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ब्यूटी टिप्स / शौर्यपथ /पैरों की सुंदरता भी जरूरी होती है। वहीं अगर शॉर्ट ड्रेस पहन रहे हैं तो आपके जांघों का भी सुंदर होना जरूरी है। सुंदर होने से तात्पर्य कई अलग-अलग कारणों से काली धाराएं बन जाती है। जो ड्रेस पहनने के बाद अलग ही झाई मारती है। जिस वजह से पूरा लुक खराब हो जाता है। लेकिन आप घबराए नहीं हर समस्या का समाधान होता है तो इसका भी है। जी हां, नानी मां के नुस्खे हमेशा काम आते हैं। तो आइए जानते हैं कैसे जाघों पर छा रही झाइयों को दूर करें। इससे पहले जानते हैं कालापन होने का कारण -
- हार्मोनल बदलाव के कारण जांघों का कालापन बढ़ता है।
- जब दोनों पैर ऊपर की ओर से टकराते हैं।
- धूप में अधिक घूमने से।
- टाइट जींस या कपड़े पहनने से पसीना आना।
- शेविंग करने से।
- डायबिटीज होने पर।
कैसे मिटाएं काली झाइयां -
एलोवेरा जेल - इसमें मौजूद तत्व आपकी त्वचा की टैनिंग को कम करने में मदद करती है। एलोवेरा जेल का गुदा अपनी प्रभावित जगह पर लगाएं। 20 मिनट के लिए लगा रहने दें।
इसके बाद गुनगुने पानी से धो लें। आप चाहे तो उसमें कुछ बूंदे बादाम तेल की मिला सकते हैं।
हल्दी - हल्दी एक औषधि है। खाने में स्वाद बढ़ाती है तो, रोगों का उपचार करती है साथ ही सुंदरता बढ़ाने में भी कारगर है। 1 चम्मच मलाई लें और उसमें 2 चुटकी हल्दी मिक्स कर लें।
इसके बाद दोनों को मिक्स करके प्रभावित स्थान पर लगा लें। 15 मिनट बाद रगड़ कर साफ करें। और गुनगुने पानी से धो लें।
नारियल तेल - प्राकृतिक नारियल तेल लें। उसमें कुछ बूंदे नींबू का रस मिला लें। इसके बाद जांघ के प्रभावित काले एरिया पर उसे लगाएं। 15 मिनट बाद हल्के हाथों से उसे साफ करें और सादे पानी से धो लें। सप्ताह में दो बार जरूर करें। जल्द आराम मिलेगा।
व्रत त्यौहार / शौर्यपथ / हरियाली तीज पर श्रृंगार का राज : शिव पुराण के अनुसार, माता पार्वती ने भगवान शिव को पति के रूप में पाने के लिए 107 जन्मों तक कठिन तप किया, फिर भी उनकी मनोकामना पूर्ण नहीं हुई। वे अपने 108वें जन्म में इसी हरियाली तीज व्रत के प्रभाव से शिवजी को प्रसन्न करने में सफल रहीं। भगवान शिव ने माता पार्वती के व्रत से प्रसन्न होकर उनको अपनी अर्धांगिनी बनाया।
हरियाली तीज व्रत श्रावण के महीने में पड़ता हैं, जब चारों ओर प्रकृति की हरियाली छटा बिखरी रहती है। इस मौसम में बारिश की रिमझिम फुहारों से मौसम खुशनुमा हो जाता है और ऐसे ही समय में मनाया जाता है हरियाली तीज का यह पवित्र त्योहार। हरियाली तीज के दिन महिलाएं 16 श्रृंगार करती हैं और शाम को पूजा के दौरान माता पार्वती को 16 श्रृंगार की वस्तुएं तथा भगवान शिव को वस्त्र अर्पित करती हैं।
हरियाली तीज के दिन महिलाएं सुबह घर के काम और स्नान करने के बाद सोलह श्रृंगार करके निर्जला व्रत रखती हैं। इसके बाद मां पार्वती और भगवान शिव की पूजा होती है। विवाहित स्त्रियां अपने पति की दीर्घायु के लिए व्रत रखती हैं। इस खास त्योहार पर हरे वस्त्र, हरी चुनरी, हरा लहरिया, हरा श्रृंगार, मेहंदी, झूला झूलने का भी रिवाज है। हरियाली तीज को महिलाएं उत्साह व उमंग के साथ मनाती हैं। इस दिन 16 श्रृंगार महिलाएं करती हैं जिसमें खासतौर पर अपने श्रृंगार में हरे रंग को शामिल करती हैं।
जानें हरियाली तीज के हरे श्रृंगार-
मेहंदी- हरियाली तीज में मेहंदी का भी महत्वपूर्ण स्थान है। इस खास अवसर पर महिलाएं अपने हाथों में मेहंदी लगाती हैं। मेहंदी डिजाइन में आप अरेबिक डिजाइन, फ्लोरल मेहंदी डिजाइन, भरवां मेहंदी, सिंपल और सादगीभरी डिजाइन बना सकती हैं। इन्हें आप आसानी से घर पर ही आप बना सकती हैं।
हरी चूड़ियां- सावन माह में हरे रंग का बहुत महत्व होता है। सुहागिन स्त्रियां हरियाली तीज में हरे रंग की चूड़ियों को शामिल करती हैं, क्योंकि हरे रंग की चूड़ियां सुहागिन स्त्रियां पति की खुशहाली, तरक्की, दीर्घायु व सेहतमंद जिंदगी के लिए पहनती हैं।
हरे वस्त्र- सावन के महीने में प्रकृति बेहद खूबसूरत नजर आती है। हरियाली तीज में महिलाएं हरे रंग के वस्त्र धारण करती हैं। यह आंखों को भी राहत पहुंचाने वाला रंग है। आप साड़ी, सूट, लहंगा जैसे ट्रेडिशनल ड्रेस पहन सकती हैं।
झुमके- महिलाओं का 16 श्रृंगार झुमकों के बिना अधूरा-सा लगता है। हरियाली तीज में आप हरे रंग के झुमकों को अपने श्रृंगार में शामिल कर सकती हैं, जो आपकी खूबसूरती में चार चांद लगा देंगे। इसके लिए आप कुंदन बालियां, लटकने वाली एंटीक डिजाइनर बालियां, मीनाकारी झुमकी, कुंदन की मीनाकारी झुमकी को चुन सकती हैं। इसके अलावा विंग्स स्टाइल ईयररिंग, झुमके, घुंघरू वाली ईयररिंग्स भी महिलाएं ट्राए कर सकती हैं। पिकॉक डिजाइन में अंगूठी ईयररिंग्स और नेकलेस इन्हें आप लहंगे, साड़ी के साथ टीमअप करके पहन सकती हैं।
हरी बिंदी- हरियाली तीज में हरा श्रृंगार एक तरह से प्रकृति से नाता झलकाता है। हरी बिंदियों को महिलाएं अपने 16 श्रृंगार में शामिल करती हैं। साड़ी के अलावा भी बिंदी सूट और हर ट्रेडिशनल ड्रेस पर खूब जंचती है। यह आपके फीचर्स को भी शॉर्प दिखाती है। इसके लिए अपने फेस कट के अनुसार बिंदी का चयन करें। हार्ट शेप फेसकट की महिलाओं को छोटी बिंदी लगानी चाहिए, बड़ी बिंदी इनके चेहरे पर नहीं जंचती।
ओवल फेसकट वाली महिलाओं पर किसी भी तरह की बिंदी जंचती है तो आप हर डिजाइन की बिंदी लगा सकती हैं। राउंड फेसकट वाली महिलाओं को गोल बिंदी लगानी चाहिए। यह आपको परफेक्ट लुक देने में मदद करती है।
आस्था /शौर्यपथ /श्रावण माह में जिसकी जैसी मनोकाना होती है वह वैसे शिवलिंग की पूजा करता है। आओ जानते हैं कि श्रावण माह में प्रमुख रूप से किस शिवलिंग की पूजा सबसे ज्यादा प्रभावकारी होती है।
शिवलिंग के प्रकार : प्रमुख रूप से शिवलिंग 2 प्रकार के होते हैं- पहला आकाशीय या उल्का शिवलिंग और दूसरा पारद शिवलिंग। पहला उल्कापिंड की तरह काला अंडाकार लिए हुए। ऐसे शिवलिंग को ही भारत में ज्योतिर्लिंग कहते हैं। दूसरा मानव द्वारा निर्मित पारे से बना शिवलिंग होता है। पारद विज्ञान प्राचीन वैदिक विज्ञान है। इसके अलावा पुराणों के अनुसार शिवलिंग के प्रमुख 6 प्रकार होते हैं- देवलिंग, असुरलिंग, अर्शलिंग, पुराणलिंग, मनुष्यलिंग और स्वयंभूलिंग।
श्रावण माह में व्यक्ति को स्वयंभू शिवलिंग, पुराणलिंग, मनुष्यलिंग या परद शिवलिंग की पूजा करना चाहिए। इससे भी सबसे ज्याद प्रभावकारी स्वयंभू शिवलिंग है।
1.देवलिंग:- जिस शिवलिंग को देवताओं या अन्य प्राणियों द्वारा स्थापित किया गया हो, उसे देवलिंग कहते हैं। वर्तमान समय में धरती पर मूल पारंपरिक रूप से यह देवताओं के लिए पूजित है।
2.आसुरलिंग:- असुरों द्वारा जिसकी पूजा की जाए वह असुर लिंग। रावण ने एक शिवलिंग स्थापित किया था, जो असुर लिंग था। देवताओं से द्वैष रखने वाले रावण की तरह शिव के असुर या दैत्य परम भक्त रहे हैं।
3.अर्शलिंग:- प्राचीन काल में अगस्त्य मुनि जैसे संतों द्वारा स्थापित इस तरह के लिंग की पूजा की जाती थी।
4.पुराणलिंग:- पौराणिक काल के व्यक्तियों द्वारा स्थापित शिवलिंग को पुराण शिवलिंग कहा गया है। इस शिवलिंग की पूजा पुराणिकों द्वारा की जाती है।
5.मनुष्यलिंग:- प्राचीनकाल या मध्यकाल में ऐतिहासिक महापुरुषों, अमीरों, राजा-महाराजाओं द्वारा स्थापित किए गए शिवलिंग को मनुष्य शिवलिंग कहा गया है।
6.स्वयंभूलिंग:- भगवान शिव किसी कारणवश स्वयं शिवलिंग के रूप में प्रकट होते हैं। इस तरह के शिवलिंग को स्वयंभू शिवलिंग कहते हैं। भारत में स्वयंभू शिवलिंग कई जगहों पर हैं। वरदान स्वरूप जहां शिव स्वयं प्रकट हुए थे।
7.पारद शिवलिंग:- पारद शिवलिंग अक्सर घर, ऑफिस, दूकान आदि जगहों रखा जाता है। इस शिवलिंग की पूजा अर्चना करने से जीवन में सुखशांति और सौभाग्य प्राप्त होता हैं।
8.मिश्री शिवलिंग:- यह शिवलिंग चीनी या मिश्री से बना होता हैं। कहते हैं कि इस की पूजा करने से रोगों का नाश होकर पीड़ा से मुक्ति मिलती हैं।
9.जौं और चावल से बने शिवलिंग:- पारिवारिक समृद्धि के लिए इसका पूजना होता हैं। जो दम्पति संतानसुख से वंचित हैं उन्हें संतान सुख की प्राप्ति होती हैं।
10.भस्म शिवलिंग:- यज्ञ की भस्म से बनाए गए इस शिवलिंग से सिद्धियों की होती है। इसकी पूजा अक्सर अघोरी सम्प्रदाय के लोग करते हैं।
11.गुड़ शिवलिंग:- गुड़ और अन्न से मिल कर बने इस शिवलिंग की पूजा करने से कृषि और अन्न उत्पादन में वृद्धि होती हैं।
12.फल-फूल के शिवलिंग:- फूल से बने शिवलिंग की पूजा करने से भूमि-भवन से जुड़ी समस्याओं से छुटकारा मिलता हैं। वहीं, फल से बने शिवलिंग की पूजा करने से घर में अन्न-जल आदि में बरकत बनी रहती।
13.स्वर्ण-रजत से बने शिवलिंग:- सोने और चांदी के धातु से बने शिवलिंग से सुख-समृद्धि तथा धन वैभव की प्राप्ति होती हैं।
14.बिबर मिट्टी के शिवलिंग:- बिबर की मिटटी से बने शिवलिंग की पूजा करने से विषैले प्राणी जैसे सर्प-बिच्छू आदि के भय से मुक्ति मिलती हैं।
15.दही से बने शिवलिंग:- दही को कपड़े में बांध कर बनाया गया शिवलिंग सुख, समृद्धि और धन संपत्ति की प्राप्ति के लिए होता हैं।
16.लहसुनिया शिवलिंग:- लहसुनिया से बने शिवलिंग की पूजा से हमें हमारे शत्रु पर विजय प्राप्ति की समस्त मनोकामनाएं पूरी होती हैं।
देश के प्रमुख शिवलिंग की करें पूजा :
सोमनाथ (गुजरात), मल्लिकार्जुन (आंध्रप्रदेश), महाकाल (मध्यप्रदेश), ममलेश्वर (मध्यप्रदेश), बैद्यनाथ (झारखंड), भीमाशंकर (महाराष्ट्र), केदारनाथ (उत्तराखंड), विश्वनाथ (उत्तरप्रदेश), त्र्यम्बकेश्वर (महाराष्ट्र), नागेश्वर (गुजरात), रामेश्वरम् (तमिलनाडु), घृश्णेश्वर (महाराष्ट्र), अमरनाथ (जम्मू-कश्मीर), पशुपतिनाथ (नेपाल), कालेश्वर (तेलंगाना), श्रीकालाहस्ती (आंध्रप्रदेश), एकम्बरेश्वर (तमिलनाडु), अरुणाचल (तमिलनाडु), तिलई नटराज मंदिर (तमिलनाडु), लिंगराज (ओडिशा), मुरुदेश्वर शिव मंदिर (कर्नाटक), शोर मंदिर, महाबलीपुरम् (तमिलनाडु), कैलाश मंदिर एलोरा (महाराष्ट्र), कुम्भेश्वर मंदिर (तमिलनाडु), बादामी मंदिर (कर्नाटक) आदि सैकड़ों प्राचीन और चमत्कारिक मंदिर हैं।
शौर्य पथ खेल । कहते है कि जंग में सब जायज है और जीत के लिए कुछ भी कर सकते हैं किंतु इस धावक ने कुछ ऐसा कर दिया कि वो इतिहास में सदैव के लिए अमर हो गया और एक गोल्ड हार कर भी दुनिया के करोड़ों लोगों के दिल को जीत लिया ।
हुआ कुछ ऐसा कि केनिया के सुप्रसिद्ध धावक अबेल मुताई एक प्रतियोगिता मे अंतिम राउंड मे दौडते वक्त अंतिम लाइन से कुछ मिटर ही दूर थे और उनके सभी प्रतिस्पर्धी पीछे थे । अबेल ने स्वर्ण पदक लगभग जीत ही लिया था ।सभी दर्शक उनके नाम का जयघोष कर रहे थे , इतनेमें कुछ गलतफहमी के कारण वे अंतिम रेखा समझकर एक मिटर पहले ही रुक गए। उनके पीछे आनेवाले स्पेन के इव्हान फर्नांडिस के यह ध्यान मे आया कि अंतिम रेखा समझमे नहीं आने की वजह से वह पहले ही रुक गए है ।उसने चिल्लाकर अबेल को आगे जाने के लिए कहा लेकिन स्पेनिश नहीं समझने की वजह से वह नही हिला ।आखिर मे इव्हान ने उसे धकेलकर अंतिम रेखा तक पहूंचा दिया ।इस कारण अबेल का प्रथम तथा इव्हान का दूसरा क्रमांक आया ।पत्रकारों ने इव्हान से पूछा "तुमने ऐसा क्यों किया ?मौका मिलने के बावजूद तुमने प्रथम क्रमांक क्यों गंवाया ?" इव्हान ने कहा "मेरा सपना है कि हम एक दिन ऐसी मानवजाति बनाएंगे जो जो एक दूसरे को मदद करेगी ।और मैने प्रथम क्रमांक नहीं गंवाया।" पत्रकार ने फिर कहा "लेकिन तुमने केनियन प्रतिस्पर्धी को धकेलकर आगे लाया ।" इसपर इव्हान ने कहा "वह प्रथम था ही ।यह प्रतियोगिता उसी की थी।" पत्रकार ने फिर कहा " लेकिन तुम स्वर्ण पदक जीत सकते थे" "उस जीतने का क्या अर्थ होता । मेरे पदक को सम्मान मिलता? मेरी मां ने मुझे क्या कहा होता?संस्कार एक पीढी से दूसरी पीढी तक आगे जाते रहते है ।मैने अगली पीढी को क्या दिया होता? दूसरों की दुर्बलता या अज्ञान का फायदा न उठाते हुए उनको मदद करने की सीख मेरी मां ने मुझे दी है ।"
दुर्ग । शौर्य पथ ।
कुछ रोचक जानकारी क्या आपको पता है ?
1. ? चीनी को जब चोट पर लगाया जाता है, दर्द तुरंत कम हो जाता है...
2. ? जरूरत से ज्यादा टेंशन आपके दिमाग को कुछ समय के लिए बंद कर सकती है...
3.? 92% लोग सिर्फ हस देते हैं जब उन्हे सामने वाले की बात समझ नही आती...
4.? बतक अपने आधे दिमाग को सुला सकती हैं जबकि उनका आधा दिमाग जगा रहता....
5.? कोई भी अपने आप को सांस रोककर नही मार सकता...
6.? स्टडी के अनुसार : होशियार लोग ज्यादा तर अपने आप से बातें करते हैं...
7.? सुबह एक कप चाय की बजाए एक गिलास ठंडा पानी आपकी नींद जल्दी खोल देता है...
8.? जुराब पहन कर सोने वाले लोग रात को बहुत कम बार जागते हैं या बिल्कुल नही जागते...
9.? फेसबुक बनाने वाले मार्क जुकरबर्ग के पास कोई कालेज डिगरी नही है...
10.? आपका दिमाग एक भी चेहरा अपने आप नही बना सकता आप जो भी चेहरे सपनों में देखते हैं वो जिदंगी में कभी ना कभी आपके द्वारा देखे जा चुके होते हैं...
11.? अगर कोई आप की तरफ घूर रहा हो तो आप को खुद एहसास हो जाता है चाहे आप नींद में ही क्यों ना हो...
12.? दुनिया में सबसे ज्यादा प्रयोग किया जाने वाला पासवर्ड 123456 है.....
13.? 85% लोग सोने से पहले वो सब सोचते हैं जो वो अपनी जिंदगी में करना चाहते हैं...
14.? खुश रहने वालों की बजाए परेशान रहने वाले लोग ज्यादा पैसे खर्च करते हैं...
15.? माँ अपने बच्चे के भार का तकरीबन सही अदांजा लगा सकती है जबकि बाप उसकी लम्बाई का...
16.? पढना और सपने लेना हमारे दिमाग के अलग-अलग भागों की क्रिया है इसी लिए हम सपने में पढ नही पाते...
17.? अगर एक चींटी का आकार एक आदमी के बराबर हो तो वो कार से दुगुनी तेजी से दौडेगी...
18.? आप सोचना बंद नही कर सकते.....
19.? चींटीयाँ कभी नही सोती...
20.? हाथी ही एक एसा जानवर है जो कूद नही सकता...
21.? जीभ हमारे शरीर की सबसे मजबूत मासपेशी है...
22.? नील आर्मस्ट्रांग ने चन्द्रमा पर अपना बायां पाँव पहलेरखा था उस समय उसका दिल 1 मिनट में 156 बार धडक रहा था...
23.? पृथ्वी के गुरूत्वाकर्षण बल के कारण पर्वतों का 15,000मीटर से ऊँचा होना संभव नही है...
23.? शहद हजारों सालों तक खराब नही होता..
24.? समुंद्री केकडे का दिल उसके सिर में होता है...
25.? कुछ कीडे भोजन ना मिलने पर खुद को ही खा जाते है....
26.? छींकते वक्त दिल की धडकन 1 मिली सेकेंड के लिए रूक जाती है...
27.? लगातार 11 दिन से अधिक जागना असंभव है...
28.? हमारे शरीर में इतना लोहा होता है कि उससे 1 इंच लंबी कील बनाई जा सकती है.....
29.? बिल गेट्स 1 सेकेंड में करीब 12,000 रूपए कमाते हैं...
30.? आप को कभी भी ये याद नही रहेगा कि आपका सपना कहां से शुरू हुआ था...
31.? हर सेकेंड 100 बार आसमानी बिजली धरती पर गिरती है...
32.? कंगारू उल्टा नही चल सकते...
33.? इंटरनेट पर 80% ट्रैफिक सर्च इंजन से आती है...
34.? एक गिलहरी की उमर,, 9 साल होती है...
35.? हमारे हर रोज 200 बाल झडते हैं...
36.? हमारा बांया पांव हमारे दांये पांव से बडा होता हैं...
37.? गिलहरी का एक दांत हमेशा बढता रहता है....
38.? दुनिया के 100 सबसे अमीर आदमी एक साल में इतना कमा लेते हैं जिससे दुनिया
की गरीबी 4 बार खत्म की जा सकती है...
39.? एक शुतुरमुर्ग की आँखे उसके दिमाग से बडी होती है...
40.? चमगादड गुफा से निकलकर हमेशा बांई तरफ मुडती है...
41.? ऊँट के दूध की दही नही बन सकता...
42.? एक काॅकरोच सिर कटने के बाद भी कई दिन तक जिवित रह सकता है...
43.? कोका कोला का असली रंग हरा था...
44.? लाइटर का अविष्कार माचिस से पहले हुआ था...
45.? रूपए कागज से नहीं बल्कि कपास से बनते है...
46.? स्त्रियों की कमीज के बटन बाईं तरफ जबकि पुरूषों की कमीजके बटन दाईं तरफ होते हैं...
47.? मनुष्य के दिमाग में 80% पानी होता है.
48.? मनुष्य का खून 21 दिन तक स्टोर किया जा सकता है...
49.? फिंगर प्रिंट की तरह मनुष्य की जीभ के निशान भी अलग-अलग होते हैं...
शौर्य की दुनिया । भारत में पहली बार आधुनिक साबुन अंग्रेज 1890 के दशक में लेकर आए थे. पहले वो ब्रिटेन से आयात हुआ फिर यहां उसकी फैक्ट्री खुली. लेकिन उससे पहले भारतीय अपने कपड़े कैसे धोते थे. कैसे राजा-रानियां के महंगे कपड़ों को साफ करके चमका दिया जाता था...इसके अलावा कपड़ों को धोने और नहाने में खुद को साफ करने के अपने तरीके थे, क्या थे वोक्या आपने कभी इस बात पर गौर किया है कि जब साबुन और सर्फ नहीं रहे होंगे तो कपड़े कैसे धुलते रहे होंगे. राजा-रानियों के महंगे कपड़े कैसे साफ होकर चमकते रहे होंगे. कैसे आम साधारण व्यक्ति भी अपने कपड़े धोता रहा होगा.
भारत में आधुनिक साबुन की शुरुआत 130 साल से पहले पहले ब्रिटिश शासन में हुई थी. लीबर ब्रदर्स इंग्लैंड ने भारत में पहली बार आधुनिक साबुन बाजार में उतारने का काम किया. पहले तो ये ब्रिटेन से साबुन को भारत में आयात करती थी और उनकी मार्केटिंग करती थी. जब भारत में लोग साबुन का इस्तेमाल करने लगे तो फिर यहां पहली बार उसकी फैक्ट्री लगाई गई.
ये फैक्ट्री नहाने और कपड़े साफ करने दोनों तरह के साबुन बनाती थी. नॉर्थ वेस्ट सोप कंपनी पहली ऐसी कंपनी थी जिसने 1897 में मेरठ में देश का पहला साबुन का कारखाना लगाया. ये कारोबार खूब फला फूला. उसके बाद जमशेदजी टाटा इस कारोबार में पहली भारतीय कंपनी के तौर पर कूदे.लेकिन सवाल यही है कि जब भारत में साबुन का इस्तेमाल नहीं होता था. सोड़े और तेल के इस्तेमाल से साबुन बनाने की कला नहीं मालूम थी तो कैसे कपड़ों को धोकर चकमक किया जाता था.
रीठा का खूब इस्तेमाल होता था भारत वनस्पति और खनिज से हमेशा संपन्न रहा है. यहां एक पेड़ होता है जिसे रीठा कहा जाता है. तब कपड़ों को साफ करने के लिए रीठा का खूब इस्तेमाल होता था. राजाओं के महलों में रीठा के पेड़ अथवा रीठा के उद्यान लगाए जाते थे. महंगे रेशमी वस्त्रों को कीटाणु मुक्त और साफ करने के लिए रीठा आज भी सबसे बेहतरीन ऑर्गेनिक प्रोडक्ट है.अब रीठा का इस्तेमाल बालों को धोने में खूब होता है. रीठा से शैंपू भी बनाए जाते हैं. ये अब भी खासा लोकप्रिय है. पुराने समय में भी रानियां अपने बड़े बालों को इसी से धोती थीं. इसे सोप बेरी या वाश नट भी कहा जाता था.
गर्म पानी में डालकर उबाला जाता था कपड़ों को तब दो तरह से कपड़े साफ होते थे. आम लोग अपने कपड़े गर्म पानी में डालते थे और उसे उबालते थे. फिर इसे उसमें निकालकर कुछ ठंडा करके उसे पत्थरों पर पीटते थे, जिससे उसकी मैल निकल जाती थी. ये काम बड़े पैमाने पर बड़े बड़े बर्तनों और भट्टियों लगाकर किया जाता था. अब भारत में जहां बड़े धोबी घाट हैं वहां कपड़े आज भी इन्हीं देशी तरीकों से साफ होते हैं. उसमें साबुन या सर्फ का इस्तेमाल नहीं होता.
महंगे कपड़ों को रीठा के झाग से धोते थे महंगे और मुलायम कपड़ों के लिए रीठा का इस्तेमाल होता था. पानी में रीठा के फल डालकर उसे गर्म किया जाता है. ऐसा करने से पानी में झाग उत्पन्न होता है. इसको कपड़े पर डालकर उसे ब्रश या हाथ से पत्थर या लकड़ी पर रगड़ने से ना कपड़े साफ हो जाते थे बल्कि कीटाणुमुक्त भी हो जाते थे. शरीर पर किसी प्रकार का रिएक्शन भी नहीं करते.
सफेद रंग का एक खास पाउडर भी आता था काम एक तरीका साफ करने का और था, जो भी खूब प्रचलित था. ग्रामीण क्षेत्रों में खाली पड़ी भूमि पर, नदी-तालाब के किनारे अथवा खेतों में किनारे पर सफेद रंग का पाउडर दिखाई देता है जिसे ‘रेह’ भी कहा जाता है. भारत की जमीन पर यह प्रचुर मात्रा में पाया जाता है. इसका कोई मूल्य नहीं होता. इस पाउडर को पानी में मिलाकर कपड़ों को भिगो दिया जाता है. इसके बाद कपड़ों लकड़ी की थापी या पेड़ों की जड़ों से बनाए गए जड़ों से रगड़कर साफ कर दिया जाता था.रेह एक बहुमूल्य खनिज है. इसमें सोडियम सल्फेट, मैग्नीशियम सल्फेट और कैल्शियम सल्फेट होता है, इसमें सोडियम हाइपोक्लोराइट भी पाया जाता है, जो कपड़ों को कीटाणुमुक्त कर देता है.
नदियों और समुद्र के सोडा से भी साफ होते थे कपड़े जब नदियों और समुद्र के पानी में सोड़े का पता लगा तो कपड़े धोने में इसका भरपूर इस्तेमाल होने लगा.
भारतीय मिट्टी और राख से रगड़कर नहाते थे
प्राचीन भारत ही नहीं बल्कि कुछ दशक पहले तक भी मिट्टी और राख सो बदन पर रगड़कर भी भारतीय नहाया करते थे या फिर अपने हाथ साफ करते थे. राख और मिट्टी का इस्तेमाल बर्तनों को साफ करने में भी होता था. पुराने समय में लोग सफाई के लिए मिट्टी का प्रयोग करते थे.
रायपुर / शौर्यपथ / परिवहन मंत्री मोहम्मद अकबर ने नवा रायपुर में निर्माणाधीन ड्रायविंग ट्रेनिंग एण्ड रिसर्च इंस्टीट्यूट (आईडीटीआर) का निरीक्षण किया। इसका निर्माण नवा रायपुर के ग्राम तेन्दुआ में 17 करोड़ रूपए की लागत से किया जा रहा है।
परिवहन मंत्री अकबर ने ड्रायविंग ट्रेनिंग एण्ड रिसर्च इंस्टीट्यूट के निर्माण कार्य को आगामी 15 दिवस के भीतर शत-प्रतिशत पूर्ण करने के सख्त निर्देश दिए। उन्होंने कहा कि यह ड्रायविंग ट्रेनिंग एण्ड रिसर्च इंस्टीट्यूट न केवल वाहन चालन में भली-भांति प्रशिक्षण को बढ़ावा देगा, बल्कि सड़क सुरक्षा के क्षेत्र में दुर्घटनाओं के नियंत्रण में संभावित कारणों के रिसर्च में भी उपयोगी साबित होगा, साथ ही इंस्टीट्यूट से प्रशिक्षण उपरांत लोगों को अधिक से अधिक रोजगार के अवसर उपलब्ध होंगे।
गौरतलब है कि छत्तीसगढ़ सरकार द्वारा ड्रायविंग ट्रेनिंग एण्ड रिसर्च इंस्टीट्यूट के निर्माण के लिए नवा रायपुर अटल नगर के ग्राम तेन्दुआ में 20 एकड़ शासकीय भूमि आबंटित की गई है। यहां चयनित एजेंसी मारूति सुजुकी इंडिया लिमिटेड द्वारा इंस्टीट्यूट का संचालन किया जाएगा। इसके लिए परिवहन विभाग, छत्तीसगढ़ शासन और चयनित एजेंसी मेसर्स मारूति सुजुकी इंडिया प्राईवेट लिमिटेड के मध्य विधिवत एमओयू किया जा चुका है। इस अवसर पर परिवहन आयुक्त श्री टोपेश्वर वर्मा, अपर परिवहन आयुक्त दीपांशु काबरा, संयुक्त परिवहन आयुक्त देवव्रत सिरमौर तथा सहायक परिवहन आयुक्त शैलाभ साहू सहित अन्य विभागीय अधिकारी उपस्थित थे।
मुख्यमंत्री बघेल छत्तीसगढ़ राज्य गौसेवा आयोग के नवनियुक्त पदाधिकारियों के पदभार ग्रहण कार्यक्रम हुए शामिल
रायपुर / शौर्यपथ / मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने कहा है कि गौ सेवा हमारे लिए कोई नारा नहीं, हमारा कर्तव्य है। छत्तीसगढ़ में गौ संरक्षण और संवर्धन का काम किसानों के जीवन में बदलाव लाने की मुहिम का एक हिस्सा है। राज्य सरकार ने सुराजी गांव योजना के तहत नरवा, गरूवा, घुरवा, बाड़ी, गौठानों के निर्माण और गोधन न्याय योजना के माध्यम से इस दिशा में प्रभावी पहल की है।
मुख्यमंत्री बघेल आज यहां अपने निवास कार्यालय से वीडियो कांफ्रेंसिंग के माध्यम से छत्तीसगढ़ राज्य गौसेवा आयोग के नवनियुक्त पदाधिकारियों के पदभार ग्रहण कार्यक्रम को संबोधित कर रहे थे। कार्यक्रम में गौसेवा आयोग के उपाध्यक्ष श्री मन्नालाल यादव, सदस्य श्री अटल यादव, शेखर त्रिपाठी, नरेन्द्र यादव, पुरूषोत्तम साहू और प्रशांत मिश्रा ने पदभार ग्रहण किया। मुख्यमंत्री ने उन्हें नई जिम्मेदारी मिलने पर बधाई और शुभकामनाएं दी।
कार्यक्रम के दौरान मुख्यमंत्री निवास में कृषि मंत्री रविन्द्र चौबे और छत्तीसगढ़ राज्य खनिज विकास निगम के अध्यक्ष गिरीश देवांगन और कार्यक्रम स्थल पर खाद मंत्री अमरजीत भगत, विधायक मोहित राम केरकेट्टा और श्रीमती उत्तरी जांगड़े, छत्तीसगढ़ राज्य गौसेवा आयोग के अध्यक्ष महंत श्रीराम सुंदर दास सहित अनेक जनप्रतिनिधि उपस्थित थे।
मुख्यमंत्री बघेल ने कार्यक्रम को संबोधित करते हुए कहा कि बीते ढ़ाई वर्षों में छत्तीसगढ़ में गोधन संरक्षण और संवर्धन की दिशा में उल्लेखनीय कार्य हुए हैं, जो पूरे देश के लिए आज उदाहरण बन चुके हैं। मशीनीकरण के दौर में कृषि और पशुपालन के बीच दूरी बढ़ती जा रही है। राज्य सरकार ने सुराजी गांव योजना, गोधन न्याय योजना और रोका-छेका अभियान जैसे कदमों से इस दूरी को कम करने का प्रयास किया है। कृषि और पशु पालन की ओर लोगों की रूचि बढ़ी है। छत्तीसगढ़ देश का पहला राज्य जहां दो रूपए किलो में गोबर की खरीदी हो रही हैं। इस योजना में किसानों, पशुपालकों और वर्मी कम्पोस्ट के उत्पादन में लगी स्व-सहायता समूह की महिलाओं के लिए आय का नया जरिया खोल दिया है। इससे डेयरी व्यवसाय को नया जीवन मिला है। गौठानों में पशुओं के लिए चारे और पानी की व्यवस्था की गई है। साथ ही यहां पशुओं के स्वास्थ्य की अच्छी देखभाल भी हो रही है। रोका-छेका की पुरानी परम्परा को लेकर गांवों में जागृति आई है। खुले में घुमने वाले पशु कम ही दिखते हैं। मुख्यमंत्री ने आयोग के पदाधिकारियों को बधाई और शुभाकामनाएं देते हुए कहा कि उन्हें गौ सेवा की बड़ी जिम्मेदारी सौंपी गई है। उन्होंने कहा कि प्रदेश में 10 हजार गौठानों में स्वीकृति दी गई है जिनमें से लगभग 5 हजार गौठानों चारागाह के लिए भूमि आरक्षित की जा चुकी है। इनमें से लगभग 3800 गौठानों चारा उत्पादन का काम किया जा रहा है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि गौठानों में गर्मियों में पशुओं के लिए चारा उपलब्ध कराने का काम प्राथमिकता के आधार पर किया जाए। साईलेज बनाकर चारे को सुरक्षित रखने की व्यवस्था की जाए। नरवा, गरूवा, घुरवा, बाड़ी और गोधन योजना छत्तीसगढ़ की ग्रामीण अर्थव्यवस्था को मजबूत बनाने और भूमि की उर्वरा शक्ति बढ़ाने में महत्वपूर्ण साबित होगी।
रिसाली निगम के सबसे पुरानी कर्मचारी को सेवानिवृत्ति पर दी गई बिदाई
रिसाली / शौर्यपथ / रिसाली नगर पालिक निगम के सबसे पुराने कर्मचारी पंप ऑपरेटर संतराम जंघेल को सेवानिवृत्त पर बिदाई दी। आयुक्त प्रकाश कुमार सर्वे ने पंप ऑपरेटर को शाल, श्रीफल व उपहार देकर सम्मानित किया। इस अवसर पर आयुक्त ने कहा कि नए कर्मचारियों को निष्ठावान कर्मचारियों से अनुभव लेना चाहिए।
आयुक्त ने कहा कि पंप ऑपरेटर निगम का बेहद जवाबदारी और जिम्मेदारी वाला पद है। समय पर पानी छोडऩे से लेकर पाइप लाइन की जिम्मेदारी होती है। उन्होंने संतराम को उज्जवल भविष्य की कामना करते हुए बधाई दी। बिदाई समारोह में अधीक्षक देवव्रत देवांगन, सब इंजीनियर एस के सिंह भदौरिया, गोपाल सिन्हा, स्वास्थ्य विभाग प्रभारी जगरनाथ कुशवाहा, लेखा अधिकारी ऐमन चंद्राकर समेत अन्य विभाग प्रमुख उपस्थित थे।
साडा के समय की थी ज्वाइनिंग
पंप ऑपरेटर संतराम जंघेल 62 वर्ष की आयु में 30 जुलाई को सेवानिवृत्त हुए। वे विशेष क्षेत्र विकास प्राधिकरण (साडा) में नौकरी की शुरूआत की थी। भिलाई नगर पालिक निगम गठन होने के बाद वे नियमित हुए। नए रिसाली निगम बनने के बाद वे निगम क्षेत्र डुंडेरा में पदस्थ थे।
पुलिस आरोपियों की जल्द करे गिरफ्तारी ताकि और न हो इनके फॉड के शिकार
दुर्ग / शौर्यपथ / जिस जमीन का राजस्व अभिलेख में कही रिकार्ड ही नही है, उसे दिखाकर तीन लोगों ने सौदा तय कर बेंच डाला। हद तो तब हो गई जब बकायदा इस जमीन की रजिस्ट्री भी करा दी गई। पीडि़त पी राजू पिता पी वेंकट राव निवासी सेक्टर 4 को इसकी भनक तब लगी जब उनके द्वारा प्रमाणीकरण कराने के लिए आवेदन पटवारी टीकमचंद सोनी को दिया, तब उन्हें अपने साथ हुए धोखाधड़ी का पता चला। 42 लाख 65 हजार रूपये की ये जमीन का ये मामला है राजस्व अभिलेख में क्रय की गई जमीन का कहीं रिकार्ड नही है। इस मामले में कांग्रेस और भाजपा और एक अन्य के विरूद्ध सुपेला पुलिस में प्रार्थी की रिपोर्ट पर धारा 420 और 34 के तहत अपराध दर्ज किया गया है।
आज इस मामले की पीडि़त यूपी की हाईटेक इंजीनियरिंग फम्र्स के डायरेक्टर पी राजू ने बताया कि हमारी फर्म हाईटेक इंजीनियरिंग जो कि सोलर की क्षेत्र में कार्य करती है। उसके कार्यालय के लिए हम लंबे समय से जमीन की तलाश कर रहे थे, ताकि हमारा स्थाई कार्यालय हो, इस बीच हमारी मुलाकात कांग्रेस नेता अनिल शुक्ला से हुई। उन्होंने बताया कि नेहरू नगर से लगा हुआ विद्याविहार में रोड से लगा हुआ कातुल बोर्ड के वार्ड क्रमांक 60 के मुख्यमार्ग पर स्थित 1872 वर्गफीट जमीन का प्लाट जिसका खसरा नंबर 144/82 के रूप में दिखाया गया, जिसे वह 35 लाख रूपये में देंगे। हमारे द्वारा बैंक लोन आईसीसीआई नेहरू नगर ब्रांच से बी-1,बी-2 नक्शा देखकर 37 लाख का लोन पास करा लिया गया। प्रमाीणकरण के लिए मौके पर जब गये तो पता चला कि कि न रोड है, और ना ही प्लाट है, प्लाट कहां है, वह अभी भी जांच का विषय है। अनिल शुक्ला ने अपने व्हाटसएप चैट में दर्शाया है कि 1750 वर्गफीट का पैसा ही हमे आपको देना है और में 1872 वर्गफीट का हम रजिस्ट्री करके देंगे। मेरे द्वारा अनिल शुक्ला के घर पर 3 नंवबर 2020 को 2 लाख 77 हजार 944 का चेक दिया, 25 हजार का चेक दिया और 35 हजार रूपये बाउण्ड्री के नाम से भी उनको पैसा दिया। विद्या विहार में वह जमीन संजय सिंह ठाकुर बजरंग पारा कोहका निवासी के नाम से बताई गई थी।
इस मामले में अनिल शुक्ला विद्या विहार नेहरू नगर निवासी संतोष अग्रवाल, उत्तर वसुंधरा नगर भिलाई 3 और संजय सिंह ठाकुर बजरंग पारा कोहका ने हमे गत 31 मार्च 2021 को यह कहा कि हम आपका पैसा लौटा देंगे आप एफआईआर मत करो। हमें आरटीजीएस का चेक भी दिखाया गया। 30 जुलाई को 2021 को संजय सिंह का एक चेक 43 लाख 50 हजार का हमे दिया गया और हमें यह कहा गया कि हम ऑनलाईन ट्रांसफर कर देंगे, हमें आप अपना बैंक डिटेल दें।
पी राजू ने आगे बताया कि जमीन खरीदी बिक्री के इस फर्जीवाड़े में मुझे पैसा तो आज तक नही मिला लेकिन इन तीनों ने मेरा फोन उठाना बंद कर दिया, इस मामले को लेकर मैं पिछले सात माह से पुलिस विभाग के चक्कर लगा रहा था, वर्तमान एसपी प्रशांत अग्रवाल व एएसपी संजय ध्रुव का मै आभारी हूं कि उन्हेांने मेरी शिकायत व दस्तावेजी प्रमाण को पुख्ता मानते हुए इस मामले में एफआईआर के निर्देश दिये। पुलिस ने जमीन जो सरकारी नक्शे में रोड अंकित नही है,नक्शा देखकर इस मामले में तीनों के विरूद्ध दर्ज किया है, पुलिस प्रशासन से मेरी मांग है कि तीनों की गिरफ्तारी जल्द से जल्द हो ताकि कोई अन्य व्यक्ति इनके चंगुल में फंसकर धोखाधड़ी का शिकार न हो। मैँ अपना कार्यालय पिछले वर्ष अक्टूबर में ही जमीन खरीदकर बनाना चाहता था, लेकिन हमारे साथ हुए जमीन घोटाले में हमारी फर्म को इन तीन लोगों ने चुना लगा दिया। इन्होंने हमें ऑफिस के लिए रोड किनारे की जगह दिखाई, सौदा किया, रजिस्ट्री भी हुई, लेकिन सीमांकन के समय जमीन मौके पर मिली और ना ही रोड मिली। इस मामले में पटवारी टिकम चंद सोनी भी हमें सही जानकारी न देकर गुमराह करते रहा। जब भी हम इन लोगों से पैसे की मांग किये तो इन्होंने हमे धमकाया और कहा कि जाओ तुमको जो करना है कर लो, पैसा नही लौटाऐंगे।