August 03, 2025
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शौर्यपथ

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नई दिल्ली/ शौर्यपथ / दिल्ली के अतिसुरक्षित तिहाड़ जेल में कुख्यात गैंगस्टर अंकित गुज्जर के मर्डर से सनसनी है. जेल नम्बर तीन में यह हत्या हुई है. जानकारी के अनुसार, अपराधी नरेंद्र मीना और उसके साथियों पर मर्डर का आरोप है. अंकित को हाल ही में दिल्ली पुलिस ने गिरफ्तार किया था, उस पर यूपी पुलिस की तरफ से 1 लाख 25 हज़ार का इनाम था. अंकित पर 8 हत्याओ का आरोप था.जानकारी के अनुसार, सुबह करीब 9:15 बजे तिहाड़ के एक कैदी अंकित गुज्‍जर, निवासी बागपत (यूपी) की मौत के बारे में कॉल मिली थी. पुलिस टीम मौके पर पहुंची तो 29 साल के अंकित को तिहाड़ के जेल नंबर की डिस्‍पेंसरी के बेड पर मृत पाया. अंकित के अलावा दो अन्‍य कैदी गुरप्रीत और गुरजीत घायल हैं. इन्‍हें अस्‍पताल ले जाया गया है. मामले की जांच की जा रही है.
अंकित ने तिहाड़ जेल में बंद गैंगस्टर रोहित चौधरी से हाथ मिलाकर चौधरी गुज्जर गैंग बनाया था. इनकी मंशा साउथ दिल्ली में अपना वर्चस्व कायम करने की थी. अंकित ने अपने गांव यूपी के चांदी नगर से प्रधानी चुनाव लड़ रहे विनोद नाम के शख्स की हत्या कर दी थी और पूरे गांव में पोस्टर लगाए थे कि जो भी चुनाव लड़ेगा, उसको विनोद की तरह मारा जाएगा.

नई दिल्ली / शौर्यपथ / कांग्रेस नेता राहुल गांधी की ओर से केंद्र सरकार के खिलाफ विपक्षी एकता को प्रदर्शित करने के लिए बुलाई गई ब्रेकफास्‍ट मीटिंग के एक दिन बाद पंजाब के दो सांसद-कांग्रेस के रवनीति सिंह बिट्टू और शिरो‍मणि अकाली दल की हरसिमरत कौर बादल बुधवार सुबह संसद के बाहर बहस करते नजर आए. संसद के मानसून सत्र के दौरान 'विवादित' कृषि कानून के मसले पर दोनों के बीच यह नोकझोंक हुई. संसद भवन में गेट नंबर 4 पर इस बहस के दौरान हरसिमरत और रवनीत सिंह बिट्टू ने एक-दूसरे पर किसानों के मुद्दे पर गंभीर नहीं के आरोप लगाए. गौरतलब है कि गेट नंबर 4 पर अकाली दल और बसपा के सांसद किसान बिल के विरोध में प्रदर्शन करते हैं.
बिट्टू ने हरसिमरत कौर बादल पर निशाना साधते हुए पत्रकारों के साथ बातचीत में कहा, 'जब केंद्रीय कैबिनेट ने बिल पास किया था तब वह मंत्री थीं. आपने बाद में इस्‍तीफा दिया. वे (अकाली दल) ड्रामा करने में शामिल हैं.' गौरतलब है कि कृषि कानूनों के विरोध में देशभर में प्रदर्शन के बाद हरसिमरत कौर बादल ने केंद्रीय मंत्रिमंडल से इस्‍तीफा दे दिया था. बिट्टू की बात पर हरसिमरत ने जवाब दिया, 'कृपया उनसे पूछिए..जब यह सब हो रहा था तब राहुल गांधी कहां थे. इस पार्टी (कांग्रेस) ने वाकआउट कर बिल को पास होने में मदद की. उन्‍हें झूठ बोलना बंद करना होगा.'
दोनों नेताओं के बीच की यह बहस कैमरे में कैद हुई है. कृषि कानून के विरोध में अकाली दल संसद के बाहर प्रदर्शन कर रहा है. जब कांग्रेस सांसद से रिपोर्टर ने पूछा कि सरकार के खिलाफ विपक्ष एकजुट नहीं दिख रहा तो उन्‍होंने कहा, 'कैसी एकता. उन्‍होंने (अकाली दल ने) बिलों को पारित करवा दिया. पांच दिन हो गए हैं...कृपया उनसे पूछिए कि पार्टी प्रमुख सुखबीर सिंह बादल कहां हैं?' दरअसल, पूर्व केंद्रीय मंत्री हरसिमरत कौर बादल संसद परिसर में कृषि कानूनों का विरोध करते हुए तख्ती लेकर खड़ी थीं. उसी दौरान वहां से गुजर रहे बिट्टू उनके पास पहुंच गए. दोनों नेताओं के बीच आरोप-प्रत्यारोप का दौर चला. कई सोशल मीडिया यूजर्स ने दोनों नेताओं के बीच हुई इस नोकझोंक का वीडियो शेयर किया.वीडियो में बिट्टू अकाली दल की नेता पर केंद्रीय मंत्री रहते हुए तीनों कृषि कानून पारित कराने का आरोप लगाते दिख रहे हैं, जबकि हरसिमरत इसका प्रतिवाद करती नजर आ रही हैं.हरसिमरत ने ‘काले कानून रद्द करो' के नारे भी लगाए. लोकसभा में बसपा के नेता रितेश पांडेय और कुछ अन्य सांसद भी कृषि कानूनों के विरोध में हरसिमरत के साथ खड़े थे.गौरतलब कि कृषि कानून को लेकर किसान लंबे समय से आंदोलनरत हैं. वे तीनों कृषि कानूनों को रद्द करने की मांग कर रहे हैं. दूसरी ओर, केंद्र सरकार, कृषि कानूनों में संशोधन करने के लिए तैयार है लेकिन वह इन्‍हें रद्द करने की किसानों की मांग मानने को तैयार नहीं है. कृषि कानूनों और किसान आंदोलन को लेकर संसद के मॉनसून सत्र में विपक्षी सांसद प्रदर्शन कर रहे हैं. पेगासस जासूसी और कृषि कानूनों को लेकर संसद की कार्यवाही लगातार बाधित हो रही है.

नई दिल्ली/ शौर्यपथ / देश की राजधानी दिल्‍ली के कैंट इलाके में 9 साल के बच्ची के साथ कथित रेप और हत्या के मामले की गुत्थी अभी भी उलझी हुई है इसकी वजह है शव का अधजला मिलना. वहीं इस मामले को लेकर राजनीति तेज हो गई है. दिल्ली कैंट इलाके में 9 साल की बच्ची के साथ कथित तौर पर रेप हुआ और उसकी हत्या कर दी गयी. दिल्ली पुलिस ने फोरेंसिक एक्सपर्ट बुलाकर जहां बच्ची जलाई गई उस जगह से नमूने उठवाए. मामले में आरोपी पुजारी राधेश्याम, लक्ष्मीनारायण, कुलदीप और सलीम के कमरों से उनके कपड़े जब्त किए और वाटर कूलर निकालकर उसकी फोरेंसिक जांच करवाई.बच्ची के घरवालों ने आरोप लगाया था कि रविवार की शाम जब बच्ची श्‍मशान घाट से पानी भरने गयी थी तब वहां उसकी मौत हो गयी थी और पुजारी ने जबरन बच्ची का अंतिम संस्कार करवा दिया.
परिवारजनों का आरोप है बच्ची के साथ रेप हुआ और फिर उसकी हत्या की गई. दूसरी ओर, पुलिस का कहना है कि बच्ची के घरवालों ने शुरुआती बयानों में रेप और हत्या की बात नहीं लिखवाई थी. उस समय उन्होंने करंट से मौत की बात कही थी. बाद में जब उन्होंने नए बयान दिए तब हत्या, रेप, सबूत मिटाने और एससी एसटी एक्ट के तहत केस दर्ज कर लिया गया. सभी आरोपी गिरफ्तार कर लिए गए है. आरोपियों ने भी बताया है कि बच्ची की मौत करंट से हुई है. वाटर कूलर की फोरेंसिक जांच से पता चला कि उसमें करंट आ रहा था. बच्ची के अधजले पैर मिले, उनके पोस्टमार्टम से कोई नतीजा नहीं निकला. आरोपियों के कमरे से उनके कपड़े जब्त किए गए हैं जिनकी डीएनए जांच होगी. इसके साथ ही आरोपियों का पॉलीग्राफ और नार्को टेस्ट कराया जाएगा.मामले को लेकर बड़ा सवाल यह उठ रहा है कि जब संदिग्ध मौत का केस था तो पुजारी ने अंतिम संस्कार क्यों करवा दिया. डीसीपी (दक्षिणी पूर्वी दिल्ली) इंगित प्रताप सिंह ने कहा, 'मामले में संगीन धाराओं में सभी आरोपी गिरफ्तार कर लिए गए हैं. जांच एसीपी रैंक के अफसर कर रहे हैं. हम जल्दी ही चार्जशीट पेश कर देंगे. वैसे चार्जशीट 60 दिन में होती है.'
उधर, मामले को लेकर सियासत भी तेज हो गई है. पीड़ित परिवार से मिलने राहुल गांधी, अरविंद केजरीवाल और दिल्ली बीजेपी प्रदेश अध्यक्ष आदेश गुप्ता पहुंचे, सभी की हूटिंग भी हुईं. वहां मौजूद लोगों में एक-दूसरे पर माहौल खराब करने का आरोप लगाते हुए मारपीट तक हो गई. केजरीवाल जब मंच पर आए तो मंच टूट गया उसके बाद वो निकल गए. केजरीवाल ने पीड़ित परिवार को 10 लाख रुपये मुआवजा देने और मजिस्ट्रेट जांच की बात कही है. पीड़ित परिवार और इलाके के लोग पिछले तीन दिन आरोपियों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई को लेकर सड़क पर बैठे है, इस कारण पंखा रोड जाम है.

मुंंबई/ शौर्यपथ / भीमा कोरेगांव मामलेमें सोशल एक्टिविस्‍ट सुधा भारद्वाज की जमानत याचिका पर बॉम्‍बे हाईकोर्ट ने अपना फैसला सुरक्षित रखा है. मामले पर हाईकोर्ट में बुधवार को सुनवाई पूरी हुई. इस दौरान सुधा के वकील और एडीशनल सॉलिसटर जनरल ने अपना पक्ष रखा. सुधा के वकील युग चौधरी ने जिरह करते हुए कहा कि कानून और व्यवस्था पूरी तरह से राज्य सूची का विषय है और यह लॉ एंड ऑर्डर का मामला था.महाराष्ट्र पुलिस 2 साल से जांच कर रही थी लेकिन एनआईए ने मामले को NIA अधिनियम की धारा 6(5) के तहत अपने पास ले लिया जबकि राज्य सरकार ने अपनी ओर से खुद नहीं दिया था. एनआईए अधिनियम की धारा 19 के तहत मामलों को तेजी से ट्रैक किया जाता है. UAPA की 13 के तहत अपराध एक मजिस्ट्रेट अदालत में जा सकता है लेकिन UAPA धारा 29 एक मजिस्ट्रेट की शक्ति के बारे में विचार-विमर्श करती है और कहती है कि एक मजिस्ट्रेट की अदालत 3 साल से अधिक की सजा नहीं दे सकती है.विभिन्न अपराधों के लिए एक ही धारा से निपटने के दौरान राज्य पुलिस और एनआईए के बीच अंतर क्यों होना चाहिए. UAPA जांच एजेंसियों के बीच अंतर नहीं करता है कि राज्य इसे अलग तरह से लागू करेगा और केंद्रीय एजेंसी इसे अलग तरह से इस्तेमाल करेगी.
उन्‍होंने कहा कि एक ही मामले में एक ही बात के लिए अलग-अलग अधिकार क्षेत्र नहीं बनाए जा सकते. उस मामले में अभियोजक एक अदालत में जाने के लिए कहेगा, आरोपी दूसरी अदालत में जाएगा और पुलिस किसी और अदालत में जाएगी, यह पूरी तरह से अव्यवहारिक होगा. एडीशनल सॉलिसिटर जनरल अनिल सिंह ने राष्ट्रीय सुरक्षा के पहलू पर विस्तार से बहस की. एनआईए के लिए एएसजी अनिल सिंह ने जोर देकर कहा कि मामले में डिफॉल्ट जमानत नही बनती क्योंकि डिफ़ॉल्ट जमानत का अधिकार वास्तविक गिरफ्तारी के 90 दिनों के बाद और चार्जशीट दायर होने से पहले ही लागू होता है. इस मामले में 3 डिफ़ॉल्ट जमानत अर्जी दायर की गई हैं, एक गिरफ्तारी के 90 दिनों से पहले पहले और अन्य 2 चार्जशीट के बाद थीं. दूसरी चार्जशीट पर संज्ञान का डिफ़ॉल्ट जमानत आवेदन से कोई लेना-देना नहीं है क्योंकि दोनों स्वतंत्र मुद्दे हैं.
ASG अनिल सिंह इस मामले में पहले ये दलील भी दे चुके हैं कि भले ही प्रारंभिक रिमांड उचित अदालत द्वारा नहीं हो लेकिन बाद में उचित अदालत द्वारा रिमांड है तो वह नियमित हो जाता है. राज्य सरकार के महाधिवक्ता आशुतोष कुंभकोनी ने कहा कि यह महत्वपूर्ण है कि कोई SC के फैसले को कैसे पढ़ता है और फैसले में निर्णय लेने का अनुपात भी महत्वपूर्ण है. सीआरपीसी 167 का मुद्दा, क्या मजिस्ट्रेट के पास चार्जशीट के विस्तार पर फैसला करने की शक्ति है?ये विक्रमजीत के मामले में भी नहीं उठा (युग चौधरी ने बिक्रमजीत मामले में SC के आदेश का संदर्भ दिया है). आप किसी भी फैसले की एक या दो लाइन नहीं चुन सकते हैं और कह सकते हैं कि बल्ले बल्ले, मैं जेल से बाहर निकल सकता हूं. बिक्रमजीत मामले का फैसला इस मामले से अलग है.सुनवाई पूरी होने के बाद अदालत ने फैसला सुरक्षित रखा है

Sports। Shouryapath । 

India were assured of at least a silver medal in the men's freestyle wrestling 57kg category as Ravi Kumar Dahiya staged a great comeback against Kazakhstan's Nurislam Sanayev to make his way to the final.

 

The bout started in a cagey fashion with both wrestlers registering points in the initial minutes of the first round. But Sanayev almost won the match as he registered 8 points in a row by pulling off the dreaded 'fitele' move. Sanayez grabbed Ravi by the ankles and rolled the Indian wrestler four times, which gave him the 8 points to take the advantage to 9-2.

 

But Ravi Kumar staged a grand comeback as he first reduced the deficit to 5-9 and then pinned the Kazakh wrestler down with a great move to eventually win the bout 'by fall'.

खेल /शौर्यपथ /19 सितंबर से युनाइटेड अरब अमीरात (यूएई) में इंडियन प्रीमियर लीग (आईपीएल) का दूसरा फेज खेला जाना है। इससे ठीक पहले न्यूजीलैंड क्रिकेट टीम पांच मैचों की टी20 इंटरनेशनल सीरीज के लिए बांग्लादेश के दौरे पर जाएगी। बांग्लादेश और न्यूजीलैंड के बीच 1 से 10 सितंबर के बीच पांच मैचों की टी20 इंटरनेशनल सीरीज खेली जाएगी, जिसके सभी मैच ढाका के शेर-ए-बांग्ला स्टेडियम पर होंगे। इंटरनेशनल क्रिकेट काउंसिल (आईसीसी) ने इसकी घोषणा की है। बांग्लादेश क्रिकेट बोर्ड (बीसीसी) और इंग्लैंड एंड वेल्स क्रिकेट बोर्ड (ईसीबी) ने आपसी सहमति से सितंबर में होने वाली लिमिटेड ओवर को मार्च 2023 तक के लिए स्थगित कर दिया था। आईपीएल में न्यूजीलैंड और बांग्लादेश दोनों देशों के क्रिकेटर्स हिस्सा लेंगे, ऐसे में टी20 सीरीज खत्म होते ही, आईपीएल में हिस्सा लेने वाले खिलाड़ी एकसाथ यूएई के लिए रवाना हो सकते हैं।
आईपीएल के तुरंत बाद आईसीसी टी20 वर्ल्ड कप खेला जाना है। टी20 वर्ल्ड कप 17 अक्टूबर से यूएई और ओमान में खेला जाना है। ऐसे में यह टी20 इंटरनेशनल सीरीज बांग्लादेश और न्यूजीलैंड दोनों टीमों के लिए काफी अहम साबित हो सकती है। टी20 वर्ल्ड कप यूएई और ओमान में खेला जाना है, ऐसे में बांग्लादेश की परिस्थितियों में खेलने का कीवी टीम को फायदा मिल सकता है। फिलहाल ऑस्ट्रेलियाई टीम बांग्लादेश के दौरे पर है और दोनों टीमों के बीच पांच मैचों की टी20 इंटरनेशनल सीरीज खेली जा रही है। बांग्लादेश सीरीज में 1-0 से आगे है।

मनोरंजन / शौर्यपथ /बॉलीवुड के दिग्गज सिंगर-एक्टर किशोर कुमार के काम को आज भी याद किया जाता है। उनका गाया हुआ हर गाना सुपरहिट है। उन्होंने फिल्म की हर विधा में अपना हाथ आजमाया और सफल साबित हुए। वह अपनी आवाज के अलावा शानदार व्यक्तित्व के लिए भी मशहूर थे। इसी के चलते कई फिल्मों में उन्होंने एक्टिंग भी की थी। इसके अलावा किशोर कुमार को उनकी बिंदास शख्सियत के लिए जाना जाता है। आज सिंगर किशोर कुमार के जन्मदिन के खास मौके पर आइए जानते हैं उनकी जिंदगी से जुड़ी कुछ दिलचस्प बातों के बारें में।
फिल्मी करियर
किशोर कुमार का जन्म 4 अगस्त 1929 को मध्यप्रदेश के खंडवा जिले में हुआ था। उनका असली नाम आभास कुमार गांगुली था। उन्हें बचपन से ही फिल्मों में काम करने का शौक था। इसलिए वह अपने भाई अशोर कुमार के नक्शे कदम पर चलने लगे। किशोर की पहली डेब्यू फिल्म साल 1946 में रिलीज हुई थी, जिसमें अशोक कुमार लीड एक्टर थे। बॉलीवुड की कई फिल्मों में काम करने के बाद किशोर म्यूजिक इंडस्ट्री में अपनी असली पहचान का छाप छोड़ा।
इस खूबी के लिए जाने जाते थे किशोर कुमार
बतौर गायक सबसे पहले उन्हें वर्ष 1948 में 'बाम्बे टाकीज' की फिल्म 'जिद्दी' में देवानंद के लिये ' मरने की दुआएं क्यूं मांगू' गाने का मौका मिला। सिंगर-एक्टर के अलावा किशोर कुमार म्यूजिक डायरेक्टर, लिरिक्स राइटर, प्रोड्यूसर और स्क्रीनराइटर भी रह चुके हैं। आपको जानकर हैरानी होगी कि किशोर महिलाओं की आवाज में भी गाना गाने में माहिर थे। गाना 'एक लड़की भीगी भागी सी' में किशोर ने लड़का-लड़की की आवाज में गाना गाया था।
पर्सनल लाइफ-अफेयर-शादी
किशोर कुमार खुशमिजाज स्वभाव के थे, लेकिन निजी जिंदगी में वह अकेले ही रहे। भले ही उन्होने जिंदगी में 4 शादियां कीं, लेकिन अंदरुनी तौर पर वह अकेले ही रहे। किशोर कुमार ने पहली शादी 1950 में रूमा घोष से की थी, लेकिन यह शादी 8 साल ही चली और 1958 में दोनों का तलाक हो गया था। यही नहीं कहा जाता है कि दोनों के अलग होने से पहले ही किशोर कुमार ने मधुबाला से शादी कर ली थी। लेकिन मधुबाला दिल की मरीज थीं और परिवार के दबाव के चलते अलग रहने लगे थे। हालांकि किस्मत को कुछ और ही मंजूर था और 1969 में मधुबाला का निधन हो गया। इसके बाद 1976 में उन्होंगे योगिता बाली से शादी की थी, लेकिन 1978 में ही तलाक हो गया। किशोर कुमार ने चौथी शादी लीना चंदावरकर से की थी।
गुस्से में मिथुन की फिल्मों में बंद कर दिया था गाना
किशोर कुमार से जुड़ा एक और दिलचस्प किस्सा है। दरअसल उनकी तीसरी पत्नी योगिता बाली ने उनसे तलाक लेकर एक्टर मिथुन चक्रवर्ती से शादी कर ली थी। इसके चलते किशोर कुमार ने मिथुन चक्रवर्ती के लिए गाना भी छोड़ दिया था। करीब तीन सालों तक किशोर कुमार की मिथुन चक्रवर्ती से दूरी रही, लेकिन अंत में वह मिथुन चक्रवर्ती के लिए गाने को राजी हुए। उन्होंने 1979 में सुरक्षा मूवी में मिथुन चक्रवर्ती के लिए गाया था। इसके बाद फिर उन्होंने मिथुन की कई हिट फिल्मों जैसे- डिस्को डांसर, फरेब और वक्त की आवाज। यही नहीं उन्होंने अपने करियर का आखिर गाना 'गुरु गुरु' भी मिथुन के लिए ही गाया था।
किशोर कुमार ने कहा था, मेरा कोई दोस्त नहीं
किशोर कुमार जिंदगी में कितने अकेले थे, इस बात का अंदाजा इससे ही लगाया जा सकता है कि एक बार उन्होंने कहा था कि कहने के लिए मेरा कोई दोस्त नहीं है। पेड़-पौधे ही मेरे दोस्त है। हालांकि राजेश खन्ना और आरडी बर्मन को लंबे समय तक उनके अच्छे संबंध में थे। राजेश खन्ना पर फिल्माये गए ज्यादातर गानों को किशोर कुमार ने ही आवाज दी थी।

खाना खजाना / शौर्यपथ /आगामी दिनों में हरियाली और हरतालिका तीज का पर्व मनाया जाएगा। आप इस खास त्योहार के दिन घर पर ही कुछ खास पकवान तैयार करके त्योहार की मिठास को बढ़ा सकती हैं और अपने परिवार वालों का दिल जीत सकती हैं। अगर आप भी तीज के खास मौके पर कुछ खास पकवान बनाना चाहती है तो आपके लिए यहां प्रस्तुत हैं 3 खास मिठाइयां बनाने की एकदम आसान विधियां...
1. मालपुआ
सामग्री :1 कप मैदा छना हुआ, 1 कप दूध, 1 चम्मच सौंफ, डेढ़ कप शक्कर, 1 चम्मच नीबू रस, घी (तलने और मोयन के लिए), डेकोरेशन के लिए मेवे की कतरन, 1 चम्मच इलायची पावडर।
विधि :पहले मैदे में दो बड़े चम्मच घी का मोयन डालें, तत्पश्चात दूध और सौंफ मिलाएं और घोल तैयार कर लें। एक मोटे पेंदे के अलग बर्तन में शक्कर, नीबू रस और तीन-चौथाई कप पानी डालकर चाशनी तैयार कर लें।
एक कड़ाही में घी गर्म करके एक बड़े चम्मच से घोल डालते जाएं और करारा फ्राय होने तक तल लें। फिर चाशनी में डुबोएं और एक अलग बर्तन में रखते जाएं। इस तरह सभी मालपुए तैयार कर लें और ऊपर से मेवे की कतरन और इलायची बुरका कर भोग लगाएं।
2. घेवर
सामग्री :डेढ़ कटोरी मैदा, 2 कप पानी, डेढ़ बड़ा चम्मच जमा गाढ़ा घी, डेढ़ कप बर्फ का ठंडा पानी, घी, सवा 2 कटोरी शकर, गुलाब पत्ती, चुटकी भर पीला रंग, कटे हुए पिस्ता व बादाम, 1 मटका रखने वाली रिंग।
विधि : सबसे पहले जमा हुआ गाढ़ा घी लेकर एक बर्तन में बर्फ के ठंडे पानी के साथ खूब फेंटिए। करीबन 5-10 मिनट बाद घी में से पानी बाहर निकल जाता है। अब पानी निथारकर इसमें थोड़ा-थोड़ा कर मैदा मिलाकर फेंटिए।
सबसे पहले जमा हुआ गाढ़ा घी लेकर एक बर्तन में बर्फ के ठंडे पानी के साथ खूब फेंटिए। करीबन 5-10 मिनट बाद घी में से पानी बाहर निकल जाता है। अब पानी निथारकर इसमें थोड़ा-थोड़ा कर मैदा मिलाकर फेंटिए।
जब भजिए से भी पतला घोल तैयार हो जाए, तब छोटी कड़ाही में मटका रखने वाली रिंग रखें। इसमें घी डालकर गर्म करें। जब घी अच्छी तरह गर्म हो जाए, तब रिंग के बीच में धीरे-धीरे धार-सी बनाते हुए मैदे का घोल छोड़ें। रिंग करीब आधा डूबा होना चाहिए। हल्का बादामी होने लगे, तब सलाई की सहायता से घेवर उठा लीजिए। घेवर पर 3-4 बार डेढ़ तार की गर्म चाशनी डालें और तैयार घेवर को मेवे से सजाएं।
लजीज गुझिया
सामग्री :
250 ग्राम खोया, 250 ग्राम मैदा, 1/2 कटोरी घी (मोयन के लिए), 200 ग्राम पिसी चीनी, आधा कटोरी मेवा कतरन, 1/2 छोटा चम्मच इलायची पावडर, पाव कटोरी खोबरा बूरा, थोड़ी-सी चारोली एवं किशमिश, केसर के कुछ लच्छे, तलने के लिए घी, थोड़ा-सा दूध अथवा पानी एक कटोरी में अलग से।
विधि :एक कड़ाही में धीमी आंच पर मावा गुलाबी होने तक भून लें। जब वह भुन जाए तो उसे ठंडा करके उसमें पिसी चीनी, मेवे की कतरन, खोबरा पूरा, इलायची पावडर, चारोली, किशमिश और केसर डालकर अच्छी तरह मिलाकर मिश्रण तैयार कर लें।
अब मैदे में मोयन वाला घी डाल कर गूंथ लें। थोड़ी देर कपड़े से ढंककर रख दें। अब आटे की छोटी-छोटी लोई पूरी की तरह बेलने के बाद उसमें गुझिया का मिश्रण (एक से डेढ़ छोटा चम्मच) रखकर (हाथ से हल्का दबा दें) और चारों तरफ पानी या दूध की ऊंगली घूमाकर उसे बंद कर दें। गुझियों को गोठते समय ध्यान रखें कि वे खुलें नहीं। इन्हें थोड़ी देर कपड़े पर फैला दें। अब कड़ाही में घी गरम कर के गुझियों को गुलाबी होने तक तल लें। तैयार लजीज गुझिया को पेश करें।

ब्यूटी टिप्स / शौर्यपथ /पानी में अधिक देर तक हाथ रखने से स्किन गल जाती है। लेकिन जब मौसम बदलता है तब हाथों और पैरों की स्किन निकलने लगती है। इससे हाथ और पैर खुरदुरे हो जाते हैं। काम के दौरान बार-बार क्रीम लगाना पड़ता है। स्किन इस कदर निकलती है कि कभी - कभी जलन भी करने लगती है। ऐसे में आराम पाने के लिए 3 आसान घरेलू उपाय है जिससे आपको राहत मिल सकती है। तो आइए जानते हैं...
1. दूध - इसमें मौजूद लैक्टिक एसिड स्किन के लिए लाभदायक है। इसे लगाने से त्‍वचा लंबे वक्‍त तक मुलायम बनी रहती है। जिससे बार-बार स्किन नहीं निकलती है। दूध के साथ
में थोड़ा सा गुलाबजल भी मिक्‍स करें। मिक्‍स करने के बाद अपने हाथों पर लगा लें और 5 मिनट बाद हाथों को धो लें। ऐसा दिन में 2 या 3 बार करें। आपको आराम मिलेगा।
2. केला - केले में मौजूद एंटीऑक्सीडेंट स्किन को बेहतरीन तरह से मॉइश्‍चराइज करते हैं। स्किन निकलने पर आप केले का पैक भी लगा सकते हैं। सबसे पहले आधे केले को मैश कर लें। इसके बाद उसमें दो चम्‍म्‍च दूध मिला लें। दोनों को अच्‍छे से मिक्‍स कर लें। और हाथों पर 5 मिनट के लिए लगा लें। इसके बाद साफ पानी से धो लें। दिन में दो बार ऐसा करें जल्‍द आराम मिलेगा ।
3.एलोवेरा जेल - यह गूणों से भरपूर होता है। इसका कई तरह से इस्‍तेमाल किया जाता है। इसमें मौजूद तत्‍व स्किन को हाइड्रेट रखते हैं। ऐसे में एलोवेरा जेल को फ्रिज में आइस ट्रे में जमा दें। इसके बाद एक - एक क्‍यूब को अपने हाथों पर घिसे। इससे जल्‍द आराम मिलेगा।

ब्यूटी टिप्स /शौर्यपथ /ग्‍लोइंग स्किन के लिए कई सारे जतन करते हैं। निखार नहीं आने पर महंगे से महंगे प्रोडक्ट का इस्‍तेमाल भी करते हैं। लेकिन चेहरे पर निखार नहीं आता है। वही बेजान और रूखी त्‍वचा। लेकिन हमेशा गलती किसी प्रोडक्‍ट की नहीं होती है। कई बार छोटी - छोटी गलतियां भारी पड़ जाती है। जिस वजह से किसी भी तरह का उपाय स्किन पर असर नहीं करता है। इसके बाद परेशान हो कर केयर करना छोड़ देते हैं। लेकिन आपने कभी गौर किया है आप कहां गलती करते हैं इसलिए किसी भी तरह का उपचार स्किन पर असर नहीं करता है। आइए जानते हैं किस तरह अपनी स्किन की चमक को खोने से रोके।
- अगर आप घर पर कोई फेस पैक लगाते हैं तो उस दौरान 20 मिनट आंख बंद करके सो जाएं। ना ही कुछ खाएं और ना ही कुछ पिएं। अक्‍सर महिलाएं फेस पैक लगाने के बाद कुछ ना कुछ खाती रहती है या किसी से फोन पर बात करने लगेगी। रिलेक्‍स होकर फेस पैक का आनंद लें।
-फेस पैक लगाने के बाद चेहरे को हिलाना नहीं। इससे स्किन में खिंचाव होता है। और चेहरे पर सल पड़ने लगते हैं।
- आपने कोई सा भी फेस पैक लगाया हो उसे 20 मिनट से अधिक नहीं रखें। अगर आपको यह लगता है कि उसे पूरा सूख जाने दें। ऐसा नहीं करें। अगर वह हल्‍का सा भी नर्म रहता है तो उसे गुनगुने या ठंडे पानी से हल्‍के हाथों से धोएं।
- अक्‍सर लोग अपने चेहरे को जोर-जोर से घिसते हैं। उन्‍हें लगता है कि इससे चेहरे पर जमा मेल निकल जाएगा लेकिन यह गलत तरीका है। दरअसल, चेहरे को जोर से नहीं रगड़ते हुए हल्‍के-हल्‍के हाथों से रगड़ें। जोर से घिसने पर चेहरे का जरूरी तेल भी निकल जाता है। इस वजह से चेहरा पूरी तरह से रूखा हो जाता है। साथ ही यह गलती भी कर देते हैं कि चेहरे को गर्म पानी से धो लेते हैं। चेहरे को हमेशा गुनगुने या ठंडे पानी से ही धोएं। कभी चेहरे पर किसी प्रकार का साबुन नहीं लगाएं। चेहरे की त्‍वचा नाजुक होती है।

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