्थियों में पढ़ाई के प्रति उत्साह बढ़ा है। विषय के प्रति रूचि भी बढ़ी है। स्थानीय भाषा में अध्यापन की आवश्यकता पहले से महसूस की जा रही थी।
बच्चों से फीता कटवाकर करवाया शाला भवन का उद्घाटन
    मुख्यमंत्री ने शासकीय प्राथमिक शाला कोनारगढ़ का उदघाटन स्कूली बच्चों से फीता कटवाकर करवाया। मुख्यमंत्री ने कक्षा तीसरी के बच्चों से 12 का पहाड़ा पूछा, बच्चों के द्वारा पहाड़ा सुनाने पर ताली बजवाकर प्रोत्साहित किया और उनके उज्ज्वल भविष्य के लिए शुभकामनाएं दी। गौरतलब है कि इस ंस्कूल भवन का निर्माण जिला खनिज न्यास निधि से कराया गया है।

नई दिल्ली /  प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी ने स्वीडन के अगले प्रधानमंत्री के रूप में चुने जाने पर उल्फ क्रिस्टर्सन को बधाई दी है। एक ट्वीट में प्रधानमंत्री ने कहा;
 "स्वीडन के अगले प्रधानमंत्री के रूप में चुने जाने पर श्री उल्फ क्रिस्टर्सन को बधाई। मैं भविष्य के प्रयासों के लिए एक साथ मिलकर काम करने के प्रति आशान्वित हूं।

    Congratulations to H. E. Mr. Ulf Kristersson on his election as the next Prime Minister of Sweden. I look forward to working closely together to further strengthen our multi-faceted partnership. @SwedishPM
    — Narendra Modi (@narendramodi) October 19, 2022

नई दिल्ली / एजेंसी / भारतीय खाद्य निगम (एफसीआई) ने 12 राज्यों में 249 विभिन्न स्थानों पर 111.125 लाख मीट्रिक टन (एलएमटी) भंडारण क्षमता वाले आधुनिक स्टील गोदामों के निर्माण की योजना बनाई है। लगभग 9236 करोड़ रुपये के कुल निवेश के साथ इन्हें सार्वजनिक निजी भागीदारी के तहत हब एंड स्पोक मॉडल के अनुसार तैयार किया जाएगा। इन गोदामों को तीन चरणों में बनाकर अगले 3-4 वर्षों में कार्यान्वित कर दिया जायेगा।
   भारतीय खाद्य निगम द्वारा हब एंड स्पोक मॉडल के तहत पहले चरण में 80 स्थानों पर 34.875 लाख मीट्रिक टन क्षमता के गोदामों का निर्माण किया जाएगा। इनमें से 14 स्थानों पर 10.125 एलएमटी क्षमता के गोदाम डिजाइन, निर्माण, वित्त, संचालन और हस्तांतरण- डीबीएफओटी मोड के तहत तथा 24.75 एलएमटी के गोदाम 66 स्थानों पर डिजाइन, निर्माण, वित्त, स्वामित्व एवं संचालन- डीबीएफओओ मोड के अंतर्गत तैयार किये जायेंगे। डीबीएफओओ मोड के तहत निविदा 31.10.2022 को शुरू की जानी है, जबकि डीबीएफओटी मोड के लिए निविदा पहले से ही 10.08.2022 को खोली जा चुकी है। एक परियोजना एक निर्माणकर्ता को आवंटित की जा चुकी है और अन्य परियोजनाओं के लिए आवश्यक प्रक्रिया जारी है। इन आधुनिक गोदामों में विशाल आकार की बनावट प्रबंधन सुविधाओं के साथ खाद्यान्नों के भंडारण का एक वैज्ञानिक तरीका है, जो खाद्यान्नों का बेहतर संरक्षण सुनिश्चित करता है।
   पहले से ही उपलब्ध कराई गई और वर्तमान में चल रही साइलो परियोजनाओं में से 31 स्थानों (सर्किट मॉडल सहित) पर 17.75 लाख मीट्रिक टन भंडारण की क्षमता पूरी हो चुकी है / उपयोग में आ चुकी है और 31 स्थानों पर 15.50 लाख मीट्रिक टन की साइलो परियोजनाओं का कार्यान्वयन विभिन्न चरणों में हैं।
  इनके विकास का प्रस्तावित मॉडल डीबीएफओटी (डिजाइन, निर्माण, वित्त, संचालन और हस्तांतरण) तथा डीबीएफओओ (डिजाइन, निर्माण, वित्त, स्वामित्व और संचालन) के अनुसार है, जिसमें पूर्व निर्धारित अवधि के लिए इन आधुनिक गोदामों के निर्माण एवं संचालन हेतु निजी संस्थाएं जिम्मेदार होंगी। डीबीएफओटी के इस सार्वजनिक निजी भागीदारी (पीपीपी) मोड के माध्यम से आवश्यक भूमि एफसीआई द्वारा प्रदान की जानी है जबकि डीबीएफओओ मोड के अंतर्गत भूमि का अधिग्रहण निजी संस्थाओं द्वारा किया जाना है।
   80 स्थानों पर ये गोदाम 9 राज्यों और 1 केंद्र शासित प्रदेश में तैयार किये जायेंगे, इनमें पंजाब, हरियाणा, उत्तर प्रदेश, मध्य प्रदेश, गुजरात, राजस्थान, महाराष्ट्र, बिहार, पश्चिम बंगाल तथा जम्मू और कश्मीर शामिल हैं। इनके निर्माण में 2,800 करोड़ रुपये से अधिक के निवेश होने की उम्मीद है। इन परियोजनाओं की कल्पना राज्य सरकारों, नीति आयोग, वित्त मंत्रालय, रेल मंत्रालय, इस्पात मंत्रालय के परामर्श से की गई है।
   खेतों के पास बनने वाले ये आधुनिक गोदाम, खरीद केंद्र (मंडी) के रूप में कार्य करेंगे। इससे किसानों के लिए बाजार की दूरी कम होगी और इनसे परिचालन कठिनाइयों तथा जटिलताओं को काफी कम कर दिया जायेगा। आधुनिक मशीनों से संचालित ये गोदाम चौबीसों घंटे कार्य करते हैं और कृषि-उत्पादों के भंडारण के लिए आने-जाने में लगने वाले समय को भी कम करते हैं। इनके अधिक निर्माण से दक्षता में समग्र सुधार होगा। इसके अलावा, इन आधुनिक स्टील गोदामों को पारंपरिक भंडारण गोदामों की तुलना में लगभग 1/3 भूमि की आवश्यकता होती है।

नई दिल्ली / एजेंसी / प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी ने आज गुजरात के त्रिमंदिर, अडालज में उत्कृष्ट मिशन स्कूलों (मिशन स्कूल्स ऑफ एक्सीलेंस) का शुभारंभ किया। मिशन की परिकल्पना कुल 10,000 करोड़ रुपये के परिव्यय के साथ की गई है। त्रिमंदिर में कार्यक्रम के दौरान प्रधानमंत्री ने लगभग 4260 करोड़ रुपये की परियोजनाओं का भी शुभारंभ किया। यह मिशन गुजरात में नई कक्षाओं, स्मार्ट कक्षाओं, कंप्यूटर प्रयोगशालाओं की स्थापना और राज्य में स्कूलों के बुनियादी ढांचे के समग्र आधुनिकीकरण से शिक्षा के बुनियादी ढांचे को मजबूत करने में मदद करेगा।

उपस्थित जनसमूह को संबोधित करते हुए प्रधानमंत्री ने कहा कि आज गुजरात अमृत काल की अमृत पीढ़ी के निर्माण की तरफ बहुत बड़ा कदम उठा रहा है। प्रधानमंत्री ने कहा, "यह अवसर विकसित भारत और विकसित गुजरात के लिए मील का पत्थर साबित होगा।" उन्होंने मिशन स्कूल्स ऑफ एक्सीलेंस के लिए सभी नागरिकों, शिक्षकों, युवाओं और गुजरात की भावी पीढ़ियों को बधाई दी।

5जी प्रौद्योगिकी के हालिया विकास पर प्रकाश डालते हुए, प्रधानमंत्री ने टिप्पणी की कि यद्यपि हमने इंटरनेट की पहली से चौथी पीढ़ी तक का उपयोग किया है, अब देश में 5जी बड़ा बदलाव लाने वाला है। "हर पीढ़ी के साथ, प्रौद्योगिकी ने हमें जीवन के हर छोटे पहलू से जोड़ा है।" श्री मोदी ने आगे कहा, "इसी तरह हमने स्कूलों की विभिन्न पीढ़ियों को देखा है।" 5जी प्रौद्योगिकी की क्षमताओं पर प्रकाश डालते हुए प्रधानमंत्री ने कहा कि यह शिक्षा प्रणाली को स्मार्ट सुविधाओं, स्मार्ट कक्षाओं और स्मार्ट शिक्षण से आगे ले जाएगी और इसे अगले स्तर पर पहुंचाएगी। "हमारे युवा छात्र अब स्कूलों में वर्चुअल वास्तविकता और इंटरनेट ऑफ थिंग्स की ताकत का अनुभव कर सकेंगे।" प्रधानमंत्री ने इस बात पर प्रसन्नता व्यक्त की कि मिशन स्कूल्स ऑफ एक्सीलेंस के माध्यम से गुजरात ने पूरे देश में पहला और सबसे महत्वपूर्ण कदम उठाया है। प्रधानमंत्री ने इस ऐतिहासिक उपलब्धि के लिए मुख्यमंत्री भूपेंद्र पटेल की टीम को बधाई दी।

प्रधानमंत्री ने पिछले दो दशकों में शिक्षा के क्षेत्र में गुजरात में हुए बदलावों पर प्रसन्नता व्यक्त की। उन्होंने गुजरात में शिक्षा क्षेत्र की बदहाल स्थिति को याद किया और बताया कि 100 में से 20 बच्चे कभी स्कूल नहीं गए। उन्होंने आगे कहा कि जो छात्र स्कूल गए वह 8वीं कक्षा के बाद पढ़ाई छोड़ देते थे। उन्होंने यह भी बताया कि जिन बालिकाओं को स्कूल जाने से रोक दिया गया, उनकी हालत बाकियों से भी बदतर है। जनजातीय क्षेत्रों में शैक्षिक केन्‍द्रों की कमी पर टिप्पणी करते हुए, प्रधानमंत्री ने कहा कि विज्ञान शिक्षा के लिए कोई योजना नहीं थी। श्री मोदी ने रेखांकित किया, "इन दो दशकों में गुजरात के लोगों ने अपने राज्य में शिक्षा प्रणाली में बदलाव दिखाया है।" प्रधानमंत्री ने बताया कि इन दो दशकों में गुजरात में 1.25 लाख से अधिक नए क्लासरूम बनाए गए और 2 लाख से अधिक शिक्षकों की भर्ती की गई। श्री मोदी ने कहा, “मुझे आज भी वह दिन याद है जब शाला प्रवेशोत्सव और कन्या केलवानी महोत्सव जैसे कार्यक्रम शुरू किए गए थे। कोशिश यह थी कि जब बेटा और बेटी पहली बार स्कूल जाएंगे तो इसे एक त्योहार की तरह मनाया जाएगा।”

प्रधानमंत्री ने शिक्षा की गुणवत्ता पर केंद्रित त्योहार 'गुणोत्सव' को भी याद किया। इस योग्यता में, छात्रों के कौशल व क्षमताओं का मूल्यांकन किया गया और उचित समाधान सुझाए गए। उन्होंने इस बात पर प्रसन्नता व्यक्त की कि गुजरात में विद्या समीक्षा केन्‍द्र में 'गुणोत्सव' का अधिक उन्नत प्रौद्योगिकी आधारित संस्करण काम कर रहा है। “गुजरात हमेशा से शिक्षा के क्षेत्र में कुछ अनोखे और बड़े प्रयोगों का हिस्सा रहा है। हमने शिक्षक शिक्षा संस्थान की स्थापना की, जो गुजरात में पहला शिक्षक प्रशिक्षण विश्वविद्यालय है।

प्रधानमंत्री ने उस समय को याद किया जब वह राज्य के मुख्यमंत्री थे। श्री मोदी ने बताया कि उन्होंने एक गांव से दूसरे गांव की यात्रा की और सभी लोगों से अपनी बेटियों को स्कूल भेजने का अनुरोध किया। "नतीजा यह हुआ है कि आज गुजरात में सभी बेटे-बेटियां स्कूल और उसके बाद कॉलेज जा रहे हैं। उन्होंने उन माता-पिता की भी सराहना की जिन्होंने अपने बच्चों को स्कूल भेजने के उनके अनुरोध पर ध्यान दिया।

प्रधानमंत्री ने बताया कि एक दशक पहले भी गुजरात के 15,000 स्कूलों में टीवी, 20 हजार से अधिक स्कूलों में कंप्यूटर की सहायता से अध्ययन की व्यवस्था हो चुकी थी और इस तरह की अनेक प्रणालियां कई वर्षों से गुजरात के स्कूलों का अभिन्न अंग बन गई हैं। शिक्षा के क्षेत्र में प्रौद्योगिकी की महत्वपूर्ण भूमिका को रेखांकित करते हुए, प्रधानमंत्री ने कहा कि आज गुजरात में 1 करोड़ से अधिक छात्र और 4 लाख से अधिक शिक्षक ऑनलाइन उपस्थिति दर्ज कराते हैं। उन्होंने आगे विस्तार से बताया कि आज गुजरात में 20 हजार स्कूल शिक्षा के 5जी युग में प्रवेश करने जा रहे हैं।

प्रधानमंत्री ने मिशन स्कूल्स ऑफ एक्सीलेंस के तहत शामिल परियोजनाओं पर प्रकाश डाला और बताया कि इन स्कूलों में 50 हजार नए क्लासरूम और एक लाख से अधिक स्मार्ट क्लासरूम बनने जा रहे हैं। प्रधानमंत्री ने आगे कहा कि इन स्कूलों में न केवल आधुनिक, डिजिटल और भौतिक बुनियादी ढांचा होगा, बल्कि यह बच्चों के जीवन और उनकी शिक्षा में बड़ा बदलाव लाने का अभियान भी है। उन्होंने कहा, "यहां बच्चों की क्षमता बढ़ाने के लिए हर पहलू पर काम किया जाएगा।"

प्रधानमंत्री ने कहा कि इन सभी उपायों से 5जी के आने से काफी फायदा होगा। चूंकि यह सुदूरवर्ती क्षेत्रों सहित सभी के लिए सर्वोत्तम सामग्री, शिक्षाशास्त्र और शिक्षक उपलब्ध कराने में मदद करेगा। उन्होंने कहा, "शैक्षिक विकल्पों की विविधता और लचीलापन नई राष्ट्रीय शिक्षा नीति को जमीनी स्तर तक पहुंचाएगा।" प्रधानमंत्री ने आगामी 14.5 हजार पीएमश्री स्कूलों की चर्चा की, जो राष्ट्रीय शिक्षा नीति के कार्यान्वयन के लिए मॉडल स्कूल होंगे। इस योजना पर 27 हजार करोड़ रुपये खर्च किए जाएंगे।

प्रधानमंत्री ने बताया, "नई राष्ट्रीय शिक्षा नीति देश को गुलामी की मानसिकता से मुक्त करने और प्रतिभा एवं नवाचार को बढ़ावा देने का एक प्रयास है।" प्रधानमंत्री ने अफसोस व्यक्त कि अंग्रेजी भाषा को ज्ञान के उपाय के रूप में लिया गया, जबकि भाषा केवल संपर्क का माध्यम है। लेकिन इतने दशकों से भाषा एक ऐसी बाधा बन गई थी कि देश को गांवों और गरीब परिवारों में प्रतिभा पूल का लाभ नहीं मिल सका। “अब इस स्थिति को बदला जा रहा है। अब छात्रों को भारतीय भाषाओं में भी विज्ञान, प्रौद्योगिकी और चिकित्सा का अध्ययन करने का विकल्प मिलने लगा है। गुजराती समेत कई भारतीय भाषाओं में पाठ्यक्रम बनाने का प्रयास किया जा रहा है। उन्होंने नई राष्ट्रीय शिक्षा नीति की 'किसी को पीछे नहीं छोड़ना' की भावना को भी दोहराया, क्योंकि यह एक विकसित भारत के लिए 'सबका प्रयास' का समय है।

विज्ञान और ज्ञान के क्षेत्र में भारत के पूर्वजों के योगदान को याद करते हुए प्रधानमंत्री ने टिप्पणी की, "शिक्षा, पुरातन काल से ही भारत के विकास की धुरी रही है।" उन्होंने कहा कि भारत कुदरती तौर पर ज्ञान का समर्थक रहा है और सैकड़ों वर्ष पहले हमारे पूर्वजों ने दुनिया के सर्वश्रेष्ठ विश्वविद्यालयों का निर्माण किया और सबसे बड़े पुस्तकालयों की स्थापना की। प्रधानमंत्री ने उस काल पर खेद व्यक्त किया जब भारत पर आक्रमण किया गया था और भारत की इस संपदा को नष्ट करने का अभियान चलाया गया था। प्रधानमंत्री ने हस्तक्षेप किया, "हमने शिक्षा पर अपने मजबूत आग्रह को नहीं छोड़ा है।" यही कारण है कि आज भी ज्ञान और विज्ञान की दुनिया में नवाचार में भारत की एक अलग पहचान है। श्री मोदी ने कहा, "आजादी का अमृत काल अपनी प्राचीन प्रतिष्ठा वापस पाने का अवसर है।"

संबोधन के समापन में, प्रधानमंत्री ने दुनिया में एक महान ज्ञान अर्थव्यवस्था बनने के लिए भारत की अपार क्षमता पर प्रकाश डाला। उन्होंने समझाया, "21वीं सदी में, मुझे यह दावा करने में कोई संकोच नहीं है कि विज्ञान से संबंधित अधिकांश नवाचार, प्रौद्योगिकी से संबंधित अधिकांश नवाचार, भारत में होंगे।" प्रधानमंत्री ने यह भी बताया कि गुजरात के लिए एक बड़ा अवसर खुलने वाला है। उन्होंने कहा, 'अभी तक गुजरात को व्यापार और कारोबार के लिए जाना जाता है, यह विनिर्माण के लिए है। लेकिन 21वीं सदी में गुजरात देश के ज्ञान केंद्र, नवोन्मेष केंद्र के रूप में विकसित हो रहा है। मुझे विश्वास है कि उत्कृष्ट मिशन स्कूल इस भावना को बढाएंगे।"

इस अवसर पर गुजरात के मुख्यमंत्री श्री भूपेन्द्र पटेल, गुजरात के राज्यपाल श्री आचार्य देवव्रत और गुजरात सरकार के मंत्री श्री जीतूभाई वघानी, श्री कुबेरभाई डिंडोर और श्री किरीटसिंह वाघेला उपस्थित थे।

नई दिल्ली / एजेंसी / विभिन्न व्यापार एवं निर्यात फोरमों के सहयोग से मसाला बोर्ड इंडिया (भारत सरकार का वाणिज्य एवं उद्योग मंत्रालय) द्वारा आयोजित मसाला सेक्टर का विश्व का सबसे बड़ा विशिष्ट व्यवसाय मंच 14वां विश्व मसाला काँग्रेस (डब्ल्यूएससी) का आयोजन 16-18 फरवरी, 2023 के दौरान महाराष्ट्र के नवी मुंबई के सिडको प्रदर्शनी एवं सम्मेलन केंद्र में किया जाना निर्धारित है। इस कार्यक्रम में 50 से अधिक देशों के 1000 से अधिक प्रतिनिधियों के भाग लेने की उम्मीद है।

मसाला बोर्ड इंडिया द्वारा आयोजित यह द्विवार्षिक कार्यक्रम मसाला इस क्षेत्र की समस्याओं और संभावनाओं पर विचार विमर्श करने के लिए वैश्विक मसाला उद्योग को एक साथ लाने वाला प्रमुख प्लेटफॉर्म बना हुआ है। इस कार्यक्रम में वर्तमान परिस्थितियों में मसालों के उत्पादन, प्रसंस्करण, मूल्य वर्धन, गुणवत्ता एवं सुरक्षा, व्यापार और आपूर्ति श्रृंखला प्रबंधन जैसे पहलुओं पर विचार विमर्श किए जाने की उम्मीद है। प्रमुख आयातक देशों के विनियामकीय प्राधिकारियों तथा जी-20 सदस्य देशों के व्यापार मंत्रालय और निर्यात संवर्धन एजेंसियों के भारतीय मसाला उद्योग के साथ विचार विमर्श किए जाने की उम्मीद है।

मसाला बोर्ड के सचिव आईएफएस श्री डी सथियान ने बताया कि ‘‘इस बार, मसाला बोर्ड दिसंबर, 2022 से नवंबर, 2023 की अवधि के दौरान भारत की जी-20 प्रेसीडेंसी के दौरान एक जी-20 कार्यक्रम के हिस्से के रूप में विश्व मसाला काँग्रेस का आयोजन कर रहा है जिसमें जी-20 देशों के साथ भारत के व्यापार संबंधों को और सुदृढ़ बनाने पर और अधिक फोकस किया गया है। ‘‘डब्ल्यूएससी 2023 में प्रमुख आयातक देशों के नियामकीय प्राधिकरणों के साथ परस्पर बातचीत होने तथा जी-20 सदस्य देशों के व्यापार मंत्रियों एवं उद्योग संगठनों के भाग लेने की उम्मीद है। ‘‘डब्ल्यूएससी‘‘ का 14वां संस्करण केवल ‘स्पाइसेज‘ के बारे में ही होगा।

उन्होंने बताया कि डब्ल्यूएससी के वर्तमान संस्करण के लिए जिस थीम का चुनाव किया गया है, उसका नाम है ‘विजन 2030 : स्पाइसेज (स्थायीत्व - उत्पादकता- नवोन्मेषण - सहयोग - उत्कृष्टता एवं सुरक्षा)।

सबसे पहले 1990 में डब्ल्यूएससी का आयोजन किया गया, उसके बाद से तीन दशकों के दौरान 13 सफल संस्करणों के माध्यम से डब्ल्यूएससी ने एक परंपरा की स्थापना की है जिससे दुनिया भर में मसाला हितधारकों को लाभ पहुंचा है और यह वैश्विक मसाला समुदाय के बीच बहुत अधिक पसंदीदा कार्यक्रम बना हुआ है। यह नए व्यवसाय अवसरों को बढ़ावा देगा तथा व्यापार संबंधों में मजबूती लाएगा।
  व्यवसायिक सत्रों के अतिरिक्त, डब्ल्यूएससी में उत्पाद रेंज, औषधीय/स्वास्थ्य क्षेत्रों में अनुप्रयोगों, नवोन्मेषणों एवं अत्याधुनिक प्रौद्योगिकीयों सहित भारतीय मसाला उद्योग की शक्तियों और क्षमताओं को दर्शाने वाली प्रदर्शनियों का भी आयोजन किया जाएगा। 14वें डब्ल्यूएससी में सहभागिता के लिए पंजीकरण खुला हुआ है तथा इच्छुक हितधारक वेबसाइट www.worldspicecongress.com के माध्यम से अपनी सहभागिता पंजीकृत कर सकते हैं।

रायपुर । शौर्यपथ । नम्बर वन का ताज अपने आप में ही बड़ा मायने रखता है और वह ताज अगर मुख्यमंत्री का हो तो और भी बड़ी बात होती है । लगातार दूसरी बार देश के नंबर वन मुख्यमंत्री का ताज एक बार फिर छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री भूपेश बघेल को मिला । आईएएनएस-सीवोटर द्वारा संयुक्त रूप से कराए गए मुख्यमंत्रियों के सर्वे में छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री भूपेश बघेल (Bhuesh Baghel No-1 CM) को सर्वोच्च रेटिंग मिली. छत्तीसगढ़ के जनसंपर्क विभाग द्वारा सोमवार को जारी एक प्रेस विज्ञप्ति में कहा गया है कि सर्वेक्षण में उन्हें सर्वश्रेष्ठ मुख्यमंत्री बनकर उभरे हैं.

छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री भूपेश बघेल को एक सर्वेक्षण में देश का सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन करने वाला मुख्यमंत्री चुना गया है. आईएएनएस-सीवोटर सर्वेक्षण के अनुसार, राज्य में केवल छह प्रतिशत उत्तरदाता बघेल से नाखुश हैं. ट्रैकर राज्यों के साथ-साथ केंद्र शासित प्रदेशों के प्रदर्शन को 115 मापदंडों पर मापता है. आईएएनएस-सीवोटर गवर्नेंस इंडेक्स के अनुसार, मतदाताओं के कम से कम गुस्से का सामना करने वाले देश में सबसे अच्छा प्रदर्शन करने वाले मुख्यमंत्री भूपेश बघेल हैं. सीएम बघेल को सभी मुख्यमंत्रियों के बीच सर्वोच्च लोकप्रियता रेटिंग प्राप्त हुई है.

जिन संकेतकों ने सीएम को शीर्ष पर रखा है उनमें राज्य में कल्याणकारी परियोजनाओं को लागू करने में उनका प्रदर्शन, एसडीजी को लागू करते हुए लैंगिक समानता हासिल करने की दिशा में किए गए कार्य शामिल हैं. इसमें राज्य सरकार द्वारा शुरू की गई कई कल्याणकारी योजनाएं भी शामिल हैं, जिसमें हाल ही में महतारी दुलार योजना जैसी योजनाएं शामिल हैं. जिसके तहत सरकार निजी स्कूलों में पढ़ने वाले बच्चों को मुफ्त शिक्षा प्रदान करेगी, जिन्होंने अपने माता-पिता को अन्य परिजनों को कोविड -19 के दौरान खो दिया था.

ये मुख्यमंत्री की ही मेहनत है जो पिछले साल, छत्तीसगढ़ ने लैंगिक समानता पर 43 अंक हासिल किए थे और देश में सातवें स्थान पर था, पर इस साल, राज्य ने 61 अंक हासिल किए और लैंगिक समानता में देश में शीर्ष पर रहा. सी-वोटर (C-Voter) के संस्थापक यशवंत देशमुख (Yashwant Deshmukh) ने कहा, "ऐसे मुख्यमंत्रियों को लोग पसंद करते हैं, जिनमें निर्णय लेने की क्षमता होती है और जिनके काम करने की शैली सीईओ जैसी है. ये ऐसे नेता हैं जो दोष लेने से नहीं डरते हैं और यह एक बेहतरीन शैली है." सी वोटर के संस्थापक श्री यशवंत देशमुख ने कहा, "ऐसे मुख्यमंत्रियों को लोगों ने पसंद किया है जिनमें निर्णय लेने की क्षमताएं हैं और जिनके काम करने की शैली सीईओ जैसी है.

 

कांग्रेस सरकार में भ्रस्टाचार की भेंट चढ़ रहा छत्तीसगढ़ - दिनेश कश्यप
नकद ज्वेलरी और भ्रष्टाचार के सारे सबूत मिलने के बाद भी कांग्रेस द्वारा अधिकारियों की
पैरवी छत्तीसगढ़ के इतिहास का काला अध्याय-दिनेश कश्यप

दंतेवाड़ा / शौर्यपथ / छत्तीसगढ़ में ईडी के छापों एवं ईडी द्वारा जारी किए गए प्रेस नोट के उपरांत प्रेस को संबोधित करते हुए पूर्व सांसद दिनेश कश्यप ने कहा कि ईडी के प्रेस नोट ने छत्तीसगढ़ में हो रहे बड़े भ्रष्टाचार के रैकेट की पोल खोल दी है। हम सब ने कभी सोचा भी नहीं था कि कांग्रेस के शासन में छत्तीसगढ़ में छतीसगढ़ के आदिवासियों, का किसानों का आम जनता का मेहनत का पैसा, भ्रष्टाचार की भेंट चढ़ाया जाएगा। एक तरफ सरकारी योजनाओं को देने के लिए सरकार के पास पैसे नहीं है और दूसरी तरफ छत्तीसगढ़ में सरकारी, संरक्षण में भ्रष्टाचार ने अपनी सारी  सीमाएं लांघ दी है। यह छत्तीसगढ़ के इतिहास के लिए एक काला अध्याय है।
  श्री कश्यप ने कहा बड़े दुर्भाग्य का विषय है कि कांग्रेस के शासन में भ्रष्टाचार के लिए पूरा रैकेट बनाया गया है जिसमें वरिष्ठ नौकरशाह, व्यापारी राजनेता और बिचौलिए जुड़े है और छत्तीसगढ़ राज्य में परिवहन किए गए प्रत्येक टन कोयले से 25 रुपये प्रति टन की अवैध वसूली कर रहे हैं। प्रतिदिन 2 से 3 करोड़ रुपये जबरन वसूले जा रहे है। इस प्रकार हजारों करोड़ रुपये वसूली कर गलत कृत्यों में इस्तेमाल किए जा रहे है।
  ईडी के प्रेस नोट का हवाला देते हुए श्री कश्यप ने कहा की ईडी ने करीब 4.5 करोड़ रुपये की बेहिसाब नकदी व सोने के आभूषण, सराफा और करीब दो करोड़ रुपये मूल्य के अन्य कीमती सामान जब्त किए हैं।
  श्री कश्यप ने कहा कि भ्रष्टाचार करने के लिए बकायदा नियम बदले गए, कोयले को खदानों से उपयोगकर्ताओं तक मैनुअल जारी करने के लिए ई-परमिट की पूर्व ऑनलाइन प्रक्रिया को संशोधित किया गया था। अनापत्ति प्रमाण पत्र इस संबंध में कोई एसओपी या प्रक्रिया परिचालित नहीं की गई थी। भ्रष्टाचार किस प्रकार के तहत किया जाu रहा है इसकी भी विस्तार जानकारी ईडी ने अपने प्रेस नोट में दी है।
  दिनांक 15.7.22 से बिना किसी एसओपी के 30,000 से अधिक एनओसी जारी किए गए हैं। आवक और जावक रजिस्टरों का रखरखाव नहीं किया गया था। अधिकारियों की भूमिका पर कोई स्पष्टता नहीं है। ट्रांसपोर्टर का नाम, कंपनी का नाम आदि जैसे कई विवरण खाली छोड़ दिए गए हैं। तलाशी एवं जांच के दौरान श्री लक्ष्मीकांत तिवारी के पास से 1.5 करोड़ रुपये नकद बरामद किया गया। उसने स्वीकार किया है कि वह रोजाना 1-2 करोड़ की जबरन वसूली करता था एवं मुख्यमंत्री श्री भूपेश बघेल पद पर बने रहने का नैतिक अधिकार खो चुके है | प्रेस वार्ता में भाजपा जिलाअध्यक्ष चैतराम अटामी, प्रदेश मंत्री ओजस्वी मंडावी, महामंत्री धीरेन्द्र प्रताप, मुकेश शर्मा,कमला विनय नाग,सुनीता भास्कर,श्रवण कड़ती,दुर्गा सिंह चौहान,दीपक बाजपेयी,पायल गुप्ता, रामु नेताम, कुलदीप ठाकुर, जयदयाल नागेश,ऊर्दो ठाकुर, मोहन ठाकुर एवं अन्य कार्यकर्ता उपस्थित हुए |

राजनंदगांव / शौर्यपथ / नेशनल हाईवे में योग आश्रम के सामने स्थित भू भाग पर एक बड़े बिल्डर द्वारा अवैध रूप से बड़े मार्केट का निर्माण कर सरकार को लाखों रुपए का नुकसान पहुंचाया जा रहा है इसके बाद भी अवैध रूप से हो रहे निर्माण को रोकने की दिशा में को भी सम्बंधित विभाग ना ही संज्ञान ले रहा है और ना ही पूछने पर सही जवाब दे पा रहा है . खास बात यह है कि छह महीने से चल एराहे इस अवैधानिक निर्माण पर ना तो निगम प्रशासन , न ही राजस्व विभाग और ना ही जिला प्रशासन किसी प्रकार से कोई वैधानिक कार्यवाही नहीं कर रहा . जिसके कारण आम जनता में यह सवाल उठाने लगा कि परदे के पीछे कोई बड़े लेनदेन की बात भी सामने आ रही है जो कि जाँच का विषय है .
टुकडो में काटा प्लाट और बना दिया काम्प्लेक्स  
  मिली जानकारी के अनुसार योग आश्रम के ठीक सामने एक बिल्डर ने पहले टुकड़ों में प्लाट काटकर रजिस्ट्री कराई मार्केट में जो रेट चल रहा है उससे कम रेट पर रजिस्ट्री कराकर पंजीयन विभाग को नुकसान पहुंचाया गया एक ही परिवार के नाम पर अलग अलग खसरा काटकर छोटे छोटे टुकड़ों में रजिस्ट्री कराई गई फिर नियमों के विपरीत जाकर नगर निगम से भवन अनुज्ञा लेकर अवैध मार्केट का निर्माण शुरू कर दिया गया है नगर निगम को भवन अनुज्ञा देने के पहले पूरी पड़ताल करनी चाहिए थी लेकिन निगम के अफसरों ने हमेशा की तरह आंख मूंदकर भवन अनुज्ञा जारी कर दी जैसे ही बिल्डर के हाथ भवन अनुज्ञा लगी उसने दूसरे बिल्डर को मार्केट बनाने का काम हैंड ओवर कर दिया है अब दूसरा बिल्डर दिन रात करते हुए लंबी चौड़ी सड़कें बना रहा है यह सब नगर निगम एवं टाउन प्लानिंग  की जानकारी में है लेकिन विभागीय से होने कारण कहीं कोई कार्यवाही नहीं की गई है .
  राज्य शासन को हो रहा नुकसान - जिस तरह से अवैध मार्केट का निर्माण हो रहा है उसको देखते हुए लाखों रुपए का नुकसान राज्य शासन को हो रहा है फिर भी प्रशासनिक अमला हाथ पर हाथ धरे बैठा हुआ है
 रेरा का नंबर तक नहीं -  शहर में कॉलोनी बसाने से लेकर मार्केट का निर्माण करने के लिए सबसे पहले रेरा के लाइसेंस की आवश्यकता होती है लेकिन यहां पर अवैध बिल्डर ने रेरा का नंबर लेना भी उचित नहीं समझा है अब बिना नंबर के खुलेआम अवैध मार्केट का निर्माण किया जा रहा है
पूर्व में भी शिकायत -  इस अवैध निर्माण को लेकर पूर्व में भी जिला प्रशासन को शिकायत की गई थी लेकिन कार्रवाई नहीं होने का दिन रात अवैध मार्केट निर्माण जारी है बताया जा रहा है कि ऊपर ही ऊपर बनने के पहले पूरी दुकानें भेज दी गई है
और कई जगह मार्केट - नगर निगम की अनदेखी का नतीजा यह हुआ है कि शहर में और कई जगह अवैध मार्केट का निर्माण कर लिया गया है सीएम शिकायत की तैयारी निचले स्तर पर कार्रवाई नहीं होते देखकर अब  सीएम से शिकायत करने की तैयारी की है आने वाले दिनों में जब भी सीएम का राजनंदगांव दौरा होगा शिकायतकर्ता अवैध निर्माण को लेकर अपनी बात रखेंगे इस संबंध में नगर निगम के अधिकारी उनका पक्ष ले जाने की कोशिश की गई उपलब्ध नहीं हो पाए.

      नई दिल्ली / शौर्यपथ /आईआरसीटीसी होटल घोटाले के आरोप में बिहार के उपमुख्यमंत्री और राष्ट्रीय जनता दल   नेता तेजस्वी यादव की आज दिल्ली की एक अदालत में पेशी हुई। सुनवाई के दौरान सीबीआई ने राजद नेता को दी गई जमानत को रद्द करने की मांग की। घोटाले से जुड़े एक मामले की जांच के बीच जांच एजेंसी के अधिकारियों ने तेजस्वी यादव पर जांच को प्रभावित करने की कोशिश करने का आरोप लगाया है। तेजस्वी पर एक प्रेस कॉन्फ्रेंस के दौरान सीबीआई अधिकारियों को धमकाने का आरोप लगाया गया है।
तेजस्वी यादव की ओर से पेश अधिवक्ता मनिंदर सिंह ने सीबीआई के वकील की इस दलील से इनकार किया। उन्होंने कहा, "मेरे मुवक्किल की प्रेस कॉन्फ्रेंस दूसरे संदर्भ में थी। उन्होंने प्रेस कॉन्फ्रेंस में कई चीजों, घोटालों और अन्य राजनीतिक मुद्दों पर बात की थी।"
तेजस्वी यादव का पक्ष रखते हुए उनके वकील ने कहा, "मैंने लैंड फॉर जॉब घोटाले के बारे में बात की है। मैंने उस मामले में छापे के बारे में बात की है। ऐसे में वे आईआरसीटीसी मामले में जमानत रद्द करने की मांग कैसे कर रहे हैं?" उन्होंने कहा कि अगर सीबीआई अधिकारियों को खतरा महसूस होता है तो वे भारतीय दंड संहिता (आईपीसी) की संबंधित धाराओं के तहत प्राथमिकी दर्ज कर सकते हैं।
उनके वकील ने आगे तर्क दिया कि वह विपक्षी दल में हैं और गलत काम पर सवाल उठाना उनका कर्तव्य है। वकील ने कहा, "सीबीआई और ईडी के खिलाफ भी यही बात 2013 में वर्तमान प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने यही बात कही थी जब वह गुजरात के मुख्यमंत्री थे और केंद्र में उनकी पार्टी विपक्ष में थी।"

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