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सेहत / शौर्यपथ /फलों के जूस का सेवन करना सेहत के लिए हमेशा से ही फायदेमंद है। इससे शरीर को ऊर्जा मिलती है, कमजोरी और थकान नहीं लगती है। नोनी भी उसी प्रकार का फल है। यह दक्षिण पूर्व और दक्षिण एशिया और प्रशांत महाद्वीपों में मुख्य रूप से पाया जाता है। उस क्षेत्र में यह फल औषधि के रूप में काम करता है। इसमें एंटीऑक्सीडेंट, विटामिन बी 3, विटामिन ए, विटामिन सी और आयरन मुख्य रूप से पाया जाता है। इसके एक नहीं अनेक गुण है। ब्यूटी से हेल्थ तक इस फल के फायदे हैं। आइए जानते हैं नोनी फ्रूट जूस से होने वाले फायदों के बारे में -
1. दिल का रखें ख्याल - नोनी फ्रूट जूस में मौजूद तत्व दिल को स्वस्थ रखने में मदद करते हैं। इसका सेवन करने से धमनियों में रक्त का संचार सुचारू रूप से होता है। इसी के साथ ब्लड प्रेशर को भी कंट्रोल करता है।
2.एंटी एजिंग - शरीर में विटामिन सी की कमी होने पर अन्य महिलाओं के मुकाबले झुर्रिया दिखने लगती है। स्किन एकदम ड्राई हो जाती है। नोनी में विटामिन सी मौजूद है। साथ ही इसमें एंटी एक्ने गुण भी होते हैं। चेहरे की चमक को बढ़ाता है।
3.वायरल से बचाएं - नोनी में मौजूद एंटी वायरल गुण वायरल सर्दी, खांसी, बुखार से बचाता है। बुखार से शरीर में हो रहे दर्द को दूर करता है। इसलिए डॉक्टर की सलाह से नोनी का जूस दे सकते हैं।
4.कैंसर से बचाएं - नोनी के सेवन से ट्यूमर का खतरा कम हो जाता है। इसमें मौजूद एंटी कैंसर और एंटीऑक्सीडेंट गुण होते हैं। इससे स्तन कैंसर में भी राहत मिलती है। इतना ही इसके जूस का सेवन करने से धूम्रपान से होने वाले कैंसर का खतरा भी कम होता है।
5. गठिया बादी से बचाएं - 30 की उम्र के बाद शरीर में यूरिक एसिड की मात्रा बढ़ जाती है। जिस वजह से शरीर के जोड़ों में असहनीय दर्द होता है। उसमें नोनी का जूस पीना फायदेमंद होता है। क्योंकि जूस पीने से यूरिक एसिड कम होता है।
6. तनाव को करें कम - तनाव की वजह से काम बहुत प्रभावित होता है। ऐसे में नोनी जूस का सेवन करना फायदे का सौदा है। इसमें मौजूद स्ट्रेस हार्मोन कॉर्टिसोल का स्तर कम होता है। जिससे बड़ी राहत मिलती है।साथ ही दिमाग को भी आराम मिलता है।
आस्था /शौर्यपथ / अगस्त माह में बहुत ही खास 2 एकादशी आ रही है। एक एकादशी जहां सभी पापों का नाश करने में सक्षम है, वहीं दूसरी एकादशी संतान देने वाली मानी गई है।
इस वर्ष श्रावण मास कामिका और पुत्रदा एकादशी व्रत मनाया जाएगा। कामिका एकादशी का यह व्रत लोक हित के लिए बहुत जरूरी है। श्रावण मास की कृष्ण एकादशी का नाम कामिका है। यह एकादशी 4 अगस्त 2021, बुधवार को मनाई जाएगी। पौराणिक ग्रंथों में इस एकादशी का इतना महत्व है कि इसकी कथा सुनने मात्र से वाजपेय यज्ञ का फल प्राप्त होता है।
इस दिन शंख, चक्र, गदाधारी विष्णु भगवान का पूजन करने का विधान है। इस एकादशी के दिन श्रीधर, हरि, विष्णु, माधव, मधुसूदन इन नामों से पूजन करने से गंगा, काशी, नैमिषारण्य और पुष्कर स्नान से जो मिलता है, वह विष्णु भगवान के पूजन से मिलता है। जो फल ग्रहण के समय काशी में स्नान करने, समुद्र, वन सहित पृथ्वी दान करने से भी प्राप्त नहीं होता वह भगवान विष्णु के पूजन से मिलता है।
शास्त्रों के अनुसार जो मनुष्य श्रावण में भगवान का पूजन करते हैं, उनसे देवता, गंधर्व और सूर्य आदि सब पूजित हो जाते हैं। अत: पापों से डरने वाले मनुष्यों को कामिका एकादशी व्रत और विष्णु भगवान का पूजन अवश्य करना चाहिए। यह पूजन सभी पापों के नाश करने में सक्षम है।
अगस्त माह में दूसरा एकादशी का व्रत 18 अगस्त 2021, बुधवार मनाया जाएगा। इस दिन श्रावण मास की शुक्ल पक्ष की पुत्रदा एकादशी मनाई जाएगी। यह दिन संतान प्राप्ति के लिए उत्तम माना जाता है। इस दिन संतान प्राप्ति की कामना के लिए भगवान श्री कृष्ण के बाल स्वरूप की पूजा भी की जाती है।
यदि पूरे मन से नि:संतान दंपति यह व्रत करता हैं तो उन्हें संतान सुख अवश्य मिलता है। यह एकादशी संतान प्राप्ति तथा उसके दीघार्यु जीवन के लिए बहुत महत्व की मानी गई है।
एकादशी को कतई न करें इनमें से कोई भी कार्य, वरना आ सकती है मुसीबत
धार्मिक शास्त्रों के अनुसार एकादशी अत्यंत पवित्र तिथि है। इस दिन तन-मन-धन की पवित्रता को बनाए रखने के पूरे प्रयास करना चाहिए। यह तिथि इतनी शुभ है कि मन, कर्म और वचन की थोड़ी सी अशुद्धि भी आपके लिए परेशानी का कारण बन सकती है। शास्त्रों में बताया गया है कि एकादशी के दिन कौन से कार्य बिलकुल भी नहीं करने चाहिए...। आइए जानते हैं कौन से 11 काम हैं, जो एकादशी के दिन कतई नहीं करने चाहिए।
1. जुआ खेलना- जुआ खेलना एक सामाजिक बुराई है। जो व्यक्ति जुआ खेलता है, उसका परिवार व कुटुंब भी नष्ट हो जाता है। जिस स्थान पर जुआ खेला जाता है, वहां अधर्म का राज होता है। ऐसे स्थान पर अनेक बुराइयां उत्पन्न होती हैं। इसलिए सिर्फ आज ही नहीं बल्कि कभी भी जुआ नहीं खेलना चाहिए।
2. रात में सोना- एकादशी की रात को सोना नहीं चाहिए। पूरी रात जागकर भगवान विष्णु की भक्ति करनी चाहिए। भगवान विष्णु की प्रतिमा या तस्वीर के निकट बैठकर भजन करते हुए ही जागरण करना चाहिए। इससे भगवान विष्णु की कृपा प्राप्त होती है।
3. पान खाना- एकादशी के दिन पान खाना भी वर्जित माना गया है। पान खाने से मन में रजोगुण की प्रवृत्ति बढ़ती है। इसलिए एकादशी के दिन पान न खा कर व्यक्ति को सात्विक आचार-विचार रख प्रभु भक्ति में मन लगाना चाहिए।
4. दातून करना- एकादशी पर दातून (मंजन) करने की भी मनाही है। इस निषेध के शास्त्रसम्मत कारण नहीं मिलते हैं।
5. दूसरों की बुराई करना- परनिंदा यानी दूसरों की बुराई करना। ऐसा करने से मन में दूसरों के प्रति कटु भाव आ सकते हैं। इसलिए एकादशी के दिन दूसरों की बुराई न करते हुए भगवान विष्णु का ही ध्यान करना चाहिए।
6. चुगली करना- चुगली करने से मान-सम्मान में कमी आ सकती है। कई बार अपमान का सामना भी करना पड़ सकता है। इसलिए सिर्फ एकादशी ही नहीं अन्य दिनों में भी किसी की चुगली नहीं करना चाहिए।
7. चोरी करना- चोरी करना पाप कर्म माना गया है। चोरी करने वाला व्यक्ति परिवार व समाज में घृणा की नजरों से देखा जाता है। इसलिए सिर्फ एकादशी ही नहीं अन्य दिनों में भी चोरी जैसा पाप कर्म नहीं करना चाहिए।
8. हिंसा करना- एकादशी के दिन हिंसा करने की मनाही है। हिंसा केवल शरीर से ही नहीं मन से भी होती है। इससे मन में विकार आता है। इसलिए शरीर या मन किसी भी प्रकार की हिंसा इस दिन नहीं करनी चाहिए।
9. स्त्रीसंग- एकादशी पर स्त्रीसंग करना भी वर्जित है क्योंकि इससे भी मन में विकार उत्पन्न होता है और ध्यान भगवान भक्ति में नहीं लगता। अतः एकादशी पर स्त्रीसंग नहीं करना चाहिए।
10. क्रोध- एकादशी पर क्रोध भी नहीं करना चाहिए। इससे मानसिक हिंसा होती है। अगर किसी से कोई गलती हो भी जाए तो उसे माफ कर देना चाहिए और मन शांत रखना चाहिए।
11. झूठ बोलना- झूठ बोलना व्यक्तिगत बुराई है। जो लोग झूठ बोलते हैं, उन्हें समाज व परिवार में उचित मान सम्मान नहीं मिलता। इसलिए सिर्फ एकादशी पर ही नहीं अन्य दिनों में भी झूठ नहीं बोलना चाहिए।
आस्था /शौर्यपथ / महामृत्युंजय मंत्र को लंबी उम्र और अच्छी सेहत का मंत्र कहते हैं। शास्त्रों में इसे महामंत्र कहा गया है। इस मंत्र के जप से व्यक्ति निरोगी रहता है। आइए जानें इस महामंत्र की उत्पत्ति कैसे हुई?
महामृत्युंजय मंत्र की उत्पत्ति के बारे में पौराणिक कथा प्रचलित है। कथा के अनुसार, शिव भक्त ऋषि मृकण्डु ने संतान प्राप्ति के लिए भगवान शिव की कठोर तपस्या की। तपस्या से प्रसन्न होकर भगवान शिव ने ऋषि मृकण्डु को इच्छानुसार संतान प्राप्त होने का वर तो दिया परन्तु शिव जी ने ऋषि मृकण्डु को बताया कि यह पुत्र अल्पायु होगा। यह सुनते ही ऋषि मृकण्डु विषाद से घिर गए। कुछ समय बाद ऋषि मृकण्डु को पुत्र रत्न की प्राप्ति हुई। ऋषियों ने बताया कि इस संतान की उम्र केवल 16 साल ही होगी। ऋषि मृकण्डु दुखी हो गए....
यह देख जब उनकी पत्नी ने दुःख का कारण पूछा तो उन्होंने सारी बात बताई। तब उनकी पत्नी ने कहा कि यदि शिव जी की कृपा होगी, तो यह विधान भी वे टाल देंगे। ऋषि ने अपने पुत्र का नाम मार्कण्डेय रखा और उन्हें शिव मंत्र भी दिया। मार्कण्डेय शिव भक्ति में लीन रहते। जब समय निकट आया तो ऋषि मृकण्डु ने पुत्र की अल्पायु की बात पुत्र मार्कण्डेय को बताई। साथ ही उन्होंने यह दिलासा भी दी कि यदि शिवजी चाहेंगें तो इसे टाल देंगें।
माता-पिता के दुःख को दूर करने के लिए मार्कण्डेय ने शिव जी से दीर्घायु का वरदान पाने के लिए शिव जी आराधना शुरू कर दी। मार्कण्डेय जी ने दीर्घायु का वरदान की प्राप्ति हेतु शिवजी की आराधना के लिए महामृत्युंजय मंत्र की रचना की और शिव मंदिर में बैठ कर इसका अखंड जाप करने लगे।
महामृत्युंजय मंत्र : ॐ त्र्यम्बकं स्यजामहे सुगन्धिं पुष्टिवर्धनम्। उर्वारुकमिव बन्धनान् मृत्योर्मुक्षीय मामृतात्॥
समय पूरा होने पर मार्कण्डेय के प्राण लेने के लिए यमदूत आए परंतु उन्हें शिव की तपस्या में लीन देखकर वे यमराज के पास वापस लौट आए... पूरी बात बताई। तब मार्कण्डेयके प्राण लेने के लिए स्वयं साक्षात यमराज आए। यमराज ने जब अपना पाश जब मार्कण्डेय पर डाला, तो बालक मार्कण्डेय शिवलिंग से लिपट गए। ऐसे में पाश गलती से शिवलिंग पर जा गिरा। यमराज की आक्रमकता पर शिव जी बहुत क्रोधित हुए और यमराज से रक्षा के लिए भगवान शिव प्रकट हुए। इस पर यमराज ने विधि के नियम की याद दिलाई।
तब शिवजी ने मार्कण्डेय को दीर्घायु का वरदान देकर विधान ही बदल दिया। सा थ ही यह आशीर्वाद भी दिया कि जो कोई भी इस मंत्र का नियमित जाप करेगा वह कभी अकाल मृत्यु को प्राप्त नहीं होगा।
भिलाई / शौर्यपथ / नगर पालिक निगम भिलाई क्षेत्र में कोरोना वायरस संक्रमण के रोकथाम हेतु हर व्यक्ति को मास्क लगाना अनिवार्य है। घर से बाहर निकलने या सार्वजनिक स्थान पर मास्क नहीं लगाने वालों पर निगरानी रखते हुए ऐसे लोगों से जुर्माना वसूल किया जा रहा है। कोरोना वायरस के संक्रमण को फैलने से रोकने के लिए घर से बाहर निकलने वाले सभी व्यक्तियों को मास्क लगाना अनिवार्य किया गया है। नियमों का उल्लंघन करने वाले लोगों के खिलाफ कलेक्टर एवं भिलाई निगम के प्रशासक डॉ. सर्वेश्वर नरेंद्र भुरे एवं निगमायुक्त ऋतुराज रघुवंशी ने नियमित रूप से कार्रवाई करने के निर्देश दिए हैं। निगम के सभी जोन के स्वास्थ्य व राजस्व विभाग की टीम ने सार्वजनिक स्थान पर मास्क या अन्य तरीके से मुंह को कवर किए बिना निकलने वाले व्यक्तियों पर अर्थदंड की कार्यवाही की। निगम की टीम लोगों के अधिक आवाजाही वाले स्थान, दुकानों एवं सार्वजनिक स्थलों एवं प्रमुख चौक चौराहो का निरीक्षण करते हुए नियमों की अवहेलना करने वालों पर कार्यवाही कर रहे है।
कोरोना वायरस के संक्रमण के रोकथाम के लिए मास्क लगाने की कार्यवाही के लिए निगम आयुक्त ने अधिकारी कर्मचारियों का विशेष दल भी गठन किया गया है। निगम प्रशासन का विशेष अमला लोगों के अधिक आवागमन वाले क्षेत्रों पर नजर रखते हुए बिना मास्क लगाए हुए निकलने वाले लोगों पर कार्यवाही कर रहे है। सप्ताह भर में निगम के विभिन्न क्षेत्रों में 76 लोगों से मास्क नहीं पहनने को लेकर 9530 रुपए अर्थदंड वसूला जा चुका है। निगम प्रशासन आमजन से अपील करती है कि चेहरे पर मास्क लगाकर ही घरों से निकले और अधिक भीड़भाड़ वाले स्थानों पर जाने से बचे। कोरोना वायरस के संक्रमण से बचाव हेतु घर के बाहर निकलने पर मास्क पहनना जरूरी है, इसके साथ ही हाथो को समय-समय पर धोते रहना तथा भीड़ भाड़ वाले स्थानों से दूरी बनाना आवश्यक है! विशेष दस्ते के नोडल अधिकारी एवं उपायुक्त सुनील अग्रहरि ने बताया कि कोरोना वायरस से बचाव हेतु निगम के जोन कार्यालयों की टीम निगम क्षेत्र के प्रमुख स्थलों पर जहां पर अधिक से अधिक लोगों का आवागमन या जमवाड़ा होता है ऐसे स्थानों पर भी कार्यवाही कर रही हैं। ज्यादा भीड़भाड़ वाले स्थानों पर सख्ती से नजर रखी जा रही है। बाजार क्षेत्र में व्यापारियों को बिना मास्क के लेन देन नहीं करने के समझाईश दी गई, बावजूद ऐसा करते हुए पाए जाने पर उनके विरूद्ध दंडात्मक कार्यवाही की जाएगी। अपर आयुक्त अशोक द्विवेदी ने कहा कि मास्क पर कार्यवाही निरंतर जारी रहेगी। मास्क नहीं लगाने के कारण जोन क्रं. 01 नेहरू नगर क्षेत्र में 700, जोन क्रं. 03 मदरटेरेसा नगर क्षेत्र में 800, जोन क्रं. 04 शिवाजी नगर क्षेत्र में 5630, जोन क्रं. 05 में 2400 रूपए अर्थदंड वसूल किया गया। इस प्रकार अलग-अलग क्षेत्रों में कार्यवाही करते हुए 76 लोगों से 9530 रुपए जुर्माना वसूल किया गया।
शिक्षकों ने तिलक लगा और हाथों को सेनेटाईज कर छात्रों का किये स्वागत
मास्क लगाकर पहुंचे बच्चे स्कूल, सोशल डिस्टेंसिंग के साथ शुरू हुई पढ़ाई
दुर्ग / शौर्यपथ / लगभग सवा साल के बाद सोमवार को प्रदेश सहित जिले के भी निजी और सरकारी स्कूल खुल तो आज पहले के जैसे स्कूलों में रौनक लौट आयी। पहले दिन पहुंचे छात्र-छात्राओं का तिलक लगाकर स्वागत किया गया इस दौरान सभी बच्चे अपने मुंह में मास्क लगाकर स्कूल पहुंचे तो विद्यालय के शिक्षकों ने छात्र और छात्राओं के हाथ सेनेटाईज करवाकर छात्रों को पढाई के लिए क्लास रूम में भेजे।
भिलाई-दुर्ग के सभी स्कूल कालेज में आज से पढ़ाई शुरू हो गई। कोरोना संक्रमण के खतरे को देखते हुए शिक्षक शिक्षिकाओं के लिए कड़ाई से गाइड लाइन का पालन करना अनिवार्य रखा गया। स्कूल में प्रवेश के समय मास्क और सोशल डिस्टेंसिंग का पालन सुनिश्चित रखा गया। स्कूल पहुंचने पर छात्र-छात्राओं को सैनिटाइजर से हाथ साफ करने को कहा गया।
प्राथमिक शालाओं में पहुंचे छात्र-छात्राओं को प्रवेशोत्सव का आयोजन कर तिलक लगाकर स्वागत किया गया। छात्र-छात्राओं को पाठ्य सामग्री का भी वितरण किया गया। पहले दिन सभी स्कूलों में अपेक्षा के अनुरुप उपस्थिति रहने से शिक्षा विभाग उत्साहित है। सरकारी स्कलों में पढ़ाई शुरू करने से पहले विद्या की देवी माता सरस्वती का पूजन किया गया। पहली से पांचवी तक आदेश के अनुसार दो घंटे तक अध्यापन कार्य चला। इस दौरान एक घंटे के बीच 15 से 20 मिनट का अवकाश दिया गया।
गौरतलब रहे कि कोरोना की दस्तक पडऩे के बाद मार्च 2020 से स्कूलों को बंद रखा गया। बीच में एक बार पहली लहर से राहत के हालात बनते ही स्कूल शुरू करने की कोशिश हुई ती लेकिन दूसरी लहर की दस्तक पड़ते ही पुन: स्कलों का संचालन बंद कर ऑनलाइन पढ़ाई को प्राथमिकता दी गई। हाल के दिनो मेें प्रदेश के सभी जिलों में कोरोना संक्रमण की गति धीमी पड़ चुकी है। इसे देखते हुए 2 अगस्त से स्कूल खले जाने का निर्णय लिया गया। संक्रमण के खतरे को देखते हुए स्कूल में मास्क सैनिटाइजर और तापमान मापने की मशीन उपलब्ध रखी गई है। सर्दी- जुकाम व बुखार के लक्षण होने पर छात्र-छात्राओं को स्कूल नहीं आने की समझाइश दी गई है।
खैरागढ़/ शौर्यपथ / खैरागढ़ विकास खण्ड में संकुल गाढ़ाघाट के अंतर्गत ग्राम रीवागहन में शिक्षकों व शिक्षा सारथियों के द्वारा निरन्तर मोहल्ला क्लास लगाया जा रहा है । प्राथमिक शाला रीवागहन के शिक्षक कोमल कोठारी के द्वारा पटेल पारा मंच, नीलम सिंह नायक द्वारा शिक्षा सारथी विक्की मानिकपुरी के घर, एवं रामस्वरूप देवांगन के द्वारा सतनाम भवन में पढ़ई तुंहर द्वार के अंतर्गत मोहल्ला क्लास का संचालन किया जा रहा है। ग्राम रीवागहन में शिक्षा सारथियों विक्की मानिकपुरी, हिन्द दास मानिकपुरी व अभिषेक दास कोसरे का सहयोग भी मोहल्ला क्लास के संचालन में मिल रहा है। गत सत्र में इन्ही शिक्षा सारथियों ने शिक्षकों के सहयोग से ज्ञान की अलख ग्राम में जगाए रखी थी। कोमल कोठारी द्वारा बताया गया कि कोरोना वैश्विक महामारी को ध्यान में रखते हुए कोविड प्रोटोकॉल के तहत सभी शिक्षक मोहल्ला क्लास ले रहे हैं।
मोहल्ला क्लास के संचालन से बच्चो के साथ पालकों में भी उत्साह नजर आ रहा है। पालक कोविड प्रोटोकॉल का ध्यान रखते हुए मास्क के साथ बच्चो को मोहल्ला क्लास में अध्ययन के लिए भेजते है। बच्चो की उपस्थिति निरंतर मोहल्ला क्लास में रहती है जहाॅ, बच्चो को खेल खेल में, सहायक सामग्री के द्वारा, पूर्व ज्ञान से जोड़ते हुए शिक्षा दी जा रही है। बच्चो के सुलभ शिक्षण के लिए ग्राम में प्रिंटरिच वातावरण का भी निर्माण किया गया है, जिससे बच्चे लाभान्वित हो रहे है । आमाराइट प्रायोजना में भी बच्चो ने उत्साह पूर्वक रुचि लेते हुए कार्य किया। गाँव के उपसरपंच व शाला प्रबंधन समिति अध्यक्ष थान सिंह वर्मा, ग्राम पटेल गेंद दास मानिकपुरी, पंच पार्वती पटेल, रीना पटेल, सुलोचना पटेल व पालकगण ने मोहल्ला क्लास की सराहना की ।
मोहल्ला क्लास के सफल संचालन के लिए जिला शिक्षा अधिकारी हेतराम सोम, जिला मिशन समन्वयक भूपेश साहू, सहायक परियोजना समन्वयक सतीश ब्यौहारे, विकासखंड शिक्षा अधिकारी महेश भुआर्य ,सहायक विकासखण्ड शिक्षा अधिकारी व पढ़ई तुंहर दुआर नोडल डालेंद्र देवांगन, बी.आर.सी. भगत सिंह, संकुल प्राचार्य श्रीमती सुनीता बक्शी, समन्वयक गणेश रजक, धृतेंद्र सिंह, निमेश सिंह, निखिल सिंह, रामेश्वर वर्मा आदि ने रीवागहन के शिक्षकों को बधाई व शुभकामनाये दी है।
रायपुर/ शौर्यपथ / प्रदेश कांग्रेस कमेटी के प्रवक्ता सुरेंद्र वर्मा ने नेता प्रतिपक्ष धरमलाल कौशिक और भाजपा नेता अमित चिमनानी कि सीएजी रिपोर्ट के संदर्भ में जारी बयान पर प्रतिक्रिया देते हुए कहा कि मोदी सरकार की गलत आर्थिक नीतियों, छत्तीसगढ़ की उपेक्षा, असहयोग और व्यवधान के चलते लगातर केंद्रीय योजनाओं में छत्तीसगढ़ की उपेक्षा की जा रही है। केंद्रीय योजनाओं में व्यवधान के गुनहगार तो छत्तीसगढ़ के भाजपा नेता है जो विगत ढ़ाई वर्षों से लगातार मोदी सरकार को छत्तीसगढ़ के हक और हित के खिलाफ बरगलाने का काम कर रहे हैं। एक तरफ़ जहां पूरे देश की अर्थव्यवस्था उल्टी दिशा में दौड़ रही है वहीं छत्तीसगढ़ बेहतर वित्तीय प्रबंधन और वित्तीय अनुशासन के चलते ही मजबूती से आगे बढ़ रहा है। छत्तीसगढ़ में जल, जंगल, जमीन, बिजली, पानी, खनिज सभी संसाधन सरप्लस होने के बावजूद 15 साल कमीशन खोरी, भ्रष्टाचार, कमजोर वित्तीय प्रबंधन व करोड़ों के नुकसान का बजट रमन राज में आम बात थी।
रमन राज में भाजपा नेताओं की स्वार्थ पूर्ति के लिए गलत आर्थिक नीतियां अपनाई जाती रही, जिसके परिणाम स्वरूप छत्तीसगढ़ गरीब से और गरीब होता गया। राष्ट्रीय औसत से लगभग दोगुने, गरीबी रेखा में नंबर वन। बेरोजगारी में नंबर वन। कुपोषण, एनीमिया और मलेरिया से होने वाली मौत में नंबर वन। नक्सल प्रभावित क्षेत्र में नंबर वन, 15 साल के भाजपा के कुशासन में छत्तीसगढ़ की यही पहचान बना दी गई थी। यह भी सर्वविदित है कि विगत विधानसभा चुनाव के पूर्व सितंबर 18 में प्रस्तुत सीएजी की रिपोर्ट में बजट का 20 प्रतिशत राशि खर्च न कर पाने पर गंभीर सवाल खड़े कर वित्तीय अपराध में संलिप्त रहने का प्रमाण पत्र तत्कालीन रमन सिंह सरकार को दिया गया था।
प्रवक्ता सुरेंद्र वर्मा ने कहा कि यह सर्वविदित है कि वर्ष 2017-18 के 88590 करोड़ के बजट में 18886 करोड़ इस्तेमाल ही नहीं हो पाया था 5800 करोड़ लिप्स हो गए थे, गंभीर बात तो यह है कि कमीशन के लालच में ऐसे 13 कार्यशील सार्वजनिक उपक्रमों को 9463.02 करोड़ के आर्थिक सहायता दिए थे जिन्होंने 4 साल तक का लेखा जोखा तक पेश नहीं किया था। पिछले सीएजी रिपोर्ट में यह भी तथ्य सामने आए थे कि वर्ष 2017-18 में रमन सरकार के दौरान अनुसूचित जाति, जनजाति, महिला, समाज कल्याण जैसे विभाग के अनेकों मद में 70 से 80 परसेंट राशि खर्च ही नहीं की गई थी। रमन सरकार के अंतिम अनुपूरक बजट का भी 34 प्रतिशत अनुपयोगी रहा। खेल और युवा कल्याण का भी लगभग यही हाल रहा। केवल अपनी छवि चमकाने विकास यात्रा के नाम पर जनसंपर्क का बजट प्रावधान किए गए राशि से 2 गुना से अधिक खर्च किए। भारतीय जनता पार्टी की सरकार की योजनाओं के केंद्र में भ्रष्टाचार और कमीशन खोरी पर होता था।
आज छत्तीसगढ़ में भूपेश बघेल सरकार का पूरा फोकस गांव, गरीब, किसान, आदिवासी महिलाओं और आमजन की बेहतरी के लिए जन हितैषी योजनाओं पर केंद्रित है। आर्थिक अनियमितता और गड़बड़ी भाजपा सरकार में परंपरा बन चुकी थी आज भूपेश बघेल सरकार में पूरी पारदर्शिता है। नान और धान के घोटाले, अगस्ता और पनामा के कमीशन, अंतागढ़ और नागरिक सहकारी बैंक के षड्यंत्र अब बंद हो चुके हैं। विगत कई वर्षों में भ्रष्टाचार का एक भी मामला सामने नहीं आया है यही प्रमाण है भूपेश बघेल सरकार के कुशल वित्तीय प्रबंधन का।
राजनांदगांव / शौर्यपथ / सांसद संतोष पांडे ने लोकसभा के मानसून सत्र के बीच समय निकालकर रविवार को सांसद कार्यालय व सर्किट हाउस में जनदर्शन कर पार्टी पदाधिकारी व आमजन से मुलाकात कर समस्याओं का निराकरण किया।
प्राप्त जानकारी के अनुसार किसान नेता हीरेद्र साहू व मोनू गुप्ता के द्वारा ग्राम घुपसाल के दुर्घटनाग्रस्त के त्वरित उपचार एवं आर्थिक सहायता के आवेदन पर तत्काल कार्रवाई कर राहत पहुंचाया। क्षेत्र के आत्मानंद स्कूल में व्याख्याता आवेदन को दावा पति की सूची से ही बाहर करने पर जिला शिक्षा अधिकारी को अवगत कराया। वहीं युवकों के साथ पहुंचे भाजयुमो जिला अध्यक्ष मोनू बहादुर के साथ पार्टी संगठन के विस्तार पर चर्चा की, इसके अतिरिक्त देव शरण सेन, राधेश्याम गुप्ता, संजय चौरसिया, प्रशांत हाथीबेड साथ ही जगदीश निषाद एवं दु्रपद निषाद के नेतृत्व में प्रदेश एवं जिला निषाद समाज के सदस्यों से मुलाकात कर आगामी गुहा जयंती में ग्राम परसा टोला में आयोजित होने वाले सम्मेलन में उपस्थित होने की स्वीकृति प्रदान की।
राजनांदगांव / शौर्यपथ / भारतीय जनता पार्टी आर्थिक प्रकोष्ठ की पहली बैठक भाजपा कार्यालय में जिला प्रभारी जयेश बोथरा के एवं भाजपा जिला अध्यक्ष मधुसूदन यादव की अध्यक्षता में संपन्न हुई। जिसमें आर्थिक प्रकोष्ठ के जिला अध्यक्ष योगेश बागड़ी ने अपनी नवनिर्मित समिति का परिचय कराया। तत्पश्चात आर्थिक प्रकोष्ठ के संयोजक योगेश बागड़ी द्वारा पदभार की घोषणा की गई एवं संगठन की मूल बातों को सभी को अवगत कराया गया। समिति के नवीन पदाधिकारियों को भाजपा की प्राथमिक सदस्यता भी प्रदान की गई। रायपुर से आए आर्थिक प्रकोष्ठ के जिला प्रभारी जयेश बोथरा एवं जिला अध्यक्ष मधुसूदन यादव तथा प्रदेश कार्यसमिति सदस्य रूपचंद भीमनानी ने भी नवनियुक्त पदाधिकारियों को शुभकामनाएं देते हुए निचले स्तर पर पहुंचकर पार्टी की गतिविधियों को जन-जन तक पहुंचाने की बात कही तथा राजेश गुप्ता अग्रहरि ने आर्थिक प्रकोष्ठ के कार्य एवं नीतियों के बारे में सदस्यों को अवगत कराया।
प्रथम बैठक में प्रमुख रूप से पूर्व सांसद प्रदीप गांधी, राजेश गुप्ता अग्रहरि, भाजपा नेता शिव वर्मा, मंडल महामंत्री हकीम खान, पार्षद गप्पू सोनकर, योगेश खत्री, रघुवीर वाधवा, त्रिगुण टांक, अरुण गुप्ता, गोविंद सिंहानी इत्यादि उपस्थित थे। बैठक का सफल संचालन आशीष चितलांगिया ने किया एवं आभार प्रदर्शन शिव वर्मा ने किया। उक्त जानकारी आर्थिक प्रकोष्ठ के जिला मीडिया प्रभारी राकेश पंजवानी ने दी है।
राजनांदगांव / शौर्यपथ / शासकीय कमला देवी राठी स्नातकोत्तर महिला महाविद्यालय, राजनांदगांव में 2 अगस्त 2021 को राष्ट्रीय सेवा योजना के अंतर्गत प्राचार्य डॉ. सुमन सिंह बघेल के मार्गदर्शन में स्वच्छता पखवाड़ा का प्रारंभिक दिवस मनाया गया, जिसमें सर्वप्रथम महाविद्यालय के समस्त प्राध्यापक एवं छात्राओं ने स्वच्छता की शपथ ली। तत्पश्चात छात्राओं के लिए उन्मुखीकरण का कार्यक्रम हुआ, जिसमें डॉ. एसआर कन्नौजे वरिष्ठ राष्ट्रीय सेवा योजना अधिकारी, शासकीय शिवनाथ विज्ञान महाविद्यालय, राजनांदगांव ने छात्राओं को स्वच्छता के संबंध में महत्वपूर्ण जानकारी देते हुए कहा कि स्वच्छता जीवन का मूलभूत अंग है जिसके अभाव में मानव ही नहीं बल्कि जीव जन्तु भी संकट में आ सकते है। उन्होंने खुले में शौच बीमारी का एक बहुत बड़ा कारण बताया। अतः इस हेतु लोगों में जागरूकता आवश्यक है। सूखा कचरा और गीला कचरा के मैनेजमेंट के विषय में भी छात्राओं को अवगत कराया।
पूर्व राष्ट्रीय सेवा योजना कार्यक्रम अधिकारी डा. सुषमा तिवारी ने छात्राओं को स्वच्छ वातावरण हेतु स्वयं सेवकों की भूमिका का महत्व बताया।
प्राचार्य ने अपने संबोधन में कहा कि पॉलिथिन का प्रयोग एक बहुत बड़ी समस्या के रूप में सामने आ रही है, इसके मैनेजमेंट हेतु प्लाटिक बोतल में वेस्ट पॉलिथिन को भरकर उसे ईको ब्रिक्स बनाने हेतु छात्राओं को प्रेरित किया।
धन्यवाद ज्ञापन करते हुए श्रीमती रामकुमारी धुर्वा राष्ट्रीय सेवा योजना कार्यक्रम अधिकारी ने छात्राओं को स्वच्छता पखवाड़ा में किए जाने वाले अन्य कार्यक्रमों की रूप रेखा बताई। अंत में छात्राओं द्वारा महाविद्यालय परिसर की सफाई के साथ कार्यक्रम का समापन हुआ।