
CONTECT NO. - 8962936808
EMAIL ID - shouryapath12@gmail.com
Address - SHOURYA NIWAS, SARSWATI GYAN MANDIR SCHOOL, SUBHASH NAGAR, KASARIDIH - DURG ( CHHATTISGARH )
LEGAL ADVISOR - DEEPAK KHOBRAGADE (ADVOCATE)
नई दिल्ली/शौर्यपथ /स्पेशल मैरिज एक्ट के तहत समलैंगिक विवाह को मान्यता देने की नई याचिका पर सुप्रीम कोर्ट ने केंद्र सरकार को नोटिस जारी कर जवाब मांगा है. सुप्रीम कोर्ट ने दिल्ली हाईकोर्ट में लंबित इसी तरह की याचिका को सुप्रीम कोर्ट में ट्रांसफर करने की मांग वाली ट्रांसफर याचिका पर भी नोटिस जारी किया है. सुनवाई के दौरान वरिष्ठ वकील आनंद ग्रोवर ने इस मामले में सुनवाई की लाइव स्ट्रीमिंग करने की मांग की. कहा कि इस मामले में कई लोग इसमें रुचि रखते हैं. इसपर सीजेआई डी वाई चंद्रचूड़ ने कहा कि जब सुनवाई होगी तो हम इस पर विचार करेंगे. इससे पहले 25 नवंबर को सुप्रीम कोर्ट ने एक और समलैंगिक जोड़े की याचिका पर केंद्र को नोटिस जारी किया था और 4 सप्ताह में केंद्र से जवाब मांगा था.
इससे पहले दो जनहित याचिकाओं दाखिल हुई थीं. याचिकाओं में समलैंगिक लोगों की शादी को स्पेशल मैरिज एक्ट में शामिल करने की मांग की गई थी. हैदराबाद में रहने वाले दो समलैंगिक पुरुषों ने विशेष विवाह अधिनियम यानी स्पेशल मैरिज एक्ट के तहत समलैंगिक विवाह को मान्यता देने की मांग करते हुए जनहित याचिका दायर की गई है. याचिकाकर्ता सुप्रियो चक्रवर्ती और अभय डांग करीब 10 साल से एक-दूसरे के साथ हैं. उनके रिश्ते को उनके माता-पिता, परिवार और दोस्तों ने भी समर्थन दिया .
याचिकाकर्ताओं का कहना है कि विशेष विवाह अधिनियम भारत के संविधान के विपरीत है. यह समान लिंग के जोड़ों और विपरीत लिंग के जोड़ों के बीच भेदभाव करता है. ये समान लिंग वाले जोड़ों को कानूनी अधिकारों के साथ-साथ सामाजिक मान्यता और स्थिति से वंचित करता है, जो विवाह से प्रवाहित होती है.
एक अन्य जोड़े ने सुप्रीम कोर्ट के समक्ष एक जनहित याचिका दायर की है जिसमें एलजीटीबीक्यू समुदाय के सभी सदस्यों को मान्यता देने की मांग की गई है. पार्थ फिरोज मेहरोत्रा और उदय राज आनंद पिछले 17 सालों से एक-दूसरे के साथ रिलेशनशिप में हैं. उनका दावा है कि वे वर्तमान में दो बच्चों की परवरिश एक साथ कर रहे हैं. चूंकि वे कानूनी रूप से अपनी शादी को संपन्न नहीं कर सकते हैं, इसके परिणामस्वरूप ऐसी स्थिति पैदा हो गई है, जहां दोनों याचिकाकर्ता अपने दोनों बच्चों के साथ माता-पिता और बच्चे का कानूनी संबंध नहीं रख सकते हैं.
नई दिल्ली/शौर्यपथ /दिल्ली AIIMS का सर्वर चीनियों द्वारा हैक किया था. जिसके कारण एम्स का सर्वर कई दिन दिन तक ठप रहा और सभी ऑनलाइन सेवाएं बंद हो गई थीं.अब धीरे-धीरे सर्वर रिस्टोर हो रहा है. सूत्रों के मुताबिक हैकरों ने एम्स के पूरे डाटा को लॉक कर दिया था और अनलॉक करने के लिए पैसे मांग रहे थे. सूत्रों के मुताबिक हैकिंग करने वाले हांगकांग से थे. एक शीर्ष सूत्र ने कहा, "सर्वर हमला चीनियों द्वारा किया गया था. 100 सर्वरों में से - 40 भौतिक और 60 आभासी - पांच भौतिक सर्वर हैकर्स ने हैक किए थे.
सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार हैकरों ने एम्स के सर्वर पर दो मेल से 23 नवंबर को सुबह 7 बजकर 7 मिनट और 49 सेकेंड पर साइबर अटैक किया था. इसके बाद एम्स का मेन सर्वर और एप्लीकेशन सर्वर पूरी तरह ठप हो गया था. हैकरों ने कहा कि उनको कितना पैसा देना है, ये डाटा को रिपेयर करने पर निर्भर करेगा. जितने जल्दी पैसा मिलेगा, उतनी जल्द ही डाटा अनलॉक हो जाएगा. पैसे मिलते ही एम्स के आईटी डिपॉर्टमेंट को डाटा को अनलॉक करने की चाबी भेज दी जाएगी.
सूत्रों के मुताबिक हैकरों ने चेतावती दी थी कि डाटा को अनलॉक करने के लिए तीसरी पार्टी सॉफ्टवेयर का इस्तेमाल न करें. अगर ऐसा किया तो पूरा डाटा उड़ जाएगा.
बता दें हर साल, शीर्ष राजनीतिक नेताओं, नौकरशाहों और न्यायाधीशों सहित लगभग 38 लाख मरीज एम्स में इलाज करवाते हैं.
नई दिल्ली/शौर्यपथ /देश में बच्चों में बढ़ती शराब और नशे की लत को लेकर दाखिल याचिका पर सुनवाई के दौरान सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि यह बहुत ही गंभीर मामला है. कोर्ट ने कहा कि इससे हम सभी का सरोकार है. जस्टिस केएम जोसेफ ने इस मामले को CJI के पास भेजते हुए आग्रह किया कि इस मामले पर सुप्रीम कोर्ट के द्वारा स्वतः संज्ञान लिए गए एक मामले के साथ सुनवाई की जाए.
याचिकाकर्ता गैर सरकारी संगठन 'बचपन बचाओ आंदोलन' की तरफ से पेश वकील एचएस फुल्का ने जस्टिस केएम जोसेफ की बेंच के सामने कहा कि सामाजिक न्याय मंत्रालय ने राष्ट्रीय स्तर पर इसके लिए एक कार्य योजना बनाई है लेकिन इसके द्वारा सुप्रीम कोर्ट के आदेश का पूरी तरह से पालन नहीं किया गया. इस पूरे मामले में बेघर बच्चों के लिए कोई प्रावधान नहीं रखा गया है. उनके लिए भी विशेष प्रावधान करने की जरूरत है.
इस पर जस्टिस केएम जोसेफ ने कहा कि आप मंत्रालय के द्वारा तैयार की गई योजना में खामी की बजाय आप यह कहना चाहते हैं कि इस मामले को और बेहतर बनाया जा सकता है. आप इस पर हलफनामा दाखिल कर सकते हैं.
ASG ऐश्वर्या भाटी ने अदालत को बताया कि इसी तरह के मामले में CJI की बेंच ने स्वत: संज्ञान सुनवाई शुरू की है. मामले को उसके साथ ही सुना जा सकता है.
पटना/शौर्यपथ /बिहार के छपरा में एक बार फिर ज़हरीली शराब का कहर देखने को मिला है, जहां 17 लोगों की मौत हो चुकी है. शुरुआत में मृतकों की संख्या 6 थी, जो कि अब बढ़कर एक दर्जन से ज्यादा हो गई है. मामला छपरा सारण के इसुआपुर थाना क्षेत्र का है. पांच लोगों की मौत गांव में ही हो गई थी, बाद में बाकि लोगों की मौत हो गई.
बताया जा रहा है कि कुछ लोग स्थानीय स्तर पर चोरी से इलाज करा रहे हैं. बता दें, बिहार में शराबबंदी हैं, जहां शराब की खरीद-बिक्री और सेवन गैरकानूनी हैं.
जहरीली शराब पीने से जिनकी मौत हुई है, उनमें विजेन्द्र राय, हरेंद्र राम, रामजी साह, अमित रंजन, संजय सिंह, कुणाल सिंह, अजय गिरी, मुकेश शर्मा, भरत राम, जयदेव सिंह, मनोज राम, मंगल राय, नासिर हुसैन, रमेश राम, चन्द्रमा राम, विक्की महतो और गोविंद राय
घटना की जानकारी मिलने के बाद गांव में चीख-पुकार मच गई, वहीं जिला प्रशासन में हड़कंप मच गया.
अमित नाम के युवक की मौत छपरा सदर अस्पताल में इलाज के दौरान हो गई. अमित रंजन की मौत की जानकारी मिलने के बाद जिला पुलिस बल छपरा सदर अस्पताल पहुंचा. इसके बाद पुलिस ने उसके शव को अपने कब्जे में ले लिया. पुलिस के मुताबिक, अभी शव का पोस्टमार्टम करवाया जाएगा, ताकि मौत के कारणों की जानकारी हासिल की जा सके.
परिजन जहां इस हादसे के पीछे जहरीली शराब को बता रहे है, वहीं, प्रशासन ने अभी इसकी पुष्टि नहीं की है.
नई दिल्ली /शौर्यपथ /दक्षिण-पश्चिम दिल्ली के द्वारका इलाके में दो बाइक सवार लड़कों ने आज एक 17 वर्षीय लड़की पर तेजाब फेंका, जिससे वह गंभीर रूप से घायल हो गईं और उन्हें अस्पताल में भर्ती कराया गया. लड़की के पिता ने मीडिया को बताया कि बेटी की हालत गंभीर है और एसिड बेटी चेहरे पर और उसकी आंखों में भी चला गया. पुलिस ने कहा कि लड़की ने दो संदिग्धों की पहचान की है और उनमें से एक को हिरासत में लिया गया है.
चौंकाने वाली ये घटना सीसीटीवी कैमरे में कैद हुई है, जिसमें दो लड़कियों को सड़क के किनारे चलते हुए देखा जा सकता है, तभी एक बाइक धीमी होती है और पीछे बैठा एक लड़का 17 साल की स्टूडेंट पर तेजाब फेंक देता है. इसके बाद वह बेहद दर्द में अपना चेहरा पकड़कर इधर-उधर दौड़ती हुई दिखाई देती है.
लड़की के पिता ने मीडिया को बताया, "मेरी दो बेटियां (एक 17 साल की और दूसरी 13 साल की) आज सुबह एक साथ बाहर निकली थीं. अचानक बाइक सवार दो लोगों ने मेरी बड़ी बेटी पर तेजाब फेंक दिया और वहां से चले गए. उन्होंने अपना चेहरा ढक रखा था."
यह पूछे जाने पर कि क्या उनकी बेटी ने किसी के द्वारा उत्पीड़न की शिकायत की है तो पिता ने कहा कि नहीं, उसने नहीं की. अगर की होती तो मैं हर जगह उसके साथ होता. बहनें मेट्रो में एक साथ स्कूल जाती थीं. NDTV ने भी लड़की की मां से बात की. उन्होंने यह भी कहा कि बेटी ने घर पर किसी के द्वारा परेशान करने की बात नहीं कही.
दिल्ली महिला आयोग की प्रमुख स्वाति मालीवाल ने इस घटना पर चिंता जताते हुए सवाल किया कि तेजाब की बिक्री पर रोक क्यों नहीं लगाई जा सकती ताकि ऐसे जघन्य अपराधों को रोका जा सके. उन्होंने ट्वीट किया, "देश की राजधानी में दिनदहाड़े दो गुंडों ने एक स्कूली छात्रा पर तेजाब फेंका. क्या अब भी किसी को कानून का डर है? तेजाब की बिक्री पर प्रतिबंध क्यों नहीं लगाया जा सकता? शर्म की बात है." उन्होंने एक अन्य पोस्ट में कहा कि एसिड सब्जियों की तरह आसानी से उपलब्ध है और सवाल किया कि सरकार इसकी खुदरा बिक्री पर रोक क्यों नहीं लगा रही है. उन्होंने कहा कि दिल्ली महिला आयोग सालों से इस प्रतिबंध की मांग कर रहा है, "सरकारें कब जागेंगी?"
नई दिल्ली/शौर्यपथ /दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने हाल ही में करेंसी नोट पर लक्ष्मी-गणेश की तस्वीर छापने की मांग की थी. इस मांग को लेकर सरकार का संसद में जवाब सामने आया है. सरकार ने संसद को बताया कि उसके पास भारतीय करेंसी नोट पर स्वतंत्रता सेनानियों से लेकर, प्रख्यात व्यक्तियों, देवी और देवताओं यहां तक की जानवरों की भी तस्वीर छापने की मांग को लेकर अनुरोध किया गया है. वहीं, राष्ट्रपिता महात्मा गांधी की तस्वीर करेंसी नोट से हटाने की किसी भी योजना से सरकार ने सिरे से इंकार कर दिया है.
लोकसभा में सरकार से सवाल किया गया था कि क्या भारती करेंसी नोट पर देवी लक्ष्मी और भगवान गणेश के फोटो समेत और भी फोटो लगाने की मांग को लेकर सरकार से क्या अनुरोध किया गया है? ऐसे में सरकार की इस मांग को लेकर क्या योजना है? इस सवाल के जवाब में वित्त राज्य मंत्री पंकज चौधरी ने स्वीकार किया है सरकार से अनुरोध कर ये मांग की गई है. उन्होंने बताया कि स्वतंत्रता सेनानियों से लेकर, प्रख्यात व्यक्तियों, देवी और देवताओं और जानवरों की भी करेंसी नोट पर तस्वीर छापने की मांग की गई है.
उन्होंने बताया कि आरबीआई के एक्ट 1934 के सेक्शन 25 के तहत बैंक नोट के डिजाइन, फॉर्म और मटेरियल के इस्तेमाल को लेकर आरबीआई के सेंट्रल बोर्ड ऑफ डायरेक्टर्स की सिफारिश के बाद सरकार से मंजूरी लेनी पड़ती है जिसके बाद ही बदलाव संभव है.
अरविंद केजरीवाल ने क्या कहा था?
दरअसल, अक्टूबर में अरविंद केजरीवाल ने भारतीय रुपये पर भगवान गणेश और माता लक्ष्मी की फोटो लगाने की मांग की. उन्होंने आगे कहा कि नोट पर एक तरफ गांधीजी और दूसरी तरफ लक्ष्मी-गणेश की फोटो होगी, तो इससे पूरे देश को उनका आशीवार्द मिलेगा. उन्होंने अपने बयान में आगे कहा कि लक्ष्मी जी को समृध्दि की देवी माना गया है, तो वहीं गणेश जी सभी विघ्न को दूर करते हैं. केजरीवाल ने इसी वजह से दोनों देवी-देवताओं की फोटो को नोट पर लगानी की बात कही
1969 में पहली बार छपी थी गांधीजी की फोटो
बता दें कि 1969 में महात्मा गांधी के 100वें जन्मदिन पर पहली बार करेंसी पर महात्मा गांधी की तस्वीर छापी गई. इसमें महात्मा गांधी को बैठे हुआ दिखाया गया था. पीछे सेवाग्राम आश्रम छपा था.
18 साल बाद 500 के नोट में छपी गांधीजी की तस्वीर
तकरीबन 18 साल बाद 500 के नोट पर गांधी जी की तस्वीर सामने आई. साल 1987 में आरबीआई ने गांधी की फोटो वाली 500 रुपये की नोट को जारी किया. अब जानकारी हो गया है कि फोटो इस साल से लगनी शुरू हो गई थी. अब जान लेते हैं आरबीआई ने महात्मा गांधी जी की तस्वीर लगाने के लिए क्यों निर्णय लिया था.
आरबीआई ने गांधी जी की फोटो क्यों लगाई?
भारत में जब फोटो वाली नोट सामने आई तो आरबीआई ने बताया कि नोट पर फोटो इसलिए लगाया गया, ताकि उसकी कोई नक्ल ना कर सके. आमतौर पर नोटों पर किसी सिंबल या संकेतों को कॉपी किया जा सकता है, लेकिन इंसानी फोटो को कॉपी करना बेहद ही मुश्किल काम है. अब सवाल उठता है कि गांधीजी ही क्यों? इस संबंध में आरबीआई ने बताया कि गांधीजी का इसलिए चयन किया गया, ताकि कोई वर्ग उनका विरोध नहीं कर सकता था. इसके अलावा देश को अंग्रेजों से आजाद कराने में अहम भूमिका रही. इसलिए निर्णय लिया गया कि गांधी जी की ही तस्वीर भारतीय नोटों पर लगेगी.
नई दिल्ली/शौर्यपथ /हाल के दिनों में हवाई अड्डे पर लंबी कतारें लगने और इंतजार की लंबी अवधि को लेकर यात्रियों ने शिकायतें की थीं. दिल्ली हवाई अड्डे के प्रबंधन ने आज सूचित किया कि अंतरराष्ट्रीय टर्मिनल पर यात्रियों के लिए औसत प्रतीक्षा समय को घटाकर 7-8 मिनट के बीच कर दिया गया है. दिल्ली हवाईअड्डे के आधिकारिक ट्विटर हैंडल पर यात्रियों के लिए एक "स्मार्ट ट्रैवल टिप" भी थी, जिसमें उन्हें केबिन सामान के रूप में केवल एक बैग ले जाने के लिए कहा गया था.
दिल्ली एयरपोर्ट ने ट्वीट किया, "टर्मिनल 3 पर सुरक्षा जांच क्षेत्र में तेजी से यात्रियों की आवाजाही, औसत प्रतीक्षा समय 7-8 मिनट के साथ रही. स्मार्ट यात्रा युक्ति: एक आसान और तेज सुरक्षा जांच क्षेत्र के लिए, यात्री अपने साथ केवल केबिन सामान के रूप में एक बैग लाए. दरअसल हवाई अड्डे के अधिकारी हवाईअड्डे पर प्रतीक्षा समय पर प्रति घंटा अपडेट साझा कर रहे हैं.
हवाई अड्डे पर लंबी कतारें लगने और इंतजार की लंबी अवधि को लेकर यात्रियों की शिकायतों के बाद नागर विमानन मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया ने मंत्रालय के वरिष्ठ अधिकारियों के साथ हवाई अड्डे का दौरा किया था. अधिकारियों ने कहा था कि मंत्री ने भीड़ को कम करने के लिए किए गए प्रबंधों का निरीक्षण किया और विशिष्ट समयसीमा के साथ अहम निर्देश जारी किए गए.
गौरतलब है कि पिछले कुछ दिनों से यात्री हवाई अड्डे पर प्रतीक्षा अवधि अधिक होने की शिकायत कर रहे थे और हवाई अड्डे पर भीड़ की तस्वीरें भी सोशल मीडिया पर काफी वायरल हुई थी.
सेहत टिप्स /शौर्यपथ / सर्दियों के मौसम में हाई यूरिक एसिड को कैसे कंट्रोल करें? या यूरिक एसिड बढ़ने पर क्या करें? जैसे सवाल अक्सर परेशान करते हैं. आपको बता दें. यूरिक एसिड आमतौर पर तब बनता है जब हमारा शरीर प्यूरीन नामक पदार्थ को मेटाबॉलाइज करता है. प्यूरीन हमारे शरीर में प्राकृतिक रूप से पाया जाने वाला पदार्थ है, लेकिन यह कई प्रकार के फूड्स में भी पाया जाता है. आमतौर पर यूरिक एसिड मूत्र के माध्यम से शरीर से बाहर निकल जाता है, लेकिन जब हमारी किडनियां यूरिक एसिड को बाहर नहीं धकेल पाते, तो इससे गाउट (जोड़ों में दर्द, सूजन और अकड़न) की समस्या हो सकती है. यूरिक एसिड को प्रभावी रूप से कैसे कम करें यह जानने के लिए पढ़ते रहें.
यूरिक एसिड और गाउट को कैसे समझें?
गाउट एक ऐसी स्थिति है जब हाई यूरिक एसिड लेवल एक जोड़ के आसपास जमा हो जाता है. इसे अक्सर गठिया का एक दर्दनाक रूप भी कहा जाता है क्योंकि यूरिक एसिड के ये हाई लेवल अक्सर क्रिस्टल बनाते हैं जो जोड़ों के आसपास बहुत अधिक कठोरता और गतिहीनता पैदा करते हैं. यह हृदय और किडनी जैसे अन्य अंगों के लिए भी खतरनाक हो सकता है.
1) शुगरी बेवरेज का सेवन सीमित करें
अध्ययनों में कहा गया है कि शुगरी ड्रिंक्स में मौजूद हाई फ्रुक्टोज गाउट के लिए एक जोखिम कारक है. इसलिए, सभी शुगरी बेवरेज से दूर रहें. ज्यादातर फलों में पर्याप्त मात्रा में फ्रुक्टोज भी होता है, हालांकि उन्हें कम मात्रा में लेने से आपको सूक्ष्म पोषक तत्व मिल सकते हैं लेकिन कुल मिलाकर फ्रुक्टोज का सेवन सीमित करना जरूरी है. हाई फ्रुक्टोज प्रोडक्ट्स जैसे सोडा और कुछ रस, अनाज, आइसक्रीम, कैंडी और फास्ट फूड भी यूरिक एसिड बढ़ा सकते हैं.
2) शराब को बिल्कुल कम या बंद करें
अल्कोहल प्यूरीन का एक बेहतरीन स्रोत है और अगर आप अक्सर शराब का सेवन करते हैं, तो यूरिक एसिड बढ़ना निश्चित है और इसके साथ-साथ लक्षण भी बढ़ेंगे. इसलिए जितना हो सके शराब को सीमित करने की कोशिश करें.
3) मांस और सी फूड
ज्यादातर रेड मीट, ऑर्गन मीट, सी फूड जैसे सार्डिन, एंकोवी, मैकेरल में प्यूरीन की मात्रा अधिक होती है. इनके सेवन से परहेज करना बहुत ज्यादा जरूरी है.
4) कुछ प्रकार की सब्जियां
शतावरी, पालक, फूलगोभी, मशरूम, हरी मटर जैसी सब्जियों में प्यूरीन की मात्रा अधिक होती है, जिससे यूरिक एसिड बढ़ सकता है और ये गाउट को ट्रिगर करता है.हाई यूरिक एसिड लेवल वाले ज्यादातर व्यक्ति अपने लक्षणों जैसे कि दर्द, जकड़न आदि का अनुभव करते हैं जो खासकर सर्दियों के मौसम में बढ़ जाते हैं. हालांकि मौसम कोई भी हो, कुछ ऐसे फूड्स हैं जो समस्या को बढ़ा देते हैं और आपको उनसे दूर रहने की जरूरत है. डाइट से कुछ फूड्स से परहेज करके इन लक्षणों को कम करने और इस दौरान कुछ राहत प्रदान करने में मदद मिल सकती है.
यूरिक एसिड को कम करने के लिए किन फूड्स से परहेज करें? | Which Foods Should Be Avoided To Reduce Uric Acid?
खाने के लिए कोई खास डाइट हाई यूरिक एसिड को पूरी तरह से नहीं रोक पाएगी, लेकिन एक अच्छी गाउट डाइट आपकी मदद करेगी:
हेल्दी वेट तक पहुंचें.
खाने की अच्छी आदतें सेट करें और उनसे चिपके रहें.
प्यूरीन वाले फूड्स को सीमित करें.
यूरिक एसिड लेवल को कंट्रोल करने में मदद करने वाले फूड्स को शामिल करें.
अनियन या टोमैटो उत्तपम खाकर हो गए हैं बोर तो ट्राई करें मसाला उत्तपम की मजेदार रेसिपी
टिप्स ट्रिक्स /शौर्यपथ /मानव शरीर कई आंतरिक और बाहरी कारकों के आधार पर किसी न किसी तरह से प्रतिक्रिया करता रहता है. कभी-कभी, आप बीमार पड़ जाते हैं और ऐसा इसलिए होता है क्योंकि हो सकता है कि आपका शरीर कुछ अनवांटेड बाहरी तत्वों या वायरस से लड़ रहा हो. हालांकि, कभी-कभी ऐसे समस्याएं होती हैं जो गंभीर या तत्काल ध्यान देने की जरूरत होती है, लेकिन वे आपके सिस्टम को आंतरिक रूप से प्रभावित कर सकती हैं. तो, कभी-कभी आपके पैरों में झनझनाहट हो सकती है क्योंकि आपके शरीर में कुछ विटामिनों की कमी होती है. न्यूट्रिशनिस्ट नमामी अग्रवाल ने इंस्टाग्राम पर अपने लेटेस्ट वीडियो में इस बारे में बात की है. यहां हम आपको उन सभी विटामिन्स के बारे में बता रहे हैं जिनकी कमी से शरीर में या आपके पैरों में झुनझुनी हो सकती है.
कैप्शन में वह कहती हैं, "आपके पैरों में झुनझुनी! खैर, यह केवल बहुत देर तक बैठे रहने के कारण नहीं हो सकता है. यहां कुछ अन्य कारण दिए गए हैं.
आपके पैरों में झुनझुनी होने के कारण
1) विटामिन बी 12: यह आपकी नसों की मरम्मत के लिए जरूरी है. हालांकि, जब आपके शरीर में विटामिन बी12 की कमी होती है, तो नसें कमजोर हो जाती हैं और व्यक्ति को झुनझुनी महसूस हो सकती है.
2) विटामिन बी 6: यह एक न्यूरोट्रांसमीटर है जो तंत्रिका तंत्र को ठीक से काम करने में मदद करता है. यह नसों को फ्यूल देने में भी भूमिका निभाता है.
3) थायराइड की जांच: आपको पता होना चाहिए कि TAH लेवल द्वारा एक अंडरएक्टिव थायरॉयड जांच भी इस झुनझुनी सनसनी सहित कई लक्षणों के लिए जिम्मेदार हो सकती है.
4) शुगर लेवल: क्या आप जानते हैं कि आपका शुगर लेवल भी इस स्थिति का कारण बन सकता है? शुगर लेवल में उतार-चढ़ाव आपके तंत्रिका तंत्र को प्रभावित कर सकता है, खासकर आपके पैरों और पैरों को और अतिरिक्त चीनी झुनझुनी पैदा कर सकती है.
5) निर्जलीकरण: यह एक और कारण है जिसके बारे में आपको जानना चाहिए. जब आपका शरीर डिहाइड्रेट होता है, तो यह आपके सिस्टम को कई तरीकों से प्रभावित कर सकता है. डिहाइड्रेशन सोडियम लेवल में गिरावट का कारण बन सकता है जिसकी वजह से झुनझुनी और सनसनी हो सकती है.
अब जब भी आपको अपने पैरों में झुनझुनी महसूस हो, तो इसे नजरअंदाज़ न करें. अगर यह बार-बार हो रहा है, तो अपने डॉक्टर से कनसल्ट करें.
सेहत टिप्स /शौर्यपथ /सर्दियों में आपकी कुछ आदतें अक्सर बीमारियों को आमंत्रित करती हैं. विंटर में अपने स्वास्थ्य का ज्यादा से ज्यादा ध्यान रखने की जरूरत होती है. सर्दियां इंसान को आलसी बना देती हैं चाहे देर उठना हो या पानी पीना हर चीज में आलस आता है. आपको बता दें कई बार छोटी लगने वाली कुछ चीजें आपको कई दिनों तक परेशान कर सकती हैं. अगर आप खुद और अपने परिवार को बीमारियों की चपेट में आने से बचाना चाहते हैं तो कुछ आदतों को आज ही त्यागना होगा. यहां हमारे द्वारा सर्दियों में की जाने वाली कुछ गलतियों के बारे में बताया गया है जिनसे आपको बचने की कोशिश करनी चाहिए.
सर्दियों में की जाने वाली आम गलतियां
1) कम्फर्ट फूड्स में लिप्ट होना
सर्दियों के मौसम में खान-पान की गलत आदतें एक आम बात है, लेकिन इस बात का ध्यान रखें कि बहुत अधिक शुगर या वसा वाले फूड्स और पर्याप्त फल और सब्जियां नहीं खाने से आपकी इम्यूनिटी को नुकसान पहुंच सकता है. आपका वजन भी बढ़ सकता है, जो आपको लंबे समय में मोटापे और दिल से जुड़ी समस्याओं जैसी कई बीमारियों के खतरे में डाल सकता है. हेल्दी सब्जियां सर्दियों के फल, फलियां, लीन प्रोटीन फूड्स, डेयरी और साबुत अनाज का स्टॉक करें. कम शुगर, फैट और नमक का प्रयोग करें.
2) व्यायाम न करना
जब व्यायाम करने की बात आती है तो लोग आलसी हो जाते हैं और सर्द हवा या बारिश का झोंका आपके अच्छे इरादों को कमजोर कर सकता है. कम व्यायाम करने से वजन बढ़ता है, जिससे आपको कई तरह की बीमारियों का खतरा बढ़ सकता है. दिन में कम से कम 20 मिनट के लिए बाहर या ट्रेडमिल पर टहलें. इससे आपका इम्यून सिस्टम भी मजबूत रहेगा.
3) बहुत देर तक सोना
सर्दी हमारे सोने के तरीके को बदलने का सबसे अच्छा बहाना है. हम रात को भी पहले बिस्तर पर चले जाते हैं और सुबह देर से जागते हैं, हमारे हाइबरनेशन के लिए अंधेरे और मौसम को दोष देते हैं. हालांकि, ध्यान दें कि शोध डायबिटीज और हृदय रोग के बढ़ते जोखिम के साथ बहुत अधिक सोने को जोड़ता है. इसलिए एक हेल्दी स्लीपिंग रूटीन से चिपके रहना बेहतर है.
4) घर के अंदर ज्यादा समय बिताना
मौसम ठंडा होने पर बस अंदर रहने का मन करता है. सर्दियों में धूल, धुआं, मोल्ड, गंध, एलर्जी और कीटाणु फंस सकते हैं. जितना हो सके धूप में निकलें, ताजी हवा आपके लिए अच्छी है और धूप आपके उत्साह को भी बनाए रखने में मदद करेगी. ताजी हवा के लिए अपनी खिड़कियां और दरवाजे नियमित रूप से खोलना न भूलें.
5) लंबे समय तक गर्म पानी से नहाना
सर्दियों में भाप से नहाना निश्चित रूप से आरामदायक होता है, लेकिन पानी और गर्मी आपकी त्वचा को रूखा बना देते हैं. हर दिन अपने पूरे शरीर को मॉइस्चराइज करें.
6) पानी कम पीना
ठंड के दिनों में कॉफी और चाय लोकप्रिय पेय हैं, लेकिन इनका ज्यादा मात्रा में सेवन आपको डिहाइड्रेट कर सकता है और पानी पीने की इच्छा कम जाती है. हाइड्रेटेड रहने का मतलब है कि आप सर्दी और फ्लू जैसे संक्रमणों से बेहतर ढंग से निपटने में सक्षम हैं.
7) बहुत ज्यादा शराब पीना
एक धमाकेदार सर्दियों की शाम को रेड वाइन के गिलास जैसा कुछ नहीं है, लेकिन आपके द्वारा पी जाने वाली शराब की मात्रा पर नजर रखें. ज्यादा मात्रा में सेवन अच्छे से ज्यादा नुकसान कर सकती है.